अदला-बदली परमानन्दम्
- Kamvasna
- Nov 30, 2024
- 21 min read
Updated: Dec 27, 2024
आज मैं आपको अपनी कहानी बताने जा रही हूँ जो मेरे जीवन की सच्ची घटना है।
मेरी उम्र 44 वर्ष एवं पतिदेव कमल जी की 49 वर्ष है।
शादी के बाद कुछ साल तक तो सेक्स लाइफ बहुत अच्छी रही पर बच्चे होने के बाद वो रोमांच नहीं रहा और सेक्स बोरिंग होता जा रहा था तो कमल ने अपने दोस्तों की सेक्स की बातें बताना शुरू किया।
यह बात लगभग दस वर्ष पहले की है।
इन्होंने बताया कि इनके दोस्त राजन का लिंग बहुत मोटा और लम्बा है, उसका सुपाड़ा नोकदार है, जब उसकी बीवी तीन बार झड़ जाती है, तब वो झड़ता है, और अगर तुम चाहो तो उससे चुदाई का मजा ले सकती हो।
इन सेक्सी बातों से इनका लिंग ज्यादा कड़क हो जाता था और मेरा भी उत्साह बढ़ जाता और चुदाई में ज्यादा मजा आता था।
कुछ समय पूर्व इनके दोस्त राजन किसी काम से हमारे शहर आये और हमारे यहाँ रुके।
वो मुझे बहुत अच्छे लगे।
इन्होंने बताया- हम लोग बचपन में एक दूसरे के साथ सेक्स का खेल खेलते थे और एक दूसरे का लिंग चूमते चाटते थे। राजन का लिंग सचमुच बहुत मोटा और लम्बा है, चाहो तो तुम देख लो और उससे मजा भी ले सकती हो।
तो मेरा भी मन होने लगा।
रात में ये दोनों दोस्त दूसरे कमरे में एक दूसरे से बचपन की बातें करते रहे और मजे लेते रहे।
दोनों बच्चे मेरे साथ सो रहे थे तो मैं कुछ नहीं कर सकी।
सुबह इनको किसी काम से जल्दी ऑफिस जाना पड़ा।
बच्चों के स्कूल जाने के बाद घर में मैं और राजन हम दोनों ही बचे।
राजन ने मुझे अपने पास बुलाया और बिस्तर पर बैठा लिया और बचपन की बातें बताने लगा।
उसकी बातों में मुझे बहुत मजा आ रहा था।
अचानक राजन ने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मेरे गालों को चूमने लगा और मेरे होंठ चूसने लगा।
उसका स्टाइल कुछ अलग था और मैं कुछ न बोल सकी।
फिर वो ब्लाउज के ऊपर से ही मेरे स्तन सहलाने दबाने लगा और मैं मजे से मस्त होने लगी।
अब उसने अपना पैंट खोलकर अपना लंड मेरे हाथ में पकड़ा दिया और मैं उसे सहलाने लगी।
वाह, क्या मस्त मोटा और लम्बा लंड था उसका !नुकीला सुपारा सचमुच बहुत प्यारा था जो कि मेरे पति से एकदम अलग था।
मुझे अहसास हुआ कि कमल सच बोलते थे।
मैं मजे में आकर उसको चूमने लगी तो वो फूल कर और मोटा हो गया।
मुझे तो डर लगने लगा कि यह इतना मोटा लंड मेरी तंग चूत में कैसे जायेगा।
फिर उसने मेरे और अपने सारे कपड़े उतार दिए अब हम दोनों बिल्कुल नंगे थे।
उसने मुझे सीधा लिटा दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा और अपनी जीभ अंदर डालकर अंदर बाहर करने लगा।
मेरी चूत गीली होकर पानी छोड़ने लगी, मैं तो मजे में पागल हो रही थी।फिर उसने अपना लंड मेरी चूत के मुख में लगा दिया और धीरे धीरे अंदर डालने लगा।
वाह, क्या अहसास था… मेरी चूत में पहली बार कमल के अलावा किसी और का लंड जा रहा था, वो भी राजन का मोटा नोकदार लंड!
मुझे बहुत मजा आ रहा था।
फिर उसने पूरा लंड अंदर डालकर धीरे धीरे चोदना चालू किया और जी भर के चोदा।
मैं दो बार झड़ चुकी थी पर वो झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।
फिर वो नीचे लेट गया, मैं ऊपर से आकर उसका नोकदार लंड अपनी चूत में धीरे धीरे अंदर बाहर कर मजे लेने लगी, मैंने कूद कूद कर चुदाई का मजा लिया और तीसरी बार झड़ने लगी अबकी बार हम दोनों एक साथ झड़े।
सचमुच चुदाई में इतना मजा जीवन में पहले कभी नहीं आया था।
कमल जब घर आये तो मैं रसोई में खाना बना रही थी।वो राजन के पास कुछ देर बैठने के बाद मेरे पास आये, पता नहीं उन्हें कैसे मेरी ख़ुशी का अहसास हो गया, वो बोले- क्या बात है? आज मेरी रानी ख़ुशी से चहक रही है, यह मेरे दोस्त की बातों का असर है क्या?
मैं- हाँ जी, बिल्कुल सच बोलते हो आप, केवल बातें ही नहीं और भी बहुत कुछ हुआ हम दोनों के बीच!
कमल- मेरे राजन ने क्या जादू कर दिया जो मेरी रानी इतना चहक रही है?
मैं- राजन की बातें ही नहीं, उसका सब कुछ जादू के समान है।
कमल- सच ! क्या दिखा दिया राजन ने?
मैं- आज आपके दोस्त ने दिखाया ही नहीं सब कुछ दे दिया है आपकी प्रियतमा को!
