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गुरुग्राममें फ्लैट मेट लड़कियों की चुदाई देखी - Hindi Sex Stories

दोस्तो, मैं स्वाति शर्मा आज अपनी ज़िन्दगी का सच्चा अनुभव लेकर आयी हूँ.

मुझे उम्मीद है कि आप सब लोगों को पढ़कर मजा आएगा.


मेरे इस गुरुग्राम ओपन सेक्स कल्चर पर लेख का हर शब्द सत्य है.


मेरा नाम तो आपको पता ही चल गया है. मेरी उम्र 28 साल है. शरीर से भी थोड़ी भरी हुई हूँ और रंग एकदम साफ है.

मैं एम बी ए करने के बाद जॉब करने के लिए गुड़गांव शिफ्ट हुई थी.


गुड़गांव जाने के बाद सबसे पहली समस्या तो रूम की थी जिसे मेरी एक कॉलेज की सहेली ने दूर कर दी थी.

उसने मुझे अपनी जानकारी में एक फ्लैट में पर्सनल रूम दिलवा दिया था.


उस फ्लैट में तीन रूम थे. उस फ्लैट के बाकी दूसरे दो कमरों में दो लड़कियां पहले से रह रही थीं.


आपकी जानकारी के लिए बता दूँ कि गुड़गांव में पीजी और फ्लैट का कल्चर है.

यहां या तो लड़के लड़कियां पीजी में रहते हैं या फिर एक कॉमन फ्लैट रेंट पर लेकर उसमें कमरे बांट कर रहते हैं.

पूरे फ्लैट का किराया आपस में बांट लिया जाता है.

खाने के लिए एक कॉमन कुक रख लेते हैं.


साल 2018 के अंत में मेरी जॉब लगी थी और इस कारण मुझे गुड़गांव शिफ्ट होना पड़ा था.


गुड़गांव एक बेहद खूबसूरत शहर है, खासकर लड़कियों के लिए.

यहां घूमने के लिए मॉल्स, पीवीआर, पब और सबसे खास लेडीज नाइट्स होती हैं.


यहां कमाने के लिए अच्छा खासा पैसा है, तो लड़कियों के लिए स्मार्ट लड़कों की भी कमी नहीं है.


हर लड़की चाहे तो दस बॉयफ्रेंड रख सकती है.


फिर सबसे जरूरी चीज फ्रीडम है, जो इधर भरपूर है. यहां मां बाप का कोई डर नहीं है. लड़कियां जो चाहें, वह कर सकती हैं. बल्कि ये कहूँ कि करती ही हैं, तो ज्यादा ठीक होगा.


चाहे किसी भी बॉयफ्रेंड के साथ घूमना हो, तो बस मुँह पर रुमाल ढक लो और अपने बॉयफ्रेंड की बाइक पर आराम से पूरा शहर घूमो.

यह गुड़गांव का मेरा अपना अनुभव है.


खैर … मैं अपने फ्लैट में शिफ्ट हुई तो धीरे धीरे बाकी दोनों लड़कियों से बातचीत होना शुरू हुई.

आगे बढ़ने से पहले मैं दोनों लड़कियों का परिचय दे देती हूँ.


हालांकि मैंने नाम बदल दिए हैं, पर बाकी सब बिल्कुल सही लिखने की कोशिश की है.


पहले वाले रूम में रहने वाली लड़की का नाम हिमानी था.

उसकी उम्र करीब 22 साल थी. बी.टेक के तुरंत बाद उसकी जॉब लग गई थी.

वह देखने में बेहद खूबसूरत, पतली, कद करीब 5 फुट का और शरीर से एकदम फूल जैसी नाजुक.


अगर कोई मेरे जैसी लड़की भी उससे हाथ मिला ले तो मानो उसके हाथों का चूरा बन जाए.

वह चलती भी ऐसी थी, जैसे धरती पर अहसान कर रही हो.


मेरे रूम के बाद वाले रूम में रहने वाली लड़की का नाम दीक्षा था.

उसकी उम्र करीब 27 साल थी. कद 5 फुट 5 इंच का था, रंग भी ठीक-ठाक था.

पर उसकी छातियां बड़ी ही खूबसूरत थीं, ये 34 इंच की थीं.


दीक्षा के पतली होने के कारण उसकी चूचियां उसकी खूबसूरती को बढ़ा देती थीं.

सबसे मजेदार बात ये कि उसे इनका यूज़ करना भी अच्छे से पता था.


धीरे धीरे हम लोगों का बोलना मिलना शुरू हुआ तो फ्रेंडशिप भी हो गयी.


मैं 28 साल की उम्र वाली होने के कारण कई बार सेक्स का मजा चख चुकी थी और मैं शरीर में भी एक औसत लड़की के जैसी थी.

कभी कोई लड़का मुझमें इंटरेस्ट दिखाता तो मैं उसके साथ एन्जॉय कर लेती थी.


पर हिमानी और दीक्षा से मिलकर मुझे ऐसा लगा कि दोनों इस सुख से बिल्कुल अनजान है.


खासकर हिमानी तो बिल्कुल अनछुई थी, जैसे छू दो तो मुरझा जाए.

उसमें एटीट्यूड भी इतना ज्यादा कि किसी से सीधे मुँह बात नहीं करती थी.


दोनों ही लड़कियां अच्छी कंपनियों में काम करती थीं और अच्छी खासी सैलरी पाती थीं.


