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न्यूड रिसोर्ट में रहने का मजा - Indian Sex Stories

Kamvasna

मेरा नाम पूनम है। मैं 36 वर्षीय गोरे रंग वाली एक शादीशुदा औरत हूं। मेरी हाईट करीब 5.4 फीट है।


यूं तो मैं अब चुदवाते चुदवाते काफी मोटी हो गई हूं और मेरी फीगर अब 42-32-40 है।

मगर शादी के वक्त मैं बिल्कुल स्लिम थी।


मैं बी ए पास हूं।

मुझे अंग्रेजी भाषा आती है लेकिन धाराप्रवाह बोल नहीं पाती।

खासतौर पर तो विदेशियों की तो पल्ले ही नहीं पड़ती है।


मेरी शादी आज से 13 साल पहले हुई थी। मेरे पति पीयूष एक इंजीनियर हैं।


मेरे पति का रंग सांवला है। वो एक एमएनसी में सर्विस करते हैं, मुझे बहुत प्यार करते हैं।


हम लोग दिल्ली में रहते हैं।

मेरे पति पीयूष के साथ मेरी सेक्स लाइफ बहुत ही अच्छी है क्योंकि पीयूष सेक्स में बहुत मजा लेते हैं और मुझे बहुत गर्म करके चोदते हैं।

हांलाकि शादी के वक्त वो बिल्कुल अनाड़ी थे।


पीयूष का लंड लम्बा तो है लेकिन पतला सा है। लटका हुआ लंड करीब 4 इंच लम्बा और करीब 2 इंच मोटा है।

मगर जब पूरा तन जाता है तो करीब 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो जाता है।


पहले तो पीयूष मुझे एक दिन में कई कई बार बिल्कुल नंगी करके चोदते थे। ऑफिस से आते और खुद बिल्कुल नंगे हो जाते और अपना 4 इंच लम्बा और 2 इंच मोटा लंड हिला हिलाकर दिखाते।


मुझे वो लंड दिखा दिखाकर इतनी गर्म कर देते थे कि मैं खुद ही अपने कपड़े उतारकर उनके सामने नंगी हो जाती थी।

इसी हालत में उनके साथ शाम की चाय पीती थी।


एक हाथ में उनका लंड पकड़ कर हिलाती रहती और दूसरे में चाय का प्याला।

चाय पीते पीते पीयूष मेरी चूत में अपनी उंगली अंदर बाहर करते रहते और कभी कभी चाट भी लेते।


अभी भी हम दोनों बहुत किन्की सेक्स गेम्स भी साथ साथ खेलते हैं।

मैं पीयूष का लंड भी चूसती हूं और वो भी मेरी चूत में अपनी जीभ डाल कर खूब चोदते हैं।


मैंने तो कई बार पीयूष के लंड को चूस चूसकर अपने मुंह में झाड़ दिया और झड़ा हुआ सारा वीर्य पी गई।


पीयूष की जॉब में टूरिंग भी बहुत है।

तीन सील पहले वो एक हफ्ते के टूर पर लंदन गये थे।


पीयूष मुझसे कुछ भी नहीं छुपाते हैं, सब बता देते हैं।

उन्होंने बताया कि वहां उन्होंने एक 45 साल की ब्रिटिश विधवा औरत को, जिसके मकान में वो पेइंग गेस्ट बनकर रहे थे, पांच दिन खूब चोदा।


ये बताने के बाद उन्होंने मुझसे पूछा कि मुझे बुरा तो नहीं लगा क्योंकि पीयूष मुझे बहुत प्यार करते हैं।

मैंने कहा कि किसी को चोदने से आपका लंड कोई घिस तो नहीं गया न? किसी प्यासे को पानी पिलाना अच्छी बात है।


मेरे पति की कम्पनी दो साल में एक बार अपने सारे कर्मचारियों को 1 लाख रूपये तक बीवी के साथ दुनिया में कहीं भी घूमने जाने के लिए एलटीसी देती है।