कमल- सचमुच ! मुझे तो विश्वास ही नहीं होता कि मेरी अनुपस्थिति में मेरी लाडो इतना कुछ भी ले सकती है।
मैं- यह सच है जानू, आप विश्वास करो या न करो, यह तो आप पर है।
मेरे इतना बोलते ही कमल ने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और चूमने लगे, बोले- मैं अपनी जान को इतना खुश देख कर बहुत खुश हूँ। राजन को धन्यवाद देना चाहिए और दुःख भी है कि मैं इतना अद्भुत नजारा प्रत्यक्ष नहीं देख सका।
इसके बाद हमने खाना खाया और वे दोनों काम पर निकल गए।
मैंने घर के काम निपटाए और सारा दिन आराम किया, बच्चों का होमवर्क कराया और शाम तक सब कुछ सामान्य चलता रहा।
रात में खाने के बाद कमल और राजन गेस्ट रूम में सोने लगे और मैं बच्चों के साथ अपने कमरे में थी।
कुछ देर बाद कमल की आवाज आई- बच्चे सो गए क्या? यहाँ पानी दे जाना!
मैं पानी लेकर गेस्टरूम गई और बताया- बच्चे सो चुके हैं।
तो उन्होंने बोला- उनके रूम का दरवाजा बाहर से बंद करके आ जाओ, कुछ देर तीनों साथ बैठते हैं।
वो दोनों रजाई ओढ़े लेटे हुए थे।
मैं बच्चो के कमरे का दरवाजा बाहर से बंद करके आई और सोफे पर बैठ गई तो कमल बोले- ठण्ड लग रही होगी… तुम भी बिस्तर पर आ जाओ!
मैं बिस्तर पर चली गई और रजाई ओढ़ ली।
कमल बीच में थे, उनके एक तरफ राजन और दूसरी तरफ मैं…कमल ने रजाई के अंदर ही कपड़ों के ऊपर से मेरा बदन सहलाना शुरू कर दिया और मेरा हाथ पकड़ के अपने लिंग पर लगा दिया।उनकी पैंट की चैन खुली थी और लिंग बाहर था।
मैंने भी उनका लिंग सहलाना शुरू कर दिया।
कमल एक हाथ से मेरा बदन सहला रहे थे तो उनका दूसरा हाथ राजन की ओर था।
आप समझ गए होंगे कि दूसरे हाथ से वे क्या करते रहे होंगे।
वो लोग बचपन की बातें करते हुए इशारेबाजी भी कर रहे थे।
अचानक कमल के लिंग पर एक और हाथ आ गया जिसने मेरे हाथ और कमल के लिंग दोनों को पकड़ लिया और दबाने सहलाने लगा।हम तीनों को अद्भुत आनन्द आ रहा था।
फरवरी की गुलाबी ठण्ड, रात की ख़ामोशी, कमरे में हल्की नीली रोशनी और रजाई के अन्दर तीन गर्म बदन !
वातावरण बहुत ही मादक हो चला था।
थोड़ी देर में कमल उठे और टीवी ऑन कर रोमांटिक फिल्म लगा दी और आकर किनारे में लेट गए।
अब मैं बीच में थी मेरे एक ओर कमल तो दूसरी ओर राजन थे।
फिर कमल ने मेरा एक हाथ पकड़ कर राजन के लिंग पर रख दिया और दूसरे हाथ में अपना लिंग पकड़ा दिया।
वाह क्या मस्त अहसास था !
मेरे एक हाथ में कमल का 5 इंच का गोल सुपाड़ा वाला प्यारा लिंग था तो दूसरे हाथ में राजन का कम से कम 7 इंच का मोटा एवं नोकदार सुपाड़ा वाला मजेदार लिंग था।
मैं मस्त होकर दोनों को प्यार से सहलाने लगी।
वो दोनों कभी मुझे चूमते चाटते, कभी मेरे स्तन दबाते और सहलाते…बहुत नशीला मादक वातावरण बन गया था।
दोस्तो, मेरे पति कमल जी बहुत अच्छे इन्सान हैं, उनका दिल बहुत बड़ा है, वे कभी भी केवल अपने स्वार्थपूर्ति में नहीं रहते बल्कि उन्हें हमेशा अपने से अधिक सामने वाले की इच्छापूर्ति करने में ही सुकून मिलता है।वे हमेशा मुझे अधिक से अधिक सुख देना चाहते हैं।
उस नशीले वातावरण में कब रजाई बिस्तर से नीचे गिर गई और कब हम तीनों के कपड़े बदन से अलग हो गए, मुझे पता ही नहीं चला।अब वे दोनों मेरे पूरे बदन की मसाज कर रहे थे एवं चूम चाट रहे थे।
अति आनन्द में मेरी तो आँखें ही बंद थीं।
कभी दोनों मेरे एक-एक स्तन चूसते तो कभी गाल और होंठ चूसते।
उस दिन दोनों दोस्तों ने मुझे अभूतपूर्व अकल्पनीय और अद्भुत सुख देने का निश्चय किया हुआ था। जब एक मेरी योनि में अपनी जीभ से सुख पहुँचा रहा होता तो दूसरा अपना लिंग मेरी मुखगुहा में अन्दर बाहर कर रहा होता।
मैं तो उत्तेजना के चरम पर थी एवं कई बार चरमोत्कर्ष पर पहुँच चुकी थी।
तभी कमल ने फुसफुसाते हुए पूछा- अब मेरी रानी की क्या इच्छा है?
मैंने आँखें खोले बिना ही उत्तर दिया- जो मेरे पति परमेश्वर की इच्छा हो!