एक रात मैं ऑफिस से लेट अपने फ्लैट में आई और पानी लेने के लिए किचन की तरफ जा रही थी.


दीक्षा के कमरे की खिड़की आधी खुली थी जिसमें पर्दा लगा था.

अन्दर रोशनी जल रही थी.


परदे से मैंने देखा कि दीक्षा की जींस उसकी जांघों तक नीचे की तरफ सरकी हुई थी.

वह दीवार की तरफ मुँह करके खड़ी थी और उसके चूतड़ों के बीचों बीच एक लड़के का लंड फंसा हुआ था जो बिल्कुल उसके पीछे खड़ा था.


मेरे तो पैरों तले ज़मीन खिसक गयी.

एक बार तो मुँह से चीख ही निकलने वाली थी कि तभी दोनों ने पोजीशन चेंज कर ली.

अब मैं कुछ भी देख नहीं पा रही थी.


तभी मेरा दिमाग ठनका कि अगर कोई लड़का दीक्षा के साथ जबरदस्ती कर रहा है तो दीक्षा कोई आवाज क्यों नहीं कर रही थी.

इतनी रात को जब सन्नाटा चारों तरफ था, तब भी उन दोनों के कमरे से किसी भी तरह की हल्की सी भी कोई आवाज नहीं आ रही थी.


अब मामला कुछ कुछ समझ आ रहा था.

वह दरअसल उस लड़के का लंड दीक्षा मैडम की गांड में नहीं घुसा हुआ था बल्कि मामला उल्टा था.


दीक्षा मैडम की चुत ने उस लड़के का लंड जकड़ा हुआ था और मैडम उस लंड को छोड़ने को तैयार नहीं थीं.


इस बात की पुष्टि तब हुई, जब मैंने सुबह करीब 6 बजे एक लड़के को चुपचाप उसके रूम से बाहर निकलते देखा.


मैंने दीक्षा से पूछा कि सुबह वह लड़का कौन था, जो तुम्हारे रूम से निकला था?

दीक्षा ने हल्की सी स्माइल दी और कहा- वह तुम्हारा भाई था और मेरे रूम का टॉयलेट साफ़ करने आया था.


मैं समझ गयी थी कि मैंने गलत सवाल किया है और दीक्षा ने मेरे ही सवाल पर मेरा मुँह तोड़ दिया था.


पर हां, दीक्षा आज ज्यादा फ्रेश और खुश लग रही थी.

अब इससे ज्यादा मुझे कुछ पूछने या सोचने की जरूरत नहीं थी.


सारा मामला साफ़ हो गया था.


एक दिन उसी शाम को दीक्षा ने ये बात खुद ही छेड़ दी- क्यों तुझे लड़के पसंद नहीं हैं क्या? अरे यार, यहां कोई डर नहीं है. हम तीनों ही तो हैं … एन्जॉय योर लाइफ बेबी!


उस दिन मैंने महसूस किया कि दीक्षा ने अपनी टी-शर्ट के अन्दर ब्रा नहीं पहन रखी थी जिससे उसके स्तन अच्छे खासे बाहर उभर कर सामने आ रहे थे.

उसके निप्पल्स भी टी-शर्ट से साफ़ दिख रहे थे.


तब दीक्षा ने खुद मुझे बताया कि जब भी किसी लड़के को ललचाना होता है, तब वह यही करती है.

बिना ब्रा के किसी पतली सी टी-शर्ट में लड़के से मिलती है … और लड़का तो उसके सामने पानी पानी हो जाता है.

उसकी नजरें छाती से हटे तब ना!


बस अपनी चूचियों का लालच देकर दीक्षा मैडम उस लड़के से अपना काम निकलवा लेती थीं.

जैसे लंच या डिनर या मूवी.


लेकिन हां दीक्षा ने बताया कि बदले में वह उस लड़के को अपनी छाती को थोड़ी देर के लिए टच करने जरूर देती थीं.

दीक्षा बोली- तू भी बॉयफ्रेंड बना ले, यहां हर रात कैसे भूखी सोएगी.


एक बार तो मुझे भूख़ का मतलब भोजन से लगा, पर फिर अगले ही पल दिमाग ने साथ दिया और मैं समझ गयी कि उसका मतलब जिस्म की भूख से था.


अगले दिन शनिवार था.

रात को फ्लैट में एक लड़का आया था.


उसका नाम नितिन था. नितिन करीब साढ़े पांच फुट का था. मजबूत बाजुएं और एकदम सुडौल शरीर … एकदम फिट.


दीक्षा ने उससे परिचय करवाया, औपचारिक हाय हैलो हुई.


वह अपने साथ कुछ बोतलें लेकर आया था.

बोतल के ऊपर ब्रीजर लिखा हुआ था.

शायद कोई ड्रिंक रही होगी.

उस समय तक मुझे शराब की बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी.


नितिन दीक्षा के रूम में चला गया.


दोनों ब्रीजर खोलकर पीने लगे.

दीक्षा नितिन से चिपक कर खड़ी हो गई.


मैं उसके रूम से निकल गई पर फिर भी मेरा पूरा दिमाग दीक्षा के रूम में ही था.


मैं बाहर थोड़ी देर के लिए खिड़की के पास खड़ी हो गई.

खिड़की से झांका, तो देखा दीक्षा ब्रीजर अपने मुँह से लगाकर पी रही है और उसके दोनों छातियां नितिन के हाथों में हैं.


