top of page

बीवी ने पति से नई पड़ोसन को चुदवाया - Hindi Sex Stories

पाठको नमस्कार, मैं रोहित.


ये मेरा कन्फेशन है, यह Hindi Sex Stories सन् 2018 की है.


मेरे पड़ोस में एक नया शादीशुदा जोड़ा आया.

नाम था उदय-मानसी.


नया नया घर था तो उन्होंने मुहूर्त में आस पड़ोस के लोगों को भी बुलाया.

मैं और मेरी वाईफ भी गये.


मेरी वाईफ ऋषिका काफी मिलनसार है तो जल्दी ही मानसी से दोस्ती भी हो गई.


बहुत बढ़िया प्रोग्राम था रात 11 बजे तक सब खत्म हुआ तो हम भी घर आए.


थके हुए थे, तभी ऋषिका बोली- कल मानसी को आसपास की मार्केट लेकर जाना है. और रोज के सामान के लिए अपने दुकान वाले से भी मिलवाना है. इसलिए सुबह तुम्हारे ऑफिस निकलने के बाद मैं भी मार्किट निकल जाऊंगी. इसलिए सो जाओ.


सुबह मैं उठा तो ऋषिका नहा चुकी थी और जल्दी जल्दी नाश्ता बनाने में लगी हुई थी.


मैं भी तैयार होकर नाश्ता करके निकल गया.


शाम को ऑफिस से आते वक्त मैं बियर की केन लेकर आया.


मैं और ऋषिका वीकेंड शाम को अक्सर साथ बैठकर पिया करते हैं.


हम शाम को साथ बैठे तो पार्टी वाली शाम की बातें होने लगी.

तो ऋषिका ने बताया ये लोग मुंबई से हैं एक हफ्ते पहले ही शादी हुई है. उदय की टीचर के तौर पर यहाँ दिल्ली में पोस्टिंग हुई है, नई नई जॉईनिंग है इसलिए हनीमून भी नहीं गए. और यहाँ आना पड़ा.


“दोनों बहुत अच्छे हैं, क्यों ना दोनों को कल डिनर पर बुलाएं?” ऋषिका चिहुँक कर बोली.

मैंने भी हां कर दी.


ऋषिका ने उसी वक्त फोन उठाया और कल के डिनर के लिए इनवाईट किया.


फिर हम बातें करने लगे और ना जाने कब 12 बज गए पता ही नहीं चला.


थोड़ा थोड़ा सुरुर भी था तो मैंने ऋषिका के होठों पर एक जोरदार किस किया और हम दोनों एक दूसरे में खो गए.


रविवार का दिन छुट्टी थी हम दोनों सुबह थोड़ा देर से उठे.


ऋषिका किचन और मैं बाथरूम की तरफ चल दिया.

वापस आया तो ऋषिका टेबल पर चाय के साथ मेरा इंतजार कर रही थी.


चाय पर चर्चा हुई शाम के मेन्यू की … और सब तय करने के बाद में नहाने चला गया.

लेकिन मैं तौलिया ले जाना भूल गया.


नहा कर मैंने ऋषिका को तौलिए के लिए आवाज लगाई.

ऋषिका झुंझलाती हुई आई- नहाने चल दिए, तौलिया क्यूँ नहीं ले गए… ये लो 😡


मैंने तौलिये के साथ ऋषिका को भी बाथरूम में खींच लिया.

“क्या करते हो? सारी मैक्सी गीली कर दी.”

“तो‌ निकाल दो.” मैंने तपाक से कहा और मैक्सी पकड़ कर ऊपर खींच दी.


अब मेरी जवान बीवी बिल्कुल नंगी मेरे सामने थी.

रात को वो ब्रा-पेंटी नहीं पहनती है, सुडोल वक्षस्थल, सपाट पेट, चेहरे पर बिखरी लटें … कमायनी से कम नहीं लग रही थी मेरी रिषु!


