मेरी पहली चुदाई सेक्सी पड़ोसन संग - Desi Kahani
- Kamvasna
- May 2
- 18 min read
प्रिय पाठको, मेरा नाम राजेश कावड़ है और मैं धार जिले का रहने वाला हूं.
मैं इस कामवासना का नियमित पाठक हूं. मैंने यहां पर कई सारी कहानियां पढ़ीं और मैंने भी सोचा कि मैं भी अपनी एक कहानी लिखूं.
मैं देखने में ठीक हूं और मेरा शरीर औसत से ऊपर दर्जे का है. एक्सरसाइज करना मेरी आदत है इसलिए बॉडी अच्छी दिखती है. मेरा लिंग 7 इंच का है और बहुत ही मजा देता है.
हमारे मौहल्ले में एक नई नई भाभी रहने आई थी. पहली बार जब मैंने देखा तो मैं उसे देखता ही रह गया.
उसने साड़ी पहनी थी और बाल पीछे बांधकर नीचे से खुले छोड़े हुए थे. उसके गोरे मुखड़े पर काला चश्मा था और होंठों पर लाली थी. उसके खूबसूरत गोरे हाथों में एक बैग था जो उसके कंधे पर लटका हुआ था. देखने में जैसे कोई टीचर लग रही थी.
अपने बदन को उसने खूब मेंटेन करके रखा हुआ था. उसकी साड़ी में भी उसकी पतली कमर और मीडियम आकार की गांड बहुत खूबसूरत लग रही थी. उसकी चूचियों पर ब्लाउज एकदम से फिट था.
फिर मैंने उस पर ध्यान देना शुरू किया. वो रोज सुबह 7:00 बजे जब कंपनी जाती थी तो मैं उसे रोज देखता था.
पहले तो उसने ध्यान नहीं दिया लेकिन फिर धीरे धीरे हमारी नजरें मिलने लगीं. फिर वह भी रोज मेरी तरफ स्माइल करके चली जाती थी.
एक दिन की बात है कि मुझे मंदिर जाना था. मैं पूजा करने गया तो इत्तेफाक से वो भी उस दिन मंदिर गयी हुई थी.
जब मैं पहुंचा तो मैंने उसे देखकर स्माइल दी और बदले में वो भी मुस्करा दी.
पूजा होने के बाद हम बाहर आने लगे तो उससे बातें होने लगी.
फिर मुझे पता चला कि उसके पति ने उसको छोड़ दिया है और वो अपने बेटे के साथ अकेली रहती है.
मुझे ये जानकर दुख हुआ और मैंने उसे सॉरी बोलकर हिम्मत बंधाई।
उसके बाद मैंने हिम्मत करके उससे नम्बर मांग लिया. पहले तो उसको थोड़ा अजीब लगा लेकिन फिर कुछ सोचकर उसने नम्बर दे दिया.
मैं खुश हो गया. मैंने भी उसको अपना नम्बर दे दिया.
उस दिन घर जाकर मैंने जाते ही मुठ मारी.
फिर मैं इंतजार करने लगा कि उसका शायद कोई मैसेज या कॉल आये. मगर पूरा दिन बीत जाने के बाद भी कोई कॉल नहीं आया.
जब मुझसे रहा नहीं गया तो मैंने रात के 10 बजे कॉल किया.
उसने मेरा कॉल नहीं उठाया और मैसेज लिख कर भेज दिया कि वो अपने बेटे के साथ में है.
उसने लिखा था कि वो दिन में बात करेगी.
अगले दिन फिर उसका कोई फोन नहीं आया.
मैंने उसको कॉल किया तो वो अपने ऑफिस में थी.
उसने एक दो बात की और फिर कहा कि वो बिजी है.
मुझे बुरा लगा. शायद वो मुझसे पटने वाली नहीं थी.
मगर मैंने हिम्मत नहीं हारी. मैं उसको मैसेज करता रहा.
वो भी रिप्लाई दे देती थी लेकिन ज्यादा कुछ बात नहीं करती थी.
ऐसे ही दिन बीतते गये.
एक दिन उसके बेटे को बुखार हुआ तो उसने मेरी मदद मांगी.
मैं उसके बेटे को लेकर उसके साथ अस्पताल गया. उस दिन उसने मेरा बहुत धन्यवाद किया. पहली बार उसने मुझे अपने घर पर चाय पिलाई.
मैं उस दिन बहुत खुश था.
फिर ऐसे ही वो बात भी करने लगी. व्हाट्सएप चैट और फोन पर भी बात होती रही.
अब वो थोड़ा खुलने लगी थी. मैं उसको डबल मीनिंग मैसेज भी कर दिया करता था.
