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दीदी को टेबल पर ही बजायेगा या बेडरूम में ? - Desi Sex Kahani

मेरा नाम रोहन है, उम्र 23 साल, और मैं एक इंजीनियरिंग ग्रेजुएट हूँ, जो हाल ही में गुरुग्राम में एक अच्छी जॉब पाकर अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने जा रहा था। मेरी बड़ी बहन प्रिया, जो मुझसे तीन साल बड़ी है, यानी 26 साल की, एक खूबसूरत और हॉट लड़की है। उसकी शादी दो साल पहले हुई थी, और वो अपने पति, यानी मेरे जीजू, के साथ गुरुग्राम में रहती है।


प्रिया दीदी की फिगर कमाल की है—34-28-36, गोरी चमकती त्वचा, लंबे काले बाल, और आँखें जो किसी को भी दीवाना बना दें। जीजू, जिनका नाम विक्रम है, 30 साल के हैं, एक सक्सेसफुल बिजनेसमैन, और दिखने में स्मार्ट। उनका गुरुग्राम में अच्छा-खासा कारोबार है, जिसके चलते वो अक्सर बिजी रहते हैं।


जब मैं कॉलेज के दूसरे साल में था, तब प्रिया दीदी की शादी हुई थी। उनकी शादी के बाद वो गुरुग्राम शिफ्ट हो गई थीं। दो साल बाद मेरी इंजीनियरिंग पूरी हुई, और मैं जॉब की तलाश में जुट गया। कई इंटरव्यूज और रिजेक्शन के बाद आखिरकार मुझे गुरुग्राम की एक मल्टीनेशनल कंपनी से जॉब ऑफर मिला। मैंने खुशी-खुशी जॉइन कर लिया और सोमवार से काम शुरू कर दिया। जॉब मिलने की खुशी में मैंने प्रिया दीदी को फोन किया।


प्रिया दीदी ने फोन पर मेरी बात सुनकर खुशी से चहकते हुए कहा, “रोहन, तूने तो कमाल कर दिया! अगर तुझे गुरुग्राम में ही जॉब मिली है, तो हमारे साथ क्यों नहीं रहता? हमारा फ्लैट बड़ा है, दो बेडरूम हैं। मैं और विक्रम एक रूम में रहते हैं, दूसरा रूम खाली ही रहता है। तू वही ले ले, ऑफिस भी पास में है, तुझे कोई दिक्कत नहीं होगी।”


मैंने थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, “नहीं दीदी, मैं तुम्हें और जीजू को परेशान नहीं करना चाहता। मैं कोई फ्लैट ढूंढ लूंगा। इंटरनेट पर देखा है, कुछ ऑप्शन्स मिल जाएंगे।”


प्रिया दीदी ने हंसते हुए कहा, “अरे पागल, परेशानी कैसी? हम दो लोग ही हैं, और दूसरा रूम बेकार पड़ा है। तू आ जा, विक्रम को भी कोई दिक्कत नहीं होगी।”


उनकी जिद के आगे मैं हार गया। मैंने कहा, “ठीक है दीदी, मैं कुछ दिन के लिए घर जाऊंगा, सामान ले आऊंगा।” फिर मैं अपने होमटाउन गया, जहां मम्मी-पापा ने मुझे नई जॉब के लिए ढेर सारी बधाइयां दीं। रविवार को मैंने अपना सामान पैक किया और गुरुग्राम के लिए ट्रेन पकड़ ली।


शाम को मैं गुरुग्राम पहुंचा और टैक्सी लेकर सीधे प्रिया दीदी के फ्लैट पर गया। जीजू भी घर पर थे, क्योंकि रविवार था। दोनों ने मेरा गर्मजोशी से स्वागत किया। हमने साथ बैठकर इधर-उधर की बातें कीं। तभी कुछ मेहमान आ गए। मैंने दीदी से पूछा, “ये लोग कौन हैं?”


दीदी ने बताया, “ये विक्रम के मामा जी और उनकी फैमिली हैं।” मैंने जाकर नमस्ते किया और वापस आकर टीवी पर मूवी देखने लगा। मूवी देखते-देखते एक घंटा कब निकल गया, पता ही नहीं चला। अचानक प्रिया दीदी मेरे रूम में आईं और दरवाजा खोलते ही बोलीं, “रोहन, प्लीज थोड़ी देर के लिए बाहर चला जा। मुझे कपड़े बदलने हैं।”


मैंने हैरानी से कहा, “दीदी, आपके कपड़े तो ठीक हैं। क्या प्रॉब्लम है?”


दीदी ने थोड़ा झुंझलाते हुए कहा, “अरे, कपड़े नहीं, मेरी ब्रा का हुक टूट गया है। मुझे ब्लाउज के अंदर से ब्रा निकालनी है। प्लीज, बाहर जा।”


उनकी बात सुनकर मैं चौंक गया। मेरे दिमाग में अजीब-अजीब ख्याल आने लगे। मैंने कहा, “दीदी, अपने रूम में या बाथरूम में क्यों नहीं जातीं?”

