दोस्तो, मेरा नाम आरती है, मेरी उम्र 19 वर्ष है।मेरा कद 5 फीट और भरा पूरा बदन है। मेरे जिस्म का आकार 36-26-36 है. इसी कारण में अपने मोहल्ले की सबसे खूबसूरत सेक्सी लड़की हूं।सारे लड़के मेरे ऊपर लट्टू रहते हैं।
यह सच्ची घटना पर आधारित कहानी है।इस सेक्स कहानी में मैं आपको बताऊंगी कि किस प्रकार से मेरे अंकल जी ने मेरी मां को और मुझे चोदा।
मेरी मम्मी रूपा करीब 36 वर्ष ही होगी। मेरी मम्मी की बहुत ही कम उम्र में शादी हो गई थी।उनका भी फिगर बिल्कुल हॉट है, बिल्कुल मलाइका अरोड़ा की तरह लगती है।
बड़े बड़े बूब 38 और की गांड पीछे की तरह निकली हुई है।मेरी मम्मी बिल्कुल किसी मॉडल की तरह लगती है।
मेरे पापा विकास दुबई में रहते हैं।वे 2 साल में एक बार ही घर आ पाते हैं।
मेरा एक भाई भी है जो हॉस्टल में पढ़ता है।मनीष भाई अभी दसवीं कक्षा में है।
मेरी फैमिली में मेरी एक अंकल भी है जिनकी बेटी मीनाक्षी मेरी क्लासमेट है मेरी आंटी की डेथ हो गई है।इसलिए उसकी देखभाल भी मेरी मम्मी ही करती हैं।
मेरे अंकल का नाम राजेश है जो एक गवर्नमेंट टीचर हैं, पास के हाई स्कूल में पढ़ाते हैं।उनकी उम्र 42 वर्ष, उनकी हाइट 6 फीट और बिल्कुल कसा हुआ बदन है।वे देखने पर आर्मी के जवान की तरह लगते हैं।
हम लोगों की देखभाल भी वही करते हैं।
यह बात पिछले वर्ष लगे लॉक डाउन के बाद की है।लॉकडाउन तो ख़त्म हो गया था पर अभी अंकल का स्कूल नहीं खुला था.
एक दिन अंकल बात करते हुए बोले- घर पर दिन भर बोर होते रहते हैं. काम रहता है तो मन लगा रहता है।
हम लोग भी घर पर ही थे।मीनाक्षी कुछ काम से अपनी नानी के घर गई थी पर लॉकडाउन में वहीं पर रुक गई।
एक दिन दोपहर में मम्मी अंकल के घर गयी थी जो हमारे घर के साथ ही है.
मैं मम्मी को बुलाने जा रही थी तो उनके घर से कुछ आवाज आ रही थी।
मैंने जाकर देखा कि अंकल मम्मी को गोद में लेकर बैठे थे।
वे बोल रहे थे- अब छुट्टी होने के कारण आरती भी दिन भर घर में रहती है। रूपा, तुम मुझे टाइम भी नहीं दे पाती।
मम्मी बोली- कोई बात नहीं … रात को टाइम मिलेगा।
तभी अंकल जी धीमे स्वर में बोले- क्या करूं … मेरी किस्मत ही ऐसी है। अब तुम्हें मुझे टाइम नहीं देना चाहती।
अंकल की यह बात सुनकर मम्मी ने कहा- देखो राजेश मेरे राजा … तुम ही तो मेरे राजा हो. आरती के पापा तो बस नाम के हैं, 2 साल पर एक बार आते हैं और बस कुछ ही दिन रहते हैं।
राजेश अंकल ने कहा- हां … फिर भी क्या फायदा? जब तुम्हारा मन होगा तब तुम मेरे पास आती हो. मतलब मेरा तो कोई मन ही नहीं है।मम्मी ने कहा -ऐसी बात नहीं है, रूपा आपकी ही तो है।
मम्मी की बात सुनकर अंकल ने उनको अपनी बाहों में भर लिया और उनकी बूब्स को पागलों की तरह दबाने लगे।