तभी नितिन ने शायद उसकी दोनों छातियां जोर से दबा दी थीं, जिस वजह से दीक्षा चिहुंक कर दूर हो गई.

नितिन ने दोबारा उसे अपनी तरफ खींच लिया.


दीक्षा हंसने लगी.

उसके बाद नितिन ने अपने दोनों हाथ दीक्षा की टी-शर्ट के अन्दर डाल दिए और उसके दोनों मम्मों को मसलने लगा.


अब दीक्षा ने एक घूंट ब्रीजर का अपने मुँह में भरा और वह अपने मुँह से नितिन को ब्रीजर पिलाने लगी.

दोनों के होंठ या मुँह एक दूसरे के मुँह में थे.


गुरुग्राम ओपन सेक्स कल्चर का सीन देख कर मेरे पूरे शरीर में आग सी लग गयी.

मैं तुरंत अपने रूम में आ गई और अपनी चुत में अपनी उंगली करके अपनी गर्मी शांत की.


मुझे उस रात चुत का पानी निकालने के बाद ही नींद आयी.


अगले दिन मेरी बात हिमानी से हुई.

वह बेहद ही शांत सुलझी हुई लड़की थी.

पर दीक्षा ने मुझे बताया था कि वह सबकी मां है. उससे दुनिया में कोई नहीं जीत सकता.


दीक्षा ने अपनी बात साबित करने के लिए मुझे बताया कि तुम अपने रूम में से उसके रूम में देख भी सकती हो.


दरअसल हमारे तीनों के कमरे टेम्परेरी बोर्ड के बने हुए थे. मतलब यूं कहा जाना ठीक होगा कि एक बड़ा हॉल था, जिसमें बोर्ड की दीवारों से तीन अलग अलग रूम बना दिए गए थे.

दोनों रूम्स में दीवारों में कुछ छेद थे, जिससे दूसरे के कमरे में झांका जा सकता था.


मैंने शुरू में इस बात पर ध्यान नहीं दिया था पर जब दीक्षा ने बताया तो मुझे अपने रूम के सारे छेदों के बारे में पता चल गया था.


उन छेदों से एक तरफ दीक्षा के कमरे में, तो दूसरी तरफ हिमानी के कमरे में झांका जा सकता था.

दीक्षा ने मुझे पहले ही चेता दिया था कि ध्यान से देखना … हिमानी किसी के कण्ट्रोल में नहीं है. उससे थोड़ा बचकर रहना.

जबकि शरीर में मेरे सामने तो हिमानी एक बच्ची थी, पर शायद एक बिगड़ी हुई बच्ची.


एक संडे के दिन की बात है.

हिमानी मेरे कमरे में आई और आकर पूछा- पूरा दिन रूम पर ही हो या कहीं बाहर जा रही हो?


मैं उस दिन दीक्षा के साथ शॉपिंग के लिए एक मॉल में जा रही थी.

मैंने हिमानी को बता दिया- मैं दीक्षा के साथ बाहर जा रही हूँ.

हिमानी ने कहा- ठीक है.


उसने बताया कि उसके ऑफिस का एक सहकर्मी आ रहा है. उसकी कंपनी में कल उसकी एक प्रेजेंटेशन है तो वह उसकी हेल्प कर देगा.

मैंने कहा- ठीक है.


पर ऐन मौके पर दीक्षा किसी काम में फंस गई और मैं उसके साथ न जा सकी.


मैंने अपना कमरा अन्दर से बंद करके आराम फ़रमा रही थी कि तभी फ्लैट में कोई आया.

मैंने सुनने की कोशिश की तो हिमानी का दरवाजा खुला.

मैंने सोचा कि शायद उसके ऑफिस वाला बंदा ही आया होगा.


मैं अपने बेड पर ही लेटी हुई थी.

तभी ऐसे ही मन किया कि चलो देखा जाए कि मैडम कर क्या रही हैं.


मैं उठकर उस छेद से झांकने लगी, ये छेद मेरे रूम के परदे के पीछे था.

मैंने देखा कि एक गोरा-चिट्टा लड़का लंबे कद का … करीब 5 फुट 10 इंच का था. वह लम्बाई में पतला और इतना स्मार्ट था मानो फिल्म का हीरो हो. देखने में ऐसा कि ह्रितिक या जैकी श्रॉफ भी उसके सामने फीके लगें.


उसने नीले रंग की कमीज़ और एक लाइट कलर का पैंट पहना हुआ था.

वह जींस में नहीं बल्कि फॉर्मल कपड़ों में आया था.

एकदम मॉडल जैसा लड़का.


मेरी नजरें तो उसी लड़के पर जमी हुई थीं.


वह लैपटॉप में हिमानी को कुछ दिखा रहा था और हिमानी भी उसे ध्यान से देख रही थी.

करीब दस मिनट के बाद शायद दोनों का काम खत्म हो चुका था या यूं कहूँ कि शुरू होने वाला था.


अब वे दोनों एक दूसरे से बातें कर रहे थे. उनकी बातें कुछ समझ नहीं आ रही थीं.

वैसे भी हिमानी इंग्लिश ही ज्यादा बोलती थी.

शायद वह लड़का कुछ मजाक कर रहा था.


उसके बाद दोनों खिलखिलाकर हंसने लगे.

लड़के ने हिमानी का हाथ पकड़ लिया और अपने दोनों हाथों में लेकर उसके हाथ को सहलाने लगा.


हिमानी तो ऐसे सिकुड़ कर बैठी थी मानो सामाजिक फिल्म की शर्मीली सी लड़की हो.