मेरे दोनों हाथ अपने आप उसकी सुडौल छाती की तरफ जाने लगे जैसे कोई लोहे का टुकड़ा चुम्बक की तरफ जाता है.


मैंने अपने होंठ उसके होठों पर रख दिए और उसकी उभरी छाती मसलने लगा.


कुछ ही देर में वो एकदम नुकीली हो चुकी थी जो ये बताने के लिए काफी थी कि वो भी पूरी तरह उत्तेजित हो चुकी थी.


उसने एकदम से मेरा लंड पकड़ लिया और आगे पीछे कर के सहलाने लगी जैसे लंड की लंबाई परख रही हो.


मैं ऋषिका के रस भरे होठों को यूँ चूस रहा था जैसे मधुमक्खी फूल का रस चूसती है.


अब मेरा एक हाथ ऋषिका की चूत की तरफ बढ़ा.

चूत पर हाथ रखते ही यूँ लगा मानो किसी तपती भट्टी पर हाथ रख दिया हो.


ऋषिका के मुंह से एक सीत्कार निकली जिसने मेरी उत्तेजना को और बढ़ा दिया.


तभी ऋषिका ने कान में धीरे से कहा- नीचे आओ नाऽऽऽ.


ऋषिका को चटवाना और मुझे चूत चाटना बहुत पसंद है.


मैं घुटनों पर आ गया.


ऋषिका ने एक हाथ दीवार पर टिकाया और मैंने ऋषिका का एक पैर अपने कंधे पर रख लिया.


अब किसी खिले हुए फूल सी गुलाबी चूत मेरी आंखों के सामने थी.

चूत से आने वाले खुशबू मेरी उत्तेजना को और बढ़ा रही थी और मैंने बिना देर किए मखमली, गुलाबी चूत पर अपने होंठ रख दिए.


“आह …” ऋषिका के मुंह से फिर एक सिसकी निकली और मैंने चूत के अंदर अपनी जीभ डाल दी.


ऋषिका ने मेरा सर चूत में दबा दिया जैसे और अंदर तक जाने को कह रही हो.

मैं जोर जोर से उसकी चूत पर अपनी जीभ चलाने लगा.


15 मिनट बाद अचानक ऋषिका के पैर कांपने लगे.

वो मेरा मुंह चूत पर बहुत जोर से दबाने लगी.


उसके चरमोत्कर्ष का घड़ा फूट गया और उसकी चूत से निकला वो नमकीन रस अब मेरी जीभ पर था.


ऋषिका ने बाल पकड़कर मेरा चेहरा अपनी ओर किया.

वह बड़ी ही प्यासी निगाहों से मुझे देख रही थी.


फिर उसने मुझे खड़ा किया और हाथ से मेरा लंड पकड़ कर जोर जोर से आगे पीछे करते हुए पूरी उत्तेजना में मेरी जीभ और होठों पर लगे अपनी चूत के रस को अपनी जीभ से चाटने लगी.


मेरा एक हाथ फिर से‌ चूत की तरफ बढ़ा.


वो पूरी गीली थी.


अब मैंने ऋषिका को पीछे घुमाया और उसको दोनों हाथ दीवार पर रखने के लिए बोला.


अब मैं तैयार था डॉगी पोजीशन में अपनी गर्म पत्नी ऋषिका को चोदने के लिए.


अपने उत्तेजित लंड को मैंने ऋषिका की चूत पर 3-4 बार घुमाया और अंदर डाल दिया.


क्योंकि वो पहले से ही गीली थी इसलिए लंड फिसलता हुआ अंदर प्रवेश कर गया.


अब मैं आगे पीछे कर धीरे धीरे ऋषिका को चोद रहा था.

और वो भी आगे पीछे होकर मेरा रखा साथ दे रही थी.


लगभग 10-12 मिनट तक मैं ऋषिका को चोदता रहा.

अचानक वो अकड़ने लगी.

शायद वो फिर से झड़ गई.


