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प्रिया की चूत में दो लंड - Antarvasna Sex Stories

मेरा नाम संजय है, 22 साल का, लंबा-चौड़ा, गठीला बदन, कॉलेज का वो लड़का जिसके पीछे लड़कियां पागल थीं। मेरा चेहरा ठीक-ठाक, लेकिन मेरा सात इंच का लंड और चुदाई का स्टैमिना ऐसा था कि लड़कियां मेरे नाम की माला जपती थीं। मेरी गर्लफ्रेंड प्रिया, 21 साल की, गोरी, लंबे काले बाल, 34C की भरी-पूरी चूचियां, पतली कमर, और गांड इतनी मस्त कि हर कदम पर लहराती थी। उसकी आंखों में शरारत और चूत में आग थी। मेरा दोस्त राकेश, 23 साल का, सांवला, मस्तमौला, और बातों का जादूगर। उसका लंड भी मेरे जितना ही था, मोटा और लंबा, जो किसी भी चूत को फाड़ने के लिए तैयार रहता था।


हम तीनों दिल्ली के एक कॉलेज में पढ़ते थे। मैं और प्रिया दो साल से रिलेशनशिप में थे, और चुदाई हमारे लिए रोज की रोटी जैसी थी। कॉलेज के बाथरूम में, लाइब्रेरी की आखिरी अलमारी के पीछे, और कभी-कभी पार्किंग में मेरी कार की बैकसीट पर प्रिया की चूत को मेरे लंड ने खूब रगड़ा था। प्रिया बाहर से सुलझी सी दिखती थी, लेकिन उसकी चूत की खुजली और चुदाई की भूख किसी रंडी से कम नहीं थी। उसकी चूचियां इतनी मस्त थीं कि टाइट टॉप में निप्पल साफ दिखते, और उसकी चूत हमेशा गीली रहती, जैसे मेरे लंड का इंतजार कर रही हो।


लेकिन एक दिन मुझे खबर मिली कि प्रिया किसी और लड़के के साथ घूम रही थी। पहले तो मैंने सोचा, ठीक है, घूमने में क्या बुराई। लेकिन जब पता चला कि उसने उस लड़के से चुदाई भी करवाई, तो मेरा खून खौल गया। गुस्सा तो आया, लेकिन मैंने सोचा, अगर इसकी चूत में इतनी आग है, तो क्यों न इसे दो लंड से ठंडा किया जाए? मैंने राकेश को बुलाया और सारा प्लान बताया। पहले तो वो हंसा, बोला, “अबे, तू अपनी गर्लफ्रेंड को मेरे साथ शेयर करेगा?” मैंने कहा, “हां भाई, इस रंडी की चूत की खुजली मिटानी है। तू बस साथ दे।” राकेश का लंड सुनते ही तन गया, और वो बोला, “ठीक है, आज इसकी चूत और गांड दोनों फाड़ेंगे।”


प्रिया को दारू और पार्टी का शौक था। मैंने उसे फोन किया, “प्रिया, आज शाम मेरे घर आ जा। मैं और राकेश दारू पी रहे होंगे। तू भी आ, मजे करेंगे।”

प्रिया ने हंसते हुए कहा, “दो लड़के और मैं अकेली? क्या मजे करूंगी वहां?”

मैंने मजाक में कहा, “अरे, डर मत। दारू पीने के बाद हम अपने कमरे में चले जाएंगे। तू बस चिल कर।”

प्रिया ने थोड़ा नखरा किया, “हम्म… ठीक है, लेकिन मैजिक मोमेंट्स का एप्पल फ्लेवर लेना। कॉलेज के बाद आ जाऊंगी।”

मैंने राकेश को बताया, और वो उछल पड़ा, “भाई, आज इसकी चूत का भोसड़ा बना देंगे।”


शाम को मैं दारू की दुकान से दो मैजिक मोमेंट्स की बोतलें, कुछ स्नैक्स, और कोल्ड ड्रिंक ले आया। प्रिया मेरे घर के पास पहुंच चुकी थी। मैंने उसे फोन पर कहा, “राकेश अभी आएगा, तुम थोड़ा उसके साथ टहल लो। मैं बस दारू लेकर पहुंच रहा हूं।” जब मैं घर पहुंचा, तो प्रिया और राकेश मेरे फ्लैट के बाहर खड़े थे। प्रिया ने टाइट ब्लू जीन्स और काला क्रॉप टॉप पहना था, जिसमें उसकी चूचियां साफ उभर रही थीं। उसकी नाभि और पतली कमर देखकर राकेश की आंखें चमक रही थीं। मैंने देखा, उसका लंड जीन्स में तन चुका था।