उसके चेहरे का रंग एकदम लाल हो चुका था.


वह एकदम सिमटी हुआ सिकुड़ी हुई बैठी थी और शर्मा भी रही थी.

वे सारे गुण जो शायद किसी लड़की में होने चाहिए, उसके चेहरे पर दिख रहे थे.

मैं समझ गयी थी कि हिमानी एक अच्छी एक्ट्रेस है.


कुछ देर बातें करने के बाद दोनों चुप हो गए थे.

करीब 2 मिनट तक एकदम शांति रही, दोनों एक दूसरे की आंखों में देखते रहे.


उसके बाद पता नहीं क्या हुआ कि लड़के ने अपने होंठ हिमानी के होंठों पर रख दिए.


अब हिमानी के होंठ उस लड़के के मुँह में थे.

शायद उसने हिमानी की आंखों में देखा होगा और उसने लड़के को अलिखित मंजूरी दे दी.


करीब दस मिनट तक उसने हिमानी के होंठों को चूसा.

उसके बाद दोनों अलग हो गए.


वे दोनों ऐसे बात करने लगे, जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो.

करीब दो मिनट बात करने के बाद लड़के ने फिर से हिमानी के होंठों को अपने होंठों में जकड़ लिया.


इस बार वह हिमानी के होंठ नहीं बल्कि जीभ चूस रहा था.

करीब 5 मिनट हिमानी की जीभ चूसने के बाद वे दोनों फिर से अलग हो गए.


हिमानी ने अब अपना लैपटॉप बंद करके साइड में रख दिया था.

उस लड़के ने हिमानी को हाथ से पकड़कर अपने पास खींच लिया, वह भी बड़ी नजाकत से.


आखिर हमारी हिमानी मैडम थी ही इतनी नाजुक!

फिर से नज़दीक लेते ही उस लड़के ने हिमानी के होंठ अपने होंठों में जकड़ लिए.


इस बार वह बारी बारी से पहले नीचे वाला होंठ और फिर ऊपर वाला होंठ और फिर जीभ चूस रहा था.

देर तक उसने हिमानी के होंठों का रसपान किया.


या यूं कहा जाए कि हिमानी ने अपने होंठों का रसपान उसे करवाया होगा तो ज्यादा ठीक रहेगा.


अब उस लड़के ने हिमानी की टी-शर्ट ऊपर कर दी, उसके पेट से उठाकर उसके कंधों तक कर दी.

हिमानी की दोनों चूचियां नंगी होकर उस लड़के के सामने आ गईं.


मैडम ने नीचे ब्रा नहीं पहनी थी. जाहिर सी बात थी कि मैडम पूरी तैयारी के साथ थीं.


उसकी दोनों छातियां छोटी छोटी थीं और चूचुक भी.

उस लड़के ने पहले दोनों हाथों से हिमानी के दोनों चूचुक मसल दिए.


हिमानी मचल सी गयी या यूं कहूँ कि हिमानी मचलने का नाटक करने लगी तो ज्यादा बेहतर होगा.


करीब दो मिनट तक हिमानी के दोनों चूचुकों को मसलने के बाद उस लड़के ने हिमानी की एक चूची को मुँह में भर लिया और चूसने लगा.

फिर दूसरी चूची को चूसने लगा.


वह लड़का बारी बारी से हिमानी की दोनों चूचियों को चूसता रहा और बाद में फिर होंठों को चूसने लगा.

इस तरह से करीब आधा घंटा हो चुका था.


वह हिमानी के पेट से ऊपर के हिस्से को चूस चुका था.

अब उसने हिमानी की जींस के ऊपर से उसकी पैंट का बटन खोलने के लिए हाथ बढ़ाया ही था कि तभी हिमानी पीछे हट गयी.


इस बार उसने अपनी टी-शर्ट भी ठीक कर ली थी और खुद उस लड़के से दूर हटकर बैठ गई.


लड़का पास आया … शायद पूछने के लिए. पर मैडम चुपचाप बैठी रहीं.

उसने हिमानी के हाथ पर चूमा और फिर दोबारा से होंठों को चूसने लगा.


करीब 10 मिनट तक दोबारा से हिमानी ने अपने होंठों का रस पिलाया.

वह हिमानी का हाथ पकड़कर बेड के सिरहाने लेकर जा रहा था.


जैसे ही वह लड़का खड़ा हुआ, उसकी पैंट में बीचों बीच एक तम्बू सा बन गया.

ये उसके लंड का उभार था. जो बता रहा था कि उस लड़के का लंड पूरा अकड़ गया था.


फूला हुआ उभार देख कर हिमानी के होंठों पर उसकी मुस्कान मुझे दिख गई.

इस बार उस लड़के ने अपने दोनों हाथ हिमानी की टीशर्ट में डाल दिए और शायद वह उसके दोनों चूचुकों को मसल रहा था.

चूचुक मसलते मसलते वे दोनों फिर चुंबन करने लगे.


इस बार फिर उस लड़के ने अपना हाथ हिमानी की दोनों टांगों के बीचों बीच लगाया तो हिमानी ने उसका हाथ छिटक दिया.


शायद उस लड़के की हालत ख़राब होने लगी थी; उसका लंड पैंट फाड़कर बाहर आने को था और यहां मैडम अपनी दोनों टांगों का दरवाजा नहीं खोल रही थीं.


