top of page

मेल एस्कॉर्ट से भाभियों की चुदाई की कहानी - Hindi Sex Stories

नमस्कार दोस्तो, कामवासना के सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.


मेरा फिगर 38-34-40 का है और मुझे आकर्षक मर्दों से चुदाई करवाना बहुत पसंद है.


अब मेरी उम्र 32 वर्ष हो चुकी है और पिछले 5 सालों में मैं करीब 11 मर्दों से चुद चुकी हूँ क्योंकि 6 माह से ज्यादा मेरा कोई बॉयफ्रेंड नहीं रहता.


मैं पेशे से एक ट्रेवल एजेंसी चलाती हूँ और हिमाचल प्रदेश की रहने वाली हूँ.


इस साल फरवरी के महीने में एक बड़े बिज़नेस के मालिक राज से मेरी मुलाकात हुई और वह मुझे भा भी गया.

हम लोगों ने काफी टाइम साथ बिताया और खूब चुदाई भी की.


उसी दौरान हम दोनों ने एक नए बिज़नेस को लेकर सोचा और अप्रैल आते आते हम दोनों ने अपने उस नए बिज़नेस को शुरू भी कर दिया.


ये बिज़नेस मेल एस्कॉर्ट का था.

यह मेल एस्कॉर्ट सेक्स कहानी इसी बिजनेस से निकली है.


मैं व मेरे पार्टनर राज के अलावा हमारे 4 और दोस्त इस बिजनेस में लग गए.


हम अपने ट्रैवलर गेस्ट को भी मजा करवाते और खुद भी बहुत मजे करते.


अब जो सेक्स कहानी मैं आप सब के साथ साझा कर रही हूँ, वो मेरे पार्टनर राज और 4 दोस्तों की है.


आगे की कहानी आप राज की जुबानी सुनें.


मेरे शहर की एक महिला का नाम काव्या था. ये उसका बदला हुआ नाम है.

उसे एक किटी क्लब से ही मेरी कंपनी का पता चला था.


काव्या ने फोन कॉल के माध्यम से लक्जरी सेवाओं के लिए आग्रह दर्ज करवाया था.

उसने बताया था कि उनका 5 महिलाओं का ग्रुप है और प्रत्येक महिला को एक अलग लड़के की जरूरत है.


चूंकि हमें मुँहमांगी कीमत मिल रही थी इसी लिए यह जरूरी था कि कंपनी की सभी सेवाएं उच्च स्तर की हों और साथ ही अच्छे और विश्वासपात्र लड़के हों.

इसलिए मैंने अपने पुराने मित्रों को शामिल कर लिया.


अब हम चार राज, प्रमोद, सूरज, राजकुमार और नितेश इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए तैयार थे.


हम लोग अपनी अपनी कार में निकले और बताए गए पते पर शाम 6 बजे तक पहुंच गए.


यह एक शहर से बाहर नए सेक्टर में एक बड़ा सा नया बना हुआ घर था जो घर कम और महल ज्यादा लग रहा था.

इस घर में आराम और विलासिता की सभी वस्तुएं उपलब्ध थीं जैसे स्विमिंग पूल, बार, खुला मैदान इत्यादि.


यहाँ काव्या और उसके साथ चार और महिलाएं पहले से मौजूद थीं.


काव्या ने हम पांचो लड़कों को एक लाइन मैं खड़े होने को कहा और बोला- हम 5 औरतें अपनी पसंद से अपने लिए एक एक लड़का चुनेंगी और उसी के साथ हमारी आज रात की मस्ती होगी.


इस प्रकार लाइन मैं खड़ा होकर मुझे ऐसा अनुभव हो रहा था कि जैसे आज मर्दों की नीलामी हो रही है; इसमें मेरी भी बोली लगाई जाएगी.

इस प्रकार हम 5 जोड़ों में बंट गए.


काव्या का जोड़ा प्रमोद के साथ बना.

मनीषा का जोड़ा राजकुमार के साथ.

ईशा का जोड़ा सूरज के साथ.

माहिरा का जोड़ा मेरे यानि राज के साथ.

और वंशा का जोड़ा नितेश के साथ बना.


जोड़े बनने के बाद पहला दौर था दारू और पत्तों का … क्योंकि पत्ते खेलने सिर्फ राजकुमार और प्रमोद को ही आते थे तो मैं नितेश और सूरज बैठकर देख रहे थे.


उधर हमारी पार्टनर कभी हमारी गोदी में आकर बैठ जातीं, तो कभी हमारे होंठों को चूम लेतीं.


पत्ते खेलते खेलते रात के 9 बज गए और अब दौर शुरू हुआ चुदाई की मस्ती का.


