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किसी ने पीछे से पेल दिया लण्ड मेरी गांड में - Anal Sex Stories

मेरा नाम हिना है।

अब मैं आपको बताना चाहती हूँ कि मैं कैसे चचाजान के लण्ड के संपर्क में आयी.

मैं जब 18 + की हो गयी थी तो पूरी तरह जवान हो गयी।

मुझे भी सेक्स करने का मन करने लगा था।


कॉलेज के सभी लड़कियां रोज़ सवेरे सवेरे कॉलेज कैम्पस के एक कोने में खड़ी होकर सेक्स की बातें करतीं थीं; लण्ड बुर चूत भोसड़ा की बातें करती थीं।

चोदा चोदी की बातें, लण्ड के साइज की बातें और लण्ड चूसने की बातें करतीं थीं।


तब तक मैंने न कोई लण्ड पकड़ा था और न ही चूसा था तो मैं चुपचाप सबकी बातें सुनती रहती थी।

सुन सुन कर मेरी झांटें सुलगती रहती थी।


मेरे मन में आता था कि मैंने अभी तक कोई लण्ड क्यों नहीं पकड़ा?

ये सब की सब लण्ड पकड़े बैठी हैं, लण्ड चूसे और चाटे हुए बैठी हैं.

एक मैं ही हूँ बहनचोद बहुत बड़ी चूतिया … जिसने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा।


एक दिन मैंने अपनी सहेली से कहा- यार, मुझे कोई लण्ड पकड़ाओ प्लीज!


तब उसने मुझ पर तरस खाकर एक दिन मुझे अपनी भाई जान का लण्ड पकड़ा दिया था।

उसने मुझे उस दिन लण्ड पकड़ना सिखाया, लण्ड चाटना चूसना सिखाया।

यह भी सिखाया कि लण्ड की मुठ कैसे मारी जाती है और लण्ड का जूस कैसे पिया जाता है। लण्ड के साथ कैसे दिल खोल कर खेला जाता है.


मैं अपनी खाला जान से थोड़ा खुली थी।

एक दिन मैंने उससे कहा- मैंने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा खाला जान!

तो वह बोली- अरे हिना तू भोसड़ी वाली इतने दिनों से क्या अपनी गांड मरवा रही थी? तू इतनी मस्त जवान हो गयी है और तूने अभी तक कोई लण्ड नहीं पकड़ा? तेरी माँ का भोसड़ा … तू यही बैठ आज मैं तुझे लण्ड पकड़ाती हूँ।

खाला ने फोन करके अपने देवर को बुलाया और मुझसे कहा- हिना, अब तुम मेरे आगे इसका पजामा खोलो और लण्ड पकड़ कर देख लो. इसे बड़े प्यार से हिला हिला कर देख लो।


यह सुन कर मेरे बदन में आग लग गयी।

मैंने खाला की तरफ देखा तो वह फिर बोली- हां हां खोलो न जल्दी से पजामा और निकाल लो लण्ड! शर्माती क्यों हो?


तो मैंने वैसा ही किया।

जब लण्ड मेरे हाथ में आया तो मैं उछल पड़ी।

इसका लण्ड तो सहेली के भाई के लण्ड से ज्यादा मोटा था और बड़ा भी!


फिर खाला ने मेरे कपड़े उतार दिये और मुझे नंगी कर दिया।

वह बोली- हिना बेटी, नंगी होकर लण्ड पकड़ने और चूसने का मज़ा ही कुछ और होता है।


खाला भी नंगी होकर मेरे साथ अपने देवर का लण्ड चाटने लगी थीं।


फिर उसने लण्ड मेरी चूत में पेला।

वह मेरा पहला दिन था जब मैंने लण्ड अपनी चूत में पेलवाया और मस्ती से चुदवाया।


उसी दिन मैंने खाला जान से चुदवाना सीखा।


फिर तो मेरी गाड़ी चल पड़ी।

मैंने पीछे मुड़ कर कभी नहीं देखा।


कुछ दिन बाद मुझे मालूम हुआ कि रात में हमारे घर में कुछ होता है।

इसलिए एक दिन रात को मैं उठ गयी।


उस समय लगभग 12 बजे थे।

मैंने देखा कि अम्मी जान के कमरे की लाइट धीमी धीमी जल रही है।


बस मैं खिड़की से अंदर झांकने लगी।

जो मैंने देखा उसकी मुझे कतई उम्मीद नहीं थी।


मैंने देखा कि अम्मी जान बिल्कुल नंगी नंगी चचा जान का लण्ड चाट रही हैं।

अम्मी जान का भोसड़ा भी दिख रहा था और उसके बड़े बड़े दूध भी।


मेरी नज़र चचा के लण्ड पर पड़ी तो मेरी चूत गीली हो गई बहनचोद!

