top of page

फूफा ने मेरी चूत का छुआरा बनाया - Hindi Sex Stories

मेरे प्यारे दोस्तो, मेरा नाम रानी है!


मैं एक चंचल शोख़ और बिंदास लड़की हूँ. मेरा कद 5′ 3″ का है, रंग गोरा है और चेहरा गोल है.


जब मैं इंटरमीडिएट में पढ़ती थी तो पूरी तरह जवान हो चुकी थी उम्र से भी और शरीर से भी! मेरा बदन पूरा भर चुका था। मेरे स्तन बड़े बड़े और सुडौल हो चुके थे. मेरी कमर पतली और चूतड़ थोड़ा बड़े बड़े हो गए थे।


मेरी खुली खुली बांहें बड़ी सेक्सी दिखतीं थीं. मुझे डांस करने का बड़ा शौक था तो मैं ठुमके खूब लगाती थी. जो देख ले वो मदहोश हो जाए. मेरी जाँघें मोटी मोटी हो गईं थीं और उनके बीच की चूत के तो कहने ही क्या …


मैं एक चुलबुली लड़की थी, पढ़ने में भी बहुत अच्छी थी और हंसी मजाक करने में भी सबसे आगे! इंटर करने के बाद मुझे मेरे माता पिता ने शहर में मेरी बुआ जी के घर भेज दिया। मैं उनके घर रह कर पढाई करने लगी।


मेरी बुआ जी का नाम श्रीमती साधना है और मेरे फूफा जी का नाम संजय है। मेरे फूफा जी एक नेक सज्जन और शरीफ़ इन्सान हैं। वे मेरी देख भाल अच्छी तरह करने लगे, मेरी पढ़ाई पर बहुत ध्यान देते थे, मेरी हर जरूरत को पूरा करते थे।


मेरी बुआ जी भी बड़ी अच्छी और मधुर स्वाभाव की थी और मुझे बहुत प्यार करती थीं। मैं भी उन दोनों के साथ घुलमिल गयी थी।


मेरी पढ़ाई अच्छी चल रही थी साथ ही साथ कॉलेज में मेरी मस्ती भी हो रही थी। मैं अपने सहेलियों से खुल कर बातें करने लगीं थीं।


मेरी सहेलियां अधिकतर लण्ड की बातें करतीं थीं. लण्ड के साइज और लण्ड के रंग की बातें। कोई कहती- मेरे भाई का लण्ड बड़ा मोटा है. तो कोई कहती- मेरे जीजू का लण्ड बड़ा लम्बा है. कोई कहती- मेरे अब्बू का लौड़ा काला है और 8″ का है. और कोई कहती- मेरे मौसा का लण्ड खड़ा होने पर तलवार की तरह हो जाता है।



मैंने तो कोई लण्ड न कभी देखा था और न कभी पकड़ा था तो उनकी बातें सुनकर मेरी झांटें सुलगने लगतीं थी। लेकिन मेरी चूत जरूर गीली हो जाती थी।


अब मुझे गन्दी गन्दी बातें करना बड़ा अच्छा लगता था. नॉन वेज चुटकुले तो मेरी जबान पर रखे ही रहते थे। मैं अब अपनी दोस्तों के बीच खूब खुल कर बोलती थी लण्ड, चूत, गांड, भोसड़ा कहने में मुझे कोई शर्म नहीं आती थी।


एक दिन जब मैं रात में लेटी थी तो मेरे दिमाग में लण्ड की बातें घूम रहीं थीं। मैं करवटें बदलते बदलते रात गुज़ारती रही। तब तक रात के 12 बज चुके थे।


मैं बाथरूम जाने के लिए उठी. बाथरूम से जब मैं वापस आ रही थी तो देखा कि बुआ जी के कमरे की धीमी धीमी लाइट जल रही है। लाइट वैसे रात में तो जलती नहीं थी।


मैं उत्सुकता बस कमरे की खिड़की से अंदर झांक कर देखने लगी. अंदर जो हो रहा था, उसे देख कर मैं दंग रह गयी।


मैंने देखा कि फूफा जी बिल्कुल नंगे चित लेटे हुइ हैं। उनके पास बुआ जी भी बिल्कुल नंगी बैठी हुई हैं.


