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शादी में इवेंट मैनेजमेंट वाली को चोदा - Indian Sex Stories

सभी पाठकों को मेरा नमस्कार.

आज मैं एक नई सेक्स कहानी लेकर आया हूं जिसमें मैंने अपने दोस्त की शादी में इवेंट वाली लौंडिया को चोदा था.


दोस्तो, मैं हॉट गर्ल Indian Sex Stories में पहले उस बला की खूबसूरत इवेंट वाली के बारे में बता देता हूं, जो मुझे मेरे दोस्त की शादी में मिली थी.


उस इवेंट वाली का नाम छाया था. उसका फिगर का साइज 32-28-34 का था और बड़ा ही मदमस्त फिगर था.

उसके बूब्स एकदम मदमस्त करने वाले थे.


मेरे दोस्त का नाम विशाल है और वह बहुत पैसे वाला है.

उसकी शादी का कार्यक्रम होना था.

इसलिए उसने अपनी शादी का अरेंजमेंट अपने फॉर्महाउस से करना तय किया.


उसका फॉर्महाउस इंदौर भोपाल रोड पर है.


मैं उसके फॉर्महाउस पर पहले भी गया हुआ हूं, तो आपको बता रहा हूं कि उसका फॉर्म बहुत बड़े एरिया में है और उसमें एक 4 बेडरूम वाला बंगला भी बना है. उसका यह फॉर्महाउस सारी सुख सुविधाओं से युक्त है.

शादी वहीं से करने का डिसाइड होने के बाद उसने एक इवेंट टीम को बुलाया था.

उस टीम में दो लड़के और तीन लड़कियां थीं.


मैं और विशाल उन सबके साथ फॉर्महाउस में आ गए.

उधर सारे अरेंजमेंट देखने लगे.

वह टीम सारे इवेंट फिक्स करने लगी.


हल्दी, मेहंदी, संगीत, रिसेप्शन आदि सब इवेंट तय किए कि किधर से क्या होगा.


इसी बीच इवेंट वाली टीम की एक लड़की छाया पता नहीं क्यों थोड़ी घबरा रही थी.

जब मैंने उससे इसका कारण पूछा, तो पता चला कि यह उसका पहला इवेंट है इसलिए वह घबरा रही थी.


खैर … जैसे तैसे मैंने उसे समझाया तो वह मुझसे संतुष्ट हो गई और उसका काम करने में मन लगने लगा.


उस दिन इससे ज्यादा कुछ नहीं हुआ.


अब हम लोगों ने एक व्हाट्सैप ग्रुप बनाया और सभी के नम्बर आपस में एक्सचेंज कर लिए.


अभी शादी को 20 दिन थे.

तो हम लोग कुछ भी जरूरी होता, ग्रुप में पोस्ट करते और उस काम को आपस में तय करके फिक्स कर लेते.


ज्यादातर काम मैं ही बताता था क्योंकि मेरे दोस्त के पापा ने शादी की तैयारी की जिम्मेदारी मुझे ही दे रखी थी.

जब भी मैं ग्रुप में कुछ पूछता या बताता, तो छाया का मेरे पास पर्सनल मैसेज आ जाता.


फिर वह मुझसे समझती कि क्या और कैसे करना है.

इसी के चलते छाया से मेरी बातें होती रहीं और हम दोनों दोस्त बन गए.


अब वह मुझे डायरेक्ट कॉल ही कर लेती थी.

फिर शादी का समय आया.


शादी के दो दिन पहले मैं और पूरी इवेंट टीम को फाइनल तैयारी के लिए फॉर्महाउस में जा रुकना था.


वहां हम सब अपने बैग आदि के साथ सुबह ही पहुंच गए थे.

सारे अरेजमेंट करते करते शाम हो गई.


हम सभी थक भी गए थे तो सभी लोग उधर ही रुकने का सोचने लगे.


लड़कियां और लड़के अलग अलग रूम में सोने चले गए.

मैं एक अलग रूम में चला गया.


वह कमरा ऊपर की मंजिल पर था. मैं अकेला ही रूम में पहुंच गया.


मुझे फिर अचानक कुछ अरेजमेंट को लेकर याद आया तो मैंने ग्रुप में मैसेज किया.


पर सभी सो गए होंगे, यह सोच कर मैंने एक मैसेज और भेज दिया कि सुबह जल्दी से ये काम निपटाना है.


मेरे दूसरे मैसेज के भेजते ही छाया का मेरे पास कॉल आ गया.

