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मां बेटा ने पति पत्नी को दिया चुदाई का सुख - Indian Sex Stories

मैं और मेरी पत्नी अपनी सेक्स लाइफ से खुश थे.

हम दोनों की उम्र भी 60 और 55 साल है. हम दोनों इस उम्र में भी लगभग हर रोज सेक्स का मजा लेते हैं.

पर हम दोनों की फैंटेसी आज भी ये है कि हम दोनों एक दूसरे के सामने किसी और के साथ लम्बी सेक्स ड्राइव पर जाएं.


हम दोनों को ओरल सेक्स का बहुत शौक है और मुझे अपनी पत्नी की तरह 45 से 55 साल की औरतों में मजा आता है.


पर मेरी पत्नी की फैंटेसी कड़क और लंबे मोटे लंड ही हैं.

उसे 25 से 30 साल के लंड अपनी चूत और गांड में लेने … और मुँह में लेकर चूसने की बड़ी तमन्ना है.


यह Indian Sex Stories ऐसे ही अपने शौक पूरे करने की कहानी है.


तो हुआ कुछ ऐसा कि इस बार हम दोनों छुट्टियों में केरल चले गए.

वहां वर्कला बीच पर पहुंचे और एक हाउस बोट को अपने लिए बुक कर लिया.


हाउस बोट का मालिक सूर्या था जो 26 साल का जवान लड़का था.

उसका जिस्म कसरती था.

वह लुंगी और बनियान में गजब लगता था.


मेरी पत्नी को वह बहुत अच्छा लग रहा था.

हाउस बोट पर उसकी मदद, उसकी 55 साल की मां उदिति करती थी जो मस्त कांटा माल लगती थी.

उसे देख कर मुझे सिल्क स्मिता की याद आ गई थी.


उन लोगों ने हमारा अच्छा स्वागत किया.

शाम को हम दोनों ने सूर्या को बुलाया और मसाज के लिए पूछा.

तो उसने कहा- मैं और अम्मा आप दोनों को अच्छी मसाज देंगे.


मैंने पत्नी से पूछा तो उसने भी कहा- ठीक है … ट्राई करते हैं.

अब हम दोनों ने उदिति और सूर्या को बुलाया और मसाज शुरू करवाई.


कमरे के एक कोने में सूर्या मेरे साथ और उदिति मेरी पत्नी की मसाज शुरू करने लगी.

जल्द ही मैं ब्रीफ और पत्नी ब्रा पैंटी में आ गई.

कमरे में रोशनी मध्यम हो गई.


सूर्या सिर्फ लुंगी में था और उदिति एक पीली साड़ी में.

उसने कोई ब्लाउज या चोली नहीं पहनी थी.

वह सिर्फ एक साड़ी में थी.


मसाज शुरू हुई.


मैंने कहा- सूर्या यार, आप बहुत कड़क मसाज कर रहे हो, आप मैम की मसाज करो और उदिति जी को मेरे पास भेज दो.

अब उदिति मेरे पास आ गई और सूर्या मेरी पत्नी के पास चला गया.


हमारी मसाज शुरू हो गई.

उदिति जी ने आते ही मेरे निप्पल पर तेल लगाया और वह मुझे सेक्सी नजरों से देख कर मसाज करने लगी.


तभी अचानक वह झुकी और मेरे एक निप्पल को चूसने लगी.

उसकी इस हरकत से मैं सातवें आसमान पर पहुंच गया.


तभी अचानक मेरे पास कुछ गिरा, देखा तो मेरी पत्नी की ब्रा थी.

मतलब अब वहां भी शुरुआत हो गई थी.


अब उदिति ने अपना जलवा दिखाना शुरू किया और अपने वक्ष से अपनी साड़ी को हटा दिया.

आह क्या गजब के बूब्स थे.


अब उसने अपने दोनों बूब्स मेरे चेहरे पर रख दिए और कहा- सर, सूर्या और मैम जो कर रहे हैं, उसे भूल जाओ और मेरे साथ मजे करो … प्यार दो प्यार लो.


तभी मेरे हाथ नीचे हुए और उदिति की साड़ी में घुस गए.

हाथ टच हुए तो पता चला कि उसकी चूत भी क्लीन शेव थी.

कसम से मजा आ गया.


उदिति तो अपनी जीभ और लार से बारी बारी से मेरे दोनों निप्पलों को ऐसे चूस रही थी कि मैं अपने होश में ही नहीं था.


मेरा लंड कुतबमीनार से शर्त लगा रहा था.

वह आदमी के लंड से घोड़े के लंड में बदलता जा रहा था.

लंड फ्रेंची को ऊपर उठा कर उदिति के पेट में ठोकर मार रहा था.