बुआ जी लण्ड मुठ्ठी में लेकर ऊपर नीचे कर रही हैं और लण्ड का टोपा भी चूम चाट रही हैं। लण्ड पूरा तो नहीं दिखा पर जितना दिखा उससे लग रहा था कि लण्ड बड़ा मोटा था और सख्त भी।


ऐसे में मेरी चूत गीली हो गयी और मैं चूत में उंगली करने लगी, दूसरे हाथ से अपने मम्मे दबाने लगी। मुझे लगा कि अब बुआ की चुदाई होगी। मैं चुदाई होने का बड़ी बेकरारी से इंतज़ार करने लगी।


अचानक बुआ ने अपनी टाँगें फैला दीं तो उनकी छोटी छोटी झांटों वाली चूत मुझे दिख गई. इतने में फूफा जी बुआ के ऊपर चढ़ बैठे और लण्ड गच्च से एक ही झटके में पूरा घुसा दिया।


उसके बाद मैंने बुआ की पूरी चुदाई देखी। फूफा जी को पीछे से चोदते हुए देखा और बुआ को झड़ता हुआ लण्ड चाटते हुए देखा।


इस तरह मैं हर रोज़ रात में बुआ फूफा की चुदाई देखने लगी और अपनी चूत में उंगली डाल डाल उत्तेजित होने लगी। कई बार मेरी इच्छा हुई की मैं अंदर जाकर फूफा का लण्ड पकड़ लूँ पर मेरी हिम्मत नहीं हुई।


एक दिन बुआ ने कहा- रानी बेटी, मैं अपने मायके जा रही हूँ। क्या तुम चलोगी? मैंने कहा- नहीं बुआ जी, मेरे एग्जाम चल रहे हैं, मैं नहीं जा सकती।


बुआ जी चली गई तो घर में हम दो, यानि मैं और फूफा जी रह गए। रात में मैं अपने कमरे में और फूफा जी अपने कमरे में सोते थे।


एक दिन रात के 12 बजे फूफा जी उठ कर बाहर आ गए। मैं जाग ही रही थी, उठ कर बाहर आ गई. मैंने पूछा- क्या फूफा जी कुछ चाहिए?


वे बोले- नहीं बेटी, चाहिए कुछ नहीं, बस नींद नहीं आ रही है। तेरी बुआ जी भी चली गईं। मैंने कहा- हां फूफा जी, नींद मुझे भी नहीं आ रही है।


उन्होंने पूछा- तुम्हें नींद क्यों नहीं आ रही बेटी? मैंने कहा- अब क्या बताऊँ फूफा जी, आपको मुझे बताने में शर्म आ रही है।


वे बिना कुछ बोले अपने कमरे में चले गए। ऐसे ही दिन बाद मैं अपने कमरे में अधनंगी लेटी हुई थी। मेरे चूतड़, गांड खुली हुई थी, मेरे बूब्स दोनों खुले थे लेकिन चूत छिपी हुई थी।


फिर एकदम से फूफा जी कमरे में आ गए। मैं सोने का बहाना किये लेटी रही और कनखियों से उन्हें देखती रही।


वे दो मिनट तक अपना लण्ड सहलाते हुए मेरे नंगे बदन को देखते रहे और फिर चले गए। मेरी एक बार फिर झांटें सुलग गईं। मैंने मन में कहा कि कितना बढ़िया मौका था … मुझे नंगी नंगी पकड़ क्यों नहीं लिया? पकड़ लेते तो मुझे आज लण्ड जरूर मिल जाता।


मैं लण्ड के लिए तड़पती हुई सो गयी। फिर दूसरे ही दिन रात को 11 बजे मैं अपने आप को रोक नहीं सकी और फूफा जी के कमरे में चली गई।


मैंने देखा कि फूफा जी एकदम नंगे लेटे हुए अपना खड़ा लण्ड सहला रहे हैं और दूसरे हाथ से मोबाइल देख रहे हैं. मैं समझ गयी कि वे मोबाइल पर पोर्न देख रहे हैं।


वे मुझे नहीं देख सके. उनका लण्ड धीरे धीरे कड़क होता जा रहा था.


मैंने आहिस्ते से हाथ बढ़ाकर उनका लण्ड पकड़ लिया और कहा- फूफा जी, यह काम मेरा है आपका नहीं! लण्ड हिलाना, चूसना, चाटना मेरा काम है।


वे एकदम से बोले- अरे बेटी रानी तुम? सॉरी सॉरी मैं बस ऐसे ही … मैंने कहा- मैं जानती हूँ फूफा जी, अपने आप को अकेला मत समझो मैं हूँ न! ऐसा कह कर मैंने लण्ड मुंह में भर लिया और चूसने लगी, पेल्हड़ भी चाटने लगी.


