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पक्के दोस्त ने अपनी गांड मरवा ली

मेरा नाम सानिध्य है (बदला हुआ) मैं जबलपुर से हूँ.मेरी उम्र 21 साल है और मैं बीए के फाइनल ईयर में हूँ.मैं एक सामान्य सा दिखने वाला युवा हूँ. मेरी हाइट 5 फुट 8 इंच है, रंग हल्का सांवला है.

मैं अपने बारे में बता दूं कि मैं एक मध्यम वर्गीय परिवार से हूँ.मेरी फैमिली में हम 3 लोग हैं.जिसमें मैं और मेरे डैड अशोक, मॉम शोभा हैं.

लड़कियों की जानकारी के लिए बताना चाहता हूँ कि मेरा लंड सामान्य आकार से काफी बड़ा है.मैंने खुद इसे नापा है, उत्तेजित अवस्था में यह पूरा ७ इंच लंबा और गोलाई में २ इंच मोटा है, पूरा काला साँप के जैसे दिखता है.

कॉलेज में मेरा एक दोस्त ललित है.सब लोग उसे पप्पू बुलाते हैं.

यह गांड चुदाई कहानी इसी दोस्त के साथ की है.

ललित मेरा बहुत अच्छा दोस्त है. वह मेरी ही क्लास में पढ़ता है.साथ साथ पढ़ाई करने के अलावा हम दोनों एक साथ खेलते हैं, साथ में ही कॉलेज जाते हैं और एक साथ घर पर स्टडी करते हैं.कभी वह मेरे घर में पढ़ने आ जाता है, तो कभी मैं उसके घर चला जाता हूँ.

अब मैं आपको वह बात बताता हूँ कि कैसे मैंने अपने बेस्ट फ्रेंड पप्पू की गांड मारी और उसे जमकर पेला.

मैं वैसे तो बहुत सीधा लड़का हूँ, पर मैं जब भी कोई बड़े बूब्स वाली आंटी या लड़की को देखता हूँ, तो मेरा लंड अपने आप खड़ा होने लगता और मैं उसे पकड़ कर रगड़ने लगता.

जब मैं अपने लंड को हिलाने से ज़्यादा उत्तेजित हो जाता था तो मेरा मन करता कि काश मैं इस लड़की या आंटी को चोद पाता.

पर मैं किसी को रगड़ ही न सका और उसी वजह से मैं अभी तक कुंवारा ही था, बस 4-5 बार यहां वहां देख कर अपने लंड की मुठ मारी थी.

जब मैं इंटर पास करके बीए में पहुंचा था, तो उधर मुझे एक मस्त लड़की पल्लवी दिखी थी.वह तभी से मेरी क्रश थी.मैं उसको बहुत पसंद करता था.

उसके मम्मे बहुत बड़े थे और वह एकदम दूध सी सफेद अंग्रेजन सी लगती थी.उसको देखकर कॉलेज का हर लड़का अपना लंड पकड़ कर हिलाने लगता था.

यह बात मेरे फ्रेंड पप्पू को पता थी कि मैं पल्लवी को पसंद करता हूँ.वह यह भी जानता था कि सेक्स के लिए मैं कितना पागल हूँ.

मेरी इसी बात का उसने फायदा उठाया.

एक दिन जब हम दोनों उसके घर में स्टडी कर रहे थे तो उसने पल्लवी के बारे में बात करना स्टार्ट कर दी.अब मैं भी उसकी बातें करने लगा.

उसकी बात करते ही मुझे उसके दूध याद आने लगे और मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा.

पप्पू इस बात को समझ गया था कि मैं उत्तेजित हो रहा हूँ.उसने मेरी उत्तेजना को बढ़ाने के लिए उसी वक्त अपने मोबाइल में एक ब्लू फिल्म चला दी और वह मुझे और ज्यादा गर्म करने लगा.

हम दोनों ने रात के 12 बजे तक ब्लू फिल्म देखी.