तब कमल राजन का 7 इंची नोकदार सुपाड़े वाला मस्त लंड अपने हाथों में लेकर बड़े प्यार से चूमते हुए बोले- चल दोस्त, मेरी लाडो को जिन्दगी का असली सुख देने को तैयार हो जा!
और अपने हाथों से मेरी चूत का द्वार खोल कर उसके नुकीले सुपाड़े की नोक मेरी चूत पर टिका दी और मेरे पीछे आकर मुझे आधा अपनी गोद में ले कर बैठ गए!जैसे माँ बाप अपने बच्चों को डॉक्टर के सामने इंजेक्शन लगवाने के लिए करते हैं।
फिर उन्होंने राजन से कहा- मेरी रानी को बड़े प्यार से चोदना और जीवन का असली आनन्द देना, आज तुम मेरे दोस्त होने का फर्ज निभाओ।
मैं कितनी भाग्यशाली हूँ, मेरे पति कितने अच्छे हैं ! आप स्वयं समझ सकते हैं।
फिर राजन ने बड़े प्यार से धीरे-धीरे अपना नोकदार लंड मेरी चूत में अन्दर डालना शुरू किया और पूरा 7 इंच अन्दर डाल दिया।
मैं कमल की गोद में लेट कर राजन के नोकदार लंड को अपनी चूत में महसूस कर स्वर्ग से भी अधिक आनन्द की अनुभूति प्राप्त कर थी।फिर राजन ने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू किया, अपने पतिदेव के इशारे पर मैं भी अपने चूतड़ उठा-उठा कर उसके धक्कों का जवाब देने लगी।
इस तरह बहुत देर तक हम लोगों ने चुदाई का आनन्द लिया।
मैं तो 2 बार झड़ चुकी थी किन्तु राजन झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।
फिर वो बोला- कमल, अब तुम आओ।
अब मैं राजन की गोद में थी और कमल के प्यारे गोल सुपाड़े वाले लौड़े से चुद रही थी।तभी राजन बोला- भाभी, एक साथ दोनों लण्डों का मजा लो, कमल आगे से मजा दे रहा है और मैं आपको पीछे से मजा दूँगा।
मुझे पीछे से लेने में परेशानी होती है इसलिए कमल ने इसके लिए मना कर दिया।
सच मेरा कितना ध्यान रखते हैं मेरे पतिदेव…
ऐसा प्यार करने वाला और ध्यान रखने वाला पति भगवान सभी को दे।
कुछ देर बाद कमल बोले- मैं तो अपनी रानी को चोदता ही रहता हूँ, राजन आओ और अब मेरी रानी को परम सुख दो।
राजन फिर से अपना 7 इंची लंड मेरी गीली चूत में डालकर चोदने लगा।
मैं कमल का प्यारा लंड अपने मुँह में लेकर लॉलीपाप की तरह चूसने लगी।
कमल बोले- देखो राजन, मेरी लाडो एक साथ दो लण्डों का मजा ले रही है, इसने तुम्हारी इच्छा पूरी कर दी है।
कुछ देर बाद हम तीनों चरमोत्कर्ष पर पहुँचे।
राजन ने ढेर सारा जीवन अमृत मेरी चूत के अन्दर छोड़ दिया और मुझे तो ऐसा महसूस हुआ कि मेरी चूत ने 2-4 लीटर पानी छोड़ा होगा।
कमल का अमृत मेरे मुँह में था जो मुझे बहुत स्वादिष्ट लग रहा था और मैं उसकी एक-एक बूंद प्यार से चाट गई।
हम दोनों, मैं और राजन उसी मुद्रा में पड़े रहे, कमल ने सारी सफाई की और किचन से गरमागर्म दूध लेकर आये।हम तीनों ने एक साथ दूध पिया और तीनों बिना कपड़ों के एक दूसरे से लिपट कर सो गए।
सुबह के पहले ही मैं अपने कपड़े पहन कर अन्दर कमरे में चली गई।
अगले दिन राजन ने जल्दी ही अपनी पत्नी नेहा भाभी के साथ आने का वादा किया और अपने शहर लौट गए।
अगले शुक्रवार को राजन और नेहा भाभी सुबह ही आ गए, हम लोगों ने उनका स्वागत किया।
दैनिक क्रियाओं से निवृत होकर उन लोगों ने सारा दिन आराम किया।
उस समय राजन की उम्र 38 वर्ष थी, कद 5 फ़ीट 6 इंच, रंग गेहुंआ और आकर्षक व्यक्तित्व, जबकि नेहा भाभी की उम्र 33 वर्ष कद 5 फ़ीट, रंग गोरा, फिगर 36-30-40 बेहद आकर्षक लेकिन बहुत शर्मीले स्वभाव की थीं।
कमल 39 वर्ष कद 6 फ़ीट रंग गेहुंआ आकर्षक व्यक्तित्व, एवं मैं उम्र 34 वर्ष कद 5 फ़ीट 3 इंच गोरा रंग, फिगर 40-32-42 अति आकर्षक थी।
कमल और राजन ने स्वैप का प्रोग्राम निश्चित किया किन्तु समस्या यह थी कि नेहा भाभी शर्म, संकोच एवं डर के कारण तैयार नहीं थीं।अतः उनको तैयार करने के लिये ज्यादा प्रयास की जरूरत थी इसलिये शाम से ही उनके सामने कमल कभी मुझे चूमते तो कभी बांहों में ले लेते और मेरे स्तन दबाने लगते।
