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कोलगर्ल भाभी की गांड मारने की देसी कहानी

फ्रेंड्स, मेरा नाम दीपक है. मैं मथुरा का रहने वाला हूँ. मेरी उम्र 21 साल है. आज मैं आपको एक कुछ समय पहले की ही सच्ची घटना बताना चाहता हूँ. यह मेरे जीवन की दूसरी चुदाई थी.


मैं कुछ काम से कल दिल्ली गया हुआ था.

तो वहां का माहौल देख कर मेरा मन चुदाई के लिए पागल हो गया था.


मैंने पहले अपना काम खत्म किया, फिर अपने एक दोस्त को फोन किया जो मुखर्जी नगर में अपनी एसएससी की तैयारी करने के लिए रहता था.


मैं उसके पास गया और उसे सब बात बताई.

उसने मुझे एक भाभी का फोटो दिखाया.


यार क्या माल थी.


फिर उसने मुझे उसका नंबर दिया और उससे बात कराई.


उसका नाम सोनी था.

उसकी उम्र 35 साल थी और फ़िगर 36-30-38 का था.


दोस्त ने कहा कि रात को मैं लाइब्रेरी चला जाऊंगा, कमरा खाली रहेगा तो तू मजे ले लेना.


भाभी ने मुझे 8 बजे का समय दिया था.

मेरा दोस्त करन 7 बजे लाइब्रेरी चला गया.


मैं भी खाना पीना खाकर फ्री हो गया.


मेरा दोस्त मेरे लिए पहले ही कंडोम और ड्रिंक आदि का इंतजाम कर गया था.


रात के सवा आठ पर किसी ने दरवाजा खटखटाया.

मैंने गेट खोला तो देखा सामने एक भाभी खड़ी थी.


उसने नीली साड़ी और काला ब्लाउज पहना था.

हल्की लाल लिपस्टिक, छोटी सी बिंदी, पतली कमर, कसा हुआ बदन था.


मैं समझ गया कि यह सोनी भाभी ही है.


चूंकि देखने से ही समझ आ रहा था कि भाभी जिम जाने वाली महिला है.

मैं उसे देखता ही रह गया.


फिर भाभी ने गला खंखार कर मुझे इशारा दिया तो मैंने हड़बड़ाते हुए उसे अन्दर बुलाया.


भाभी- करन किधर है … और तुम्हीं थे न जिसने कॉल की थी!

मैं- वह लाइब्रेरी गया है और हां मैंने ही कॉल की थी.


भाभी ने बिंदास कहा- करन ने रेट बताया होगा?

मैंने मन में सोचा कि करन ने बोला था कि यह रंडी भाभी पूरी रात के 3000 लोगी.


पर सामने से मैंने मजा लिया- नहीं, उसने बोला था कि मैं बात कर लूंगा, तू बस मजे ले.


भाभी- नहीं पहले पैसे, फिर कोई काम होगा. मैं एक रात के 3000 लेती हूँ … फ़ाइनल. कोई मोल भाव नहीं होगा!

मैं- ठीक है.


मैंने भाभी को पैसे दिए और उसने इठला कर नोट चूमे और अपने पर्स में रख लिए.


तब मैंने कहा- वैसे तो भाभियां जब भी पैसे लेती हैं तो अपने ब्लाउज में रख लेती हैं.


भाभी मुस्कुराई और बोली- अभी ब्लाउज उतारोगे तब?

मैंने कहा- यह बात तो मैं भूल ही गया था.


वह हंसने लगी और बोली- मैं नहीं भूलती हूँ.

मैं- अपने बारे में बताओ न … नाम क्या है … हसबैंड … बच्चे!


भाभी- मेरा नाम सोनी है. मेरे हसबैंड मुंबई में जॉब करते हैं और दो तीन महीने में एक दो दिन के लिए आते हैं. मेरा एक लड़का है, वह अभी छोटा है और हॉस्टल में रह कर पढ़ रहा है. अब इससे ज्यादा पर्सनल कोई बात नहीं करूंगी. प्लीज तुम भी नहीं पूछना.


मैं- ठीक है, चलो कार्यक्रम शुरू करें!

वह मुस्कुराई और उसने कहा- कोई जल्दी है क्या?

‘तुम्हें देख कर रहा नहीं जा रहा है डार्लिंग!’


मैंने उसे अपनी तरफ खींचा और किस करने लगा.

वह भी मेरे किस का जबाव देने लगी.


कुछ मिनट किस करने के बाद मैंने उसे खड़ा किया और उसकी साड़ी निकाल दी.


अपने एक हाथ से उसके बोबे दबाने लगा, दूसरे हाथ से उसकी चूत मसलने लगा.

कुछ देर बाद उसने मुझे अलग किया और धक्का दे दिया.


मैं बिस्तर पर गिर गया.

भाभी पास आई और उसने मेरी टी-शर्ट उतार कर मेरी छाती को चाटने लगी.


धीरे धीरे से वह नीचे सरकती गई और उसने मेरा पैंट नीचे करके मेरे लंड को बाहर निकाल लिया.