मेरा मन हुआ कि मैं अंदर जाकर उसका लण्ड पकड़ लूं और मुंह में डाल कर चूसने लगूं।


मैं आंखें फाड़ फाड़ कर वहां का नज़ारा देखने लगी।


चचा का लौड़ा जब पूरा मेरी आँखों के सामने आया तो मेरी गांड फट गई।

मेरे मुंह से निकला- क्या मस्त लौड़ा है इस भोसड़ी वाले का! मुझे नहीं मालूम था कि इतना बढ़िया लौड़ा मेरे घर में ही है.


मैंने उसकी फोटो खींच ली और फिर वीडियो बनाने लगी।

लौड़ा जब अम्मी की चूत में घुसा तो मुझे बड़ा मज़ा आया।


मैं मन ही मन अम्मी जान से बेशर्म हो गयी।

मैंने मन में कहा- अब ये बुरचोदी मुझे किसी का लौड़ा चूसने से कैसे मना कर सकती है? यह तो खुद ही बड़ी चुदक्कड़ है और गैर मर्दों से चुदवाती है।


उस दिन से चचा जान का लौड़ा मेरे दिमाग में घूमने लगा।

मैं आँखें बंद करती तो मुझे उसका लौड़ा दिखाई पड़ता।

तो मैं जल्दी से जल्दी चचा का लण्ड पकड़ कर चूसना चाहती थी।


चचा जान मेरे पड़ोस में ही रहते थे।

एक दिन मैं मौक़ा देख कर सीधे उसके पास चली गयी।


मुझे देख कर वह बोला- अरे हिना, तू सही मौके पर आ गयी है।

मैंने कहा- अच्छा! क्या मतलब?

वह बोला- मैंने बिरयानी मंगाई है, अब उसे हम तुम दोनों मिलकर खायेंगें क्योंकि घर में कोई नहीं है। मैं अकेला ही हूँ!


मैंने कहा- अकेले हो तब तो और मज़ा आएगा।


वह सोफा पर बैठा हुआ था, मैं उसके बगल में सट कर बैठ गयी और बड़ी बेशर्मी से बातें करने लगी।


बात करते करते मैंने उसके लण्ड पर हाथ रख दिया और कहा- आजकल तेरा लौड़ा बड़ा हरामी हो रहा है सलीम चचा जान?

मैंने धीरे से उसके पजामे का नाड़ा भी खोल डाला।

वह कुछ नहीं बोला।


मेरे मुंह से लौड़ा सुनकर उसका लौड़ा खड़ा हो चुका था।

चचा का पजामा मैंने बड़ी बेशर्मी से उतार कर फेंक दिया और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।


उसने कहा- हिना, तुम तो बहुत ज्यादा ही बेशर्म हो गयी हो।

मैंने कहा- बेशर्म तो तुम हो गए हो भोसड़ी के सलीम चचा … तुम तो बड़ी बेशर्मी से मेरी माँ के भोसड़ा में लण्ड पेल देते हो। तब तुमको शर्म नहीं आती?


उसने जवाब दिया- इसका मतलब तुमने मुझे तेरी माँ को चोदते हुए देख लिया है?

मैंने कहा- हां मैंने देख लिया है। तेरा लण्ड भी देखा और अपनी माँ का भोसड़ा भी देखा।


वह बोला- यार हिना, मैं तुम्हें सच बता रहा हूँ कि उस दिन तेरी अम्मी ने खुद ही मेरा लण्ड पकड़ लिया था तो मैं उसे चोदता नहीं तो क्या करता? आखिरकार मैं एक मर्द हूँ यार! जो मेरा लण्ड पकड़ लेगी तो मैं उसे चोदूंगा जरूर!


मैं कुछ नहीं बोली और उसका लण्ड मुंह में डाल कर चूसने लगी।

मुझे उसका लण्ड बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था.

जिस लण्ड को मैंने दूर से देखा था, आज वही लण्ड मेरे मुंह में है, यही सोच कर मैं गदगद हो रही थी।


मैंने उसका लण्ड इतना चूसा कि वह मेरे मुंह में ही झड़ गया और मैं उसे पूरी तरह चाट गयी।

लण्ड चाटते हुए मैंने कहा- मादरचोद सलीम, तूने मेरी माँ चोदी है अब मुझे चोद … मेरी चूत में लण्ड पेल।


पर तब तक कोई आ गया।

मैं लण्ड चाट कर चली गयी।


सच बात यह है कि मैं भी उससे अम्मी की तरह चुदना चाहती थी, उसका लण्ड अपनी चूत में पेलवाना चाहती थी।


इसलिए दूसरे दिन मैंने उसे फोन किया और पूछा- क्या तुम अकेले हो?

