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सुशील पत्नी से बनी रखैल और फ़ैमिली रंडी - Indian Sex Stories

Updated: Jun 13

हैलो, मैं सोनम मिडिल क्लास से हूँ.

मेरी एक दो साल छोटी बहन है.


हमारा परिवार पुराने विचार वाला है.


उन्नीस साल की उम्र में मैंने कॉलेज में दाखिला लिया.


मैं गेहुंए रंगत की सुंदर लड़की हूँ.

उस समय मेरा फिगर 32बी-28-34 का था. मेरे लम्बे बाल मेरी सुंदरता को बढ़ाते हैं.


मैं अपने परिवार के साथ एक शादी में गयी थी.

उधर एक 22 साल की उम्र का स्मार्ट युवक मुझे काफी देर से निहार रहा था.


कुछ देर बाद एक विवाहित महिला ने मुझसे कहा- मुझे तुम्हारी माँ से मिलना है.

मैं उन्हें माँ के पास ले गयी.


महिला ने माँ से कहा कि मेरे देवर विनय को आप की लड़की पसन्द है!

उन्होंने स्मार्ट युवक को भी बुला लिया.

वह हमारी जाति के ही थे.


दोनों परिवार मिले, मुझे विनय से मिलने दिया


विनय का परिवार धनी था, उसके घर में उसके माँ पिताजी, बड़ा भाई भाभी थे. उनका बिजनेस था.

मेरी शादी बिना दहेज हो गयी, सभी खुश थे.


विनय की भाभी लतिका हंसमुख थीं, वे काफी मजाक करती थीं.

उनका बदन काफी भरा हुआ बदन था और वे काफी सुंदर महिला थीं.


शादी तय होते ही भाभी ने मुझे गर्भ निरोधक पिल देकर कहा- यह लेती रहना.


जिस दिन मेरी सुहागरात थी, उस दिन सुबह भाभी ने मुझसे पूछा- तुम्हें पता है कि सुहागरात में क्या होता है?

मैंने कहा- नहीं पता! मेरी माँ ने नहीं बताया. मेरी सहेलियों की भी अभी शादी नहीं हुई है इसलिए उन्हें भी कुछ पता नहीं है.


भाभी ने मुझे शारीरिक संबंध के बारे में बताया. योनि को चूत और लड़कों के लिंग को लंड कहते हैं.

इतना कह कर वे रुक गईं तो मैंने उनकी तरफ सवालिया नजरों से देखा.


वे आगे बोलीं- जब पति चूत में लंड डालता है, तो पहले दर्द होता है, थोड़ा खून निकलता है. तुम घबराना नहीं, बाद में आनन्द आता है.


फिर भाभी ने मुझे पार्लर ले जाकर मेरे शरीर के अनचाहे बाल निकलवा दिए.


रात को मैं सजकर पलंग पर बैठी.

मेरे पति विनय ने अन्दर आकर दरवाजा बंद किया.


मेरा घूंघट को उठाकर मेरे सौन्दर्य की तारीफ की, मुझे उपहार में गहना दिया.

हमने कुछ देर बातें की.


विनय- सोनम तुम अपने गहने उतार दो, सोने के समय चुभेंगे!

मैंने उतार दिए.


मुझे लिटाकर विनय मुझे चूमने लगे, मेरे चूचे दबाने लगे.

धीरे धीरे उन्होंने मेरे और अपने कपड़े उतार दिए.


मुझे शर्म आ रही थी.

विनय मेरे चूचे चूसने लगे, मुझे अच्छा लग रहा था और मेरी चूत गीली होने लगी थी.


विनय ने अपने लंड पर तेल लगाया और मुझे चित लिटाकर मेरी कमर के नीचे टर्किस टॉवल रखा.

वे मेरी चूत में लंड डालने लगे.


मुझे दर्द हो रहा था.

भाभी के कहे अनुसार मैंने शरीर ढीला छोड़ दिया.


विनय पूरा लंड डाल दिया और वे मेरे चूचे दबाने लगे.

मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ तो विनय आहिस्ता आहिस्ता मुझे चोदने लगे.


मुझे दर्द के साथ मजा आ रहा था.

कुछ देर बाद विनय ने मेरी चूत वीर्य से भर दी.


मुझे ऐसे सकून मिला, जैसे गर्मी के बाद बरसात हो गई हो.

टर्किश टॉवेल पर खून लगा था.


विनय ने बताया कि टर्किस टॉवल कमर के नीचे रखने और लंड पर तेल लगाने का सुझाव भी भाभी ने ही दिया था.


सुबह भाभी ने हम दोनों से पूछा- रात सब ठीक रहा?

हम दोनों ने शर्माकर सर हिलाकर हां कहा.


हम रोज रात सम्भोग का आनन्द लेते और सेक्स वीडियो देखकर तरह तरह के आसन आजमाते.


विनय ने मुझे लंड चूसने को कहा, मैंने लंड चूमा, चूसने की कोशिश की.

मुझे अच्छा नहीं लगा.


विनय ने जबरदस्ती नहीं की.

मैं बहुत खुश थी.


