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पड़ोसन भाभी की चुदास और मेरा लंड - Indian Sex Stories

फ्रेंड्स, मेरा नाम मिक्की है. मेरी हाइट 5 फीट 8 इंच है और मैं दिखने में गोरा हूँ.

मेरी उम्र २४ साल है. मैं वाराणसी का रहने वाला हूँ.

मैं जिम जाता हूँ, तो मेरी बॉडी भी बिल्कुल सॉलिड और फिट है.


वैसे तो मुझे कोई भी लड़की अपना बॉयफ्रेंड बना ले, पर मैं लड़कियों से थोड़ा डरता हूँ.

कहीं प्रपोज करने में कोई बुरा मान गई, तो लेने के देने न पड़ जाएं.


हमारे घर के बाजू में एक भैया भाभी रहते थे.

अभी भैया की उम्र लगभग 30-32 होगी और भाभी की 28 है.

भैया का नाम विवेक और भाभी का नाम सारिका है.


यह हॉट इरोटिक भाभी कहानी सारिका भाभी की है.


उनका और उनके घर हमारा आना-जाना लगा रहता है तो हम लोग एक परिवार जैसे ही लगते हैं.


वैसे मैं उन्हें भैया-भाभी ही बोलता हूँ.

उनके घर में भैया, भाभी और उनका बेटा ही है.


भैया और भाभी दोनों डॉक्टर हैं.

दोनों ने लव मैरिज की थी.


एक दिन भैया बाइक से मार्केट गए थे.

उधर उनका बड़ा एक्सीडेंट हो गया था.


इस दुर्घटना में उनके सिर में चोट लगी थी जिस वजह से उनकी बॉडी पैरालाइज्ड हो गई.

उनकी बॉडी का कोई भी हिस्सा काम नहीं कर रहा था.


अब वे सारा दिन बेड पर ही पड़े रहते हैं.

उनकी दवा चल रही है पर कोई सुधार नहीं हो रहा.

उन्हें ऐसे हुए लगभग एक साल से ज्यादा हो गया है.


भाभी डॉक्टर हैं, तो वे ही उनकी सब देख-रेख करती हैं.

उनका हॉस्पिटल घर के पास ही है, तो वे दिन में कई बार आती-जाती हैं और अपने पति की देखभाल करती रहती हैं.


अपने पति की समस्या की वजह से भाभी ने अपने बेटे को हॉस्टल में भेज दिया.

वे अकेली ही बहुत मेहनत करती हैं.


उन्हें भैया की देखभाल करना, रोज उनकी साफ-सफाई, दवा का ध्यान रखना और घर के साथ-साथ हॉस्पिटल का काम करना होता है.


वे सारा दिन परेशान रहती हैं.

जब उन्हें कोई काम होता है और समय नहीं होता, तो मुझे ही बोलती हैं कि मार्केट से ये काम कर दो प्लीज!


वैसे भी उनका मार्केट का काम ज्यादातर मैं ही करता हूँ.

जैसे राशन लाना, सब्जी लाना, गैस या जो भी हो, लगभग मुझे ही करना होता है.


तो भाभी और मेरी आपस में अच्छी बातचीत होती रहती है.


भाभी जब भी अपने घर पर कुछ अच्छा बनाती हैं, तो मुझे जरूर बुलाती हैं.

मेरे घर में भी कुछ अच्छा बनता है, तो मम्मी उनके लिए उनके घर भेज देती हैं.


एक दिन भाभी ने शाम को कॉल किया और बोलीं- आज खाना मत खा लेना! आज मैं मटर-पनीर बनाऊंगी!

मैंने कहा- ठीक है.


मैं शाम को स्टडी करके रात में करीब 9 बजे उनके घर गया, क्योंकि भाभी का कॉल भी आ रहा था.


जब मैं गया, तो भाभी खाना बनाकर बैठी हुई थीं.

वे बिल्कुल उदास थीं.


