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मम्मी की चुदाई देखने के बाद बेटे ने मां चोद दी की

यारो, मेरा नाम रॉकी है और मैं उत्तर प्रदेश का रहने वाला हूं.


मैंने बचपन में ही अपनी मां को खो दिया था तो पापा ने दूसरी शादी कर ली थी.

मेरी नई मम्मी की उम्र पापा की उम्र से काफी कम है.


मैं हॉस्टल में रह कर पढ़ता था और अभी मैंने इंटर पास किया है.

जब मेरे बारहवीं के पेपर समाप्त हो गए तो मैं अपने घर चला गया.


बहुत दिनों बाद मम्मी पापा से मिलने की खुशी में पता ही नहीं चला कि टाइम कब निकल गया.


यह स्टोरी मेरी मॅाम की चूत चुदाई की है.


एक सप्ताह तो ऐसे ही निकल गया.

उसके बाद मैं एक दिन गांव में घूम कर आ रहा था तो मैंने देखा कि मेरी मां कहीं जा रही हैं.


जब मैं उनके पीछे गया तो मैंने देखा वह हमारे एक दूसरे घर की छत पर पापा के पास जा रही थीं.

पापा रात को उधर ही सोते थे क्योंकि उधर भैंसें बांधी जाती थीं.


मम्मी के पीछे पीछे मैं भी ऊपर छत पर चला गया.

तो मैंने देखा कि पापा और मम्मी दोनों किस कर रहे थे.


यह देखकर मैं भी गर्म हो गया और मेरा लंड खड़ा होने लगा.

जब मेरा लंड खड़ा होने लगा तो मैंने अचकचा कर अपने लंड को देखा और फिर मन ही मन मुस्कुराते हुए मैं अपने लौड़े को सहलाने लगा.


मम्मी पापा जोर जोर से किस करते जा रहे थे.

उन लोगों को देखकर मेरे से अब रहा नहीं जा रहा था.


पापा ने मम्मी के ब्लाउज को उतार दिया और उनके बूब्स दबाने लगे.

अपने दूध दबवाते समय मम्मी मादक आवाजें निकाल रही थीं.


कुछ ही देर में मम्मी अब बहुत गर्म हो चुकी थीं.

शायद उनसे अब रहा नहीं जा रहा था.

वे अपने आप अपनी चुत में उंगली करने लगीं.


पापा उनके एक दूध को मसलते जा रहे थे और दूसरे को पीते जा रहे थे.


मैं दीवार की आड़ में खड़ा होकर यह सब देख रहा था.


फिर पापा ने मम्मी को नंगी कर दिया और उनकी चुत में उंगली करने लगे.

मम्मी की कामुक आवाज निरंतर तेज होती जा रही थी.

वे आह आह करती हुई चिल्ला रही थीं.


उन्हें इस तरह से देखकर मुझको बहुत अच्छा लग रहा था.

बहुत देर तक मम्मी की चुत में उंगली करने के बाद पापा ने कुछ ऐसा किया कि मम्मी बड़ी जोर से अकड़ती हुई चिल्ला उठीं और एकदम से ढीली होकर पापा की बांहों में ढह गईं.


ऐसा लग रहा था मानो मम्मी की चुत से पानी निकल गया है.

मम्मी अब शांत हो गई थीं, लेकिन पापा अभी रुकने वाले नहीं थे.


पापा ने मम्मी को फिर से गर्म करने के लिए उनकी चूचियां दबाना जारी रखा और इस बार उन्होंने अपने एक हाथ से उनकी चुत में उंगली करना स्टार्ट कर दिया.

मम्मी धीरे-धीरे अब फिर से गर्म होने लगीं.


वे पापा से बोल रही थीं- आह चोदो मेरे राजा, अब मेरे से और नहीं रुका जा रहा है!

पापा ने मम्मी को छत पर लेटा दिया और अपने कपड़े उतारने लगे.


पापा का लंड 6 इंच का था. उन्होंने अपने लौड़े को मम्मी की चुत पर सैट किया और एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर पेल दिया.

मम्मी पुनः जोर से चिल्ला उठीं.


पापा मम्मी की एक नहीं सुन रहे थे और उन्हें चोदने की क्रिया लगातार कर रहे थे.

उन्होंने फिर से लंड बाहर निकाला और एक ही झटके में पूरा लंड अन्दर डाल दिया.


अब पापा मम्मी को चोदते जा रहे थे और मम्मी मस्ती में चिल्लाती जा रही थीं.

उन दोनों की यह चुदाई देखकर मेरा लंड एकदम सख्त हो गया था और मुझसे भी अब रुका नहीं जा रहा था.


मैंने अपनी पैंट में हाथ डाला और लंड को बाहर निकाल लिया.

मैं भी अपने लंड को हिलाने लगा.


मम्मी पापा की चुदाई देख कर आज मुझे अपना लंड हिलाने में बहुत मजा आ रहा था.