उस लड़के ने अपने दोनों हाथ हिमानी की टीशर्ट में डाल रखे थे और वह हिमानी के शरीर पर हाथ फेर रहा था.


कई बार वह थोड़ा जोर से हिमानी के चूचुक मसल देता था तो हिमानी तुरंत उससे अलग होने की कोशिश करती.


ये उस लड़के के लिए वार्निंग होती थी कि अगर ज्यादा जोर लगाने की कोशिश की तो उसे हिमानी के जिस्म का रस पिए बिना ही लौटना पड़ेगा.


इसलिए अपने मम्मों पर या चूचुकों पर जितना दबाव हिमानी सह सकती थी, उतना ही वह लड़के से डलवाती थी.

शायद वह लड़का भी इसे अच्छी तरह से समझ गया था.


कुछ मिनट हिमानी के शरीर पर हाथ फेरने के बाद लड़के ने हिमानी की दोनों टांगों के बीचों बीच किस किया उसकी जींस के ऊपर से ही.

हिमानी पर शायद कोई असर नहीं हुआ.


शायद उस लड़के की हालत ख़राब होने लगी थी इसलिए उसने अपनी पैंट और अंडरवियर को एक झटके से उतारकर अपने घुटनों तक कर दिया.


अब उसका गोरा चिट्टा लंड बिल्कुल एक सीधे डंडे की तरह खड़ा था छत पर लटक रहे पंखे की तरफ देख रहा था.


वह लड़का ‘हिमानी प्लीज …’ करने लगा.

तब जाकर हिमानी ने उस गोरे चिट्टे लंड को अपने दोनों हाथों में ले लिया.

वह उस लंड को ऊपर नीचे करने लगी.


उस लड़के की तो ऐसी हालत हो गई थी. जैसे किसी बिना ऑक्सीजन के तड़पते मरीज़ को ऑक्सीजन दे दी गई हो.


करीब एक मिनट तक हिमानी मैडम उसके लंड से खेलती रही.

उस लड़के ने शायद कुछ इशारा किया, तो हिमानी मैडम के चेहरे के भाव बदल हो गए.


शायद वह इशारा उसने अपने लंड को मुँह में लेने के लिए किया था लेकिन कोई फायदा नहीं.

फिर भी उसका लंड हिमानी के बेहद नाज़ुक हाथों में था.


वैसे वह लड़का भी कम स्मार्ट नहीं था.

मेरे ख्याल से हजारों लड़कियां बड़े आराम से अपनी चूत उसके सामने परोस देतीं … मगर वह हिमानी के सामने गिड़गिड़ा सा रहा था.


खैर … वह बेड पर लेट गया था.


तभी एक ऐसा चमत्कार सा हुआ, जिसका किसी ने भी सोचा नहीं था.

न ही उस लड़के ने और न ही मैंने और शायद न ही आप लोगों ने.


हिमानी ने तुरंत अपनी जींस और पैंटी उताकर उस लड़के के ऊपर आ गई और पीछे से उस लड़के का लंड अपनी चूत पर सैट करके खचाक से बैठती चली गई.


उस लौंडे का पूरा का पूरा लंड एक ही बार में मैडम की चूत के अन्दर घुस गया था.

लड़के के मुँह से हल्की से चीख निकल गई.

मगर हिमानी ने किसी पेशेवर रांड की तरह उनके लौड़े को खा लिया था.


अब हिमानी उस लड़के के ऊपर बैठे बैठे ही ऊपर नीचे होने लगी.

करीब एक मिनट के अन्दर ही वह लड़का ठंडा पड़ गया.

वह हिमानी की चूत को एक मिनट भी बर्दाश्त नहीं कर सका.


हिमानी उस लड़के के ऊपर से उठ गई.

करीब 5 मिनट के बाद वह लड़का फिर से खड़ा हो गया और पानी पीने लगा.


हिमानी और उसमें फिर से बातचीत शुरू हुई.

इस बार पानी पीते पीते उसने हिमानी को अपनी बांहों में भर लिया और दुबारा से हिमानी के होंठ अपने होंठों में ले लिए.


उसने करीब 5 मिनट तक हिमानी के होंठों का रस छका.

उसके बाद उसने इस बार हिमानी की टी-शर्ट निकाल दी.


अब हिमानी ऊपर से बिल्कुल नंगी थी और चुपचाप जाकर बेड पर बैठ गई थी.

वह लड़का भी बेड पर आ गया.


लड़के ने पूछा- क्या हुआ हिमानी?

मैडम कुछ नहीं बोली.


उसके बाद लड़के ने हमारी मैडम को खुश करने के लिए हल्के हल्के से उसके दोनों चूचुकों को मसला, तब जाकर शायद मैडम को कुछ अहसास हुआ.


इस बार उस लड़के ने दोबारा हिमानी की जींस उतारने की कोशिश की.

हिमानी ने विरोध में अपनी दोनों टांगें कस लीं.


उस लड़के ने कहा- हिमानी प्लीज.

शायद मैडम का मूड बदला.


उस लड़के ने भी बिना देर किए हिमानी की जींस और पैंटी उतार फेंकी.

अब हमारी हिमानी पूरी नंगी उस लड़के के सामने थी और सिकुड़ी सिमटी हुई बैठी थी.


वह लड़का पूरे कपड़ों में था.


हालांकि हिमानी नंगी स्थिति में किसी संगमरमर की मूरत जैसी लग रही थी.

वह कोई गुलाब का बड़ा सा फूल जैसी लग रही थी.