मेरा लंड एकदम कड़क हो गया था. वह लंड चूसने लगी और लंड को जीभ से चाटने लगी.


उसकी ‘आह उम्म’ की आवाज निकली और वह ‘टेस्टी बनाना’ कह कर लंड को मजे देने लगी.

क्या बताऊं दोस्तो, मुझे इतना मजा आ रहा था कि बस खुद को जन्नत की हूर के पास महसूस कर रहा था.


कुछ मिनट बाद वह लंड छोड़ कर उठी और उसने अपना ब्लाउज व पेटीकोट उतार दिया.

अब वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा पैंटी में थी.


मैं उठा और उसे दीवार के सहारे खड़ा कर दिया, उसकी एक टांग ऊपर की और उसकी पैंटी नीचे करके उसकी चूत चाटने लगा.

थोड़ी देर तक चूत चाटने के बाद मैंने उसकी ब्रा निकाल दी और बोबे पीने लगा.


उसके बोबे इतने मुलायम थे मानो रुई के गोले हों.

उसके दोनों दूध को बारी बारी से पीने के बाद मैंने उसे बिस्तर पर आने का इशारा किया.


वह मुस्कुराई और उसने अपने एक हाथ से मेरा लंड पकड़ लिया.


मेरे लंड को पकड़ कर वह मुझे बिस्तर तक ले गई और बेड पर बैठ गई.


उसने टेबल से कंडोम उठाया और उसे लौड़े पर चढ़ाने से पहले वह एक बार फिर से लंड को चूसने लगी.

कभी वह लंड चूसती, तो कभी गोटी.


फिर भाभी ने लौड़े पर कंडोम चढ़ा दिया.

अब भाभी बेड पर अपनी टांगें खोल कर लेट गई और उसने मुस्कुराते हुए मुझे अपने ऊपर आने का इशारा कर दिया.


मैं भाभी के ऊपर चढ़ गया और अपने लंड को उसकी चूत पर सैट कर दिया.

भाभी ने भी अपने हाथ से लंड को पकड़ा और अपनी चूत की फांक में ऊपर से नीचे तक घिसा.


वह अभी लंड के सुपारे से अपनी चूत के दाने को घिसने का सुख ले ही रही थी कि मैंने एक जोर का झटका दे मारा.


मेरा आधा लंड उसकी चूत के अन्दर घुसता चला गया.

अचानक लंड लेने से भाभी की चीख निकल गई- उई मम्मी … मार दिया साले ने … भोसड़ी के धीरे धीरे कर ले न … कहीं भागी नहीं जा रही हूँ.


मैं- सॉरी भाभी, वह क्या है ना आप माल ही ऐसी हो कि कंट्रोल नहीं कर पाया.


भाभी ने खुद के लिए माल शब्द सुना तो वह खुश हो गई और बोली- ठीक है पर अब प्यार से कर न मेरे राजा … वैसे भी तेरा लंड मेरे पति और करन के लंड से काफी बड़ा है.


अब यह मेरे लंड की तारीफ थी.

मुझे भाभी के मुँह से ही मालूम हुआ था कि मेरे दोस्त से मेरा लंड बड़ा है.


मैंने धीरे धीरे से झटके देना शुरू कर दिए और पूरा लंड अन्दर पेल दिया.

भाभी को भी अब लंड से मजे आ रहे थे- हम्म हम्म अहह अहहह … जोर से चोदो मेरे राजा हम्म!


मैंने भी अब अपनी चुदाई की स्पीड तेज करते हुए उसे गाली देना शुरू कर दिया- ले भोसड़ी वाली साली रांड … ले जोर जोर से ले पूरा लंड … ले मादरचोद रंडी कुतिया.


भाभी- हम्म हम्म अहहह आहह अहह अहहह … चोद बहन के लौड़े … दिखा अपनी मर्दानगी साले … आज तेरे लौड़े को कच्चा चबा जाऊंगी … आह चोद कमीने साले रंडी कहता है मादरचोद.


मैं भी धकापेल में लगा हुआ था.


कुछ मिनट के बाद मैंने उसकी चूत से लंड निकाला और उसकी कमर को थपथपा कर कहा- चल मेरी रंडी अब कुतिया बन जा … अब तेरी पीछे से लूँगा.


भाभी झट से उठी और बोली- हां कुतिया बना कर भी चोद ले भोसड़ी के … साले रंडी बना कर ही चोद ले हरामी.

मैंने हंसते हुए भाभी की गांड को थपथपाया और उसके दोनों चूतड़ खोल कर पीछे से लंड चूत में डाल दिया.


वह आह कह कर लंड गड़प कर गई.


अब मैंने अपने दोनों हाथों से उसके बोबे पकड़े और उसकी चूत ठोकने लगा.


कुछ देर बाद मैंने उसे आधा बेड से नीचे लटका दिया और पोज सैट किया.

भाभी अपने हाथों के सहारे जमीन पर टिक गई और उसके दूध नीचे की तरफ लटकने लगे.


उसकी कमर पकड़ कर मैं उसी के ऊपर चुदाई की पोजीशन में आ गया.

