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मेरी बीवी की चुदाई अजनबी लड़को से - Desi Sex Stories

दोस्तो, मेरा नाम राजवीर है. मैं 28 साल का हूँ.

मेरी बीवी का नाम हर्षा है और वह 25 साल की है.


हम लोग गुजरात में जूनागढ़ के रहने वाले हैं.


मेरी शादी को 3 साल हो चुके हैं.


अपनी बीवी को मैं बहुत प्यार करता हूँ. मेरी बीवी भी मुझे बहुत प्यार करती है.

मैं और मेरी बीवी अपनी अपनी फैन्टेसी हर तरीके से पूरी करते हैं.


यह Desi Sex Stories मेरी पत्नी की है.


एक दिन रात में बेड पर हर्षा ने मुझसे कहा- बेबी, आज मेरे साथ कुछ अजीब हुआ था.

मैंने कहा- क्या हुआ था डार्लिंग?


हर्षा- शाम को मैं जब बाल्कनी में खड़ी होकर कॉफी पी रही थी. तब रोड के पास से एक जवान लड़का साइकल पर खड़े होकर मुझको ताड़ रहा था.

मैंने कहा- सच में!


हर्षा- हां … और जब मैंने उसकी तरफ देखा, तो उस ने मुझे हाय का इशारा भी किया.

मैंने कहा- क्या … नहीं, वह तुम्हें कोई और समझ रहा होगा!

हर्षा- हां जी, मुझे भी ऐसा ही लगा और मैं भी उसे नजरअंदाज करके बाल्कनी से अन्दर आ गई.


मैंने कहा- अच्छा काम किया … चलो अब कुछ अपना मनोरंजन करते हैं.

हर्षा- हमेशा तुम्हें मेरी लेने की पड़ी रहती है … हा हा हा.


मैंने कहा- अब क्या करूं, तुम हो ही ऐसी माल!


और मैंने उसको अपने पास खींचा और उसके साथ चूमाचाटी करने लगा.


जल्दी ही हमारे कपड़े निकल कर दूर हो गए और चुदाई का कार्यक्रम चालू हो गया.

हम दोनों में दो बार धकापेल हुई और झड़ कर थक गए, फिर एक दूसरे से यूं ही नंगे लिपट कर सो गए.


अगले दिन सवेरे मैंने नाश्ता किया और ऑफिस चला गया.

लेकिन लंच करते हुए भी रात की बात मेरे दिमाग़ में चल रही थी कि कोई अजनबी लड़का मेरी बीवी को ताड़ रहा है और हाय भी बोल रहा है.


मैं भी इस बात को कुछ समय के लिए भूल गया और शाम को घर लौट आया.


हर्षा ने फिर बताया- जी सुनो.

मैंने कहा- हां बोलो डियर!


हर्षा- वह जो कल आपको बोला ना … वह लड़के के बारे में!

मैंने कहा- हां हां … क्या हुआ? उसने आज भी कुछ किया क्या?


हर्षा- हां, आज भी उसने मुझे हाय का इशारा किया. मैंने इधर-उधर देखा तो उस वक्त हमारी बिल्डिंग में कोई भी बाहर नहीं था, सिर्फ़ मैं ही थी. तो मैंने भी उसको हाय कह दिया.


मैंने कहा- फिर?

वह- उसने मुझे इशारों इशारों में कहा कि तुम बहुत खूबसूरत हो. मैं थैंक्यू कह कर अन्दर आ गई.


मैंने कहा- ओह … क्या तुम्हें वह लड़का परेशान कर रहा है?

हर्षा- नहीं नहीं ऐसा कुछ नहीं है. वैसे भी अगर कुछ परेशानी होती, तो तुम्हें कह देती.


मैंने कहा- ठीक है. अगर वह कुछ परेशान करता है, तो मुझे बताना.

हर्षा- ओके बेबी.