शुरूआत हुई कि खाली बोतल को घुमाकर प्रश्न पूछना अथवा कोई कार्य करवाने के खेल के साथ.

दारू की खाली बोतल के साथ स्पिन द बॉटल का गेम खेला गया.


इस गेम को पार्ट्स के साथ खेला गया और जिसकी तरफ भी बोतल का मुँह आता, उसे या उसके पार्टनर को अपने कुछ कपड़े उतारने थे.


ऐसे हम सभी के सभी नंगे हो गए थे.


सभी औरतों की चूचियां, गांड और चूत साफ दिख रही थीं.

सबने अपनी चूत के बाल साफ किए हुए थे.


ऐसा करते करते दूसरा गेम शुरू हुआ.


ये बड़ा मजेदार खेल था.


सबकी आंखों पर काली पट्टी बांधी गई थी और हम पांचो मर्दों के लंड पर कंडोम चढ़ाया गया.


फिर म्यूजिक चलाया गया, सब नाचने लगे.


शर्त यh रखी गई थी कि जो भी मर्द, जिस भी महिला या फिर कोई भी महिला किसी भी मर्द को पकड़ेगी, तो उसका लंड अपनी चूत में लेने से पहले अपनी पट्टी नहीं उतारेगी.


ऐसा करके गेम शुरू हुआ.

दस मिनट तक सभी नाचते रहे और हर मर्द एक एक औरत को पकड़ता गया.


जब मैं किसी को अपनी बांहों में लेकर सोफ़े पर पहुंच गया व मेरा लंड उसकी चूत में चला गया, तब पट्टी हटाई गई.


मैंने पाया कि मेरा लंड मनीषा की चूत में घुसा है और मनीषा ने अपनी पट्टी हटाई तो उसने मुझे चूमना शुरू कर दिया.

वह अपनी कमर उठा उठा कर लंड अन्दर लेने लगी.


हम दोनों ने ही अपनी आंखों को घुमाकर देखा, तो पाया कि राजकुमार काव्या की चूत में लंड पेल रहा है.

नितेश माहिरा को चोद रहा है.

सूरज वंशा की चूत पिलाई कर रहा है.

और प्रमोद हम सबसे आगे था, वह ईशा को कुतिया बनाकर उसकी गांड मार रहा था.


सब 15 से 20 मिनट के अन्दर झड़ चुके थे और सभी अपनी अपनी पार्टनर के साथ लेटे हुए थे.

लेकिन प्रमोद और ईशा अभी तक चालू थे.


ईशा की सेक्स की भूख सबसे ज्यादा थी.

उसने राजकुमार और सूरज को भी बुला लिया और सारे छेद एक साथ चोदने को कहा.


राजकुमार ईशा के नीचे लेट गया और उसकी गांड में अपना लंड डाल दिया.

सूरज ईशा के ऊपर चढ़ा था और चूत में लंड पेल चुका था.


प्रमोद अब ईशा के मुँह में लंड डाल चुका था.

मैं और नितेश दो-दो महिलाओं के साथ नवाबी सुख का अहसास ले रहे थे.


मेरे साथ मनीषा और माहिरा थीं.

वहीं नितेश के साथ काव्या और वंशा.


हम दोनों अपनी अपनी औरतों के चुचे पी रहे थे और उनके बदन के साथ खेल रहे थे.


करीब 10 मिनट बाद प्रमोद सूरज और राजकुमार ने अपने अपने लंड की पिचकरी ईशा के चूचों और मुँह पर मारी और ईशा खुश हो गई.


अब सभी अपने अपने कमरों में जाकर नहाने जाने लगे और 10 बजे डिनर के लिए मिलने का प्लान बना.


सभी महिलाएं नहा कर तैयार थीं. हम सभी ने शॉर्ट्स और सैंडो पहनी हुई थी और सभी महिलाओं ने नाइटी, जिसमें से उन सभी के चुचे साफ दिखाई दे रहे थे.

हम सबने जमकर खाया क्योंकि आज रात बहुत मेहनत करनी थी.


खाने के बाद मैंने काव्या को ड्राइंगरूम में बुलाया और बची हुई पेमेंट के लिए बात की.

काव्या लाल रंग की नाईटी में बहुत आकर्षक लग रही थी.


जैसे ही काव्या बाहर आई, मैंने उसकी कमर में हाथ डाल दिया और अपनी तरफ खींचा.

मैंने काव्या के साथ फ्लर्ट करते हुए कहा कि आप इसकी ऑर्गनिजर हैं और मैं इस सर्विस का मालिक हूँ. क्यों न एक इतना बड़ा व्यापार देने के लिए खूबसूरत महिला को कुछ कॉम्प्लिमेंट्री दे दिया जाए!