वो कुछ नहीं बोलती थी.
ऐसे ही होते होते कई बार मैं उसको गर्म करने की कोशिश किया करता था. वो भी शायद इस तरह की बातों का मजा लेने लगी थी.
एक दिन उसने मुझसे मेरी फोटो मांगी.
मैंने अपनी अच्छी अच्छी फोटो उसको भेजी.
फिर उसने बिना शर्ट की फोटो मांग ली. मैं समझ गया कि अब ये आगे बढ़ना चाहती है. मैंने उसको बिना शर्ट की फोटो दे दी.
मेरी छाती अच्छी शेप में थी. मेरे डोले भी बने हुए थे.
उसने लिखा- वैरी नाइस. आपकी बॉडी तो बहुत अच्छी है.
मैंने लिखा- थैंक्यू.
मैं बोला- मेरा भी मन कुछ देखने का है. अगर आप बुरा न मानें तो?
वो बोली- नहीं, मैं नहीं दिखा सकती.
मैंने कहा- आपके एक बार कहने पर ही मैंने अपनी फोटो दे दी. आप भी तो मेरी बात को मानो.
वो बोली- ओके, क्या देखना चाहते हो आप?
मैंने लिखा- आपको बिना पल्लू के देखना चाहता हूं. ब्लाउज में.
वो बोली- अभी तो मैंने मैक्सी पहनी हुई है.
मैंने कहा- तो फिर उसी में भेज दो ऊपर वाले हिस्से की.
दोस्तो, उसने फिर जो पिक भेजी, उसे देखकर ही मेरा लंड टनटना गया.
उसने लेटी हुई की फोटो भेजी. उसकी चूचियां उसकी मैक्सी के ऊपर आने को हो रही थीं.
लेटी होने के कारण उसके गुब्बारे और ज्यादा बड़े और मोटे लग रहे थे.
मैं बोला- थोड़ा नजारा और मिल सकता है क्या?
वो बोली- नहीं. अभी नहीं. फिर कभी.
मैंने कहा- प्लीज!
वो बोली- नो!
फिर मैंने अपनी लोअर में उठे अपने तंबू की फोटो उसको भेज दी.
मैंने लिखा- प्लीज आदीबा जी, देखो न … आपकी एक फोटो ने मेरा क्या हाल कर दिया है.
वो बोली- आप तो बहुत बेशर्म हो.
मैं बोला- बेशर्म नहीं, प्यार करने लगा हूं आपसे. प्लीज भेज दो.
फिर उसने अपनी मैक्सी को हल्की सी हाथ से नीचे खींच कर अपनी आधी चूची दिखा दी.
मैं तो पागल सा हो गया. उसकी गोरी चूचियां देखकर लंड फटने को हो गया.
उसने नीचे से ब्रा भी नहीं पहनी थी. मेरा लंड झटके देने लगा. मैंने उछलते लंड का वीडियो बनाया और उसको भेज दिया.
उसने शर्म वाला इमोजी भेजा और बोली- हट्ट … बेशर्म।
फिर मैंने मेरे हाथ का मेरे लंड को मसलते का वीडियो भेज दिया.
उसने मैसेज देख लिया लेकिन कोई रिप्लाई नहीं किया.
फिर बोली- ऐसे मत करो प्लीज।
मैंने कहा- क्यों?
वो बोली- मुझे कुछ हो रहा है.
मैं बोला- क्या हो रहा है मेरी रानी … खुलकर बताओ ना … मुझे अपना ही समझो जान!
वो बोली- मेरा मन कर रहा है.
मैंने कहा- क्या मन कर रहा है जान?
वो बोली- वो … वो करने का.
मैंने कहा- क्या वो?
उसने कहा- समझ जाओ अब, मैं बता नहीं सकती.
मैंने कहा- तो फिर मैं तो तैयार हूं.
इस तरह से हमारी सेक्स चैट इन हिंदी होने लगी.
मैंने अपनी लोअर उतारी और अंडरवियर में तने मेरे लंड को हाथ में पकड़ कर उसकी फोटो भेज दी.
एकदम से उसका मैसेज आया- आह्ह … ऐसी फोटो मत भेजो राजेश.
मैंने कहा- क्यूं, क्या हुआ? आपको अच्छा नहीं लग रहा?
वो बोली- बहुत अच्छा लग रहा है. मगर मैं फिर रोक नहीं पाऊंगी.
मैंने कहा- तो फिर रोकने को कौन कह रहा है जान … मेरी रानी … उतार दो ना अब तुम भी मैक्सी. प्लीज … आदीबा … उतार दो यार प्लीज.