मैं गया तो बेड पर बैठ गया और मैंने भाभी से पूछा- क्या हुआ भाभी? आप इतनी उदास क्यों हो?


तो भाभी वही सब बताने लगीं- तुम्हारे भैया की हालत दिन-प्रतिदिन खराब ही होती जा रही है! कोई सुधार हो ही नहीं रहा है. मैं अकेली उनकी देखभाल करने में परेशान हो जाती हूँ. उनको उठाना, उनकी साफ-सफाई, लैट्रिन, टॉयलेट, सब मुझे ही करना पड़ रहा है. पता नहीं, कौन से बुरे कर्मों का फल मुझे भोगना पड़ रहा है! अब मुझसे तुम्हारे भैया की परेशानी देखी नहीं जाती. डॉक्टर बोल रहे हैं कि उनकी हालत ठीक होने में कोई पता नहीं, कब ठीक होंगे. जल्दी भी ठीक हो सकते हैं, या थोड़ा समय भी लग सकता है.


उनकी दर्द भरी कहानी सुनकर मैं चुप ही रहा.


भाभी आगे बोलीं- तुम ही बताओ, मैं क्या करूं? एक साल से ज्यादा हो गया, भैया की फैमिली से कोई उनके लिए आता ही नहीं! मुझे ही सब अकेले देखना होता है. मैं इस सब से थक गई हूँ!

यह सब बोलकर भाभी रोने लगीं.


मैंने भाभी को सांत्वना देते हुए कहा- भाभी, प्लीज चुप हो जाओ. आपको जब भी सहारे की जरूरत हुआ करे तो आप मुझे बुला लिया करो.

मैं भाभी के थोड़ा पास ही बैठा था तो मैंने भाभी को थोड़ा सहारा दिया.


भाभी ने मेरा सहारा पाया, तो वे मुझे हग करके रोने लगीं.

वे रोती हुई ही बताने लगीं- मेरे मम्मी-पापा भी बोल रहे हैं कि अपनी पसंद से शादी की, देख आज क्या हो गया!

भाभी खूब रोने लगीं.


मैंने भाभी को थोड़ा सहलाया और कहा- भाभी, भैया ठीक हो जाएंगे … आप शांत हो जाओ प्लीज!

भाभी ने मेरा सहलाना महसूस किया तो मुझे और जोर से हग कर लिया.


मैंने भी उन्हें जोर से हग कर लिया.

भाभी कामुक सिसकारियां सी लेने लगीं और मुझे अपने सीने पर उनके मम्मों का दबाव महसूस होने लगा.


मैंने भाभी की पीठ पर और ज्यादा सहलाया.

यह भाभी को शायद अच्छा लगा और वे मुझे और जोर से जकड़ कर अपनी चूचियों का दबाव बढ़ाने लगीं.


मैंने भाभी को बहुत देर तक मनाया और ढांढस दिया.

थोड़ी देर बाद भाभी शांत हो गईं.


मैंने कहा- चलो भाभी, खाना खा लेते हैं.

भाभी बोलीं- हां ठीक है, चलो मैं खाना लगाती हूँ.


हम दोनों खाने की टेबल के करीब आ गए.

भाभी ने खाना लगाया.


मैंने पूछा- भाभी, भैया ने खाना खा लिया है?

भाभी ने कहा- उनसे ज्यादा खाना खाया नहीं जाता. वे थोड़ा ही खाते हैं. मैं उन्हें खिला दिया है और उनका फ्रूट जूस दे दिया है. दवा भी दे दी है, तो वह सो गए हैं.


एक थाली में मेरे लिए खाना लगाकर वे बगल की कुर्सी पर ही बैठ गईं.


मैंने पूछा- भाभी आपने खा लिया?

उन्होंने जवाब दिया- तुम खा लो, मैं बाद में खा लूँगी.