काव्या खुश होकर बोली- राज जी, इरादा क्या है?

मैंने आव देखा ना ताव, काव्या को सोफे पर झुकाया और उसकी नाइटी पीछे से उठाकर उसकी पैंटी को नीचे कर दिया.


जब तक वह कुछ समझ पाती, तब तक मैं उसकी चूत और गांड चाटने लगा.


अब मेरा लंड पूरी तरह से कड़क हो चुका था. मैंने अपना लंड अपने शॉर्ट्स से बाहर निकाला और काव्या की गांड पर रगड़ने लगा.

उसी समय मैंने काव्या को अपना खाता नंबर बताया और जैसे ही काव्या ने पेमेंट ट्रांसफर की, मैंने लंड उसकी गांड में डाल दिया.


वह थोड़ा सा चिल्लाई, लेकिन मैंने जैसे ही लौड़े को गांड में अन्दर बाहर करना शुरू किया, तो वह साथ देने लगी. मैंने काव्या के चूतड़ों पर थप्पड़ मार मार कर उसकी गांड लाल कर दी और जोर जोर से उसके चुचे दबा रहा था.


काव्या कामुक सिसकारियां भर रही थी और ‘आह अहहह …’ की आवाज कर रही थी.

चूंकि इस बार बिना कंडोम के लंड घुसा था, तो मैंने बाहर निकाल लिया क्योंकि मेरा छूटने वाला था.


काव्या बोली कि कहां चले … अब जो का शुरू किया है, उसे पूरा तो करो. गर्म करके मत छोड़ यार!


मैंने बताया कि मेरा छूटने वाला हो गया था!

तो काव्या ने कहा- गांड में ही छोड़ दो ना!


मैंने फिर लौड़े को गांड में पेला और दस बारह शॉट मारकर अपना सारा रस काव्या की गांड में भर दिया और काव्या के ऊपर ही लेट गया.


दो मिनट बाद मैं उसके ऊपर से उठा और बाथरूम में आ गया. अपना लंड धोकर मैं माहिरा के कमरे में चला गया और काव्या प्रमोद के कमरे में चली गई.

माहिरा ने सेक्स शुरू करने से पहले मुझसे कुछ देर बात की. उससे लगा कि ये औरत कुछ पर्सनल भी हो गई है.


उसकी बातों से ही मुझे लगा कि आज माहिरा को पूरा सुख देना चाहिए, तो मैं बाथरूम में फ्रेश होने के बहाने गया और अपनी एक विशेष रूप से बनाई हुई दवा को लंड पर लगा ली.

चूंकि ये दवा मैंने खुद बनाई थी और आज इसका परिणाम जांचने का दिन था.


मैं लौड़े को रेडी करके बाहर निकल आया.


हम दोनों ने बातों ही बातों में एक दूसरे को गले से लगा लिया और होंठों से एक-दूसरे की जीभ चूसने लगे; एक दूसरे के मुँह के अन्दर अपनी जीभ डाल रहे थे.


मैं माहिरा की चूचियां दबा रहा था तो माहिरा ने अपनी नाईटी निकाल कर साइड में फेंक दी और मेरे मुँह में अपने एक निप्पल को डालकर मेरे पेट पर बैठ गई.


मैंने माहिरा को बताया कि बड़े बड़े चूचे मुझे बहुत पसंद हैं और वंशा को चोदने का मन कर रहा था.

इस पर माहिरा बोली- उसे फिर कभी चोद लेना. वैसे भी वंशा सबसे बड़ी चुदक्कड़ है. उसे तो हर रात एक नए लंड की तलाश रहती है.


माहिरा को मैंने उल्टा लेटा दिया और उसकी गांड चाटना शुरू कर दिया.


जल्दी ही मैंने माहिरा को 69 पोजीशन में आने को कहा.

अब मैं माहिरा की चूत चाट रहा था और वह मेरे लंड को चूस रही थी.


माहिरा ने मुझसे कहा- मेरे मुँह में रस मत छोड़ देना.

मैंने जवाब देते हुए कहा- मैं इतनी जल्दी नहीं झड़ सकता.


अब मेरा लंड बिल्कुल तन चुका था और फटने को हो चुका था. मुझे अब माहिरा की चूत चाहिए थी.


मैंने माहिरा को उठाया और सीधा लेटाकर उसकी चूत में एक झटके में पूरा लंड डाल दिया. माहिरा की चीख निकल गई.

वह कराह कर बोली कि बस ये सबसे गलत था.

मैंने कहा- अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा था इसलिए ऐसा हो गया.


