top of page

लोकडाउन में दिया बुआ ने गांड का मजा - Hindi Sex Stories

Kamvasna

दोस्तो, मेरा नाम अमित है और मेरी उम्र 24 साल है. मैं जबलपुर में रहता हूं. यह Hindi Sex Stories मेरे पड़ोस में रहने वाली एक बुआ की है जिनका नाम कविता (बदला हुआ) है.


उनकी शादी हो चुकी है परन्तु अब वो अपने पति के साथ नहीं रहती हैं. वो अब मायके में रहती हैं इसलिए सामाजिक रिश्ते के हिसाब से वो मेरी बुआ लगी.


उनकी उम्र 40 के करीब है और 3 बच्चे हैं.


दोस्तो, आपने कभी ध्यान दिया होगा कि जब भी आपके पास कोई काम नहीं होता है तो आपका ध्यान केवल एक चीज की तरफ ही ज्यादा जाता है और वह है सेक्स!


मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ.

उस वक्त लॉकडाउन का दौर था. किसी के पास कुछ करने को नहीं था.

इस दौरान अक्सर शाम को पड़ोसी गली में आ जाते थे और पड़ोस के सब लोग गेम खेला करते थे.


एक दिन की बात है जब मैं और मेरे दोस्त शाम के समय कैरम खेल रहे थे.

हम तीन लोग थे तो चौथी खिलाड़ी बुआ आ गई और बोली कि मैं भी तुम लोगों के साथ खेलूंगी.


तो हम सब खेलने लगे लेकिन बीच खेल में दोस्त को कुछ काम आ गया तो वो दोनों दोस्त अपने अपने घर चले गए.


फिर मैं और बुआ ही बचे तो मैं खेल बंद करने लगा.


मगर बुआ बोली- हम दोनों ही खेल लेते हैं.

मैंने उनसे कहा- आपको कहां अच्छे से खेलना आता है, आप तो थोड़ी देर में ही हार जाओगी मुझसे!


वो बोली- अच्छा, यह बात है तो शर्त लगा लो.

मैंने कहा- ठीक है, मगर जो जीतेगा उसको मिलेगा क्या?

कविता- जो हारेगा उसको जीतने वाली की एक बात माननी पड़ेगी.


मैं- ठीक है, परन्तु आप सोच लो, अगर मैं जीता तो जो मांगूंगा वो आपको देना पड़ेगा?

कविता- पहले जीत तो जाओ … फिर देखते हैं.


फिर हमारा गेम चालू हुआ और हम दोनों अपनी धुन में ही खेलने लगे.

मैंने एक ऐसा शॉट मारा कि मेरी गोटी उनके गाउन में चली गई.

दोस्तो, वो ज्यादातर गाउन ही पहना करती थी.


उसने गोटी को निकालने से मना कर दिया और बोली- अभी नहीं निकाल सकती, दूसरी से खेल लो.

मगर मेरे मन में इतनी ही बात से हवस जाग गई.


मैंने सोचा कि ये अच्छा मौका है; मैंने कहा- नहीं बुआ, अगर गेम आगे बढ़ाना है तो सारी गोटी ही चाहिए हैं. नहीं तो ये फिर चीटिंग हो जाएगी.

मेरे कई बार कहने पर उसने गोटी गाउन से निकाली.


धीरे धीरे गेम चलता रहा और आखिर में मैं ही जीत गया.


अब शर्त के मुताबिक मैं उनसे कुछ भी मांग सकता था. मुझे तो बुआ की चुदाई करनी थी लेकिन सीधे सीधे तो कह नहीं सकता था कि बुआ मुझे चूत दे दो!


मैंने दिमाग लगाया और सोचा कि इनसे कुछ ऐसा काम करवाता हूं जो कि ये कर ही न पाए और फिर मुझे फिर से एक बार उनको दूसरा काम देने का मौका मिले.


फिर मैंने कहा- बुआ आपको एक बार चौराहे का चक्कर लगाकर आना है.

वो डर गई और बोली- नहीं, तुम पागल हो क्या? जानते नहीं कि बाहर पुलिस का पहरा है, ऐसे कोई घूम नहीं सकता.


मैंने कहा- तो फिर आप हार गईं, अब आपको शर्त तो पूरी करनी ही होगी.

वो बोली- ठीक है, तो कुछ और काम बताओ.


फिर मैंने कहा- तो फिर आपको रात के 11 बजे अकेले घर में एक भूतिया फिल्म देखनी होगी.

वो बोली- कहां? तुम्हारे घर?


मैं बोली- नहीं, आपके घर.