मैंने कहा- आप भी साथ में खा लो, अकेले में आपको खाना अच्छा नहीं लगेगा और मुझे भी अकेले खाना अच्छा नहीं लग रहा है.


वे बोलीं- यार मेरा मन नहीं हो रहा, तुम खा लो. मैं नहीं खाऊंगी … मेरी भूख तो वैसे ही मर गई!

मैंने कहा- आप भी खाओ, नहीं तो मैं भी नहीं खाऊंगा!


उन्होंने कहा- ठीक है तुम खा लो, मैं खा लूँगी!

मैंने फिर से कहा- आप ऐसा करो, मेरे साथ ही खा लो!


तब वे गहरी सांस लेकर बोलीं- अच्छा, खा लेती हूँ. पहले यह बताओ कि क्या तुम बियर पीते हो?

एकदम से अजीब से इस सवाल से मैं चौंक गया.

मैंने पूछा- क्यों?


उन्होंने कहा- बताओ तो सही!

मैंने कहा- हां, कभी कभी पी लेता हूँ.


वे बोलीं- ठीक है, मैं लेकर आती हूँ!


भाभी गईं और अपने फ्रीज से दो बियर की बोतलें ले आईं.


वे बोलीं- लो एक तुम पियो, एक मैं.

मैंने पूछा- आप भी पीती हो?


वे बोलीं- हां कभी-कभी, बस जब मन अच्छा नहीं होता तो ले लेती हूँ.

हम दोनों पीने लगे.


मैंने कहा- भाभी, आप भी साथ में खाना खा लो.

वे बोलीं- पहले तुम खा लो!


तो मैंने अपने ही हाथ से उन्हें खिलाने के लिए हाथ आगे किया और कहा- लो खा लो, नहीं तो अब मैं भी नहीं खाऊंगा!

वे बोलीं- ठीक है. खा लेती हूँ!


फिर हम दोनों एक ही प्लेट में खाने लगे और बियर पीने लगे.


अब काफी देर हो गई थी, हम दोनों की बियर भी खत्म हो गई.

भाभी बोलीं- रुको और लाती हूँ!

भाभी दो बोतलें और ले आईं.


मैंने कहा- भाभी मेरा तो एक ही में काम हो गया … मैं ज्यादा नहीं पीता हूँ. मुझे तो एक बोतल में ही न/शा सा हो रहा है!

भाभी नहीं मानी, तो मैंने दूसरी बोतल भी पीना शुरू किया.


भाभी भी पी रही थीं. तभी भाभी पूछने लगीं- कोई गर्लफ्रेंड है?

मैंने कहा- नहीं!


उन्होंने कहा- कब बनाओगे?

मैंने कहा- कोई बनती ही नहीं है और मुझे डर भी लगता है कि कहीं इन सब मामलों में कोई मेरे घर पर शिकायत कर दे, तो न जाने कितनी बेइज्जती होगी.


भाभी बिल्कुल मेरे पास आईं और बोलीं- अभी उम्र है, थोड़ी मस्ती कर लो … ठीक है! नहीं तो शादी हो जाएगी, तो कुछ नहीं कर पाओगे!


मैं भाभी के इशारे समझ रहा था.


अब तक दूसरी बोतल भी खत्म हो चुकी थी.


मैंने कहा- भाभी, बहुत देर हो गई है, मुझे अब घर जाना होगा और मुझे न/शा भी हो रहा है.


वे हंस कर बोलीं- तुम्हें बियर से न/शा हो गया? बताओ तुम्हारी उम्र के लड़के को तो चार बोतल बियर से न/शा नहीं होना चाहिए!

मैंने बताया- भाभी, मैंने आज अपनी लाइफ में तीसरी बार बियर पी है. मुझे कोई ज्यादा अनुभव नहीं है!


वे बोलीं- गर्लफ्रेंड तो है नहीं, आओ तुम्हें आज कुछ सिखाती हूँ!

