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किराये के मकान पर कामवाली की चुदाई

इंडियन मेड पोर्न कहानी में मैंने किराये के घर में अपनी जवान कामवाली की चूत मारी. मैं वहां अकेला रहता था. मैंने जो कामवाली रखी वो बहुत सेक्सी फिगर वाली थी।

दोस्तो, मेरा नाम पंकज है। मैं गुजरात के वलसाड जिले में रहता हूँ।मैंने सिविल इंजीनियरिंग कर रखी है और यहीं वलसाड में मेरा एक प्रोजेक्ट चल रहा था।

कॉलेज खत्म हुए 6 महीने ही हुए थे।मेरी जिदंगी को मैं अच्छे से एन्जॉय कर रहा था।मेरी एक गर्लफ्रेंड भी है जो कॉलेज के आखिरी साल में है।वह कॉलेज हॉस्टल में ही रहती है।गर्लफ्रेंड के साथ हफ्ते में 3-4 बार तो चुदाई का प्रोग्राम बन ही जाता था।

और मैं आज आपके लिए एक सत्य सेक्स घटना ले कर आया हूँ।जिसमें मैं बताऊंगा कि कैसे मैंने किराये के मकान पर कामवाली बाई को सेट करके उसकी चुदाई की।

आशा है मेरी इंडियन मेड पोर्न कहानी आप सबको पसंद आएगी।मुझे मेल और कमेंट करके जरूर बताइएगा।

एक दिन मैनेजर ने मुझे ऑफिस में बुलाया और कहा कि यहां चल रहा प्रोजेक्ट मैंने बहुत अच्छे से संभाला और सूरत में एक जरूरी प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है तो अगले हफ्ते से सूरत जाना होगा।

यह सुनकर मैं भी खुश था कि करियर में प्रोग्रेस हो रही है।और सूरत जैसी बड़ी सिटी में एक्सपोज़र भी अच्छा मिलेगा।

लेकिन ट्रेन में रोज अप-डाउन करना मुश्किल लग रहा था।इसलिए मैंने वहीं पर किराये के लिए कोई मकान देखना शुरू किया।

मैं रविवार को घर देखने पहुंच गया।कई घर देखे लेकिन कोई पसंद नहीं आया।

सब जगह कोई न कोई शर्त मकान मालिक रख देता था- लेट नहीं आ सकते, लड़की नहीं ला सकते, नॉन वेज नहीं खा सकते, वगैरह-वगैरह।

मैं निराश होकर वलसाड लौटने के लिए स्टेशन आ रहा था कि इतने में एक अंकल का फोन आया।उन्होंने मुझे एड्रेस बताया और मैं वहां पहुंच गया।पहुंचने पर हमारा परिचय हुआ।

अंकल भी इंजीनियर थे और सूरत में ही नौकरी कर रहे थे।उनका नाम अनूप था; उम्र 40 के करीब होगी।

घर में 4 लोग रहते थे।अंकल-आंटी, उनके दो बच्चे।दोनों बच्चे स्कूल जाते थे।आंटी का नाम रूपा था।

उनका घर एक मंजिला ही था।ऊपर सिर्फ एक रूम के साथ किचन बनाया हुआ था, टॉयलेट-बाथरूम भी।

छत पर जाने के लिए सीढ़ी अलग से थी।अंकल खुले विचारों के थे; कोई शर्त नहीं थी उनकी।

दोस्त की वजह से किराया भी उन्होंने कम कर दिया था।मैंने तुंरत एडवांस दे दिया।

अगले दिन मुझे शिफ्ट होना था।

फिर वलसाड आकर घर पर सबको बताया और पैकिंग आरम्भ कर दी।

शाम को गर्लफ्रेंड के पास गया और गुडबाय सेक्स करके उसको हर संडे मिलने आने का कहा।वह भी उदास थी क्योंकि उसे अब 6.5 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लंड लेने की आदत पड़ गई थी जिसको वो मिस करने वाली थी।

सोमवार की सुबह मैं सूरत पहुंच गया।मैंने जाकर बेल बजाई तो आंटी ने दरवाजा खोला।

आंटी कड़क माल थी।उनकी भरी और उठी हुई गांड, बड़े बड़े बूब्स से ही पता लग जाता था कि अंकल ने काफी मेहनत की है उन पर!लेकिन मेरा पहला ही दिन था तो मैं खुद को कंट्रोल में रख रहा था।