वो बोली- मगर मेरे घर में तो कोई नहीं है, मेरी मां तो भाई के घर गई है दूसरी कॉलोनी में, बच्चे भी उनके साथ ही हैं.


मैंने कहा- फिर तो और अच्छी बात है, यही तो चैलेंज है. आपको अकेले घर में भूतिया फिल्म देखनी है और वो भी आधी रात के वक्त.

वो बोली- नहीं, मैं नहीं देखूंगी.


तो मैंने फिर जोर देकर कहा- अगर आप में शर्त पूरी करने की हिम्मत नहीं थी तो फिर शर्त लगाई ही क्यों? मैं अपने दोस्तों को बता दूंगा कि आपको आगे से हमारे साथ न खेलने दें. या तो आप शर्त पूरी करो या फिर हमारे साथ मत खेलना.


ये सुनकर वो भी थोड़े जोश में आ गई और बोली- ठीक है, मगर मैं अकेली नहीं देखूंगी. तुम भी रहना घर में.

मैं मन ही मन खुश हो गया क्योंकि मैं तो यही चाहता था.


मैंने कहा- ठीक है, मैं दूसरे रूम में रहूंगा. आप अपने रूम में अकेली देखना.

इस तरह रात का प्रोग्राम तय हो गया.


अब मैंने जानबूझकर उनको ऐसी मूवी देखने को कहा जिसमें कई सारे नंगे सेक्स सीन थे.

रात को मैं उनके घर पहुंच गया.

खाना मैं खा ही चुका था.


बुआ भी सारा काम निपटाकर मेरा इंतजार कर रही थी.


मैंने मूवी चला दी और सामने हॉल में जाकर अपने फोन में टाइमपास करने लगा.

घर की लाइटें मैंने बंद करवा दीं और बुआ को अंधेरे रूम में मूवी देखने को कहा.


वो मूवी देखने लगी और कुछ देर बाद ही वो डरने लगी.

वो बोली- अमित, ये गलत बात है. मैं ऐसे अकेली नहीं देख सकती.

मैंने कहा- यही तो शर्त है.


बुआ ने कहा- मगर तुम कम से कम रूम में तो आ जाओ. यहां मुझे बहुत डर लग रहा है, हार्ट अटैक आ जाएगा.

मैंने कहा- ठीक है.


फिर मैं मन ही मन खुश होता हुआ बुआ के पास रूम में गया और बेड पर उनके साथ जाकर लेट गया और मूवी देखने लगा.

मूवी में बीच बीच में सेक्स सीन आ रहे थे.


मेरा लंड तो पहले से ही तना हुआ था.

जब भी कोई सेक्स सीन आता था तो मैं अपने लंड को सहला देता था ताकि बुआ का ध्यान मेरे लंड पर जा सके.

मैंने देखा भी कि जब जब मैं अपने लंड को सहला रहा था तो बुआ मेरे लंड की ओर देखती थी.


मैं समझ गया कि इतने दिनों की प्यास बुआ की चूत को भी गीली कर रही है.

अब वो डर के मारे मेरे और करीब आ गयी.


मेरे लंड में और ज्यादा तनाव आ गया और लोवर में साफ साफ लंड के झटके लगते हुए दिखने लगे.


जब एक गर्म सेक्स सीन आया तो मुझसे रहा न गया और मैंने बुआ की जांघ पर हाथ रख दिया और सहलाने लगा.

वो सीधा टीवी में देखती रही और कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.


इससे मेरी हिम्मत बढ़ी और मैंने उनका हाथ पकड़ कर अपने उछल रहे लंड पर रखवा दिया.


बुआ ने लंड पकड़ लिया और मेरी तरफ देखने लगी.


बस इतना होना था कि हम दोनों एक दूसरे के होंठों पर टूट पड़े.


मैंने बुआ को नीचे गिरा लिया और उसकी चूचियों को दबात हुए उसके होंठों को चूसने लगा.

वो भी मेरे सिर को सहलाते हुए मेरी जीभ को अपने मुंह में खींचने लगी.


हम दोनों की लार एक दूसरे के मुंह में जा रही थी.


कम से कम 5 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे को किस ही करते रहे.


फिर अलग हुए तो मैं गाऊन के उपर से ही उनके दूध दबाने लगा जिससे कविता को दर्द होने लगा.


मेरे हाथों की ताकत इतनी ज्यादा थी कि मुझे पता ही नहीं चला कि कितना जोर डाल रहा हूं.


मैं पूरे जोश में था और बुआ की चुदाई के लिए तड़प रहा था.

बहुत दिनों के बाद आज मुझे चूत मिलने वाली थी.