उसने अगली फोटो में अपनी मैक्सी उतार दी. उसने मैक्सी उतार कर पेट पर नीचे तक ढक ली थी और उसकी मोटी गोरी चूचियां एकदम तन कर खड़ी हो चुकी थीं.
मैंने नंगी चूची देखते ही अंडरवियर उतार दिया और अपने फनफनाते लौड़े की वीडियो उसे भेज दी.
उसने अगले ही पल एक वॉइस रिकॉर्ड भेजी जिसमें उसकी आवाज आई- आह्ह।
सुनकर मैंने पूछा- क्या हुआ रानी?
वो बोली- कुछ करो अब, मैं गर्म हो रही हूं.
मैंने कहा- तो फिर मैक्सी को हटा दो अपने बदन से.
उसने अपनी मैक्सी हटा दी और उसकी चूत और चूची दोनों उसने दिखा दीं.
मैं तो पागल हो गया और जोर जोर से लंड की मुठ मारने लगा.
पहली बार उसकी चूत देखी थी इसलिए दो मिनट में ही मेरे लंड ने पानी फेंक दिया.
वो इंतजार करने के बाद बोली- कहां चले गये?
मैंने कहा- अब तो कहीं नहीं जा सकता. तुमने पागल कर दिया है मुझे. अपनी आंखें बंद करो और सोचो कि मैं तुम्हारी चूत में उंगली से सहला रहा हूं.
उसने मैसेज में सेक्स करना शुरू कर दिया.
मैंने कहा- अब मैं तुम्हारी चूत में उंगली कर रहा हूं. मेरी उंगली अंदर तक जा रही है. तुम्हें मजा आ रहा मेरी रानी.
वो बोली- हां राजू … बहुत मजा आ रहा है. करते रहो … आह्ह … मेरी चूत!
मैं बोला- अब मैं तुम्हारी चूत में जीभ घुमा रहा हूं.
उसने उत्तेजना में एकदम से लिखा- आह्ह … आह्ह … मेरी चूत … हां … मेरी चूत … चाटो … आह्ह … ऐेसे ही.
फिर मैंने कहा- अब मैं तुम्हारी टांगों को पकड़ कर सिर को चूत में रगड़ रहा हूं.
वो बोली- आह्ह … राजेश … मर जाऊंगी मैं … आह्ह … जोर जोर से उंगली कर रही हूं … आह्ह … कुछ करो.
मैंने कहा- हां जान … तुम मेरी हो. अब मैं तुम्हारे ऊपर लेटकर तुम्हारी चूची दबाते हुए होंठों को पी रहा हूं.
वो बोली- हां पीओ … काटो .. आह्ह … और जोर से दबाओ.
फिर मैं बोला- मेरा लंड अब तुम्हारी चूत पर लगा है और चूत को रगड़ रहा है.
वो बोली- आह्ह … मर गयी … ओह्ह … मत तड़पाओ राजेश … आह्ह डाल दो अंदर.
मैंने कहा- क्या डाल दूं मेरी जान?
वो बोली- अपना वो.
मैंने कहा- मेरा क्या वो?
वो बोली- तुम्हारा लंड!
उसके मुंह से लंड सुनकर मैं भी फिर से जोश में आ गया. अब तक मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था.
मैंने कहा- क्या तुम मेरा लंड अपनी चूत में लेना चाहती हो?
वो बोली- हां मैं तुम्हारा लंड अपनी चूत में लेना चाहती हूं. मैं चुदना चाहती हूं. आह्ह … चोद दो प्लीज!
मैं बोला- जान, किसी को पता चल गया तो?
वो बोली- चलने दो, मुझे चोद दो बस!
मैंने कहा- तो फिर चूत खोल लो आदीबा रानी.
वो बोली- टांगें फैलाकर तरस रही हूं.
मैंने कहा- दिखाओ?
उसने अपनी चूत को अपनी उंगलियों से फैलाकर फोटो खींच दी और मुझे भेजी.
उसकी चूत वाकई में ही फूल गयी थी और पूरी गीली लग रही थी.
मैंने उसकी चूत देखकर जल्दी से मुठ मारना शुरू कर दिया.
फिर मैं बोला- सोचो अब मैं तुम्हारी चूत में लंड लगा रहा हूं.
वो बोली- हां, आओ … करो प्लीज!
मैंने कहा- अब मेरा लंड तुम्हारी चूत में जा रहा है.
वो बोली- आह्ह … हां … जा रहा है.
मैं- चूत में उंगली डाल लो आदीबा. समझो कि मेरा लंड है.
वो बोली- मैं दूसरे रूम में जा रही हूं. कॉल पर बात करूंगी.
मैंने भी अपने रूम का दरवाजा अंदर से लॉक कर लिया. मैं जल्दी से बेड पर जाकर लेट गया. मैं उसके कॉल का इंतजार करने लगा.