मैंने सामान सेट किया और फिर आंटी के पास जाकर किसी कामवाली के लिए पूछा।आंटी ने उनकी ही कामवाली के लिए बोल दिया कि वही कर दिया करेगी।

कामवाली को आंटी ने अगले दिन आने के लिए बोल दिया।

अगली सुबह जब मैं ब्रश कर रहा था तो कामवाली आई।उसका नाम संगीता था।

मैंने उसके पूरे बदन को ताड़ा।उसका फिगर मस्त था, वो पूरा दिन काम करती थी, इसलिए फिगर एकदम मस्त था।उसने फिटिंग वाले कपड़े पहने थे जिसमें उसकी सुडौल गांड और बड़े बड़े चूचों की शेप खूब पता लग रही थी।

उसे देखकर तो मेरा लंड तभी खड़ा होने लगा था।

इस तरह से वह रोज सुबह आती और सफाई करके चली जाती।मैं 8.30 बजे ऑफिस निकल जाता था।फिर 15-20 दिन ऐसे ही निकल गए।

मैंने इतने दिनों में एक बार भी सेक्स नहीं किया था इसलिए अब मन करने लगा था।

कामवाली पर से मेरी नजर अब हटती नहीं थी और वह भी इस बात को नोटिस कर रही थी।

एक दिन की बात है कि मेरी ऑफिस की छुट्टी थी।उस दिन मैं देर तक सोता रहा।

संगीता आ गई।मैं उठकर दरवाजा खोलने चला गया।

जैसे ही दरवाजा खोला तो संगीता ने मुझे देखा।फिर वह एकदम से शरमाकर हंसते हुए अंदर चली गई।

मैंने देखा कि मेरा लंड शॉर्ट्स में तना हुआ दिख रहा था।मुझे उस वक्त तो थोड़ी शर्मिंदगी हुई.लेकिन बाद में सोचा कि अच्छा ही हुआ, उसको लंड का साइज दिख गया।इसलिए खुश हो रही होगी!

उस दिन के बाद से कामवाली ने भी इशारे देने शुरू कर दिए।अब वो कई बार अपने पल्लू को छाती से नीचे गिरा लेती थी और मेरे सामने झुक कर काम करती रहती थी।

मुझे उसके गोल गोल चूचों की घाटी अंदर तक दिखती रहती थी।अब मैं उसको देखकर बेकाबू सा होने लगता था।मन करता था कि चोद दूं उसको नंगी करके।

कई बार मैं भी उसके सामने अपने तने हुए लंड पर हाथ फेर कर सहला देता था।वह देख लेती थी लेकिन कुछ बोलती नहीं थी।

6-7 दिन ऐसे ही चला।अब मैं उसको पेलने की प्लानिंग करने लगा।

एक दिन वो मेरे सामने झुक कर पोछा लगा रही थी।मैं उसको देखकर लंड सहला रहा था।

वो भी मेरे लंड को ताड़ रही थी।हम दोनों बातें भी कर रहे थे।

फिर बातों बातों में पता लगा कि उसके पास एक लड़का है जो स्कूल जाता है।उसका पति फैक्ट्री में मजदूरी करता है जिसे दारू पीने की भी आदत है। दारू में वह काफी पैसे खर्च कर देता है और रात को पीकर आता है, और नशे में ही सो जाता है।

संगीता की बातों से वह यह बताने की कोशिश कर रही थी कि उसकी चुदाई नहीं होती है।मेरा काम अब और आसान लगने लगा था मुझे!

उस दिन मेरी छुट्टी थी तो मैंने उसको कपड़े धोने के लिए भी कह दिया।

जब वह कपड़े सुखाने लगी तो मैं भी मदद के बहाने उसके पास पहुंच गया, उसकी गांड और पीठ पर बहाने से छूने लगा।वह कोई विरोध नहीं दिखा रही थी जिससे मेरी हिम्मत बढ़ती गई।

मैं उसके पीछे जाकर खड़ा हो गया।जब भी वह बाल्टी में से कपड़े उठाने के लिए झुकती तो मैं लंड को उसकी गांड की दरार के बीच में सटा देता।

वह इससे गर्म सी होने लगी।

उसने अपना टॉप भी बहाने से उठा लिया जिससे उसकी गांड अब और ज्यादा दिखने लगी।मैं उसकी गांड को ताड़ रहा था।

वह बोली- क्या देख रहे हो आप?मैं बोला- जो तुम दिखा रही हो!

