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दीदी और जीजाजी की थ्रीसम चुदाई का खेल - Hindi Sex Stories

मैं आकाश उत्तर प्रदेश से हूँ. मैं एक 30 वर्षीय छात्र हूँ और अभी मेडिकल की अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा हूँ.


यह मेरी सच्ची Hindi Sex Stories है, बस इसमें कुछ नामों में परिवर्तन किए गए हैं.


मेरी फैमिली में मेरे मम्मी-पापा, मैं और मेरी दो बहनें हैं.

दोनों बहनों की शादी हो चुकी है.


बड़ी दीदी अनुपमा लगभग 38 साल की हैं; वे कानपुर में हैं.

और छोटी दीदी ममता 35 की हैं वे इलाहाबाद में हैं.


अपने दोनों जीजाजी से मेरी बहुत अच्छी पटती है.


लखनऊ के पास होने की वजह से मेरा बड़े जीजाजी के घर ज़्यादा जाना हो जाता है.

दीदी और जीजाजी दोनों अकेले रहते हैं. उनके बच्चे दिल्ली में रहते हैं.


अनुपमा और ममता दीदी दोनों बहुत सेक्सी हैं.


अनु दीदी की बॉडी भरी हुई है जबकि ममता दीदी स्लिम ट्रिम हैं.


बड़ी दीदी का फिगर भरा हुआ है. उनके मम्मे 36 इंच के हैं और हल्के से लटके हुए हैं. जबकि उनकी गांड चौड़ी है.

ममता दीदी के बूब्स 34 के, कमर पतली और मस्त गांड है.


जैसा कि मैंने बताया कि मैं अक्सर ही अनु दीदी के यहां जाता रहता हूं और अधिकांशत: रात को उनके घर रुक भी जाता हूं.

उनके लिए मेरे दिमाग में अब तक कभी कोई भी गंदा विचार नहीं आया था.


पिछले साल की बात है, भाई दूज पर मैं दीदी के घर गया था.

शाम को मैं, दीदी और जीजाजी तीनों बाहर घूमने गए.


दीदी ने जींस टॉप पहना हुआ था.

जींस में उनकी गांड इतनी टाइट लग रही थी, जैसे जींस से बाहर आ जाएगी.


उनके चलने पर दोनों चूतड़ हिलते हुए देख कर मेरा ध्यान उन पर टिक गया.

यह पहला मौका था जब मेरे दिमाग में ऐसा ख्याल आया था.


फिर मैंने ये सोच कर अनदेखा करने की कोशिश की कि वे मेरी सगी बहन हैं, मेरे दिमाग में ऐसा विचार नहीं आना चाहिए.

लेकिन उनकी हिलती गांड पर मेरा ध्यान बार बार जा रहा था.


खैर … घर वापस आकर हमने थोड़ी बहुत बातें की, फिर खाना खाकर सोने चले गए.

मुझे ऊपर वाले रूम में सोना था और उन लोगों का बेडरूम नीचे था.


मुझे देर रात सोने की आदत थी.

मैंने कमरे में आकर कपड़े चेंज किए और बिस्तर पर लेट कर फोन देखने लगा.


एक बजे के करीब सिगरेट पीने के लिए मैं बाहर छत पर निकला और एक सिगरेट सुलगा ली.


मैं छत की रेलिंग से टेक लगाकर कश मार रहा था.

अचानक मेरी नजर आंगन में खुली हुई खिड़की से आती हुई रोशनी पर पड़ी जो दीदी जीजा के बेडरूम की खिड़की से आ रही थी.


न चाहते हुए भी मेरी नजर उधर बार बार जा रही थी.


मेरी सिगरेट खत्म हो चुकी थी.

मैं फिर भी खड़ा था और कुछ सोच रहा था.


तभी उधर से कुछ आवाज आती सुनाई दी.


अब मेरे दिमाग में शैतान घुस चुका था; मैं देखना चाहता था कि कमरे में क्या हो रहा है.


मैं आंगन में देखने के लिए छत पर दूसरी तरफ वाली ग्रिल के पास आ गया.

उधर से मैं कमरे की खिड़की ज्यादा खुली दिख रही थी.


मैंने उधर खड़े होकर नीचे झांका.

दीदी जीजा का आधा बेड एकदम साफ दिख रहा था.

उधर से अन्दर का सीन देख कर मेरे दोनों कान गर्म हो गए और लंड खड़ा होने लगा.


अनु दीदी और जीजाजी दोनों ही नंगे थे.

दीदी बेड पर बैठी जीजाजी का लंड हाथ में लेकर उससे खेल रही थीं और जीजाजी दीदी का एक दूध अपने हाथ में पकड़ कर उसे रगड़ रहे थे.


मैं आज पहली बार दीदी को नंगी देख रहा था.

उनके बड़े बड़े बूब्स छाती पर लटक रहे थे और मस्त गोरी व मोटी जांघें देख कर मेरा लंड टाइट हो चुका था.


