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मेरी कालगर्ल दोस्त ने अपनी कहानी बतायी - Desi Sex Story

यह Desi Sex Story मेरे एक पाठक सुमित ने ऑडियो रिकॉर्डिंग करके भेजी, उन्होंने सभी नाम बदल दिए है, जगह का नाम नहीं बताया.


सुमित 35 उम्र का था।

वह शादीशुदा था.

उसकी पत्नी कर्कश और शक्की स्वाभाव की थी, कभी सीधे मुँह बात नहीं करती, ब/च्चों के लिए दोनों साथ रहते।


सुमित ऑफिस के काम से एक शहर जाता और वहां एक ही होटल में ठहरता था.


उस राज्य में शराबबंदी थी पर होटल का एक वेटर सुमित को कमरे के शराब लाकर देता।


वेटर- साहब, आपको कालगर्ल चहिये तो मैं इंतजाम कर सकता हूँ!

सुमित- कोई ऐसी लड़की मिल सकती है जिसे दोस्त की तरह बातें करना पसन्द हो और वह स्वभाव से मीठी हो।


वेटर को यह बात अजीब लगी।

उसने सोचकर कहा- एक 25 साल की लड़की है. लड़की लड़के में भेष में आएगी, रात 7 से सुबह 5 तक रहेगी।

उसने रेट बताया.


सुनील के हाँ कहने पर वेटर ने उस कालगर्ल को फ़ोन पर सब बताया.


वेटर ने एक बैग कमरे में रखकर कहा- उसमें लड़की के कपड़े हैं, आप दरवाज़ा खुला रखना।


7 बजे एक सरदार कमरे में आया, वह बैग लेकर बाथरूम में घुस गया।


थोड़ी देर बाद एक लड़की बाथरूम से निकली।


लड़की सुन्दर थी, गेहुंआ रंग, सेक्सी फिगर, साड़ी स्लीवलेस ब्लाउज पहने थी।


उसने सुमित को नमस्ते की.

लड़की की आवाज़ मीठी थी.


सुमित के पास वौइस रिकॉर्डर था।

उसने रिकॉर्डर चालू किया.


सुमित- नमस्ते … बैठिए! आपका नाम?

सुमित ने तय रूपए दिए।


लड़की- सरोज!


सुमित- मेरा सपना है कि मेरी गर्लफ्रेंड हो जिससे मैं जी भरके बातें कर सकू। आज मैं आपको गर्लफ्रेंड समझूं?

सरोज- मुझे अच्छा लगेगा.


सुमित ने अपने बारे में कुछ बातें बताई.


उसने व्हिस्की निकाली, सरोज को पूछा- आप मेरे साथ पियेंगी?

सरोज ने हाँ में सर हिलाया।


दोनों तंदूरी चिकन के साथ पीने लगे.

एक पेग के बाद सुमित ने सिगरेट सुलगायी, सरोज को सिगरेट ऑफर की।


दोनों मस्ती से सिगरेट पीने लगे.

सरोज अपने बारे में बताने लगी।


दो पेग के बाद सुमित- आपके लिए खाना मँगवाऊ? मेरा तंदूरी से पेट भर गया।

सरोज- मैं रात को कम खाती हूँ, मेरे लिए मत मंगवाइये!


रात के 11 बज गए थे.


सरोज- आपको कल काम पर जाना है, हम सो जाते हैं, मैं कपड़े बदलकर आती हूँ।


सरोज नाइटी पहनकर आयी, धीमी लाइट जला दी.


दोनों करवट पर एक दूसरे की तरफ मुँह कर लेटे थे.


सरोज सुमित के बालों में हाथ फेरकर बोली- सो जाइये।


सुमित से रहा नहीं गया, सरोज को आलिंगन में लेकर उसके होंठ, आंखें चूमने लगा, सरोज सुमित को चूमने लगी।


पता नहीं चला कब दोनों ने एक दूसरे के कपड़े उतार दिए.


सुमित प्यार से सरोज के चूचे दबा कर चूसने लगा, सरोज सिसकारी ले रही थी।

सरोज ने चित लेटकर समर्पण में पांव फैला दिए।


सुमित ने कंडोम पहना, सरोज के ऊपर आकर प्यार से चोदने लगा, सरोज कमर उछालकर साथ दे रही थी।


करीब 15 मिनट बाद दोनों साथ झड़े.


सुमित- मुझे सम्भोग में इतना आनंद पहली बार आया, आपने अच्छा साथ दिया!

सरोज- मुझे भी इतना प्यार और सन्तुष्टि पहली बार मिली.


तब से महीने दो महीने में जब सुमित उस शहर आता, उसी होटल में ठहरता वेटर को कहकर सरोज को बुला लेता।

दोनों बातें करते, सरोज अपने जीवन की कहानी बताती, सुमित रिकॉर्ड करता।

वे साथ पीते, सम्भोग करते।


तीन मुलाकातों के बाद सरोज ने सुमित से रूपए लेना बंद कर दिया, यह कहकर- मुझे आपका साथ अच्छा लगता है.


एक बार सुमित ने कहा- सरोज, काश तुम पहले मिली होती तो मैं तुमसे शादी कर लेता!


सरोज- मुझे आपका जितना साथ मिला, वह मुझे जिंदगी भर याद याद रहेगा.


दो साल बीत गए।


एक बार जब सुमित ने उस शहर आकर वेटर से सरोज को बुलाने कहा, वेटर ने बताया सरोज शहर छोड़ कर चली गयी है।


सुमित को सरोज ने अपनी सहेली रश्मि के बारे में बताया था।

सुमित ने वेटर को रश्मि को बुलाने कहा.