अब मैंने और जोर से चोदना शुरू किया क्योंकि अब मैं भी झड़ने वाला था.


“आह हह हम्म उम्मम अह” इसी के साथ मैं भी झड़ गया.

हम दोनों एक दूसरे से लिपट गए.


फिर हम साथ नहाए और फिर ऋषिका किचन में नाश्ता बनाने चली गई और मैं अख़बार लेकर बाहर लॉन में बैठ गया.

हमने नाश्ता किया और शाम के डिनर के बारे में बात कर शाम की तैयारी के लिए मार्किट निकल गए.


शाम को लगभग 7:30 बजे घर की डोर बैल बजी.

ऋषिका किचन में थी.


तो दरवाजा मैंने खोला.


सामने उदय और मानसी ही थे.

बेहतरीन परफ्यूम की खुशबू से पूरा घर महक उठा.


दोनों ने पारम्परिक भारतीय परिधान पहन रखे थे जो दोनों पर बहुत खूबसूरत लग रहे थे.


उदय सूती कुर्ते पजामे में था और मानसी ने सूती साड़ी पहनी हुई थी.


मैंने दोनों को अंदर आने के लिए कहा और हम सभी सोफे पर आकर बैठ गए


तभी ऋषिका कुछ स्नैक्स और कोल्डड्रिंक के लेकर आई और फॉर्मल बातचीत के बाद वापस किचन में चली गयी.


साथ ही मानसी भी ऋषिका के साथ चली गयी.


हम दोनों बातचीत करने लगे.


उदय ने बताया कि उसके घर में माँ पापा और तीन छोटी बहनें हैं, पापा की भी सरकारी जॉब है, मानसी भी तैयारी कर रही है.


थोड़ी देर इधर उधर की बातें करने के बाद मैंने उदय को ड्रिंक ऑफर की.

तो उसने बियर लेने की बात की.


मैंने दो केन निकाली और ऋषिका से कुछ स्नैक्स देने के लिए कहा.


स्नैक्स मानसी लेकर आई और उदय को बियर पीता देख बोली- उदय ज्यादा मत पीना. फिर घर जाने में दिक्कत होगी.

मैं तुरंत बोला- भाभी, यहीं सो जाना कोई दिक्कत नहीं है यहाँ. हम दो ही तो हैं इतने बड़े घर में!

मानसी वापस किचन में चली गई.


बीयर खत्म होते होते खाना भी तैयार हो गया.

तो ऋषिका और मानसी ने खाना टेबल पर लगा दिया.


सबने खाना खाया.

उदय और मानसी ने ऋषिका के खाने की बहुत तारीफ की,


खाने के बाद हम लोग लॉन में आ गए और बातचीत करने लगे.


रात के 12 बज चुके थे.

मानसी बोली- अब घर चलते हैं.


और अब की बार ऋषिका बोली- तुम दोनों यहीं रुक जाओ. कल छुट्टी है, आराम से सुबह का नाश्ता करके जाना, सोना ही तो है.


बार बार बोलने पर दोनों मान गए.


ऋषिका ने दूसरा बैडरूम तैयार कर दिया.


तभी उदय बोला- एक एक बीयर और हो जाए??

ऋषिका फ्रिज से 2 स्ट्रॉंग बीयर हमें थमाकर मानसी के साथ बैडरूम में चली गई.


उदय ने एक झटके में बीयर खत्म की और बैडरूम की तरफ चल दिया.


पर वो थोड़ा लड़खड़ा रहा था.

शायद पहले वाली बियर का असर हो.


ऋषिका और मानसी बातें कर रहे थे.


हमें देखकर दोनों खड़ी हो गई और उदय बैड पर लेट गया.


तभी मानसी बोली- इसलिए मैंने बोला था ज्यादा मत पीना” संभला नहीं जाता इनसे.


ऋषिका ने उदय के लिए शॉर्ट्स और मानसी के लिए एक नाईट गाऊन दिया जिससे दोनों आराम से सो सकें.