हम अंदर गए। मैंने म्यूजिक सिस्टम पर हल्का सा गाना चालू किया, और हम सोफे पर बैठकर पैग बनाने लगे। प्रिया ने बोतल खोली और अपने लिए एप्पल फ्लेवर का पैग बनाया। वो किसी भुक्कड़ की तरह गटक रही थी, और हंसते हुए बोली, “संजय, तू तो स्लो पीता है। राकेश, तू भी पी ना!” राकेश ने हंसकर कहा, “अरे, मैं तो तुझे देखकर ही नशे में हूं।” प्रिया ने उसे आंख मारी और बोली, “हट, बहनचोद। ज्यादा लाइन मत मार।”


दारू का नशा धीरे-धीरे चढ़ रहा था। प्रिया की आंखें लाल हो रही थीं, और वो बार-बार अपनी जांघें रगड़ रही थी। मैंने राकेश को इशारा किया, और वो समझ गया। मैंने प्रिया से कहा, “चल, थोड़ा अंदर चलते हैं। मुझे कपड़े बदलने हैं।”

प्रिया ने शरारती अंदाज में कहा, “कपड़े बदलने या कुछ और?”

मैंने हंसकर कहा, “आ जा, तुझे पता है क्या चाहिए।”


प्रिया मेरे साथ बेडरूम में आ गई। मैंने दरवाजा बंद किया और उसे दीवार से सटा दिया। मेरे होंठ उसके गुलाबी होंठों पर थे, और मैं उसकी चूचियों को क्रॉप टॉप के ऊपर से मसलने लगा। उसकी सांसें तेज हो रही थीं, “उम्म… संजय… आह…” मैंने उसका टॉप ऊपर किया और उसकी काली ब्रा के ऊपर से उसकी चूचियां दबाईं। उसकी निप्पल्स सख्त थीं, और मैंने ब्रा का हुक खोल दिया। उसकी मलाई जैसी चूचियां बाहर आ गईं। मैंने एक निप्पल मुंह में लिया और चूसने लगा, जबकि दूसरी चूची को मसल रहा था। प्रिया सिसक रही थी, “आह… संजय… और जोर से…”


मैंने उसकी जीन्स का बटन खोला और उसकी गुलाबी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को रगड़ा। वो इतनी गीली थी कि पैंटी में दाग बन गया था। मैंने पैंटी नीचे खींची और उसकी चूत में उंगली डाल दी। प्रिया की सिसकियां तेज हो गईं, “उफ्फ… संजय… और कर… मेरी चूत को मसल दे…” मैंने दो उंगलियां अंदर डालीं और उसकी चूत को रगड़ने लगा। उसका रस मेरी उंगलियों पर बह रहा था।


अचानक राकेश की आवाज आई, “अबे, कहां गायब हो गए दोनों चूतिए?”

प्रिया ने हंसते हुए कहा, “ये साला मजा खराब कर रहा है।”

मैंने कहा, “चल, बाहर चलते हैं, वरना ये दरवाजा तोड़ देगा।”


हम बाहर आए। प्रिया का क्रॉप टॉप थोड़ा ऊपर था, और उसकी जीन्स का बटन खुला था। राकेश ने हमें देखा और बोला, “क्या कर रहे थे अंदर, भाई? तू तो मजे ले रहा है।”

प्रिया ने शरमाते हुए कहा, “कुछ नहीं, बस थोड़ा मस्ती।”

राकेश ने हंसकर कहा, “हां, मस्ती। चल, एक और पैग बना।”


हम फिर से दारू पीने लगे। नशा अब पूरी तरह चढ़ चुका था। राकेश ने प्रिया से खुलकर फ्लर्ट करना शुरू किया, “प्रिया, तेरी गांड तो ऐसी है कि कोई भी पागल हो जाए।”

प्रिया ने हंसकर कहा, “हट, बहनचोद। तेरा लंड तो अभी से तन रहा है।”

मैंने मौका देखकर कहा, “राकेश, क्यों न हम तीनों थ्रीसम करें? मैंने वीडियो में देखा है, गजब का मजा आता है।”

प्रिया ने चौंककर कहा, “क्या बकवास कर रहा है? तुम दोनों पागल हो गए हो?”