रश्मि भी कालगर्ल थी।


सुमित ने रश्मि को रूपए दिए।

रश्मि ने बताया- सरोज ने शादी कर ली है.

उसने शादी के बारे में विस्तार से बताया।


रश्मि सरोज के समान मीठी बातें नहीं करती थी, सुमित ने उसे वापस भेज दिया.


सरोज की कहानी उसी की जुबानी जो सुमित ने रिकॉर्ड की थी.


मैं हरियाणा से हूँ, इस शहर में अपने माता पिता के साथ रहती थी.


पिता नौकरी करते थे तनखाह कम थी, माता लोगों के घर काम करती थी।


पिताजी जब शराब पीकर आते तो माँ को पीटते।


दसवीं के बाद 19 की उम्र में मुझे एक गोदाम के पैकिंग डिपार्टमेंट में नौकरी मिली.


रश्मि वहाँ नौकरी करती थी, उसकी उम्र भी 19 साल थी।

रश्मि सुन्दर थी, भरा बदन, मेरी उससे दोस्ती हो गयी।


मेरा घर गोदाम से बहुत दूर था, मैं रश्मि के साथ उसके फ्लैट में रहने लगी।


गोदाम के मालिक के साथ रश्मि घूमने जाती.

मालिक रश्मि को काफी रूपए देता ड्रेस गहने खरीदने के लिए।


एक दिन रश्मि ने बताया वह मालिक के साथ रहने जा रही है, शादी मुहूर्त देखकर होगी.


एक महीने बाद रश्मि लौट आयी.

उसने बताया- मालिक ने उसके साथ सम्भोग किया, उसे भी मजा आया।

एक महीने बाद मालिक ने बताया उनकी बीवी को ब/च्चा होना था, वह इसके लिए मायके गयी थी, अब वापस आने वाली है.


रश्मि ने बताया- मालिक ने मुझे एक लाख रूपए देकर कहा कि अब तुम लौट जाओ। मेरे विरोध करने पर मालिक ने मेरी नंगी फोटो और वीडियो दिखाई, सम्भोग वीडियो में मैं साफ़ दिख रही थी, मालिक की पीठ दिख रही थी। मालिक ने धमकाया यदि मैंने हल्ला किया तो वह वीडियो पुलिस को देकर कहेंगे कि मैं अपनी नंगी फोटो और वीडियो बेचती हूँ. जब उन्होंने पकड़ा तब मैं हल्ला करने लगी। मुझे शक था कि मालिक मुझसे शादी नहीं करेंगे, पर काफी रूपए मिल गए.


तब रश्मि मालिक से बोली- आपने मुझे सम्भोग की आदत डाल दी है, आप मुझे मिलते रहेंगे, रूपए देते रहेंगे?

मालिक को मालूम था मैं गरीब घर से हूँ और अमीर बनना चाहती हूँ।


मालिक- तुम कालगर्ल बनकर बहुत कमा सकती हो!

मैं राजी हो गयी।

मालिक- तुम्हें एक आंटी का फ़ोन आएगा, वह तुम्हें अमीर ग्राहकों के पास भेजेगी बहुत कमाई होगी.


रश्मि को फ़ोन आने लगे.

वह रात भर बाहर रहती. सुबह आकर बताती उसने कितना मजा किया.

कभी कभी ग्राहक थोड़ी पिटाई करते हैं पर उसमें भी मजा आता है।

उसे कितने रूपए मिले … बताती!


रश्मि का कहना था- हमारा फॅमिली बैकग्राउंड ऐसा है कि यदि मैं शादी करू तो कोई हमारे जैसा गरीब पति ही मिलेगा। वह सम्भोग करेगा पीकर पीटेगा, मैंने अपने घर में देखा है।

मैंने कहा- तुम्हारी बात सही है!


उस समय मैं 19 साल की थी।

मैं सोचने लगी कि क्या मैं भी कॉलगर्ल बन जाऊँ?


मैंने रश्मि को कहा- मैं कुंवारी हूँ, किसी मर्द से दोस्ती भी नहीं की, मैं सोच रही हूँ कालगर्ल बनने की, मुझे सेक्स के बारे में कुछ पता नहीं है।


मैं गोरी तीखे नाक नक्श, 32 बी के चूचे, दुबले बदन की थी.


रश्मि- सरोज, हमारे काम में कुंवारी लड़की को अच्छी कीमत मिलती है.


मैं- रश्मि एक बात बता, जो मर्द कालगर्ल बुलाते है, उनकी क्या पत्नी नहीं है? वो कॉल गर्ल के साथ क्या करते है? कुंवारी लड़की को अच्छी कीमत क्यों मिलती है?

रश्मि- हमारे ग्राहक अमीर हाईफाई समाज के हैं। ज्यादातर ग्राहक शादीशुदा होते हैं। कालगर्ल से लंड चुसवाते हैं, उसकी चूत और गांड चोदते हैं, रफ़ सेक्स भी करते हैं. कभी कभी थोड़ी पिटाई भी करते हैं। पत्नी इसमें से कुछ चीजें करने को राजी नहीं होती। हाई-फाई समाज की ज्यादातर लड़कियां शादी से पहले बॉयफ्रेंड के साथ सम्भोग कर चुकी होती हैं। इसलिए इन पतियों को कुंवारी चूत की सील तोड़ने की इच्छा होती है.


मैं- मुझे आंटी से मिलना है!

रश्मि- आंटी से मैं कभी नहीं मिली, उनका ही फ़ोन आता है, उनका फ़ोन नंबर बदलता रहता है। यदि मुझे उनसे बात करनी हो तो मैं लाल चुन्नी फ्लैट की खिड़की पर बांध देती हूँ. कुछ घंटों में उनका फ़ोन आता है.