थोड़ी देर तक वह दोनों ऐसे ही खेलते रहे.

फिर दीदी ने जीजा जी का लंड अपने मुँह में ले लिया और वे लंड चूसने लगीं.


जीजाजी का लंड पूरा टाइट हो चुका था और दीदी उसे आइसक्रीम की तरह चूस रही थीं.


उसके बाद जीजाजी ने दीदी को लिटा दिया और उनकी दोनों टांगों के बीच आकर बैठ गए.

अब दीदी की चिकनी चूत एकदम साफ दिख रही थी.


जीजा जी उनकी चूत पर अपना मुँह रख कर उसे चाटने लगे.


दीदी अपनी गांड उचका उचका कर ‘आह … ऊह …’ की आवाजें निकाल रही थीं.


वे जल्दी से लंड चूत के अन्दर लेना चाहती थीं लेकिन जीजाजी उन्हें तड़पा रहे थे.

वे दीदी की चूत चूसे जा रहे थे.


मैं भी उनकी चूत में जीजाजी का लंड घुसते हुए देखने को बेताब था कि तभी जीजाजी ने एक दुपट्टा उठाया और दीदी की आंखों के पर बांध दिया.


अब मुझे और ज्यादा उत्सुकता हुई कि ये तो अजब ही स्टाइल चल रहा है.


मेरा लंड मेरे हाथ में था और ध्यान पूरा आगे होने वाले खेल पर लगा था कि ये दोनों आगे क्या करेंगे?


तभी अचानक मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा.

मुझे उसी रूम में एक तीसरी परछाई दिखी.


मेरा दिमाग सन्न रह गया और मैं सोचने लगा कि ये कैसे हो सकता है.

इन दोनों को चुदाई में कोई तीसरा कौन हो सकता है?


फिर वह तीसरा सख्स जो कि एक 30-32 साल का हैंडसम लड़का था, बेड के पास आकर खड़ा हो गया.

इससे पहले मैंने उसे कभी नहीं देखा था.


जीजाजी ने उसे चुप रहने का इशारा किया और अपने कपड़े उतारने को कहा.

वह लड़का तुरंत ही नंगा हो गया.


दीदी सामने बेड पर नंगी टांगें फैलाए पड़ी थीं.

जीजाजी अपनी उंगली से उनकी चूत की चुदाई कर रहे थे.


फिर अचानक से जीजाजी दीदी से अलग हुए और उस लड़के को दीदी की टांगों के बीच आने का इशारा कर दिया.

वह लड़का दीदी की टांगों के बीच में बैठ कर गांड के नीचे हाथ लगाकर उनको उठाकर उनकी चूत चाटने लगा.


उसका लंड पहले से ही खड़ा था.

शायद वह उनका फोरप्ले पहले से ही देख रहा था.


एक मिनट तक चूत चाटने के बाद उसने दीदी के दोनों पैर अपने कंधों पर रखे और अपना लंड दीदी की चूत में डालते हुए अन्दर तक घुसा दिया.

दीदी के मुँह से आह का स्वर निकला और वह दीदी की चुदाई करने लगा.


तभी जीजाजी उठे और दीदी के सिर के पास खड़े हो गए. उन्होंने अपना लंड दीदी के होंठों पर लगा दिया.


जैसे ही जीजा जी का लंड उनके होंठों पर लगा, वे एकदम से चौंक गईं और दीदी ने अपने हाथों से आंखों पर बंधा दुपट्टा हटा दिया.


सामने किसी और को चोदते हुए देख कर वे एकदम से शॉक्ड हो गईं और उठ कर बैठ गईं.

लेकिन उन्होंने कुछ कहा नहीं और हल्के से मुस्कुरा कर जीजाजी से चिपक गईं.


मैं समझ गया कि ये उनके लिए सर्प्राइज गिफ्ट था.

शायद उनकी पहले ही इस बारे में बात हुई होगी.


दीदी जीजाजी से चिपकी हुई थीं और वह लड़का दीदी के पीछे अपना लंड उनकी गांड में सटा के हाथों से उनके बूब्स दबाने लगा था.


दीदी आंखें बंद किए दो दो मर्दों का मजा ले रही थीं.

मुझे ये सब एक लाइव पोर्न मूवी की तरह लग रहा था और मेरा लंड फनफनाने लगा था.


कुछ देर इसी पोजीशन में रहने के बाद जीजाजी लेट गए.

दीदी उनके ऊपर आ गईं और वह लड़का दीदी के ऊपर चढ़ गया.


उसका लंड पूरी तरह तन चुका था.

उसने अपने हाथ से लंड को दीदी की चूत पर सैट करके जोर का धक्का दे मारा.


उसका पूरा लंड दीदी की पहले से ही गीली चूत में चला गया.

लंड पेल कर वह लड़का जोर जोर से धक्के मारते हुए मेरी दीदी की चुदाई कर रहा था.