मैंने उस चीज़ को अनदेखा किया।


अगले दिन मेरी बीवी ने फिर से मुझसे कहा- बेबी सुनो, वह लड़का आज भी आया और उसने आज भी इशारे में बात की. मैंने भी थोड़ी बात की. उसने इशारे में मुझे अपना नंबर दिखाया, जिसे मैंने नोट किया पर कॉल नहीं किया. उसने इशारा किया कि वह कुछ बात करना चाहता है.


मैंने कहा- अगर तुम्हें लगता है कि वह अच्छा लड़का है, तो उससे दोस्ती कर लो. वैसे भी यहां तुम्हारा कोई दोस्त नहीं है. वह शायद यहां पर तुम्हारी कुछ मदद कर दे.

हर्षा- ठीक है बेबी … कल करती हूँ.


अब मेरे मन में भी अब उस लड़के को लेकर कुछ ग़लत विचार आने लगे थे.

लेकिन मैंने सोचा कि वह लड़का शायद वैसा नहीं है.

इसी लिए मैंने इस चीज़ को अनदेखा कर दिया.


अगले दिन मैंने हर्षा से पूछा- हर्षा क्या हुआ उस लड़के का?


हर्षा- हां वह लड़का अच्छा है. आज भी शाम आया था … तो मैंने उसको देखते हुए कॉल किया. उसने भी एक रिंग में ही कॉल उठा लिया.


अब उस लड़के ने कॉल पर बताया कि क्या हुआ.


अजनबी लड़का- नमस्ते भाभी.

हर्षा- नमस्ते तुम्हारा नाम?

अजनबी- जी मैं यश … और आपका नाम?

हर्षा- जी, मैं हर्षा.


यश- ओह बहुत प्यार नाम है.

हर्षा- हां … यश तुम हमेशा मेरी बाल्कनी में क्यों देखते रहते हो?


यश- वह हर्षा भाभी ये घर 3 साल पहले हमारा था. जिसे डैड ने बेच दिया था. लेकिन इस घर से मेरा बचपन जुड़ा है सो हर दिन आकर देखता हूँ.


हर्षा- ओह … मगर पहले तुम्हें कभी नहीं देखा. इन चंद दिनों में ही तुम कई बार दिखे.

यश- वह भाभी, मैं राजकोट चला गया था. अब वापस आ गया हूँ.

हर्षा- ओह …


उसके बाद कुछ ऐसे ही डेली लाइफ की बात होती रही पर उससे आगे कुछ नहीं.

फिर उसने खुद ही बाय कह कर कॉल कट कर दिया.


मैंने कहा- क्या तुमने यश को नया दोस्त बना लिया है?

हर्षा- हां हां … उसने कहा अगर मुझे कोई प्रॉब्लम नहीं हो तो वह एक बार घर आकर अन्दर से देखना चाहता है.


मैं समझ गया कि वह भावनाओं में बांध कर मेरी बीवी के पास आना चाहता है.

पर मुझे मेरी बीवी पर यकीन था इसलिए मैंने भी उसको इग्नोर करके कहा- ठीक है बुला लो, कोई प्रॉब्लम नहीं है.


हर्षा- ओके बेबी, कल बुला लूँगी.

मैंने कहा- ओके बेबी.


अगले दिन मैं ऑफिस से घर आया.

तब हर्षा ने मुझसे कहा- वह लड़का आया था.

मैंने पूछा- क्या कहा उसने?

तब हर्षा ने कहा- कुछ नहीं, उसने अपने बचपन की बातें बताईं. बड़ा क्यूट है और बातों-बातों में ही वह रोने लगा. मैंने उसको अपना कंधा दिया. वह मुझे हग करके रोने लगा. फिर हम दोनों ने कुछ सेल्फ़ियां भी ली थीं.


मैंने कहा- दिखाना सेल्फ़ियां!

हर्षा- हां ये देखो.


अब मैंने देखा, वह लड़का अच्छा था.