अभी पिछले साल हम दोनों ग्रीस घूमने गये थे।

वहां पीयूष और मैं एक एडल्ट न्यूड रिसॉर्ट में भी गये जहां हम दोनों दो दिन और एक रात रुके।


पीयूष ने मुझे वहां पहुंचकर उस रिसॉर्ट के रूल्स के बारे में बताया।


वहां आने वाले सभी टूरिस्ट हर समय बिल्कुल नंगे होकर रह सकते थे।

रिसॉर्ट के एम्प्लाईज़ भी बिल्कुल नंगे रहते थे लेकिन बिना दूसरे की मर्जी के उसके साथ चुदाई नहीं कर सकते थे।


अगर किसी का मन दूसरे टूरिस्ट के साथ चुदाई करने का हो उसे उस टूरिस्ट से विनम्रता से चुदाई का आग्रह करना पड़ता था।


मगर हां, किसी को भी किसी दूसरे टूरिस्ट या रिसॉर्ट के एम्प्लाई को देखकर उसके सामने हस्तमैथुन करने की पूरी आज़ादी थी।


वहां पीयूष ने मुझे सी-बीच पर बिल्कुल नंगे होकर घूमने और नहाने के लिए मना लिया।

जब मैंने कहा कि मुझे शर्म आती है तो पीयूष ने कहा कि यहां हमको जानने वाला कोई नहीं है, इसलिए शर्म का तो मतलब ही नहीं है।


चूंकि वहां हमको कोई भी जानता नहीं था इसलिए मुझे भी शर्म की कोई बात नहीं लगी और मैं पीयूष की बात मान गई।


उस दिन हम बीच पर कई घंटे हजारों बिल्कुल नंगे मर्द और औरतों के बीच खुद भी बिल्कुल नंगे होकर घूमते रहे।

यह मेरा पहला अनुभव था।


हम लोग समुद्र में नहाये और मैंने उस दिन पहली बार कई तरह के लंड और चूतें देखीं और कई लोगों को तो बीच पर ही सबके सामने चुदाई करते देखा।


कई नंगे मर्दों ने तो मेरी नंगी चूत देख देखकर मेरे सामने ही अपनी मुठ मारी।

वहां कोई भी किसी के साथ कोई जबरदस्ती नहीं कर रहा था।


कई नंगी लेडीज़ तो अनुमति लेकर दो-दो आदमियों से भी चुदाई के मजे ले रही थीं।

पीयूष ने मुझे बताया कि यहां पर आने वाले कपल्स अपने पार्टनर बदल कर भी चुदाई करते हैं।


मैं पहली बार अपने पति के अलावा इतने सारे बिल्कुल नंगे मर्दों के कई आकार के लंड देख रही थी।

कुछ आदमियों के लंड तो करीब 10 इंच लम्बे थे।


ज्यादातर मर्दों के लंड इतनी नंगी औरतों की चूत देखकर बिल्कुल तने खड़े हुए थे।

जबकि कुछ के लंड चोद चोदकर और मुठ मार मारकर झड़ने के बाद लटके हुए भी थे।


मुझे लगता है कि ज्यादातर औरतों की चूत भी गीली होगी क्योंकि मेरी चूत ये सब पहली बार देखकर गीली हो गई थी।

मैं मन ही मन वहीं पर पीयूष के लंड से भी लम्बे लंड से चुदवाना चाह रही थी; बस थोड़ी सी हिचक थी पीयूष को लेकर!


जब हम बीच पर नंगे बैठकर सुस्ता रहे थे तो हमारे पास एक अधेड़ उम्र का यूरोपियन कपल बैठा था।

उनका 40-45 का ऐज़ ग्रुप का था।


उस आदमी का लंड 6 इंच लम्बा और करीब 3 इंच मोटा था।

मगर उसका लंड बाबाजी के घंटे की तरह लटका हुआ था और उसकी जांघों पर किसी सांप की तरह पड़ा हुआ था।