फिर वे मम्मी को गोद में उठा कर अपने आप को रोक नहीं पाये और उनके चाटने लगे।बिल्कुल भूखे भेड़िए की तरह मम्मी को चाट रहे थे।
तुरंत उन्होंने ने मम्मी की नाइटी को उतार दिया।अब मम्मी पेंटी और ब्रा में थी।
मम्मी के बड़े बड़े बूब्स अंकल अपने दोनों हाथों से पकड़ कर दबा रहे थे और उनको चाट रहे थे।
तभी मम्मी ने उनका सर अपने बूब्स पर दबाया और पीने का इशारा किया।
फिर क्या था … अंकल तो पूरे जोश में आ गए.उन्होंने मम्मी जी की ब्रा को निकाल दिया।
अब मम्मी के बड़े बूब्स बिल्कुल आजाद हो चुके थे।अंकल जी बारी बारी से 1-1 बूब्स को पकड़कर उनको पीते हुए दबा रहे थे।
मम्मी की भी सांस चलने लगी और वे कामुक सिसकारियां भरने लगी।
तभी राजेश अंकल जी ने मम्मी की पेंटी को भी निकाल दिया।
और तब वे मम्मी की दोनों टांगों को ऊपर उठा कर उनकी योनि को चाटने लगे।मम्मी ने शायद बिल्कुल क्लीन शेव कर रखा था।
मेरी नंगी मम्मी खूब सिसकारियां ले रही थी और अंकल जी के सर को अपनी योनि से रगड़ रही थी दबाकर!
अंकल अपनी जीभ से उनकी योनि को चाटने लगे।मम्मी की सिसकारियां निकल रही थी- आह गाड … आह … और चूसो … और चूसो मेरी जान!
सच बताऊं तो यह सब मैं पहली बार अपनी आँखों के सामने देख रही थी.इससे पहले वीडियो में दो बार देखा था कि कैसे पोर्न वीडियो में किसी की चूत को चाटते हैं और चोदते हैं.और आज मैं शायद पहली बार सामने से देख रही थी।
सच बताऊं तो दोस्तो, मेरी बुर बिल्कुल गीली हो चुकी थी।
कुछ देर बाद मैंने देखा कि अंकल जी ने भी अपने सारे कपड़े निकाल दिए.अंकल का औजार देखकर मैं बिल्कुल चौंक गई, वह बहुत लंबा मोटा और बिल्कुल काला था।मैंने इससे पहले कभी नहीं देखा था।
मानो बिल्कुल अफ्रीकन की तरह अंकल जी का औजार था।
मेरी मम्मी बिल्कुल भूखी शेरनी की तरह उनकी औजार को चाट रही थी।
फिर अंकल मम्मी को अपने लंड को मुंह लेने के लिए बोलने लगे।
मम्मी उनका और लंबा औजार को अपने हाथों में लेकर चूसने लगी.फिर अंकल मेरी मम्मी की चूत को सहलाने लगे।
मम्मी उनके मोटे और लंबे लंड को पूरा मुंह में लेने की कोशिश कर रही थी।अंकल ने उसके बालों को पकड़ कर उसके सर को ऊपर नीचे करने लगे।उनका पूरा लन्ड मम्मी की गर्दन तक जा रहा था, मम्मी की खांसी निकल गई।
फिर वे तुरंत बोली- जान लोगे क्या मेरी जान?
अंकल जी ने अपना लन्ड फिर से मम्मी के मुंह में देते हुए कहा- यह मत भूलो रूपा कि मेरे ही लंड के कारण तुम्हारा यह शरीर गदराया हुआ है।
वे मम्मी को चाट रहे थे और उनके बालों को पकड़कर उनका सर नीचे ऊपर कर रहे थे जिसके कारण उनका मोटा औजार लगभग पूरा मम्मी जी कि मुंह में जा रहा था।
लगभग 5 मिनट ऐसे ही करते रहे वे दोनों!