मैंने कहा- क्या सिखाना है बताओ!


वे पास आईं और मुझे किस करने लगीं.

वे बोलीं- कभी किसी लड़की को किस किया है?

मैंने कहा- नहीं.


वे बोलीं- जाओ, दरवाजा लगा आओ और मेरे पास आ जाओ!


मैंने कहा- अब मैं घर जा रहा हूँ!

तो भाभी बोलीं- आज मैंने तुम्हारी मम्मी से बोल दिया था कि मिक्की मेरे यहां ही सोएगा क्योंकि भैया की तबीयत ठीक नहीं है, तो मुझे उन्हें उठाने-बैठाने में उसकी मदद चाहिए होगी.


शायद भाभी ने सब प्लान पहले से ही सोच लिया था कि आज कुछ करेंगे.


भाभी मुझे फिर से किस करने लगीं.

मुझे भी मजा आने लगा.

मैं भी साथ देने लगा.


फिर भाभी मुझे बेड पर लिटाकर किस करने लगीं.

मुझे बहुत मजा आने लगा.


भाभी के बूब्स उनके ब्लाउज से बाहर आने लगे.


मैंने बियर की मस्ती में कहा- भाभी, आपके ब्लाउज से कुछ बाहर आ रहा है!


वे बोलीं- रुको, इसे पूरा बाहर करती हूँ!

फिर उन्होंने ब्लाउज खोल दिया.

उनके बूब्स बाहर आ गए.


उन्होंने अन्दर ब्रा नहीं पहनी थी.

एकदम गोरे, सफेद बूब्स देख कर मेरा न/शा और गहरा हो गया. भाभी एकदम गोरी थीं.


वे अपने दूध हिला कर बोलीं- अच्छे हैं न … चलो अब एक दूध पी लो!

उन्होंने मेरा सिर पकड़ कर अपने दूध पर रख दिया.


मैं उनके दूध के निप्पल को अपने होंठों में भर कर पीने लगा.

उनकी छाती से दूध तो नहीं निकल रहा था, पर बहुत मजा आ रहा था.


थोड़ी देर तक दोनों मम्मों से मजा दिलाने के बाद वे बोलीं- चलो अब फुद्दी चुसवाती हूँ.

यह कह कर उन्होंने अपनी साड़ी भी उतार दी.


अब वे पेटीकोट में आ गईं.

उन्होंने मेरी आंखों में वासना से देखा और अपने पेटीकोट की डोरी भी खोल दी.


फिर वे बोलीं- तू भी नंगा हो जा.


यह कहते हुए उन्होंने अपने हाथ बढ़ा कर मेरी टी-शर्ट को भी उतरवा दिया.

मैं बनियान और शॉर्ट्स में था.


भाभी अब केवल पैंटी में आ गईं.


मैंने कहा- भाभी, कहीं किसी को पता लग गया तो?


वे अपनी चुत सहला कर बोलीं- तुम बताओगे क्या?

मैंने कहा- नहीं!


तो वे हंस कर बोलीं- तो मैं कौन-सा किसी को बताऊंगी!

यह कह कर वे और जोर से हंसने लगीं.


फिर भाभी बोलीं- सच बताना, कभी सेक्स किया है?

मैंने कहा- सच में भाभी, कभी नहीं किया!


वे बोलीं- क्या यार इतने बड़े हो गए, अभी तक लौड़े के साथ कुछ भी नहीं किया. क्या मुठ भी नहीं मारी?

मैंने ना में सर हिला दिया.


मुझे भाभी की चूचियां बड़ी मस्त लग रही थीं तो मैं बस उनके दूध ही सहला रहा था और दबा रहा था.

फिर भाभी बोलीं- ठीक है, चलो आज तुम्हें चुदाई का मजा देती हूँ.


यह कह कर भाभी ने मेरी बनियान और शॉर्ट्स भी उतरवा दिया.

अब मैं बस अंडरवियर में था.