कुछ फ़ोटोज में उसने अपना हाथ हर्षा के ऊपर रख रखा था.


मैंने कहा- हम्म … अच्छा लड़का है.

हर्षा- हां.


अब मैं समझ चुका था कि लड़का कुछ तो करेगा.

पर मैं अपनी बीवी को परखना चाहता था कि वह मुझे बहुत प्यार करती है या नहीं. तो जो भी हो रहा है, उस सबको इग्नोर करने का ठान लिया.


कुछ दिन ऐसे ही चला.

ये दोनों कॉल बात करते.

जब मैं हर पर नहीं रहता, वह घर आता और मेरी बीवी हर्षा से बातें करता.


एक दिन हर्षा ने मुझसे कहा कि उसको शॉपिंग करने जाना है.

मैंने कहा कि मैं बिज़ी हूँ.


तो उसने कहा- फिर मैं यश के साथ जा रही हूँ.

मैंने भी कहा- हां ठीक है चली जाओ.


उसने मेरे सामने ही यश को फोन किया.

वह तय समय पर आ गया और दोनों ऑटो में जाने लगे.


मैंने उन दोनों के जाते ही घर में कैमरे और माइक्रोफोन्स सैट कर दिए.

पूरा घर अपने कंट्रोल में सैट कर दिया जिससे वह जो भी करे, उस सबका मुझे पता चल जाए.


अब मैं घर पर उन दोनों के आने का इंतज़ार करने लगा पर वे दोनों आए ही नहीं.


मैं नजदीक के मॉल में गया.

उधर पार्किंग एरिया में अपनी कार के पास खड़ा होकर उनके आने का इंतजार कर रहा था.


तब वह दोनों कई सारे शॉपिंग बैग लेकर आते दिखे.

सारे थैले यश ने उठाए हुए थे.


किसी कारण से बीच में कुछ बैग गिर गए तो वह बैग उठाने लगा.


मैंने देखा कि उस वक्त हर्षा हंस रही थी.

यश ने मायूस सी शक्ल बनाई तो हर्षा ने उसको बैग उठा कर दे दिए.

वह तब भी कुछ उदास सा था.


तब हर्षा ने उसके गाल पर एक छोटी सी पप्पी कर दी.

मैं ये देख कर शॉक हो गया था.


वह दोनों ऑटो करके घर आ गए.

मैं भी वापस आ गया.


मैंने नीचे खड़े होकर अपने मोबाइल पर देखा कि वे दोनों क्या कर रहे हैं.


मेरे घर के हिडन कैमरे आदि वाई फ़ाई से जुड़े हुए थे.

मैं देख कर शॉक हुआ कि यश हर्षा को किस कर रहा है.


हर्षा- उमम्म … उम्माह …. ओंम …

यश- आह … उम्म … उम्म …


फिर थैले वहीं रख कर उसने हर्षा को सोफे पर गिरा दिया और उसे किस करने लगा.


किस करते हुए ही उसने हर्षा के कपड़े निकाल दिए.

साथ ही यश ने भी अपने कपड़े निकाल दिए.


वह हर्षा की टांगों को अपने कंधे पर रख कर उसे चोदने लगा.


हर्षा- आह … उम्म … एकदम से पेल दिया … आह मर गई.

यश- आह … बहुत टाइट हो यार आह!


भकाभक चोदते हुए उसने हर्षा के बूब्स हाथ में पकड़ लिए और एक को चबाते हुए वह मेरी बीवी की चूत में अपना लंड तेज रफ्तार से चला रहा था.


हर्षा- आह … आह … यश बेबी आरामम्म … सेए … आह.

यश- आह … आ … क्या … … मम्मे हैं भाभी तेरे … आह … मस्त माल है यार तू.


कुछ देर बाद यश और हर्षा दोनों झड़ गए.


यश- अहह …

हर्षा- उई मांआ … आअहह … तोड़ दिया … आह.


वे दोनों हांफ रहे थे.