फिर अंकल मम्मी को बेड पर लिटाया और उनकी टांगों को फैलाकर उनकी चूत में अपना लंड सेट करके एक जोरदार धक्के पूरा अंदर कर दिया।
मम्मी का पूरा बदन अकड़ गया और उन्होंने अपने दोनों मुट्ठी से बिस्तर को कस के पकड़ लिया।अंकल जी ने अपना पूरा लन्ड पूरा बाहर निकाला और उसके ऊपर थूक लगाकर फिर से मम्मी की चूत में घुसा दिया।
अब वे लगातार स्पीड बढ़ा रहे थे।मम्मी की सिसकारियां निकलने लगी।मम्मी अपनी मधुर आवाज में अंकल को गालियां दे रही थी- चोद भोसड़ी के … चोद और चोद … आज मेरी चुत फाड़ दे!
अंकल जी ने और स्पीड बढ़ा दी, वे जोरदार धक्का लगाने लगे.
अब मम्मी की चूत में से पानी निकलने लगा।
अंकल का लंड बिल्कुल आसानी से पूरा अंदर तक जा रहा था क्योंकि मम्मी की चूत बिल्कुल गीली हो चुकी थी।
मम्मी की कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.पूरा कमरा उनकी कामुक सिसकारियों से गूंज रहा था- डार्लिंग … और तेज … आह आह आह … ओह!मेरी मम्मी की चूत में से फच फच की आवाज निकल रही थी।
काफी देर की ताकतवर और पलंग तोड़ चुदाई की बाद मम्मी को घोड़ी बनाया और फिर अपना लिंग मेरी मम्मी की गांड में डाल दिया।
मेरी मां बिल्कुल चिकनी चमेली जैसी गांड उठा उठा कर चुदवा रही थी।अंकल का मोटा और काला लंड मां की गांड में पूरी तरह से घुस रहा था।
मेरी मम्मी सिसकारियां ले रही थी।आज मुझे पता चला कि मेरी मां की गांड इतनी बड़ी क्यों है क्योंकि वे रोज इतने बड़े और काले औजार को अपने अंदर लेती रहती हैं।
तभी मैं सोचूं पापा के ना रहने पर भी मां इतनी खुश क्यों रहती है।
मैं बिल्कुल गीली हो चुकी थी शरीर पसीने से और मेरी बुर पानी से।
पहली बार मेरी आंखों के सामने अंकल मेरी मां को चोद रहे थे।
मेरी तो देखकर ही गांड फट गई हो मम्मी कैसे इतना बड़ा लंड अपनी गांड में सह रही थी।
लगभग 10 मिनट की लगातार गांड चुदाई के बाद अंकल ने मामी को बेड पर लिटाया, उनके दोनों पैरों को अपने कंधे पर रखकर उनकी गांड को हवा में उठाया और उनकी योनि में अपना औजार को ठोक दिया।
अंकल मम्मी को बहुत ही खतरनाक तरीकों से चोद रहे थे।काफी देर ऐसे ही चलते रहा, वे मम्मी को चोद कर उनका पानी निकाल रहे थे।
उन्होंने अपना सारा माल मम्मी की योनि में छोड़ दिया।मम्मी की योनि पूरी तरह से भर चुकी थी।
तभी अंकल मम्मी को उठाकर उनकी योनि को चाट कर साफ़ करने लगे।मेरी मम्मी कामुक सिसकारियां ले रही थी।मम्मी को मजा बहुत आ रहा था, वे पूरी कामुक सिसकारियां लेने के साथ-साथ अपनी गांड को नीचे से उठा उठा कर हिला रही थी।
काफी लम्बी चुदाई के कारण अंकल काफी थक चुके थे इसलिए वह तुरंत सो गए।
मम्मी उठी और बाथरूम में चली गई।
सेक्स देखने के बाद तुरंत मैं भी वहां से भाग गई क्योंकि मुझे कोई देख लेता तो बात बिगड़ सकती थी।
मैं जाकर अपने कमरे में बैठ गई।लेकिन मेरी आंखों के सामने बार-बार वही मम्मी की चूत और गांड की चुदाई के दृश्य आ रहे थे।मैंने पहली बार अपनी मम्मी को गैर मर्द यानि अपने देवर से चुदती हुई देखा था।
तब लगभग 3:00 बज रहे थे दोपहर के!मम्मी बोली- आरती, आज मार्केट तुम चली जाना, सब्जी और फ्रूट ले आना। मेरी तबीयत ठीक नहीं है।
मैंने कहा- ठीक है मम्मी!