वो आदमी लगातार मेरी तरफ ही देख रहा था।

मुझे ये सोचकर मज़ा आया कि मैं इस उम्र में भी इतनी सेक्सी लगती हूं कि इतने सारे पराये मर्द मुझे घूर घूरकर मेरे नंगे बदन का मज़ा ले रहे हैं।


शायद इसीलिए क्योंकि मेरी चूचियां काफी बड़ी बड़ी और भारी हैं और मैंने अपनी जांघों के बाल ट्रिम किए हुए थे। जिसके कारण मेरी चूत के दोनों गीले होंठ भी खुले हुए साफ नजर आ रहे थे।


मेरी नजर भी लगातार उसके लम्बे लटकते हुए लंड पर ही थी।


उधर पीयूष उसकी पार्टनर को लगातार देखे जा रहा था और वो उसके इस तरह लगातार देखने से बेशर्मी के साथ मुस्करा रही थी।


तभी उसने अपनी दोनों टांगें फैला दीं और पीयूष को अपनी बिना झांटों वाली सफाचट गोरी चूत का खुला नज़ारा दिखाना शुरू कर दिया।


वो आदमी अभी भी मुझे लगातार देख रहा था।

मेरे बदन में सेक्स की अजीब सी सिहरन होने लगी।


फिर मैंने भी उत्तेजित होकर उस गोरे आदमी को अपनी टांगें फैलाकर खुली चूत के दर्शन करवाने शुरू कर दिए।


मेरे देखते देखते उस गोरे आदमी का लंड तनकर 8 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा मूसल जैसा हो गया।

उसके लंड का सुपारा भी अपना घूंघट उतारकर बाहर निकल आया।


शायद उस रिसॉर्ट पर उस आदमी का लंड बाकी सभी मर्दों के लंड के मुकाबले सबसे लम्बा और मोटा था।


ये सब देखकर पीयूष ने मेरी चूत में उंगली डालकर देखा और हिन्दी में कहा- तुम्हारी चूत तो बहने वाली है। क्या तुमको इस आदमी का लंड देखने में इतना मज़ा आ रहा है?


मैंने कहा- हां … मुझे इस गोरे के गधे जैसे लंड के साइज़ को देख कर मज़ा आ रहा है। ये आदमी तो बड़ी अच्छी चुदाई करता होगा। इसकी औरत तो मस्त हो जाती होगी। तुम्हारे लंड से तो काफी लम्बा और मोटा है इसका!


ये सुनकर पीयूष ने कहा- मेरा लंड भी उसकी बीवी की बिना झांटों वाली सफाचट गोरी चूत देखकर मस्त हो रहा है।


उन लोगों को हिन्दी नहीं आती थी इसलिए वो कुछ भी समझ नहीं सके लेकिन शायद वो ये समझ गए कि हम लोग उनके लंड और चूत के बारे में बात कर रहे हैं।


तभी वो दोनों उठकर हमारे पास आकर बैठ गए और पीयूष से इंग्लिश में बातें करने लगे।


पीयूष ने हिन्दी में अनुवाद करके मुझसे कहा- ये रॉबर्ट और उसकी वाइफ जूली हैं। बेल्जियम से यहां हमारी तरह ही घूमने आये हैं। रॉबर्ट को तुम्हारी चूत बहुत पसंद आयी है। वो पूछ रहा है कि अगर तुम बुरा न मानो तो वो तुमको चोदना चाहता है और जूली भी मेरे 6 इंच लम्बे लंड का स्वाद लेना चाहती है। मैं उसको क्या जवाब दूं?


ये सुनकर मेरी चूत और भी गीली हो गई और मेरी नज़र रॉबर्ट के लंड पर ही चिपक गई जो फनफना कर कुतुब मीनार की तरह खड़ा हो गया था।

मैंने धीरे से हिन्दी में पीयूष से कहा- ये तो अब आप जानो, मैं क्या कहूं!