उसे देख कर लग रहा था कि भगवान ने गलती से किसी अप्सरा को ज़मीन पर भेज दिया था.


मैं खुद एक लड़की होकर उसके जिस्म पर मर मिटी थी तो लड़कों की तो बात ही क्या थी.


वह लड़का बेड के नीचे अपने घुटनों के बल बैठ गया और हिमानी के हाथ पर किस किया.

मैडम ने चेहरे पर कोई भाव नहीं दिया.


फिर वह बिस्तर पर आ गया और हिमानी की दोनों टांगें बड़े प्यार से खोल कर बीचों बीच उसकी चूत को देखने लगा.


फिर उसने चूत की तारीफ में कोई शेर भी पढ़ा.

वो शेर मुझे समझ में तो नहीं आया … हां लेकिन था तो हिमानी की चूत की खूबसूरती पर ही.


हिमानी की चूत दूर से बिल्कुल चिपकी हुई दिख रही थी … एकदम साफ बिना बाल की और काफी कसी हुई भी लग रही थी.


उसकी चूत किसी भी लड़की के गोरे शरीर से इतर हल्की सी काली थी मगर साफ सुथरी थी.

हो भी क्यों नहीं, मैडम पूरी तैयारी के साथ अपने सारे अस्त्र शस्त्र धारदार बना कर आई थीं.


इस बार उस लड़के ने टांगें खोलकर तुरंत उसकी चूत अपने मुँह में भर ली.

हिमानी इस कदम से थोड़ा झटका खा गई थी, पर ये झटका सच्चा था.


कोई भी लड़का अगर किसी लड़की की चूत चूसता है … तो लड़की को असीम सुख मिलता है.

ये सुख मैं भी अनुभव कर चुकी थी.


वह लड़का हिमानी की चूत को नीचे से ऊपर उसके दाने तक चूस रहा था और बार बार यही दोहरा रहा था.

कभी ऊपर से नीचे … तो कभी नीचे से ऊपर.


करीब दस मिनट तक वह हिमानी की दोनों टांगों के बीच में उसकी चूत चाटते हुए लगा रहा.

हिमानी भी प्यार से उसके बालों में हाथ फिरा रही थी.


देर तक चूत चाटने के बाद वह लड़का खड़ा हुआ.

उसने हिमानी को भी खड़ा कर दिया.


देर तक चूत चुसवाने के बाद हिमानी की चूत भी अब भट्टी बन चुकी थी.

हिमानी बेड के एक सिरहाने अपनी दोनों टांगें खोलकर बैठ गयी.


वह लड़का हिमानी की दोनों टांगों के बीच में अपना लंड लेकर आ गया.

उसने अपना लंड हिमानी की चूत पर रख दिया.


इससे पहले वह लड़का कोई जोर या धक्का लगाता, हिमानी की चूत ने खुद ही गांड के सहारे से उठ कर उस लड़के का पूरा लौड़ा हजम कर लिया.


इस बार वह लड़का भी शायद हिमानी की चूत का रस चखने के लिए तैयार था.


उसने हल्के हल्के से अपना लंड बाहर निकाला और एक जोरदार झटका दे दिया.


हिमानी के चेहरे के भाव देखने वाले थे.

उसने अपनी चूत कस ली थी, इससे उसका धक्के का दबाव कम हो गया था.

चूत ने लंड को अपने हिसाब से अन्दर आने दिया.


लड़के ने दोबारा अपना लंड बाहर निकालने की कोशिश की.

हिमानी ने तुरंत अपनी चूत कस ली.


लड़के का लंड जैसे किसी प्लायर में फंस सा गया था.

उस लड़के के मुँह से हल्की से चीख निकल गई.


अब हिमानी ने प्यारी सी स्माइल दी और अपना हुनर दिखाने की अदा बिखेरी.


पर लड़के ने हर नहीं मानी, उसने लंड को अन्दर धकेला.


हिमानी को लगा कि लंड चूत की गहराई में जाना चाहता है पर उस लड़के ने इस सोच के इतर अपना लंड तुरंत बाहर निकाल लिया और तुरंत ही चूत में एक करारे झटके के साथ धकेल दिया.


यह एक्शन हिमानी के लिए थोड़ा हैरान कर देने वाला था.

पर वह इस खेल की एक कुशल खिलाड़िन थी.


इस बार हिमानी ने अपनी दोनों टांगें कस लीं जिससे उसकी चूत का दबाव कई गुना बढ़ गया था.

अब चूत लंड को अपने हिसाब से अन्दर लेती और अपने हिसाब से बाहर निकालती.


बेचारे लड़के ने काफी कोशिश की लेकिन हिमानी के सामने उसकी एक न चली.

अंत में शायद लड़के ने सरेंडर कर दिया था.


अब हिमानी ही सब कुछ कण्ट्रोल कर रही थी.

यह उस लड़के को भी पता था कि उसका जोर खत्म कर दिया गया है.


हल्के हल्के धक्के से उसका लंड चूत से अन्दर बाहर हो रहा था.

हिमानी इस तरह से चुदाई का पूरा मजा ले रही थी.


अब तक लड़के को भी समझ आ चुका था कि हिमानी की चूत से जीतना नामुमकिन है इसलिए बेहतरी इसी में है कि जो हिमानी चाहती है … वैसे ही करो.


करीब 12-15 मिनट इसी पोजीशन में चुदाई होती रही.

उसके बाद हिमानी ने इशारा किया.