तभी उदिति धीरे धीरे नीचे आने लगी और उसने अपने दांतों से मेरी फ्रेंची की इलास्टिक को पकड़ लिया और उसे नीचे करने लगी.

पर मेरे लौड़े ने उसे नीचे नहीं आने दिया और वह स्पीड ब्रेकर बन गया.


उदिति समझ गई.

उसने अपना एक हाथ मेरी फ्रेंची में डाल दिया और लौड़े को पकड़ कर उसकी औकात में ला दिया.


मैंने अपनी गांड उठा दी और उदिति ने मेरी फ्रेंची उतार कर सूर्या की तरफ फेंक दी.


मेरी फ्रेंची सीधी मेरी पत्नी के चेहरे पर गिरी और मेरी पत्नी ने उसे उठा कर किस किया.

तभी कमरे में मेरी पत्नी की आवाज गूंज पड़ी- वॉव …


उसी समय मुझे भी लगा कि मेरा लंड कुछ गीला गीला लगा सा होने लगा है.

मैंने देखा तो वह उदिति के मुँह में था.


उदिति मजे से मेरे लंड को चूस और चाट रही थी.

मेरा अब खुद पर कोई कंट्रोल नहीं था और मैं सिर्फ वही कर रहा था जो उदिति चाह रही थी.


तभी अचानक मेरे लंड के सब्र का बांध टूट गया और उदिति के मुँह में वीर्य की बाढ़ आ गई.

पर उदिति नदी के किनारों की तरह टूटी नहीं. वह सारा लंड का पानी पी गई.


अब वह तृप्त हो कर उठी और मैंने देखा कि उसके चेहरे पर वही चमक थी जो एक शेरनी के चेहरे पर पर हिरन का शिकार करने पर होती है.


मैं एक घायल हिरन की तरह पूरी तरह तृप्त होकर आंखें बंद करके पड़ा हुआ था.

कुछ ही पलों में मेरे लंड में फिर से अकड़न आनी शुरू हो गई.


आंखें हल्की से खुलीं, तो देखा उदिति अपनी साड़ी उतार कर नंगी हो गई थी और काम की देवी लग रही थी.

उसने खुद ही अपने सारे शरीर पर तेल लगा लिया था और वह तेल से लथपथ होकर चिकनी हो गई थी.


वह मेरे करीब आई और उसने मुझे भी पूरी तरह से तेल में नहला दिया था.

तब वह मुझ पर चढ़ने को तैयार हो गई थी.

वह मुझे बॉडी टू बॉडी मसाज देने के लिए मेरे ऊपर चढ़ गई.


तभी मेरे पास कुछ गिरा देखा तो वह मेरी पत्नी की पैंटी थी, मतलब वहां सूर्या भी अपना जलवा दिखा रहा था.

वह कामदेव बन कर मेरी पत्नी को अपने कड़क लंड से तृप्त कर रहा था.


पर मुझे इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था क्योंकि पूर्ण नग्न उदिति अपनी चुत की गर्मी मेरे लंड को दे रही थी.


वह बॉडी टू बॉडी मसाज करती हुई मेरे लौड़े को अपनी चुत की गर्मी दे रही थी.


उदिति के बूब्स मेरे निप्पलों पर कयामत ढा रहे थे … और उसकी चूत मेरे लौड़े का चुम्बन व मर्दन कर रही थी.


हम दोनों की जीभें नागिन और नाग की तरह एक दूसरे से लिपट कर रसपान कर रही थीं.

अचानक उदिति ने करवट ले ली.


अब वह नीचे थी और मैं अपना कड़क लंड लेकर उसके ऊपर पर चढ़ गया था.

तभी अचानक मुझे अपनी गांड में कुछ अजीब महसूस हुआ. जब हाथ गांड पर ले जाकर देखा, तो वह उदिति के हाथ की तेल में डूबी उंगली थी.


उसकी उंगली मेरी गांड में जाने के लिए दस्तक दे रही थी.

उसी समय उदिति ने धीरे से मेरे कान में कहा- साहब इसका भी अलग मजा है, लो न!


मैंने सब कुछ भूल कर उसके गाल पर काट लिया.

वह आउच कर के हंस दी.


अब मैंने भी धीरे से अपनी एक उंगली से उसके बैक डोर पर दस्तक देनी शुरू कर दी.

तभी वह उठी और मुझे उल्टा करके मेरी गांड चाटने लगी और अपनी जीभ को मेरी गांड के छेद में डाल कर चाटने लगी.


जब मेरी गांड बिल्कुल गीली हो गई तो वह उठी और अपनी एक चूची के निप्पल को, जो एकदम कड़क हो गया था … मेरी गांड के छेद पर रख कर चूची से धक्का मारने लगी.

मैंने कहा कि उदिति अब ये क्या?


