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पति पत्नी और साली तीनों का थ्रीसम सेक्स - Desi Sex Stories

Updated: Mar 29

मेरा नाम रीता है. मैं एक जवान लड़की हूँ.

अंकित के साथ मेरी शादी को अभी 2 साल हुए हैं.


मेरी बहन का नाम नेहा है. उसकी भी शादी होने वाली है, पर हुई नहीं है.

वह भी जवान है.


मुझे लेस्बियन सेक्स बहुत पसंद है.

हालांकि मेरे पति अंकित मेरे साथ बहुत अच्छे से सेक्स करते हैं, पर मेरा मन कभी-कभी होता है कि मैं किसी लड़की के साथ सेक्स करूं.


मुझे यह सब सोचते हुए बड़ी शर्म आती थी कि मैं कैसे किसी दूसरी लड़की से कहूं कि मेरे साथ लेस्बियन सेक्स करो.


इस विषय पर मैंने बहुत सोचा, तब मेरा ध्यान अपनी छोटी बहन नेहा पर गया कि वह भी तो जवान है. मैं उसके साथ मजा कर सकती हूं.

पर यह सब बड़ी सावधानी से करना होगा.


इस विषय पर बहुत सोच विचार करने के बाद मैंने अपनी मम्मी को कॉल करके कहा- मम्मी यहां काम बहुत है. मैं परेशान हो जाती हूं. तुम कुछ दिन के लिए नेहा को मेरे यहां भेज दो. काम खत्म होने के बाद नेहा वापस चली जाएगी.

मम्मी ने नेहा को मेरे यहां भेज दिया.


यहीं से इस Desi Sex Stories की शुरुआत हो गयी.


मेरी बहन नेहा काफी सुंदर है.


नेहा मेरे घर आ गई तो अब मेरे दिमाग में यह बात चलने लगी कि मैं उसको लेस्बियन सेक्स के लिए कैसे पटाऊं!

उस दिन सुबह अंकित के ऑफिस चले जाने के बाद नेहा पेशाब करने गई, तो मैं भी उसके पीछे चली गई.


नेहा पेशाब कर रही थी, तो वह मुझे देख कर बोली- अरे दीदी, क्या तुम भी पेशाब करोगी!

मैंने कहा- हां.


अब मैं भी पेशाब करने लगी.

मैंने देखा कि कुछ देर बाद नेहा चली गई.


उसके बाद नेहा नहाने आ गई, तो उसी वक्त मैं भी कपड़े लेकर आ गई.

मैंने कहा- नेहा चलो हम दोनों एक साथ नहा लेती हैं.


नेहा बोली- ठीक है दीदी!

वह बाथरूम में अन्दर आ गई.


मैं बोली- यहां मेरे सिवा और कोई नहीं है नेहा. तुम अपने कपड़े खोल दो और आराम से नहाओ. मैं भी कपड़े खोलकर नहाती हूं.


यह सुनकर नेहा ने अपने कपड़े उतार दिए.

अब वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी.


हम दोनों बहनें नहाने लगी थीं.

मैं अपनी बहन नेहा को सिर्फ ब्रा पैंटी में नहाते देख कर गर्म होने लगी और मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए.


अब मैंने भी सिर्फ ब्रा पैंटी पहनी हुई थी.


मैं नेहा से बोली- चल मैं तुझे साबुन लगा देती हूं.

वह कुछ नहीं बोली.


मैं नेहा पूरे शरीर में साबुन लगाने लगी और धीरे से उसकी ब्रा का हुक खोल दिया.

अपनी ब्रा का हुक खुलता देख कर वह कुछ अचकचाई.


तो मैंने कहा- अरे नेहा, यहां कोई नहीं है. ब्रा पहने रहने से साबुन लगाने में दिक्कत होती है न!

वह हुंउँ कह कर चुप रह गई.


अब मैं उसकी चूचियों पर साबुन लगाने लगी.

उसकी मस्त रसभरी हुई चूचियों को साबुन लगाने के बहाने उन्हें सहलाने और मसलने में मुझे बड़ा ही अच्छा लग रहा था.


नेहा को भी शायद मजा आने लगा था, तो वह हंस कर बोली- दीदी आप भी ना!

मैंने कहा- क्या हुआ नेहा?

वह बोली- कुछ नहीं दीदी, लाओ अब मैं आपको साबुन लगा देती हूँ.


मैंने अपनी ब्रा खोलते हुए कहा- हां नेहा, लो मेरे बूब्स में भी साबुन लगा दो.

वह भी मेरी चूचियों में साबुन लगाने लगी.


साबुन लगाती हुई वह मेरी चूची को भींच रही थी जिससे मुझे नशा सा चढ़ रहा था.