मैं भाभी की पीठ को किस करते हुए उसे चोदने लगा.


भाभी- आह … यह तो एकदम नई पोजीशन है, इसमें तो चुदवाने में बड़ा मजा आ रहा है.

मैं- साली कुतिया रंडी, कितनों का लंड खा चुकी है … तेरा पति नामर्द है क्या भोसड़ी वाली?


भाभी- अब तक तेरे जैसे 7 स्टूडेंट्स को अपने ऊपर चढ़वा चुकी हूँ. पर सबसे ज्यादा मजे तू ही दे रहा है. मेरा पति नामर्द नहीं है पर वह साला तीन महीने में एक बार चोदने आ पाता है. अब चूत को लंड तो चाहिए हैं न … इसलिए मैं सिर्फ नई उम्र के जवान लौंडों से ही चुदवाती हूँ और तुम लोगों से पैसे भी मिल जाते हैं.

मैं- चल ठीक है मेरी जान … अब खड़ी हो जा. अब तेरी खड़ी करके लूँगा!


मैंने उसे दीवार से लगा कर खड़ा कर दिया और पीछे से उसकी चूत चोदने लगा.


धीरे धीरे वह झुकती चली गई और वापस घोड़ी बन गई.

मैं उसे वापस बेड के पास ले गया और उसकी एक टांग बेड पर रख कर उसे ठोकने लगा.


भाभी- आह साला बड़ी देर तक चोदता है तू तो … हम्म हम्म अहहह अभी कितनी देर तक लेगा?

मैंने कहा- अब मजा आना शुरू हुआअ है मेरी रंडी भाभी … आह अभी तो देर तक चलूँगा.


मैंने बीस मिनट तक धकापेल की तो भाभी चुदती हुई चिल्लाने लगी और उसकी आंखों से आंसू आ गए.


वह रहम की भीख मांगने लगी कि मेरी चूत में जलन हो रही है … आह अब रहने दे.


अब मेरा भी होने वाला था तो मैंने कहा कि बस जल्दी ही झड़ने वाला हूँ, थोड़ी देर तक और साथ दे दे.


यह कह कर मैंने उसे खड़ी किया और कंडोम निकाल कर उसे अपने लौड़े के नीचे बिठा लिया.


उसने समझ लिया कि अब उसका मुखस्नान होने वाला है तो उसने मेरा लंड पकड़ लिया.

वह लंड को हाथ की मुट्ठी से पकड़ कर हिलाने लगी.


मैंने अपने हाथ से पकड़ कर उसका मुँह खोला और सारा माल उसके मुँह में निकाल दिया.

वह भी खाँटी रांड थी साली, लंड का सारा माल पी गई.


उसके बाद उसने मेरे लंड को चाटकर साफ कर दिया और मेरे लंड को पकड़ कर मुझे बाथरूम में ले गई.

वहां उसने मेरे लंड को पानी से साफ किया. खुद को साफ किया. कुल्ला आदि किया.


फिर मेरे हाथ को पकड़ कर रूम में वापस आ गई.

अब हम दोनों ने एक एक पैग बनाया और पैग लेते हुए सिगरेट पी.


वह मेरे लंड से बेहद खुश थी और बार बार मेरे लंड को सहला रही थी.

फिर भाभी ने सिगरेट रख कर मुझे देखा और मेरे सीने से लिपट गई.


वह अपने एक बोबे को मेरे मुँह में देकर चुसवाने लगी.

मैंने भी उसके दूध पर शराब टपकाई और उसका दूध चूसने लगा.


वह मस्त होने लगी.

हम दोनों ने काफ़ी देर तक बातें की.


उसने बताया कि उसे नए नए लंड लेना क्यों पसंद है.


दरअसल वह अपने पति की गैरमौजूदगी में लंड की तलाश में रहने लगी थी.

तभी उसकी एक सहेली ने उसे उस इलाके में रहने वाले छात्रों के साथ संसर्ग करने की सलाह दी और वह पैसे वाले छात्रों से उनके कमरे में जाकर अपनी रातें रंगीन करने लगी.

उससे भाभी को चूत की आग भी ठंडी होने लगी और कुछ पैसे भी मिलने लगे.


दोस्तो, हॉट भाभी फक्ड बी मी!


उस रात मुझे भाभी की चुदाई में इतना ज्यादा मजा आया कि मैं आपको बता नहीं सकता. मैंने उस रात भाभी के साथ 3 राउंड लिए.

दूसरे राउंड में मैंने भाभी की गांड भी मारी.


वह किस्सा फिर कभी लिखूँगा.


मैंने और मेरे दोस्त ने उसे दो दिन तक अपने पास रखा और दिन रात पेला.


हम दोनों ने दो बार ग्रुप सेक्स भी किया है.

उसके बाद मैंने उस भाभी को अपने कई दोस्तों से भी चुदवाया है.


उसके पति का तबादला अब दिल्ली हो गया है.

अब वह भाभी पेट से है, तो उसने सेक्स का मजा देना बंद कर दिया है.

अगर आपको कहानी अच्छी लगी हो तो कमेंट करे और रेटिंग दे।

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