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पड़ोसन चाची की मालिश और चुत गांड चोदी - Hindi Sex Stories

मेरा नाम राजू है और मैं यूपी के गोरखपुर जिले में रहता हूँ.


मैं 5 फीट 7 इंच का हूँ, मेरा शरीर भरपूर है और मेरा लंड 6 इंच का है.


यह Hindi Sex Stories मेरी पड़ोस में रहने वाली चाची जी की है.

यह घटना 2016 की है, जब मैं 12वीं में पढ़ता था.


मैं अपने घर पर ही रहता था. चाची के घर पर शुरू से ही मेरा आना-जाना था.


चाची मुझसे दोस्त की तरह बर्ताव करती थीं.

वह अपने घर में अकेली रहती थीं, उनके हसबैंड गांव में रहते थे.


मैं हर रोज दोपहर में चाची के यहां रहता था क्योंकि गर्मी की छुट्टियां थीं और कोई काम भी नहीं था.


मैं आपको बता दूँ कि मेरी चाची की उम्र उस समय 35 साल थी जब मैंने उनके यौवन का रसपान किया था.


चाची देखने में एकदम गांव की देहाती कसी हुई माल की तरह थीं.

उनका साइज 36-32-36 था.


उनकी गांड देखकर तो किसी भी मर्द की वासना जाग जाए!


उस दिन मैं रोज की तरह दोपहर में उनके घर गया.

उनका गेट खुला था.


मैंने आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं आया.

मैं अन्दर चला गया.


जब मैं चाची के बेडरूम में गया तो देखा चाची दर्द से कराह रही थीं.


मैंने उनसे वजह पूछी, तो उन्होंने बताया कि वे बाथरूम में फिसल गई थीं.

उनकी कमर और जांघ में काफी दर्द हो रहा था.


मैंने उनसे मालिश करने को कहा ताकि उन्हें आराम मिले.


पहले तो उन्होंने मना किया लेकिन मेरे काफी जिद करने पर वे तैयार हो गईं.


मैंने उधर रखी सरसों के तेल की बोतल उठाई और उन्हें पेट के बल लेटने को कहा.


उस समय तक मेरे मन में उनके लिए कोई गंदे ख्याल नहीं थे.


मैंने उनकी साड़ी हटाने को कहा.

तो उन्होंने कहा कि लाइट बंद कर दो, फिर साड़ी को थोड़ा सा ही हटाकर मालिश कर दो!


मैंने लाइट बंद कर दी.

कमरे में हल्की-सी रोशनी थी जिसमें उनका शरीर दिख रहा था.


अब मैंने उनकी साड़ी हटाई और तेल लगाकर मालिश शुरू की.


कुछ देर मालिश के बाद उन्हें आराम मिला.


उन्होंने कहा- बेटा, मेरी पूरी पीठ की भी मालिश कर दो ताकि और आराम मिले!


मैं तैयार हो गया.

मैंने कहा- चाची आपका ब्लाउज तो है, मैं तेल कैसे लगाऊं?

उन्होंने कहा- रुको, मैं निकाल देती हूँ!


उन्होंने अपना ब्लाउज उतार दिया.

उनकी पीठ एकदम नंगी थी जो उस हल्की रोशनी में मस्त दिख रही थी.


मैंने तेल लगाकर मालिश शुरू की. उनकी पीठ एकदम संगमरमर सी चिकनी थी और मक्खन सी मुलायम थी.


तभी मेरे दिमाग में गंदे ख्याल आने लगे.

मैंने जानबूझ कर उनकी चूची के बगल में हाथ लगाना शुरू किया.


उन्होंने इसका विरोध नहीं किया, तो मैंने वैसे ही मालिश जारी रखी.


अब मैं उनके उभारों को किनारे से हल्का-हल्का दबाने लगा.

वे थोड़ी सी हिलीं.

मुझे डर लगा कि कहीं चाची को बुरा तो नहीं लग गया.


फिर मैं उनकी पीठ सहलाने लगा.

उन्हें अच्छा लग रहा था.


वे अजीब सी आवाजें निकाल रही थीं ‘आह आह तेरे हाथों में तो जादू है राजू बहुत अच्छा लग रहा है!’

उनकी आवाजों से मुझे लगा कि कहीं चाची चुदवाने का सिग्नल तो नहीं दे रही हैं!


अनजाने डर की वजह से उनके साथ कुछ करने की मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी.


तभी चाची बोलीं- बेटा, मेरी जांघों में भी बहुत दर्द है, क्या तुम उधर भी मालिश कर दोगे?