पीयूष मेरी तहफ हंसकर बोला- पूनम डार्लिंग, चुदवा लो, बहुत मज़ा आएगा। तुम्हारी चूत कोई घिस तो नहीं जाएगी। प्यासे को पानी पिलाना तो पुण्य का काम होता है। मेरे लंड से तो रोज़ ही चुदती हो, आज टेस्ट भी बदल जाएगा, बेचारे का भी भला हो जाएगा।


वो आगे बोले- देखो अगर तुम किसी दूसरे मर्द से भी चुद जाओ तो भी मुझे कोई ऑब्जेक्शन नहीं है, यहां कोई हमें जानता भी नहीं है, इसलिए कोई खतरा भी नहीं हैं। ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता है।


इस पर मैं शर्माकर हंस दी और बोली- ठीक है, जैसा आप ठीक समझो।

पीयूष ने तभी इंगलिश में दोनों को मेरे बारे में अपनी वाइफ बताकर परिचय करवाया और साथ-साथ मस्ती करने के लिए हां कह दिया और कह दिया कि वो दोनों शाम को रिसॉर्ट में हमारे कमरे में आ जाएं।


हमने उनको अपना रूम नम्बर दे दिया।


जैसा मैंने कहा कि ये एक न्यूड रिसॉर्ट था और ज्यादातर लोग रिसॉर्ट में भी नंगे ही रहते थे, यहां तक कि रेस्टोरेन्ट में भी नंगे ही चले जाते और खाना खाते थे।


रूम सर्विस के लिए जो वेटर या वेट्रेस आते वो भी नंगे होते थे।

वहां शर्म नाम की कोई चीज़ नहीं थी।


शाम को जैसे ही हम दोनों कमरे में पहुंचकर नहाने की सोच ही रहे थे कि रॉबर्ट और जूली दोनों हमारे कमरे में आ गए।


वो दोनों अब भी नंगे थे।

पीयूष ने कहा- हम नहाने ही जा रहे थे।

उसने उन दोनों को सोफे पर बैठने को कहा।


इस पर रॉबर्ट और जूली दोनों साथ साथ इंगलिश में बोले- हाऊ एबाउट टेकिंग बाथ टूगेदर? (साथ में नहाने के बारे में क्या ख्याल है?)

पीयूष ने उन्हें ओके कहा और मुझसे बोला- चलो हम चारों सब साथ साथ ही नहाते हैं, फिर चुदाई करेंगे।


हम सब बाथरूम में चले गए।


मैं रॉबर्ट की तरफ देखकर मुस्करा दी।


उसका खड़ा हुआ लंड देखकर मेरा हाथ अनजाने में मेरी चूत पर चला गया और मैं अपनी चूत में उसके सामने ही उंगली करने लगी।


यह देखकर पीयूष बोला- अरे, तुम क्यों अपनी चूत में उंगली कर रही हो। तुम तो अपने हाथ से रॉबर्ट के लंड का मज़ा लो और फिर जमकर चुदवाओ। राबर्ट व्हाई डांट यू हेल्प हर? (रॉबर्ट, तुम उसकी मदद क्यों नहीं करते?)


रॉबर्ट ने तभी एक हाथ से मेरी चूचियों को मसलना शुरु कर दिया और दूसरे हाथ की दो उंगलियां मेरी चूत में डाल दीं।


मुझसे रहा नहीं गया और मैं भी अपने हाथ से उसके लम्बे और मोटे लंड को कसकर पकड़ कर आगे पीछे करने लगी।

उसके लंड का सुपारा पीयूष के लंड के सुपाड़े से काफी बड़ा था और बिल्कुल गुलाबी रंग का था।


उधर जूली और पीयूष शॉवर के नीचे एक दूसरे से चिपके खड़े थे और जूली पीयूष के लंड को पकड़ कर खींच खींचकर हिला रही थी।


पीयूष एक हाथ से जूली के दोनों नंगे चूतड़ों को मसल रहे थे और दूसरे हाथ से उसकी चूत में उंगली डालकर चोद रहे थे।


मैंने भी रॉबर्ट के तने हुए लंड को इतना चूसा कि उसके सुपारे से चिकना चिकना पानी निकलने लगा।

