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पति और देवर ने मिलकर मेरी गान्ड में लोड़े पेले

दोस्तो, मेरा नाम उर्शी है, मेरी उम्र 30 वर्ष है।मेरी ऊंचाई 5’3” कमर 30″ और बूब्स 36″ के हैं।मैं एक बहुत ही माल लड़की हूँ.

मेरी शादी 5 वर्ष पहले जयपुर के राहुल के साथ हुई थी।हमारे घर में मेरी सास ससुर और एक मेरा देवर रहते है।

अब मैं कहानी पर आती हूँ जिसमें डबल सेक्स दो लंड से किया मैंने.

मेरे पति की जॉब बेंगलोर में सॉफ्टवेयर इंजीनियर की पोस्ट पर लगी।तो मैं उनके साथ ही बेंगलोर चली गई.

हमने वहाँ पर एक फ्लैट ले लिया जिसमें 2 कमरे और किचन बाथरूम था।पहले दिन हम वहाँ जाकर बहुत ही खुश हुए।

रूम में प्रवेश करते ही मेरे पति ने मुझे अपनी बाहों में उठा लिया और और किस करने लग गए।

मैंने जीन्स टॉप पहन रखा था.

मुझे किस करते हुए उन्होंने मुझे जमीन पर खड़ी किया और मेरे हाथ दीवार पर लगाकर पीछे से मेरी कमर से मेरी टॉप को ऊंचा करते हुए मेरी पीठ पर किस करने लगे.किस करते-करते मेरे पति में मेरी टॉप को उतार दिया और मेरी ब्रा के ऊपर से मेरे बूब्स को दबाने लग गए।

अब मेरी फुद्दी पानी-पानी हो गई थी.

उन्होंने पीछे से मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और मेरे बूब्स को आजाद कर दिया.इसके बाद पति ने मेरी पैन्ट का हुक खोल दिया और धीरे धीरे मेरी गांड से मेरी पैन्ट को नीचे करने लग गए।और पैन्ट नीचे करते हुए साथ साथ अपनी जीभ मेरी गांड पर फेरने लगे.

वे अपनी जीभ को मेरी गांड और फुद्दी पर इस प्रकार चला रहे थे कि मेरी फुद्दी का पानी छोड़ छोड़ कर बुरा हाल हो गया था।मैं मदहोश हो गई थी.

फिर उन्होंने मुझे घुटनों के बल नीचे बैठाया और अपनी पैन्ट से अपना लंड निकालकर मेरे मुंह में डाल दिया और मेरे बाल पकड़कर जोर जोर से धक्का लगाने लगे.

मैं उनका लंड चूस रही थी और पति का लंड पूरा गले तक जा रहा था।

5 मिनट तक लंड चूसने के बाद उन्होंने मुझे खड़ा किया और दीवार के पास खड़ा करके मेरी फुद्दी में अपना लंड ठोक दिया.और मैं चिल्ला उठी- आह … ऊऊ … आह … उह!

मेरी आवाजों से पूरा फ्लैट गूंज उठा.और वे पीछे से लगातार मेरी फुद्दी में किसी भूखे भेड़िये की तरह अपना लंड ठोक रहे थे.

लगातार 20 मिनट तक धक्के लगाने के बाद मुझे उन्होंने मुझे नीचे बैठाया और अपना लंड मेरे मुंह में डालकर अपना माल मेरे मुंह में छोड़ दिया.

मैंने पूरा माल गटक लिया और चूस कर उनका लंड साफ कर दिया।

कुछ दिनों बाद मेरे देवर को पति ने फोन करके बुला लिया क्योंकि उनके ऑफिस जाने के बाद में रूम में अकेली रह जाती थी.साथ ही मेरे देवर कि कॉलेज कि छूटिया भी चल रही थी तो वह आ गया.उसका नाम रोहित है।

अब रोहित और मैं पति के ऑफिस जाने के बाद आपस में बातें करते रहते, टीवी भी देख लेते.अच्छा टाइम पास होने लगा।

रोहित और मेरे बीच ऐसा-वैसा कुछ नहीं था.मैं तो उसके साथ डबल मीनिंग बातें भी नहीं करती थी।सब कुछ ठीक चल रहा था।

एक दिन हम तीनों मूवी देखने चले गए.सायं को वापिस आते टाइम मेरे पति ने एक बोतल दारू ले ली.घर पर आकर दोनों भाई दारू पीने लग गए.