फिर मैं बोली- बड़ा मोटा, हैंडसम और प्यारा लौड़ा है आपका, फूफा जी! मुझे इससे प्यार हो गया है। मैं मस्ती से नंगी नंगी लण्ड चूसती रही, उनके नंगे बदन पर हाथ भी फिराती रही।


उन्हें भी मज़ा आने लगा। वे भी मेरा नंगा जिस्म बड़े गौर से देखने लगे।


मैंने लण्ड चूसने की स्पीड बढ़ा दी तो लण्ड ने जल्दी ही उगल दिया वीर्य जिसे मैं बड़े प्यार से चाट गयी। फिर उन्होंने मुझे अपने बेड पर नंगी बड़ी देर तक लिटा कर रखा। इस तरह मैं हर रोज़ रात को फूफा जी का लण्ड चाटने और चूसने लगी।


मैं चाहती थी कि वे लण्ड पेलें मेरी चूत में और चोदें मुझे … पर वे शरीफ़ इतने थे कि मैं उनसे कुछ कह नहीं सकी. शायद वे मुझे बर्बाद नहीं करना चाहते थे।


ऐसे में 2 दिन इंतज़ार में और गुज़र गए। चौथे दिन जब मैंने उसका नंगा नंगा लण्ड पकड़ा तो बोली- अरे फूफा जी, आज तो आपका लण्ड कुछ ज्यादा ही मोटा लग रहा है? बिल्कुल लोहे की तरह कड़क हो गया है। उन्होंने पलट कर कहा- रानी बेटी, तुमने ही इसे चूस चूस कर इतना मोटा कर दिया है।


मैं समझ गयी कि फूफा जी आज कुछ ज्यादा ही रोमांटिक मूड में हैं. तब मैंने कहा- आज आपका लण्ड कुछ ज्यादा ही फुफकार मार रहा है फूफा जी … क्या बात है? क्या करने वाला है आपका यह बहनचोद लण्ड?


ऐसा बोल कर मैंने लण्ड गप्प से मुंह में डाला और चूसने लगी। मुझे कुछ ज्यादा ही मज़ा आने लगा। मैं लण्ड बार बार अंदर डालती और बाहर निकालती।


तभी एकाएक फूफा जी बेड के नीचे उतर कर खड़े हो गये, मुझे किनारे घसीट लिया मेरी गांड के नीचे तकिया लगा कर अपना लण्ड मेरी चूत पर रगड़ने लगे।


फिर अचानक लण्ड गच गचा से घुसा दिया अंदर और बोले- आज मैं तुझे चोदूँगा रानी । तेरी चूत आज फाड़ूंगा मैं, पूरा लण्ड घुसेड़ दूंगा तेरी चूत में, रंडी की तरह चोदूँगा मैं तुझे! मैं समझ गयी कि फूफा का कई दिन का गुबार आज निकल पड़ा। इससे मैं मन ही मन बड़ी खुश हुई।


फिर क्या … वे सच में घपाघप चोदने लगे मुझे और मेरी इच्छा पूरी होने लगी। मैं भी मस्ती में बोली- चोद लो मुझे जितना चोदना चाहते हो, उतना चोद लो। यह चूत आपके लिए ही है यार! फूफा जी को मैं यार कह कर बोलने लगी।


मुझे मज़ा आया तो बोली- हाय रे, पूरा लौड़ा पेल के चोदो मेरे राजा! आज मैं आपकी गर्लफ्रेंड हूँ। आप मेरे बॉयफ्रेंड हो! आपका लण्ड मुझे बड़ा मज़ा दे रहा है। फाड़ डालो मेरी चूत!


फिर मुझे और जोश चढ़ा, मैं उनको गालिया देने लगी- साले कुत्ते कमीने … भोसड़ी के … आज तू ले ले पूरा मज़ा मेरी चूत का! वे वास्तव में मेरी टांगें अपने कंधों पर रख कर मुझे तूफान मेल की तरह चोदने लगे और मैं गांड उठा उठा के चुदवाने लगी।


मैं मस्ती करने लगी, मेरी सिसकारियां निकलने लगी- उई माँ … बड़ा अच्छा लग रहा है … क्या मस्त लौड़ा है! क्या मस्त चुदाई है! ऊऊऊ ऊओ ऊऊऊ हहा हाआआ आह ही हेहेह आहां … फट गई मेरी चूत, फूफा तूने मुझे रंडी बना दिया, यार! मैं कहीं मुँह दिखाने के काबिल नहीं रही!