कुछ देर बाद वे अलग हुए और यश अपने कपड़े पहन कर वहां से जाने लगा.

हर्षा अभी भी सोफे पर नंगी पड़ी थी.


मैंने देखा कि यश नीचे आ गया था और सड़क पर आने लगा था.

उसे आता देखकर मैं छिप गया.


बाद में मैंने फोन में फिर से देखा, हर्षा उठ कर अपने कपड़े पहनने लगी.


कुछ देर बाद देखा कि हर्षा रो रही थी.


अब मैं समझ गया कि हर्षा बहक गयी और वासना में उससे चुद गयी थी.


मैंने उसको इस बात का पता नहीं चलने दिया कि मैं उसकी हरकत जानता हूँ.


उस दिन हर्षा सारे दिन चुप रही और अपने ही ख्यालों में डूबी रही थी.


अगले दिन सवेरे जब मैं सो रहा था. तब हर्षा के फोन पर यश का कॉल आया कि वह नीचे है और पार्किंग में मिलना चाहता है.

उसने मना कर दिया.


यश ने कहा- सिर्फ़ माफी मांग कर चला जाऊंगा और कभी नहीं दिखूंगा.


उस वक्त मैं आंख बंद करके सुन रहा था.

फिर मैंने देखा कि हर्षा जा रही है.


उसके जाने के पांच मिनट बाद मैं भी नीचे आया और पार्किंग में एक कार के पीछे खड़ा हो गया था.


यश अपनी साइकिल से आया था.


हर्षा लिफ्ट से नीचे आई और उसे देख कर उसने कहा- अब क्या बचा? तुमको मैं दोस्त समझती थी, पर तुमने मुझे ग़लत समझा … छी!

यश- आई एम सॉरी. जो भी हुआ … पर जो भी हुआ तुम भी उससे खुश थी ना!


हर्षा- क्या मतलब तुम्हारा?

यश- हां, तुम मज़े से मुझसे चुदवा रही थीं ना!


हर्षा- ऐसा नहीं है, वह हालात के चलते ऐसा हो गया था.

यश- अगर ऐसा है तो मुझे क्यों नहीं रोका?


हर्षा चुप रही.

यश- तुमने मुझे वहां मॉल की पार्किंग एरिया में भी तो किस किया था. उसका क्या मतलब था?


हर्षा- तुम बहुत खराब लड़के हो. तुम मुझे फिर से कभी मत दिखना … चले जाओ.

यश ने हर्षा को पकड़ कर दीवार से सटा दिया और उसे किस करने लगा.


यश- उम्म म्मा उम्माह.

हर्षा विरोध करने वाला किस कर रही थी- नहीं … एमेम .. उम्माह.


यश ने थोड़ी देर किस किया और कहा- ये लो गिफ्ट … इसको पहन लेना और रेडी रहना. दोपहर में आकर तुम्हारी डोरबेल बजा कर 4 बार नॉक करूँगा. दरवाजा खोल देना. अगर नहीं खोला, तो चला जाऊंगा. आगे तुम्हारी मर्ज़ी.


ये बोल कर वह चला गया.

हर्षा वहां पर एकदम बदहवास हाल में थी और एकदम चुप थी.


वह यश की दी हुई ड्रेस को लेकर लिफ्ट की ओर जाने लगी.

मैं भी भागता हुआ दूसरी लिफ्ट से फ्लैट में पहुंचा और उसके अन्दर आने से पहले मैं बेड पर पड़ा था.


वह आई, मुझे देखा और आंखों से आंसू पौंछती हुई बाथरूम में चली गई.

उसने अपनी उस ड्रेस को कपबोर्ड में रख लिया.


मैं उठा और तैयार होने लगा. मैंने ऐसा दिखाया जैसे कुछ नहीं हुआ.


फिर जैसे ही हर्षा ने ब्रेकफास्ट दिया.

मैं खाकर चला गया.