मेरे मुँह से आह आह की मीठी मादक आवाजें निकलने लगीं और मैं भी उसकी चूचियों को भींचने लगी.

हम दोनों मस्ती करने लगे.


मैंने एक बार महसूस किया कि शायद नेहा को भी लेस्बियन सेक्स पसंद है.

पर मुझे अभी पक्का नहीं मालूम था.


उसकी इस कामना को टटोलने के नजरिए से मैंने उसे टोका- नेहा बस कर न! तुम मेरी चूचियों के साथ ऐसा क्यों कर रही हो?


नेहा हंस कर बोली- दीदी पहले आप ही ने तो मेरी चूचियों को पकड़ कर सहलाया था!

मैंने कहा- हां तो?


तो नेहा बात बदलती हुई बोली- दीदी, आपकी चूचियां तो काफी बड़ी हो गई हैं.

मैं उसकी चूचियों को मसलती हुई बोली- हां, शादी के बाद तेरे दूध भी बड़े हो जाएंगे.


नेहा बोली- दीदी, जीजा जी बहुत दबाते हैं क्या?

मैं उसकी चूची को दबाती हुई बोली- तेरी भी जब शादी हो जाएगी, तो तेरे पति तेरे दूध भी बहुत दबाएंगे … समझी!


नेहा बोली- दीदी, आपको बहुत मजा आता होगा?

मैं बोली- चुप बेशर्म, तेरे जीजा से मेरी चुदाई होती है न!


नेहा चुदाई शब्द सुनकर बोली- दीदी, आप खुद तो बेशर्म हो रही हैं और मुझसे कह रही हैं कि मैं बेशर्म हूँ!

मैं कुछ नहीं बोली, बस नेहा के एक दूध को अपने मुँह लेकर चुभलाने लगी.


नेहा गर्म हो गई और बोली- दीदी मैं जीजा जी से चुदवाने आऊंगी, तो आप क्या करोगी?

मैं बोली- जानती हो नेहा, वैसे तो सही सेक्स लड़के लड़की के बीच में होता है लेकिन एक सेक्स लेस्बियन सेक्स भी होता है, जो एक लड़की दूसरी लड़की के साथ करती है!


नेहा बोली- अच्छा दीदी, तो आप मेरे साथ लेस्बियन सेक्स करोगी?

मैं उसकी बात सुनकर खुशी से झूम उठी और उसकी चूची को मुँह से पकड़ कर खींचती हुई बोली- हां क्यों नहीं. मैं तो यही चाहती हूं कि मैं तुमसे चुदाई का मजा लूँ!


नेहा बोली- अच्छा दीदी, लगता है जीजा जी आपको सही से चोद नहीं पाते हैं, इसीलिए आप मेरे साथ चुदाई करना चाहती हो!

मैं बोली- देखो जीजा जी तो रोज ही चोदते हैं, पर मुझे एक बार किसी लड़की से चुदाई करने की इच्छा है.


‘तो दीदी क्या इसी लिए आप मेरे साथ चुदाई करना चाहती हैं!’

मैं कुछ नहीं बोली, बस नेहा के दूध को चूसती रही.


नेहा अपने एक दूध को अपने हाथ से पकड़ कर मेरे मुँह में सही से देती हुई बोली- आह दीदी, मैं आज आपको चोद तो दूंगी, पर आप यह बात किसी को बोलना मत!

मैं उसके दूध को मुँह से निकाल कर बोली- ठीक है नेहा, मैं किसी से नहीं बोलूंगी.


मैं यह बोली, तो नेहा ने तुरंत अपनी पैंटी खोल दी और मेरी भी पैंटी नीचे खिसका दी.

उसने पैंटी निकालने के बाद पुनः अपनी एक चूची मेरे मुँह में डाल दी.


मैं नेहा की एक चूची दबाने लगी और दूसरी चूची को चूसने लगी.


वह भी कहां चुप बैठने वाली थी. वह मुझे पकड़ कर अपनी चुत मेरी जांघ से रगड़ने लगी.

मैंने उसकी यह हरकत देखी, तो मैंने भी अपने हाथ की दो उंगलियां उसकी चुत में डाल दीं.


नेहा आह करती हुई बोली- आह दीदी आप भी ना! मैं आपके छेद में अपनी एक उंगली भी तब डाली, जबकि आप चुदाई करवा चुकी हो! इधर आप हो कि मेरी ऐसे रगड़ रही हो जैसे मेरी चुत चुदी चुदाई हो!

मैंने उसकी चुत की फाँकों को सहलाते हुए कहा- क्या सच में तुमने किसी का नहीं लिया है?