मैंने उनके लिए खाना बनाया औए उनको पीने के बाद खाना खिला दिया।

फिर हम सोने चले गए.उस दिन मैंने जीन्स टॉप पहन रखा था।

तो रूम में जाते ही मेरे पति ने मुझे बेड पर लिटाया और मेरे ऊपर आकर मेरे होंठ चूमने लग गए.मैंने उनका लंड उनकी पैन्ट के ऊपर से पकड़ लिया और दबाने लगी.वे मेरे हॉट चूस रहे थे तथा मेरे बूब्स को दबा रहे थे।और फिर मेरे ऊपर से नीचे उतरकर मेरी टॉप को ऊंचा किया और मेरे बूब्स को खुला कर दिया और उनको मसलने लग गए.

मैं पागल सी हो रही थी.मेरे बूब्स को चूसते चूसते उन्होंने मेरी पैन्ट के हुक खोल दिये और नीचे जाकर मेरी फुद्दी को चाटने लग गए.

फिर हम 69 के पोज में आ गए और मैं उनका लोड़ा चूसने लग गई.

उनका लोड़ा एक हथोड़े की तरह हो गया और मेरे मुंह में उनका लंड अंदर तक जा रहा था।

फिर वे खड़े हो गए तथा मुझे बेड पर अपनी और मुंह करके मेरा मुंह बेड से नीचे कि और लटकाकर अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और मेरा सिर पकड़कर जोर जोर से लंड को मेरे गले तक ले जाने लगे.

इससे मुझे तकलीफ हो रही थी तो मैंने उनका लंड मुंह से निकाल दिया.इस बात पर उनको गुस्सा आया और मेरे बाल पकड़कर वापिस उसी पोज में किया और अपना लंड मेरे गले तक ठोक दिया और वहीं पर रोक दिया।फिर वे बोले- साली कुतिया, अपने पति का लंड मुंह से निकलती है? आज मैं तुम्हें बहुत ही जोर से चोदूँगा।

तभी उन्होंने रोहित को आवाज लगा दी.

रोहित आया तो हमें इस तरह देखकर वापिस जाने लगा.

तो मेरे पति ने मेरे मुंह से लोड़ा निकाला और रोहित को कहा- शरमाओ मत, इधर आओ. आज तेरी भाभी को हम दोनों भाई मिलकर चोदेंगे।

मैंने कहा- ये क्या पागलपन है आपका? वो मेरा देवर है।पति- तो क्या हो गया, मेरा भाई है और तेरा देवर! क्या तेरी फुद्दी तेरे देवर को नहीं दे सकती? हम इधर एक रूम में चुदाई का मजा लेते हैं और यह बगल वाले में मुट्ठी मारता है हमारी आवाजें सुनकर! इस पर भी दया कर साली रंडी।

ये सब सुनकर मुझे भी मन होने लगा कि आज दो-दो लोड़े मेरी चुदाई करेंगे।ऐसी कल्पना करके मेरी फुद्दी से पानी बहने लगा।मैंने मेरे पति कि हामी भर दी।

तब मैंने सोचा आज पति गुस्से में मेरी चूत को फाड़ ही डालेगा।

फिर मेरा देवर भी आगे आ गया.

मैंने कहा- आओ देवर जी, तुम भी मार लो अपनी भाभी की फुद्दी! मैं भी तुम्हारे भईया का लंड ले ले कर बोर सी हो गई हूँ।इस पर मेरे पति को हंसी आ गई और बोले- आज तेरी बोरियत को उड़ा दूंगा।

मैं बेड पर नंगी लेटी हुई थी.मेरा देवर आकर मेरे बूब्स को दबाने लगा और मेरे पति ने अपना लंड मेरे मुंह में दे दिया.