दीदी ने तुरंत जवाब दिया, “विक्रम बाथरूम में नहा रहे हैं। मेरे रूम में मामा जी सो रहे हैं, और ड्राइंग रूम में मामी और बच्चे हैं। अब तू बहस मत कर, बाहर निकल।”


मैं चुपचाप बाहर चला गया और बच्चों के साथ खेलने लगा। लेकिन दिमाग में दीदी की बात बार-बार घूम रही थी। ब्रा, उनके बूब्स… मैंने पहले कभी उनके बारे में ऐसा नहीं सोचा था। फिर भी, मेरे दिमाग में उनकी सेक्सी फिगर की तस्वीर बनने लगी। मैं परेशान था, क्योंकि ये सब गलत था, लेकिन कंट्रोल नहीं हो रहा था।


थोड़ी देर बाद दीदी ने रूम का दरवाजा खोला और किचन की तरफ चली गईं। मैंने उन्हें गौर से देखा। उनका ब्लाउज अब ढीला लग रहा था, और ब्रा के स्ट्रैप्स के निशान गायब थे। साफ था कि उन्होंने ब्रा उतार दी थी। ये देखकर मेरा मन और बेकाबू हो गया। मैं वापस अपने रूम में गया और दरवाजा बंद कर लिया।


जैसे ही मैंने दरवाजा बंद किया, मेरी नजर बेड पर पड़ी। वहां प्रिया दीदी की क्रीम कलर की 34B साइज की ब्रा पड़ी थी। मैं पागल हो गया। ब्रा को हाथ में लिया, उसकी सॉफ्टनेस को महसूस किया। उसमें से दीदी का फ्लोरल परफ्यूम और उनकी बॉडी की हल्की खुशबू आ रही थी। मैंने ब्रा को सूंघा, और मेरे दिमाग में दीदी की नंगी तस्वीर उभरने लगी। मैंने एक हाथ से ब्रा को मसला और दूसरे हाथ से अपने लंड को सहलाने लगा। मेरा 8 इंच का लंड अब पूरी तरह तन चुका था।


तभी अचानक मेरे गाल पर जोरदार थप्पड़ पड़ा। मैं हड़बड़ा गया। सामने प्रिया दीदी खड़ी थीं, गुस्से में। मैंने दरवाजा लॉक करना भूल गया था, और वो अंदर आ गई थीं। मैं शर्मिंदगी से सिर झुकाए खड़ा रहा। दीदी ने ब्रा मेरे हाथ से छीनी और बिना कुछ बोले चली गईं। बस इतना कहा, “खाना लग गया है, आ जा।”


मैं घबराते हुए खाना खाने गया। मन में डर था कि कहीं दीदी जीजू को सब बता न दें। खाना खाकर मैं अपने रूम में वापस आया और सोचने लगा कि अगर जीजू को पता चला तो मेरी खैर नहीं। ये सब सोचते-सोचते मैं कब सो गया, पता ही नहीं चला।


अगले दिन सुबह मैं जल्दी उठा। मेहमान जा चुके थे। जीजू नाश्ता कर रहे थे। मैं उनसे नजरें चुराते हुए बाथरूम में चला गया। आधे घंटे तक नहाने के बहाने वक्त काटा। तभी दीदी ने दरवाजा खटखटाया और बोलीं, “रोहन, बाथरूम में ही पड़ा रहेगा या बाहर भी आएगा?”


मैं फटाफट बाहर आया, तैयार हुआ, और डाइनिंग टेबल पर नाश्ता करने बैठा। जीजू तब तक ऑफिस निकल चुके थे। दीदी ने मुझे नाश्ता परोसा और खुद भी अपनी प्लेट लेकर बैठ गईं। वो मुझे प्यार भरी नजरों से देखने लगीं।


दीदी ने कहा, “रोहन, मैं सॉरी बोलना चाहती हूँ।”


मैंने हैरानी से कहा, “सॉरी तो मुझे बोलना चाहिए, दीदी। मेरी हरकत की वजह से… मैं सच में शर्मिंदा हूँ। ऐसा दोबारा नहीं होगा।”


दीदी ने हल्के से मुस्कुराते हुए कहा, “हाँ, वो तो ठीक है, लेकिन मुझे बुरा लग रहा है कि मैंने तुझे थप्पड़ मारा।”


मैंने कहा, “इट्स ओके, दीदी। थैंक यू।”


दीदी ने फिर पूछा, “रोहन, एक बात पूछूं, अगर तुझे बुरा न लगे?”