दो मिनट के बाद उसका कॉल आया.
मैं अब तक लंड को हिला रहा था.
उसने कहा- हैलो, राजेश?
मैंने कहा- हां जी, बोलो.
वो बोली- बहुत मन कर रहा है.
मैंने कहा- अभी तुम क्या कर रही हो?
वो बोली- दूसरे रूम में आकर चूत फैलाकर बेड पर लेटी हुई उंगली से सहला रही हूं.
मैंने कहा- तो आंखें बंद करो और सोचो कि मैं तुम्हारे बेड पर आ गया हूं.
उसने कहा- हां … मैं महसूस कर रही हूं.
मैं- अब मेरा लंड तुम्हारी चूत में छू रहा है.
वो- हां, छू रहा है. मुझे अच्छा लग रहा है … आह्ह।
मैं- अब मैंने तुम्हारी चूत में लंड का सुपारा फंसा दिया.
वो- आह्ह … हां … गया … आईई … आराम से … राजेश.
मैं- दर्द हो रहा है क्या मेरी जान?
वो बोली- हां, हल्का सा.
मैं- अब मैं धीरे धीरे लंड को पूरा अंदर तक घुसा रहा हूं.
वो- आह्ह … हां .. गया … आह्ह … मेरी चूत में लंड गया.
मैं- अब मैं तुम्हारे ऊपर लेट गया हूं और मेरा लंड तुम्हारी चूत में है.
वो सिसकार कर बोली- आह्ह चोदो … अब प्लीज. बहुत दिनों से लंड नहीं लिया है मैंने.
फिर मैं सिसकारते हुए आह्ह … आह्ह … करने लगा. मैं अपने लंड की मुठ मार रहा था.
उधर से आदीबा की चूड़ियों और सिसकारियों की आवाज आ रही थी.
वो भी अपनी चूत में उंगली करते हुए मजा ले रही थी.
मैंने कहा- जान … मेरा लंड तुम्हारी चूत में अंदर बाहर हो रहा है. तुम्हारी गर्म चूत का मजा मिल रहा है मुझे.
वो- हां, मैं भी तुम्हारा गर्म लंड लेकर चुद रही हूं. आह्ह … चोदते रहो.
मैं- ये ले जान … आह्ह … आह्ह … ले मेरे लंड के धक्के … आह्ह … और ले … आह्ह … पूरा घुसा ले तेरी चूत में मेरी रानी.
वो जोर से सिसकारते हुए- आह्ह … मजा … आ … रहा है … और जोर से चोदो. आह्ह … मेरी चूत में पूरा घुसा दो.
सिसकारते हुए मैं- हाय … तेरी चूत … आह्ह … ले … फाड़ दूंगा आज मैं तेरी भट्टी … आह्ह … चुद … और चुद … आह्ह … ले जा पूरा अंदर।
वो जोर जोर से सिसकारने लगी और मैं भी जोर जोर से अपने लंड की मुठ मारने लगा. लंड की नसें दर्द करने लगीं. काफी देर से मैं लंड को रगड़ रहा था.
उधर आदीबा की हालत भी खराब होती जा रही थी.
उसकी तेज सांसें मुझे फोन में से साफ सुनाईं दे रही थीं.
फिर वो जोर जोर से आवाजें करने लगी और एकदम से पागल सी हो गयी.
मैं भी उसकी उत्तेजना में आकर एकदम से चरम पर पहुंच गया.
मेरे लंड से गर्म वीर्य की धार फूट पड़ी और मेरे पूरे बदन में कंपकंपी तैर गयी. झटके लेता हुआ मैं निढाल सा हो गया.
फिर मैं आनंद में आंख बंद करके लेट गया.
आदीबा की आवाज भी बंद हो गयी थी. वो शांत हो चुकी थी.
मैंने धीरे से पूछा- मजा आया मेरी रानी?
वो बोली- हां, बहुत. बहुत दिनों बाद निकला है आज। अगर तुम फोन पर ऐसा कर सकते हो तो रियल में कैसे करोगे?
मैंने कहा- मौका तो दो. तुम याद न करो तो कहना.
वो बोली- ठीक है. फिर शायद कल ही मैं तुम्हें बुलाऊंगी. तुम तैयार रहना.
मैं- हां, मैं तो बेताब हूं तुमसे मिलन करने के लिए.
वो बोली- ठीक है. अब मुझे नींद आ रही है. सुबह से थकी हुई हूं. अब सो जाना चाहिए.
मैंने कहा- ठीक है. एक बार आई लव यू तो बोल दो?
उसने कहा- आई लव यू.