अनजान बनते हुए मम्मी से पूछा- क्या हुआ आपको? दवाई ले ली क्या?मम्मी बोली- नहीं, दवाई की जरूरत नहीं … ऐसे ही ठीक हो जाऊंगी।
वैसे मुझे तो सब पता ही था यह मम्मी की तबीयत क्यों खराब है. चुदाई का मजा जो मिला है।
दोस्तो, एक बात तो है सेक्स संबंध बनाने के बाद आदमी का शरीर भले ही ढीला पड़ जाए पर औरत के शरीर में और एक्स्ट्रा एनर्जी आ जाती है।
फिर मैं मार्केट गई, सब्जी ली और मम्मी के लिए कुछ फ्रूट्स भी खरीदें।मैं घर आई और पढ़ने बैठ गयी.
जब मैं अपने कमरे से निकली तो लगभग 8:00 बज चुके थे मम्मी खाना बना रही थी।और अंकल अभी तक खाना खाने आये नहीं थे, शायद वे अभी तक सोए हुए थे।
मुझे लग रहा था कि वे अपने लंड को रिचार्ज करने में लगे होंगे क्योंकि फिर रात मम्मी की चुदाई करनी होगी।
लेकिन दोनों थके होने के कारण रात को जल्दी सो गए।
सुबह होते ही मम्मी अपनी सहेली के घर पूजा में चली गई।
वे मुझको बोल कर गई- आरती, मुझको आने में शाम को जाएगी। तुम अपने अंकल को खाना खिला देना।मैंने कहा- ठीक है।
और फिर मैं नहाने चली गई।अब दिन भर घर में ही रहना था तो मैंने नहा कर मम्मी की लाल रंग की नाइटी पहन ली।
लगभग 6:00 बजे चाय लेकर अंकल जी को देने के लिए गई।चाय का कप रख कर बोली- चाय पी लीजिए।
अंकल अभी नींद में ही थे उन्होंने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपनी ओर खींच लिया।वे मुझे मम्मी समझ रहे थे।
उन्होंने मुझे पकड़कर अपनी बाहों में भर लिया और मेरे होंठ चाटने लगे, मेरे दोनों बूब्स को दबाने लगे।
होठों पर अपने होंठ रख दिए और अंकल जी ने मुझे कहा- तुम्हें तो आज़ खूब चोदने का मन है।मैं बिल्कुल डर गई, आज तो मेरी जवानी खतरे में थी क्योंकि मेरी अंकल जी मेरी बड़ी बड़ी चूचियां को बारी बारी चूसने लगे और पीने लगे!मुझे इसमें मजा भी आ रहा था.मैं कुछ बोलना चाह रही थी पर एक भी मौका नहीं मिल पा रहा था।
फिर वे अपना एक हाथ मेरी पेंटी में डालकर मेरी बड़ी बड़ी चूचियां दबाने लगे और पीने लगे।इसके बाद उन्होंने नाइटी को ऊपर उठा दिया और और मेरी योनि को सहलाने लगे।
कुछ देर बाद अंकल ने मेरी पैंटी को निकाल दिया और अब वे मेरी बुर को चाटने लगे।
जैसे ही उन्होंने अपना मुंह मेरी योनि पर रखा, मेरा पूरा बदन सिहर उठा और मेरे बदन में अंगड़ाइयां सी उठने लगी।
कमरे की लाइट नहीं जल रही थी जिसके कारण वे मुझे मम्मी समझ कर मेरी बुर को चाटने जा रहे थे।
आनन्द और गुदगुदी मैं अपनी टांगों को सटाकर योनि को छुपा रही थी.