रश्मि ने आंटी से बात करके मुझे कहा- आंटी को तेरी नंगी फोटो देखनी है. खतरे की बात नहीं है. फोटो आंटी डिलीट कर देंगी.


रश्मि ने अलग अलग पोज़ में मेरी नंगी फोटो ली और भेज दी.

आंटी को पसन्द आयी, आंटी ने कुछ निर्देश दिए.


रश्मि मुझे डॉक्टर के पास ले गयी, मेरी पूरी जाँच हुई, खून के नमूने लिए।

तीन दिन में रिपोर्ट आ गयी, मुझे कोई बीमारी नहीं है।


मेरे शरीर के अनचाहे बाल, झांट वैक्सिंग से साफ़ करवाई, बॉडी क्रीम लगाने दिया, फेशिअल किया, मेरे लम्बे बालों को शेप दिया।


रश्मि मुझे अपने साथ कसरत कराती, शरीर मजबूत और लचीला बनाने के लिए … पौष्टिक खाना खिलाती.

एक महीने में मेरा शरीर भर गया।


उसने मेरी गांड में आस प्लग लगाकर चलवाया।

रश्मि ने मेरी नयी नंगी फोटो खींचकर आंटी को भेजी.


आंटी ने बताया कि अब वह मुझे ग्राहक के पास भेज सकती है।


रश्मि मुझे लेकर बाजार गयी, मेरे लिए तरह तरह के कपड़े खरीदे, मुझे मेकअप करना सिखाया.


मैं गर्भनिरोधक गोली लेने लगी.


नए कपड़े, मेकअप के बाद जब मैंने अपने आप को आईने में देखा मैं खुद को पहचान नहीं पायी।

मेरी फोटो रश्मि ने आंटी को भेज दी.


आंटी ने बताया कि क्या करना है.


रश्मि- सरोज, हम पांच अमीर ग्राहकों के सामने तुझे पेश करेंगे। जो सबसे ज्यादा बोली लगाएगा, उसके साथ तुझे एक महीने रहकर उसे खुश करना होगा.


अगले दिन सुबह मैं, रश्मि, और 4 कालगर्ल लड़किया टैक्सी से पास के हिल स्टेशन गयी, एक बंगले में ठहरी।


बंगले में चार बैडरूम हॉल किचन था।

खाना खाकर सबने आराम किया।


शाम को सभी लड़कियां सजकर तैयार हुई।

रश्मि ने मुझे ब्रा पैंटी सेक्सी बैकलेस बिन बाजू की ब्लाउज, पारदर्शी साड़ी पहनाकर मेकअप कर तैयार किया।

मुझे क्या करना है, यह भी बताया.


शाम 7 बजे 5 पुरुष आकर सोफे पर बैठ गए।

हाल में सिर्फ रश्मि थी.


ग्राहक रश्मि को जानते थे.


बाकी 4 लड़कियां बैडरूम में थी।

मैंने हॉल में आकर अपने बदन की नुमाइश की।


बोली 2 लाख से शुरू हुई, 3 लाख पर रुक गयी।


रश्मि ने पांचो ग्राहकों को ड्रिंक सर्व करकर कहा- सरोज और दो बार कपड़े बदलकर आएगी. आप लोग बोली लगाना.


मैंने कमरे में जाकर बिन बांह का पतला टी शर्ट, छोटा हाफ पेंट पहना, ब्रा नहीं पहनी, मेरे तने चूचे, निप्पल दिख रहे थे।


मैं हॉल में गयी.

सभी ग्राहक उत्तेजित हो गए.

बोली 4 लाख पर रुकी।


मैं कपड़े बदलकर आयी.

इस बार मैंने पतली नाइटी पहनी थी, बिना ब्रा पैटी के … मेरा पूरा बदन दिख रहा था।


मैंने ऐसे कपड़े पहली बार पहने थे, मुझे शर्म आ रही थी, मैंने अपनी नज़र झुका रखी थी।


फिर से बोली लगी.

सबसे ज्यादा बोली 5 लाख की थी, जो करीब 40 उम्र के तुषार ने लगाई.


बाकी ग्राहक कहने लगे- हमारे लिए कुछ इंतजाम किया क्या?

रश्मि- 4 लड़कियां हैं.

कहकर चारों लड़कियों को बुला लिया।

लड़कियों को ग्राहक अपने साथ ले गए।


मैंने कहा- मैं कपड़े बदलकर आती हूँ.


मैं बैडरूम में जाकर सोबर साड़ी ब्लाउज पहनकर हाल में आयी।


हॉल में तुषार और रश्मि बात कर रहे थे.

मैं उनके साथ बैठ गयी.


रश्मि- सरोज का मासिक धर्म 2- 3 दिनों में शुरू होने वाला है. मिस्टर तुषार, आप 8 दिन बाद सरोज को ले जाना.


तय हुआ कि एक लाख रूपए तुषार आज देगा।

जब सरोज तुषार के साथ एक महीने रहने जाएगी, हर हफ्ता पूरा होने तुषार एक लाख देगा।

यदि सरोज एक महीने से पहले वहाँ से आना चाहे तो उसे जितने दिन तुषार के साथ रही, उसके ही रूपए मिलेंगे.


तुषार ने मेरे कपड़ों की साइज पूछी और रूपए देकर चला गया।


उस रात रश्मि ने मुझे सेक्स के बारे में कुछ बातें बतायी.

और बताया कि ग्राहक सेक्स का समय बढ़ाने की दवा लेते हैं, बहुत देर टिकते हैं.


