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देसी भाभी को पटा कर खेत में पेला - Desi Kahani

Kamvasna

हैलो दोस्तो, मेरा नाम करण है और यह नाम बदला हुआ है.

मेरी उम्र अभी 20 साल की है.

मैं प्रयागराज के पास के एक गांव में रहता हूँ.


ये सेक्स कहानी दो साल पहले की है. ये सेक्स कहानी 100% एकदम सच्ची है.

इस घटना में मैंने अपने पड़ोस की भाभी को पटा कर चोदा था.


कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं आपको भाभी के बारे में बता देता हूँ.

उनका नाम निशा है. भाभी की उम्र 31 साल की है.

वे थोड़ी चालू किस्म की हैं. शादी से पहले भी उनका एक ब्वॉयफ्रेंड था और वे उससे खूब चुदवाती थीं, यह बात उन्होंने मुझे खुद ही बाद में बताई थी.


भाभी दिखने में एकदम दूध सी गोरी हैं उनका फिगर भी बहुत मस्त है. बड़े बड़े दूध, बाहर को निकली हुई गांड है.

कोई एक बार भी देख ले, तो बिना मुठ मारे ना रह पाए.


मैं तो खुद भी उनके नाम की कई बार मुठ मार चुका था.


मैं बहुत दिन से उन्हें पटाने की सोच रहा था.


वे मुझे जब भी दिखतीं, मैं उन पर लाइन मारने की कोशिश करता.

धीरे धीरे वे भी समझ चुकी थीं, लेकिन अंजान बनने का नाटक करती थीं.


इसी तरह कई महीने बीत गए.

अब वे मुझे देख कर स्माइल करने लगी थीं.


फिर होली आई और उस दिन शाम को मैं अपने एक दोस्त के साथ उनके यहां होली मिलने गया.


उनके घर में कोई नहीं था, सब होली मिलने बाहर गए थे.


मैंने भी मौका पाकर उनके ब्लाउज में हाथ डाल दिया और उनके मुलायम मुलायम दूध को दबा दिया.


दूध मींजते हुए मैंने बोला- हैप्पी होली!

उन्होंने यह सब देखा, पर वे कुछ नहीं बोलीं, बस हंस दीं.


उनका यह रवैया देख कर मुझे भी थोड़ा थोड़ा लगने लगा था कि अब भाभी सैट हो जाएंगी.


होली के बाद जब वह कभी रास्ते में मिलतीं, तो हंस देतीं.


मैं भी स्माइल कर देता था.


फिर एक दिन मैंने उन्हें देख कर खेत में चलने का इशारा किया.

तो वे मेरा यह इशारा देख कर कुछ गुस्सा हो गई थीं.


उनका यह मूड देख कर मैं डर गया और उसके बाद मेरी गांड फटने लगी.

फिर एक दिन खेत जाते वक्त भाभी रास्ते में मुझसे मिलीं और बोलीं- उस दिन क्या इशारा कर रहे थे? मैं तुमसे कितनी बड़ी हूँ!


हमारी बात पूरी हो पाती, उससे पहले वहां एक और औरत आ गई और भाभी चुप हो गईं.

मैंने भी वहां से खिसकने में ही भलाई समझी.


अब मेरी हालत और खराब हो गई.

मैंने सोचा कि आज के बाद इस भाभी के बारे में सोचूँगा भी नहीं, कहीं इसने मेरे घर में मेरी शिकायत कर दी, तो इज़्ज़त जाएगी सो जाएगी, उसके साथ जूते अलग से पड़ेंगे.


भाइयो, यह मेरा अनुभव है कि रंडी को छोड़ कर किसी भी टाइप की औरत हो, वह इतनी जल्दी किसी के भी लंड के नीचे आना पसंद नहीं करती. जब तक उसको यकीन ना हो जाए कि ये सेफ है.


अब भाभी जब मुझे देखतीं या कहीं मिलतीं, तो मैं उन्हें इग्नोर करने लगा था.

धीरे धीरे जून आ गया और गर्मी में मुझे मुठ मारने की लत लग गई.


मैं भाभी के बारे में सोच सोच कर रोज़ बाथरूम में मुठ मारता था.

एक दिन की बात है. गांव से खेत की तरफ जाती सड़क पर भाभी मुझे शाम को मिलीं.


वे मुझसे बोलीं कि तुम मुझे देख कर शर्मा क्यों जाते हो?

मैंने कहा- ऐसा तो कुछ भी नहीं है!


तो वे बोलीं- ऐसा नहीं है, तो अब मेरी तरफ देखते क्यों नहीं!

तब मुझे लगा कि यही मौका है अपने दिल की बात बोलने का.


मैंने कहा- आप ही तो मुझे उस दिन डांट रही थीं और अब ऐसे कह रही हो!

फिर उन्होंने कहा- मैं तो तुम्हें समझा रही थी कि तब तक वह आंटी आ गई और तुम चले गए. उस दिन के बाद से तुम मुझे इग्नोर कर रहे हो.


फिर मैंने कुछ सोचा और अपनी बात कह दी कि आप मुझे बहुत अच्छी लगती हो. मैं आपसे बहुत प्यार करता हूँ.

ये सुनकर भाभी थोड़ा अचंभित हो गईं.


वे बोलीं- ये सब ग़लत है. मैं तुमसे कितनी बड़ी हूँ. किसी को पता लग गया तो मेरी कितनी बदनामी होगी, कभी सोचा है?