फिर कुछ देर बात करने के बाद हम अपने बैडरूम में आ गए.


मानसी बहुत खुश थी, उसके बनाए खाने की तारीफ जो हुई थी.


फिर हम आपस में बात करने लगे.


कब एक घंटा बीत गया पता ही नहीं चला.


तभी ऋषिका बोली- मैं बियर लेकर आती हूँ. उनके सामने नहीं पीना चाहती थी इसलिए अब पीने का मन कर रहा है.


ऋषिका को आने में थोड़ा वक्त लगा.

मैंने पूछा- कहाँ रह गई थी?

ऋषिका बोली- वो दोनों …

और इतना कहकर मुस्कुरा दी.


मैंने फिर पूछा- क्या हुआ?

तो वो बोली- वो दोनों दरवाजा बंद करना भूल गए और …

मैंने पूछा- “और” क्या हुआ बोलो भी?


तो वो मेरा हाथ पकड़ कर बगल वाले रुम के पास ले गई और अंदर देखने का इशारा किया.

अंदर का नजारा बहुत सैक्सी था.

मानसी पूरी नंगी थी उदय के शरीर पर भी कोई कपड़ा नहीं था.


उदय अपनी नंगी पत्नी की चूत चाट रहा था मानसी जोर जोर से सिसकियां ले रही थी.

सब कुछ साफ दिख रहा था क्योंकि उन्होंने नाईट बल्ब बंद नहीं किया था.


उदय थोड़ा सीधा हुआ तो मानसी की गुलाबी टाईट चूत साफ दिखने लगी.


मेरी नज़र मानसी की गुलाबी टाईट चूत से हट ही नहीं रही थी.


तभी ऋषिका का हाथ मुझे मेरे लंड पर महसूस हुआ जो कि एकदम से टाईट हो चुका था.

मैंने एकदम से उसकी तरफ देखा.

वो मुझे देखकर मुस्कुरा रही थी.


मैं झेंप गया और पीछे हटा.

तो उसने मुझे रोक दिया और अंदर देखने का इशारा किया.


मानसी पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी और उसने उदय का लंड पकड़ लिया.


तब पहली बार उदय का लंड दिखा जो बहुत ही छोटा और पतला था.


वो मानसी के ऊपर चढ़ कर चोदने लगा और 7-8 झटकों के बाद निढाल होकर एक साईड लेट गया.


मानसी कहती रही- चोदो ना प्लीज़ … मुझे प्यासी मत छोड़ो … चोदो ना!

पर उदय 7-8 झटके देकर फारिग हो चुका था.


मैं और ऋषिका हैरानी से एक दूसरे को देख रहे थे.


तभी मानसी की सिसकियाँ फिर गूंज उठी.


अंदर देखा तो मानसी उदय के मुंह पर बैठी हुई थी और चूत को जोर जोर से उसके मुंह पर रगड़ रही थी.


कुछ देर ऐसे ही करने के बाद वो खड़ी होकर जोर जोर से अपनी बड़ी उंगली को अपनी चूत के अंदर बाहर कर रही थी.


बहुत ही दिलकश नजारा था.


तभी एक बार फिर ऋषिका का हाथ मुझे मेरे टाईट लंड पर महसूस हुआ.


इस बार मैंने ऋषिका के गुलाबी होठों को जोर से चूमा वो मेरे लंड पर जोर जोर से हाथ चलाने लगी.


ऋषिका जोर जोर से सिसकियां लेने लगी जो शायद मानसी के कान में भी पड़ी.


मैं ऋषिका को लेकर अपने बैडरूम में आ गया और हम दोनों ने एक दूसरे के कपड़े नोचकर फेंक दिए.


हम दोनों एकदम नंगे एक दूसरे को जोर जोर से चूम रहे थे.


तभी ऋषिका की नज़र दरवाजे की तरफ गई, मानसी हम दोनों को छुपकर देख रही थी.