मैं लंड चूसने लगी और देवरजी के लंड को उनकी पैन्ट के ऊपर से सहलाने लगी.देवर का लंड तो पहले से ही खड़ा था … शायद मुझे इस तरह नंगी देखकर पहले ही खड़ा हो गया था।

फिर मैंने देवर जी की पैन्ट को खोल दिया और उनका लंड हाथ से फेंटने लगी.इधर मेरे पति ने अपना लंड अभी तक मेरे मुंह में घुसा रखा था.

फिर उन्होंने रोहित को कहा- ले डाल दे अपना लंड तेरी भाभी के मुंह में!तब रोहित ने अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया.

उसका लंड मेरे पति से भी बड़ा था.फिर मेरे पति ने बेड पर आकर मेरी चूत पर लंड रखा और एक जोरदार झटके के साथ पूरा लंड मेरी चूत में उतार दिया.

मैं चिल्ला भी नहीं पाई क्योंकि देवर का लोड़ा मेरे मुंह में था।

उधर मेरा पति मेरी चूत में लंड ठोक रहा था.“आ … उह … श … आह!”और इधर मेरा देवर मेरे मुंह को चोद रहा था.मैं अब सातवें आसमान पर थी, डबल सेक्स का मजा ले रही थी.

10 मिनट तक दोनों ऐसे ही मुझे पेलते रहे.

फिर मेरा पति मेरी फुद्दी से अपना लोड़ा निकालकर बेड पर लेट गया और मैं उनके ऊपर आकर उनके लोड़े पर बैठ गई.

तब मेरे देवर ने बेड पर खड़ा होकर मेरे मुंह में अपना लंड घुसा दिया।

2-4 मिनट ऐसे चोदने के बाद मेरे पति ने देवर से कहा- अपनी भाभी की गांड में लोड़ा डाल दे चूतिया!

यह सुनकर मेरे होश उड़ गए क्योंकि आज तक मैंने कभी भी गांड नहीं मरवाई थी।

गांड के लिए कभी-कभी मेरे और पति के बीच झगड़ा भी हो जाया करता था।

मैंने कहा- नहीं देवर जी, ऐसा मत करना. मेरी गांड फट जाएगी।मेरे पति ने कहा- गांड में डाल मादरचोद … मैंने बोल दिया ना!

इतने में मेरे पति ने मुझे कसकर पकड़ लिया और देवरजी ने मेरी गांड पर अपना लंड रखा.मैं गिड़गिड़ाती रही- मत करो देवर जी, मत करो!

लेकिन देवरजी ने एक झटका लगाया और मेरी गांड में उनका आधा लंड चला गया।

मेरी आँखों से पानी टपकने लगा, मुझे बहुत दर्द हुआ और मैं चिल्ला उठी.

इतने में उन्होंने दूसरा झटका लगाकर पूरा लोड़ा मेरी गांड में डाल दिया.“आ … उह … श … आह!”

मेरे पति ने बोला- आज आई है रंडी लाइन पे!ये कहकर पति ने मेरी फुद्दी में जोर जोर से धक्के लगाना शुरू कर दिया.और मेरे देवर ने मेरी गांड को जोर-जोर से ठोकना शुरू कर दिया.

देवर जी के प्रत्येक झटके पर में चिल्ला रही थी- आ … उह … श … आह!

मेरी फुद्दी और गांड दोनों जल रही थी.

5 मिनट तक तो मुझे दर्द हुआ, बाद में मुझे भी मजा आने लगा तो मेरे पति में मुझे ढीला छोड़ दिया.और मैं ‘आह … उह’ की आवाजें निकालने लगी.

अब मुझे बहुत मजा आ रहा था, दो-दो लोड़े एक साथ मेरी गांड और चूत में चल रहे थे और मैं उनके बीच में फड़फड़ा रही थी.