रश्मि- हमें ग्राहक की इच्छा पूरी करने लिए बहुत कुछ करना पड़ता है, हमें पसंद हो या न हो। ग्राहक सेक्स के समय क्या बोल रहा है इसका ध्यान रखना पड़ता है। यदि ग्राहक सेक्स के समय पूछता है मजा आ रहा है? हमें मजा आने का अभिनय करना पड़ता है। यदि ग्राहक को पीड़ा देने में मजा आता है तो हमें दर्द का अभिनय करना पड़ता है। उम्र के साथ हमारी कीमत कम होने लगती है, कमाए रूपए संभाल के रखने चाहिए.


आठ दिन बाद तुषार का फ़ोन आया- सरोज, शाम 6 बजे अमुक शॉपिंग मॉल के पार्किंग में लड़कों के भेष में आओ.

उसने मुझे अपनी कार की फोटो भेज दी.


मैंने फुल बॉडी वैक्सिंग फेशिअल कराया।

शाम 6 बजे बैग लेकर मॉल में तुषार के कार के पास गयी.


तुषार कार में था, मेरे कार में बैठते ही तुषार ने कार स्टार्ट की मुझे एक फार्महाउस में ले गया।

उसने मुझे पूरा फार्महाउस दिखाया।

ग्राउंडफ्लोर में हॉल किचन बैडरूम था, फस्टफ्लोर में दो बैडरूम और बालकनी थी।


मुझे ग्राउंडफ्लोर में रहना था.

40 उम्र के तुषार की बॉडी काफी फिट थी।

तुषार ने एक पैकेट देकर कहा- तैयार हो जाओ।


मैंने बैडरूम जाकर पैकेट खोला, उसमें लाल लहंगा चोली, लाल ब्रा पैटी थी, नकली गहने थे।

मैं कपड़े गहने पहनकर मेकअप कर तैयार होकर हॉल में गयी.


तुषार- बहुत सुंदर लग रही हो!


कह कर मेरी मांग सिंदूर से भर दी।

मुझमें पत्नी वाली भावना आयी।


टेबल पर फल, ड्राई फ्रूट रखा था.


तुषार- आज हम हल्का खाना खायेनगे, फिर सुहागरात होगी।

हम दोनों ने खाया.


तुषार- तुम बैडरूम में दुल्हन बनकर बैठो, मैं आता हूँ!


मैं पलंग पर चुनरी ओढ़कर बैठी थी.


थोड़ी देर में तुषार आया. उसने मेरा घूँघट उठाया.

मैंने शर्म से आंखें झुका ली।


तुषार ने मुझे प्यार से लिटाया, मेरे होंठ चूमने लगा, चोली के ऊपर से चूचे दबाने लगा।

जब तुषार मेरी चोली उतारने लगा, मैंने कहा- लाइट धीमी कीजिये, शर्म आ रही है!


उसने लाइट धीमी की और मेरी चोली ब्रा उतार दी.


वह मेरे चुचों को दबाने, चूसने लगा, मुझे मजा आ रहा था।


तुषार अपना कुरता उतारकर मुझे आलिंगन में लेकर मेरे होंठ चूसने लगा.

मेरी चूत गीली हो गयी।


उसने मेरी लहंगा पैंटी उतार दी, अपना पाजामा उतार दिया।


मैंने खड़ा लंड पहली बार देखा था.

मुझे डर लगा कि इतना बड़ा लंड मेरी छोटी सी चूत में जाएगा तो बहुत दर्द होगा.


तुषार ने मुझे चित लेटाकर मेरे पांव फैला दिए.

उसने मेरी चूत में लंड डालने की कोशिश की.

लंड गया नहीं।


तुषार ने लंड पे तेल लगाया और लंड मेरी चूत में घिसने लगा.

फिर एक ही झटके में पूरा लंड चूत में डाल दिया।


मुझे जोर का दर्द हुआ, मैं चीख उठी, छटपटाने लगी।


तुषार ऐसे मुस्कुरा रहा था जैसे किसी पर्वतारोही ने पहाड़ की चोटी पर चढ़कर झंडा गाड़ दिया हो.


थोड़ी देर में मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो मैं शांत लेट गयी.

तुषार ने चोदना शुरू किया.

मुझे दर्द ज्यादा, मजा कम आ रहा था.


चोदने की गति बढ़ती गयी, करीब 10 मिनट बाद तुषार ने मेरी चूत वीर्य से भर दी।


तुषार बाथरूम गया, वापस आकर बोला- उठो, चादर बदलो।


मैंने देखा चादर में खून लगा था, मैंने चादर बदली।


बाथरूम में चूत धोते समय चूत से वीर्य और खून निकला.


मैं वापस आकर कपड़े पहनने लगी.

तुषार ने मुझे रोककर कहा- कपड़े मत पहनो, तुम्हारा सुन्दर बदन ठीक से देखने दो!


उसने मुझे पानी पिलाया।


तुषार ने ड्रावर से टेबलेट निकाली.

मैं समझ गयी कि वह सेक्स बढ़ाने की दवा है।


मैं विनती करने लगी- दर्द हो रहा है, कल कर लेना!

तुषार- मेरा मन भरा नहीं, एक बार और करना है।


कहकर उसने टेबलेट खा ली।


थोड़ी देर में उसका लंड खड़ा हो गया।


मुझे बिस्तर पर लिटाकर वह मेरे चूचे जोर से दबाने लगा, निप्पल मरोड़ने लगा, होंठ चूसने लगा.


मुझे वक्ष में दर्द हो रहा था।

तुषार उत्तेजना में जानवर हो रहा था।


मुझे चित लिटाकर वह लंड पे तेल लगाकर चोदने लगा.


मैंने बदन ढीला छोड़ दिया.


तुषार थोड़ी देर चोदता, फिर मेरे ऊपर लेटकर आराम करता, फिर चोदने लगता।


तब तुषार ने पूछा- मजा आ रहा है?