वह बोला- हां हिना, मैं अकेला ही हूँ और आज कोई और आने वाला भी नहीं है।


मैंने हंस कर कहा- तो फिर मैं आ रही हूँ।


बस 10 मिनट में ही मैं चचा जान के पास पहुँच गई।

पहुंचते ही मैं उससे लिपट गयी।


उसने भी मुझे प्यार से गले लगा लिया और बोला- हिना, मैं तुमसे प्यार करता हूँ। तुम बड़ी सेक्सी और खुबसूरत लड़की हो। कल जब तुमने मेरा लण्ड चूसा तो मुझे बहुत मज़ा आया। मैं रात भर तुम्हारे बारे में ही सोचता रहा।


ऐसा बोल कर चचा मेरी चूचियाँ दबाने लगा और मैंने भी उसका लौड़ा लुंगी के ऊपर से पकड़ लिया।


मैंने कहा- अरे यार, ये तो साला पहले से ही खड़ा है।

वह बोला- हिना, ये तो तेरे नाम से खड़ा हो जाता है।


मैंने उसकी लुंगी फ़ौरन खोल कर फेंक दी और बोली- हम दोनों के बीच में लुंगी की क्या जरूरत?

वह बिल्कुल नंगा हो गया मेरे आगे … और फिर उसने भी मुझे नंगी कर दिया।


मुझे नंगी देखकर बोला- हाय रब्बा … तू कितनी हॉट है यार? इतनी हॉट तो मेरे दोस्त की बीवी भी नहीं है जिसकी शादी अभी एक महीने पहले हुई है। वह खूबसूरत है पर तेरी तरह हॉट नहीं है।


मैंने पूछा- तो क्या तुमने उसे नंगी देखा?

वह बोला- नंगी देखा ही नहीं … उसे चोदा भी है उसी के सामने! मेरे दोस्त को गांड मारने का शौक है चूत चोदने का नहीं। उसकी बीवी गांड मरवाती नहीं, उसे चूत चुदवाने का शौक है। तो वह अपनी बीवी मुझसे चुदवाता है। मैं उसी के सामने उसकी बीवी की चूत में लण्ड पेलता हूँ और चोदता हूँ।


मैं यह सुनकर और ज्यादा गर्म हो गयी, बोली- यार अब तुम मुझे चोदो, मेरी चूत में लण्ड पेलो।


फिर मैं नंगी उसका लण्ड चाटने लगी और वह नंगा मेरी चूत चाटने लगा।

हम दोनों सेक्स का मज़ा 69 बन कर लेने लगे।


मुझे लण्ड चाटने में ज्यादा मज़ा आने लगा।


मैंने उसे बेड पर लिटाया और उसकी टांगें फैलाकर उसके बीच में अपना मुंह घुसेड़ दिया।

लण्ड सट्ट से मेरे मुंह में घुस गया।

मैं उसे बड़े प्यार से चूसने लगी।


पीछे से मेरी गांड उठी हुई थी क्योंकि मैं घुटनों ले बल लेटी थी।


मुझे सलीम चचा का लण्ड बड़ा स्वादिष्ट लग रहा था।

मैं लण्ड ले साथ साथ पेल्हड़ भी चाट रही थी।


अचानक मुझे लगा की किसी ने पीछे से मेरी गांड में लण्ड पेल दिया।

मैं चिल्ला पड़ी- अरे कौन है भोसड़ी वाला? किसने मेरी गांड में लण्ड पेला? मेरे सामने क्यों नहीं आया मादर चोद?


तब तक चचा जान ने कहा- अरे हिना, यह वही मेरा दोस्त है जो लड़कियों की गांड मारता है। मैंने इसे चुपचाप तेरी गांड मारने के लिए बुला लिया था। तेरी गांड उसे दिख गई तो उसने पेल दिया लण्ड तेरी गांड में!


मैं चिल्ला जरूर पड़ी थी पर मुझे फिर मज़ा आने लगा था।


तब मैंने कहा- यार मारनी है तो फिर अच्छी तरह मार मेरी गांड! आज मैं गांड और चूत दोनों जगह लण्ड पेलवाकर मज़ा लूंगी। तुम मेरी बुर चोदो तेरा दोस्त मेरी गांड चोदे। तब आएगा मुझे ज़न्नत का मज़ा!


ऐसा बोल कर मैं चचा के लण्ड पर चढ़ बैठी।

लण्ड मेरी चूत में पूरा घुस गया।


मैं थोड़ा आगे झुकी तो मेरी गांड थोड़ा ऊपर आ गयी।

मुनीर ( चचा का दोस्त ) ने लण्ड मेरी गांड में घुसेड़ दिया।

लण्ड गच्च से पूरा घुस गया अंदर!


अब वह लण्ड बार बार आगे पीछे करने लगा, मारने लगा मेरी गांड!

उधर चचा भी नीचे अपने गांड उठा उठा के चोदने लगा मेरी मस्तानी चूत!