मैंने कहा, “हाँ, दीदी, पूछो।”


दीदी ने शरारती अंदाज में कहा, “तेरी कोई गर्लफ्रेंड है?”


मैंने जवाब दिया, “कॉलेज में थी, अब नहीं है।”


दीदी ने हंसते हुए कहा, “तो क्या, तू उसकी ब्रा के साथ भी ऐसा करता था?”


मैं चौंक गया। ये क्या सवाल था? मैंने हड़बड़ाते हुए कहा, “नहीं, दीदी।”


दीदी ने और शरारत भरे अंदाज में कहा, “क्यों? उसकी ब्रा मेरी जितनी सेक्सी नहीं थी, या उसके बूब्स मेरे जैसे हॉट नहीं थे?”


मैं तो जैसे जम गया। दीदी ये क्या बोल रही थीं? मैंने हकलाते हुए कहा, “दीदी, ये आप क्या बोल रही हो? मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा।”


दीदी ने हंसते हुए कहा, “ठीक है, पागल। तो मैं समझाती हूँ।”


ये कहते ही दीदी अपनी कुर्सी से उठीं, मेरे पास आईं, और इससे पहले कि मैं कुछ समझ पाता, उन्होंने अपने गर्म, रसीले होंठ मेरे होंठों पर रख दिए। वो मेरी जांघों पर बैठ गईं। मैं हैरान था, लेकिन उनकी सेक्सी हरकतों ने मुझे बेकाबू कर दिया। मैंने भी उनके होंठों को चूमना शुरू कर दिया। उनकी जीभ मेरे मुँह में थी, और मैं उनकी जीभ को चूस रहा था। दीदी ने मेरा बायाँ हाथ उठाया और अपने ब्लाउज के ऊपर से अपने बूब्स पर रख दिया। मैंने धीरे-धीरे उनके गोल, मुलायम बूब्स को सहलाना शुरू किया।


किस करते-करते दीदी ने मेरे कान में फुसफुसाया, “रोहन, तू अपनी बहन को टेबल पर ही बजाएगा, या बेडरूम में ले जाएगा?”


मैंने उत्तेजना से भरे स्वर में कहा, “बेडरूम में, दीदी। वहाँ ज्यादा मजा आएगा।”


हम दोनों बेडरूम की ओर बढ़े। जैसे ही हम अंदर घुसे, मैं दीदी के ऊपर लेट गया, और वो मेरे नीचे। मैंने फिर से उनके रसीले होंठों को चूमना शुरू किया। उनके होंठ इतने नरम थे कि मैं खो सा गया। मेरे हाथ उनके ब्लाउज के ऊपर से उनके बूब्स को दबा रहे थे। मैं उनकी निप्पल्स को ब्लाउज के ऊपर से ढूंढने की कोशिश कर रहा था।


दीदी ने हंसते हुए कहा, “रोहन, ब्लाउज उतार दे, मेरे भाई। बिना ब्रा निकाले निप्पल्स कहाँ मिलेंगी? तेरे जीजू को भी मेरी निप्पल्स इतनी आसानी से नहीं मिलतीं।”


उनकी बात सुनकर मेरा लंड और सख्त हो गया। मैंने जल्दी से उनके ब्लाउज के बटन खोलने शुरू किए। एक-एक बटन खुलते ही उनकी गोरी, चिकनी त्वचा नजर आने लगी। ब्लाउज उतारते ही उनकी पर्पल ब्रा सामने थी, जो उनके 34B साइज के बूब्स को और भी सेक्सी बना रही थी। मैंने उनकी ब्रा के हुक खोले, और जैसे ही ब्रा उतरी, उनके गोल, तने हुए बूब्स मेरे सामने थे। उनकी गुलाबी निप्पल्स सख्त हो चुकी थीं। मैं भूखे शेर की तरह उनके बूब्स पर टूट पड़ा। एक निप्पल को मुँह में लेकर चूसने लगा, और दूसरे को उंगलियों से सहलाने लगा।


दीदी सिसकारियाँ लेने लगीं, “आआह… रोहन… उफ्फ… ऐसे ही… चूस मेरे भाई…” उनकी सिसकारियाँ सुनकर मैं और जोश में आ गया। मैंने उनकी निप्पल्स को हल्के से दाँतों के बीच दबाया, और जीभ से चाटने लगा। दीदी की साँसें तेज हो रही थीं। मैंने धीरे-धीरे उनकी साड़ी खींची, और उनका पेटीकोट भी उतार दिया। अब वो सिर्फ पर्पल पैंटी में थीं, जो उनकी चूत के गीलेपन से चिपक रही थी। मैंने उनकी पैंटी भी उतार दी। उनकी क्लीन शेव्ड, गुलाबी चूत मेरे सामने थी, जो गीली होकर चमक रही थी।