मुझे रश्मि की सीख याद थी, मैंने कहा- बहुत, आप में बहुत ताकत है.


मैंने अपने घुटने मोड़कर कुछ देर कमर उछाली फिर थक गयी।

तुषार ने मुझे आधा घंटा चोदा.

मेरा बदन और चूत दुःख रही थी।


मैं चूत धोकर आयी, मैं समझ गयी बिना तुषार की मर्जी के मैं कपड़े नहीं पहन सकती.


तुषार ने व्हिस्की की बोतल, काजू, दो गिलास टेबल पर रखकर कहा- आज तुम कली से फूल बन गयी हो. इस ख़ुशी में पार्टी करते हैं।


मैंने कहा- मैंने कभी पी नहीं।

तुषार- आज पीयो।


मुझे व्हिस्की का गिलास देकर उसने अपने ग्लास उठाकर चियर्स कहा और पीने लगा।

मैंने एक घूंट पीया, कडुआ लगा.

तुषार ने नमकीन काजू दिया।


मैंने ग्लास ख़त्म किया तो मेरा सर घूम रहा था.


तुषार ने मुझे अपनी जांघों पर बिठा लिया, मेरे चूचे दबाकर मेरा हाथ अपने लंड पर रखकर कहा- इसे सहलाकर खड़ा करो।

मैं कहने लगी- प्लीज आज और नहीं!


मैंने अपनी चूत पर हाथ रखकर कहा- यहाँ बहुत दर्द हो रहा है।


तुषार- अबकी बार गांड में डालूंगा!


तुषार ने कड़क आवाज में कहा- घुटनॉन पर खड़ी होकर मेरा लंड चाटो, लॉलीपॉप के तरह चूसो.

मैं लंड चाटने चूसने लगी।


लंड खड़ा होते ही तुषार ने मुझे पेट के बल लेटाकर अपने कूल्हे हाथ से फ़ैलाने को कहा.

मैंने किया।


तुषार ने उंगली से तेल मेरी गांड के अंदर लगाया, अपने लंड पर लगाया.

मैंने गांड ढीली छोड़ दी (जैसा रश्मि ने सिखाया था.)


तुषार ने मेरी गांड में लंड पेल दिया.

आस प्लग से मेरी गांड थोड़ी ढीली हो गयी थी, मुझे तीव्र दर्द हुआ.


मैं हाथ पटक रही थी, तुषार मेरी गांड मार रहा था.

ना जाने कितनी देर उसने मेरी गांड मारी.


तुषार ने मेरी गांड वीर्य से भर दी, मुझे सहारा देकर बाथरूम ले गया.

मैं गांड धोकर आयी, दर्द निवारक दवा खाकर सो गयी.


सुबह तुषार ने मुझे जगाकर कहा- चाय, केक ले आओ. मुझे काम पर जाना है।


हम नाश्ता कर रहे थे.


तुषार- सरोज, मेरी कुछ सेक्स फतांसी तुम्हारे साथ पूरी करूँगा। सेक्स में कुछ बुरा या गन्दा नहीं होता यदि ख़ुशी से खेल समझ कर करें. तुम ख़ुशी से साथ दोगी तो तुमको भी मजा आएगा। रसोई में खाना बनाने का सामान है, तुम खाना बनाकर खाना, घर की सफाई करना। जब सिर्फ इमरजेंसी हो, तभी मुझे फ़ोन करना। मैं दरवाज़े पर ताला लगाकर जाऊंगा, जब फुर्सत मिले आऊंगा.


तुषार चला गया, मैंने खाना बनाया खाया आराम किया, टीवी देखा।


रात को भी तुषार नहीं आया.

मेरा दर्द ठीक हो गया था, मुझे सेक्स की इच्छा होने लगी।


अगली शाम तुषार आया, मुझे कहा- कपड़े उतारो, साथ नहाते हैं।


मैं नंगी बाथरूम गयी, तुषार नंगा बाथरूम में आया.


मैं- आप बाहर जाओ, मुझे मूतना है


तुषार- मेरे सामने मूतो, मुझे देखना है।

मैं मूतने लगी, तुषार देखने लगा।


नहाते समय एक दूसरे को साबुन लगाते हम उत्तेजित हो गए।


तुषार ने मेरे हाथ बाथटब पर रखकर मुझे घोड़ी बनाकर खड़ा किया, मेरे कूल्हों पर चांटे मारकर, पीछे से चूत चोदने लगा,

मैं कमर हिलाकर साथ दे रही थी, मजा आ रहा था।


झड़ते ही तुषार ने लंड धोया, कपड़े पहनकर बोला- आज जल्दी में हूँ, फिर आऊंगा


अगले दिन नहाते समय तुषार ने मुझे पैर फैलाकर खड़ा किया, जमीन पर बैठकर चूत में मुँह लगाकर कहा मूतो, मैं मूतने लगी, तुषार मूत पीने लगा।

उसके बाद मुझे जमीन पर बैठाकर तुषार ने अपना मूत पिलाया।


नहाने के बाद पेन ड्राइव टीवी पर लगाकर मुझे कई सेक्स वीडियो दिखाए, उसमें ‘मर्द का स्वागत कैसे करना है’ का वीडियो दिखाकर कहा- मैं आने से पहले फ़ोन करूँगा तुम ऐसे ही तैयार रहना.

उसने मुझे नीकैप दिया और कहा- मेरी यह सब तुम्हारे साथ करने की फंतासी है, वीडियो कई बार देखना। मजा लेकर साथ देना, मना करोगी तो सजा मिलेगी!