हम दोनों सुबह निपटने वाले काम को लेकर बात करने लगे.


तभी छाया ने कहा- वह काम भी अभी ही निपटा लेते हैं!

मैंने ओके कहा.


छाया और मैं अपने अपने कमरे से निकल कर गार्डन में आ गए.


छाया ने उस समय एक ढीली सी टी-शर्ट और लोवर पहना हुआ था.

मैंने भी वही पहना था.


हमें कुछ सामान एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट करना था, जिस वजह से सामान को उठाने के चक्कर में बार बार नीचे झुकना पड़ रहा था.


इसी झुकने के चक्कर के मुझे छाया के बूब्स दिखाई दिए.

पहले तो मैंने इग्नोर कर दिया था लेकिन बार बार देखने से मेरा अन्दर का शैतान जागने लगा.


पर मैंने अपने आप पर कंट्रोल किया और काम निपटाने में लगा रहा.


जब हमने सामान दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया तो हमें वहां पर एक पोल पर लाइट टांगना था जिससे उजाला अच्छा हो.


अब मैं जैसे ही लाइट टांगने ऊपर चढ़ा, तो मेरा आधा खड़ा लंड लोवर में उभार बनाने लगा था.


खड़ा लंड छाया को दिखाई दिया और संयोग से मैं जिस टेबल पर चढ़ कर पोल में लाइट लगा रहा था, छाया उसे ही पकड़ी थी.


उसका चेहरा और मेरा लंड आमने सामने हो गया.

बिल्कुल एकदम उसके चेहरे के पास … इससे छाया एकदम घबरा गई और उसने टेबल हिला दी.


मेरा संतुलन बिगड़ गया और मैं गिरते गिरते बचा.

मैं छाया पर चिल्लाया तो वह डर गई और रोने लगी.

मुझे भी अच्छा नहीं लगा.


मैं कुछ ज्यादा ही जोर से चिल्ला दिया था.

मैंने उसे सॉरी बोला और चुप कराने लगा.

पर वह तो रोये ही जा रही थी.


फिर मैंने उसके कंधे पर हाथ रख कर पूछा- टेबल क्यों हिलाई?

उसने कुछ नहीं कहा.


मेरे 2-3 बार पूछने पर वह बताने लगी कि उस समय कैसी स्थिति थी!


मैंने भी उससे कहा कि वह स्थिति भी तुम्हारी वजह से ही हुई थी!


उसने अचम्भे से मेरी तरफ देखा और आंखों से ही सवाल किया कि मेरी वजह से कैसे?

अब तक हम दोनों थोड़ा सहज हो गए थे और एक दूसरे के सामने थोड़ा खुल गए थे.


मैंने उससे बोल दिया- जब तुम झुक रही थीं तो मुझे तुम्हारे बूब्स दिखाई दे रहे थे. बस उसी कारण मेरा शेर अंगड़ाई लेने लगा था.


उसने जैसे ही ये सुना, वह शर्मा गई और भाग कर अपने कमरे में पहुंच गई.


मैंने भी जल्दबाजी नहीं की और अपने कमरे में जाकर उसे मैसेज किया.

मैं उससे बात करने लगा.


वह भी बात तो कर रही थी, पर शर्मा बहुत रही थी.


फिर कुछ मिनट बात करके गुड नाईट का मैसेज किया और एक किस वाली इमोजी भेज कर मैं ऑफ लाइन हो गया.

अब मैं सो गया.


सुबह उठ कर मैंने मोबाइल चेक किया तो उसके 20 मैसेज थे जो डिलीट हुए पड़े थे.


अब मैं समझ नहीं पा रहा था कि उसने इन मैसेज में क्या भेजा होगा, क्या लिखा होगा!

पर सुबह काम की व्यस्तता के कारण कुछ पूछ भी नहीं पाया.

बस मैंने भी एक सवाल पूछने वाला सिंबल भेज दिया कि क्या डिलीट किया?


उसका उसने कोई जबाव नहीं लिखा था.


सारे दिन भर काम में लगे रहने के बाद मैं शाम को 4 बजे खाना खाने बैठा था.

मुझे खाना खाते देख कर छाया मेरे पास आई और बात करने लगी.


‘अब खाना खा रहे हो … अब तक क्यों नहीं खाया?’

जब मैंने सारे जवाब दिए और रात के मैसेज का पूछा, तो वह एक प्यारी सी स्माइल देकर भाग गई.