मैं भी उनको मना ना कर बढ़ावा दे रही थी।
यह सब देख कर नेहा भाभी भी रोमांटिक होने लगी थीं।
रात में कमल और राजन ने गेस्ट रूम में अगल-बगल 2 बेड लगा दिए।कमरा बहुत रोमांटिक तरीके से सजा दिया।
नेहा भाभी और मैंने मिलकर खाना बनाया, सबने एक साथ खाया और फुर्सत होकर सभी गेस्ट रूम पहुँचे।
टीवी में रोमांटिक फिल्म चल रही थी।
एक बेड पर राजन और नेहा भाभी लेटे तो दूसरे में कमल और मैं…
कमल ने मेरे साथ रोमांस चालू किया तो मैंने भी खुलकर आनन्द लेना शुरू कर दिया।वैसे भी दिन भर की हरकतों और आगे आने वाले पलों के बारे में सोच-सोच कर मैं बहुत उत्तेजित हो चुकी थी।
हमारी नजरें दूसरे बेड पर लगी थीं।
उधर राजन ने भी नेहा भाभी को चूमना चाटना शुरू कर दिया।
नेहा भाभी शरमाई और मना करने लगी तो राजन ने ट्यूबलाइट बंद कर नाईट लैंप चालू कर दिया।फिर वे भी राजन का साथ देने लगी।
टीवी और नीले नाईट लैंप की रोशनी में वातावरण बहुत कामुक हो गया था।
फिर कमल उठे और टीवी में ब्लू फिल्म लगा दी जिसमें ग्रुप सेक्स का सीन चल रहा था।
फिल्म में कई जोड़े सेक्स कर रहे थे और बीच-बीच में पार्टनर बदल कर चुदाई कर रहे थे।
अब तो मुझसे रहा नहीं जा रहा था तो मैंने कमल के कपड़े उतार कर उनको नंगा कर दिया और उनका लंड पकड़ कर सहलाने और चूमने लगी।
तो कमल ने मेरे भी कपड़े उतार फेंके और और मेरे स्तनों को दबाने, सहलाने व चूसने लगे।
एक तरफ तो टीवी पर बेहद सेक्सी सीन दूसरी ओर हमारा लाइव रोमांस…
यह देखकर राजन और नेहा भी पूरे मूड में आ गए और धीरे-धीरे एक दूसरे को नंगा कर रोमांस में मस्त हो गए।
कमरे में बेहद कामुक दृश्य था।कभी हम टीवी पर चल रही फिल्म देखते तो कभी राजन और नेहा का लाइव सेक्स…और फिर अपने में मस्त होकर नए तरीके से प्यार करने में लग जाते।
राजन और नेहा का भी यही हाल था।
अब हम लोग 69 की मुद्रा में आ गए, मैं नीचे थी और कमल का लंड पूरा मुँह में लेकर चूस रही थी।
तो कमल ऊपर से मेरी रसीली चूत को अपनी जीभ से परमानन्द प्रदान कर रहे थे।
उधर राजन और नेहा की नजरें भी हमारे ऊपर ही लगी थीं और हमें देख कर हमारी तरह ही आनन्द लेने लग जाते थे।
अब वे दोनों भी 69 का आनन्द ले रहे थे।
और अब बारी थी असली आनन्द यानि चुदाई की…
कमल और राजन ने आपस में इशारों में कुछ बात की, कमल ने मुझसे धीरे से पूछा कि मैं किस से चुदना चाहूंगी?
मैं बोली- जो आप चाहें…
यही बात राजन ने नेहा से पूछी पर नेहा अभी तक मानसिक रूप से कमल से चुदने के लिए तैयार नहीं थी तो राजन ने कमल को इशारे में समझा दिया कि अभी SRSP (सेम रूम-सेम पार्टनर) ही ठीक रहेगा।
तब कमल ने मुझे सीधा लिटाया और अपना 6 इंच का मस्त मोटा लंड मेरी चूत के द्वार पर लगाकर धीरे-धीरे ऊपर नीचे कर रगड़ने लगे।
आज उनका लंड कुछ ज्यादा ही मस्त लग रहा था, मेरी चूत भी कुछ ज्यादा ही रसीली हो रही थी, और क्यों न हो, आज राजन और नेहा का लाइव सेक्स बिल्कुल सामने देखने को मिल रहा था।
उधर राजन और नेहा भी इसी मुद्रा में आ गए तो दोनों दोस्तों ने एक दूसरे को इशारा किया और एक साथ धक्का लगा दिया।
दोनों लंडों ने अपनी-अपनी चूतों में एक साथ एक ही समय पर प्रवेश किया और फिर शुरू हुआ एक साथ चुदाई का सिलसिला…
मैं तो जल्दी-जल्दी दो बार झड़ गई… पर लगता था कि कमल और राजन शर्त लगाकर चुदाई कर रहे थे और कोई भी हार मानने को तैयार नहीं था।कमरे में ‘फच-फच फच-फच फचा फच’ का मधुर संगीत गूँज रहा था।