उसके बाद हम दोनों मोबाइल बंद करके सोने लगे.पर अब नींद कहां आने वाली थी.

उसका लौड़ा भी फनफना रहा था और मेरा लौड़ा तो गजब ही ढहा रहा था.

उसी वक्त पप्पू को एक शरारत सूझी और वह मुझसे बोला- भाई सुनो न!मैंने कहा- हां बोल!

‘यार मेरा लौड़ा सोने का नाम नहीं ले रहा है … काश कोई मेरे लंड को हिला देता और मेरा पानी निकाल देता.’तो मैंने भी कह दिया- हां यार, मेरा भी यही हाल है.

वह झट से बोला- भाई .. तो अपन दोनों एक काम करते हैं. मैं तेरे लंड को हिला देता हूँ और तू मेरे लौड़े को हिला दे!इस बात को सुन कर मेरा दिमाग खराब हो गया.

मैं उससे बोला- पागल, ये फालतू बातें मत कर .. मुझे ये सब पसंद नहीं है.

मेरा तेवर देख कर वह चुप हो गया.पर थोड़ी ही देर में वह फिर से बोला- भाई .. तू मेरा भले ही मत हिला, पर मैं तेरा हिला देता हूँ.

और बस झट से उसने मेरा लौड़ा अपने हाथ में पकड़ लिया.मेरा लंड एकदम फूल कर कड़क हो चुका था.

उसके लंड पकड़ते ही पहले तो मैं चौंक गया और उससे थोड़ा दूर हो गया.पर अब ऐसा लग रहा था जैसे वह मेरे लंड को छोड़ने वाला नहीं था.

तो मैं भी चुप हो गया और बिस्तर में सही से लेट गया.अब पप्पू मेरे लंड को लोवर के ऊपर से सहलाने लगा था.

वह मुझे देख देख कर एक मीठी मुस्कान भी दे रहा था.

मैं कुछ बोल नहीं रहा था क्योंकि यह सब मैंने सोचा ही नहीं था कि मेरे साथ पप्पू ऐसा करेगा.

कुछ ही देर बाद उसने मेरे लोवर और चड्डी को एक साथ नीचे खींचा और उसमें से मेरे 9″ के लंड को बाहर निकाल लिया.

मैंने देखा कि लंड देख कर उसकी आँखों में एक अलग प्रकार की चमक आ गई थी, जैसे वह मेरे लौड़े के लिए बहुत समय से बेताब हो.

अब मेरा लंड लोवर के बाहर आकर फुफकार मार रहा था.

पप्पू ने मेरे लौड़े के टोपे को अपने हाथ से पकड़ कर खींचा तो मेरा गुलाबी सुपारा बाहर आ गया.

गुलाबी रंग का सुपारा देख कर पप्पू के चेहरे पर मुस्कुराहट ऐसी बढ़ गई थी मानो उसे कोई खजाना मिल गया हो.

पप्पू अब धीरे धीरे मेरे लंड की मुठ मारने लगा था जिससे मुझे भी अब ज्यादा मज़ा आने लगा था.अब मैंने अपनी आंखें बंद कर ली थीं.

तो पप्पू बोला- सानिध्य भाई, देख तेरा लौड़ा पल्लवी भाबी का नाम सुनकर कितना मचल रहा है … अगर अभी पल्लवी भाबी तुझे मिल जाए, तो तुम तो उनकी चुत ही फाड़ दोगे!

पप्पू पल्लवी की बातें इसलिए कर रहा था ताकि मुझे और सेक्स चढ़ जाए.और हुआ भी वैसा ही.अब मेरा लंड और भी ज्यादा फनफ़नाने लगा था.पप्पू भी यही चाह रहा था.

फिर उसने देखा कि मैं आंखें बंद करके एंजाय कर रहा हूँ, तो उसने अपने होंठ मेरे लंड के सुपारे पर रख दिए.आह … बहुत मस्त अहसास था वह मेरे लिए!

पप्पू मुझे मस्त ब्लोजॉब दे रहा था और जोर जोर से मेरे लंड को चूस रहा था.