अगले दिन से तुषार आने से पहले फ़ोन करता, मैं ब्रा पैटी में आंख पर पट्टी बांधकर हाथ पीछे रखकर नीकैप पहनकर घुटनों के बल बैठकर तुषार का इन्तजार करती।


तुषार आते ही मेरे गले में रस्सी लगा कुत्ते की बेल्ट पहनाता, लंड चुसवाता, लंड चूसते समय बेल्ट से मारकर कहता- गले तक ले, गोटी चूस!


आंख की पट्टी हटाकर वह मुझे कुतिया की तरह चलाकर बेल्ट से मारते बैडरूम ले जाता.


मुझे चूत / गांड में लंड लेकर लंड की सवारी कराता; अलग अलग आसनो में चोदता, वीर्य पिलाता.

मुझे मजा आने लगा।


तुषार एक दो घंटे के लिए आता तो अकेली घर में बंद रहने से बोरियत होने लगी।

मुझे आये 14 दिन बीत गए थे.


अगले दिन सुबह तुषार अपने दोस्त सुनील को लेकर आया, मेरा परिचय कराया।


अकेले में मुझे कहा- सुनील दस दिन यंहा रहेगा, तुम्हें सुनील को खुश करना है, सुनील ने पत्नी के सिवाए किसी से सेक्स नहीं किया, बीमारी का खतरा नहीं है। मैं 3 दिन बाद आऊंगा!

कहकर तुषार चला गया.


सुनील मुझे पागलों की तरह चूमने लगा, मेरे चूचे दबाने लगा।


हॉल में ही उसने मेरे और अपने कपड़े उतार दिए, मुझे गोद में उठाकर बेडरूम ले जाकर पलंग पर पटक दिया.

उसमें गजब की ताकत थी।


मेरे ऊपर चढ़कर वह मुझे चोदने लगा.

उसका लंड तुषार से ज्यादा लम्बा मोटा था।


मैं कमर उछालकर साथ देने लगी.

मेरे दो बार झड़ने के बाद सुनील झड़ा.


लंच के बाद हम सो गए।


शाम को सुनील बोला- सरोज, तैयार हो जाओ हम शॉपिंग करने जायेंगे।


हम शॉपिंग माल गए।


सुनील ने मेरे लिए मिनी स्कर्ट ब्लाउज, झीनी नाइटी, ब्रा पैंटी, हाई हील सैंडल, जींस पेंट टी शर्ट खरीदा।

मैंने सब्जी फल चिकन खरीदा.


वापस आकर चूमने के बाद सुनील ने मुझे नंगी कर पलंग के पास खड़ा करके मेरे हाथ पलंग पर रखकर घोड़ी बना दिया।

उसने मेरे लम्बे बालों को लगाम की तरह पकड़ लिया, वह पीछे से मेरी चूत चोदने लगा।


फिर उसने तेल लगाकर मेरी गांड मारी.


सुनील के कहने पर मैंने चिकन टिक्का बनाया, फल काटकर रखे।

मिनी स्कर्ट, ब्लाउज बिना ब्रा पैन्टी के पहना।


सुनील व्हिस्की गिलास में डालकर बैठा था, वह हाफ पेंट पहने था।

मुझे गोद में बिठाकर अपने हाथ से व्हिस्की पिलाने लगा.


हम एक ही ग्लास से पी रहे थे, फोर्क से चखना खा रहे थे जिससे मसाला हाथ में न लगे.


सुनील मेरे शरीर पर हाथ फिराने लगा चूचे दबाने लगा.

दो पेग के बाद सुनील मुझे गोद में उठाकर बेडरूम ले गया।


मेरा ब्लाउज उतारकर उसने मुझे पलंग पर चित लिटा दिया.

मेरा शरीर पलंग पर था, पैर नीचे झूल रहे थे।


सुनील ने मेरा स्कर्ट उठाकर लंड चूत में पेल दिया- अब तुम अपनी बांहें मेरी गर्दन के पीछे डालकर पैर कमर में लपेट लो, मैं तुमको गोद में उठाऊंगा।


मैंने इसका वीडियो देखा था, मैंने वैसे ही किया।


सुनील ने आसानी से मुझे गोद में उठा लिया, वह खड़े होकर चोदने लगा, मैं झूल रही थी.


चूत चोदने में बाद मुझे पेट के बल लिटाकर मेरी गांड मारी।


इस चुदाई से मैं थक गयी थी.


मैंने झीनी नाइटी पहनी.

सुनील नंगा सो रहा था, मैं भी सो गयी.


सुबह सुनील ने मुझे जगाया, उसका लंड खड़ा था, मुझे कहा- चूसो!

मैंने लंड चूसकर वीर्य पी लिया।


तीन दिनों में सुनील ने हर दिन तीन चार बार मुझे चोदा।

शाम को घुमाने ले जाता, बाहर खाना खिलाता.


सुनील- तुषार तुम्हें अपने साथ बाहर नहीं ले सकता क्योंकि उसे बहुत लोग जानते हैं. मेरे साथ यह समस्या नहीं है.


चौथे दिन तुषार ने मुझे फ़ोन पर कहा कि वह 15 मिनट में आ रहा है।


मैं ब्रा पैंटी पहनकर आँख में पट्टी बांधकर घुटनों के बल हॉल में इन्जार कर रही थी, सुनील देख रहा था।


तुषार अंदर आकर लंड चुसवाने लगा, मुँह चोदने लगा.

मैंने वीर्य पी लिया, आंख की पट्टी खोल दी.


तुषार मुझे बाथरूम ले गया.

हम दोनों नंगे हो गए.


तुषार ने फर्श पर बैठकर मेरी चूत में मुँह लगाया.

