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पड़ोस की आंटी ने चूत चुदवा कर सेक्स करना सिखाया - Hindi Sex Stories

मेरा नाम अविनाश सिन्हा है।

मैं देहरादून में अपने परिवार के साथ रहता हूँ।


मेरे पड़ोस में एक आंटी रहती हैं, जो काफी हॉट और सेक्सी हैं।

45 की उम्र में भी आंटी ने अपना फिगर मेंटेन किया हुआ है।


उनका फिगर साइज़ 36-25-36 है। एक तरफ उनके बूब्स क़यामत थे, तो दूसरी तरफ उनकी गाँड, बड़े-बड़े कूल्हे, मस्त साइज़ के थे!


आंटी के परिवार में बस तीन लोग हैं।

उनके पति सरकारी नौकरी करते हैं, जिसके चलते उनकी पोस्टिंग शहर से बाहर है।

वे महीने में बस 1 से 2 बार ही घर आ पाते हैं।


बाकी घर में आंटी और उनका बेटा है।

वह लगभग 20 साल का है और कोचिंग व कॉलेज के चक्कर में घर से बाहर ही रहता है।


अब Hindi Sex Stories पर आता हूँ।

एक बार की बात है, मेरे घर में पूजा थी।


पूजा में आंटी नहीं आ पाई थीं।

उनकी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी।


अगले दिन दोपहर में मेरी मम्मी ने मुझे उनके घर प्रसाद पहुँचाने को कहा।


मैं उनके घर गया।

मैंने देखा कि घर का गेट खुला हुआ था।


मैंने दो-तीन बार गेट खटखटाया।

फिर अंदर से आंटी की आवाज़ आई। उन्होंने पूछा, “कौन?”


मैंने बताया, “विशाल!”


आंटी ने बोला, “विशाल, प्रसाद लेकर आए हो?”


मैंने कहा, “जी आंटी!”


उन्होंने कहा, “किचन में जाकर फ्रिज में रख दो! मैं बाथरूम में हूँ, नहा रही हूँ!”


मैं किचन में गया और प्रसाद रख दिया।

वापस जाने लगा.


तभी अचानक मुझे एक प्लान सूझा।

मैंने सोचा कि इससे अच्छा मौका फिर नहीं मिलेगा आंटी को देखने का!

वैसे भी मैं बहुत टाइम से आंटी पर नज़र रखता था।

वे मुझे बहुत अच्छी लगती थीं।


मैंने बाथरूम में झाँककर देखने का प्रयास किया.

लेकिन बाथरूम पूरी तरह बंद था।

उसमें कहीं कोई सुराख़ नहीं था।


तो मैं उनके रूम में ही एक अच्छे कोने में जगह देखकर छुप गया, जहाँ से आंटी मुझे देख न सकें।

मैं उनके बाहर निकलने का इंतज़ार करने लगा।


करीब 2 मिनट बाद आंटी बाथरूम से निकलीं।

आंटी का पूरा बदन गीला था।


उन्होंने पूरे शरीर पर बस एक तौलिया लपेटा हुआ था।

फिर मैंने देखा, आंटी अपने बेडरूम में आईं, जहाँ मैं छुपा हुआ था।


आंटी की ब्रा और पैंटी बेड पर ही रखी थीं, जिस पर मुझे पहले ध्यान ही नहीं गया।


आंटी ने अपना तौलिया हटा दिया।

उसके बाद आंटी पूरी नंगी हो गईं।


दोस्तों, आपको बता नहीं सकता, वहाँ क्या नज़ारा था!

आंटी की बड़ी-बड़ी चूचियाँ बिल्कुल नंगी थीं.


जिन्हें आज तक देखने के लिए मैं तरसता था।

आज वे मेरे सामने थीं!


