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लास वेगास में पुणे की प्रोफेसर चुद गई

में अभी 40 साल का हूँ और फ़िलहाल गुजरात के राजकोट शहर में रहता हूँ। मेरे पुराने पाठकों को पता होगा की में कुछ साल बड़ौदा में और बाद में काफ़ी सालों तक विदेश रहता था। वहाँ पे भी मैंने काफ़ी चूतो और गांड़ का मज़ा लिया। मेरे पास काफ़ी सच्ची कहानियों का भंडार है। मेरी पुरानी कहानिया पढ़े:


आज में आप के सामने एक नई सच्ची कहानी लेकर आया हूँ।


२०१८ के बीच जब यूरोप में एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काफ़ी अच्छी पोजिशन पे जॉब कर रहा था। तब मुजे USA में लास वेगास में तीन दिन की एक कॉन्फ्रेंस में जाने का मौक़ा मिला। कॉन्फ्रेंस वाले भी जगह बहुत अच्छी चुनते है की लोगो को साथ में एश करने का मौक़ा भी मिले।

में इससे पहेले वेगास कभी गया नहीं था तो मैंने ये मौक़ा गंवाना नहीं चाहता था। मैंने वहाँ पे होटल एमजीएम जो की वहाँ की बहुत फेमस होटल है वहाँ पे रूम बुक करवाया था। कॉन्फ्रेंस एक दूसरी होटल में था जो वहाँ से थोड़ी दूरी पे थी।


कॉन्फ्रेंस में काफ़ी अलग अलग देश से लोग आए हुए थे। जिसमे भारत से २ स्त्री और ३ पुरुष प्रोफ़ेसर भी थे। वो सब लोग बंगाल से थे और पहले से एक दूसरे को जानते थे तो वो लोग साथ में ही रहते थे। एक लेडी प्रोफ़ेसर जो पुणे से थी जो अकेली आई थी। भारतीय होने के नाते सब के साथ मेरा परिचय हुआ। रात को मैं अकेले वेगास स्ट्रिप घूमने के लिए पैदल निकल पड़ा। वेगास स्ट्रिप ही वो एरिया है जहाँ पे सारे बड़े बड़े कैसिनो है। तो मैंने ऑलमोस्ट सारा स्ट्रिप पैदल ही घूम लिया। 


दूसरे दिन कॉन्फ्रेंस में भारतीय ग्रुप ने मुजे साथ घूमने के लिए आग्रह किया तो उनको मैंने टाल दिया। थोड़ी देर बाद वो पुणे वाली प्रोफ़ेसर जिनका नाम श्रीजा था वो मेरे पास आई और बोली की कहा इन चिपकु लोगो के चक्कर में पड़ रहे हो। हम दोनों घूमते है। तो मैंने उनको हा बोल दिया। उसका होटल भी अलग था।


श्रीजा के बारे में बतादु की वो मुजसे उम्र में बड़ी थी, उनकी उम्र करीबन ४५ के आस पास की तो होगी, जब की में तब सिर्फ़ ३५ का था। उसका रंग गेहुआ और शरीर से थोड़ी मोटी ही थी मगर उसकी गांड़ उसके शरीर के हिसाब से काफ़ी बड़ी थी। उसके चूतड़ का साइज़ उसकी बॉडी के हिसाब से सूट नहीं कर रहा था।