हम दोनों वहीं बाथरूम के फर्श पर 69 के पोज़ में लेट गए।


रॉबर्ट की जीभ मेरी चूत में आग लगा रही थी।

मैं रॉबर्ट के लंड को हाथ से पकड़ कर खींच खींचकर चूस रही थी।


तभी राबर्ट मेरे मुंह में ही झड़ गया।

मैं तो उसके लंड से निकले वीर्य की मात्रा देखकर हैरान रह गई।


बहुत सारा सफेद-सफेद … गाढ़ा-गाढ़ा माल उसके लंड से निकला जो मेरे मुंह में भर गया।

मैं धीरे धीरे उस सारे खट्टे से स्वाद वाले माल को अपनी जीभ से चाट चाटकर पी गई।


पीयूष के लंड से तो इसका करीब आधा माल ही निकलता है।


मेरा मन अभी भरा नहीं था इसलिए उसके झड़े हुए लम्बे लटकते हुए लंड को मैंने फिर से चूसना शुरु कर दिया।

रॉबर्ट अभी भी मेरी चूत चाटने में लगा था।


मैं तो ये सोचकर मज़े में बिल्कुल पाग़ल सी हो गई कि कोई दूसरा मर्द मेरी चूत मेरे पति के सामने ही चाट रहा है।


उधर जूली भी अब शॉवर के नीचे बैठकर पीयूष का लंड जोर जोर से चूस रही थी।


इस तरह नहाने में ही हम सभी लोग बहुत गर्म हो गए।


जब रॉबर्ट से नहीं रहा गया तो उसने मुझे वहीं बाथरूम के फर्श पर कुतिया की पोज़ में बिठा दिया।


रॉबर्ट ने मेरी दोनों टांगें फैलाकर पीछे से मेरी चूत में अपना 8 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा गधे जैसा लंड पेल दिया और एक ज़ोरदार धक्का लगाया।


मेरी चूत चुदने का सोचकर बिल्कुल गीली होकर इतना खुल गई थी कि एक ही धक्के में रॉबर्ट का पूरा का पूरा लंड गपक गई।

उसके धक्कों में मुझे इतना मज़ा आ रहा था कि मैं भी अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर अपनी चूत में उसके लंड के धक्कों का मज़ा लेने लगी।


दो तीन धक्कों में ही मेरी चूत फच-फच करने लगी।

चार पांच धक्कों में ही मैं झड़ गई।


मगर रॉबर्ट के लम्बे लंड के धक्के जारी थे। उसके बाद मैंने पहली बार मल्टीपल ऑर्गाज़्म (एक से अधिक बार झड़ना) का मतलब जाना क्योंकि हर दूसरे धक्के पर मेरी चूत पानी छोड़ रही थी।


मुझे रॉबर्ट से चुदवाने में इतना मज़ा आ रहा था कि मैं बार बार झड़ती हुई सिसकार रही थी।


रॉबर्ट भी इंगलिश में कुछ कुछ बोल रहा था जो मेरी समझ में नहीं आया।


मुझे रॉबर्ट से इस तरह खुलकर मस्ती में चुदवाते हुए देखकर पीयूष इतना उत्तेजित हो गए कि उनके लंड से जूली के मुंह में ही पिचकारी छूट गई।


जूली ने उनका सारा वीर्य अपनी जीभ से चाट चाटकर पी लिया और फिर से पीयूष के लंड को चूसने लगी।


शायद पीयूष को मुझे दूसरे मर्द से चुदवाते हुए देखने में बड़ा मज़ा आया था तभी इतना जल्दी झड़ गए थे।


मुझे करीब 15-20 मिनट तक रॉबर्ट ने कई सारे पोज़ में कभी पीछे से, कभी खड़े खड़े और कभी अपने लंड पर बिठाकर वहीं पीयूष और जूली के सामने चोदा और मेरी चूत में अपना सारा माल एक बार फिर से निकाल दिया।


हम दोनों अब थककर अलग हो गए।


मैं सोच रही थी कि अगर रॉबर्ट इण्डियन मर्द होता और उसको हिन्दी भी आती तो कितना मज़ा आता।