तभी अंकल ने अपने दोनों हाथों से मेरे टांगों को फैला कर अपना जीभ मेरी योनि के अंदर चाटने लगे।
मेरा पूरा बदन काम्प रहा था क्योंकि मुझे पता था, मैंने मम्मी को चोदते हुए देखा था.मैं जानती थी कि मेरे अंकल कैसे जानवर की तरह मेरी मां को चोदते हैं।और मैंने तो अभी तक बस गाजर और मूली से ही किया था।
आज पहली बार किसी मर्द की बाहों में मेरी जवानी थी.और वह मर्द कोई और नहीं बल्कि मेरी अपने अंकल ही थे।
लगभग 5 मिनट मेरी योनि को चाटते चाटते अंकल ने अपना हथियार निकाला और मुझे चूसने के लिए बोलने लगे।मेरे मुंह के सामने उनका लंबा और मोटा काला हथियार बिल्कुल नंगा की तरह खड़ा था।
तभी उन्होंने मेरी चूचियों को दबाते हुए बोले- रानी, तुम भूखी शेरनी की तरह मेरे लौड़े को अपने मुंह में लेती थी। फिर आज इतना भाव क्यों खा रही हो? पता नहीं आज क्यों सुबह-सुबह मेरा मन तुम्हें चोदने को कर रहा है, प्लीज एक बार ले लो ना मुंह में!इतना कहते हुए वे अपने लोड़े को मेरे होठों पर रगड़ने लगे पर मैंने भी मुंह नहीं खोला।
तभी उन्होंने शायद गुस्से में मेरे बाल को पकड़ा और मुझे बैठा दिया और मेरी नाइटी को ऊपर की तरफ खींच कर मुझे पूरी तरह से नंगी कर दिया।
और फिर खुद अपने लोड़े पर थूक लगाकर मेरी दोनों टांगों को ऊपर उठाया और मेरी चूत पर रगड़ने लगे।फिर उन्होंने अपना बाजार मेरी चूत की दरार में सेट करके एक जोरदार धक्का लगाया।
उनका औजार फिसल गया।फिर उन्होंने मेरी चूत को और चांटा और उस पर थूक लगाया और और अपने लोड़े को एक जोरदार धक्के में सुपारा को अंदर कर दिया।मेरी जोर की चीख निकल गई- ओह माई गॉड … आह … आ … आह!मैं बुरी तरह से तड़पने लगी।
फिर उन्होंने आगे पीछे एक और जोरदार धक्का लगाया और पूरी तरह से उनका लिंग मेरी योनि के अंदर समा चुका था।
मेरी बदन में मानव बिजली का करंट जैसे दौड़ने लगा।मेरी पूरी नस नस में जोश भरने लगा।
अंकल कहां पीछे हटने वाले थे, उन्होंने और धक्का लगाना शुरू किया और आगे पीछे करते हुए गांड को हिलाते हुए पूरी तरह से लंड मेरी योनि में पेल दिया।
अब उनका विशाल लिंग पूरी तरह से मेरी योनि को फाड़ते हुए घुस चुका था।वैसे ही उन्होंने मेरे पेट पर लेट गए और मेरे बूब्स को मुंह में लेकर पीने लगे.
अभी भी उनका औजार मेरी योनि में था जो भी बहुत जलन दे रहा था।
तभी उन्होंने कहा धीमे स्वर में- क्यों आरती मजा आ रहा है ना?मैं पूरी तरह चौंक गई चूत के साथ-साथ मेरी गांड भी फट गई।
मैंने डरते हुए स्वर में कहा- आपको पता है कि मैं आरती हूं! फिर आप मेरे साथ ही क्यों कर रहे हो?अंकल ने हंसते हुए कहा- पहले तो तुम्हारी मम्मी ही समझा था. पर जब तुमने मेरे लोड़े को अपने मुंह में नहीं लिया तभी मुझे शक हो चुका था कि तुम रानी नहीं हो क्योंकि वह तो मेरे लोड़े की भूखी रहती है।
मैं रोने लगी और बोली- प्लीज मुझको छोड़ दीजिए. मेरी योनि में जलन हो रही है।
अंकल ने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों चूचियों को कस के दबाते हुए कहा- वैसे तुम भी अपनी मम्मी की तरह बिल्कुल जवान हो चुकी हो. इतनी बड़ी बड़ी चूची तुम्हारी हो गई हैं! डरने की कोई बात नहीं है, कुछ नहीं होगा. मुझे सब आता है। और वैसे भी तुम जवान तो हो ही चुकी हो, आज नहीं तो कल तुम्हें चुदना ही है।
मुझे पता तो था ही कि अब अंकल मुझे नहीं छोड़ने वाले!और मुझे मजा भी आने लगा था, चुदाई की चाहत तो थी ही मेरी!