फिर मैंने उसके गाऊन को उतार दिया.

उसने नीचे से रेड कलर की ब्रा और पैंटी पहनी हुई थी.

मैं ब्रा के ऊपर से ही दूधों को चूसने चाटने लगा.


धीरे धीरे उसके बदन पर होते हुए मेरा एक हाथ उसकी पैंटी में जाने लगा.


जैसे ही मेरा हाथ उसकी चूत पर पहुंचा तो उसने अपनी टांगें चौड़ी करके अपनी चूत को खोल दिया ताकि मैं अच्छे से उसकी चूत की मालिश कर सकूं.


मैं बुआ की चूत को रगड़ने लगा और हथेली से उसकी चूत की फांकों को सहलाने लगा.

वो अपनी चूत को उठाकर मेरे हाथ की तरफ दबाने लगी.

लग रहा था जैसे कि उसकी चूत में बरसों की आग लगी हो.


मेरी उंगली उसकी चूत को बार बार छेड़ रही थी.


हल्की सी उंगली मैं उसकी चूत में अंदर भी डाल रहा था.


जब मेरी उंगली उसकी चूत में थोड़ी अंदर जाती तो वह अपनी जांघों को भींच लेती थी.


इससे पता चल रहा था कि वो लंड लेने के लिए कितनी बेताब हो चुकी है.


मगर वो मुंह से कुछ नहीं बोल रही थी.

बुआ ने चूत को क्लीन शेव किया हुआ था.


चूत एकदम से चिकनी महसूस हो रही थी.


उसकी गर्म गर्म चूत में जब उंगली अंदर जा रही थी तो मेरे लंड में जोर जोर से झटके लग रहे थे.


धीरे धीरे अब उसकी चूत में मुझे गीलापन महसूस होने लगा था.


मुझे चूत सहलाते और उंगली करते हुए दो-तीन मिनट हो चुके थे.

वो भी अब तड़प चुकी थी.


मैं अब चोदने के लिए और इंतजार नहीं कर सकता था.

उधर बुआ भी लंड के लिए और इंतजार नहीं कर सकती थी.


मैंने जल्दी से अपने कपड़े उतारे और बुआ की ब्रा-पैंटी को उतार कर उसको भी नंगी कर लिया.


एक बार चोदने से पहले मैं बुआ की चूत की खुशबू और उसके रस का स्वाद लेना चाहता था.


जल्दी से मैंने उसको बेड पर पटका और उसकी टांगों को अपने कंधे पर लेकर उसकी चूत में मुंह दे दिया.


मैं बुआ की नमकीन-मीठे रस से भरी चूत को चूसने लगा.

उसकी चूत में जीभ दे देकर उसको अंदर तक खोदने लगा.


उसकी हालत खराब होने लगी; वो मेरी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी.

मेरी पीठ पर खरोंचें आने लगीं जिससे मुझे जलन होने लगी.


मुझे थोड़ा गुस्सा आने लगा और मैंने उसके मुंह में लंड देने की सोची.

मैंने लंड उसके मुंह के सामने कर दिया और चूसने को कहा.

मगर उसने लंड को मुंह में लेने से मना कर दिया.


मैंने कई बार उसको कहा लेकिन वो नहीं मानी.


मैं फिर से उसकी चूत में जीभ देकर चाटने लगा.

वो मेरे बालों को नोंचने लगी.


मैं ज्यादा देर उसकी चुदास के सामने टिक नहीं सकता था.

मैंने पांच मिनट तक किसी तरह उसकी चूत में जीभ देकर उसकी चूत का स्वाद लिया और खूब जोर से उसके चूचे भी दबाए.


अब चुदने के लिए गुहार लगाने लगी- आह्ह … हरामी … बस कर … जान निकालेगा क्या … अब चोद भी दे … पागल कर दिया है तूने मुझे!

मैंने मौका देखा और बोला- अगर लंड चूसने का मजा दोगी तो चोदूंगा… नहीं तो उंगली से चूत का पानी निकाल दूंगा.


वो बोली- बड़ा मादरचोद है तू, ला … चूस देती हूं.

मैं उठा और लंड उसके होंठों पर फिराते हुए कहा- चूस दे कविता डार्लिंग!

उसने मुंह खोला और मेरे लंड को अपने गर्म गर्म मुंह में लिया- आह्ह …. मेरे मुंह से तो आनंद के सीत्कार फूट पड़े.


इतनी देर से तना हुआ लंड दर्द कर रहा था.


अब कविता के मुंह में जाने के बाद उसने ऐसा मजा दिया कि मैं तो पागल सा होने लगा.

