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टीटीई ने अपनी बीवी की चूत चुदवायी

Kamvasna

आज़ समय मिला तो मैं आपके लिए एक और मज़ेदार कुकोल्ड वाइफ सेक्स कहानी लेकर आया हूँ.इस सेक्स कहानी में मैंने कोई अलग से मसाला नहीं डाला है. जैसा मेरे साथ होता गया, वैसा ही लिख दिया.मेरी यह सेक्स कहानी शत प्रतिशत सच है … और सारी बातें एकदम सही लिखी गयी हैं.

सेक्स कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मैं अभी 35 साल का हूँ. औसत बॉडी वाला सामान्य इंसान हूँ. मेरा 42 इंच का सीना … 36 इंच की कमर … 6 इंच का भुसंड लंड … कुल मिला कर एक हैंडसम मर्द हूँ.मैं दिल्ली के एनसीआर इलाके में रहता हूँ और एक अच्छी कंपनी में काम करता हूँ.

एक बार ट्रेन के टीटीई ने मुजे चोदा था, उसकी कहानी बाद में बताऊंगा. उस टीटीई ने मेरा नंबर ले लिया था और बोला था कि कभी घूमने के लिए वो दिल्ली आया, तो मुझसे मिलेगा.

इस बात को दो साल का समय बीत गया था. जब मुझे एक अंजान नंबर से कॉल आया.और जैसे ही मैंने हैलो कहा, तो उधर से एक मर्दाना आवाज़ आई- क्यों बे गांडू … कैसा है?

एकदम से इस तरह की बात सुनकर मैं हक्का बक्का रह गया कि सोचने लगा कि कौन है … और ये सब क्या बोल रहा है.

मैंने जब कुछ नहीं कहा, तो उधर से फिर से आवाज़ आई कि डर गया क्या?अब मैंने धीरे से कहा- आप कौन?

उधर से आवाज़ आई- मैं ट्रेन वाला टीटीई … याद आया?मुझे अचानक एक धक्का सा लगा कि इतने समय बाद ये फिर से कैसे!

मैंने थोड़ा सहज होकर उससे हैलो किया और हाल-चाल पूछा.उसने मेरी बात का जवाब देते हुए कहा- मेरी छोड़ बे … अपनी बता आज़कल भी गांड मरवाते हो या छोड़ दिया?

मैंने उसको थोड़ा मस्का लगाने के लिए कह दिया कि आप जैसा कोई दुबारा मिला ही नहीं, तो बस यूं ही चल रहा है.अब उसने सामान्य आवाज में कहा- नहीं यार आज़कल हो नहीं पाता … बीच में मैं कुछ बीमार पड़ गया था, उसके बाद मेरा लंड अब खड़ा ही नहीं होता है.

मुझे उसकी बात सुनकर मायूसी सी हुई कि लंड खड़ा नहीं होता तो क्या गांड मराने के लिए फोन किया.

मैं कुछ कहता कि अचानक से उसने पूछा- तेरी नजर में कोई लड़का है, जो एक औरत को खुश कर सके?तो मैंने तपाक से बोला- मैं तो हूँ भाई … नेकी और पूछ पूछ, मैं कब काम आऊंगा!

उसने मुझे कहा- हां तेरा लंड तो मैंने देखा है … सही है चल तू ही आ जा.मैंने पूछा- किधर आना है?उसने एक होटल का अड्रेस दिया और बोला- यहां आ जा, फिर देखते हैं कि तुझ जैसे गांडू के लंड में कितना दम है!

मैं तय समय पर होटल पहुंच गया और उससे मिला.देखने में तो टीटीई महोदय अभी भी मस्त लगे रहे थे पर बीमारी का क्या कर सकते हैं, यही सब सोच कर मैंने उससे हाथ मिलाया.

फिर उसने ड्रिंक मंगाया और बोला- मेरी बीवी को चोदना है, चोद पाएगा?मैंने कहा- माल दिखाओ … शिकायत का मौका नहीं दूंगा … और अगर उसे संतुष्ट ना कर पाया, तो आप मेरी गांड मार लेना.

