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अंकल ने मुझे समलिंगी सम्भोग सिखाया - Gay Sex Stories

नमस्कार दोस्तो, मेरा नाम देव है।

मेरी उम्र 23 वर्ष है और मैं एक बाइसेक्सुअल हूं।

मतलब मुझे लड़के और लड़की दोनों के साथ सेक्स करना पसंद है।


अब मैं नियमित रूप से कहानियां लिखूंगा।

पहले मैं अपनी गे सेक्स लाइफ के बारे में बताऊंगा।


यह Gay Sex Stories मेरी पहली रचना है अतः यदि मुझसे कोई भूल हो जाए तो माफ करना।


यह बात है 2019 की!

उस समय मैं कक्षा 12 में पढ़ता था तो मैं खाली समय में अपने रेस्टोरेंट में चला जाता था और पापा की मदद करता था।


एक दिन पापा को कहीं बाहर जरूरी काम से जाना था तो उन्होंने मुझसे कहा कि आज मैं रेस्टोरेंट संभाल लूं।

मैंने भी हां कर दी।

अब हमारे रेस्टोरेंट में केवल में और हमारे 2 नौकर थे।


दिन के समय हमारे रेस्टोरेंट में एक आदमी आया।

उसकी उम्र लगभग 40 साल होगी।


वह मेरे पास आया और कहा- कल सुबह मेरी ट्रेन है और मुझे रुकने के लिए कोई जगह नहीं मिल रही है. तो क्या मैं आज रात यहां रुक सकता हूं?

तो मैंने हां कर दी क्योंकि हमारे रेस्टोरेंट में रात बिताने के लिए भी व्यवस्था थी।


मैंने उन अंकल से कहा- आप रेस्टोरेंट के पीछे बने कमरे में रुक सकते हैं।

अंकल ने धन्यवाद कहा और कमरे में चले गए।


रोजाना रेस्टोरेंट दिन में दो बजे से चार बजे तक बंद रहता है ताकि नौकर थोड़ा आराम कर सकें।


आज भी दिन में दो बजे हमारा रेस्टोरेंट बंद करके दोनों नौकर अपने घर चले गए आराम करने के लिए।


मैं वहीं रूक गया क्योंकि हमारा घर थोड़ा दूरी पर था।

और वह अंकल भी रेस्टोरेंट में ही थे।


तब मैंने सोचा शायद अंकल को कुछ जरूरत पड़ जाए।

और मैं वहीं पर कुर्सी लगा के मोबाइल चलाने लगा।


थोड़ी देर बाद अंकल आए और खाना ऑर्डर किया।


नौकर घर जा चुके थे तो मैंने उन्हें खाना दिया जो रमेश और विजय ( हमारे नौकर ) ने पहले ही बना दिया था।


अंकल ने मुझसे खाने के बारे में पूछा।

मैंने भी खाना नहीं खाया था तो मैं भी खाना लेकर टेबल पर बैठ गया।


अंकल ने कहा- मेरे साथ कमरे में बैठ कर ही खा लो।

मैं अंकल के साथ उनके रूम में चला गया।


हम बातचीत करने लगे।

अंकल ने अपना नाम नरेंद्र शर्मा बताया।

वे हमारे शहर में किसी काम से आए थे।


मैंने भी अपने बारे में बताया।


फिर हमारा खाना फिनिश करके अंकल ने मुझसे कहा- तुम्हारे पास कोई मूवी है?

मैंने हां कर दी।


दोस्तों मैं मार्वल स्टूडियो का बहुत बड़ा फैन हूं तो मेरे पास मार्वल की दो तीन मूवीज डाउनलोड थी।

फिर मैंने X – Men series की एक मूवी चला दी।


तो अंकल ने मुस्कुराते हुए कहा- तुम्हारे पास वह वाली मूवी नहीं है क्या?

मैंने पूछा- कौन सी?

तो उन्होंने कहा- ब्लू फिल्म!


अंकल के मुंह से ऐसी बात सुनकर मुझे बहुत अजीब लगा।

मेरे पास ब्लूफिल्म नहीं थी तो मैंने मना कर दिया।


फिर हम पुनः वही मूवी देखने लगे।


हम बेड पर बैठकर मूवी देख रहे थे और मोबाइल मेरी जांघो पर रखा हुआ था।


अंकल बार बार मोबाइल को एडजस्ट करने के बहाने मेरे लिंग और जांघों को छू रहे थे.

धीरे – धीरे उनकी हरकतें बढ़ने लगी।


अब वे मेरे लिंग को दबा भी रहे थे।

मुझे भी मज़ा आने लगा तो मैंने भी विरोध नहीं किया।

मेरा लिंग पूरा तन चुका था।


अचानक उन्होंने अपना हाथ हटाया और अपनी गांड की तरफ इशारा करते हुए कहा- यहां पर डालोगे?