मैंने कहा- आई लव यू टू मेरी रानी.
फिर हम दोनों ने कॉल खत्म की और सो गये. अब मुझे अगले दिन का इंतजार था.
मैं आदीबा की जवानी का रस पीने के लिए अब और ज्यादा तरस गया था.
अब मैं अगले दिन उठा और जल्दी से नहा धोकर तैयार हो गया.
मैं उसके फोन का इंतजार करने लगा.
11 बजे के करीब उसका मैसेज मिला. उसने घर आने के लिए लिखा था.
मैं घर पर बहाना बनाकर निकल गया कि पास के दोस्त के यहां जा रहा हूं.
फिर मैं अपने दोस्त के घर तक गया और वहां से वापस आकर दूसरी गली से भाभी के घर के पास पीछे की ओर पहुंचा.
पहुंचकर मैंने फोन किया और कहा कि मैं पिछले दरवाजे से आऊंगा.
उसने कहा कि वो गेट खुला रखेगी.
दो मिनट बाद मैं नजर बचाकर सावधानी से उसके घर में पीछे के गेट से घुस गया.
जाते ही मैंने दरवाजा बंद कर लिया. इतने में वो भी आ गयी.
फिर हम दोनों अंदर चले गये. उसका बेटा स्कूल में था. वो घर में अकेली थी.
अंदर रूम में जाते ही दोनों ही एक दूसरे की बांहों में लिपट गये.
मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और उसको किस करने लगा.
वो भी उतनी ही मस्ती से मेरे होंठों को चूसने लगी.
मैंने उसकी फिगर पर हाथ फिराना शुरू कर दिया.
उसने अपनी मैक्सी डाली हुई थी. उसकी नर्म चूचियां मुझे मेरी छाती पर महसूस हो रही थीं.
फिर मेरे हाथ उसकी गांड पर चले गये.
उसकी नर्म नर्म गद्देदार गांड को दबाते हुए मेरी उत्तेजना और ज्यादा बढ़ने लगी.
हम लोग काफी देर किस करते रहे और एक दूसरे के जिस्मों को सहलाते रहे.
मेरा लंड मेरी पैंट में पूरा तंबू बना चुका था. मैं उसकी जांघों के बीच में उसकी मैक्सी के ऊपर से ही उसकी चूत को अपने लंड से टच करवाने की कोशिश कर रहा था.
उसकी मैक्सी लंड और चूत के बीच में दीवार बन गयी थी.
लंड और चूत दोनों एक दूसरे से मिलने के लिए बेताब थे.
मैं उसकी जांघों के बीच में धक्के लगा रहा था और वो भी अपने जिस्म को आगे की ओर धकेल रही थी.
फिर मैंने उसको उठाकर बेड पर पटक लिया.
धीरे धीरे मैं उसके होंठों पर किस करने लगा.
मैं एक हाथ को उसकी मैक्सी ऊपर से उसकी चूत पर ले गया.
अब मैं होंठों को चूसते हुए उसकी चूत को सहला रहा था.
फिर मेरा हाथ उसकी मैक्सी को उठाने लगा.
उसकी जांघों तक उठाकर मैंने उसकी चिकनी जांघों पर हाथ फेरा.
फिर उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को सहला दिया.
उसकी टांगें और अधिक फैल गयीं. मैं तेजी से उसकी चूत को रगड़ते हुए उसके होंठों को काटने और चूसने लगा.
उसका हाथ भी मेरे लंड को पकड़ चुका था.
धीरे धीरे उसकी पैंटी गीली होने लगी.
मेरी उत्तेजना भी बढ़ने लगी.
मैं तेजी से उसकी चूत को मसलने लगा.
उसकी गीली पैंटी के ऊपर से चूत को रगड़ने में और ज्यादा मजा आ रहा था.
अब मुझसे रुका न गया और मैंने उसकी मैक्सी उतरवा दी.
ब्रा और पैंटी में वो एकदम से काम की देवी लग रही थी.
उसके बदन पर कहीं पर भी फालतू चर्बी नहीं थी.
आदीबा भाभी के बदन को देखकर लग रहा था कि जैसे कि उसको तराशा गया है.
मैंने उसकी चूचियों को ब्रा के ऊपर से मसला. उसकी चूत को भी सूंघा और चाटा.
वो सिसिया गयी.
फिर मैंने उसकी ब्रा निकलवा दी और उसकी चूचियों पर टूट पड़ा.
मैं दोनों चूचों को दोनों हाथों से भींच भींचकर उसकी सिसकारी निकलवाने लगा.
मुझे इसमें बहुत मजा आ रहा था.
वो जितनी जोर से सिसकारती फिर मैं उतनी ही और जोर से उसकी चूचियों को भींच देता.