फिर उन्होंने कुछ देर बाद मेरी टांगों को ऊपर उठाया और मेरी गांड को हल्का सा हवा में उठा कर अपने औजार को मेरी योनि में पूरी तरह से घुसा रहे थे।वे घुटनों के बल बैठकर अपना मोटा और लंबा लोड़ा मेरी योनि में पूरी तरह से पेल रहे थे।
मुझे बहुत तेज तेज दर्द हो रहा था.मैं खूब चीख रही थी, चिल्ला रही थी।
चुदाई करते हुए अंकल धीरे धीरे धक्कों की स्पीड बढ़ाने लगे।और कुछ देर बाद मैं भी नीचे से गांड उठा उठा कर उनका साथ देने लगी क्योंकि अब दर्द कम हो चुका था और मुझे भी मजा आ रहा था।
क्योंकि मुझे पता था चाहे कुछ भी हो अंकल मुझे छोड़ने वाले तो है नहीं … इसलिए मैं उनका साथ देने लगी और संभोग का आनंद लेने लगी।
आधे घंटे की लगातार चुदाई के बाद उन्होंने अपना मोटा औजार मेरी चूत से बाहर निकाला.उनका औजार बिल्कुल लाल हो चुका था, पूरा खून खून हो गया था।क्योंकि इतना मोटा और लंबा लंड मेरी चूत में जाने के बाद मेरी सील टूट गई थी।
फिर उन्होंने मेरी गांड को उठाया और मुझे घोड़ी बनने के लिए बोला.मैंने इन्कार किया तो उन्होंने मुझे अपनी दोनों बाहों में भर कर ऊपर उठा लिया।
मेरे अंकल एक शरीर के तगड़े इंसान हैं।मुझे पूरी तरह से अपनी बाहों में दबाते हुए वे मेरी चूचियों को पीने लगे।और तभी नीचे से अपने औजार को मेरी गांड में सेट किया और मुझे पूरी तरह से नीचे कर दिया।
मेरी जांघों को अपने हाथों से उठाकर अपने औजार पर धीरे-धीरे उठा रहे थे, बैठा रहे थे।लंड पूरी तरह से मेरी गांड में जा रहा था।दर्द के मारे मैं बहुत तेज चिल्ला रही थी और चीख रही थी।
आज मुझे पता चल गया था गांड फक्किंग का दर्द और मजा क्या होता है।फिर उन्होंने मुझे तेजी से ऊपर नीचे करणा शुरू किया।
शायद उनका कुछ पानी मेरी गांड में निकल चुका था जिसके कारण अब उनका औजार आसानी से फिसल रहा था मेरी गांड के अंदर!
कुछ देर बाद ऐसे ही करने पर उन्होंने मुझे बेड पर पटक दिया।और पागलों की तरह मेरी चूचियों को चाटने लगे और पीने लगे।
मैं दर्द के कारण पूरी तरह से टूट रही थी।मैंने कहा- बस करो अंकल. इतनी तो कोई अपनी बीवी की चुदाई सुहागरात में भी नहीं करता जितना आप आज मुझे चोद रहे हैं।
तभी अंकल ने अपने औजार को मेरे मुंह के पास लेकर आए और चूसने का इशारा करने लगे.मैंने इंकार कर दिया।
तो वे बोले- प्लीज आरती, एक बार ले लो!