मैंने कहा- ठीक है, चाची!


उन्होंने कहा- मेरा पेटीकोट ऊपर करके मालिश कर दो!

मैंने वैसा ही किया. मैं उनके पैर फैलाकर बीच में बैठ गया.


उनकी दोनों जांघों पर तेल लगाकर मालिश शुरू की.


उसी वक्त मेरे दिमाग में शैतानी ख्याल आया.

मालिश करते समय मैंने उनकी जांघों के बीच में हाथ फेर दिया.


उस संवेदनशील जगह पर मेरे हाथ का स्पर्श पाते ही चाची सिहर उठीं.


मैंने बार बार वैसा ही करना जारी रखा.

अब मैंने हिम्मत की और उनका पूरा पेटीकोट ऊपर उठा दिया.


उनकी पूरी गांड मेरे सामने थी, जिसे देखकर मेरी वासना बाहर आ गई.


मैंने चाची से कहा- अगर आप कहें तो आपके कूल्हों की भी मालिश कर दूँ?


उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

मैंने इसे हरी झंडी समझा.


मैंने तेल लेकर उनकी मस्त गोल गांड पर लगा दिया और मजे से मालिश शुरू की.

चाची भी अपनी गांड उठा-उठाकर मजे ले रही थीं.


मैंने हिम्मत करके अपनी एक उंगली पीछे से उनकी चूत पर रगड़ दी.


इससे चाची का पूरा शरीर अकड़ गया.


अब मेरी हिम्मत बढ़ गई.

मैं लगातार उनकी चूत पर उंगली रगड़ने लगा.


चाची कामुक आवाजें निकालने लगीं- ओह … अम्म्म … आह्ह्ह … आह्ह्ह!


तभी उन्होंने धीरे से कहा- बेटा, मेरे अन्दर कई सालों से आग लगी है! आज इसे बुझा दे … कसम से बेटा मैं तेरी रंडी बन कर रहूँगी!


यह सुनते ही मेरे रोंगटे खड़े हो गए.

मुझे चाची की तरफ से सिग्नल मिल गया था.


मैंने चाची को पूरी नंगी कर दिया और उनकी चूत में उंगली डालकर हिलाने लगा.


चाची वासना के पूरे न/शे में थीं.

पूरा कमरा उनकी मादक आवाजों से गूंज रहा था.


वे मादक आवाज में बोलीं- आह्ह्ह … बेटा, निकाल दे मेरा माल … फाड़ दे अपनी चाची का भोसड़ा!


उनकी इस बात से मेरे अन्दर का मर्द जाग गया.

मैंने उन्हें सीधा किया और उनके होंठों का रसपान करने लगा.


हम दोनों जबरदस्त तरीके से एक-दूसरे को चूस रहे थे.

उसके बाद मैंने चाची के चूचों पर हमला किया तो वे पगला गईं और मेरे सर को अपने मम्मों पर दबाती हुई मुझे अपनी चूचियों का रस पिलाने लगीं.


वे अपने हाथ से अपने दूध पकड़ कर मुझसे चुसवा रही थीं और कह रही थीं कि खींच ले मेरे लाल … मेरे दूध लाल कर दे आह आह.

मैं चाची के दोनों दूध बारी बारी से खींच खींच कर चूसा और उन्हें वासना की चरम स्थिति में पहुंचा दिया था.


दस मिनट तक ऐसा ही चलता रहा.

फिर मैं चाची के भोसड़े के पास आया.


मैंने कहा- चाची, आज तुम्हें जन्नत की सैर कराऊंगा!


उन्होंने किसी चंचल लौंडिया की सी आवाज में पूछा- तुम क्या करोगे?

मैंने कहा- आज अपनी जीभ से तुम्हारी चुत का पानी निकालूँगा!


वे आश्चर्य से बोलीं- चूत भी चाटते हैं क्या?

मैंने हां में जवाब दिया.


वे बोलीं- मैंने पहले कभी चूत नहीं चटवाई!

मैंने कहा- तो आज मजे लो!


मैंने उनकी टांगों को फैलाकर चूत को जीभ से चाटना शुरू किया.


वे जोर-जोर से चिल्लाने लगीं और गालियां देने लगीं- आह भोसड़ी के साले रंडीबाज … आह चाट अपनी रंडी का भोसड़ा … निकाल दे सारा माल!

मैं जोर-जोर से अपनी जीभ उनके भोसड़े में डालकर हिलाने लगा.