काफी देर तक चोदने के बाद कमल थकने लगे तो उन्होंने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और सीधा लेट गए।फिर मुझे इशारा किया तो मैं ऊपर आ गई और ऊपर से अपनी रसीली रंगीली चूत में उनका मस्त लंड लेकर धीरे-धीरे सुरीले अंदाज में धक्के लगाना शुरू कर दिया।यह देख राजन और नेहा ने भी यही मुद्रा अपना ली।
मैंने नेहा भाभी की ओर देखा तो वे भी मुझे ही देख रही थीं और पहली बार हमारी नजरें मिलीं।
हम दोनों में मुस्कुराहट का आदान प्रदान हुआ तो हमें अद्वितीय अद्भुत आनन्द की अनुभूति हुई जिसका वर्णन शब्दों में कर पाना असंभव है।
फिर हम दोनों ने एक दूसरे को देखते हुए एक जैसे अंदाज में ऊपर से चुदाई आरम्भ की और नीचे से हमारे पति हमारे साथ ताल से ताल मिलाते हुए साथ दे रहे थे।
दोस्तो, हमें इतना मजा आ रहा था कि उसका शब्दों में वर्णन कर पाना संभव ही नहीं है।
कमरे में बड़ा ही अद्भुत नज़ारा था, एक तरफ टीवी में सामूहिक चुदाई की फिल्म चल रही थी तो दूसरी ओर दो बेडों पर एक साथ एक जैसी लाइव चुदाई चल रही थी।
दोस्तो, यदि आप उस दृश्य को देखते तो एक ही मिनट में बिना कुछ किये ही झड़ जाते।
फिर चरमोत्कर्ष का वो प्रतीक्षित समय भी आ गया जब नीचे से कमल के धक्कों की गति बढ़ने लगी और उनके चेहरे के भाव बदलने लगे।
यह देख उधर राजन ने भी अपने धक्कों की गति बढ़ा दी और मैंने व नेहा भाभी ने भी ताल से ताल मिलाते हुए अपना अंदाज बदल दिया।
तभी हम चारों एक साथ चरम पर पहुँचे और अपना-अपना जीवन अमृत उड़ेल दिया।
बहुत देर तक हम अपने-अपने पतियों के साथ उसी मुद्रा में लिपटे पड़े रहीं, हमारी सांसों की गति सामान्य होने में बहुत समय लगा।
फिर हम लोग नग्न ही बाथरूम गए, सफाई के बाद मैं और नेहा भाभी रसोई से गर्मागर्म दूध लाईं और अपने-अपने पतियों की गोद में बैठकर दूध पिया और पतियों को पिलाया।अंत में राजन के आग्रह पर हमने दूध के गिलास बदल लिए तो हमारे गिलास से नेहा भाभी-राजन ने, और उनके गिलास से कमल और मैंने दूध पिया।
इस तरह ‘अदला बदली’ की शुरुआत भी हो गई।
फिर हम सब अपने-अपने बिस्तर में लेटकर आराम करने लगे।
दोनों दम्पति अपने-अपने बिस्तर पर आराम कर रहे थे किन्तु किसी को भी नींद नहीं आ रही थी।
मैंने गौर किया कि नेहा भाभी सामूहिक सुख के बाद बहुत खुश थीं और दूध की अदला-बदली के बाद तो उनकी प्रसन्नता छिपाए नहीं छिप रही थी, उनके अंग-प्रत्यंग से मादकता टपक रही थी, वे कुछ अधिक ही उत्सुक लग रही थीं।
नींद न आने से हम लोगों ने बातचीत शुरू कर दी।
नेहा भाभी- हम लोगों ने जीवन में सम्भोग तो बहुत किया और मजा भी बहुत लिया, किन्तु आज जैसा मजा कभी भी नहीं आया, ऐसा क्यों शीलू?
कमल- भाभी, संसार के सभी मनुष्यों को सम्भोग की क्रिया देखने में करने से अधिक मजा आता है चाहे उसकी उम्र कुछ भी हो… दो साल का बच्चा भी किसी को सेक्स करते देखे तो स्तब्ध रह जाता है। हम किसी पशु या पक्षी को भी सेक्स करते देखें तो मजा आता है फिर अपने सामने दोस्तों का नग्न चोदन यानि सेक्स इतने पास से देखने में तो इतना मजा आना ही था।
नेहा- दूर से बात करना ठीक नहीं लग रहा, क्यों ना दोनों बिस्तर जोड़ लें?
कमल- हाँ ये ठीक रहेगा।
फिर हम लोगों ने दोनों बिस्तर एक साथ जोड़ लिए और एकदम पास-पास हो गए, एक किनारे मैं थी फिर कमल उनके बगल में नेहा भाभी और फिर राजन!अब हम सब एक दूसरे से सटे हुए थे और फिर से रोमांचित होने लगे थे।
मैं- यदि एक दूसरे को दूर से देखते हुए सेक्स में इतना मजा आता है तो एक दूसरे को छूते हुए और पार्टनर बदल कर सेक्स में कितना आएगा?राजन- इसमें तो इतना मजा आएगा कि किसी ने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।
नेहा- लिंग और योनि तो वही होती है तो साथी बदलने से क्या फर्क पड़ता है?