जाते हुए मैंने सोच लिया कि अगर इस बार हर्षा ने कुछ किया मतलब ये मुझे धोखा दे रही है. मैं इसको तलाक दे दूँगा. क्योंकि यश ने साफ कहा था कि दरवाजा खोलना.

अब ये हर्षा के ऊपर है कि वह क्या करती है.


उस दिन मैं ऑफिस नहीं गया.

घर से निकल कर एक ग्राउंड में जाकर कार पार्क करके बैठ गया और फोन में देखने लगा.


हर्षा अपना काम कर रही थी.

कुछ देर बाद वह अपने रूम में गयी.


उसके कुछ देर बाद वह बाथरूम में यश की दी हुई ड्रेस को लेकर चली गयी.

जब वह बाहर आई तो मैं चौंक गया.

उसने एकदम झीनी ड्रेस पहनी हुई थी.


कुछ देर बाद डोर बेल बजी और दरवाजा चार बार नॉक किया गया.


पहली बार हर्षा ने नहीं खोला.

दूसरी बार उसने खोला तो देखा सामने यश था.


उसने हर्षा को देख कर उसको दरवाजे से ही पकड़ लिया और किस करना चालू कर दी.


हर्षा ने दरवाजा बंद कर दिया और यश उसको किचन में ले गया.


धीरे धीरे उसके सारे कपड़े निकाल कर हर्षा को किचन के प्लेटफॉर्म पर टिका कर चोदना चालू कर दिया.


हर्षा- आह … आह … धीरे करो!

यश- आह चैन कहां मिलता है तुम्हें देख कर … बस कच्चा खा जाने का जी करता है … आह लो और लो … आह.


वह हर्षा को चोदते हुए ही उठा कर बेडरूम में ले गया और वापस चोदने लगा.


हर्षा- आह मां … आह कितनी अन्दर तक पेल रहे हो … हाड़ मांस की ही हूँ ऐसे मत कुचलो यश आह … धीमे करो ना!

यश- आह उफ़फ्फ़!


कुछ ही देर में मेरी बीवी हर्षा की चूत ने अपना गर्म लावा छोड़ दिया.


हर्षा- उई मां आहह … आह.

यश- आ हां हर्षा यू आर सो हॉट बेबी.


यश ने अपना लंड हर्षा की चुत से बाहर निकाल कर उसको दिखाया. उसका लौड़ा अभी भी तना हुआ था.


यश हर्षा को घुमा कर उसकी गांड के छेद में डालने लगा.


हर्षा मना कर रही थी.

वह फिर भी नहीं माना.

सने अपना लंड हर्षा की गांड के छेद में डाल ही दिया.


हर्षा- आआआ आह मर गई!

यश- आह … उफ्फ़!


कुछ देर बाद यश का पूरा लंड हर्षा की गांड में चला गया और वह हर्षा की गांड मारने लगा.


यश- आह … जान मजा आ रहा है ना!

हर्षा- आह साले तू बहुत कुत्ता है आह पीछे से भी फाड़ दी तूने … आह एयेए!


कुछ देर बाद वह हर्षा की गांड में झड़ गया.

यश- आआआह.


फिर वह उठा और उसने हर्षा को लंड चूसने को कहा.


मेरी पोर्न बीवी हर्षा ने बहुत देर लंड को चूस कर यश को मजा दिया.

उसका लंड फिर से तन गया था और जब तक यश का लंड फिर से नहीं झड़ा, तब तक यश ने हर्षा के मम्मों में लंड फंसा कर चोदा, उसकी जांघों में लौड़ा फंसा कर रगड़ा और आखिर में यश ने हर्षा के मुँह में अपना गाढ़ा लावा डाल दिया.


इस तरह से उन दोनों ने तीन घंटे तक चुदाई की और काफी थक गए.


वे दोनों बेड पर वैसे ही नंगे पड़े थे.


मैं जो भी फोन से देख रहा था, उससे मेरा लंड भी खड़ा हो गया था.