राकेश ने हंसते हुए कहा, “अरे, पागलपन में ही तो मजा है। तू देख ना, तेरी चूत को दो लंड मिलेंगे।”


मैंने फोन निकाला और एक थ्रीसम वीडियो चला दिया। स्क्रीन पर दो लड़के एक लड़की की चूत और गांड में लंड पेल रहे थे। लड़की की सिसकियां गूंज रही थीं, “आह… उह… और जोर से… फाड़ दो मेरी चूत…” प्रिया पहले तो अलग बैठ गई, लेकिन धीरे-धीरे वो हमारे पास खिसक आई। उसकी सांसें तेज थीं, और वो अपनी जांघें रगड़ रही थी। राकेश ने मौका देखकर उसका कंधा दबाया, और मैंने उसकी चूची को हल्के से मसला। प्रिया सिसकी, “उम्म… ये क्या कर रहे हो तुम लोग?”

मैंने कहा, “कुछ नहीं, बस तुझे गर्म कर रहे हैं।”

राकेश ने उसकी जांघ पर हाथ फेरा और बोला, “प्रिया, तेरी चूत तो पहले से गीली है। तुझे भी तो लंड चाहिए।”


प्रिया नशे में थी, और उसकी चूत की आग अब बेकाबू थी। वो बोली, “तुम दोनों बहनचोद… ठीक है, लेकिन किसी को बताना मत।”

मैंने कहा, “प्रॉमिस, ये हमारा सीक्रेट रहेगा।”

राकेश ने हंसकर कहा, “हां, बस तू अपनी चूत और गांड दे दे, हम किसी को नहीं बताएंगे।”


मैंने प्रिया को गोद में उठाया और बेडरूम में ले गया। राकेश पीछे-पीछे आया। मैंने प्रिया को बेड पर लिटाया और उसका क्रॉप टॉप उतार दिया। उसकी काली ब्रा में उसकी चूचियां उफान मार रही थीं। मैंने ब्रा का हुक खोला, और उसकी गोल, मलाई जैसी चूचियां बाहर आ गईं। मैंने एक निप्पल मुंह में लिया और चूसने लगा, जबकि दूसरी चूची को मसल रहा था। प्रिया सिसक रही थी, “आह… संजय… और चूस… उफ्फ…” राकेश ने उसकी जीन्स उतारी और उसकी गुलाबी पैंटी को नीचे खींचा। उसकी चूत चमक रही थी, पूरी तरह गीली। राकेश ने उसकी चूत पर जीभ रखी और चाटने लगा। प्रिया की सिसकियां तेज हो गईं, “उह… राकेश… आह… और चाट… मेरी चूत को खा जा…”


राकेश ने अपनी जीभ प्रिया की चूत की दरार में घुमाई, और उसका क्लिट चूसने लगा। प्रिया की कमर हिल रही थी, और वो बेड की चादर को मुठ्ठी में जकड़ रही थी। मैंने उसकी चूचियों को और जोर से मसला, और उसकी निप्पल्स को हल्के से काटा। प्रिया चिल्लाई, “आह… संजय… मां… और कर…” मैंने अपना लंड निकाला, जो अब सात इंच का तनकर लोहे जैसा हो चुका था। मैंने प्रिया के मुंह में लंड दे दिया, और वो किसी पेशेवर रंडी की तरह उसे चूसने लगी। उसकी जीभ मेरे लंड के टोपे पर घूम रही थी, और वो गले तक लंड ले रही थी, “उम्म… ग्लप… ग्लप…”


राकेश ने अपनी जीन्स उतारी और अपना लंड प्रिया की चूत पर रगड़ने लगा। प्रिया ने टांगें और फैलाईं और बोली, “डाल दे, राकेश… मेरी चूत फाड़ दे… अब और मत तड़पा।” राकेश ने एक जोरदार धक्का मारा, और उसका मोटा लंड प्रिया की चूत में पूरा घुस गया। प्रिया चिल्लाई, “आह… मां… धीरे… मेरी चूत…” लेकिन राकेश रुका नहीं। वो जोर-जोर से धक्के मारने लगा, और प्रिया की चूत से फच-फच की आवाजें कमरे में गूंजने लगीं। मैंने प्रिया के मुंह में लंड और जोर से पेला, और वो सिसकते हुए चूस रही थी।