इस तरह से उसकी चूचियां मैंने लाल कर दीं.
फिर मैं उसके पेट को चूमता हुआ उसकी पैंटी की ओर बढ़ा.
मैंने अपने दांतों से उसकी पैंटी नीचे खींची.
मुझे उसकी चूत की खुशबू मिलने लगी.
फिर मैंने धीरे से दोनों हाथों से उसकी पैंटी निकाल दी.
उसने भी गांड उठाकर मेरा साथ दिया.
अब वो पूरी की पूरी नंगी मेरे सामने पड़ी थी.
मैंने उसकी जांघों को पकड़ कर उठाया और उसकी चूत में मुंह दे दिया.
वो एकदम से सिसकार उठी- आह्ह … राजेश … ओहह … मेरी चूत।
मैं उसकी चूत चाटने लगा. उसकी चूत बहुत ही स्वादिष्ट लग रही थी. उसकी चूत चाटकर मजा आ गया.
फिर मैं उठा और अपने कपड़े खोलकर उसके सामने नंगा हो गया.
उसने मेरा लंड देखा तो बोली- बहुत बड़ा है आपको तो … ये अंदर कैसे जायेगा?
मैंने कहा- ये तो मुझे नहीं पता क्योंकि मैं भी पहली बार किसी की चूत चोदने जा रहा हूं. मैंने अब तक केवल पोर्न में ही देखकर सब सीखा है.
फिर मैं उसके सामने लंड तानकर खड़ा हो गया; मेरा लंड उसके चेहरे के पास ले गया और बोला- तुम चूसना चाहोगी इसे?
उसने थोड़ा नखरा किया लेकिन मेरे एक दो बार कहने पर मान गयी.
वो मेरे लंड को मुंह में भरकर चूसने लगी.
मैं तो जैसे सातवें आसमान पर उड़ने लगा. मैं तेजी से उसके मुंह में लंड के धक्के देने लगा. मैंने उसके सिर को पकड़ लिया और तेजी से उसके मुंह को चोदने लगा.
उसको उल्टी आने लगी. फिर एकदम से उसने मुंह से लंड को बाहर निकाला और खांसने लगी.
मैंने उसको सॉरी बोली.
वो बोली- आराम से करो. तुम्हारा पहली बार है इसलिए कुछ बोल नहीं रही हूं. मैं ऐसे बर्ताव को पसंद नहीं करती.
मैंने कहा- सॉरी जान.
फिर उसने दोबारा से लंड को मुंह में भर लिया और चूसने लगी.
अबकी बार मैंने कुछ नहीं किया. बस वो ही मेरे लंड के साथ खेलती रही.
पांच मिनट तक चूस चूसकर उसने मेरे लंड का पानी निकलवा दिया.
उसने वीर्य को अपने मुंह में भर लिया लेकिन फिर बाद में एक ओर जाकर थूक दिया.
उसके बाद वो बेड पर आ गयी. एक बार फिर से मैं उसकी चूचियों के साथ खेलने लगा.
मैं उसके पूरे बदन पर किस करने लगा और उसकी चूत में उंगली चलाने लगा.
वो फिर से चुदासी हो गयी. वो मेरे सोये हुए लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी.
मैं उसकी गांड के छेद पर उंगली फिराने लगा.
उसकी गांड का छेद बहुत ही ज्यादा छोटा था.
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गये. मैंने उसकी चूत में जीभ दे दी और वो मेरे लौड़े को चूसने लगी.
दस मिनट की चुसाई के बाद हम फिर से तैयार थे.
मैंने उसको बेड पर पीठ के बल लेटाया और उसकी टांगों को कंधे पर रख कर उसकी चूत में लंड को पेल दिया.
मैं उसके ऊपर लेट गया और धीरे धीरे पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया.
उसको थोड़ा दर्द तो हुआ लेकिन वो बर्दाश्त कर गयी. पूरा लंड देकर मैं उससे चिपक गया और धीरे धीरे गांड को हिलाते हुए उसे चोदने लगा.
दोस्तो, बहुत मजा आ रहा था.
उसकी गर्म गर्म चूत में लंड से चोदते हुए जो आनंद मिल रहा था वो मैं बता नहीं सकता.
फिर धीरे धीरे मैंने स्पीड बढ़ा दी.
वो भी सिसकारियां लेते हुए चुदने लगी.
अब मैं पूरी स्पीड से उसकी चुदाई कर रहा था और वो मस्ती में मेरी पीठ को नोंचने लगी थी.
हमारी ये चुदाई 20 मिनट तक चली और फिर मैं उसकी चूत में धक्के लगाते हुए झड़ गया.