फिर उन्होंने मेरे मुंह को अपने हाथ की मदद से खोला और अपने लोड़े को मेरे मुंह में घुसा दिया।
अब मुझे उनके लोड़े का स्वाद आ चुका था, मैं उनके लोड़े को मुंह में लेने की कोशिश करने लगी और अंकल भी मेरे बाल पकड़कर मेरे सर को आगे पीछे करने लगे।
वे पूरा लौड़ा मेरे मुंह में देने की कोशिश कर रहे थे जिसके कारण मेरी मुंह में पूरा जा नहीं पा रहा था और मेरी खांसी निकल गई।
फिर उन्होंने कुछ देर मेरी योनि को चाटा जो चुदाई के कारण बिल्कुल लाल हो चुकी थी।मेरी योनि बिल्कुल लाल और फूल चुकी थी।
मैंने कहा- प्लीज अंकल, अब तो मत चोदना. देखो तो क्या हाल हो चुका है।
तभी अंकल ने मुझे अपनी बाहों में खींच लिया और मुझे नीचे लिटा कर मेरे शरीर के ऊपर चढ़ गए, मेरे बड़े बड़े बूब्स को चाटने लगे और पीने लगे।
वे बोले- तुम्हारी मम्मी तो रात भर चुदती है. तुम कैसे अभी एक-दो घंटे में हार मान सकती हो? तुम तो और जवान हो चुकी हो। अब इसकी जरूरत है तुम्हें!
“शादी के बाद जब तुम्हारा पति रात रात भर चोदेगा तब क्या करोगी?” यह कहते हुए उन्होंने पीछे से मेरी गांड में एक बार फिर से अपना लोड़ा ठोक दिया और मुझे ऊपर नीचे करने को बोलने लगे।
दोस्तो, इतनी जबरदस्त चुदाई होने के बाद मेरे शरीर में उतनी ताकत नहीं थी कि मैं उनका साथ दे सकूं.इसलिए वे ही नीचे से गांड उठा उठा कर अपना लौड़ा मेरी गांड में देते रहे।
लगभग 20 मिनट की चुदाई के बाद उन्होंने मेरी चूचियों को दबाने लगे और पीने लगे।और फिर वह बाथरूम नहाने चले गए।
मैं इतनी थकी थी कि मैं बेड पर ही पड़ी पड़ी सोती रही।
फिर अंकल मार्केट गए और मार्केट से खाने के लिए नाश्ता लेकर आए और कुछ दवाइयां भी मेडिकल से लाए थे।
वे बोले- यह जल्दी से खा लो, तुम्हारा दर्द कम हो जाएगा. और हां, अपनी मम्मी को कुछ मत बताना. नहीं तो फिर तुमको इसका भी दर्द मिलेगा।
मैं वहां से उठी और जाकर बाथरूम में फ्रेश हुई अपनी योनि को अच्छे से धोया और फिर दवाई खाकर नाश्ता किया और आकर अपने कमरे में सो गई।
मम्मी जब मुझे पूछने आई तो मैंने तबीयत खराब होने का बहाना बना दिया।
दोस्तो, अब जब मेरी मम्मी घर पर नहीं रहती है तो अंकल मेरी चूत खूब चोदते हैं।अब तो मेरा भी मन करता है इसलिए मैं कभी-कभी छत पर चली जाती हूं उनका लंड चूसने के लिए।
रात में मम्मी की चुदाई और दोपहर में मेरी चुदाई करते हैं।
3 महीने लॉकडाउन के हो चुके थे।लॉकडाउन के दिन बढ़ते जा रहे थे।
और मेरा शरीर भी बिल्कुल जवानी में कदम रख चुका था।मेरे बूब्स का आकार भी पहले से बढ़ चुका था.और मेरी गांड भी पहले से ज्यादा आकर्षक और बड़ी हो चुकी थी।
हो भी क्यों ना … जब इतनी चुदाई हो तो किसी की भी गांड बड़ी हो जाएगी.
खैर अंकल हम दोनों माँ बेटी को बहुत खुश रखते हैं।
चुदाई कहानी पर आप अपनी राय मुझे मेल और कमेंट्स में लिखें. artimaurya9955@gmail.com
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