हम रात को ६-७ बजे घूमने निकल पड़े। वो जीन्स और टीशर्ट पहन के आई थी। जीन्स से उसकी गांड़ की साफ़ नज़र आ रही थी। बातो से वो खुले विचारो वाली लगती थी लेकिन थोड़ी घरेलू भी लग रही थी। १-२ घंटे पैदल घूमे और वापसी में हमको फुटपाथ पर स्ट्रिप क्लब का एजेंट मिला। तो मैंने श्रीजा को पुछा की चलो स्ट्रिप क्लब जाते है। तो वो तुरंत बोली की चलो जाते है, मुजे भी देखना है और वैसे भी यहाँ हमे कोई नहीं जानता है। एजेंट ने हमारे लिए लिमोज़िन बुलाई जो बिल्कुल फ्री होती है। उससे हम स्ट्रिप क्लब गए जो शहर से थोड़ा बाहर था। स्ट्रिप क्लब में ३ फ्लोर थे जिसमे नीचे सस्ता शो होता है, सेकंड फ्लोर पे प्रीमियम होता है जिसमे ड्रिंक भी सर्व करते है और लड़किया भी अच्छी होती है। सब से ऊपर मेल स्ट्रिपर होते है। हम सेकंड फ्लोर पे बैठे, वहाँ पे कुछ इंडियन भी थे जो हमको घूर रहे थे क्यूकी वहाँ पे कुछ भारतीय मर्द तो थे लेकिन भारतीय औरतों में श्रीजा अकेली ही थी। एक लड़की मेरे पास आके लेप डांस के लिए बोलने लगी। उसको १० डॉलर दो तो वो थोड़ी देर तक आप की लैप में बैठ के आप के लंड के ऊपर अपनी गांड़ रगड़ती है। श्रीजा को क्या सूझा उसने एक गोरी खूबसूरत लड़की को इशारे से १० डॉलर दिखाके बुलाया, और मेरे साथ करने को बोला। वो लड़की ने थोड़ी देर अपनी गांड़ रगड़ी और मेरा लंड खड़ा करके चली गई। वहाँ पे लड़की को चुदाई करना अलाउड नहीं होता, वरना वही पे पकड़ के चोद देता।


फिर हम ऊपर गए, जहाँ पे २-३ गोरे और काले मेल स्ट्रिपर थे जो सिर्फ़ कच्छे में थे। मैंने एक गोरे को बुलाया और निर्मला के साथ लैप डांस का बोला, तो वो मना करने लगी। बहुत आग्रह करने से वो थोड़ी नाराज़ हो गई की और बोली की बस देखने तक ठीक है, बाक़ी उसको वो छुए वो अच्छा नहीं लगता। रिटर्न में हमको लिमोज़िन स्ट्रिप छोड़ने के लिए आई तो मैंने अंधेरे में उसके गालो पे किस कर लिया। और उसकी जांघो पे हाथ लगाया, वो थोड़ी गर्म हो गई थी। तो मैंने उसको बोला की या तुम मेरी होटल पे आ जाओ या मैं तुम्हारी होटल पे आ जाता हूँ। थोड़ा टाइम स्पेंट करते है, वैसे भी यहाँ पे हमे कोई नहीं जानता और ना ही यहाँ से जाने के बाद हम फिर मिलने वाले है।


वो मना करने लगी, थोड़ी ना नुकुर के बाद उसने बोला की हम कल मिलते है। में थोड़ा निराश होके अपनी होटल पे आ गया। रात को उसको याद करके २ बार मूठ मारी और सो गया। क्युकी गर्म होने के बाद भी मना कर दिया तो ये मुजे टालने वाली बात लगी। दूसरे दिन जो कॉन्फ्रेंस का आखरी दिन था तो मैंने उससे बात नहीं की, तो वो मेरे पास आई और बोली की आज मेरी होटल में डिनर साथ करते है। तो हम लोग कॉन्फ्रेंस से सीधे उसकी होटल चले गए।


रूम में जाके वो फ्रेश होके बेड पे रजाई ओढ़ के सो गई और बोली यार थक गए आज तो। तो मैं भी उसकी रजाई में चला गया, तो वो कुछ नहीं बोली। थोड़ी देर इधर उधर की बात करने के बाद मैंने टीशर्ट के ऊपर से ही उसके बूब्स दबाना चालू किया। तो वो कुछ नहीं बोली और मेरे सामने देख के मुस्कुराई। धीरे धीरे मैंने उसकी टीशर्ट के अंदर हाथ डालके उसके बूब्स दबाए। तब पता चला की वो बाथरूम में ही अपनी ब्रा निकाल के आई थी। उसने मुजे पूछा की प्रोटेक्शन है, तो मैंने अपनी लैपटॉप बेग से २-३ कंडोम निकाले तो वो मुस्कुराने लगी और बोली तो आज पूरी तैयारी है। तो मैंने बोला की में तो कल भी तैयार ही था। उसने मुजे पूछा की आज तक कितनी लड़कियों के साथ किया है। तो मैंने जवाब देने की जगह उसके होठों पे मेरे होठ लगा दिए। में ये जवाब किसी लड़की को देना जरूरी नहीं समजता, क्युकी इस बात का सही जवाब देना कोई बहादुरी वाला काम नहीं है, इससे औरतों में खराब ही इमेज पड़ती है।