मैंने भी हां कर दी और अंकल ने अपने कपड़े उतार दिए।

उन्होंने मेरे भी कपड़े उतार दिए।


मैंने अंकल का लिंग देखा तो वह एकदम कड़क था पर बहुत छोटा था।

अंकल ने मेरा लिंग मुंह में ले लिया और चूसने लगे।


मुझे बहुत मजा आ रहा था।

हालांकि मेरी गर्लफ्रेंड ने भी मेरा लिंग चूसा हुआ है तो मेरे लिए यह पहली बार नहीं था।

मैं भी पूरा मजा लेने लगा।


अंकल अच्छे से मेरा लिंग चूस रहे थे।


थोड़ी देर बाद मैंने समय देखा तो 3:30 हो रहे थे।

मैंने अंकल से कहा- अंकल जो करना है जल्दी करो, हमारे नौकर आने वाले हैं।

तो अंकल ने कहा- ठीक है।


अंकल ने मेरी तरफ अपनी पीठ घुमाई और मेरे लिंग पर थूक लगा दिया।

मैंने अपने लिंग को उनकी गांड़ के छेद पर रखा और जोर लगाया।

तो मेरा सुपारा उनकी गांड़ के छेद में घुस गया।


अंकल की गांड बहुत ढीली हो चुकी थी।

शायद वे रोजाना मरवाते होंगे।


मैंने एक और धक्का लगाया और पूरा लन्ड उनकी गांड़ में चला गया।

अंकल ने कहा- अब धक्के मारो।

मैं उन्हें पेलने लगा।


अंकल आह आह की आवाज निकालने लगे।

15 मिनट चोदने के बाद मेरा पानी निकलने लगा तो मैंने कहा- अंकल, मेरा पानी निकलने वाला है।

अंकल ने कहा- मेरे अंदर ही निकाल दो।

8- 10 धक्के देने के बाद मेरा पानी उनकी गांड में ही निकल गया।


फिर अंकल उठे और मेरे लिंग को चूसने लगे और पूरा पानी साफ कर दिया।

अंकल ने मुझसे कहा- आज रात भी तुम यहां ही रुकना।

मैंने हां कही और मैं बाहर चला गया।


थोड़ी देर बाद रमेश और विजय भी आ गए।


उसके बाद हमने रेस्टोरेंट खोला और मैं काउंटर पर बैठ गया।


थोड़ी देर बाद अंकल बाजार गए और कुछ सामान लेकर आए।

धीरे – धीरे रात के 8 बज गए।


अंकल रूम से बाहर आए और खाना खाकर वापस चले गए।

वे मेरी तरफ देख कर मुस्कुरा रहे थे तो मुझे कुछ समझ नहीं आया।

मुझे क्या पता था कि उनके दिमाग में क्या शैतानी चल रही थी।


फिर मैंने भी खाना खाया और 10 बजे रेस्टोरेंट बंद कर दिया।


रमेश और विजय भी चले गए।

अब वहां केवल में और अंकल ही थे।


रमेश और विजय के जाने बाद अंकल रूम के बाहर आए और मुझसे बातें करने लगे।


थोड़ी देर इधर उधर की बात करने के बाद हम रूम में चले गए।


अंकल मुझे किस करने लगे।

मुझे थोड़ा बेकार लगा पर फिर मैं भी उनका साथ देने लगा।

अंकल बहुत ही जोश में थे।


अब अंकल मेरे लन्ड को चूसने लगे।

वे बीच बीच में मेरे लन्ड को काट भी लेते थे।

मुझे दर्द के साथ मज़ा महसूस होने लगा।


फिर थोड़ी देर बाद अंकल ने मुझसे कहा- मेरा लन्ड चूसो।

मैंने मना कर दिया।


लेकिन अंकल के जोर देने के बाद मैंने उनका लन्ड थोड़ा सा चूसा मुझे अजीब सा स्वाद आया।

तो मैंने लन्ड अपने मुंह से बाहर निकाल दिया।

अंकल ने जबरदस्ती अपना लन्ड मेरे मुंह में घुसा दिया।


अब मुझे भी मज़ा आने लगा तो मैं उनका लन्ड चूसने लगा।


थोड़ी देर बाद उनका शरीर अकड़ने लगा तो मैंने लन्ड मुंह से बाहर निकाल दिया।


अंकल ने वापस अपना लन्ड मेरे मुंह में डाला और मेरे सिर को पकड़ लिया और उनका सारा वीर्य मेरे मुंह में भर दिया।

तभी मेरी नाक दबा दी जिससे सारा वीर्य मेरे मुंह से होते हुए मेरे अंदर चला गया।


वीर्य थोड़ा गर्म था और उसका स्वाद भी अजीब था।

मैंने अंकल से कहा – छी अंकल … आप बहुत गंदे हो।

अंकल बस मुस्कुरा गए और कुछ नहीं कहा।


फिर मैंने अंकल की गांड मारी और अपना सारा वीर्य उनके मुंह में भर दिया।

हम थोड़ी देर लेट गए।


मुझे नींद आ गई और मैं नंगा ही सो गया।


कुछ देर के बाद मुझे अपनी गांड में कुछ फील हुआ।

मैं उठा तो अंकल ने अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल रखी थी और वह उसे आगे पीछे कर रहे थे।