मेरा लंड पूरी तरह खड़ा हो गया।

फिर मैंने आंटी की चूत की तरफ देखा।


आंटी की चूत पर एक भी बाल नहीं था।

लगता है, उन्होंने अभी ही शेव किया था।


मैं अपना होश खोने लगा।

मेरा मन हो रहा था कि यहाँ से निकलूँ और आंटी को जाकर कसके पकड़ लूँ।


लेकिन मैंने धैर्य से काम लिया।


आंटी ने अपने शरीर को तौलिए से पोंछने के बाद अपनी ब्रा उठाई और पहनने लगीं।

फिर उन्होंने अपनी पैंटी पहन ली।


इसके बाद वे वैसे ही बेड पर जाकर लेट गईं।


क्या बताऊँ दोस्तो, आंटी को इस तरह ब्रा और पैंटी में देखकर मेरा दिमाग खराब हो रहा था!

मेरा लंड पूरी तरह उफान मार रहा था।


मैंने इसके पहले ऐसा नज़ारा कभी नहीं देखा था!


तभी आंटी ने अपनी अलमारी से एक डिल्डो निकाला और उसे अपनी पैंटी के ऊपर से ही चूत पर रगड़ने लगीं।

धीरे-धीरे वे अपनी चूचियाँ दबाने लगीं।


आंटी अजीब-अजीब सी आवाज़ें निकालने लगीं।

यह सब देखकर मैं अपना होश खो चुका था।


मेरा बहुत मन कर रहा था कि यहाँ से निकलूँ और आंटी को पकड़कर चोद दूँ!


तभी एक गलती हो गई।

अचानक मेरा फोन बज उठा।

आंटी ने फोन की आवाज़ सुन ली।


उन्होंने कहा, “कौन है? कौन है? सामने आओ!”

मुझे मजबूरी में निकलना पड़ा।


आंटी मुझे देखकर बिल्कुल हैरान रह गईं।

उन्होंने कहा, “अविनाश! तुम! तुम मुझे इस तरह चुपके देख रहे थे?”


उनकी नज़र मेरे पैंट पर पड़ी।

उन्होंने मेरा लंड, जो पैंट में तंबू बनाकर खड़ा था, देखकर सब समझ लिया।


मैंने कहा, “सॉरी आंटी! आप किसी से कहना नहीं, प्लीज़!”

उन्होंने कहा, “ठीक है, लेकिन एक शर्त पर!”


मैंने पूछा, “क्या?”

उन्होंने कहा, “तुम्हें अपना लंड मुझे दिखाना पड़ेगा!”

मैंने कहा, “ठीक है!”


वे मुझे पकड़कर अपने बेड पर ले गईं।

मेरा पैंट खोलकर मेरा लंड निकाल दिया।


मेरा 7 इंच का लंड उनके हाथ में था।

मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।


लंड देखकर वे बहुत खुश हो गईं और बोलीं, “वाह! तुम्हारा लंड तो तुम्हारे अंकल से भी बहुत बड़ा है! इसे लेने में तो मज़ा आएगा!”


वे मेरे लंड से खेलने लगीं।

मैं उनके बूब्स ब्रा के ऊपर से ही दबाने लगा।


मैं बता नहीं सकता, कितने मुलायम बूब्स थे उनके!


फिर आंटी ने कहा, “दूध पीना चाहते हो?”

मैंने बोला, “क्यों नहीं!”


मैंने उनकी ब्रा खोल दी।

उनके लाल-लाल निपल्स बहुत सुंदर थे।

मैं उन्हें ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगा।


उनकी चूचियाँ इतनी बड़ी थीं कि मेरे हाथ में नहीं समा रही थीं।


न्यूड आंटी मेरे लंड से खेल रही थीं।

वे मेरा लंड चूसने लगीं।

ये मेरा पहली बार था, तो मैं 5 मिनट में ही झड़ गया।


फिर आंटी ने कहा, “मुझे चोदोगे?”

मैंने कहा, “बिल्कुल! लेकिन मुझे आता नहीं!”

आंटी ने कहा, “कोई बात नहीं! मैं सब सिखा दूँगी!”