अब मेरी चूत से रॉबर्ट का सारा माल बहता हुआ मेरी जांघों पर टपक रहा था।


रॉबर्ट अभी भी मेरी चूचियां मसल रहा था।

उसका लंड मेरी चूत के रस से गीला होकर चमक रहा था और गधे के लंड की तरह नीचे लटक गया था।


तब तक पीयूष का लंड फिर से तनकर खड़ा हो गया और तभी जूली ने पीयूष को नीचे फर्श पर पीठ के बल लिटा दिया।


पीयूष के लंड पर अपनी गीली चूत रख कर वो ऐसे बैठी कि पीयूष का लंड उसकी चूत में फिसलता हुआ पूरा का पूरा अंदर चला गया।


जूली अब पीयूष के ऊपर चढ़कर जोर जोर से अपने चूतड़ उछालते हुए पीयूष के लंड को अपनी चूत में पिलवा रही थी।


उसके मम्में लटके हुए जोर जोर से पीयूष के चेहरे के सामने हिल रहे थे और वो भी उन्हें दोनों हाथों से मसल रहा था।


मैंने पहली बार पीयूष को किसी दूसरी औरत से चुदते हुए देखा।

मैं उत्तेजित होकर फिर से गर्म हो गई।


मैंने फिर से रॉबर्ट के लंड को चूसना शुरू कर दिया।

रॉबर्ट भी मेरी चूत में उंगली डाल डालकर और निकालकर उंगली में लगे मेरे और उसके झड़े हुए माल को चाटने लगा।


इतनी जोर से झड़कर भी मेरी चुदास शान्त नहीं हुई थी।

मेरा मन कर रहा था कि मैं सारी रात रॉबर्ट के उस मोटे और लम्बे लंड से मज़े लेती रहूं।


तभी पीयूष के लंड ने जूली की चूत में पिचकारी मार दी।


इस तरह खेलते खेलते करीब करीब तीन घण्टे निकल गए।


तब पीयूष ने बोला- चलो, अब रेस्टॉरेन्ट में चलकर खाना खा लेते हैं।


हम सभी बाथरूम से शॉवर लेकर बाहर आ गए और नंगे ही रेस्टॉरेन्ट की ओर चल दिए।

रॉबर्ट का गधे जैसा लम्बा लंड चलते समय उसकी दोनों टांगों के बीच लटका हुआ ऐसा मस्ताना होकर झूल रहा था कि मैं उसके लंड से नज़र हटा ही नहीं पा रही थी।


मैं अभी भी रॉबर्ट के लटकते हुए लंड को देखकर इतना मस्त हुई जा रही थी कि मेरी चूत में फिर से खुजली होने लगी।

जूली और पीयूष तो चिपक चिपककर चल रहे थे और पीयूष का लंड जूली ने अपने हाथ में थाम रखा था।


मैं रेस्टॉरेन्ट में भी एक हाथ से रॉबर्ट के लंड से ही खेलती रही और रॉबर्ट मेरी चूचियों और चूत से।


रेस्टॉरेन्ट में बैठे सभी लोग यही काम कर रहे थे।


हमारे पास बैठा एक कॅपल तो हमारा खेल देखकर इतना गर्म हो गया कि वहीं डाइनिंग टेबल पर ही चुदाई करने लगा।


खाना खाकर जब हम लोग अपने कमरे की तरफ आ रहे थे तो रॉबर्ट ने पीयूष को अपना बेल्जियम का पता दिया और कहा जिसको मैं हिन्दी में बता रही हूं- हम कल निकल रहे हैं। इस मस्ती भरी शाम के लिए धन्यवाद। तुम्हारी बीवी बहुत सेक्सी है। जब भी तुम बेल्जियम आओ तो हमारे यहां ही ठहरना ताकि हम फिर से ऐसी मस्ती कर सकें।


पीयूष ने भी अपना पता दिया और दोनों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया और कहा- हम भी कल निकल रहे हैं। हमें तुम्हारे साथ बहुत मज़ा आया।