मैं मूतने लगी, तुषार मेरा मूत पीने लगा।


बाथरूम के खुले दरवाज़े से सुनील सब देख रहा था।


फिर मैं फर्श पर बैठी, तुषार मुझे मूत पिलाने लगा।


सुनील नंगा होकर बाथरूम में घुस गया, वह भी मुझे मूत पिलाने लगा।


हम तीनों ने साथ नहाये.


सुनील ने मुझे बैडरूम ले जाकर चूत में लंड डाला, मैंने अपने पैर सुनील की कमर में लपेट लिए, बांहें सुनील की गर्दन के पीछे ले जाकर पकड़ ली।


सुनील खड़ा हुआ, खड़े खड़े चोदने लगा।

तुषार अपना लंड मेरी गांड में डालकर चोदने लगा।


एक साथ दो लंड जाने से मजे और दर्द से मैं चीखने लगी।


फिर दोनों ने बिस्तर में मेरी चूत गांड में एक साथ लंड डालकर काफी देर चोदा.


लंच के बाद सबने आराम किया.


रात को सुनील तुषार व्हिस्की पीने बैठे.

मैं मिनी स्कर्ट ब्रा में साकी बनी, मैंने भी व्हिस्की पी।

दोनों ने मुझे लंड चुसवाया।


फिर हम तीनों नंगे हो गए.


तुषार- मेरी फंतासी है कि मैं बालकोनी में चोदूँ।

मैं- कोई देख लेगा. मैं दिन भर अकेली रहती हूँ।


पर वे दोनों मुझे बालकोनी ले गए।

मुझे झुकाकर हाथ रेलिंग से बांधकर कहा- यहाँ आस पास कोई देखने वाला नहीं है।

चांदनी रात थी.


तुषार, सुनील ने मुझे बेल्ट से पीटकर कहा- साली रंडी, नखरा करती है।

पिटने से मुझे जोश आ गया।


दोनों ने मेरी चूत गांड बारी बारी मारी।


मुझे बंधा छोड़कर दोनों व्हिस्की पीने लगे.

एक घंटे बाद फिरसे मेरी चुदाई हुई।


उन्होंने मुझे खोला, मैं जाकर सो गयी।


सुबह तुषार चला गया.


वह शाम को आता मेरी सैंडविच चुदाई होती.


सुनील दस दिन रहा, मुझे जमकर चोदा, जाते समय मुझे काफी रूपए दे गया।

बाकी के पांच दिन तुषार आता।


एक महीना ख़त्म हुआ, जाते समय मेरे पास चार लाख और सुनील के दिए रूपए थे.

मैं पक्की रंडी बनकर लौटी।

मैंने कॉपर टी लगवा ली.


आंटी ने ग्राहकों को मेरा मोबाइल नंबर दे दिया.

मैं अपने पर्स में कंडोम और के वाई जैल रखती, जैल गांड मरवाने के समय काम आती।


ग्राहक मुझे होटल / फ्लैट / फार्म हाउस ले जाते।

आंटी की सलाह पर मैं हफ्ते में दो तीन ग्राहक ही लेती।


ग्राहक काफी रूपए देते, उनको पूरी तरह संतुष्ट करना पड़ता और खुद भी सम्भोग के समय मजा लेती।

सुनील तुषार मेरे रेगुलर ग्राहक बन गए.


दिन के समय मैं एक सहकारी चाय नाश्ते की दूकान में काम करती.

दूकान में सभी महिलायें थी जो कालगर्ल का काम करती थी, या कर चुकी थी।


दूकान के मुनाफे और कितने घंटे काम किया के हिसाब से हमारी कमाई पेपर पर दिखाई जाती.

सिर्फ रिटायर्ड कालगर्ल को पैसे मिलते।


जो लड़किया अभी भी कालगर्ल हैं, उनको ज्यादा घंटे काम किया दिखाया जाता।

हम कालगर्ल की कमाई नकद में होती है.

दूकान की कमाई से काला पैसा सफ़ेद होता.

हम बैंक में अपने पैसे रखते.


मैं अपने जीवन की यादगार घटना बताती हूँ.


एक बूढ़ा बिज़नेसमैन ललित मुझे फार्म हाउस ले गया, तय रूपए दिए।


उसने मेरे नंगे बदन को देखा, फिर बोला- कपड़े पहन लो।


ललित- मेरे दो नौकर तुम्हारे साथ सम्भोग करेंगे, मुझे लाइव शो देखना है!

उसने अपने नौकरों की फोटो दिखाई.


दोनों तगड़े जवान थे।


उसने पूछा- क्या तुम तैयार हो?

मैं बोली- सेक्स कंडोम लगाकर होगा. कोई फोटो / वीडियो नहीं उतारेगा।


दो सांडों के साथ तो बहुत दर्द होगा, तो मैंने काफी ज्यादा रूपए मांगे.

मैं बैचलर्स पार्टी में सामूहिक सम्भोग झेल चुकी थी, दो के साथ मुश्किल नहीं थी.


ललित राजी हो गया, बोला- शो कल होगा.


अगली शाम मैं वहाँ गयी।

हॉल में बड़ा पलंग था, तेज रोशनी थी।


दोनों नौकर आये, उन्होंने सेक्स बढ़ाने की दवा ली.


ललित- मैं जैसा कहूँ, वैसा करना!

उसने हम तीनों को कुछ सेक्स वीडियो दिखाकर कहा- इन आसनों में सम्भोग करना, कुछ गलती हुई तो बता दूंगा.