नेहा- दीदी, मेरी सील अब तक किसी से भी नहीं टूटी है!

मैंने कहा- देख नेहा, भूल गई क्या हम दोनों को आज लेस्बियन सेक्स के मजे लेना है!


नेहा बोली- अरे दीदी मैं कुछ नहीं भूली हूँ. अब देखो मैं क्या करती हूँ. आप एक मिनट रुको बस!

यह कह कर नेहा ने अपने हाथ की चार उंगलियों को चूड़ी पहनने के अंदाज में इकट्ठा किया और वह अपने हाथ को मेरी चुत में घुसाने की कोशिश करने लगी.


मुझे दर्द हुआ तो मैंने नेहा के हाथ को पकड़ लिया और कहा- आह साली तू तो ऐसे घुसेड़ रही है जैसे मेरी चुत ने सैकड़ों लौड़े खा लिए हों!

नेहा अपने हाथ की दो उंगलियों को अन्दर पेलती हुई बोली- मैं कुछ दिन यहां रुक जाऊंगी तो तुम्हारी बुर को भोसड़ा बना कर जाऊंगी!


मैंने नेहा की चुत में अपनी उंगली घुसेड़ दी और जल्दी ही उसकी चुत से रस की बूंदें निकाल कर अपने मुँह में अन्दर डाल कर चूसने लगी.

तभी नेहा आपनी उंगलियों को मेरी चुत के अन्दर घुमाती हुई बोली- आह दीदी, मजा आया न आपको मेरी चुत के रस का .. बोलिए न टेस्ट कैसा लगा!


यह कहती हुई नेहा मेरे छेद में तेज तेज उंगली डालकर अन्दर बाहर करने लगी.

कुछ देर में हम दोनों झड़ गईं और एक दूसरे की चुत का रस उंगलियों से निकाल निकाल कर चाटने लगीं.


इसी तरह हम दोनों ने खूब देर तक लेस्बियन सेक्स का खेल खेला.

फिर हम दोनों नहा कर नंगी ही बाहर आ गईं और कमरे में बिस्तर पर लेट कर मस्ती करने लगीं.


नेहा ने मेरी गांड में कोई चीज डालनी चाही.

मैं समझ ही न पाई थी कि वह क्या डालना चाह रही है.


तभी नेहा ने बिना बोले अपनी एक उंगली मेरी गांड में डाल दी.

मैं भी अपनी एक उंगली नेहा की गांड में डालने लगी तो नेहा दर्द से तड़फ कर बोली- ऊई मम्मी रे … आह लगती है … निकाल लो दीदी आह निकाल लो दीदी.


मैं उसकी बुर में अपनी उंगली पेल कर उसकी चुत की चुदाई करने लगी.


उसे भी अपनी चुत में उंगली करवाने से मजा आने लगा था और वह अपनी चुत चुदवाती हुई मेरी गांड में अपनी उंगली पेलती जा रही थी.

हम दोनों एक दूसरे को चोदने लगे.


कुछ देर बाद नेहा भी अपने अंगूठे से मेरी भग को रगड़ती हुई गांड चोदने लगी तो मैं झड़ने को आ गई.


कुछ देर बाद हम दोनों की चुत से पानी निकल गया और हम दोनों शांत हो कर आराम करने लगे.


कुछ देर बाद खाना पीना हुआ और सो गए.


शाम को हम दोनों मस्ती करती रहीं और एक दूसरे के दूध दबाती मसलती रहीं.

फिर रात का खाना हुआ और रात में हम दोनों एक साथ में लेट गईं.


मेरे पति अंकित कहीं बाहर गए थे.

उन्होंने घर न आने का बोलते हुए कहा था कि आज घर नहीं आ पाऊंगा ऑफिस में काम ज्यादा है.

इसी लिए हम दोनों ने पहले ही घर का मेन दरवाजा बंद कर लिया था.


रात को अपने कमरे के बेड पर लेट कर मैं नेहा से बोली कि नेहा आज रात को हम दोनों साथ में खूब मस्ती करेंगे!

नेहा बोली- ठीक है दीदी, जीजा जी तो आएंगे नहीं ना!


मैं हंसती हुई बोली- नेहा, आज हम दोनों खुल कर एक दूसरे को चोदेंगी, हमारे बीच आज कोई नहीं आने वाला है. अंकित ने आने से मना कर दिया है, उसे ऑफिस में ज्यादा काम करना है.

अब हम दोनों नंगी होकर एक दूसरे की चुत में उंगली डालकर चूची पी रही थीं और काफी गर्म हो गई थीं.


तभी बाहर से किसी ने दरवाजा खड़काया.