मुझे भी हल्की गुदगुदी के साथ मज़ा आ रहा था और मैं अब उसके सिर को पकड़ कर अपने लंड से उसके मुँह को चोदने लगा था.

कुछ 15 मिनट तक वह लगातार धीरे धीरे तो कभी जोर जोर से मेरे लंड को चूस रहा था.

अब मज़ा इतना ज़्यादा आ रहा था कि मैंने अपनी टांगों में फंसी हुई चड्डी को लोवर समेत नीचे करके अपनी टांगों से मुक्त कर दिया.उसी वक्त न जाने मुझे क्या हुआ कि मैंने अपनी टी-शर्ट भी उतार दी.

मैं अपने दोस्त पप्पू के सामने पूरा नंगा हो गया.

पप्पू मेरे लंड को देख कर बोला- भाई … इतना लंबा तो मेरा भी नहीं है!तो मैंने उससे कहा- अच्छा .. तो तू भी नंगा हो जा, मैं भी तेरे लौड़े को देख लूँ.

मेरे इतना कहने की देर थी कि उसने भी झट से अपने कपड़े उतार दिए.

अब उसका ५″ का लौड़ा भी मेरे सामने था जोकि मेरे लंड से छोटा था, पर उसका लंड मेरे लंड से थोड़ा ज्यादा मोटा सा लग रहा था.

वह मेरे पास आया और मुझसे बेड पर लेट जाने के लिए बोला.मैं तुरंत लेट गया.

उसके बाद वह मेरे ऊपर आ गया और मुझे सीने पर किस करने लगा, कभी मेरे निप्पल चाटता तो कभी मेरी नाभि, तो कभी मेरा लौड़ा चूसने लगता.

हद तो तब हुई, जब पप्पू मेरे लंड को चाटते हुए और नीचे गया, मेरे गोटे ऊपर करके मेरी गांड को चाटने लगा.मुझे बड़ी सनसनी हुई, तो मैं उचक कर अलग हो गया और मैंने उसे धक्का दे दिया- हट पागल, ये क्या कर रहा है. लवड़े मेरी गांड मारेगा क्या?

मैं उसे गुस्से से देखने लगा.वह चुप रहा.

तब मैंने उससे कहा- चल अब सो जा, अब कुछ ज़्यादा ही हो रहा है. तू मुझे गांडू समझ रहा है क्या?पप्पू- सॉरी भाई … मुझसे ग़लती हो गयी, पर मुझे तुम ऐसे बीच में नहीं छोड़ सकते!

‘बीच में नहीं छोड़ सकते .. इसका क्या मतलब??’पप्पू- भाई, मैं एक गे हूँ .. और जब मैंने 12 वीं में तुम्हें बाथरूम में मुठ मारते हुए तुम्हारा लंड देखा था, उसी वक्त से मैं तुमसे अपनी गांड मरवाना चाहता हूँ. मैं तुम्हारे इस लंबे लंड को अपनी गांड में लेना चाहता हूँ … प्लीज़ भाई … मना मत करना. तुम मेरे बेस्ट फ्रेंड हो. मुझे पता है कि तुम गे नहीं हो, पर अपने इस गांडू दोस्त के लिए बस एक बार मेरी गांड मार लो!

पप्पू की इस रिक्वएस्ट को मैं मना नहीं कर सका क्योंकि वह मेरा बेस्ट फ्रेंड था.मैंने उसकी गांड मारने के लिए हां बोल दिया.

उसके बाद पप्पू खुशी से मेरी टाँगों से लिपट गया और मेरे लंड को चूसने लगा.उसने 5 मिनट तक मेरे लंड को पूरी तन्मयता से चूसा.

अब मेरा लंड उसकी गांड मारने को रेडी था.

मैंने उसे डॉगी स्टाइल में आने को बोला.

वह जल्दी से कुत्ता बन गया और मैंने अपना थूक लेकर उसकी गांड के छेद में लगा कर उंगली से अन्दर कर दिया.