मैं और दोनों नौकर नंगे हो गए।

दोनों ने मेरी एक एक चूची पर कब्ज़ा कर लिया, खूब दबाई।


मैंने उनके लंड पर कंडोम चढ़ाया, चूसने लगी।


फिर नौकरों ने मेरी गांड / चूत अलग अलग आसनो में चोदी।


मैं एक के लंड की सवारी कर रही थी, दूसरा मेरी गांड मारने लगा।


मैं खूब चीख रही थी जैसे दर्द हो रहा हो।


जहाँ गलती होती, ललित बता देते।


शो एक घंटे चला, मैंने ऐसा दिखाया मैं बहुत थक गयी हूँ.


ललित- शो अच्छा था, तुम यहीं रुक जाओ, कल रात फिर सेक्स शो करेंगे, मेरे ख़ास मेहमान आएंगे।

मैं रुक गयी.


रात को मुझे सिर्फ पैंटी पहनाकर एक नीची टेबल पर बिठाया गया, टेबल पर डोली के समान बांस बंधे थे।


दोनों नौकर सिर्फ फ्रैंची पहने थे, वे डोली उठाकर हॉल में आये।


हाल में चार अधेड़ जोड़े बैठे थे।

सेक्स शो शुरू हुआ, मैं खूब चीखी, शो के दौरान दर्शक पास आकर भी देखते।


शो सबको बहुत पसंद आया।


सभी मेहमान पुरुष, महिलाओं ने मेरा मोबाइल नंबर लिया।

मैंने देखा कि ललित ने मेहमानो से रूपए लिए।

मुझे अपने तय रूपए मिले.


चारों पुरुष मेहमान मेरे ग्राहक बन गए।


उन महिलाओं में से एक डॉक्टर थी.

उसने मुझे अपने घर बुलाकर कहा- हम चार सहेलियां तुम्हारे साथ लेस्बियन सेक्स करना चाहती हैं.


मुझे लेस्बियन सेक्स के बारे में मालूम नहीं था, डॉक्टर ने मुझे कुछ वीडियो दिखाए.

मैं राजी हो गयी।


डॉक्टर ने मेरी जाँच की, दो दिन बाद रिपोर्ट आ गयी, मुझे यौन बीमारी नहीं है.


वैसे भी मैं आंटी की सलाह पर हर दो महीने बाद जाँच करा लेती थी।


रूपए और दिन तय हुए.


तय शाम मैं बताई जगह गयी।


चारों महिलायें स्कर्ट ब्लाउज पहने बैठी थी।

उनके कहने पर मैं ब्रा पैंटी में उनको शराब सर्व करने लगी।

जिसको मैं ग्लास देती वो मेरे होंठ चूमकर, मेरे चूचे दबा देती।


एक महिला- सबकी चूत चाटो चूसो।

मैंने चारों की चूत उनके कामरस निकलते तक चूसी.

किसी ने पैंटी नहीं पहनी थी.


दूसरे पेग के बाद मुझे नंगी कर खड़ा किया और चारों मेरे बदन पर टूट पड़ी, मुझे चूम रही थी चूचे दबा रही थी, चूत, कूल्हों पर हाथ फेर रही थी.

मुझे मजा आने लगा।


मुझे पलंग पर चित लिटाकर एक महिला अपनी चूत मेरी चूत से रगड़ने लगी.

बाकी महिलायें मेरे और मेरे ऊपर चढ़ी महिला के चूचे दबाने लगी।


दो महिलाओं ने भी चूत से चूत रगड़ी।

एक महिला ने मेरे साथ 69 पोजीशन में चूत चुसवाई, चूसी.


मैं कई साल तक उनके पास जाती रही, मैंने उनकी मूत भी पी.

उन्होंने स्ट्राप ऑन डिलडो लगाकर मुझे चोदा भी.


मैं 9 साल से कालगर्ल का काम कर रही थी, मेरी उम्र 27 हो गयी।


मेरे बैंक में बाकी जिंदगी के लिए काफी रूपए थे।

मेरे ग्राहक कम हो गए।


मैंने माँ के लिए फ्लैट खरीद लिया, उनको काफी रूपए दिए, पिताजी रिटायर्ड थे।


उन्हें मैंने बताया कि मैं चाय नाश्ते की दूकान की पार्टनर हूँ.


माँ मुझे शादी करने को कहती थी.

उन्होंने बताया हरियाणा में लड़कियों की कमी है, लड़का मिल जायेगा.

हम हरयाणा से ही हैं।


मैंने हाँ कह दिया और माँ को बताया कि मैं कुछ साल अपने बॉयफ्रेंड के साथ रही हूँ, कुंवारी नहीं हूँ। शादी के पहले लड़के को यह बता देना.


माँ ने शादी के एजेंट से बात की, उसे मेरे एक्स बॉयफ्रेंड की बात बताई।

एजेंट काइयाँ था, वह ताड़ गया।


एजेंट ने मुझे अकेले में कहा- दूल्हे का एक छोटा भाई है, उसे भी संभालना होगा.


मैं माँ के साथ होने वाले दूल्हे और देवर से मिली, दोनों लम्बे तगड़े थे, शादी तय हो गयी।

एक महीने बाद शादी हो गयी।


सुहागरात को मेरे पति ने धुआँधार संभोग किया, कमरे से चला गया।


मैं फिर तैयार होकर बैठी, देवर ने आकर सुहागरात मनाई।


मैं एक साल से उनके साथ हूँ, खुश हूँ, कॉपर टी निकलवाने की सोच ली है।


मैंने अपने कालगर्ल जीवन में जो कामक्रीड़ा, सम्भोग के आसन सीखे थे, उनका उपयोग पति और देवर के साथ बिस्तर में करती.

दोनों इससे बहुत खुश थे।


मैंने सोच रखा है कि यदि देवर ने कभी शादी की तो मैं कामकला देवरानी को सिखाऊंगी।


मेरे बैंक में रूपए के बारे उनको नहीं बताया।


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