वह सब देख कर मैं मुठ मारने लगा और शांत हो गया.


मैंने तय किया कि ये भी मेरी एक फैन्टेसी की तरह है. अब हर्षा को तलाक देना कैंसिल … अब से उसकी चुदाई दूसरों के साथ देखना चालू.


उस दिन से मैंने कई बार फोन में यश को हर्षा की चुदाई करते देख कर अपना लंड हिलाया.

न जाने क्यों मुझे भी मज़ा लंड हिलाने में मजा आने लगा था.


मैंने हर्षा को साथ ही रखा क्योंकि मुझे उसका ये रंडीपना पसंद आने लगा था.


वह मुझसे छुप कर सेक्स करती थी तो ये और भी पसंद आने लगा था.

इस तरह से हम तीनों मज़े ले रहे थे.


हर्षा भी मुझसे झूठ बोल कर कह देती थी कि यश बहुत ही समझदार दोस्त की तरह पेश आता है.

मैं भी उसकी बात को सुनकर नजरअंदाज कर देता था.

मैं जब जॉब पर जाता, तो वो दोपहर को मेरे घर आकर मेरी बीवी को चोदना शुरू कर देता।

दिन में वो चोदता था, रात को मैं चोदता था।


इस बीच हर्षा प्रेग्नेंट हो गई।

अभी तक पता नहीं चला कि बच्चा किसका है।


अब इस बात को तीन साल बीत गए। मेरा दो साल का लड़का है।

मैंने कभी उस लड़के के बारे में हर्षा से कुछ पूछा ही नहीं।

वो आता था, चोदता था और चला जाता था।


अब कहानी में नया मोड़ शुरू होने वाला है।

वो लड़का पढ़ाई के लिए अहमदाबाद चला गया।

अब चुदाई रुक गई।


हर्षा का मन कहीं लगता ही नहीं था क्योंकि चुदाई कम हो गई थी।


इसी बीच हमारे पड़ोस में एक सिख फैमिली रहने आई।


उस फैमिली में चार लोग थे – पति, पत्नी और उनके दो लड़के।

लड़कों की उम्र करीब 22 और 24 साल की होगी।

वो सब बहुत अच्छे स्वभाव के थे।


कुछ दिनों में उनकी और हमारी अच्छी बनने लगी।

हम उनके घर, वो हमारे घर आने-जाने लगे।


एक दिन सुबह हर्षा ने मुझे बताया, “मैंने दोनों लड़कों को खाने पर बुलाया है। उनके मम्मी-पापा बाहर गए हैं। तुम दोपहर को आ जाना।”

मैंने कहा, “ठीक है।”


मैंने चुपके से कैमरे फिर से एक्टिव कर दिए।


दोपहर को मैंने हर्षा को कॉल किया, “मैं थोड़ा काम में बिजी हूँ। मैं नहीं आ पाऊँगा। तुम दोनों को खाना खिला देना।”


उन दोनों लड़कों का नाम था—सतनाम और गुरशरण।

दोनों दोपहर को खाना खाने आए।


हर्षा ने बच्चे को सुला दिया और दोनों के साथ बैठकर बातें करने लगी।


वो पूछ रही थी, “तुम लोग क्या करते हो?”

और कुछ इधर-उधर की गप्पें मार रही थी।


मैंने आपको पहले ही बताया था कि मेरी बीवी दिखने में एकदम हॉट है।

उसकी गांड देखकर कोई भी उसे चोदना चाहेगा।


अब दोनों लड़कों की नजर हर्षा की गांड पर टिकी थी।


खाना लगाया गया।

हर्षा ने साड़ी पहनी थी।

कभी-कभी साड़ी का पल्लू नीचे गिर जाता, तो उसके बूब्स मस्त दिखते।


खाना खाने के बाद सतनाम ने हर्षा से कहा, “मैं तुम्हारी रसोई में मदद करता हूँ।”


गुरशरण हॉल में बैठा रहा।


सतनाम और हर्षा रसोई में गए।


सतनाम ने डायरेक्ट हर्षा को पीछे से पकड़ लिया और उसकी गर्दन पर किस कर लिया।


हर्षा ने कुछ नहीं कहा। बस इतना बोली, “गुरशरण है ना!”