उन्होंने अपनी पैंटी भी उतार दी.

मेरा गला सूखने लगा था.


सच में, भाभी की फुद्दी क्या लग रही थी यार!


उनकी चुत देख कर ऐसा लग ही नहीं रहा था कि उनका कोई बेटा भी है. एकदम स्लिम बॉडी, पतली कमर, नीचे से चौड़े हिप्स, कमाल की माल लग रही थीं वे!


उन्होंने मेरी अंडरवियर भी उतार दी. मेरा खड़ा था.

उन्होंने देखा और हंस कर बोलीं- तुम्हारा हथियार तो बिल्कुल मूड में है!


उन्होंने मेरा लौड़े को अपने हाथ में लिया और उसको सहलाने लगीं.


हॉट इरोटिक भाभी ललचाई नजरों से लंड को सहलाती हुई बोलीं- काफी लंबा और मोटा है, क्या किया है इसे बड़ा करने के लिए … क्या मुठ ज्यादा मारते हो?


मैंने कहा- नहीं भाभी … बस कभी-कभी ही हिलाया है.

वे बोलीं- अच्छा, ज्यादा शरीफ मत बनो!


मैं कुछ नहीं बोला.


उन्होंने मेरा लंड मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया.


थोड़ी देर तक लंड चूसने के बाद उन्होंने कहा- चलो अब आ जाओ मेरे ऊपर चढ़ जाओ!


मैंने उनकी चुत से रस टपकता हुआ देखा.

तो वे बोलीं- चलो पहले 69 करते हैं.


हम दोनों उलटे-सीधे हो गए.


वे मेरा लंड चूसने लगीं और बोलीं- तुम भी मेरा छेद चूसो!


मैंने मना करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कहा- चूसो न … मज़ा आएगा!


भाभी के कहने पर मैंने चुत को चाटना शुरू कर दिया.

मुझे भी पता था कि मज़ा आएगा.


मैंने तो पोर्न देखकर सब सीखा था.

लेकिन थोड़ा अनजान बन रहा था क्योंकि पहली बार था ना!


मैंने भी चुत को चूसना शुरू किया.


मैंने बहुत अच्छे से चुत को चूसा … जीभ अन्दर तक डाल कर भाभी को मजा दिया.


फिर थोड़ी देर बाद मैं एक उंगली भी चुत में करने लगा.

इससे वे झड़ गईं और मैं भी झड़ गया.


मेरा बहुत सारा रस निकला, उन्होंने सारा निगल लिया.

वे चटखारा लेती हुई बोलीं- कितना टेस्टी रस है तुम्हारा!


मैंने उनका रस चूसा, फिर थूक को पास में रखे डस्टबिन में उगल दिया.


अब हम दोनों सीधे हो गए.

वे मेरे नीचे होकर फिर से लौड़े को चूसने लगीं.

मेरा खड़ा हो गया.


मैंने भी उनकी चुत में उंगली करना शुरू कर दिया.


अब भाभी ने कहा- चलो अब आ जाओ. सीधा चुदाई करते हैं!

मैंने कहा- प्रोटेक्शन तो ले आओ, अगर कुछ हो तो!


भाभी ने कहा- तुम टेंशन मत लो, वह सब मैं देख लूँगी. तुम आओ, करो!


मैंने भाभी को चुदाई की पोजीशन में लिटा कर उनकी चूत पर लंड सैट किया और घुसाने की कोशिश की.

लेकिन लंड फिसल गया.

वे हंस कर बोलीं- अरे तुम तो बिल्कुल नादान हो … रुको!


उन्होंने अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ कर अपनी चुत पर सैट किया और बोलीं- करो अब!


मैंने धक्का दिया, तो मेरा आधा लंड घुस गया.


भाभी पूरी हिल गईं और कराह कर बोलीं- आह साले तेरा बहुत मोटा है … जरा धीरे पेल …!