इस पर उसने हंस कर कहा- नहीं मैं अब नहीं मार पाता … हां तुम बस मेरा लंड चूस कर रस निकाल देना.मैंने उसी वक्त कहा- लंड यहीं चुसवाओगे कि कोई रूम भी है?वो मुझे रूम नंबर बताकर बोला- पन्द्रह मिनट बाद कमरे में आ जाना.

अपना गिलास खाली करके वो चला गया और मैंने अपना पैग सिप सिप करके खाली करते हुए पन्द्रह मिनट वेट किया.

फिर मैं रूम की तरफ चल दिया.

जैसे ही मैंने कमरे की घंटी बजाई, एक कमाल की अप्सरा ने दरवाजा खोला. मैं बस उसे देखता ही रह गया.

मगर उसने मुझे देख कर बड़ी बदतमीज़ी वाले अंदाज़ में किसी से कहा- ये किस चूतिया को बुला लाए … ये क्या करेगा, ये तो वही गांडू है ना, जिसको आपने दिल्ली आते ही फोन किया था … और आपने इसकी ट्रेन में मारी भी थी.जवाब में उस टीटीई की अन्दर से आवाज़ आई- हां डार्लिंग ये वही है, तुम इसको बस एक मौका दो … आज़ ये तुम्हारा गुलाम है.

मैंने थोड़ी दबी आवाज़ में कहा- अन्दर आ सकता हूँ?उसने फिर बतमीज़ी से कहा- अब आ ही गया है … तो घुस जा मेरी गांड में.

मैं सोचने लगा कि ये क्या पंगा ले लिया … ये तो साली मरखनी है, साली हाथ कैसे रखने देगी.फिर मन ही मन ठान लिया कि आज इसकी तो फाड़ कर रहूँगा.

ये कमरा एक सूइट था. टीटीई इस कमरे के बाहर वाले लाउंज में पड़े सोफे पर बैठा था और वो माल भुनभुनाती हुई बाथरूम में घुस गई थी.

मैं अन्दर आकर बैठ गया.

सोफे पर दारू पीकर टीटीई बाबू अलसाए से टांगें पसारे बैठे थे.मैंने मैडम को बाथरूम में जाते देखा तो उसकी पैंट में से लंड निकाल कर नीचे बैठ गया.

मेरे दिमाग़ में तो अप्सरा बैठी थी. मैंने सोचा ज़ल्दी से इसका लंड चूस कर इसे ठंडा कर देता हूँ.

जैसे ही मैंने टीटीई के लंड को पकड़ा, तो वो बोला- कुछ नहीं होगा … ये ढीला ही रहेगा. आज तू अपनी मालकिन के पास जा … और साले सुबह कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए.

अब मैंने उस अप्सरा की तरफ देखा.

वो बाथरूम में से लाल रंग की झीनी नाइटी पहन कर बगल के बेडरूम में चली गई थी.उसकी नाइटी में से अन्दर के सारे सामान ऐसे झलक रहे थे मानो मुझे लालच देकर बुला रहे हों कि आओ राजा और मुझे आज़ाद करके प्यार करो.उसके 36 के चुचे 32 की कमर और लगभग 40 का पिछवाड़ा … उफ्फ़ क्या कयामत लग रही थी.

मैं फटाफट अपने कपड़े खोल कर सिर्फ़ बनियान और कच्छे में डॉगी की तरह मैडम के कमरे में दाखिल हुआ और भौं भौं करते हुए उसका ध्यान अपनी तरफ आकर्षित किया.

मुझे भौं भौं करते देखकर वो बोली- आ गया अपनी औकात पर!मैंने कहा- मालकिन, गुलाम ऐसे ही होते हैं.