मैंने उनकी पैंटी खोल दी।

उनकी नरम-मुलायम चूत को देखकर मैं बिल्कुल दंग रह गया।

बिल्कुल ब्रेड जैसी फूली हुई, गोरी-गोरी चूत, बिना बाल की!


जो चीज़ मैं आज तक सपनों में देखता था, आज मेरे सामने थी।

मैं यकीन नहीं कर पा रहा था!


फिर मैं उनके मुँह के पास गया और अपने लंड को उनके मुँह पर रखकर उनके होंठों पर रगड़ने लगा।


अब उन्होंने अपना मुँह खोलकर उसे चूसना शुरू कर दिया।

अब तो मैं बस जन्नत में था!


न्यूड आंटी ने अपनी बाहें फैलाकर मुझे अपनी तरफ आने का इशारा किया।

मैं उनके ऊपर आ गया और किस करने लगा।


अब आंटी ने मेरा लंड अपने हाथ में लिया और अपनी चूत पर रगड़ने लगीं।

उन्होंने उसे अपनी चूत के छेद पर दबाया।


मैंने ज़ोर से धक्का मार दिया।

मेरा आधा लंड चूत के अंदर था।


उनकी चूत एकदम टाइट थी।

उनकी “आह!” निकल गई।


अब वे मुझे पागलों की तरह किस करने लगीं।

फिर मैंने दूसरे झटके में अपना पूरा लंड अंदर कर दिया।

अब वे मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ रही थीं।


मैं धक्के मार रहा था।

वे बोल रही थीं, “उउउह! आआह! उम्म्म! अविनाश, धीरे-धीरे करो प्लीज़! आराम से करो!”


अब वे झड़ चुकी थीं और कमज़ोर सी हो गई थीं।

मैं धक्के लगाए जा रहा था।


थोड़ी देर बाद जब मैं झड़ने वाला था, मैंने आंटी से कहा, “मेरा निकलने वाला है! मैं अपना लंड बाहर निकाल रहा हूँ!”

उन्होंने मुझे कसकर पकड़ लिया और कहा, “अंदर ही निकाल दो!”


मैंने अपना गर्म-गर्म पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया।

कुछ देर तक हम वैसे ही पड़े रहे।


थोड़ी देर बाद आंटी बाथरूम में गईं और अपनी चूत धोने लगीं।

मैं भी उनके पीछे गया।

उन्होंने मेरे लंड को भी साफ किया।


फिर हमने एक साथ शॉवर लिया और ओरल सेक्स किया।

इसके बाद हम सोफे पर आकर टीवी देखने लगे।


अब हमने कपड़े पहन लिए थे।


फिर मैं जाने लगा।

तो आंटी बोलीं, “चाय पीते जाओ!”


वे किचन में जाकर चाय बनाने लगीं।

मैं भी उनके पीछे गया और उनकी गर्दन पर पीछे से किस करने लगा, उनके बूब्स मसलने लगा।


अब आंटी फिर से गर्म हो गई थीं।

मैंने उनकी मैक्सी ऊपर की और खड़े-खड़े ही उन्हें झुकाकर उनकी चूत में पीछे से लंड डाल दिया।


मैंने चोदना शुरू कर दिया।

अब वे भी अपने कूल्हे आगे-पीछे कर रही थीं।


मैंने उन्हें दीवार से चिपका दिया और किस करने लगा।

सामने से मैंने उनकी चूत में लंड डाल दिया।


अब हम दोनों सीधे खड़े थे और वैसे ही चुदाई कर रहे थे।

मैं उनके बूब्स भी मसल रहा था।


कुछ देर बाद मैं फिर से उनकी चूत में झड़ गया।


आंटी ने मुझे किस किया और बोलीं, “अविनाश, आज तुमने मेरे सारे चुदाई के सपने पूरे कर दिए!”

मैंने भी उन्हें गले लगाया।


अब जब भी हमें मौका मिलता है, हम चुदाई करते हैं!


मेरे प्रिय पाठको, आपको मेरी Hindi Sex Stories कैसी लगी?

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