ऋषिका ने मेरी पीठ दरवाजे की तरफ घुमाई और चुपचाप आंख बंद कर खड़े रहने को कहा.

थोड़ी देर बाद उसने मेरी आंखों को ब्लाईंडफोल्ड कर दिया और मुझे कुछ भी नहीं दिख रहा था.


अब उसने मुझे बैड पर लिटा दिया और मेरे कान में फुसफुसाई- मानसी को खा जाने वाली निगाहों से घूर क्यूँ रहे थे … हम्म्?

मैं कुछ नहीं बोला.


लेकिन मेरे लंड के तनाव से उसे जवाब मिल गया था.


वो मेरे होठ और लंड के साथ खेल रही थी और बीच बीच में मानसी का नाम लेकर मेरे कान में कुछ ना कुछ बोल भी रही थी जो मुझे उत्तेजित कर रहा था.


ऋषिका ने अब मेरे दोनों हाथ बांध दिए और मेरे होठों को जोर जोर से चूसने लगी.


आज ऋषिका कुछ अलग ही कर रही थी जो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.


लेकिन ऋषिका अपनी कनखियों से दरवाजे पर खड़ी मानसी को भी देख रही थी जो हमें देखकर उत्तेजना में अपनी उंगली अपनी चूत पर रगड़ रही थी.


अब ऋषिका ने फैलाकर मेरे पैर भी बांध दिए.

मैंने पूछा- क्या करने का इरादा है?

वो कुछ नहीं बोली.


अब वो फिर से मेरा लंड चूसने लगी और उसने देखा कि मानसी आंखें बंद करके अपनी उंगलियों से अपनी प्यासी चूत की प्यास बुझाने की कोशिश कर रही थी.

और वो ये भी भूल गई कि वो कहाँ खड़ी है.


ऋषिका मेरे कान में बोली- रुको, एक बियर लेकर आती हूँ.


दरवाजे पर मानसी अपनी चूत में इतना खोई हुई थी कि उसे पता ही नहीं चला कब ऋषिका उसके सामने आकर खड़ी हो गई.

वो आंखें बंद किए खुद को संतुष्ट करने में लगी थी.


तभी ऋषिका ने उसके कंधे पर अपने हाथ रख दिए और मानसी ने आंखें खोली जैसे नींद से जागी हो.

उसकी पलकें भारी हो रही थी.


एकदम से घबराकर उसने कुछ बोलना चाहा पर ऋषिका ने उसके होठों पर अपने हाथ रख दिए और चुप रहने का इशारा किया और हाथ पकड़ कर बैडरूम में ले आई.


ऋषिका ने मुझे मुंह खोलने को कहा और बियर मेरे मुंह में उड़ेल दी.


मैं बैड पर इस बात से अंजान था कि वहाँ ऋषिका के साथ मानसी भी है.


ऋषिका ने एक बियर मानसी को दी.

ना नुकुर के बाद मानसी ने पूरी बियर गटक ली.


ऋषिका ने हाथ पकड़ कर मानसी को बैड पर जाने का इशारा किया.


उसने मना किया लेकिन ऋषिका ने उसे जाने का इशारा किया.


मानसी अब बैड पर थी. मुझे नहीं पता था क्योंकि मुझे कुछ नहीं दिख रहा था.


ऋषिका ने मानसी को लंड चूसने का इशारा किया.

मानसी ने पहली बार बियर पी थी, स्ट्रांग बियर का असर उस पर दिखने लगा था. मानसी ने एकदम से मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी.


उसके लिए मेरा लंड काफी मोटा और लंबा था क्योंकि उदय का लंड बहुत छोटा सा था.


ऋषिका बैड के किनारे पर खड़ी होकर मानसी की चूत में उंगली चलाने लगी.


वो पहले से ही काफी गीली थी लेकिन मस्त टाईट कम चुदी चूत!

वो सिसकियों के साथ लंड को बेतहाशा चूस रही थी.


उसकी चूत फिर से गीली हो चुकी थी और अब उसे लंड चाहिए था.