15 मिनट तक ऐसे ही चोदने के बाद मेरे पति ने देवर से कहा- साले भाभी चोद, मुझे भी मेरी पत्नी की गांड मारने दे, तू तेरी भाभी की फुद्दी मार!

मैंने भी कह दिया- हाँ देवर जी, इनका लोड़ा फुद्दी में डलवा-डलवाकर ऊब गई हूँ. आज तुम मारो अपनी भाभी की फुद्दी. और तेरे भैया को मेरी गांड मारने का सपना पूरा करने दो।

इतना कहकर देवरजी बेड पर लेट गए और मैं उनके ऊपर आ गई और पति ने मेरे पीछे जाकर मेरी गांड में लोड़ा ठोक दिया.

इधर देवरजी ने मेरी फुद्दी में लोड़ा ठोक दिया और जोर-जोर से चोदने लगे.

पूरा फ्लैट चुदाई की आवाजों से गूंज उठा था.फक-फक की आवाजें फ्लैट को गुंजा रही थी।

गांड के प्यासे मेरे पति मेरी गांड में इस प्रकार धक्के लगा रहे थे कि मानो कोई घोड़ा घोड़ी को पेल रहा हो.

मेरे पति और देवर जी के आँड आपस में टकरा रहे थे और मेरी चूत और गांड किसी गरीब की भांति मारी जा रही थी।

चूत मारते मारते देवर जी ने कहा- भाभी, तुम्हारी गांड मारने में बहुत मजा आया. आ … उह … श … आह … चूत तो भईया ने मार मार के फाड़ रखी है।

मेरे पति ने अपना लोड़ा मेरी गांड से निकालते हुए कहा- ले अब तू और डाल ले तेरी भाभी की गांड में!

तो देवर जी ने मेरी चूत से लोड़ा निकालकर मेरी गांड में डाल दिया।

मेरे पति ने मुझे होंटों पर जोरदार किस किया और अपने लोड़े को थूक से गीला किया.फिर मेरी गांड में देवर जी के लोड़े के साथ ही डालने लग गए।

तो मैंने कहा- प्लीज, दो लंड मत डालो मेरी गांड में … एक भी बहुत दर्द कर रहा है।मैं रोने लग गई.

उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और अपना लोड़ा मेरी गांड में ठोक दिया.जैसे ही दूसरा लोड़ा मेरी गांड में घुसा तो मेरे होश उड़ गए।मुझे बहुत दर्द हुआ.

लेकिन 2 मिनट बाद मैं तो डबल सेक्स में जन्नत का अहसास करने लगी.

दोनों भाई अपने लंड से मेरी गांड को मार रहे थे और मैं सिसकारियां भर रही थी।

पति- उर्शी, मजा बहुत आ रहा है तेरी गांड में दो लोड़े डालकर!मैंने भी कहा- मुझे दो लंड लेकर मजा आ रहा है. मारो … मेरी गांड मारो … आ … उह … श … आह!

इतना सुनकर देवर जी ने मेरे बड़े बड़े बूब्स को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगे और तेज-तेज धक्के लगाने लगे.काफी देर तक मेरी ठुकाई के बाद दोनों भाई मेरी गांड में एक साथ झड़ गए।

मैंने दोनों के लोड़े चाटकर साफ किए और हम तीनों साथ नंगे ही सो गए थे।

सुबह जब उठी तो मेरी गांड बहुत दर्द कर रही थी, मुझसे चला भी नहीं जा रहा था.

मैंने उठकर बाथरूम में स्नान किया और पति के लिए खाने का टिफ़िन तैयार करके ऑफिस भेज दिया।

और फिर दिन में मेरे देवर ने 2 बार मेरी गांड और मारी।

अब मैं बहुत खुश रहती हूँ।हम तीनों आज तक साथ ही सेक्स करते हैं।

कैसी लगी मेरी डबल से कहानी जिसमें मैं दो लंड से चुदी?कमेन्ट में जरूर बताइयेगा।

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