उन्होंने मेरा सिर अपने भोसड़े पर जोर से दबा दिया और ‘आह्ह्ह …’ करती हुई सारा माल मेरे मुँह में निकाल दिया.


वे झड़ कर निढाल हो गईं.

मैं भी कुछ देर के लिए रुक गया और उनके बाजू में ही लेट गया.


फिर कुछ देर बाद चाची उठकर बोलीं- आह बेटा आज 5 साल बाद मेरा माल निकला है, वो भी मेरे बेटे जैसे लड़के ने निकाला!

मैंने कहा- चाची, अभी तो जीभ का कमाल देखा! अब मेरे लंड का कमाल देखना बाकी है!


उन्होंने कहा- मुझे भी तुम्हारे लंड से अपनी चूत फड़वानी है! आज तक ऐसा ताजा लंड मेरी चूत में नहीं गया!


मैंने कहा- पहले मेरा लंड चूसो, फिर तुम्हें इसकी सवारी कराऊंगा!

वे बोलीं- मैंने ये सब कभी नहीं किया!


मैंने कहा- तुम मेरी रंडी हो, तो जो मैं बोल रहा हूँ, वह सुनो!

वे तैयार हो गईं.


मैंने अपना लंड उनके मुँह में पेल दिया और जोर-जोर से चोदने लगा.


वे सांस नहीं ले पा रही थीं तो मैंने बाहर निकाल लिया.


फिर मैंने कहा- चल मेरी रखैल, अब चुदने के लिए तैयार हो जा!

उन्होंने अपनी टांगें फैला दीं.

मैंने अपने लंड को उनकी चूत पर रगड़ना शुरू किया.


चाची मादक सिसकारियां लेने लगीं.

मैंने उनकी चूत को रगड़कर एकदम गीली कर दी.


वे चिल्लाने लगीं- आह बेटा … डाल दे अपने मूसल को मेरी चूत में! अब रहा नहीं जाता!

मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सैट किया और एक ही धक्के में पूरा अन्दर घुसा दिया.


चाची की चीख निकल गई- उई माँ! मैं तो मर गई! भड़वे ने फाड़ दी मेरी चूत!


मैंने भी गाली दी- मादरचोद साली रंडी! तेरे भोसड़े को गुफा बना दूँगा आज!


मैं जोर-जोर से धक्के लगाने लगा.

पूरे कमरे में फच-फच की आवाजें गूँज रही थीं.


मैंने आधा घंटा तक उन्हें चोदा. इस बीच चाची दो बार झड़ चुकी थीं.

जबकि मेरा माल अभी नहीं निकला था.


मैंने सेक्सी चाची को घोड़ी बनने को कहा.

उन्होंने तुरंत अपनी गांड मेरी तरफ कर दीं.

मैं उनकी गांड मारना चाहता था, लेकिन उन्हें बिना बताए.


मैंने हल्का-सा तेल अपने लंड पर लगाया और एक झटके में आधा लंड उनकी गांड में पेल दिया.


चाची को इसका अंदाजा नहीं था.

उनकी चीख निकल गई और वह रोने लगीं.


मैं लंड पेल कर रुक गया.


उन्होंने झटके से लंड बाहर किया और कहा- इतना बड़ा लंड मैं अपनी गांड में नहीं ले पाऊंगी बेटा … रहने दे प्लीज!

मैंने कहा- मुझे तो तुम्हारी गांड ही मारनी है!


मेरे बहुत मनाने के बाद वे तैयार हो गईं.


मैंने फिर से तेल लगाया और धीरे-धीरे उनकी गांड में लंड डालना शुरू किया.


चाची को दर्द कम होने लगा.

मैंने धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाई और उनकी गांड की धकापेल चुदाई शुरू की.


मैंने उनकी गांड 20 मिनट तक मारी.


जब मेरा माल निकलने वाला था, मैंने कहा- मुझे तुम्हारे मुँह में माल निकालना है!

वे उठीं और जल्दी से मेरा लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.


कुछ ही देर बाद मेरे माल से उनका पूरा मुँह भर गया.

उन्होंने उसे पी लिया.


उस दिन मैंने चाची को 2 बार और चोदा.


तब से आज तक मैं चाची को जब भी मौका मिलता है तो मैं उनकी चूत का रसपान कर लेता हूँ और चोद देता हूं.


दोस्तो, ये थी मेरी Hindi Sex Stories की चुदाई की सेक्स कहानी.

आपको कैसी लगी … प्लीज जरूर बताएं.

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