मैंने पूछा- क्या हुआ भाभी … ज्यादा दिक्कत हो रही है क्या?


उन्होंने दम बांधते हुए कहा- नहीं, बस ज्यादा दिन हो गए ना सेक्स किए! जब तुम्हारे भैया ठीक थे, तभी सेक्स किया करती थी. अब एक साल से ज्यादा हो गया है न!

मैंने एक और धक्का दिया, तो इस बार पूरा लवड़ा चुत की गहराई में धँसता चला गया.


वे पुनः तड़प उठीं और बोलीं- रुको न थोड़ा … तूने तो रंडी की चुत समझ कर पेलना चालू कर दिया!


मुझे हंसी आ गई और मैंने कहा- एक बच्चा पैदा कर चुकी हो आप!

वे बोलीं- वह ऑपरेशन से हुआ था यार!


मैं समझ गया कि इसी लिए भाभी की चुत अभी भोसड़ा नहीं बनी है.


मैं उनके एक दूध को चूसने लगा और भाभी को अच्छा लगने लगा.

थोड़ी देर बाद जब भाभी ने अपनी गांड को हिलाया तो मैंने अपनी कमर को आगे-पीछे कर लौड़े को धीरे-धीरे पेलना शुरू कर दिया.


वे भी चुदाई का मज़ा लेने लगीं.


मैंने थोड़ी देर बाद तेज़ तेज चुदाई करना शुरू कर दिया.

अब वे भी गांड से जबाव देती हुई चुदाई का मजा लेने लगीं और मेरा साथ देने लगीं.


मैं तेज़ तेज़ धक्के लगाने लगा.


करीब दस मिनट बाद वे शांत हो गईं और बोलीं- आह यार … मेरा काम हो गया!

मैंने कहा- बहुत जल्दी हो गया भाभी!

वे बोलीं- मेरा जल्दी नहीं, तुम्हारा लेट हो रहा है.


मैं भाभी की और तेज़ चुदाई करने लगा.

वे फिर से साथ देने लगीं.


करीब दस मिनट बाद मेरा स्खलन होने वाला था.

मैंने कहा- भाभी मेरा होने वाला है … कहां करूं?


भाभी ने कहा- अन्दर ही करो, बहुत दिनों से प्यासी हूँ!

मैंने अन्दर ही सब छोड़ दिया.


झड़ने के कुछ देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला, तो उनकी चूत से रस बाहर गिरने लगा.

वे थोड़ा घूम गईं ताकि वीर्य निकल जाए.


मैंने भाभी की गोरी गांड देखी तो कहा- भाभी, थोड़ा स्वाद पीछे का भी मिलेगा क्या?

भाभी बोलीं- एक ही दिन में सब कर लोगे क्या?


मैंने कहा- हां, आज तो मना मत करो! मुझे आपके आगे से ज्यादा पीछे का माल ज्यादा पसंद है!


भाभी हंस कर बोलीं- आज तक पीछे वाला छेद तो मैंने तुम्हारे भैया को भी नहीं चोदने दिया, लेकिन तुम्हें इजाज़त है! पर देखो ध्यान से करना. मैंने कभी किया नहीं पीछे से!


मैंने भाभी की गांड में ढेर सारा थूक लगाया और एक उंगली अन्दर डाल दी.

भाभी बोलीं- आह आराम से!


मैंने थोड़ा आगे-पीछे किया.

वे बोलीं- जरा, उधर जाओ और टेबल पर क्रीम रखी है, उसे लाकर लंड पर लगा लो … फिर करना.


वे डॉक्टर थीं तो शायद उन्हें मालूम था कि किस तरह की क्रीम से दर्द नहीं होगा.

मैंने जाकर क्रीम ली और अपना लंड क्रीम से सान लिया.

थोड़ी क्रीम को उंगली में लेकर उनकी गांड के छेद में भी भर दी.