थोड़ी देर चुम्मा चाटी करने के बाद मैंने उसको बोला, की तुमने कल ना बोलके कल की रात ऐसे ही बर्बाद कर दी। तो उसने बताया की उसके पीरियड एक दिन पहेले ही खत्म हुए थे इस लिए वो मना कर रही थी, पेड़ लगाया था इस लिए वो लेप डांस नहीं करवा रही थी, उसको डर था कि उसमें अगर पेड़ हिल गया तो खून के दाग लग जाएँगे। और उसने आज तक अपने पति के अलावा किसी से नहीं चुदवाया। तो थोड़ी हिचक भी थी, लेकिन फिर तुम्हारे शब्द याद आए की, “हमे यहाँ कोई नहीं जानता और ना ही यहाँ से जाने के बाद हम फिर मिलने वाले है’। तो आज कुछ अलग एक्सपीरियंस लेने का सोच रही थी और तुम काफ़ी अच्छे लगे तो पूरी रात सोचने के बाद में आज मुजसे मिलने को बोला।


मैंने उसका टीशर्ट और ट्राउजर निकाल दिया। उसके पतली सी पेंटी पहनी हुई थी, जो उसकी चुतड़ो की दरार में कहीं गुम हो जा रही थी। मैंने भी अपने कपड़े निकाल दिए तो उसने मेरा लंड देखके शर्म के मारे आँखे बंद कर ली। मैंने उसका हाथ पकड़ के खड़ा किया और पेंटी निकाल दी। उसकी चूत पे थोड़े बाल थे, शायद ८-१० पहले ही साफ़ किए लगते थे। ये वाली चुदाई शायद उसने सोची नहीं होगी, नहीं तो वो चुत को पहले से सफाचट कर के आती। 


फिर ऐसे ही खड़े खड़े हम एक दूसरे को चुम्मा चाटी करने लगे। उसका वजन करीबन ७५-८० किलो के आस पास होगा, क्युकी उसके कूल्हे ही मुजे ५-५ किलो के लग रहे थे। आज तक मैंने जितनी औरतों तो चोदा है उसमे श्रीजा की गांड़ सबसे बड़ी थी। हालांकि उसकी सिर्फ़ गांड़ ही बड़ी थी। उसके बूब्स नार्मल साइज़ के ही थे और थोड़े नरम भी थे। उसके दोनों कूल्हों को में हाथ में लेके दबा रहा था और साथ में खड़े खड़े बूब्स भी चूस रहा था। मेरा साढ़े पाँच इंच का और लोहे की रॉड जितना सख़्त लंड भी उसकी चूत पे दस्तक दे रहा था। फिर में उसके पीछे आ गया और मेरा लंड उसकी गांड़ की दरार में लगा दिया। उसके कूल्हों की साइज़ की वजह से लंड ऐसा लग रहा था कि जैसे गांड़ में ही घुस गया हो, तो मैंने थोड़े झटके मारना चालू किया। थोड़ी देर फॉर प्ले करने के बाद हम बेड पे आ गए। हम दोनों एकदम नंगे थे। मैंने उसका हाथ अपने लंड पे रख दिया। उसने लंड पकड़के उसका सुपाड़ा से चमड़ी ऊपर नीचे करना चालू किया। उसको ऐसा करने में मज़ा आ रहा था। मैंने उसको मुंह में लेने को बोला तो उसने मना कर दिया। तो मैंने उसकी गांड़ के नीचे तकिया रखके उसके पैर फैलाए और अपनी जीभ उसकी चूत की छेद में डाल दी। 


चूत लिसलिसा पानी छोड़ रही थी, जो थोड़ा खट्टा था। उसको बड़ा मज़ा आ रहा था। मैंने उसका सारा पानी पी चाट के चूत को साफ़ कर दिया। मेरा मुंह भी चिपचिपा हो गया। बाद में उसने बताया की ना वो कभी अपने हसबैंड का लंड मुँह में लेती थी ना ही उसके हसबैंड कभी चूत चाटता था। सिर्फ़ चुम्मा चाटी करके चोदना चालू कर देते थे। उसका हसबैंड उससे कम पढ़ा लिखा भी था और उनका फ़ार्म था तो वो ज्यादातर वही रहता था और वो अकेली अपनी एक बेटी और सास के साथ पुणे रहती थी।