वह मचलने लगा और अपनी गांड हिलाने लगा.फिर मैंने थोड़ा ज्यादा सा थूक लेकर अपने लौड़े के सुपारे पर मल लिया.

मैंने अपने लंड को उसकी गांड के होल पर सैट किया और एक जोर का झटका दे मारा.

मेरे लंड के हमले से उस की गांड का मुँह खुल गया और एक ही बार में मेरा आधा से ज्यादा लंड उसकी गांड में समा गया.उसके मुँह से दबी हुई चीख निकल गयी.

पर मैंने उस पर कोई तरस नहीं खाया.अगले ही झटके में मैंने अपना ७″ का मूसल उसकी गांड में पूरा जड़ तक पेल दिया.

पप्पू को बहुत दर्द हो रहा था और उसके मुँह से आह … आहह निकल रही थी.साथ ही उसकी आँखों से आँसू भी निकल रहे थे.

पप्पू- आह मेरे दोस्त, आज तूने मेरी गांड फाड़ दी … आज तक इतना बड़ा लंड मैंने अपनी गांड में नहीं लिया था. पहली बार इतना मोटा और लंबा लंड मेरी गांड में गया है … आह ये तो मेरे पेट में घुस कर नाभि को छू रहा है मेरे भाई … आहह … सानिध्य थोड़ी देर ऐसे ही डले रहने दे अपना लंड मेरी गांड में आह … मैं इसे फील करना चाहता हूँ!

उसकी बात को सुन कर मैंने लंड को ऐसे ही उसकी गांड में घुसा रहने दिया … और उसकी कमर पकड़ कर उसके ऊपर ही झुक गया.

कुछ एक या दो मिनट के बाद जब पप्पू को कुछ आराम मिला, तो मैंने अपने लौड़े को उसकी गांड में आगे पीछे करना स्टार्ट कर दिया.

पप्पू अब मेरे लंड के झटकों के साथ मज़ा ले रहा था और वह अपनी गांड को आगे पीछे करके साथ दे रहा था.

ये मेरा पहला सेक्स था जो मैं एक गे के साथ कर रहा था.उसकी गांड इतनी टाइट थी मानो उसने पहले कभी लंड अन्दर लिया ही न हो.एकदम कुंवारी चुत जैसा मजा दे रही थी.

मुझे भी उसकी गांड मारने में मज़ा आ रहा था में भी जोर जोर से उसकी गांड मार रहा था.

पप्पू मुझसे बीच बीच में पल्लवी की बातें कर रहा था कि पल्लवी को भी ऐसे ही चोदना मेरे भाई!

यह सुन कर मेरे सामने पल्लवी की फोटो आने लगी.

फिर मैं तो एकदम पागल सा हो गया और मैंने पप्पू की कमर को जोर से पकड़ कर तेज़ झटकों से उसकी गांड मारनी चालू कर दी.

अब पप्पू भी गांड चुदाई से पागल होकर अपने लंड को पकड़ कर अपनी मुठ मारने लगा था.

लगभग 20 मिनट तक पप्पू की गांड मारने के बाद मेरा पानी निकलने वाला था.तो मैंने पप्पू से पूछा- मेरा होने वाला है पप्पू!

पप्पू- अन्दर ही टपका दे भाई … मैं कौन सा तेरे बच्चे की मां बन जाऊंगा!यह कह कर वह एक शरारती स्माइल देने लगा.

अब मैं भी फुल जोश में उसे झटके देने लगा.कोई 5-6 झटके मारने के बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा.मेरा लंड तो इतना कड़क हो गया मानो बस फट ही जाएगा.

पप्पू के मुँह से जोर जोर से ‘आहह …’ निकलने लगी और उसी वक्त मेरे लंड से गर्म गर्म लावा फूट पड़ा था.

मेरा वीर्य उसकी गांड में निकल गया था.पर मैंने धक्के देना तब तक कम नहीं किए, जब तक मेरी आख़िरी बूँद भी उसकी गांड में नहीं गिर गयी.