उसने ऋषिका की तरफ आशा भरी निगाहों से देखा मानो पूछ रही हो “क्या मैं चुदवा सकती हूँ?”

ऋषिका ने भी उसे इशारों में इजाज़त दे दी.


और अब मानसी मेरा लंड अपने आप अपनी चूत में लेने को तैयार थी.


ऋषिका ने मानसी को बैड से उतरने का इशारा किया और खुद आकर अपनी चूत मेरे मुंह पर रख दी.


मैं उसकी नमकीन चूत को अपनी जीभ से निचोड़ रहा था.


तभी मुझे महसूस हुआ कि कोई मेरे लंड पर बैठने की कोशिश कर रहा है.

हां … वो मानसी ही थी.


मैं कुछ बोल ना पाऊँ इसलिए ऋषिका ने अपनी चूत मेरे मुंह पर रखी थी.


अब मैं समझ चुका था कि मानसी मेरे लंड पर बैठकर अपनी टाईट चूत में मेरा लंड लेने की तैयारी कर रही है.


ये जानकर मेरा लंड लोहे की रॉड सा तनकर मानसी की कुंवारी चूत को सलामी दे रहा था.


मानसी ने अपना चूतमुख मेरे लंड पर रखकर नीचे की तरफ दबाव बनाया.


लेकिन उसकी चूत टाईट थी इसलिए लंड फिसल रहा था.

उसने फिर कोशिश की.


इस बार मैंने उसके चूतमुख पर एक जोर का झटका दिया और लंड का सुपाड़ा चूत के अंदर प्रवेश कर गया.

लेकिन साथ ही मानसी की एक दबी चीख भी निकली जो शायद उसने इसलिए दबाई की बगल वाले बैडरूम में उसका पति सुनकर जाग ना जाए.


ऋषिका मेरे मुंह पर बैठी ये सब देख रही थी.


मानसी ने कुछ देर रुककर फिर दबाव बनाया और धीरे धीरे लंड और अंदर लेने लगी.


उसकी चूत से खून आने लगा था, जैसे उसकी सील आज ही टूटी थी.

लंड पूरा अंदर जाने के बाद मानसी कुछ देर बैठी रही.


तभी ऋषिका मेरे मुंह पर से उठ गई और आंखों पर से पट्टी हटा दी.


अब मैं मानसी को अपने लंड पर बैठा हुआ पहली बार देख रहा था.


ऋषिका ने मानसी के होठों मेरे मुंह की तरफ कर दिया.

मानसी मेरे होंठ चूसने लगी जिन पर ऋषिका की चूत का नमकीन रस लगा हुआ था.


वो मुझे बहुत उत्तेजना से चूम रही थी.


तभी ऋषिका ने मेरे हाथ भी खोल दिए.

मैंने ऋषिका को आंखों ही आंखों में शुक्रिया कहा और मानसी की पीठ पर हाथ रगड़ने लगा.


और फिर मैंने उसे अपने दोनों हाथों में कसकर लंड से चूत पर जोर लगाना शुरू किया.

बहुत ही टाईट चूत थी … उसे चूत में दर्द भी हो रहा था.


लेकिन कुछ ही देर में ये दर्द उसे अच्छा लगने लगा.

अब वो भी इस चुदाई का मजा ले रही थी.


वो इस पल को और चुदाई के नये अहसास को पूरी तरह से जीना चाह रही थी.


मैंने भी अब अपनी स्पीड बढ़ानी शुरू कर दी थी.


मानसी चुदाई के आनंद में पागल हुई जा रही थी और ना जाने क्या क्या बोल रही थी.


अचानक से वो जोर जोर से कांपने लगी.

शायद वो झड़ चुकी थी.


लेकिन मैं जोर जोर से चोद रहा था.


7-8 मिनट बाद मानसी फिर झटके खाने लगी.

शायद वो फिर झड़ चुकी थी.


अब मैं भी झड़ने वाला था.