राजन- हर योनि की बनावट और कसावट में अंतर होता है, इसी तरह हर लिंग के आकार और सुपाड़े की बनावट में बहुत अंतर होता है जो अलग तरह का स्पर्श सुख देता है। जैसे मेरा लिंग कुछ अधिक लम्बा है और उसका नोकदार सुपाड़ा योनि में क्रमशः जगह बनाते हुए घुसता है तो अलग मजा देता है, पर कमल के लिंग की मोटाई अद्भुत है और उसका मशरूम जैसा सुपाड़ा पूरी मोटाई से घुसता है और योनि की गहराइयों में जाकर ऐसा फिट होता है कि योनि को पूरा भर देता है।फिर साथी बदलने का बिलकुल ही अलग अहसास होता है जो मनुष्य को अद्भुत रोमांच से भर देता है, स्वाद बदलना सभी को रोमांचित करता है।
इतनी बातों से हम सभी गर्म होने लगे थे और अपने-अपने साथी के साथ अठखेलियाँ करने लगे।कमल और मैं आपस में चिपके हुए एक दूसरे को चूम, चाट व सहला रहे थे तो राजन व नेहा दोगुने जोश में वही सब कर रहे थे।धीरे-धीरे हम सब एक बार फिर एक दूसरे के कपड़े उतार कर नग्न हो गए।
बीच-बीच में हमारा बदन दूसरे जोड़े के बदन से छू जाता तो रोमांच और बढ़ जाता था। नेहा भाभी तो जानबूझ कर कमल को छू रही थी और उनसे चिपकने की कोशिश करती थी।कमरे का वातावरण बहुत कामुक हो गया था, चार जवां बदन कामुकता के खेल में लीन थे।नेहा भाभी अधिक ही गर्म हो चुकी थीं, वे बार-बार कमल से चिपकने लगती थीं।
सही मौका देख राजन ने कमल का हाथ पकड़ कर नेहा के स्तनों पर लगा दिया। कमल अपने कलात्मक अंदाज में उनके स्तनों को सहलाने व दबाने लगे।
नेहा की मस्ती और बढ़ गई, वो आँखें बंद कर कमल का चुम्बन लेने लगी। थोड़ी ही देर में नेहा का हाथ कमल के लिंग पर आ गया और उसे मस्ती से सहलाने लगी।
कमल नेहा के स्तन चूसने लगे तो नेहा मस्ती में आकर कमल का मस्त मोटा लंड जोर से दबाने लगी। फिर वो कमल के मस्त लौड़े को चूमने, चाटने लगी तो राजन मेरी ओर आ गए और मेरी रसीली चूत चाटने लगे।
क्या अद्भुत दृश्य था!एक ही बिस्तर पर नेहा भाभी कमल का लंड चूस रही थीं तो राजन मेरी चूत चाट रहे थे।
फिर राजन और मैं 69 की अवस्था में आ गए तो नेहा कमल भी इसी पोजीशन में हो लिए। मैं नीचे से राजन का 7 इन्च का मस्त नोकदार लंड चूस रही थी तो राजन ऊपर से मेरी रसभरी चूत चाट रहे थे।
उधर कमल नीचे और नेहा ऊपर से एक दूसरे को मुखमैथुन का आनन्द दे रहे थे। मैं तो यह मजेदार दृश्य देख कर ही झड़ने लगी थी, यही स्थिति नेहा भाभी की हो रही थी। हमारी उत्तेजना बढती जा रही थी, अब वो पल दूर नहीं था जिसका हम सबको बेसब्री से इन्तजार था यानि हमारा पहला अदला-बदली परमानन्दम्…
मैंने गौर किया कि राजन का लिंग आज पहले की अपेक्षा ज्यादा लम्बा, मोटा और सख्त हो गया था। शायद अपनी आँखों के सामने अपनी प्यारी पत्नी को अपने प्रिय मित्र के साथ मजा लेते हुए देखने के कारण वो अपने जीवन के सर्वाधिक उत्तेजना के शिखर पर था।
नेहा भाभी तो उत्तेजना के चरमोत्कर्ष पर थीं, आज वे ऐसा आनन्द ले रही थीं जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की होगी। यह नेहा भाभी के जीवन का प्रथम अवसर था जब वे अपने पति के अलावा किसी और मर्द के साथ संसर्ग कर रही थीं।
ठीक यही स्थिति कमल की भी थी।
राजन उन दोनों को बहुत बारीकी से वाच कर रहे थे, वे दोनों उत्तेजना के चरम पर थे अतः उन्होंने सही मौका देखा तो मेरे से अलग हो गए और कमल-नेहा का सहयोग करने में लग गए।राजन ने बड़े प्यार से नेहा भाभी को उनके मस्तक, नेत्रों और गालों पर चूमा, उनका सिर गोदी में लेकर बैठ गए और बड़े प्यार से उनके स्तनों को सहलाने लगे फिर मुझे इशारा किया तो मैंने कमल को प्यार किया उनके मद-मस्त हो रहे लिंग को प्यार से चूमा।
मुझे महसूस हुआ कि उनका लंड आज जीवन के सर्वाधिक उभार पर था आज तक कभी भी कमल का लंड इतना मस्त और सख्त नहीं हुआ था।
कमल के मस्त लंड को बड़े ही प्यार से चूमते-चाटते हुए मैंने अपने हाथों से नेहा भाभी की आमंत्रित करती हुई रसीली छबीली चूत के खुले मुंह में लगा दिया।
नेहा भाभी का चेहरा मस्ती व उत्तेजना में लाल सुर्ख हो गया था।
फिर कमल ने राजन और मेरी ओर देखा तो हमने सहमति में सिर हिला दिया, जो कमल के लिए हरी झंडी थी। उन्होंने धीरे-धीरे नेहा भाभी की चूत महारानी में अपने लंड महाराज का प्रवेश कराना शुरू किया, नेहा भाभी थोड़ी कसमसाई तो राजन ने उनको जकड़ लिया और प्यार करने लगे।जब पूरा लिंग प्रवेश हो गया तो नेहा भाभी मुस्कुराईं और हमें इशारा किया, अब वे खुद चुदाई का आनन्द लेने के साथ हमारी चुदाई देखने का भी आनन्द लेना चाह रही थीं।उन्होंने मुझे व राजन को चूमा और चुदाई शुरू करने की अनुमति दी।
राजन ने अपना मस्त मजेदार 8 इंची नोकदार लंड नेहा भाभी को चुसाया तो कमल ने मेरी रसभरी चूत को बड़े ही प्यार से चाट कर मुझे राजन का लंड लेने की अनुमति दी।