तो वह प्यार से बोली- साहब, मैं अपनी चूची से आपकी गांड मार रही हूं, कैसा लगा?

कसम से मजा आ गया था.


उससे गांड चटवा कर और उसकी चूची से गांड मरवा कर समझो जन्नत का मजा आ रहा था.

सेक्स करते हुए मुझसे रहा न गया और मैंने उसे 69 में आने के लिए कहा.


वह आ गई.

मैंने उसकी चिकनीई चुत पर मुँह लगाया और चुत की नमकीन चाशनी को चाटने लगा.


वह भी मेरे लंड को जीभ से चाट रही थी और मेरे अंडों पर अपनी जुबान का जादू दिखा रही थी.


उसी वक्त मुझे मेरी बाजू से मेरी बीवी की गालियां सुनाई देने लगीं ‘पेल न मादरचोद … क्यों तड़फा रहा है.’

बदले में उधर से सूर्या की हंसी की आवाज आई और अगले ही पल मेरी बीवी की चीख सुनाई दी- आह मां के लौड़े ने फाड़ दी चुत … आह कमीने धीरे चोद न … फाड़ कर बच्चा ही निकालेगा क्या?


सूर्या ने कुछ जवाब नहीं दिया और वह धकापेल मेरी बीवी की चुत की मां चोदने लगा.


उधर से अपनी बीवी की चुदाई की आवाज सुन मुझसे भी न रहा गया और मैंने उदिति को थपथपा कर इशारा किया तो वह पलट कर सीधी हो गई.


मैंने उसे अपने लंड के ऊपर आने का कहा.

वह चुत में लंड को सैट करने लगी और एक ही झटके में मेरे लंड को अपनी चुत में खाकर आह करती हुई बैठती चली गई.


पूरा लंड उदिति की चुत में जाकर फंस गया था.

उसके दोनों दूध मेरे मुँह के सामने लटक रहे थे.


मैंने एक आम अपने मुँह में भरा और चूसने लगा.

उसकी चूचियों को चूसने में बड़ा मजा आ रहा था.


तभी उसने झुके रह कर ही अपनी गांड हिलाना शुरू कर दी और वह अपनी चुत में मेरे लंड की रगड़ का सुख लेने लगी.

मैं भी उसकी एक चूची को चूस रहा था और दूसरी को मसल रहा था.


हम दोनों की चुदाई अब अपनी तेज रफ्तार पर आने लगी थी.


मेरी सांसें तेज तेज चल रही थीं लेकिन वह नाव खेने वाली एक मजबूत रांड थी जो मेरे लौड़े का मलीदा बनाने में जरा सी भी नहीं हाँफ रही थी.


तभी बाजू से मेरी बीवी की आह आह की आवाज आई और उसके मुँह से निकला- आह मैं झड़ गई सूर्या … आह जरा थम जा!

सूर्या ने शायद मेरी बीवी को चोदना रोक दिया था.


मैंने आवाज लगा कर अपनी बीवी से पूछा- क्या हुआ डार्लिंग … क्या जलेबी शीरा पी गई?


वह हंस कर बोली- नहीं, अभी तो जलेबी तड़फ रही है शीरा पीने को … हलवाई शीरा पिला ही नहीं रहा है मेरी जान!

उसकी इस बात से मुझे तो हंसी आई ही, मेरे साथ उदिति की मुक्त हंसी ने भी वातावरण को खुशमिजाज बना दिया था.


अब मैंने उदिति को घोड़ी बनने के लिए कहा.

वह झट से चौपाया बन गई और मैं पीछे से उसकी चुत में अपना लंड ठांस कर धकापेल में लग गया.


वह सेक्स का मजा लेती हुई आह आह कर रही थी और उसकी मादक कराहों से मेरे लौड़े को और ज्यादा उत्तेजना मिल रही थी.


मैं उसकी पीठ पर चढ़ कर अपने हाथों से उसकी दोनों चूचियों को मसलता हुआ चुत में लंड सटासट चलाने लगा था और वह किसी कुतिया के जैसे मेरे लंड के प्रहारों को झेलती हुई मस्ती से चुदवा रही थी.


कुछ ही क्षण बाद मेरे लंड से धार निकलने को हुई तो मैंने उदिति से पूछा.

वह अन्दर आने के लिए ही बोली.


मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ाई और उदिति की चुत में ही झड़ गया.


मुझे झड़े हुए कुछ ही पल हुए थे कि उधर से मेरी बीवी की चुत में भी सूर्या के लंड का पानी टपक गया था.

वह भी आह आह कर रही थी.


दोस्तो, यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है जिसे मैंने अपनी पत्नी की सहमति से आप सबको बताया है.

आपको यह Indian Sex Stories कैसी लगी, प्लीज बताएं जरूर!

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