पापा मम्मी को जोर-जोर से चोदते जा रहे थे और मम्मी चिल्लाती जा रही थीं.

ऐसे ही 10 मिनट तक चुदाई करने के बाद पापा अब झड़ने वाले थे तो उन्होंने अपनी स्पीड तेज कर दी और मम्मी की चुत में ही अपना सारा माल निकाल दिया.


उसके बाद वे दोनों वापस आने लगे तो मैंने जल्दी से अपने कदम वापस खींचे और अपने वाले घर के कमरे में आ गया.

मैं कमरे में आकर ऐसे शांति से लेट गया जैसे कुछ हुआ ही ना हो!


पापा मम्मी की चुदाई देखकर मेरा भी बहुत मन करने लगा था और मैं भी सोचने लगा कि मैं भी अब अपनी मां को चोद दूंगा.

जब मैंने यह सोचा तो मैं मन ही मन वासना से गर्म होने लगा और अपनी मां की कल्पना करता हुआ उनके मम्मों को याद करने लगा कि उनके मम्मे काफी मोटे थे.


मैं बंद आंखों से उन्हें याद करते करते लंड को हिलाने लगा और वापस झड़ कर सो गया.

अब इसी तरह मां को याद करते हुए 6 दिन निकल गए.


मेरे पापा नेतागिरी भी करते हैं तो वे अपनी नेतागिरी के चक्कर में दिल्ली चले गए थे और वे मम्मी से एक महीने में लौट कर आने की कह गए थे.


इधर मेरे से जरा सा भी नहीं रुका जा रहा था और शायद मम्मी की भी पापा के लंड के न मिलने से चुदास बढ़ रही थी.

उस दिन मैं मम्मी को नंगी नहाते हुए देखने के लिए बाथरूम के पास चला गया.


मैंने बाथरूम के दरवाजे की झिरी से झांक कर देखा कि वे नहाते समय अपनी चुत में उंगली कर रही हैं.

मैं यह देख कर अचंभित हो गया और मां को चुत में उंगली करते देख कर अपना लंड हिलाने लगा.


मुझे मां को ऐसे देखने में बहुत मजा आ रहा था, लेकिन पीछे से किसी के आने की आवाज आई तो मुझे वहां से जाना पड़ा.


शाम को जब वे मेरे पास आईं तो मैं उनको वासना से देखने लगा और अपना लंड खुजाने लगा.


यह बात मां ने भी देख ली थी.

मां भी हंसकर वहां से चली गईं.


मैं बहुत खुश हुआ कि यह तो हरी झंडी हो गई.

फिर शाम को जब मम्मी खाना बना रही थीं तो मैं उनके पास गया और पीछे से उन्हें टाइटली हग कर लिया.


मम्मी बोलीं- क्या हुआ बेटा, आज बहुत प्यार आ रहा है?

मैंने कहा- क्या करूं, जब से आपको और पापा को छत पर वह सब करते देखा है, तो मुझसे रहा नहीं जा रहा है, अब मुझको भी वही सब करने का मन कर रहा है!


मम्मी बोलने लगीं- तूने हमको कब देख लिया … और यह सब तू कब से देख रहा है!

मैंने मम्मी को बताया- बस एक बार ही देखा है.


मम्मी मुझे अजीब सी नजरों से देखने लगीं.

मुझे समझ में नहीं आया कि मम्मी की इन नजरों का मतलब पता नहीं क्या हो सकता है, तो मैं वहां से चला गया और अपने रूम में जाकर लंड हिलाने लगा.


मुझे अहसास ही नहीं था कि पीछे से मम्मी आ सकती है.

वे आ गईं और मुझको लंड हिलाते हुए देखने लगीं.


मैं एकदम से उन्हें सामने देख कर डर गया.

लेकिन मम्मी ने कुछ नहीं बोला.


वे मेरे पास आकर बैठ गईं और बोलीं- बेटा, इस उम्र में यह सब होता रहता है.

मैं समझ गया कि यदि मैंने मम्मी के साथ कुछ किया तो वे कुछ नहीं बोलेंगी!


बस मैंने उनको अपनी बांहों में समेट लिया.

मम्मी ने भी मुझको अपनी बांहों में भर लिया था और वे मुझे गाल पर किस करने लगी थीं.


मैंने एक कदम आगे बढ़ कर उनके होंठों पर किस कर दिया तो वे भी खुल गईं और हम दोनों लिप किस कर मजा लेने लगे.


हम दोनों के बीच वासना भड़क उठी और बिना कुछ बोले हम दोनों एक दूसरे के मुँह से मुँह लगा कर प्रेमियों की तरह अपनी लार को एक दूसरे से साझा करने लगे थे.

कुछ देर के बाद मैंने उनको लेटा दिया और उनके ऊपर चढ़ कर उनके अंगों को किस करने लगा और दूध सहलाने लगा.


इससे मेरी मम्मी भी अब खूब गर्म होने लगी थीं और वे खुल कर मेरा साथ दे रही थीं.