इतने में उसने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से पूरा पेल दिया लण्ड मेरी चूत में, बोला- अब मैं तुझे कुतिया की तरह चोदूंगा रानी !

मैंने भी जोश में कहा- चोद ले साले कुत्ते, कमीने, हरामी तेरी बहन का भोसड़ा … तेरा जैसे मन हो वैसे चोद ले, मैं कहीं नहीं भागने वाली! तेरे लण्ड का कीमा बनाऊंगी मैं!


इस तरह वह मेरी कमर अपने दोनों हाथों से पकड़ कर मुझे चोदे जा रहा था और मैं भी उसका साथ देती जा रही थी, अपनी गांड हिला हिला कर चुदवा रही थी। मैं मस्ती में चूर थी।


और फिर एकदम से मेरी चूत ने छोड़ दिया पानी और मैं खलास हो गई. लेकिन उसका लण्ड साला अभी भी तना हुआ था।


तब मैंने घूम कर लण्ड मुट्ठी में लिया और आगे पीछे करने लगी। 10 / 12 बार करने पर ही लण्ड से निकल पड़ी कई पिचकारियां!

मेरा मुंह वीर्य से सन गया। थोड़ा बहुत मेरे स्तन पर गिरा और बाकी मैं खुद चाट गयी।


फिर हम दोनों बाथरूम में गए, खूब मजे से नंगे नंगे हम दोनों ने एक दूसरे को नहलाया फिर उसने मुझे गोद में उठा कर बेड पर पटक दिया और खुद मेरे बगल में नंगा लेट गया। फूफा बड़े रोमांटिक मूड में थे। लग ही नहीं रहा था कि ये पहले वाले फूफा जी हैं। वे बिल्कुल मेरे दोस्त बन गए।


मैंने जैसे ही प्यार से लण्ड हिलाया, उसे चूमा तो उन्होंने मुझे अपने बदन से चिपका लिया और बोले- रानी , मैं तुम्हें एक बार फिर चोदूंगा। पर फूफा जी ने मेरे जवाब का इंतज़ार नहीं किया, बस गच्च से लण्ड पेल दिया मेरे अंदर! मैं तो चाहती ही थी चुदना … तो मजे से चुदने लगी।


फूफा जोर जोर से झटके मार कर करने लगे और मैं हर झटके का जवाब झटके से देने लगी।


मैंने कहा- यार तुम तो मुझे 24/25 साल के लड़के की तरह चोद रहे हो। मुझे नहीं मालूम था कि तुम्हारे लण्ड में इतनी आग है.

वे बोले- अरे रानी , मेरे लण्ड का तुम्हारी बुआ ने कभी इतनी अच्छी तरह से इस्तेमाल नहीं किया जितनी तरह से तुम कर रही हो। तुम लेती रहो मेरे लण्ड का असली मज़ा!


फिर उन्होंने सोफा पर बैठ कर मुझे अपने लण्ड पर बैठा लिया और दनादन चोदने लगे। इस बार फूफा जी ने मुझे इतना चोदा कि उनके लण्ड ने उगल दिया पूरा का पूरा वीर्य. मैंने फिर झड़ता हुआ लण्ड बड़े प्यार से चाटा।


उसके बाद वे मुझे रोज़ सुबह, शाम, दोपहर और रात में खूब चोदने लगे। मैं भी बड़ी मस्ती से चुदने लगी।


जब तक बुआ जी अपने मायके से वापस आईं तब तक मैं जाने कितनी बार फूफा से चुद चुकी थी। आपको ये मेरी Hindi Sex Stories कैसे लगी ये कमेंट करे।

Recent Posts

See All

Comentarios

Obtuvo 0 de 5 estrellas.
Aún no hay calificaciones

Agrega una calificación
kamvasna sex stories & sex videos

कामवासना एक नोट फॉर प्रॉफिट, सम्पूर्ण मुफ्त और ऐड फ्री वेबसाइट है।​हमारा उद्देश्य सिर्फ़ फ्री में मनोरंजन देना और बेहतर कम्युनिटी बनाना है।  

Kamvasna is the best and only ad free website for Desi Entertainment. Our aim is to provide free entertainment and make better Kamvasna Community

bottom of page