दो दो लण्ड साले मेरे जिस्म में घुसे हुए मुझे चोद रहे थे और मैं एन्जॉय कर रही थी।

मुझे ज़न्नत का मज़ा आ रहा था।

यह मेरा पहला मौक़ा था जब मैं चूत और गांड दोनों एक साथ चुदवा रही थी।


मेरा मन हुआ कि लोग मेरी इस तरह की चुदाई देखें।

मेरी चुदाई देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी हो।

मैं सच में सबके सामने खुल्लम खुल्ला चुदवाना चाहती थी।


यह तो ‘जंगल में मोर नाचा किसने देखा’ वाली कहावत हो गयी।


मैं यही सोचती रही कि मैं इतनी अच्छी तरह से चुद रही हूँ मुझे कोई देख ही नहीं रहा है?

फिर मैंने ठान लिया कि किसी और दिन मैं सबको इकट्ठा करके इसी तरह दो दो लण्ड से अपनी गांड और चूत एक साथ चुदवाऊंगी और सबको दिखाऊंगी।


ऐसा ख्याल आते ही मैं और उत्तेजित हो गयी.

उधर चुदाई की रफ़्तार तेज हो गयी।

दोनों लण्ड भोसड़ी वाले भच्च भच्च धच्च धच्च चोदे चले जा रहे थे मुझे!


कुछ देर बाद चचा बाहर निकला और लण्ड मेरे मुंह में घुसा दिया।

अब मैं लण्ड चूसते हुए मुनीर से गांड मराने लगी।

मुनीर का लण्ड भी जबरदस्त था।


इधर चचा का लण्ड मेरे मुंह की लार से सना हुआ था।

लण्ड भी अपनी लार निकाल रहा था।


मेरी चूत से भी रस टपकने लगा था।


मुनीर का लण्ड तो मेरी गांड गचर गचर चोद रहा था।

दोनों मादरचोद मेरी चूत गांड फाड़ने में जुटे थे।


मेरे मुंह से निकला- वाओ … मुझे खूब चोदो, फाड़ डालो मेरी गांड मेरी चूत! तुम दोनों साले बड़े हरामजादे हो। बड़े बेशर्म और कमीने हो। चोद डाल मेरी चूत सलीम चचा जान … जैसे तू मेरी मेरी माँ की चूत चोदता है. मुझे अपनी बीवी की तरह चोद, मुझे रंडी की तरह चोद, लौड़ा पूरा पेल पेल के चोद!.


दोनों भोसड़ी वाले मेरी चूत गांड फाड़ने में लगे हुए थे और मैं थ्रीसम का पूरा मज़ा ले रही थी।


इतने में खाला की बेटी आ गयी, फिर फूफी जान भी कमरे में गयी और उसकी ननद भी!


ये तीनों आँखें फाड़ फाड़ कर मेरी चूत गांड Xxx चुदाई देखने लगीं।

ऐसे में मेरा जोश दूना हो गया।


मैं चाहती थी कि कोई मेरी चुदाई देखे।

वे दोनों भी बड़ी मस्ती से मुझे घपाघप चोदे चले जा रहे थे।


फिर मैंने मुनीर को चित लिटा दिया और मैं उसके ऊपर चढ कर बैठ गयी।

ऐसे बैठी कि उसका लण्ड मेरी गांड में घुस गया।


मेरी पीठ मुनीर की तरफ थी।

मेरे दोनों हाथ जमीन पर थे।


मैंने अपनी गांड थोड़ा उसके लण्ड पर रगड़ा और फिर अपनी टांगें फैला दीं।

मेरी चूत बुर चोदी एकदम खुल गयी।


मैंने कहा- भोसड़ी के सलीम, अब तू अपना लण्ड इसी चूत में पेल दे।

सलीम चचा तो चाहता यही था।


उसने अपना मोटा लण्ड मेरी चूत में पेला तो मैं मस्त हो गयी।


इस बार वह मुझे कुछ अलग तरह से चोद रहा था जिससे मैं पहले से ज्यादा मज़ा ले रही थी।


फिर दोनों ने मिलकर मुझे इतना चोदा, इतना चोदा कि मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया।

मैं खलास हो गई।


लेकिन इन दोनों के लण्ड मादरचोद अभी भी तने हुए थे।


फिर मैंने घूम कर मुनीर के लण्ड की मुठ मारी तो वह भक्क से झड़ गया।

इसके बाद चचा जान का लौड़ा भी उगलने लगा वीर्य!

मैंने दोनों झड़ते हुए लण्ड चाटे और खूब एन्जॉय किया।


इस तरह इन दोनों मादरचोदों ने मुझे दिन भर चोदा और रात भर चोदा।

मैंने भी दोनों से दिल खोल कर खूब झमाझम चुदवाया।


मेरी Anal Sex Stories कैसी लगी आपको?

मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं.

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