अब मैं कुछ कुछ समझने लगा था कि बाबा लड़की सैट हो गई है.


मैंने खाना खाया और छाया को ढूंढने लगा.

तो पता चला कि सारी टीम बैठ कर बात कर रही थी कि कुछ सामान लेने इंदौर जाना पड़ेगा पर उनकी गाड़ी अभी तक नहीं आई.


तब मैंने कहा- बोलो तो मैं चला जाता हूं.

मेरे पास दोस्त की गाड़ी और ड्राइवर दोनों थे.


इस पर इवेंट वाला एक लड़का और मैं गाड़ी के पास पहुंचे तो पता चला कि ड्राइवर दारू के नशे में टुन्न पड़ा है.


अब सामान लेने कैसे जाया जाए.

मुझे गाड़ी चलानी भी नहीं आती थी और न ही उस इवेंट वाले लड़के को!


तब उसने कहा कि छाया को कार चलाना आती है.

मैं बहुत खुश हुआ कि अब छाया भी साथ चलेगी.

लेकिन यहां के काम के चलते एक ही मेम्बर को बाहर जाने दिया जा सकता था.


फिर छाया और मैं गाड़ी लेकर निकल गए.

मैं छाया के साथ ही आगे बैठ गया और रास्ते के मैंने पूछा कि आखिर रात के मैसेज तो बताओ … क्या था उनमें!


वह बस मुस्कुरा दी और बोली- समझ सको तो समझो.

अब मैं क्या समझता … मैं तो उसकी आंखों में देखते हुए उसके हाथ को पकड़ने लगा.


उसने पहले तो मेरी तरफ देखा और कहा- गाड़ी चलाने दो!

उसका यह कहना हुआ, तो मुझे गेंद अपने पाले में आती हुई लगी.


मैंने धीरे से छाया के पीछे से हाथ डाला और उसकी कमर को पकड़ने लगा.

छाया कहने लगी- अरे यार गाड़ी चलाने दो अभी!

पर मैंने उसे कमर में जोर से चिमटी काटी, जिससे उसने एकदम से ब्रेक लगा दिए और मेरा सर कार के डैश बोर्ड से जा लगा.


छाया ने मुझसे बार बार सॉरी कहा और कार को साइड में रोक कर मुझे देखने लगी कि कहीं ज्यादा तो नहीं लगी.

मुझे उसके करीब होना बहुत अच्छा लग रहा था.


अचानक से मैंने उसे कमर से पकड़ा और उसके होंठों पर किस कर दी.

पहले तो वह एकदम डर गई.

उसे उम्मीद ही नहीं थी कि मैं ऐसा कर दूंगा.


वह मुझसे अलग हो गई और वापस कार को मंजिल की और दौड़ाने लगी.

मैं भी कुछ नहीं बोला, बस चुपचाप आगे देखता रहा.


इंदौर से हमें जो सामान लेना था, वह तैयार था.

हमने वह सामान लिया और वापस चलने लगे.


तभी मैंने छाया से कहा- मुझे अपने घर से कपड़े लेना है तो घर से लेते हुए चलते हैं.


मैं घर पहुंचा तो पता चला घर पर मम्मी हैं और वे भी छत पर हैं. वे पास वाली आंटी से बात कर रही हैं.

उन्हें पता ही नहीं चला कि मेरे साथ एक लड़की भी आई है.


अब घर में तो मैं बिल्कुल छाया पर टूट ही पड़ा.

मैं उसे जोरों से किस करने लगा.


दो ही मिनट में वह भी मेरा साथ देने लगी और हमारा किस कोई दस मिनट तक चला होगा.

उस समय में मैंने उसके पूरे शरीर का नाप ले लिया था.


जब हम दोनों अलग हुए तो हमारी सांसें ऐसे फूल गई थीं जैसे हम दोनों न जाने कितनी दूर से दौड़ कर आए हों.


जैसे ही हम थोड़े सामान्य हुए तो अलग हो गए और मैं अपने कपड़े लेकर वापस निकल आया.


फॉर्महाउस पहुंचते पहुंचते मैंने कई बार छाया के मम्मों को मसलने का मजा लिया.


मैंने उसे अपने लंड का भी दीदार करवाया और लंड को उसके हाथों से भी सहलवाया.


अब कंट्रोल करने मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा था.

मैं चाहता था कि एक बार तो फटाफट वाला हो ही जाए.

पर छाया इसके आगे कुछ करने का मना कर रही थी.


जब हम दोनों फॉर्महाउस पहुंचे तो काम में लग गए.