फिर लौड़े को गांड से सैट करके लगाया और एक जोरदार धक्का दे दिया.

पहले ही शॉट में मेरा आधा लंड भाभी की गांड में घुसता चला गया.


भाभी की चीख निकल गई.

मैंने देखा कि भाभी की आंखों में आंसू आ गए थे.


भाभी बोलीं- मिक्की, थोड़ा ध्यान से पेलो डियर … गांड में बहुत दर्द दे रहे हो!

मैंने कहा- सॉरी भाभी!


मैं स्लो हो गया.

कुछ मिनट बाद भाभी अपनी गांड हिलाने लगीं.


इस बार मैंने थोड़ा और जोर का शॉट मारा, तो मेरा पूरा लंड भाभी की गांड में अन्दर तक घुस गया.


भाभी अकड़ गईं और बोलीं- लगता है आज जान ही ले लोगे तुम … आह मर गई.

यह कह कर वे छटपटाने लगीं और बोलीं- प्लीज़ मिक्की, दर्द हो रहा है, बाहर निकाल दो … तुम्हारा बहुत मोटा है और लंबा भी ज्यादा है!


मैं रुक गया और थोड़ी देर उनकी चूत में उंगली करता रहा.

फिर धीरे-धीरे आगे-पीछे करने लगा.


अब उन्हें भी थोड़ा आराम मिल गया था, तो वे सही से गांड मरवाने लगीं.

मैंने अब स्पीड बढ़ा दी और उनकी गांड को ताबड़तोड़ चोदने लगा.


करीब दस मिनट बाद मेरा रस निकलने लगा.

मैंने उनकी गांड में ही सारा माल छोड़ दिया.


फिर भाभी बोलीं- आज तो तुमने मेरी गांड फाड़ दी जानू!

मैंने पूछा- भैया ने आपकी गांड कभी नहीं मारी थी क्या?


वे बोली- नहीं, मैंने दर्द के डर से कभी करने ही नहीं दी.


फिर मैंने उनकी एक बार और चूत की चुदाई की और उनके साथ नंगा ही सो गया.


हमारी चुदाई करीब 2 बजे रात तक चली.

सुबह भाभी ने मुझे चाय लेकर उठाया.


वे मुझे जगाती हुई बोलीं- उठ जाओ अब!

मैंने कहा- भाभी, थोड़ा सा पीछे से दोगी?


भाभी बोलीं- साले तुमने रात को गांड सुजा दी है! अभी गर्म पानी से सेंक किया है.

मैंने कहा- भाभी, थोड़ा सा दर्द और झेल लो न प्लीज़!


वे हंस कर बोलीं- ठीक है.

भाभी ने नाइटी पहनी थी, उन्होंने तुरंत उतार दी और पैंटी उतारकर घोड़ी बन गईं.


मैंने थोड़ा थूक लगाकर लंड गांड के छेद पर रखा और एक जोर का झटका दे दिया.


इस बार पूरा एक बार में ही डाल दिया. भाभी को दर्द हुआ, लेकिन इस बार उन्होंने नहीं रोका.


दस मिनट तगड़ी चुदाई के बाद मैंने माल गांड में छोड़ दिया और लेट गया.

मैंने भाभी के दूध दबाते हुए पूछा- ये ऑफर कब तक?


भाभी बोली- अब तुम्हारी गर्लफ्रेंड हूँ. तुम्हारी ही हूँ … जब मन हो, चोद लेना.


मैं उठा, कपड़े पहने और घर चला गया.

उस दिन भाभी हॉस्पिटल भी नहीं गईं क्योंकि उन्हें दर्द हो रहा था.


तब से अब जब भी मन होता है, मैं उन्हें चोद देता हूँ.

अब तो जैसे वह मेरी चालू बीवी बन चुकी हैं.


आपको Indian Sex Stories में कितना मजा आया, प्लीज कमेंट्स करके जरूर बताएं.

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