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अधेड़ टीचर की चुत चुदाई उसी के घर में - Hindi Sex Stories

मेरा नाम अर्श है. मैं पंजाब के जालंधर का रहने वाला हूँ.

आज मेरी उम्र 26 साल है और हाइट 5.7 फीट है.

मैं देखने में बहुत आकर्षक बंदा लगता हूँ.


यह मेच्योर सेक्स कहानी आज से तीन साल पहले की है.

तब मेरा सिलेक्शन स्कूल लेक्चरर के पद पर हुआ था.


मैं बहुत खुश था, क्योंकि पहली पोस्टिंग महोली के पास एक गांव में हुई.


मैं महोली में ही कमरा लेकर शिफ्ट हो गया.

सब कुछ अच्छा चल रहा था.


मैं रोज बस से स्कूल जाता था.

उस गांव के रूट पर केवल एक ही बस थी इसलिए काफी भीड़ रहती थी.


दो-तीन दिन बाद मेरी सीट के पास एक हेल्दी सी लेडी बैठी.

उन्होंने पंजाबी सूट पहना था और वे दिखने में बहुत सुंदर थीं!

उनकी उम्र करीब 45-46 साल होगी और उनके बूब्स शायद 36 या 38 साइज के होंगे.


मुझे अचानक से उनके प्रति कामभाव जाग गया और मैं एकटक उनके दूध देखने लगा.


वे भी बेध्यानी में अपने दूध उघाड़े हुई बैठी थीं.

मतलब उनका दुपट्टा उनके वक्ष स्थल पर नहीं था.


बस का सफर 40 मिनट का था.

जब कभी बस हिचकोला खाती तो मैडम के दोनों दूध मस्त हिलते थे.


अचानक से उनकी नजर मुझ पर पड़ी तो मैंने अपनी नजरें उनके मम्मों से हटा कर उनकी आँखों में ही डाल दीं.


उस वक्त मेरे दिमाग में कुछ नहीं चल रहा था, बस यह सब वैसे ही था जैसे आमतौर पर किसी हॉट लड़की को देख कर किसी लड़के के मन में सिर्फ आंखों से चोदने का भाव आता है.


शायद वे कुछ समझ गई थीं तो कुछ नहीं बोलीं.

तभी कुछ जगह बनी तो मैं उनके नजदीक को सरकता हुआ आ गया.


इस तरह से धीरे-धीरे हम दोनों नजदीक आने लगे.


फिर बैठने का मौका मिला तो मैं मैडम के बाजू में ही बैठ गया.


अब मैंने अपनी कोहनी उनके बूब्स पर लगा दी.

उन्होंने कुछ नहीं कहा.


मैंने धीरे-धीरे अपनी उंगलियों से उनके बूब्स दबाए.

तभी उन्होंने गुस्से से मेरी तरफ देखा, तो मैं दूर हो गया.


थोड़ी देर बाद मैं बस से उतर गया.


मैं उनके बारे में सोचने लगा.


रात को उन्हीं को याद करके मैंने मोबाइल में पॉर्न देखी और मुठ मार कर खुद को ढीला कर लिया.


वे रोज मुझे बस में मिलती थीं.

लेकिन बात करने की हिम्मत नहीं हो रही थी.


एक दिन मैं बस में लेट हो गया और काफी भीड़ थी.


वे मेरे पास आकर खड़ी हो गईं.

मैंने अपनी सीट उन्हें ऑफर की.

वे बैठ गईं और मुझे थैंक्यू बोलीं.


फिर उन्होंने मेरे बारे में पूछा.

तब पता चला कि वे भी स्कूल लेक्चरर हैं.


वे मेरे स्कूल के नजदीक वाले स्कूल में पढ़ाती थीं.


उन्होंने कहा- तुम बात नहीं करते!

मैंने मजाक में कहा- आप गुस्से से देखती हो!

वे हँसने लगीं.


मैं उनके पास खड़ा था.

अब मेरा लंड खड़ा होने लगा.


मेरा लंड उनकी बांह पर टच हो रहा था, लेकिन आज वे स्माइल दे रही थीं.