मैंने अपने कपड़े भी उतार दिए। मेरा 8 इंच का लंड पूरी तरह तन चुका था। दीदी ने उसे देखा और शरारती अंदाज में बोलीं, “वाह, मेरे भाई… तेरा लंड तो विक्रम से भी बड़ा और मोटा है। आज तो मजा आएगा।”


दीदी ने मेरा लंड अपने नरम हाथों में लिया और उसे सहलाने लगीं। फिर उन्होंने इसके सुपारे को अपने मुँह में लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं। उनकी गर्म जीभ मेरे लंड के टॉप को चाट रही थी, और मैं सातवें आसमान पर था। दीदी ने कहा, “रोहन, अब तू मेरी चूत चाट।”


मैंने हिचकिचाते हुए कहा, “दीदी, मैंने कभी नहीं चाटी।”


दीदी ने हंसकर कहा, “चाट ले, मेरे राजा। एक बार चाटेगा, तो रोज चाटेगा।”


मैंने उनकी टाँगें फैलाईं और उनकी चूत के होंठों को उंगलियों से खोला। उनकी चूत से गर्माहट और हल्की खुशबू आ रही थी। मैंने जीभ से उनकी चूत को चाटना शुरू किया। उनकी क्लिट को मुँह में लेकर चूसा। दीदी जोर-जोर से सिसकारने लगीं, “आआह… उउउ… रोहन… ऐसे ही… ओह्ह… स्स्स…” उनकी चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी। मैंने उनकी क्लिट को और तेजी से चाटा, और वो पागल सी हो रही थीं।


थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “दीदी, अब नहीं रुक सकता। अंदर डालना चाहता हूँ।”


दीदी ने हंसते हुए कहा, “चोद दे अपनी बहन को, मेरे राजा। आजा, मेरी चूत तेरा इंतजार कर रही है।”


मैं उनके ऊपर चढ़ गया। दीदी ने मेरे लंड को अपनी चूत की ओर गाइड किया। मैंने धीरे-धीरे अंदर धक्का दिया। उनकी चूत इतनी टाइट और गर्म थी कि मैं सिहर उठा। दीदी सिसकारी, “आआह… उफ्फ… धीरे, रोहन… ओह्ह…” मैंने धीरे-धीरे धक्के देना शुरू किया। उनकी चूत मेरे लंड को जकड़ रही थी। मैंने स्पीड बढ़ाई, और कमरा “थप-थप-थप” की आवाजों से गूंजने लगा।


दीदी ने कहा, “रोहन, रुक… मुझे ऊपर आना है।” वो मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे लंड को अपनी चूत में लिया। अब वो ऊपर-नीचे हो रही थीं। उनके बूब्स मेरे सामने उछल रहे थे। मैंने उनके बूब्स पकड़ लिए और निप्पल्स को मसलने लगा। दीदी जोर-जोर से सिसकारी, “आआह… स्स्स… चोद, रोहन… और जोर से…” मैंने नीचे से धक्के मारना शुरू किया।


फिर मैंने उन्हें घोड़ी बनाया। उनकी गोल, मुलायम गांड मेरे सामने थी। मैंने पीछे से उनकी चूत में लंड डाला और जोर-जोर से धक्के मारने लगा। दीदी चिल्ला रही थीं, “उउउ… रोहन… फाड़ दे मेरी चूत… आआह…” उनकी चूत का गीलापन मेरे लंड को और फिसलन दे रहा था। मैंने उनकी कमर पकड़कर और तेज धक्के मारे।


कई मिनट तक चुदाई के बाद दीदी ने कहा, “रोहन, बाहर निकालना। अंदर मत झड़ना।” मैंने लंड बाहर निकाला और उनके पेट पर झड़ गया। हम दोनों हाँफ रहे थे। दीदी ने मुझे गले लगाया और कहा, “मजा आ गया, मेरे भाई।”


आपको मेरी और प्रिया दीदी की ये चुदाई की Desi Sex Kahani कैसी लगी? नीचे कमेंट में जरूर बताएं।

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19 Comments

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Guest
Oct 26
Rated 3 out of 5 stars.

Tumhari bahan bina pataye kaise chud gyi

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shubham
Oct 24
Rated 5 out of 5 stars.

कहानी पढ़ के बहुत मज़ा आया

कोई लन्ड की प्यासी शादीशुदा या कुंवारी महिला जो रियल में या वीडियो कॉल में चुदना चाहती हो तो मुझे instagram मैसेज करो - shubham228973

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Guest
Oct 23
Rated 1 out of 5 stars.

Y

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Guest
Oct 24
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Kaha se ho

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Manju
Oct 22
Rated 5 out of 5 stars.

Call or Whats up msg me


7340632199


Muje khus kar do pati ka land kam nahi karta pati dubai h pese dugi

Gar aa javo mere

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Guest
Oct 24
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Mai hu na

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