वह लड़का हिमानी की चूत से लंड निकाल कर उसके बाजू में लेट गया.

हिमानी ने एक अपनी टांग उठा ली और लड़के ने हिमानी की चूत में लंड पेल दिया.


इस बार शायद उसने दोबारा हावी होने की कोशिश की; लड़के ने 2-3 जोरदार धक्के हिमानी की चूत में जड़ दिए.


हिमानी समझ गई कि ये पोजीशन उसके लिए सही नहीं है.

उसने पोजीशन चेंज कर ली.

वह उस लड़के के ऊपर आ गई और उसने अपनी टांगें लड़के की छाती पर रख लीं.


अब उसने फिर से अपनी दोनों टांगें कस लीं.

लौंडे का लवड़ा हिमानी की चूत में अब जकड़ा हुआ था.


हिमानी तेजी से आगे पीछे होने लगी.

लड़के के मुँह से हल्की चीखें निकलने लगीं.


हिमानी के चेहरे का रंग सुर्ख लाल हो गया था, शायद वह नीचे वाली पोजीशन का बदला लेना चाहती थी.

उसने अपनी चूत में उसका लंड जकड़ लिया था और तेजी से ऊपर नीचे होने लगी थी.


कुछ ही देर में लड़के का शरीर अकड़ गया और ठंडा पड़ गया.

हिमानी लड़के से लौड़े से चूत निकाल कर नीचे आ गयी.


वह लड़का चुपचाप पड़ा रहा और 5 मिनट बाद उठकर उसने अपने कपड़े पहन लिए.

इस दौरान हिमानी भी पूरे कपड़े पहन चुकी थी.


इरोटिक सेक्स के दौरान हिमानी एक बार भी स्खलन तक नहीं पहुंची थी जबकि लड़का दो बार छूट चुका था.


उसने उठकर घुटनों के बल बैठकर हिमानी का हाथ चूमा.


हिमानी भी समझ चुकी थी कि वह हार मान चुका है.


वे दोनों थोड़ी देर के लिए बालकनी में खड़े हो गए और ऐसे बातें करने लगे जैसे अभी कुछ हुआ ही नहीं हो.


हिमानी बातों में भी हावी होने वाली लड़की थी.

थोड़ी देर के बाद वे दोनों फिर से अन्दर आ गए.


कमरे के अन्दर आते ही उसने हिमानी की गर्दन पर चुम्बन किया.

हिमानी ने पीछे हटने की कोशिश की.


उस लड़के ने नीचे से हिमानी की टी-शर्ट में हाथ डालकर उसकी दोनों छातियों को कस लिया और फिर से हिमानी के चूचुकों को मसलने लगा.

शायद इस बार थोड़ा ज्यादा जोर से मसल दिया था.


हिमानी ने कहा- आह … प्लीज मत करो!

उसने गुस्से से उस लड़के की आंखों में देखा.


लड़के ने तुरंत सॉरी कहा.

वह दोबारा से हिमानी की गर्दन पर चूमने लगा.


अब शायद हिमानी भी समझ गई थी कि भाई साहब तीसरे राउंड के लिए तैयार हैं. शायद पिछले दोनों राउंड में हारकर भी मन नहीं भरा था. अब तीसरा राउंड भी चाहते हैं.


मैं इस बात को भली भांति समझ चुकी थी कि सेक्स के गेम में हिमानी के सामने लड़के कम ही टिक पाते हैं.

उधर आंखों ही आंखों में दोनों के बीच एक और राउंड की सहमति हो गई थी.

या ये कहें कि हिमानी ने रजामंदी दे दी थी.


इस बार उस लड़के ने बेड पर जाने की बजाए खड़े खड़े ही दांव आजमाने की सोची.


अब हिमानी दीवार के सहारे खड़ी थी.

उस लड़के ने तुरंत हिमानी की जींस और पैंटी उसके घुटनों तक कर दी और पीछे की तरफ से अपना लंड उसकी चूत में डाल दिया.


उस लड़के ने दोनों हाथों से हिमानी को दबोच लिया.

आगे दीवार थी तो ज्यादा जगह नहीं थी.


हिमानी के लिए भी ज्यादा स्पेस नहीं था और पीछे से ऐसा लंड लगा हुआ था, जो दो बार जहर उगल चुका था या उसकी चूत से हार चुका था.


उस लड़के ने बिना देर किए पीछे से लंड हिमानी की चूत में धकेल दिया.

नीचे घुटनों तक जींस फंसी हुई थी तो हिमानी दोनों टांगें कस भी नहीं सकती थी.


लौंडे का लंड पूरा तना हुआ था, वह चूत की दोनों फांकों को चीरता हुआ सीधा हिमानी की गहराई में चला गया.


और चार ही झटकों के बाद तो चूत ने भी रस छोड़ना शुरू कर दिया था.

आखिर ये तीसरा राउंड था. थी तो वो भी एक चूत ही.


चिकनाई हो जाने के कारण लंड अब बिल्कुल आसानी से चूत में अन्दर बाहर हो रहा था.

हालत ये थी कि हिमानी की दोनों टांगों से रस टपक रहा था.

रसधार हिमानी के घुटनों तक से बहती हुई जींस पर आ गई थी.


शायद वह लड़का भी जानता था कि आखिरी बाज़ी उसके हाथ में आ गई है … और अंत भला तो सब भला.

उसने अपने धक्कों की स्पीड बढ़ा दी. मेरे कमरे तक उन दोनों की फच फच की आवाजें आ रही थीं.