मेरी बात सुनकर वो मुस्कुरा दी, उसे मेरे मुँह से मालकिन शब्द अच्छा लगा.वो उठी और बड़े प्यार से मुझे सहलाती हुई एक लात मार कर बोली- गंदे कुत्ते … चल नहा कर आ पहले.

मैं भी औऊं औऊं करता बाथरूम में चला गया और नहा कर बाहर आ गया.

मैं बाहर निकला तो पूरी तरह नंगा था. इधर बेड का नज़ारा देखने लायक था. मैडम पूरी नंगी पसरी पड़ी थी.

उसने अपनी चूत फैलाई और मुझे हुक्म दिया- साले कुत्ते, देखता ही रहेगा या चाटेगा भी इस चूत को.

मैं भी किसी कुत्ते की तरफ दुम हिलाता हुआ बिस्तर पर आ गया और सीधे उसकी चुत चाटने में लग गया.जैसे ही मैंने उसकी चुत में जीभ लगाई, मैडम उछल गयी.

फिर मैंने उसकी कमर को पकड़ा और चुत में पूरी जीभ को घुसा दिया.अब वो सिहरने के साथ साथ सीत्कारने भी लगी.

दो मिनट के चुत चुसाई के बाद ही वो झड़ गयी.

अब मैंने रंग बदलते हुए कहा- क्या हुआ कुतिया … बड़ी चिल्ला रही थी, तू तो पहले ही शॉट में बह गयी!वो मुस्कुरा कर बोली- हां यार, बड़े दिनों बाद किसी का मुँह लगा है, तो जल्दी बह गयी.

अब उसने मुझे गले से लगा लिया और अपने साथ लिटा लिया.मैं बगल में लेट के उसके चूचों से खेलने लगा क्योंकि मेरा लंड तो अभी शुरू ही नहीं हुआ था.

वो फिर से धीरे धीरे गर्म होने लगी और बोली- अपना हथियार तो दिखा … मैंने सुना है गांडुओं के हथियार बहुत छोटे होते हैं.

ये बोलकर उसने मेरे लंड को हाथ में ले लिया और सहलाने लगी.मेरा लंड अगर खड़ा नहीं है, तो बहुत छोटा दिखता है … करीब दो इंच का बस.

मेरे ढीले लंड को देखकर वो फिर से गुस्सा हो गई और बोली कि गांडू तेरे से कुछ होगा भी!मैंने कहा- रंडी साली चुदुर चुदुर मत कर … तेरे में दम हो तो इसे खड़ा करके दिखा.

इस पर वो चिढ़ गई और मेरे लंड को मुँह में भर कर चूसने लगी.मेरी तो मानो निकल पड़ी थी. मैं आसमान की सैर पर निकल पड़ा.

वो भी मेरे लंड को चूस ही कुछ इस तरीके से रही थी कि मेरी कामुक सिसकारियां निकलने लगीं.

धीरे धीरे मेरा लंड उसके मुँह के अन्दर ही बड़ा होने लगा.

जब उससे रहा नहीं गया तो उसने मुँह से लंड निकाला तो चौंक गई और बोल पड़ी- ये क्या है … मूसल रख कर घूमता है … मेरी तो तू सच में फाड़ देगा.मैं हंस दिया.

वो लंड हिला कर बड़े प्यार से बोली- अच्छा अब बता … कैसे चोदेगा?मैंने कहा- गुलाम हूँ जैसे तुम कहो!उसने कहा- जा सामने फ्रिज में से आइस क्रीम ले आ.

मैं लंड हिलाते हुए गया और आइसक्रीम ले आया.

उसने कहा- इसको अच्छी तरह से मेरी चूत और गांड पर मल और चाट.

मैं एक अच्छे गुलाम की तरह ये सब करने लगा, उसके पैर के अंगूठे से लेकर उसकी गर्दन तक आइसक्रीम को लगा दिया.

फिर मैंने उसके अंगूठे से उसे चूसना चाटना चालू किया. कुछ ही देर में उसके मुँह से वासना भरी सिसकारियां निकलने लगीं.