रात में खाना खाया और उसी समय मेरा दोस्त और उसके मम्मी पापा भी आ गए.


अब चार बेडरूम में से एक में मम्मी पापा, दूसरे कमरे में इवेंट वाली लड़कियां, तीसरे में इवेंट वाले लड़के और चौथे में मैं और मेरा दोस्त लेटे थे.

इस तरह सारे बेडरूम बंट गए थे.


पर मैं सोच रहा था कि छाया को कहां और कैसे चोदा जाए.


मैंने रात में 11 बजे छाया को मैसेज किया और उसे छत पर बुलाया.


वहां एक स्टोर रूम और सोलर पैनल वाली बैटरियां रखी थीं.


मैं छाया को उसी रूम में ले गया.


वहां एक पुराना गद्दा भी पड़ा था.

बस उसी गद्दे को बिछा कर हम दोनों लेट गए और एक दूसरे की बांहों में चिपक गए.


शुरुआत किस से हुई और गर्दन से चुंबन होते हुए मैं उसके मम्मों पर पहुंच गया.


मैंने उसके दूध दबाते हुए उसकी टी-शर्ट और ब्रा को एक साथ ऊपर कर दिया.

उसके एकदम गोल गोल और टाइट दूध मेरी नजरों के सामने थे.


मैं उन्हें चूसने ही वाला था कि उसने अपने हाथों से अपने मम्मों को छुपा लिया.


मैंने थोड़ा जोर लगा कर उसके मम्मों को उसके हाथों की कैद से आजाद किए और एक को चूसने लगा.


आह … क्या मजा आ रहा था उन मम्मों को चूसने में … बता नहीं सकता यार.

कितने सख्त थे उसके बूब्स, मजा ही आ गया!

मैं एक को चूसता, दूसरे को हाथ से दबाता. फिर दूसरे को चूसता और पहले को हाथ से दबाता.


इसी सब में कब 12 बज गए, पता ही नहीं चला.

बूब्स चूसने से और किस करने से मैंने छाया को गर्म तो कर दिया था पर अभी भी वह चुदने को राजी नहीं थी.


मैंने कहा- मत डालने दो अन्दर … पर छेद तो देखने दो!

वह उसमें भी राजी नहीं हुई.


मैंने कहा- यार, मेरी हालत खराब हो रही है, तुम्हें देख कर मेरा लंड देखो, कितना कड़क हो गया है और फूल गया है!


छाया हंस कर कहने लगी- हाथ से ढीला कर लो!

मैंने कहा- चलो, तुम यही कर दो या अपने मुँह से चूस दो!

वह मना करने लगी.


मेरे बहुत मनाने पर उसने मुँह में लेने की बात मान ली.

अब वह मेरे लंड को चूसने लगी.


उसे लंड चूसना नहीं आता था, साली ने न जाने कितनी बार मेरे लंड पर अपने दाँत लगा दिए थे.

मैं भी अड़ा रहा और लंड चुसवाता रहा.


जब लंड चूसते चूसते उसका मुँह दुखने लगा तो वह हट गई, पर मेरा लंड खाली नहीं हुआ.


मैंने कहा- और चूसो!

उसने मना कर दिया और हाथ जोड़ लिए.


वह बोली- अब तुम अपने हाथ से ही खाली कर लो!


मैंने कहा- अच्छा एक काम करो, अन्दर मत डालने दो … मैं बाहर ही चूत पर लंड घिस कर खाली कर दूंगा. बस तुम चूत खोल दो!


वह मना करने लगी.

पर धीरे धीरे वह मान गई और मैंने उसकी चूत खोल दी.


आह क्या चूत थी उसकी … एकदम सफाचट … झांट का एक भी बाल नहीं था.

शायद वह अपनी चूत की वैक्सिंग करवाती होगी.


जब मैंने उनकी चिकनी चूत देखी तो मैंने अपना आपा ही खो दिया और उसकी चूत को जोर जोर से चूमने चाटने लगा.

वह भी मदहोशी में सिसकारियां लेने लगी और मुझे अपनी ओर खींचने लगी.


इसी बीच मैंने लंड को उसकी चूत पर टच कर दिया.

तो वह एकदम से कांप गई और उसने मुझे अपने से चिपका लिया.


मैंने भी अपना लंड पकड़ा और उसकी चूत पर घिसने लगा.


धीरे धीरे लंड घिसवाते हुए जब वह कंट्रोल से बाहर हुई, तो मैंने एकदम से लंड को चूत की गहराई में उतार दिया.