वह लड़का ज्यादा स्पीड से धक्के नहीं लगा रहा था, शायद इसका एक कारण हिमानी का नाजुक शरीर था.

ज्यादा तेज धक्कों से वह हिमानी को जख्मी नहीं करना चाहता होगा क्योंकि वह एक पढ़ा लिखा लड़का था. पर हां वह अब चूत का अच्छे से भोग कर रहा था.


करीब 20 मिनट तक वह उसी पोजीशन में हिमानी की चूत में धक्के लगाता रहा.


तभी अचानक हिमानी को न जाने क्या सूझा, उसने अपनी टी-शर्ट उतार दी अब वह ऊपर से नंगी थी.

वह लड़का तुरंत हिमानी की छाती की तरफ लपका.


हिमानी के चूचुक कड़े होकर एक इंच लम्बी गोलियां सी बन गयी थीं.

उसका तुरंत ध्यान चूत से हटकर हिमानी के चूचुकों पर आ गया.


उसने हिमानी को पलट दिया और उसके एक चूचुक को अपने मुँह में ले लिया.


हिमानी ने उसका लंड अपने हाथ में ले लिया.

अब शायद उसे अपनी गलती का अहसास हुआ था या यूं कहो कि हिमानी की चालाकी का.


हिमानी उसे बिस्तर पर लेकर जाना चाहती थी.

उसने कहा- प्लीज नहीं.


शायद वह जानता था कि बिस्तर पर हिमानी के सामने वह कुछ मिनट से ज्यादा नहीं टिक सकता था.


हिमानी ने भी चैलेंज शायद कबूल लिया था.

उस लड़के ने दोबारा पीछे से हिमानी की चूत में लंड डाला.


इस बार हिमानी ने दोनों टांगें कस ली थीं और लंड दोनों टांगों और चूत के कसाव को सह नहीं सका.

लड़का हल्की हल्की चीखें मारने लगा.

इसका कोई फायदा नहीं हुआ था.


उस लड़के ने तुरंत हिमानी के दोनों चूतड़ों को खोल दिया ताकि थोड़ी जगह बन जाए.

थोड़ी जगह बन भी गई थी.


उसने तुरंत अपना लंड चूत में धकेला, पर यहां हिमानी का चेहरा लाल हो गया था.


हिमानी का अपनी चूत पर पूरा कण्ट्रोल था, उसने पूरी ताक़त से चूत कस ली.

लड़के का लंड चूत में फंस गया.


वह लड़का सिसकारियां भरने लगा- ह हिमानीईई हिमानी ई … आआह आह!


हिमानी ने हल्के हल्के से उसके लंड को चूत के शिकंजे से छोड़ा और फिर हल्के हल्के से लौड़े को वापस अन्दर ले लिया.

अब शायद वह लड़का फिर से सरेंडर कर चुका था.

हिमानी उसे दोबारा बिस्तर पर ले गई.


वह अपनी दोनों टांगें खोलकर बैठ गई.

उस लड़के ने उसी पोजीशन में अपना लंड हिमानी में चूत में घुसाया और हल्के हल्के झटके देने लगा.


करीब 15 मिनट ये धक्के उसी पोजीशन में चूत में लगे, फिर कुछ देर बाद शायद हिमानी ने कुछ इशारा किया.


उस लड़के ने धक्कों की स्पीड अचानक से बढ़ा दी.

दो ही मिनट के बाद अचानक से हिमानी का शरीर भी ढीला पड़ने लगा.


शायद पहली बार उसने स्खलन होता महसूस किया था.


हिमानी ने अपनी चूत अचानक से कस ली. चूत कसने के बाद 2 ही धक्कों में लंड ने वीर्य छोड़ दिया.


वे दोनों ऐसे ही बेड पर निढाल पड़े रहे.


कुछ मिनट के बाद उस लड़के ने उठकर हिमानी की चूत को चाट चाट साफ़ किया, एक बूँद भी चूत पर नहीं बची थी.


उसके बाद उसने एक लम्बा सा चुम्बन हिमानी की चूत पर दिया और हिमानी को उठाकर अपनी बांहों में भर लिया.


हिमानी की लम्बाई कम होने के कारण वह उस लड़के में पूरी समा गयी थी.


मैं प्रतीक्षा कर रही थी कि शायद वह लड़का चौथे राउंड के लिए भी जाएगा, पर ऐसा कुछ नहीं हुआ.


उसने तुरंत अपने कपड़े पहन लिए.

शायद इससे ज्यादा उसके बस की बात नहीं थी.


हिमानी ने भी उठकर अपने सारे कपड़े पहन लिए और बोतल से पानी पीने लगी.


वह लड़का घुटनों के बल बैठ गया और कहने लगा- थैंक्यू हिमानी.


हिमानी ने बड़े गर्व से उसकी तरफ एक बार देखा बस … शायद वह लड़का हिमानी का दीवाना हो गया था.


इस सेंसुअल सेक्स के बाद मैंने दो बार अपनी चूत को रगड़ कर स्खलित किया और सो गयी.

वह लड़का जा चुका था.


हिमानी से शाम को बात हुई.

उसने ऐसे बात की कि जैसे कुछ हुआ ही नहीं हो.

अगले भाग में पढ़े की हिमानी ने जिम कॉर्बेट में क्या गुल खिलाए।

दोस्तो, आपको Hindi Sex Stories कैसी लगी बताइएगा जरूर.

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