मैंने प्रिया को घोड़ी बनाया। उसकी गांड ऊपर थी, और उसकी चूत राकेश के लंड से चुद रही थी। मैंने थूक लगाकर अपना लंड उसकी गांड पर रखा। प्रिया डर गई, “संजय, धीरे… गांड में पहली बार है… दर्द होगा।” मैंने कहा, “अरे, बस थोड़ा सह ले, मस्त मजा आएगा।” मैंने धीरे-धीरे लंड उसकी गांड में डाला। प्रिया सिसकी, “उई… मां… धीरे… आह…” लेकिन जैसे ही मेरा लंड आधा अंदर गया, वो मजे लेने लगी। अब राकेश उसकी चूत में और मैं उसकी गांड में पेल रहा था। प्रिया की सिसकियां पूरे कमरे में गूंज रही थीं, “आह… उह… और जोर से… मेरी चूत और गांड फाड़ दो…”


हमने पोजीशन बदली। मैं नीचे लेट गया, और प्रिया मेरे लंड पर बैठ गई। उसकी चूत मेरे लंड को निगल रही थी, और वो ऊपर-नीचे हो रही थी, “आह… संजय… तेरा लंड मेरी चूत को चीर रहा है…” राकेश ने उसकी गांड में फिर से लंड डाला। प्रिया अब पूरी रंडी बन चुकी थी। वो चिल्ला रही थी, “हां… चोदो… दोनों लंड डालो… आह… उफ्फ…” उसकी चूचियां उछल रही थीं, और उसकी चूत से रस टपक रहा था। मैंने उसकी चूचियां मसलीं, और राकेश ने उसकी कमर पकड़कर जोर-जोर से धक्के मारे। प्रिया की चूत और गांड से फच-फच की आवाजें आ रही थीं, और उसकी सिसकियां तेज हो रही थीं, “उह… आह… और जोर से… मेरी चूत फट जाएगी…”


करीब आधे घंटे की चुदाई के बाद मेरा पानी निकल गया। मेरे लंड का गर्म माल प्रिया की गांड में भर गया। प्रिया चिल्लाई, “निकला क्या? रुको मत… और चोदो…” राकेश भी झड़ गया, और उसका माल प्रिया की चूत में गिर गया। लेकिन प्रिया की आग अभी बुझी नहीं थी। वो बोली, “मेरा दो बार निकल चुका है, लेकिन मुझे और चाहिए।”


हमने थोड़ा रुककर फिर से शुरू किया। इस बार प्रिया ने राकेश को बेड पर लिटाया और उसका लंड मुंह में लिया। वो किसी पॉर्नस्टार की तरह लंड चूस रही थी, “उम्म… ग्लप… तेरा लंड कितना मस्त है, राकेश…” मैंने उसकी चूत में फिर से लंड डाला और जोर-जोर से पेलने लगा। प्रिया की चूत इतनी गीली थी कि मेरा लंड आसानी से अंदर-बाहर हो रहा था। मैंने उसकी गांड पर थप्पड़ मारा, और वो सिसकी, “आह… और मार… मेरी गांड लाल कर दे…”


हमारी चुदाई रातभर चली। हमने कई पोजीशन आजमाए—प्रिया को कुतिया बनाकर, उसे गोद में उठाकर, और फिर उसे बेड पर लिटाकर। उसकी चूत और गांड इतनी चुद चुकी थी कि वो लाल हो गई थी। आखिर में प्रिया थककर बेड पर गिर गई, लेकिन उसकी आंखों में संतुष्टि थी। वो बोली, “तुम दोनों ने मेरी चूत और गांड फाड़ दी। अब रोज चोदना।”


अब हम लोग प्रिया को रोज चोदते हैं। कभी मैं, कभी राकेश, और कभी दोनों मिलकर। प्रिया की चूत की आग ऐसी है कि वो हर बार और मांगती है। मैंने उसे कई बार अपने दोस्तों से भी चुदवाया है, लेकिन वो नहीं जानती। उसकी चूत अब इतनी ढीली हो चुकी है कि पता नहीं उसका होने वाला पति क्या करेगा। लेकिन ये सब नशे में हुआ, और हमारा सीक्रेट हमारे बीच ही रहेगा। Antarvasna Sex Stories

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Manju kanwar
3 days ago
Rated 5 out of 5 stars.

Koi h jo meri chut ka pani nikal sake call me

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