पूरा पानी उसकी गांड में भरने के बाद मैं रुक गया.

अब तक पप्पू के लंड से भी उसका पानी निकल चुका था.वह अपने बेड पर निढाल होकर गिर पड़ा और मैं भी उसी के ऊपर उसकी गांड में लंड डाले डाले सो गया.

पप्पू मुझे स्माइल दे रहा था.वह बोला-आई लव यू मेरे भाई … और थैंक्यू भाई!

मैंने उसकी बात का कोई उत्तर नहीं दिया क्योंकि मैं अभी सन्न की स्थिति में था कि मैंने अपने बेस्ट फ्रेंड को पेल दिया है … ओर मेरा लौड़ा अभी भी उसकी गांड में आराम कर रहा है.

पर जो भी हो, मज़ा बहुत आया.

कुछ 15 मिनट बाद मैंने अपना लंड उसकी गांड से बाहर निकाला.उसकी गांड से मेरा वीर्य बह रहा था.

मेरे लंड पर उसकी जरा सी पॉटी और मेरा पानी लगा हुआ था.

पप्पू उठा और उसने एक कपड़े से मेरे लौड़े को साफ किया और उसे चूम कर मुस्कुरा दिया.

हम दोनों ने घड़ी की तरफ देखा तो रात के डेढ़ बजे का समय हो रहा था.हम दोनों सो गए.उस रात हम दोनों को बहुत मस्त नींद आई.

उसके बाद सुबह 6.00 बजे मेरी नींद लगी हुई थी पर मुझे अहसास हुआ कि जैसे कोई मेरा लौड़ा चूस रहा है.

मैंने आँख खोल कर देखा कि पप्पू मेरे लंड को चूस रहा था और वह अभी एकदम नंगा था.

मैने उसे अपने लंड से अलग करने की कोशिश की पर वह नहीं माना और बड़े प्यार से लंड को चूसता रहा.उस वजह से मुझे भी मजा आने लगा और उसने मेरा मूड भी बना दिया.

उसके बाद मैंने एक बार पुनः उस फ्रेंड की गांड मारना चालू की.

कुछ ही समय में मेरा लंड उसकी गांड में सरपट दौड़ने लगा था.उसी वक्त मेरी नजर दीवार घड़ी पर गई, उसमें 7 बजने वाले थे.

मैं जल्दी जल्दी धक्के देते हुए अपने लंड से पानी निकालने को हुआ तो वह बोला- मेरे मुँह में माल छोड़ना.

मैंने तुरंत उसकी गांड से लौड़ा निकाला और कपड़े से पौंछ कर उसके मुँह में दे दिया.उसी वक्त मेरे लंड से अमृत की बारिश होने लगी और पप्पू ने सारा माल मुँह में लेकर खा लिया.

हम दोनों अलग हुए और कपड़े पहन लिए.

कुछ ही देर बाद उसकी मॉम की आवाज आई.वे हम दोनों को जगाने आने वाली थीं तो मैंने उन्हें आवाज देते हुए कहा- हम दोनों जाग गए हैं.दोस्त की मम्मी ने ओके कहा और वे बोलीं- ठीक है, मैं चाय बनाती हूँ.

यह सुनकर हम दोनों बिस्तर से उठ गए.हम दोनों फ्रेश हुए और बाहर आकर ब्रेक फास्ट किया.

उस वक्त पप्पू के चेहरे पर एक शैतानी मुस्कुराहट थी.अब वह जान चुका था कि उसकी गांड में अब मेरा लौड़ा हमेशा जाता रहेगा.

उसके बाद मैंने अपने फ्रेंड पप्पू को कॉलेज और मेरे घर व उसके घर में कई बार ठोका!

अब हम दोनों की दोस्ती और भी गहरी हो चुकी है.

तो दोस्तो, आपको मेरी गांड़ चुदाई की कहानी कैसी लगी, कमेंट में ज़रूर बताइएगा.

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