मुझे तो लगा था कि छाया कुंवारी होगी, सील पैक होगी … पर वह तो बहन की लौड़ी खेली खाई थी.


लंड अन्दर जाते ही वह एकदम से उचकी और मुझे पकड़ कर बोली- कर ली मन की … अब जल्दी जल्दी करो और माल बाहर ही निकालना.


मैं अपने लंड को उसकी चूत के अन्दर डाले हुए धीरे धीरे आगे पीछे करने लगा.

उसे भी चूत चुदवाने में मजा आने लगा. वह भी अपनी गांड उठा उठा कर मेरा साथ देने लगी.


मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ाई और पूरी ताकत से अपनी शताब्दी एक्सप्रेस दौड़ा दी.

कमरे में चुदाई का संगीत बजने लगा. उसे भी मजा आ रहा था और मुझे भी … हमारी चुदाई जोरों से चल रही थी.


टप टप की आवाज से मौसम सुहाना हुआ जा रहा था.

तभी वह अकड़ गई और झड़ गई.


मैंने कहा- क्या हुआ?

उसने बताया- मैं दूसरी बार झड़ी हूँ.


मैंने पूछा- पहली बार कब हुआ था?

उसने कहा- पहली बार तो लंड घिसने से ही झड़ गई थी.


खैर … दूसरी बार झड़ने के बाद वह थोड़ी शांत हो गई थी.


पर मैं अभी तक नहीं झड़ा था तो मैंने उसकी चूत से लंड निकाल लिया.


वह बोली- क्या हुआ?

मैंने कहा- पीछे से लूँगा!


वह बोली- नहीं, उधर से मैं नहीं लेती हूँ!

मैंने कहा- अबे गांड में नहीं पेलना है, पीछे से चूत में पेलूँगा.


वह हंस दी और मैंने उसे घोड़ी बना लिया.

पीछे से उसकी कमर को पकड़ कर उसकी चूत में लंड डाल कर अपनी कमर हिलाने लगा.


वह भी घोड़ी बनकर गांड हिला रही थी.

उस वजह से मेरा पूरा लंड चूत में अन्दर तक जा रहा था.


छाया और उसकी चूत से निकलने वाली फ़च फ़च की आवाजें मेरा जोश और बढ़ा रही थीं.


थोड़ी देर तक घोड़ी बना कर चोदने के बाद मेरा लंड पिचकारी मारने को तैयार था.


मैंने पूछा- कहां लोगी?

उसने कहा- चूत के अलावा कहीं भी!


मैंने उसे लंड की पिचकारी अपने मुँह में लेने के लिए मनाया और एकदम से पलटा कर उसके मुँह में लंड दे दिया.


जरा सा लंड चूसने के बाद मैं एकदम से उसके मुँह में ही झड़ गया.


उसने सारा माल गिरने तक मुँह में लंड को रहने दिया, फिर लंड निकाल कर सारा माल बाहर थूक दिया.


फिर मैंने इधर उधर देखा तो उधर छत पर पानी का नल लगा था.


मैं एक मग में उसके लिए पानी लाया तो उसने कुल्ला किया और कपड़े पहन कर सही हो गई.


मैंने समय देखा तो रात के एक बजे का समय हो रहा था.

तब मैंने भी अपने कपड़े पहने और हम दोनों नीचे आ गए.

फिर अपने अपने कमरे में सोने चले गए.


उसके बाद दो दिन तक हम दोनों शादी में रहे और दोनों रात में मौका पाते ही चुदाई की.

छाया के साथ चुदाई में हर बार एक अलग मजा आया.


जब मैंने उससे पूछा- पहले कब चुदाई हुई और किसने की?


उसने बताया कि मेरे अंकल के लड़के ने मेरी सील तोड़ी थी और मुझे चोदा था. उन्होंने अपनी सुहागरात को पहले मुझे चोदा था, फिर अपनी बीवी को.


मैंने उससे पूरा वाकिया सुनने की ख्वाहिश जताई तो वह बोली- हां, बाद में जरूर किसी दिन सुन लेना.


इस तरह छाया के साथ मेरी चुदाई हुई.

अब वह मेरे संपर्क में नहीं है.

पर उसकी याद बहुत आती है.


आपको इवेंट वाली लड़की छाया की हॉट Indian Sex Stories कैसी लगी.

प्लीज अपने सुझाव मुझे जरूर मेल करें.

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