फिर वो खिलखिलाकर हंस दी और कपड़े सुखाने लगी।

मैंने पीछे खड़े हुए एक हाथ से उसकी गांड सहला दी।

उसने कोई विरोध नहीं जताया और हल्की सी आह भर ली।

अब उसने अपनी जांघों को थोड़ा और फैला लिया और मैंने इसी का मौका देख लंड उसकी गांड की दरार में सेट कर दिया।तो जब वह उठी तो मेरा लंड उसकी गांड की दरार में भिंच गया।

खड़ी होते ही मैंने उसके दूध पीछे से मसल दिए।वह मुझसे छूटने का जैसे नाटक सा करने लगी, बोली- कोई देख लेगा!

मैंने झट से उसको रूम के अंदर खींच लिया और दरवाजा बंद कर लिया।संगीता- यह क्या कर रहे हो? यह ठीक नहीं है?

मैं दोनों हाथों से उसकी गांड को खींच कर अपने लंड पर दबाते हुए- वही जो हम दोनों का मन कर रहा है। अगर तुम्हारा मन नहीं है तो रुक जाता हूँ।

संगीता कुछ नहीं बोली और मुझे ग्रीन सिगनल मिल गया।

फिर मैं उसकी गर्दन को चूमते हुए एक हाथ से उसके चूचे दबाने लगा।वह और उत्तेजित होकर सिसकारियां लेने लगी।

फिर मैंने अपने होंठ उसके होंठों पर रख दए और किस करने लगा।वह भी साथ देने लगी और अपनी चूत का दबाव मेरे लंड पर बनाने लगी।

फिर मैंने उसका टॉप और लेगिंग उतार दी।अब वह सिर्फ ब्रा और पैंटी मैं थी।

क्या गजब की फिगर थी उसकी!उसके बूब्स 36-38 के होंगे और उसकी गांड 38-40 की होगी।

उसको मैंने बेड पर धकेला और उसके ऊपर चढ़ कर जोर जोर से किस करने लगा और दोनों हाथों से दूधों को दबाने लगा।

संगीता- मैं एक घंटे के लिए यही पर हूँ। थोड़ा आराम से करो नहीं तो 5 मिनट में ही अकड़ निकल जाएगी।

मैं- अरे मेरी प्यारी चुदक्कड़ संगीता … मैं लम्बी रेस का घोडा हूँ, एक घंटा क्या, 2 भी कम पड़ेंगे शांत होने में। तू बस अपने सब दरवाजे खुले छोड़ दे!

संगीता- जब मैंने आपके लंड को चड्डी में खड़े हुए देखा था मैंने तो उसी दिन अपना मन बना लिया था कि जिसका चड्डी के अंदर इतना बड़ा हो, उससे चुदाई करवाने में कितना मज़ा आता होगा। मेरे पति का तो खड़ा ही नहीं होता। और होता है तो उस चूतिये को चूत चोदनी भी नहीं आती, खुद 2 मिनट में मज़ा लेकर सो जाता है और मैं अपनी जवानी की आग में तड़पती रहती हूं।

मैं- आज मैं तुम्हे ऐसा मज़ा दूंगा जो तुझे तेरी सुहागरात पर भी नहीं आया होगा।

फिर मैंने उसकी ब्रा और पैंटी निकाल दी और बेड पर बैठा लिया।मैंने खड़े होकर अपने कपड़े सब उतार दिए, अब मेरा लंड उसके चेहरे के एकदम करीब था।

संगीता- ऊई मा … इतना तगड़ा लंड! जैसे गरम रॉड हो, मेरे पति का तो इससे आधा भी नहीं होगा, और कितना मोटा है ये तो!मैं- साली रांड, आज मैं तेरी चूत का भोसड़ा बनाकर ही भेजूंगा, अब इस लंड को चाट कर गीला कर दे पूरा।

उसने दोनों हाथों से लंड को पकड़ कर मुँह में लिया और आधा लंड चूसने लगी।2 मिनट के बाद मैं ही उसके बाल पकड़ कर उसके मुँह में लंड के झटके लगाने लगा और पूरा लंड अंदर बाहर करने लगा।