मैं घबरा गई कि कौन आ गया!

अंकित ने तो बोला था कि वह नहीं आएगा!


मैंने आवाज दी- कौन है इतनी रात में?


मैं दरवाजा खोलने गई तो अंकित आ गया था.

मैं सोचने लगी कि अब क्या करूं!


मैंने अंकित को अन्दर लिया और उससे खाने के लिए पूछा.

अंकित ने कहा- नहीं, खाना खा लिया है!


मैंने अंकित से कहा- आज हम दोनों बहनें मेरे कमरे में सो जाएंगी, तुम दूसरे कमरे में जाकर सो जाना!

अंकित- ठीक है.


वह दूसरे कमरे में चला गया.

हमने अपने कमरे में आकर वापस मस्ती करना शुरू कर दी.


मगर इस मस्ती में मुझसे एक चूक हो गई, गलती से दरवाजा खुला छोड़ दिया था.

हम दोनों नंगी होकर मस्ती करने लगीं.


अभी दस मिनट भी नहीं हुए होंगे कि अंकित दरवाजा खोल कर अन्दर आने लगा और उसने हम दोनों को नंगी देख लिया.


उसके मुँह से निकला- ओ तेरी की!

उसकी आवाज सुनकर हम दोनों ने पलट कर देखा तो शर्मा गईं.


नेहा ने झट से मेरी चुत से मुँह से निकाला और अपनी नंगी जवानी को ढक कर कहने लगी- जीजा जी, आप यहां क्यों आए हो?

मैं भी अंकित को कहने लगी- तुम यहां क्यों आए?


अंकित ने अपने कपड़े उतारते हुए कहा- क्या करूं जान .. मुझे तुम्हारे बिना नींद नहीं आ रही थी. तुम दोनों को जो करना है, करो .. मैं सिर्फ दूर से देखूंगा.

नेहा बोली- नहीं, मुझे शर्म आती है!


अंकित बोला- साली, तुमको नंगी होने में शर्म नहीं आती है, तो मुझे भी देखने में शर्म नहीं आती है. हम सब एक ही तो हैं यार, तुम करो. तुमको अच्छा नहीं लगेगा तो मैं तुम्हें कुछ नहीं करूंगा बस तुम्हारी दीदी को चोद दूंगा.


वह जैसे तैसे मान गई और बोली- ठीक है.


मैं नेहा के छेद में उंगली करने लगी.

नेहा धीरे से मस्ती में बोली- तो मैं क्या करूं दीदी?


मैंने अपनी एक चूची उसके मुँह में दे दी और वह मेरे दूध को पीने लगी.

मैं नेहा का हाथ पकड़कर उसकी एक उंगली अपनी के बुर में डलवा ली और मेरा हाथ उसकी चुत को कुरेदने में लग गया.


नेहा को चुदास चढ़ने लगी वह मेरे मम्मों को हिलाने लगी और मसलने लगी.


तभी अंकित का मूड भी बन गया और उसने चुपके से नेहा की चुत में से मेरी उंगली निकाल कर अपनी उंगली डाल दी.

नेहा को मेरी उंगली मोटी लगी तो वह आह आह करने लगी.


तभी उसने देख लिया कि अंकित उसकी चुत रगड़ रहा है तो वह कुछ नहीं बोली.

और इस तरह से अंकित को नेहा की कुंवारी बुर छेड़ने की हरी झंडी मिल गई.


चुदाई शुरू करते हुए अंकित ने मुझे एक बाजू खिसकाया और नेहा की एक टांग उठाया कर अपना लंड पेल दिया.

नेहा की तेज आह निकली तो मैंने उसके मुँह पर हाथ रख दिया और अंकित को आँख मार दी.


अंकित धीरे धीरे नेहा की कुंवारी बुर का भोसड़ा बनाने की दिशा में अग्रसर हो गया.


नेहा को शायद अब अच्छा लगने लगा था तो वह मुझसे बोली- दीदी देखो ना, जीजा जी हमें चोद रहे हैं?

मैंने कहा- तो क्या हुआ जीजा जी ही तो हैं, हम दोनों बहनों को एक ही लंड से चुदना सही है मेरी लाड़ो! तू ठीक से चुदवा ले, मैं तुझे खुली छूट दे रही हूँ.


अब अंकित ने नेहा को सही से चित किया और उसकी चुत को ताबड़तोड़ चोदना चालू कर दिया.

नेहा ने भी खुल कर लंड की मस्ती की और इस तरह से उस रात हम तीनों ने थ्रीसम सेक्स का मजा लिया.


आपको यह Desi Sex Stories कैसी लगी, प्लीज अपने कमेंट्स जरूर करें.

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