मैं अपनी मम्मी के कपड़े उतारने लगा और उनके बूब्स को दबाने लगा.


जैसे ही मैंने मम्मी का ब्लाउज और ब्रा को हटाया तो उनके रसभरे दूध मेरे सामने उछलने लगे.

मैं मम्मी के दोनों बूब्स को मसलने और चूसने लगा था.

मम्मी भी अपने हाथों से मुझे दूध चुसवा रही थीं.


थोड़ी देर तक मम्मी के दोनों दूध को जीभर के पीने के बाद मैंने उनके सारे कपड़े उतार दिए और उन्हें मादरजात नंगी कर दिया.

मम्मी की चुत रस छोड़ने लगी थी तो मैंने उनकी टांगें फैला दीं और उनकी चुत को चूसने लगा.


मम्मी भी आपा खो चुकी थीं और उनकी स्थिति बहुत खराब हो चुकी थी.

मैंने उनकी चुत को पीते पीते ही उनका सारा पानी निकाल दिया और उस पानी को भी पी गया.


उसके बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतारे और उनके सामने अपने लौड़े को लहराने लगा.

मम्मी मेरे लंड को देखकर डर गईं. मेरा लंड काफी बड़ा है.


मम्मी बोलीं- बेटा, तेरा तो तेरे बाप से भी बड़ा हथियार है, इसको लेने में तो मेरी फट ही जाएगी!

मैंने कहा- अरे लंड से आज तक किसी की चुत नहीं फटी मम्मी. आपको आज मेरे लंड से खूब मजा आएगा.


मम्मी भी हंस कर बोलीं- हां पर अब तू देर मत कर … और जल्दी से मेरी चुत को चोद दे.


मैंने भी देर ना करते हुए मम्मी की चुत पर अपना लंड लगाया और एक झटका दे मारा.


पहले ही शॉट में मेरा 3 इंच लंड मम्मी की चुत में घुस गया.

उनकी तेज आह निकल गई.


तभी मैंने दूसरा झटका मार दिया.

उस बार मम्मी की चुत को चीरता हुआ मेरा आधा लंड अन्दर चला गया.


इस बार मम्मी और जोर से चिल्ला उठीं.

मैंने उनकी आवाज पर ध्यान ना देते हुए वापस से एक और कड़क झटका दे मारा और अपना पूरा लंड उनकी चुत में घुसेड़ दिया.


मम्मी चिल्ला उठीं और वे गाली देती हुई बोलीं- आह मादरचोद … आराम से चोद ना … मैं तेरी मां हूं कोई रंडी नहीं, जो रंडियों की तरह चोद रहा है मुझको!

मैंने मम्मी से कहा- आप आज से मेरी रंडी ही हो … और अब से आप सिर्फ मेरा लंड ही लोगी!


वे आह आह कर रही थीं.

मैंने मम्मी के दूध चूसते हुए कहा- अब शांत हो जाओ … और मजे से मेरा लंड लेती रहो.


वे शांत हो गईं.

और मैं मम्मी को धकापेल चोदता जा रहा था.


वे कामुक आवाजें निकाल कर सिसयाती जा रही थीं.

मॅाम की चुत से रस निकलने लगा था तो फच फ़च की आवाज भी आने लगी थी.


पूरे कमरे में बस चुदाई की आवाज ही आ रही थी.

थोड़ी देर तक मां चोदने के बाद मैंने लंड चुत से बाहर निकाल लिया.


मम्मी हैरान होकर कहने लगीं कि क्यों निकाल लिया, कितना मजा आ रहा था?

मैंने मम्मी से कहा- अभी वापस मजा आने वाला है … अब पहले आप कुतिया बन जाओ.


वे बन गईं. मैंने पीछे से उनकी चुत में लंड पेल दिया और धकापेल करना शुरू कर दिया.

मेरी मम्मी की चुत बहुत प्यारी थी … उन्हें चोदने में बहुत मजा आ रहा था.


मुझे तो अपनी मम्मी की चुत चोद कर यह समझ ही नहीं आ रहा था कि उनकी यह चुत धरती की चुत है या जन्नत की हूर की परी की चुत है.

मैं बस पागलों की तरह मम्मी को चोदता जा रहा था.

वे चिल्लाती जा रही थीं.


उनकी चिल्लपौं से मेरे ऊपर कोई फर्क नहीं पड़ रहा था.


अब मेरा पानी निकलने ही वाला था तो मैंने मां से पूछा- मेरा निकलने वाला है, इसको कहां निकालूं?


मां- बेटा मेरे अन्दर ही निकाल दो! मैं तुम्हारे बच्चे की मां बनना चाहती हूं. तेरे पापा के माल में बच्चा पैदा करने की ताकत ही नहीं है!

मैंने ऐसा ही किया और अपनी सौतेली मम्मी की चुत को अपने वीर्य से भर दिया.


आप इस मादरचोद स्टोरी पर अपने विचार मुझे बताएं कि कैसी लगी.

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