फिर मैंने अपनी एक उंगली चूत में डाल के अंदर बाहर करने लगा। काफ़ी चुदी हुई थी तो २ उँगली भी आराम से ले रही थी और मज़ा भी ले रही थी, उसकी आँखे बंध थी और मुंह से अजीब सी चुदाईं वाली आवाज़े निकाल रही थी। थोड़ी देर के बाद उसकी चुत वापस पानी छोड़ने लगी। मैंने अपने लंड पे मेनफोर्स का डॉटेड कंडोम लगाया और उसकी चूत पे लंड का सुपाड़ा घूमाना चालू कर दिया। वो अपने चूतड़ उठाने लगी और मैंने एक ही झटके में लंड चूत में डाल दिया। मेरा लंड बिल्कुल मखन की तरह उसकी चूत में समा गया। मैंने फिर झटके मारने चालू कर दिए। अभी मैंने स्पीड ही पकड़ी उतनी देर में उसने अपने नाखून मेरे पीठ में जड़ दिए। और मुजे इशारे से बोला की उसका हो गया। लेकिन मैंने उसपे ध्यान नहीं दिया। और तेज रफ़्तार में चुदाई चालू रखी। ज़्यादा एक्साइटमेंट की वजह से में भी जड़ गया और उसके ऊपर ही निढाल हो गया। हम दोनों की सांसे तेज चल रही थी। थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद उसने आँखे खोली और मेरे सामने मुस्कुराई। मैंने इशारे से पूछा की मज़ा आया, और उसने हा में सर हिलाया।


उसने बोला की ये कंडोम खुरदरा है तो चूत में बहुत मज़ा आया। उसने बताया कि उसके हसबैंड में नसबंधी का ऑपरेशन करवाया है, तो वो कभी कंडोम इस्तमाल नहीं करते। लेकिन उसकी धारणा के विपरीत उसको कंडोम के साथ बड़ा मज़ा आया।


मैंने उठके अपना लंड धोया और साथ में बाते करने लगे। नीचे रेस्टोरेंट में जाके हमने पीज़ा खाया और बहुत सारी बाते की। रात के ९ बज रहे थे और हम दोनों की फ्लाइट दूसरे दिन थी तो पूरी रात पड़ी थी। वापस हम रूम में आए। और चुम्मा चाटी चालू कर दी। उसकी चूत चाटने के समय पे एक उंगली चूत में डालके चिकनी की और उसकी गांड़ में डाल दी। मेरी धारणा के अनुसार उँगली आसानी से चली गई। उसने ज़्यादा कुछ विरोध नहीं किया। तो मुजे पता चल गया की ये बहुत गांड़ मरवाती होगी। 


मैंने वापस लंड पे कंडोम चढ़ाया उसकी गांड़ के नीचे पिलो रखा और उसकी एक ही झटके में लंड उसकी चिकनी चूत में पेल दिया। और जबरदस्त चुदाई करने लगा। दोनों एक बार जड़ चुके थे तो करीबन १५-२० मिनट तक चुदाई चली। बीच बीच में चूत से लंड निकाल के उसकी गांड़ के छेद में डाल रहा था। गांड़ में लंड डालने से उसको थोड़ा दर्द हो रहा था लेकिन लुब्रिकेटेड कंडोम और चूत के पानी की वजह से ज़्यादा परेशानी भी नहीं हो रही थी। हालांकि मैंने सिर्फ़ सुपाड़ा डालने का ट्राय ही किया था।


थोड़ी देर चूत चुदाई के बाद वो जड़ गई। मेरा अभी नहीं हुआ था, तो उसने इशारे से बोला की तुम चालू रखो। मैंने कल २ बार मूठ मारी थी और आज भी एक बार झड़ गया था तो अभी पानी निकला नहीं था। मैंने उसकी टांगो को उठाके गांड़ में लंड डालने लगा। उसने कुछ विरोध नहीं किया, जब मैंने लंड डाला तब सिर्फ़ अपने होठ भीच रही थी। जिससे लगा की शायद थोड़ा दर्द हो रहा होगा, मगर पहले भी बहुत गांड़ मरवाती होगी। जो शायद उसके बड़ी गांड़ का राज था। मेरी बीवी प्रियंका की गांड़ में उँगली डालते ही उसकी चीख निकल जाती है और जब मेरा मन हो तक मुजे जबरदस्ती उसकी गांड़ मारता हूँ और अगले दिन वो मुजसे गुस्से की वजह से बात भी नहीं करती।