मैं बता नहीं सकता कि मेरे तड़पते लंड को कितना सुकून मिल रहा था.


लंड चुसवाने की इच्छा पूरी होने के बाद अब उसको चोदने की बारी थी.

मैंने उसकी गांड के नीचे तकिया लगाया और अपना लंड उसकी गीली चूत पर सेट करके उसके ऊपर लेटता चला गया.


मेरा लंड बुआ की गीली चूत में प्रवेश करके अपना रास्ता बनाता चला गया.

बीच में एक बार लंड अटका तो मैंने धक्का देकर उसको अंदर सरका दिया.


बुआ ने मेरी पीठ को जकड़ लिया और मेरी नंगी गांड पर अपनी टांगें लपेट लीं.


हम दोनों के होंठ मिल गए और मैं बुआ को चोदने लगा.

वो थोड़ी देर तो कराहती रही और फिर मस्ती में आकर चुदने लगी.


ऐसा मन कर रहा था कि चोदते हुए उसके जिस्म को काटकर खा लूं.

मैं कभी उसके होंठों को खा रहा था तो कभी उसकी मोटी मोटी चूचियों को पी रहा था.

उसकी चूचियों को चूस चूसकर मैंने लाल कर दिया था.


15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा माल निकलने को हो गया.

मैंने बिना बताए उसकी चूत में ही माल छोड़ दिया.

फिर हांफते हुए उसके ऊपर लेट गया.


जब हम दोनों शांत हुए तो मैंने पूछा- तुम्हारा पानी नहीं निकला क्या?

वो बोली- ऐसे जानवरों की तरह चोदते हो कि दो बार झड़ गई मैं!

फिर मैंने उसकी चूत को रगड़ते हुए कहा- बहुत गर्मी है अभी इसमें.


वो बोली- पांच साल से नहीं चुदी थी. आज जाकर प्यास थोड़ी शांत हुई है.

अब हम दोनों फिर से चूमा चाटी में लग गए.


कुछ देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.

उसकी भारी गांड देखकर मेरा मन उसकी गांड मारने के लिए करने लगा.


मैं बोला- कविता डार्लिंग … गांड दे दो ना प्लीज?

वो बोली- नहीं, मैंने गांड न तो दी और न ही दूंगी.

मैंने कहा- मैंने तुम्हारी बरसों की प्यास बुझाई, तुम इतना नहीं कर सकती?


वो काफी देर तक ना-नुकुर करती रही. फिर आखिरकार वो मान गयी.


मैंने उसकी गांड के छेद में उंगली से तेल लगाया और लंड के टोपे को भी तेल में तर कर लिया.


फिर उसकी गांड के छेद पर लंड रखा और पीछे से उसकी गांड में देने लगा.

उसको दर्द होने लगा तो वो आगे भागने लगी लेकिन मैंने उसके हाथ पकड़ लिए.


मैं बोला- बस एक बार होगा दर्द फिर मजा ही मजा है.

वो किसी तरह डटी रही और मैंने लंड को उसकी गांड में घुसा दिया.


फिर मैं दो मिनट लंड डाले उस पर लेटा रहा और फिर उसकी गांड चुदाई शुरू की.


थोड़ी देर में उसे भी गांड चुदवाने में मजा आने लगा और अबकी बार मैं उसकी गांड में खाली हुआ.


इस तरह से हमने उस रात खूब मजा किया.


उसके बाद से बुआ और मेरा चक्कर चला आ रहा है.

जब भी वो घर में अकेली होती है तो मैं उसको चोदने पहुंच जाता हूं या फिर वो खुद ही मुझे बुला लेती है.

Hindi Sex Stories

Recent Posts

See All

घर बना चुदाई का अड्डा - Desi Sex Stories

माँ सेक्स मौसी की चुदाई दोनों हैं इस कहानी में! मेरी तलाकशुदा मौसी हमारे साथ ही रहती थी. एक दिन मैंने मौसी को कामवासना कहानी पढ़ते देखा तो

Comentarios

Obtuvo 0 de 5 estrellas.
Aún no hay calificaciones

Agrega una calificación
kamvasna sex stories & sex videos

कामवासना एक नोट फॉर प्रॉफिट, सम्पूर्ण मुफ्त और ऐड फ्री वेबसाइट है।​हमारा उद्देश्य सिर्फ़ फ्री में मनोरंजन देना और बेहतर कम्युनिटी बनाना है।  

Kamvasna is the best and only ad free website for Desi Entertainment. Our aim is to provide free entertainment and make better Kamvasna Community

bottom of page