मुझे पता नहीं चला कि वो कब झड़ी.
फिर मैं थक कर लेट गया.
उसके बाद मैं उठा और हम दोनों ने खुद को साफ किया.
मैं अपने कपड़े पहन कर वापस चला गया.
उस दिन मैंने पहली बार किसी भाभी की चूत मारी थी.
मुझे मजा आ गया.
अब चूत चोदने का चस्का लग गया था. मैं अक्सर आदीबा को कहीं भी ले जाकर होटल या अपने दोस्तों के रूम पर चोदता था.
ऐसे ही एक बार रात को 12:30 बजे के लगभग मैं आदीबा की चुदाई करने के लिए उसके रूम पर जा रहा था.
मेरे घर से दो मकान छोड़ कर ही उसका मकान था.
उसके घर जाने से पहले मैंने उसको फोन पर बता दिया था कि दरवाजा खुला रखना.
मैं छत से कूदकर जा रहा था. जैसे ही मैं उसकी छत से अंदर सीढ़ी पर गया तो मुझे आदीबा की मकान मालकिन ने देख लिया.
उस समय तो मैंने उसे नहीं देखा था और मैं चुपके से आदीबा के कमरे में घुस गया.
उसने सिर्फ दरवाजे को अटका कर रखा था.
फिर मैं आदीबा को इधर-उधर देखने लगा. वो रजाई में लेटी हुई थी. उसको लेटे हुए देखा तो मैंने अपने सारे कपड़े उतार कर रजाई उठा ली और उससे चिपक कर लेट गया.
वो जागी हुई थी.
मेरे बदन का स्पर्श पाकर वो बोली- आ गये मेरे राजा?
मैं हंस दिया.
जैसे ही मैंने हाथ उसके चेहरे पर लगाया तो आदीबा ने कहा- जान … सोने दो.
मैंने कहा- मुझे भी अपनी बांहों में सुला लो.
उस समय उसने मैक्सी पहन रखी थी. मैंने मैक्सी को ऊपर उठाया तो देखा कि मेरी पसंदीदा ब्रा पैंटी पहन कर लेटी थी वो!
वो मेरी पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को सहलाने लगी.
जल्दी ही हम दोनों जोश में आ गये और मैंने उसकी रजाई उतार फेंकी.
उसका बेटा दूसरे रूम में सो रहा था.
मैंने उसको नंगी किया और खुद के कपड़े उताकर कर उसके ऊपर चढ़ गया.
मैंने उसको काफी देर तक चूसा और फिर उसके मुंह में लंड दे दिया. वो लंड को चूसने लगी और फिर मैं उसके मुंह में लंड को आगे पीछे करने लगा. उसके मुंह में लंड को अंदर बाहर होता देख मुझे बहुत मजा आ रहा था.
फिर मैं उसकी चूत पर हाथ फेरने लगा. मैंने एक उंगली उसकी चूत में डाली और और आगे पीछे करने लगा.
उसकी चूत से पानी बह रहा था जिससे वह गीली हो रही थी और मुझे बहुत अच्छा लग रहा था.
वो मेरे लंड को पकड़ कर हिलाने लगी जिसके बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए.
मैं उसकी चूत चाट रहा था और वो मेरे लौड़े के ऊपर जीभ से चाट रही थी जहां से मेरा पानी निकलता है.
मैं उसकी चूत ऐसे चाट रहा था जैसे उस पर मक्खन लगा हो. उसकी चूत का नमकीन पानी इतना स्वादिष्ट था कि मैं मदहोश होता जा रहा था.
एक तरफ उसका मुंह मेरे लंड को इतना मजा दे रहा था और दूसरी ओर उसकी चूत मेरे मुंह को मजा दे रही थी.
जब उससे रहा न गया तो वो मेरा लौड़ा पकड़ कर बोली- डाल भी दो अब … बहुत तरसा दिया तुमने मेरी चूत को. अब इसकी प्यास को शांत करो.
मैंने कहा- तो लंड को पूरा गीला कर दो जान!
फिर उसने मेरे लंड को गले तक भर लिया. मैंने उसके सिर को लंड पर दबा दिया और उसकी सांस रूक गयी. मगर मुझे मजा आ गया.
मेरा लौड़ा पूरा गीला हो गया और मैंने उसकी चूत पर लौड़े को रखा और धीरे-धीरे ऊपर नीचे करने लगा.
वो तड़पने लगी और लंड लेने के लिए मचल उठी.
फिर मैंने लंड को उसकी चूत के छेद पर टिकाकर निशाना बना दिया. फिर एक झटके में उसकी चूत में लंड उतार दिया. उसकी आह्ह निकली और वो लंड को अंदर ले गयी.