सतनाम ने जवाब दिया, “वो किसी को नहीं बताएगा!”


हर्षा बोली, “तो चलो बेडरूम में!”


बेडरूम में जाते ही सतनाम ने हर्षा की साड़ी उतार दी और किस करने लगा।

लिप किस करते-करते दोनों ने सारे कपड़े उतार दिए।


सतनाम का लंड करीब 7 इंच का होगा, एकदम टाइट।

हर्षा ने उसे मुँह में ले लिया।


हर्षा लॉलीपॉप की तरह उसका लंड चूस रही थी।


20 मिनट तक मुँह में रखने के बाद सतनाम हर्षा के ऊपर आ गया।


वो बोला, “तू तो मस्त चिकनी है! एकदम पॉर्न स्टार जैसी!”


और एक ही झटके में उसने हर्षा की चूत में पूरा लंड डाल दिया।

चूत भी चिकनी हो गई थी।

चुदाई शुरू हो गई।


हर्षा की चूत से आवाजें निकलने लगीं।


वो एकदम रंडी की तरह चुदाई करवा रही थी।


सतनाम झटके पर झटके दे रहा था।


मेरी नंगी चालू बीवी की “आह्ह… ऊऊ…” ऐसी आवाजें निकल रही थीं।


फिर सतनाम ने हर्षा को डॉगी स्टाइल में चोदा।

करीब 35 मिनट तक चुदाई चली।

आखिर में सतनाम ने हर्षा की चूत में माल निकाल दिया।


अब दोनों नंगे बेड पर लेटे थे।


तभी गुरशरण रूम में आ गया।

वो बोला, “ये क्या हो रहा है?”


हर्षा कुछ बोल ही नहीं पाई।

सतनाम ने कहा, “किसी को मत बताना! तुझे भी करना है तो कर ले!”


हर्षा कुछ बोलने या समझने से पहले ही गुरशरण उसके ऊपर आ गया।

उसने किस करना शुरू कर दिया और कपड़े उतार दिए।


उसने भी अपनी चूत में लंड डाल दिया।


उसका लंड भी बड़ा था।


मेरी चुदक्कड़ पत्नी की चूत की चुदाई शुरू हो गई।


गुरशरण बोला, “हर्षा, तुझे देखकर ही पता चल गया था कि तू छिनाल है! तेरी गांड इतनी बड़ी है कि देखकर पता चलता है कि तू नंबर वन चुदक्कड़ है!”


फिर गुरशरण ने डॉगी स्टाइल में हर्षा को चोदना शुरू किया।

हर्षा की गांड बड़े लंड से फट गई।


नॉन-स्टॉप चुदाई हो रही थी।

मैं मोबाइल में सब देख रहा था और लंड हिला रहा था।


तभी सतनाम बोला, “भाई, हम दोनों मिलकर इसे चोदते हैं!”


एक ने गांड में लंड डाला, दूसरे ने चूत में।

दोनों ओर से हर्षा की चुदाई होने लगी।

दे दनादन!


हर्षा की आवाज से पूरा कमरा गूँज उठा।

इतनी जोर-जोर से आवाजें आ रही थीं कि पड़ोस के घर तक सुनाई दे रही होंगी।


दोनों भाइयों ने मिलकर 4 घंटे तक कई बार हर्षा को चोदा।

उसकी चूत फाड़ दी। उसे पूरी तरह रंडी बना दिया।


हर्षा ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।


मैं रात को घर गया।

तब भी हर्षा चल नहीं पा रही थी।


रात को वो जल्दी सो गई।


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