वो आंख बंद करके बोलने लगी- आह मादरचोद क्या कर दिया … भोसड़ी वाले आग लग गयी है माँ के लौड़े .. जल्दी जल्दी कर.

मेरे सर को पकड़ कर वो गांड उठाने लगी.

मैंने अपना काम चालू रखा.जैसे ही मैं उसकी चूत पर आया, उसने मेरा सर पकड़ कर अपनी चूत पर ऐसे दबाया जैसे मुझे सर के बल पूरा का पूरा चुत के अन्दर ही घुसा लेगी.

मैं भी चालू रहा और अपनी नुकीली जीभ से उसकी चूत को कुरेदना चालू रखा.

अब वो पूरी तरह से मेरे बस में थी. मैंने उसके बाल पकड़ कर अपना लंड उसके मुँह में दे दिया और बोला- अब ले रंडी इस गांडू का लंड चूस … फिर तेरी चूत का भोसड़ा बनाता हूँ.

उसने लंड चूसना शुरू किया और एक मिनट बाद मैंने लंड उसके मुँह से बाहर निकाल लिया.

‘अब लंड का मजा चख रंडी …’

ऐसा कहकर मैंने झट से अपना लंड उसकी चूत में एक ही झटके में उतार दिया और वो ज़ोर से चिल्ला पड़ी.उसकी आंखें बाहर आने को हो गईं.

पर औरत जबरदस्त थी, बोली- साले भड़वे … बोल तो देता … तेरे लंड में ताक़त तो है अब दिखा … मैं भी देखती हूँ भैन के लंड … तू कितना टिकता है.

मैंने उसकी टांगें उठा कर अपने कंधों पर रखीं और उसकी चुत में लंड के लम्बे लम्बे शॉट मारते हुए चोदने लगा.

वो मादक सिसकारियां लेने लगी और चिल्लाने लगी- आह और ज़ोर से चोद मेरे राजा.मैंने चुदाई करते हुए कहा- क्या बात है मेरी रंडी … सीधा कुत्ते से राजा बना दिया!वो हंस कर बोली- अब तूने काम ही कुछ ऐसा किया है … लगा रह और फाड़ता रह मेरी चूत.

धकापेल चुदाई होने लगी और अब उसकी सिसकारियां और थपाथप की आवाज़ से पूरा कमरा गूँज रहा था.

अचानक उसने मुझे ऐसे जकड़ा, जैसे मुझे तोड़ ही देगी.मुझे पता चल गया कि वो झड़ने वाली है.मैंने भी अपनी स्पीड को बढ़ा दिया और हम साथ में निढाल होकर बेड पर गिर पड़े.

उस रात मैंने उसको दो बार और चोदा.

मैंने उसकी हर उस मुद्रा में चुदाई की, जो उसका सपना था.

सुबह हम दोनों टीटीई की आवाज़ पर उठे … पर हम दोनों नंगे ही पड़े थे.

वाइफ उठी तो वो बड़ी खुश लग रही थी.टीटीई साहब ने उससे पूछा- कैसी रही रात?वो बोली- मस्त … तुम्हारे गांडू में दम है. इसकी तो आरती उतारो.

उसके बाद मैं फ्रेश होकर वहां से निकलने को हुआ तो टीटीई बाबू बोले- एक नंबर लिख ले और बात कर लियो … शायद तेरा दिन बन जाए.

मैंने घर पहुंचने के बाद उस नंबर पर कॉल किया तो पता चला वो एक औरत की आवाज़ थी.

जैसे ही मैंने कहा- टीटीई बाबू ने आपका नंबर दिया है.तो वो बोली- कल अड्रेस भेजूँगी, आ जाना.मैंने ओके कह कर फोन काट दिया.

इसके बाद क्या हुआ, वो सब मैं अगली कहानी में लिखूँगा.

यह सेक्स कहानी आपको कैसी लगी? मुझे मेल और कमेंट्स में बताएं. sameer_mtm@outlook.com

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