दीदी मजे से जीजा जी का लंड चूस रही थीं और अपनी गांड उठा उठा कर चुदवा भी रही थीं.

कुछ देर बाद दीदी ने जीजा जी का लंड एकदम से कड़क कर दिया था.


तो जीजा ने दीदी की चूची मसलते हुए उनसे कुछ कहा.

दीदी हंस दीं और शायद राजी हो गईं.


अब उस लड़के ने मेरी दीदी की चूत से अपना लंड बाहर खींच लिया था.

जीजा जी कुछ देर के लिए मेरी नजरों से दूर हो गए.


एक पल बाद वे मुझे कुछ करते से दिखे, पर समझ नहीं आ रहा था कि वे क्या कर रहे हैं.

तभी वे हाथ में एक काले रंग का स्टैंड जैसा लिए दिखे. मैं तुरंत समझ गया कि वे कैमरा सैट कर रहे हैं.


इसका मतलब यह था कि अब दीदी की चुदाई की वीडियो बनाई जाने वाली है.


अगले ही कुछ पलों बाद जीजा जी वापस दीदी के पास आ गए और उन लोगों ने चुदाई की पोजीशन बनानी शुरू कर दी.


पहले वह लड़का आया.

मैंने देखा कि उसने अपनी आंखों पर एक रंगीन कवर जैसा लगाया हुआ था, जैसा कि देसी ब्लू फिल्मों में खुद को छिपाने के लिए पॉर्न एक्टर आदि लगाते हैं.


वह बिस्तर पर लेट गया और अपने खड़े लंड को सहलाने लगा.

उसके ऊपर दीदी चढ़ गईं.

उन्होंने भी ठीक उसी तरह से अपना चेहरा छिपाया हुआ था.


दीदी ने लड़के के लौड़े को अपने हाथ से पकड़ा और उसके लंड के ऊपर अपनी चूत सैट कर दी.


फिर दीदी ने आह की आवाज निकालने जैसा मुँह खोला और लड़के का लंड गायब हो गया.

मतलब यह कि लड़के का लंड मेरी दीदी ने अपनी चूत में ले लिया था.


उसके बाद जीजू दीदी की गांड को अपनी एक उंगली से सहलाने लगे.

वे भी अपने चेहरे को उसी तरह के मास्क से छिपाए हुए थे.


यह देख कर मुझे समझ आ गया कि आज इधर मेरी दीदी की सैंडबिच चुदाई का सीन फिल्माया जा रहा था.

अब मैं सोचने लगा कि यह कुछ और मामला है.


जीजा जी ने अपनी उंगली में कुछ सफेद सफेद सा लगाया और दीदी की गांड में उस सफेद क्रीम को लगाने लगे.

दीदी की गांड मस्ती से हिल रही थी, जिससे साफ समझ आ रहा था कि दीदी गांड मराने की अभ्यस्त हैं.


कुछ देर बाद जीजा जी ने अपना लंड दीदी की गांड में सैट किया और धक्का देते हुए सुपारे को गांड के अन्दर ठेल दिया.

मुझे छत तक दीदी की आह की दबी हुई चीख सुनाई दी.


खैर … कुछ देर की मशक्कत के बाद दीदी की गांड और चूत दोनों छेदों में दो लंड चलने लगे थे.


यह सब देख कर मैंने अपने लंड को छोड़ा और एक सिगरेट जला कर लाइव ब्लू फिल्म का मजा लेने लगा.


तभी मुझे कुछ ख्याल आया और मैंने अपने मोबाईल से उन तीनों की वीडियो बनानी शुरू कर दी.

कुछ ही देर बाद उन तीनों ने अपनी पोजीशन बदली.


अब जीजा जी नीचे आ गए थे और दीदी की चूत में लंड पेलने लगे थे.

उधर वह लड़का मेरी दीदी की गांड मारने लगा था.


यह सब देख कर मेरे लौड़े ने भी अपनी चरम सीमा पर अकड़ना शुरू कर दिया था.

इधर मेरा लंड भी झड़ने लगा और मैंने छत के फर्श पर ही अपना वीर्य टपका दिया.


उधर उन तीनों का खेल भी खत्म होने को था.

पहले उस लड़के ने अपने लंड से वीर्य की धार दीदी की गांड में निकाल दी थी और वह हट गया था.


उसके हटते ही दीदी भी जीजा जी के लौड़े से हट गईं क्योंकि जीजा जी शायद पहले ही झड़ चुके थे.

उन सभी का खेल खत्म हो गया था.


रात के ढाई बजे का समय हुआ था, अब मुझे भी नींद आने लगी थी.

मैं नीचे कमरे में आ गया और सो गया.


दोस्तो, अभी तक की Hindi Sex Stories आपको कैसी लगी? कमेंट करके जरूर बताएं.

आगे की घटना अगली सेक्स कहानी में लिखूँगा.

नमस्कार.

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