श्रीजा के चूतड़ बड़े होने की वजह से मेरा लंड बहुत गहराई तक नहीं जा रह था, तो वो उठी और घोड़ी बन गई। और अपने पर्स की और इशारा करके बोली की उसमे से क्रीम ले लो। मैंने पर्स में देखा तो पांड्स की कोल्ड क्रीम थी। मैंने अपने कंडोम के ऊपर क्रीम लगाई और वापस गांड़ में डाल दिया। मुजे चूत से ज़्यादा गांड़ में मज़ा आ रहा था। क्युकी उसकी चूत बहुत चुदी हुई वजह से थोड़ी ढीली ही थी मगर गांड़ चाहे कितनी ही चुदे, वो हमेशा टाइट ही रहती है। ऊपर से वो डॉगी स्टाइल के वजह से गांड़ का छेद पूरा दिख रहा था और लंड पूरा अंदर भी जा रहा था। 


थोड़ी देर के बाद वो बोली की डॉटेड कंडोम की वजह से थोड़ा जलन हो रहा है, निकाल दो। मैं थोड़ा सरप्राइज़ हुआ, मगर उसने सामने से बोला तो मैंने कंडोम निकाल दिया और अपने लंड पे क्रीम लगाया और गांड़ में पेल दिया। और ढक्कापेल गांड़ चोदन चालू कर दिया। में थोड़ी ही देर में उसकी गांड़ के अंदर ही झड़ गया। और उसके ऊपर ऐसे ही पड़ा रहा। थोड़ी देर में लंड सिकुड़के बाहर निकल गया साथ में मेरे लंड का पानी भी निकला और नीचे पिलो पे टपक रहा था। हम दोनों के चेहरे पे संतुष्टि का भाव था। हम एक दूसरे को चिपक के सो गए। उसने बाद में बताया के नार्मल डिलीवरी से उसकी बेटी पैदा होने के बाद पति अक्सर उसकी गांड़ मारता है। वैसे मैंने अनुभव किया है की साउथ इंडिया की औरतों में गांड़ चोदन का शौक़ ज़्यादा है और औरते भी ज़्यादा गर्म होती है।

 

सुबह ७ बजे के आस पास मेरी आँख खुली, तो वो उठके मैंने वापस एक बार उसकी चूत चुदाई की। लेकिन ये चुदाई आधे घंटे से ज़्यादा चली, उसका पानी निकल जाने के बाद में भी थक गया था और मेरा पानी भी नहीं निकला था। मैंने उसको मेरी मूठ मारने को बोला। तो वो मेरे मुंह के ऊपर अपनी चूत रख के उल्टी बैठ गई और मेरा मूठ मारने लगी। उसको क्या हुआ की बीच में अचानक मेरा लंड अपने मुंह में ले लिया, और चूसने लगी और बीच बीच में मूठ भी मरने लगी। मेरा भी पानी थोड़ी देर में निकल गया। उसने मुजे बताया की उसको पता नहीं क्या हो गया की उसने मेरा लंड मुंह में ले लिया, वरना उसने आज तक लंड कभी नहीं चूसा।


हम दोनों की फ्लाइट अलग अलग थी मगर करीबन एक ही समय पे थी तो एयरपोर्ट पे मिलने का वादा करके अपनी होटल पे चेक आउट करने चला गया। 


दोपहर को हम एयरपोर्ट पे मिले, उनके साथ वो बंगाली इंडियन ग्रुप भी था। हमने ऐसे बात की जैसे कुछ हुआ ही नहीं। जाते जाते हम वाश रूम के पास गए और बोली, "हम एक दूसरे को जानते ही नहीं" और स्माइल दी। मैंने सिर्क "ओके" बोला और थम्स अप किया।


इस बात के ७-८ साल हो गए मगर हमने आज तक ना तो एक दूसरे को मिले ना कभी कांटेक्ट किया, ऐसे मैंने उसको दिया प्रॉमिस निभाया।

अगर आपको मेरी सच्ची कहानी अच्छी लगी तो मुजे jack.infinium@gmail.com पर मेल करे। में आप के पास और कुछ सच्ची कहानिया लेकर जल्द ही वापस आऊंगा।

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2 Comments

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श्वेता
Feb 01
Rated 5 out of 5 stars.

mere sath bhi aisi ghatna hui thi.

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aakash
Feb 01
Rated 5 out of 5 stars.

मस्त कहानी है। लग रहा है की सच्ची है। जेक भाई, बहुत अच्छी कहानी लिखते हो।

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