मैंने अपने धक्के शुरू किए और थोड़ी देर बाद जब माहिरा को मजा आने लगा, तो माहिरा अपनी कमर उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.

अब हम दोनों ने पोजीशन बदली और माहिरा मेरे ऊपर बैठकर घुड़सवारी करने लगी.


मैं माहिरा के चूचे अपने हाथों में पकड़ कर दबा रहा था और बीच बीच में चूस रहा था.

कुछ देर बाद हमने टिल्टेड मिशनरी सेक्स पोजीशन प्रयोग करना शुरू की.


इस पोजीशन में मिनट बाद ही माहिरा पेशाब करने गई. मैं बाथरूम के बाहर खड़ा हो गया.

माहिरा बाथरूम से निकली और मेरा लंड पकड़कर बोली कि ये शांत कब होगा?


मैंने कहा कि जब ये तुम्हारी चूत को पूरी तरह से शांत कर देगा, तब ये भी शांत हो जाएगा.

माहिरा मेरा लंड अपने हाथ से पकड़कर आगे चल रही थी और मैं उसके पीछे पीछे उसकी गांड में उंगली देते हुए चल रहा था.


वह सोफे पर जाकर लेट गई और उसने अपनी टांगें फैलाकर कहा- आ जाओ और पूरे जोश से चोदो मुझे. लेकिन अब कंडोम निकाल दो. मुझे बिना रबड़ के असली लौड़े का मजा दो.

मैंने भी कंडोम उतार कर माहिरा के मुँह में अपना लंड डाल दिया और उससे लौड़े को कुछ देर चुसवाया.


फिर उसकी चूत में लौड़े को पेलकर अन्दर बाहर करना शुरू किया.

थोड़ी देर बाद मैं और माहिरा चरम पर पहुंच गए लेकिन माहिरा ने कहा कि अब तुम अपना सारा रस मेरे मुँह में छोड़ो, मैं तुम्हारा रस पीना चाहती हूँ.


मैंने कहा- तुम तो मुँह में लेने से मना कर रही थी!

वह हंसी और बोली- ये रुस्तम ए हिन्द जैसा लंड है. इसका रस पीना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी.

मैंने भी हंस कर अपना लंड माहिरा के मुँह में डाल दिया और उसके मुँह को चोदने लगा.


कुछ देर बाद मैंने अपना सारा पानी उसके मुँह में छोड़ दिया और माहिरा मेरा सारा पानी स्वाद लेती हुई खा गई.


इसके बाद हम दोनों बेड पर लेट गए.

कुछ देर बाद हम दोनों एक साथ नहाये और नहाते हुए ही माहिरा ने अपने घुटनों के बल बैठकर मेरा लंड चूसा और मुझे भी पूरा सुख दिया.


अब हम दोनों नंगे ही कमरे में आकर बेड पर चिपक कर सो गए थे. जब सुबह आंख खुली, तो मैंने पाया कि मेरा लंड माहिरा की गांड में घुसा हुआ था.


मैंने दो तीन झटके मारे तो लंड आधा अन्दर तक चला गया. माहिरा की आंख खुल गई.

वह गुस्से में बोली- बाहर निकालो अभी … मैं गांड सिर्फ अपने बॉयफ्रेंड से ही मरवाती हूँ. गांड मारने का हक तो मैंने अपने पति को भी नहीं दिया है.


मुझे बड़ा गुस्सा आ रहा था क्योंकि वह मुझ पर चिल्ला रही थी.

लेकिन पहली सर्विस थी इसलिए सॉरी बोला और उठकर कपड़े पहनकर मैं वहां से चला आया.


आप लोगों को हमारी Hindi Sex Stories कैसी लगी, अपनी राय जरूर दें.


हमेशा की तरह आप लोगों के मेल का इंतजार रहेगा.

Recent Posts

See All
गांड मरवाने के लिए माँ को चुदवाया बेटे ने - Indian Sex Stories

एक लौंडे को अपनी गांड मरवानी थी तो मुजे अपने घर ले गया। वहाँ उसकी सेक्सी माँ को देखा तो मेरा मन उसको चोदने का हो गया। लौंडे ने बोला की अगर तुम पता लो तो चुदवा लेगी।

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating
kamvasna sex stories & sex videos

कामवासना एक नोट फॉर प्रॉफिट, सम्पूर्ण मुफ्त और ऐड फ्री वेबसाइट है।​हमारा उद्देश्य सिर्फ़ फ्री में मनोरंजन देना और बेहतर कम्युनिटी बनाना है।  

Kamvasna is the best and only ad free website for Desi Entertainment. Our aim is to provide free entertainment and make better Kamvasna Community

bottom of page