जब भी लंड पूरा अंदर जाता, वह छटपटाने लगती और गूं गूं गूं गूं की आवाज करती।फिर उसको मजा आने लगा, वह खुद ही लंड को लोलीपॉप बनाकर चूसने लगी।

अब वो दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ कर लंड को मुँह में लेने लगी।अपनी जीभ से लंड को ऊपर से नीचे तक, आगे-पीछे चाटने लगती। कभी वह मेरी गोटियों को सहलाती और चाटती, तो कभी लंड को पूरा मुँह में धकेल कर गले में रोक लेती।

10 मिनट की चुसाई में मैं झड़ने को हो गया।मैंने दोनों हाथों से उसके बालों को पकड़ कर लंड को घुसा दिया अंदर … गले में फंसे हुए ही लंड से माल गिरने लगा।

सारा माल संगीता के गले में चला गया।उसने सारा माल गटक लिया, बोली- बहुत टाइम बाद इतना मजा आया!मैंने कहा- अभी तो बहुत मजा बाकी है।

मैंने उसे फिर बेड पर गिरा लिया, दोनों हाथों से बूब्स को मसलने लगा।मस्त नर्म चूचे थे उसके!

कभी मैं एक को दबाता तो दूसरे को मुंह में भर लेता।तो कभी दोनों को साथ में भींच देता जिससे वो आह्ह करके कराह जाती।कभी चूचे को मुंह में लिए हुए निप्पल पर जीभ से रगड़ देता।

ऐसे करते करते वह बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई।

फिर हम 69 पोजीशन में आ गए।वह मेरे लंड को चूसने लगी और मैं उसकी चूत को चाटने लगा।

बहुत मजा आ रहा था।

थोड़ी देर चुसाई करने के बाद मैंने उससे टांगें खोलने को कहा।अब उसकी गांड और चूत दोनों तक मेरी पहुंच हो गई।

मैंने जीभ नुकीली करके उसकी चूत में डाल दी।मैं जीभ को अंदर-बाहर व ऊपर नीचे करने लगा।वह गर्म होकर चूत को मुंह पर धकेलने लगी।

लग रहा था जैसे मेरा पूरा सिर ही अपनी चूत में ले लेगी।

उसने मेरे लंड को जोर जोर से चूसना शुरू कर दिया।वह ऊंह … ऊंह करके सिसकारी ले रही थी और जोर से लंड चूसे जा रही थी।

मैं जान गया कि वह झड़ने वाली है।मैंने जीभ की स्पीड बढ़ा दी और वो अगले एक मिनट में खाली हो गई।

फिर मैंने उसको बेड पर पीठ के बल लेटा दिया।

मैं उसके ऊपर आ कर किस कर ने लगा। वह भी मस्त साथ दे रही थी। इधर मेरा लंड बार बार उसकी चूत पर रगड़ रहा था जिससे वह फिर उत्तेजित हो गई।

संगीता- बस अब नहीं रहा जाता, डाल दो लंड को मेरी चूत में! बहुत दिनों से किसी ने अच्छे से पेला नहीं है।मैंने कन्डॉम लगाना शुरू किया तो उसने मना किया कि वो गोली ले लेगी लेकिन बिना कंडोम ही चुदेगी।

मेरी खुशी और उत्तेजना दोनों ही बढ़ गए।मैंने उसे किस करते हुए दोनों टांगों को चौड़ी फैला दिया; मैंने लंड के सुपारे को अब चूत के द्वार पर सेट कर दिया.

एक झटका दिया मैंने … जिससे लंड आधा अंदर चला गया।साली की चूत बहुत टाइट थी; लगा जैसे कोई नई नवेली चूत चोद रहा हूं।

लंड जाते ही वो चीखने लगी- आईईई मर गई ईई … आराम से … बहुत टाइम बाद चुद रही हूं.