मुझे थोड़ा अजीब लगा पर मजा भी आया।

तो मैंने उन्हें नहीं रोका।


फिर उन्होंने अपनी दूसरी उंगली भी मेरी गांड में घुसा दी।

मुझे थोड़ा दर्द हुआ तो मैंने मना कर दिया।


अंकल ने कहा कि थोड़ी देर रुको, तुम्हें भी मज़ा आएगा।


फिर अंकल ने अपने लन्ड पर एक जैल लगाई जो शायद वह मार्केट से लाए थे।

और मेरी गांड पर भी लगा दी।


अब उन्होंने मेरी गांड के छेद पर अपना लन्ड रखा और धक्का दिया तो उनका लन्ड फिसल गया।

उन्होंने फिर कोशिश की.

इस बार उनका सुपारा अन्दर घुस गया।


मुझे बहुत तेज दर्द हुआ और मैं रोने लगा।

पर उन्होंने मुझे पकड़ रखा था।


वे अंकल काफी मोटे तगड़े और हट्टे कट्टे थे तो मेरे लिए उनकी पकड़ से छूट पाना संभव नहीं था।


अब उन्होंने एक और धक्का दिया तो उनका लन्ड पूरा अन्दर चला गया।

मुझे ऐसा लगा मानो मेरी गांड फट गई है।

उनका लन्ड छोटा पर बहुत मोटा था।


अब वे मुझे बिना रहम किए पेले जा रहे थे।

मैं दर्द से रो रहा था पर वे मेरे बारे में सोच ही नहीं रहे थे।


अब मैं उन्हें गालियां निकालने लगा- मादरचोद मुझे छोड़ दे प्लीज!

पर उन्होंने मेरी एक ना सुनी … बस वे धक्के लगाए जा रहे थे।


मेरी गांड एकदम सुन्न पड़ गई थी।

गांड सेक्स में मुझे चक्कर आने लगे।


फिर अंकल थोड़ी देर रुक गए और नीचे से मेरा लन्ड हिलाने लगे और धीरे धीरे धक्के मारने लगे।

अब मुझे थोड़ा अच्छा महसूस हुआ।

लेकिन अंकल वापस मुझे हब्शी की तरह चोदने लगे।


मैं फिर से रोने लगा और कहने लगा- अंकल मुझे जाने दो, मैं मर जाऊंगा।

पर वे मुझे पेलते ही रहे।

मैं बस इंतजार करने लगा कि कब उनका पानी निकले और मैं यहां से भाग जाऊं।


लेकिन उनका लन्ड झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।

15 मिनट तक गांड मरवाने के बाद मैंने उनसे पूछा- अंकल, आप झड़ क्यों नहीं रहे हो?

तो उन्होंने कहा कि वे एक जैल लाए थे। उससे जल्दी नहीं झड़ते।


अब मुझे पता चल चुका था कि दिन में वे बाजार क्यों गए थे।

उन्होंने पहले ही मेरी गांड मारने का प्लान बना लिया था।


अब मुझे भी मज़ा आने लगा था तो मैं भी सिसकारियां भरते हुए उनसे चुदाने लगा।

अब पूरे कमरे में बस ‘आह! उम्म्ह्ह! हाय!’ की आवाजें गूंज रही थी।

आधे घंटे की खतरनाक चुदायी के बाद अंकल का लन्ड झड़ा और उन्होंने गालियां देते हुए अपना सारा वीर्य मेरी गांड में भर दिया।


मैंने उन्हें किस किया और लेट गया।


अब मेरी गांड फट गई थी और मुझे बहुत दर्द हो रहा था।

तो मैं वापस सो गया।


लेकिन अंकल ने मुझे उठाया और दोबारा मेरी गांड मारने लगे।

आधे घण्टे गांड़ मारने के बाद वह झड़ गए।


अब मुझे नींद आने लगी.

मैंने समय देखा तो 2:00 बज गए थे।

तो हम सो गए।


सुबह पांच बजे अंकल ने मुझे उठाया।

मैंने अपनी गांड में सूजन अनुभव की।

तब मैंने अंकल को बताया तो उन्होंने मुझे एक टैबलेट दी।


अब मैं नहा धोकर तैयार हो गया।


इतने में मेरे पापा आ गए और मैं तबियत खराब होने का बहाना बनाकर घर चला गया और सो गया।

दो दिन तक मेरी गांड में बहुत दर्द हुआ।

लेकिन मुझे भी अब लड़के पसंद आने लगे।


आज की Gay Sex Stories यहीं तक थी।

धन्यवाद।

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