मैं मानसी को हटाने लगा तो उसने कसके पकड़ लिया और अंदर ही झड़ने को बोला.


मैंने ऋषिका की तरफ देखा.

उसने भी अपनी सहमति दी.


और डबल सेक्स का मजा लेते हुए मैं तेज झटकों के साथ उसकी चूत में ही झड़ गया.


लगभग 20-22 मिनट की दमदार चुदाई के बाद मानसी के चेहरे पर खुशी की चमक साफ दिख रही थी.


और उसने मेरे ऊपर से उठकर ऋषिका के होंठों को चूम लिया और उसके गले लगकर रो पड़ी.


ऋषिका ने उसके आंसू पोंछे और उसके माथे को चूम लिया.


फिर मैंने दोनों को एक एक बार और चोदा.


और फिर मानसी सुबह होने से पहले दूसरे बैडरूम में चली गई.


मैं ऋषिका से नज़र नहीं मिला पा रहा था.


ऋषिका भी ये समझ चुकी थी, उसने मुझे गले लगाया और बोली- जो भी यहाँ हुआ, वो मेरी मर्जी से हुआ. इसमें तुम्हें नजरें चुराने की कोई जरूरत नहीं है. मैंने ये एक औरत होने के नाते करने दिया क्योंकि उसका पति इस लायक नहीं है. हो सकता है मानसी इसी वजह से गलत लोगों के चक्कर में पड़ती. वो बदनाम होती तो मुझे ये करना ही सही लगा. ये बात हम तीनों के बीच ही रहेगी, तुम उसे भी उतनी ही इज्जत और सम्मान देना, जितना मुझे देते हो.


प्रिय पाठको, मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा ये कन्फेशन अच्छा लगा होगा.


Hindi Sex Stories पर आप अपने विचार मुझे मेरी मेल पर भेज सकते हैं.

Recent Posts

See All
घर में ननंद भाभी की चूत का मजा लिया नौकर ने - Hindi Sex Stories

शादी हुई, सुहागरात को पति ने जो कुछ किया, वो सब कुछ तो बिल्कुल नया था मेरे लिए… मुझे तो पता ही नहीं था कि इतना कुछ होता है. बस भाभी ने एक बात बता कर भेजी थी, पति जो भी कहे, जो भी करे, मना मत करना, उस

 
 
 
मेरे बॉयफ्रेंड ने दो बाबाओं से चुदवा दिया - Hindi Sex Stories

एक दिन मेरा बॉयफ्रेंड मुझे जंगल की ओर ले गया. उसने बीच सड़क पर गाड़ी में मेरी चूत मारी. फिर गाड़ी जंगल में खराब हो गयी. मैंने एक बाबा से अपनी चुदाई करवाई थी. बाबा का एक उस्ताद भी था जिसका लंड शानदार था

 
 
 
ब्यूटी पार्लर वाली आंटी ने अपनी बुर मरवा ली - Hindi Sex Stories

मेरे होटल का मैनेजर उसी होटल में परमानेंट रूम में रहता है और उसकी बीवी का ब्यूटीपार्लर है तो वह कानपुर में रहती है. एक दिन की बात है उसकी बीवी कुछ दिनों के लिए उसके साथ रहने आयी. तो वे लोग रोज़ चुदा

 
 
 

3 commenti

Valutazione 0 stelle su 5.
Non ci sono ancora valutazioni

Aggiungi una valutazione

hello


Mi piace
Ospite
27 apr
Risposta a

hello

Mi piace
kamvasna sex stories & sex videos

कामवासना एक नोट फॉर प्रॉफिट, सम्पूर्ण मुफ्त और ऐड फ्री वेबसाइट है।​हमारा उद्देश्य सिर्फ़ फ्री में मनोरंजन देना और बेहतर कम्युनिटी बनाना है।  

Kamvasna is the best and only ad free website for Desi Entertainment. Our aim is to provide free entertainment and make better Kamvasna Community

bottom of page