अब राजन ने मुझे नेहा भाभी के बगल में लिटाया और प्यार से अपना मतवाला लंड मेरी प्यासी चूत के हवाले कर दिया जो गपक-गपक कर बड़ी मस्ती से उसको अपने अन्दर समा लेने की कोशिश करने लगी।
अब बिस्तर में बड़ा ही मस्त नजारा था, मैं और नेहा भाभी एक दूसरे से बिल्कुल सट कर लेटी हुई थीं, मेरे पतिदेव का मस्त लंड नेहा भाभी की रसीली शर्मीली चूत को जन्नत का मजा दे रहा था तो उनके पतिदेव का जानदार शानदार लंड मेरी रसभरी प्यासी चूत को सातों स्वर्गों का अपूर्व सुख प्रदान कर रहा था।
मैं और नेहा भाभी आपस में एक दूसरे का हाथ पकड़े हुए थीं। तो कमल व राजन भी बीच-बीच में एक दूसरे को ठोंक कर एक दूजे का उत्साह बढ़ा रहे थे।
चुदाई का रोमांच चरम पर था, दोनों मर्द तूफानी गति से धक्के पर धक्के लगा रहे थे तो नीचे से मैं व नेहा भाभी भी ताल से ताल मिलाकर उनका भरपूर साथ दे रहे थे।
मैं तो कई बार झड़ चुकी थी, नेहा भाभी की शर्मीली चूत भी किसी पहाड़ी झरने की तरह रस बहा रही थी, किन्तु लगता था कि दोनों मर्द शर्त लगाकर चोद रहे थे और कोई भी हार मानने को तैयार नहीं था।
कुछ देर बाद कमल थकने लगे तो राजन बोले- अब हम दोनों नीचे लेटते हैं और हमारी पत्नियाँ ऊपर से चुदाई करेंगी।
अब मैं व नेहा भाभी ऊपर आ गईं एवं एक दूजे के पतियों के लंड अपनी चूतों में ले कर ऊपर से चुदाई करने लगीं।कभी हम ऊपर से चोदते तो कभी हमारे पति!दोस्तो, इस तरह उस रात जिंदगी की सबसे लम्बी चुदाई चली। चुदाई में इतना आनन्द परमानन्द प्राप्त हो रहा था कि उसका शब्दों में वर्णन कर पाना असंभव है।अंत में सब लोग झड़े और थक कर एक साथ लिपट के सोने लगे, अब हम चारों में कोई भेद नहीं था, कोई भी नहीं समझ सकता था कि कौन किसका पति और कौन किसकी पत्नी है।
रात में हमें बहुत मस्त एवं संतोषजनक नींद आई, सुबह से नेहा भाभी एकदम बदली हुई नजर आ रही थीं, उनके चेहरे पर अभूतपूर्व ख़ुशी दिख रही थी, वे पूर्णरूपेण बदल चुकी थीं, रात की चुदाई का प्रभाव उनके अंग प्रत्यंग से छलक रहा था, नेहा भाभी किसी मदमस्त हिरनी की तरह कुलांचें भर रही थीं, अब वे खुल कर हर तरह की चुदाई का आनन्द लेने को तैयार थीं।
कमल और राजन ऑफिस जा चुके थे, घर पर हम दोनों ही थीं कि अचानक नेहा भाभी ने पीछे से आकर मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और जकड़ कर मुझे चूमने लगीं।
मैं अचानक हुए इस हमले के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थी और अचकचा गई।
नेहा भाभी मुझे चूमते हुए बोलीं- हाय शीलू मेरी जान ! तुम कितनी अच्छी हो तुमने मुझे जन्नत से भी अच्छा मजा दिलाया। मैं तुमसे बहुत खुश हूँ, बोलो तुम्हें मैं क्या गिफ्ट दूँ?
मैं- भाभी, बस आप खुश रहें और ऐसे ही मजे लेती रहें और मुझे कुछ नहीं चाहिए!
नेहा भाभी- सच मेरी जान ! तुम वाकयी बहुत अच्छी हो !और उन्होंने जोर से मेरे स्तन दबा दिए.
मैं- बस भाभी, ज्यादा मक्खन मत लगाइए, अपनी बताइए आपको और क्या चाहिए?इतना बोलते हुए मैं भी उनके स्तन दबाने लगी।
नेहा भाभी- शीलू जान, तुम तो ऐसा मजा लेती ही रहती हो, आज मुझे कुछ ऐसा मजा दिलाओ जो कभी मैंने सपने में भी न सोचा हो।
मैं- ठीक है भाभी, रात को तैयार रहना आज मैं आपको ऐसा मजा दिलाऊँगी कि आप मजे में पागल होने लगेंगी।और मैंने उनकी गाण्ड की दरार में ऊँगली घुसेड़ दी।वो मजे से चिहुंक उठीं और मेरी चूत दबाने सहलाने लगीं।
हम दोनों बहुत देर तक एक दूसरे से लिपट कर मस्ती करती रहीं, फिर घर के काम निपटाए और रात का इंतजार करने लगी।
मैंने मन ही मन रात की योजना बनाई और कमल व राजन को भी बता दिया, वे दोनों भी ख़ुशी-ख़ुशी तैयार हो गए।
कमल ने मुझे बताया था कि उनके बॉस बहुत कामुक प्रवृत्ति के इन्सान हैं और उनको पार्टी देने व घर बुलाने के लिए बोलते रहते हैं, मैंने कमल से उनके बॉस को बुलाने का आग्रह किया, उन्होंने अपने बॉस से मोबाइल पर बात की किन्तु शहर से बाहर होने के कारण वो नहीं आ सके।
रात हुई तो सभी गेस्ट रूम पहुँचे, कमल व राजन टीवी देखने लगे, मैं व नेहा भाभी बिस्तर पर लेटे हुए आराम करने लगी।
कुछ देर में टीवी में ब्लू फिल्म लगा कर वे दोनों भी बिस्तर पर आ गए।
अब वातावरण में गर्मी आने लगी थी, टीवी में सामूहिक चुदाई की फिल्म चल रही थी और बिस्तर पर हम चारों एक दूजे को स्पर्श, चुम्बन, आलिंगन एवं मसाज का सुख प्रदान कर रहे थे।
अब हमारे बीच कोई पर्दा नहीं था, मैं राजन के साथ मजे ले रही थी तो नेहा भाभी मेरे पतिदेव के साथ आनन्द प्राप्त कर रही थीं।
फिर मैंने नेहा भाभी के कपड़े उतार कर उन्हें नंगी कर दिया तो उन्होंने मेरे कपड़े भी उतार फेंके। फिर हम दोनों ने मिलकर राजन और कमल को नग्न कर दिया।पूरा कमरा बेहद कामुक हो गया था.