फिर रोज हम पास-पास सीट पर बैठने लगे.


उनका नाम रीमा था.

उन्होंने बताया कि उनके हसबैंड रेलवे में ऑफिसर हैं और उनकी पोस्टिंग दिल्ली में है. उनके एक बेटा और एक बेटी हैं, जो यहीं रहते हैं.


अब मैं कभी-कभी मौके का फायदा उठाकर उनके बूब्स दबा देता. कभी उनकी गांड पर हाथ लगा देता और वे बस स्माइल दे देतीं.

इससे आगे कोई बात नहीं बढ़ रही थी.


फिर हम दोनों ने नंबर भी एक्सचेंज कर लिए.


धीरे-धीरे हमारी बातें होने लगीं.

पहले पहल हल्की फुल्की बातें हुई’ फिर सेक्स की बातें होने लगीं.


कुछ दिन बाद खुली खुली चुदाई की बातें होने लगीं.

वे बड़ी दिल फेंक औरत थीं.


फिर एक दिन उनका कॉल आया- बेटे का बर्थडे है, घर आओ!

मैंने कहा- अच्छी वाली पार्टी करनी पड़ेगी!

वे हँसने लगीं.


अगले दिन शाम को मैं उनके घर गया.


कुछ मेहमान आए थे.


पार्टी के बाद जब मैं जाने लगा, तो वे बोलीं- अच्छी वाली पार्टी तो अभी शुरू हुई है!

उन्होंने मुझे रुकने को कहा.


सभी गेस्ट चले गए.

वे अपने घर पर भी एकदम खुली थीं.


उनका बेटा व्हिस्की की बोतल लाया और दे कर चला गया.

मैं चौंक गया.


मैंने पूछा- आप पीती हो?

वे बोलीं- कभी-कभी हसबैंड के साथ!


उन्होंने दो पैग बनाए.


म्यूजिक बज रहा था और हम बातें करते रहे.

धीरे धीरे हम दोनों ने चार चार पैग गटक लिए थे.


उनके ब/च्चे सो गए थे.


वे हमेशा सूट पहनती थीं लेकिन आज लेट नाइट पार्टी के बाद उन्होंने टी-शर्ट और शॉर्ट्स पहन लिए.


उनके बूब्स बहुत मस्त लग रहे थे और उनकी गांड बहुत मोटी थी.

मेरा लंड खड़ा हो गया.


मैंने कहा- आओ, डांस करते हैं!

वे हँसने लगीं और मान गईं.


मैंने रोमांटिक सॉन्ग लगाया.

हम दोनों कपल डांस करने लगे.


मैंने उनकी गांड पर हाथ रख लिया.

हम दोनों न/शे में थे.


वे बोलीं- बस में तो बूब्स दबाते हो, अब नहीं दबाओगे?


ये सुनकर मैं खुश हो गया.

मैं उनके बूब्स पर टूट पड़ा.


वे बोलीं- यहां नहीं, बेडरूम में चलो!


हम दोनों अन्दर आ गए.


सबसे पहले मैंने उनकी टी-शर्ट उतारी.

मैंने इतने बड़े बूब्स नंगे पहली बार देखे थे.


मैं उनके दोनों बूब्स दबाने और चूसने लगा.


फिर मैंने उनका शॉर्ट्स उतार दिया.

उनकी चूत और गांड को प्यार से दबाया.


वे बोलीं- अर्श, अपना लंड तो दिखाओ! मैं तरस रही हूँ इसे देखने के लिए!


मैंने जैसे ही पैंट उतारी, वे मेरे लम्बे मोटे लंड पर टूट पड़ीं ‘आह … मुझे लंड चूसना बहुत पसंद है!’

रीमा ने मेरे लंड को मुँह में लिया. वे पागलों की तरह चूसने लगीं.


थोड़ा रुक कर Xxx मेच्योर लेडी ने पूछा- क्या तुमने पहले कभी सेक्स किया है, लंड चुसवाया है?

मैं बोला- हां पहले मेरी एक गर्लफ्रेंड भी थी लेकिन वह मेरा लंड नहीं चूसती थी!