लंड अंदर जाते ही आदीबा ने मुझे पकड़कर अपने ऊपर खींच लिया और सिसकारते हुए बोली- आह्ह … चोद दे मेरे राजा … मेरी चूत को रगड़ दे. अपने लौड़े से चटनी कर दे इसकी. बहुत खुजली बढ़ गयी है अब इसकी.
मैं उसकी चूत में अपने लंड से ठोकने लगा. उसको मजा आने लगा और मैं जैसे चुदाई के मजे में खो गया.
मैं लोड़े को आगे पीछे करने लगा और उसके होंठों को पीने लगा, बूब्स दबाने लगा.
जैसे ही मैंने देखा कि उसे भी मजा आ रहा है तो मैंने लौड़े को थोड़ा और आगे धकेलना चाहा और धीरे-धीरे अपनी स्पीड बढ़ाने लगा.
वो धीरे धीरे आवाज करने लगी और कहने लगी- आह्ह … जान … आह्ह … मजा आ रहा है.
मैंने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी. वो नीचे से गांड उठाकर लंड को चूत में पूरा लेने लगी.
मुझे भी पूरा जोश चढ़ गया. पूरा मजा आ रहा था. मैं उसके होंठों को पीने लगा और चोदता रहा.
उस रात मैंने आदीबा भाभी को रात के 3:30 बजे तक दो बार चोदा जिससे मैं थक चुका था.
वो भी थक चुकी थी. मैंने अपने कपड़े पहन कर टाइम देखा तो सुबह हो गई थी.
फिर 4:00 बजे मैं वहां से निकला. फिर मैंने यहां वहां देखा और चुपके से दरवाजा खोलकर उसके घर से निकल आया और चुपचाप सीढ़ियों से होता हुआ ऊपर छत पर जाने लगा.
जैसे ही मैं ऊपर पहुंचा तो देखा कि उसकी मकान मालकिन वहीं खड़ी थी.
मैं तो एकदम से डर गया.
मगर वो मुझे देखकर मुस्कराने लगी.
मैं समझ नहीं पाया कि उसे क्या हुआ.
वो बोली- क्यों रे? इतनी रात को आदीबा के कमरे में क्या कर रहा था तू?
मैं कुछ नहीं बोला और चुपचाप खड़ा रहा.
वो बोली- बता, नहीं तो मैं शोर मचा दूंगी चोर कहकर!
मैं डर गया और बोला- मुझसे गलती हो गयी आंटी. माफ कर दो.
वो बोली- क्या करने आया था?
मैं- मैं तो आदीबा भाभी से मिलने आया था.
वो बोली- जो तू करने आया था, मैं सब समझती हूं. अब तो तेरी मम्मी से बोलना पड़ेगा.
मम्मी को बताने की बात से डरकर मैं उनके पैरों में गिर गया. मैं माफी मांगने लगा.
मैंने कहा- मैं फिर कभी नहीं आऊंगा यहां.
फिर वो बोली- डरो नहीं, मजाक कर रही हूं. मैं किसी से नहीं कहूंगी. तुम्हारी उम्र के लड़कों से ये सब हो जाता है.
वो बोली- देख, तुझे अभी सेक्स की जरूरत है. मैं भी अकेली हूं. जो तूने आदीबा के साथ किया, वो सब मेरे साथ करना चाहेगा?
मैंने कहा- आंटी, अभी तो मैं बहुत थक चुका हूं. मुझे जाने दो. बाद में आ जाऊंगा कभी.
वो बोली- देख लेना, अगर तूने चालाकी की तो मैं तेरी मां को सब कुछ बता दूंगी. वो अच्छी तरह जानती है मुझे.
फिर मैंने कहा- मैं आपसे वादा करता हूं, कल मैं पक्का आपके पास आ जाऊंगा. आपका मोबाइल नंबर दे दो.
आंटी से मैंने मोबाइल नंबर लिया और वहां से आ गया.
तो दोस्तो, यह घटना कुछ ही वक्त पुरानी है. आपको ये Desi Kahani कैसी लगी मुझे बताना जरूर. उसके बाद उस आंटी ने भी मेरा लंड लिया. भाभी की चुदाई के साथ ही मुझे आंटी की चुदाई का भी मौका मिल गया.
आंटी को चोदने के बाद आदीबा और आंटी में दोस्ती हो गयी.
फिर वो दोनों एक साथ चुदने के लिए तैयार हो गयीं. मैंने उन दोनों के साथ थ्रीसम का मजा लिया.
वह इंडियन ग्रुप सेक्स स्टोरी भी लिखूंगा. आप मेरी इस Desi Kahani पर अपनी राय देना न भूलें.
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