मैंने बोला कि आज नेहा भाभी को कुछ अलग मजा देना है तो आज सभी मेरे कहे अनुसार चलेंगे।
कमल व राजन दोनों ने हामी भर दी। अब हम तीनों नेहा भाभी पर टूट पड़े, कमल उनका दाहिना मम्मा दोनों हाथों से पकड़ कर दबाने और मुंह में भरकर चूसने लगे तो राजन उनका बांयां मम्मा दबाने और चूसने लगे।
नेहा भाभी आँखें बंद कर जन्नत का मजा लूट रही थीं।
उनका मजा बढ़ाने के लिये मैं उनकी रस भरी चूत चाटने लगी और साथ ही ऊँगली डाल कर अन्दर बाहर करने लगी।
मेरे लिए किसी की चूत चाटने का यह पहला अवसर था और इसमें मुझे बहुत मजा आ रहा था।
उनकी रसीली चूत बहुत ही स्वादिष्ट और नशीली थी, चूत का रस चाटने से मुझ पर शराब सा नशा छाने लगा, साथ ही उनकी नशीली गाण्ड की मादक खुशबू भी आमंत्रित कर रही थी तो मैं बीच-बीच में उनकी गांड भी चाटने लगी और उसमें भी उंगली डालकर मजा लेने लगी।
अचानक नेहा भाभी बोलीं- हाय शीलू जान ! मैंने आज तक किसी की चूत नहीं चाटी मैं भी चूत चाटने का मजा लेना चाहती हूँ!
तो वे मेरी रसभरी चूत चाटने लगीं, कमल उनकी रसीली चूत चाट रहे थे और राजन अपना मस्त नुकीले सुपाड़ा वाला मोटा हलब्बी लंड मुझे चटवाने लगे।
उस मादक वातावरण में हम काफ़ी देर तक इसी तरह अदल-बदल कर तरह-तरह का मजा लेते रहे, कभी राजन अपना मस्त लंड मेरी रसीली चूत में डालते तो कमल अपना फौलादी लंड नेहा भाभी की नशीली चूत घुसेड़ कर चोदते।
मैं और नेहा भाभी कई बार झड़ चुकी थीं किन्तु कमल व राजन ने तो जैसे सारी रात न झड़ने की कसम खा रखी थी।
मैं इस ताबड़तोड़ चुदाई से थक गई तो मैंने पूरा ध्यान नेहा भाभी की ओर करने का निश्चय किया। अब मैंने अपने प्यारे पतिदेव को सीधा लिटाया और उनके मतवाले लंड पर नेहा भाभी की गीली चूत सेट कर ऊपर से बैठा दिया, फिर राजन को इशारा किया तो वे पीछे से आकर अपना मस्त नोकदार लंड धीरे-धीरे नेहा भाभी की कसी हुई गांड में डालने लगे।
अब नेहा भाभी एक साथ दो लंडों का मजा ले रही थीं।
उन दोनों ने धीरे धीरे चुदाई शुरू की और ताल से ताल मिलाते हुए धक्के लगाने लगे।
मुझे इस सामूहिक चुदाई के अनोखे दृश्य को देखकर परमसुख मिल रहा था।
अब नेहा भाभी की चूत और गाण्ड की एक साथ पूरी गति से ताबड़तोड़ चुदाई चल रही थी।
मुझे भी चूत में सुरसुरी सी होने लगी तो मैंने अपनी चूत नेहा भाभी के मुख पर सेट कर दी। ऐसा लगा कि वे इसी अवसर की तलाश में थीं, उन्होंने अपनी पूरी जीभ मेरी चूत में डाल दी और मस्ती के साथ मेरी चूत को अपनी जीभ से चोदने लगीं।
कमरे में बहुत मादक वातावरण हो गया, एक ओर हमारी सजीव चुदाई का मधुर संगीत गूँज रहा था तो दूसरी तरफ टीवी पर चल रही ब्लू फिल्म की कामुक आवाजें और भी उत्तेजना बढ़ा रही थीं।
कुछ ही देर में हम सब एक साथ चरमोत्कर्ष पर पहुँचने लगे, कमल ने नेहा भाभी की रसभरी चूत में जबरदस्त धक्के के साथ पिचकारी छोड़ दी तो राजन भी उनकी कसी हुई गांड में जोरदार धक्कों के साथ झड़ने लगे।
मैंने भी अपना अमृत रस नेहा भाभी के मुँह में छोड़ दिया।
फिर सभी निढाल होकर लेट गए और अपनी सांसों को नियंत्रित करने करने लगे।
फिर हम सबने एक साथ दूध पिया और एक दूसरे से लिपट कर आराम करने लगे और नींद की आगोश में चले गए।दोस्तो, आपको यह कहानी कैसी लगी जरूर बताइयेगा, मुझे आप सबकी प्रतिक्रियाओं का इन्तजार रहेगा!
आप की शिलु।
nice story. pani nikal gaya.