पीयूष से मैंने कहा- आज रात तो ये लोग यहीं पर हैं न? पीयूष मेरा मन अभी भरा नहीं है, मैं पूरी रात इतने लम्बे और मोटे लंड का मज़ा लेना चाहती हूं, मैं तो अभी भी उसके मोटे और लम्बे लंड की भूखी हूं, फिर शायद मौका न मिले।


तो पीयूष ने कहा- हां मेरी जान … मैं तो डर रहा था कि कहीं तुम को बुरा न लगे, मैं भी जूली की चूत में अपना लंड रातभर डालकर चोदना चाहता हूं।


फिर पीयूष ने रॉबर्ट और जूली से इंग्लिश में कहा जो मैं आपको हिन्दी में बता रही हूं- मेरी बीवी तुम्हारे लंड को पूरी रात अपनी चूत में लेना चाहती है। वो जोरदार चुदाई चाहती है तुमसे! क्या तुम आज रात को हमारे रूम में रहना पसंद करोगे? मैं भी जूली को पूरी रात चोदना चाहता हूं।


वो दोनों मुस्कराए और तैयार हो गए।


फिर सारी रात एक ही कमरे में सारी बत्तियां जलाकर अलग अलग बिस्तर पर हम चारों ने एक दूसरे को देख देखकर जी भरकर ऐसी चुदाई की कि मैं जीवन भर कभी भूल नहीं सकती।

उस रात रॉबर्ट के लम्बे लंड से मैं पता नहीं कितनी बार झड़ी।


रॉबर्ट ने भी मेरी चूत में पता नहीं कितनी पिचकारियां मारी होंगी।

मेरी चूत को सुबह तक उसके लंड ने खुला भोसड़ा बना दिया था।


उधर जूली ने भी पीयूष से चुदवा चुदवाकर पीयूष के लंड को 3 इंच की लुल्ली जैसा कर दिया।


वाइफ स्वैप के बाद सुबह दोनों बिस्तरों की चादरों पर रात भर की चुदाई के नक्शे बने हुए थे।

सुबह उठकर जब वो दोनों जाने लगे तो मुझसे रहा नहीं गया और मैंने आखिरी बार रॉबर्ट के लंड को चूस चूसकर इतना गर्म कर दिया कि वो मेरे मुंह में ही झड़ गया।

उसका ढेर सारा सफेद माल पीकर मैंने उसको बुझते हुए दिल से गुडबाय कहा।


अब भारत वापस आने के बाद हम दोनों चुदाई करते वक्त हमेशा उस रात की बात जरूर करते हैं और दोनों उत्तेजित होकर झड़ जाते हैं।

मेरी आंखों के सामने रॉबर्ट का गधे जैसा मोटा और लम्बा लंड अभी भी रहता है।


रॉबर्ट का ईमेल अक्सर आता रहता है।

आखिरी ईमेल में उसने लिखा था कि अगले साल वो और जूली भारत आने का प्रोग्राम बना रहे हैं।

मैं तो तब से रॉबर्ट के लंड से फिर चुदवाने के लिए पागल सी हूं।


मैंने भी सोचा है कि अपनी एक कॉलेज टाइम की सहेली सुधा, जो विधवा है और चण्डीगढ़ में रहती है, को भी पीयूष के लंड का मज़ा दिलवाऊंगी।

पीयूष को भी मज़ा आएगा।


मुझे मालूम है कि मेरी सहेली मस्त हो जाएगी क्योंकि पिछले 6 साल से उसको लंड का मज़ा नहीं मिला है।


मुझे उस पर पूरा भरोसा है कि ये बात सिर्फ हम तीनों के बीच रहेगी।


दोस्तो, ये मेरी रियल सेक्स स्टोरी थी। आपको ये Indian Sex Stories कैसी लगी मुझे जरूर बताना।

जल्द ही फिर आपसे मुलाकात होगी।


मेरा ईमेल आईडी है- neha_arra@rediffmail.com

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