मैंने कहा- किसी को पता नहीं लगेगा. बस एक बार आप हां कर दो. उसके बाद जो होगा देखा जाएगा.


कुछ देर यूं बात चलने के बाद उन्होंने मेरा नंबर माँगा, तो मैंने उन्हें झट से अपना नंबर दे दिया.


अब रोजाना हमारी बातें होने लगीं.

धीरे धीरे हम चुदाई की बातें करने लगे.


एक दिन मैंने उन्हें चुदाई के लिए खेत में बुलाया, तो वह मना करने लगीं.


कई दिनों तक ज़िद करने पर वे एक दिन बोलीं- हम दोनों सुबह 3 बजे घर के बगल वाले खेत में मिलेंगे.


मैं तो तैयार ही था क्योंकि दिन में मिलने के लिए कोई सुरक्षित जगह नहीं थी.

फिर हम दोनों ने अगले दिन मिलने का प्लान बनाया.


अगली रात मुझे नींद नहीं आई. जैसे ही 3 बजे, मैं उठ कर खेत में गया.

काफ़ी देर इंतज़ार करने के बाद भाभी आईं.


उन्होंने साड़ी पहन रखी थी.


उन्हें आया देखते ही मैं उनसे लिपट गया और मेरा लंड खड़ा हो गया.

उन्होंने कहा- जल्दी कर ले, कोई आ जाएगा!


फिर वे खेत में लेट गईं और साड़ी ऊपर करके भाभी ने अपनी चड्डी निकाली.

मैं मोबाइल की लाइट चला कर उनकी चुत के दीदार करने लगा.


पहली बार किसी की चुत सामने से देखी थी, क्या लग रही थी फूली फूली .. किसी पाव रोटी की तरह, जिसमें से चिपचिपा सा रस निकल रहा था जो मेरे मोबाइल की टॉर्च पड़ने से चमक उठा था.


मैंने अपनी एक उंगली भाभी की चुत की दरार में डाली तो भाभी थोड़ा चिहुंक उठीं.

मैंने उनकी चुत के रस को अपनी उंगली से लेकर चाटा.

चुत रस नमकीन सा लग रहा था.


भाभी बोलीं- सिर्फ दर्शन ही करोगे या कुछ और भी करोगे?

मैंने अपना लोवर नीचे किया, तो मेरा 6 इंच का लंड बाहर आ गया.


मैंने भाभी से कहा- मुँह में तो लो पहले!

उन्होंने मना कर दिया, फिर न जाने क्या मन में आया कि वे मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर उसको चूसने लगीं.


मुँह में लंड लेकर चूसने से लंड एकदम सख्त हो गया था.


यह देख कर उन्होंने जल्दी ही लंड मुँह से बाहर निकाल दिया और बोलीं- जल्दी करो.

मैंने लंड को चुत के मुँह पर रखा और धक्का दे मारा. पहली बार किसी की चुत चोद रहा था तो मेरा लंड फिसल गया.


यह देख कर भाभी हंसने लगीं.

मैंने फिर से ट्राइ की.

कई बार ट्राइ करने पर भी जब लंड चुत के अन्दर नहीं गया, तब भाभी ने खुद अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चुत के मुहाने पर लगाया.


वे बोलीं- अब धक्का मारो!

मैंने धक्का मारा और घुप करके भाभी की चुत मेरा लंड निगल गई.


उनकी चुत इतनी ज्यादा गर्म थी कि मुझे लगा मानो मेरा लंड किसी गर्म भट्टी में डाल दिया गया हो.

फिर एक मिनट में मेरा माल भाभी की चुत में ही गिर गया और मैं थोड़ा नर्वस सा महसूस करने लगा कि इतनी जल्दी मेरा कैसे हो गया!


भाभी समझ गईं और बोलीं- तुम्हारा पहली बार है ना!

मैंने हां में सिर हिलाया.


तो वे बोलीं- पहली बार ऐसा ही होता है.

उसके कुछ देर बाद भाभी ने मेरा लंड मुँह में लेकर चूसा और खड़ा कर दिया.


इस बार मैंने अपने आप अपना लंड उनकी चुत में डाला और उन भाबी की चुदाई करना शुरू कर दी.

मैंने पूरे 10 मिनट तक चुदाई की और अपना माल उनकी चुत में भर दिया.


हॉट सेक्सी करके मैं और भाभी हम दोनों हांफने लगे और हम दोनों ने अपने कपड़े ठीक कर लिए. क्योंकि गांव के लोग जल्दी उठ जाते हैं.

भोर के 4 बजने वाले थे.


फिर मैंने भाभी से बोला कि हम दोनों अलग अलग टाइम पर घर जाएंगे. पहले आप जाओ, मैं कुछ देर बाद आऊंगा!

वे चली गईं.


इसके बाद हमारी चुदाई चालू हो गई.

हम दोनों हर दूसरे तीसरे दिन मिलने लगे थे.


एक दिन हमारे गांव के एक आदमी ने हम दोनों को साथ आते देख लिया और उसके पति को बता दिया.

भाभी के पति ने उसको खूब मारा.


फिर हमारा मिलना नहीं हो पाया.

अब वह मुझे नहीं देखती, ना नहीं मैं उसको देखता हूँ.


धीरे धीरे हमारे बीच में से सब कुछ खत्म हो गया.

दोस्तो, आपको यह Desi Kahani कहानी कैसी लगी, मुझे ज़रूर बताएं.


अगली बार जल्दी ही किसी दिन किसी रियल स्टोरी के साथ ज़रूर मिलूँगा.

तब तक के लिए बाय!

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