वे कहने लगीं- वह भोंसड़ी की चूतिया होगी. उसे लौड़े चूसने का मजा ही नहीं मालूम होगा.


मैंने कहा- हां सच में … आप बहुत अच्छे से चूसती हो!

वे हंस दीं.


मैंने कहा- जरा टट्टे भी चूसो न!

वे मेरे दोनों टट्टों को सहलाती हुई अपनी जुबान की नोक से सहला देतीं और झट से एक गोले को मुँह में अन्दर भर कर किसी टॉफी की तरह चूसने लगतीं.


पहली बार किसी ने मेरा लंड इतने मजे से चूसा था.


फिर हम दोनों Xxx 69 पोजीशन में आ गए.


मैंने अपनी जीभ उनकी चूत में डाल दी.

उनकी चुत से मस्त एप्पल फ्लेवर वाली खुशबू आ रही थी.


मैंने कहा- आपकी चुत से सेब की महक आ रही है!

वे हंस कर बोलीं- हां आज चुत में सेब की फाँकें रगड़ी थीं न!


मैं हंस दिया तो वे भी हो हो करके हंसने लगीं.

वे लंड चूसती हुई पागल हो रही थीं.


कुछ मिनट तक मैंने उनकी चूत चाटी, उतने में ही वे अकड़ गईं और उनका पानी निकल गया.


अब वे जोर-जोर से सीत्कार करने लगीं.


वे बोलीं- अब अपने लंड को मेरी इस चूत में डाल दो!

मैंने कहा- इतनी क्या जल्दी है?


वे बोलीं- मेरे हसबैंड हर वीक आते हैं, सेक्स भी अच्छा करते हैं, लेकिन ऐसा फोरप्ले कभी नहीं करते! ना लंड चूसने देते हैं, ना चूत चाटते हैं! आज पहली बार किसी ने मेरी चूत चाटी है!


फिर मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और मैंने अपना मोटा लंड उनकी चूत में डाल दिया.

मैं तेज-तेज धक्के मारने लगा.


कोई 15-20 मिनट बाद उनका पानी निकल गया लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ था.


मैंने कहा- डॉगी स्टाइल में करते हैं!

वे चौंक गईं.


मैंने उन्हें डॉगी स्टाइल में लिया और चूत में लंड डाल दिया.


जैसे ही मैंने पूरा लंड डाला, उनकी चीख निकल गई.

वे जोर-जोर से मोन करने लगीं.


कुछ मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना पानी उनकी चूत में डाल दिया.


वे बहुत खुश लग रही थीं.

उनका दो बार पानी निकल चुका था.

हम दोनों नंगे ही लेट गए.


फिर वे कपड़े पहनने लगीं.


मैंने कहा- अभी इतनी जल्दी क्या है! अभी तो तुम्हारी गांड भी मारूँगा!


वे बोलीं- नहीं, मैंने कभी नहीं किया!


थोड़ी देर इधर-उधर की बातें करने के बाद मैंने कहा- डॉगी स्टाइल में आ जाओ!


सचमुच आंटी की गांड बहुत टाइट थी.


जब थोड़ा सा लंड अन्दर डाला, तो वे दर्द से आगे को भागने लगीं.

मैंने उनसे वैसलीन लाने को कहा.


थोड़ी वैसलीन लंड पर और थोड़ी उनकी गांड के होल पर लगाई.


फिर उनकी गांड की चुदाई शुरू की.


पहले उन्हें दर्द हुआ लेकिन बाद में वे भी मजे लेने लगीं.


उन्होंने बताया- मुझे जीवन में ये सुख पहली बार मिला है!


हम चिपक कर सो गए.


फिर हमने दो साल तक खूब चुदाई की.


वे हर हफ्ते मेरे फ्लैट पर आती थीं.


अब मेरा ट्रांसफर लुधियाना के पास हो गया है.


अब जब वे बुलाती हैं, मैं उनकी चुदाई करने चला जाता हूँ.

प्लीज बताओ कि मेरी यह Hindi Sex Stories कैसी लगी.

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