मैंने एक हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया और बोला- चुप साली रंडी, नीचे कोई सुन लेगा। और दर्द के बाद तो फिर मजा ही मजा है।

फिर मैं लंड को घुसाए हुए ऐसे ही आगे पीछे करने लगा।मैंने होंठ उसके होंठों पर रख दिए और जोर का झटका मार दिया; मेरा लंड चूत की दीवारों को चौड़ी करते हुए अंदर तक घुस गया।

मैंने शरीर को ढीला छोड़ दिया और उसके ऊपर लेट गया।वह छटपटा रही थी लेकिन मेरे शरीर का वजन था तो हिल नहीं पा रही थी।

दो-तीन मिनट बाद मैंने लंड को हल्के से आगे पीछे करना शुरू किया।वह भी थोड़ा थोड़ा साथ देने लगी।

मैंने उसके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया।

अब उसका दर्द मज़े में बदल गया और वह जोर जोर से सिसकारियां लेने लगी- अम्म … आह्ह … हए … उफ्फ … अईई आह।मैंने झटके भी तेज कर दिए।

4-5 मिनट की चुदाई में ही उसकी चूत ने मेरे लंड को जकड़ना शुरू कर दिया।15-20 झटकों के बाद वह झड़ गई।

लंड और चूत में अब गजब की चिप चिप हो गई थी।

संगीता- आहह … मजा आ गया … बहुत टाइम के बाद ऐसी चुदाई की है किसी ने मेरी!मैं- चुदाई अभी बाकी है, तेरा तो हो गया, मेरा नहीं हुआ है!

संगीता- सही कहा था तुमने, लंबी रेस के घोड़े हो। बहुत मजा देते हो। आज से मैं तेरी, जितनी मर्जी चुदाई कर लेना।मैं- अरे मेरी सेक्सी रंडी, तेरे जिस्म को मैं अच्छे से मसलूंगा … आज तो पहली चुदाई है, आगे बहुत कुछ होगा तेरे साथ।

फिर मैंने उसको डॉगी पोजीशन में सेट किया और लंड से उसकी चूत पर चमाट मारने लगा।उसको मज़ा आने लगा।फिर मैंने लंड को चूत पर सेट करके धक्का दिया।

लंड चिकनी चूत में सट से चला गया।दोनों के मुंह से साथ में लम्बी आहह … निकली।

धीरे धीरे मैंने चुदाई शुरू की और फिर उसको तेजी से पेलने लगा।

जोर के झटके से संगीता को थोड़ा दर्द तो होता लेकिन मज़ा भी दोगुना मिलता, जिसमें वह दर्द को भूलकर चुदाई में मग्न हो जाती।वह गांड को मेरे लंड पर धकेल रही थी जिससे थप थप की आवाज हो रही थी।

अब मेरा भी होने वाला था तो मैंने भी संगीता की कमर छोड़ कर उसको डॉगी पोजीशन में किया और दोनों बूब्स को पकड़ कर मसलने लगा और झटके तेज कर दिए।उसे भी लगा कि मेरा होने वाला है तो वह भी और ज्यादा जोश के साथ अपनी गांड से मेरे लंड पर थप-थप करने लगी।

फिर मैंने 10-15 झटकों के बाद पूरा माल उसकी चूत में उड़ेल दिया।लंड जैसे ही बाहर निकला तो चूत के पानी के साथ लंड का पानी भी जांघों तक बह चला।

इंडियन मेड पोर्न के बाद हम बेड पर पड़े रहे और किस करते रहे।तब मुझे अहसास हुआ कि कोई दरवाजे के पास है।

मैं जाकर देखने लगा तो किसी के पैरों की आवाज नीचे जाती हुई सुनाई दी।संगीता कहने लगी- कहां चले?तो मैंने कहा- यहीं हूं।

मैंने वो बात नजरअंदाज की और फिर कपड़े पहन लिए।संगीता ने भी अपने कपड़े पहन लिए।

मैंने उसे दरवाजे से बाहर किया और यहां वहां देखा।वहां पर कोई नहीं था।

उसके बाद मौका मिलते ही मैं अपनी कामवाली की चुदाई कर देता था।और इस सब के बीच में मकान मालकिन को भी मैंने सेट कर लिया।

लेकिन मकान मालकिन की चुदाई की कहानी में अगली बार बताऊंगा।

आपको यह कहानी अच्छी लगी होगी.कोई सुधार करना हो तो जरूर लिखें।मुझे मेरे ईमेल पर मैसेज भेजें।इंडियन मेड पोर्न कहानी पर कमेंट भी जरूर करें।मेरा ईमेल आईडी है- adultninja69@gmail.com

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Jack
Jan 17
Rated 4 out of 5 stars.

Nice

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