पारिवारिक मित्रों की पार्टी में मुझे नयी सहेलियां मिलीं, मैं उनकी किटी पार्टी में जाने लगी.

विनय शॉपिंग, पार्टी के लिए मुझे काफी रूपए देते.


ऐसे ही 6 महीने बीत गए.


बंगले में ग्राउंड फ्लोर में किचन, बैठक और सास ससुर का बेडरूम था.

फर्स्ट फ्लोर में मेरा और भाभी का बेडरूम था, एक गेस्ट रूम था.


विनय की भाभी से दोस्ताना संबंध था और उन दोनों में काफी हंसी मजाक चलता था.


एक दिन खबर आयी कि मेरे जेठ का एक्सीडेंट हो गया है और वे हॉस्पिटल में हैं.


हम सभी हॉस्पिटल गए.

जेठजी को कमर में चोट लगी थी, भाभी ने उनकी बहुत सेवा की.


लगभग 15 दिन बाद जेठजी हॉस्पिटल से घर आ गए.


वे वॉकर की सहायता से चल रहे थे.

उनकी कमर की हालत ठीक नहीं थी.

डॉक्टर ने बताया कि उन्हें ठीक होने में कई वर्ष लगेंगे.


एक महीने बाद जेठजी काम पर जाने लगे.

अब भाभी उदास रहती थीं.


विनय भाभी को खुश करने उनके साथ समय बिताते, उन्हें शॉपिंग पर ले जाते.


जेठजी के एक्सीडेंट 3 महीने बाद की यह घटना है.


उस शाम मुझे किटी पार्टी में जाना था, मैं रात 10 बजे लौटने वाली थी, यह बात मैं विनय को बताकर चली गयी.


किसी कारण किटी पार्टी कैंसल हो गयी तो मैं बीस मिनट में ही घर वापस आ गयी.

बाहर विनय की कार खड़ी थी.


विनय घर में दिखाई नहीं दिए.

मुझे गेस्टरूम से आवाज़ सुनाई दी, दरवाज़ा बंद था, खिड़की का पर्दा थोड़ा सरका हुआ था.


मैंने देखा भाभी और विनय नंगे बिस्तर पर एक दूसरे को चूम रहे थे.


कुछ ही देर बाद विनय भाभी को मिशनरी पोजीशन में चोदने में लगे थे.


भाभी की जांघें मांसल थीं.

उनके 36 बी के चूचे विनय के हर झटके के साथ मस्त हिल रहे थे.


मैं दुबली थी और मेरे चूचे 32 बी के थे.


थोड़ी देर बाद भाभी ने विनय को चित लिटा दिया और कमर उछालकर लंड की सवारी करने लगी.

उनके भरे हुए चूचे काफी तेज रफ्तार से उछल रहे थे, विनय उनके चूचे दबा रहे थे.


भाभी बीच बीच में रूककर विनय को अपने दोनों चूचे बारी बारी से पिला रही थीं.


भाभी का बदन मुझसे ज्यादा सेक्सी था और वे काम कला में माहिर थीं.


मुझे लगा कि विनय को सम्भोग में भाभी मुझसे ज्यादा मजा दे रही थीं.

तो मुझे जलन और असुरक्षा की भावना हुई.

मैं वहां से हट गयी.


जब विनय भाभी को चोद कर वापस हमारे बेडरूम में आए.

तो मैंने बिंदास कह दिया- मैंने आपको भाभी के साथ सम्भोग करते देखा है, मुझे तलाक चाहिए! जब जेठजी को मालूम होगा … तब हंगामा होगा!


विनय- सोनम समझने की कोशिश करो, भैया कमर की तकलीफ के कारण सेक्स नहीं कर सकते. भाभी जवान हैं, उनकी शारीरिक जरूरत मैं पूरी करता हूँ. घर की बात है. मैं तुम्हें कोई कमी नहीं होने देता. भैया ने भाभी को इस की अनुमति दी है. भैया भाभी को प्यार करते हैं, उनकी जरूरत समझते हैं.


मैं अपनी बात पर अड़ी रही.

सुबह मैं अपनी माँ से मिलने गयी.


माँ को सब बात और विनय ने क्या कहा बताकर कहा- मैं तलाक लूँगी.

माँ ने मुझे समझाया- तेरे तलाक लेने से तेरी छोटी बहन की शादी में अड़चन आएगी. घर की बात है, तुझे तो कोई कमी नहीं है. यदि तुमने तलाक लिया तो तेरे लिए इस घर के दरवाज़े बंद हैं.


मैं एक नारी एनजीओ के दफ्तर गयी.

वहां मुझे दो महिलाएं मिलीं.

उन्हें सब बात बताकर मैंने तलाक लेने में उनसे मदद मांगी.


एक महिला बोली- तुम जो आरोप पति पर लगा रही हो, उसका कोई प्रमाण है क्या? कोर्ट में सिद्ध नहीं कर पायी तो पति तुम पर मान हानि का केस कर देंगे. तुम आपसी सहमति से तलाक ले लो.

उन्होंने तलाक का नोटिस बना दिया.


‘तुम बारहवीं तक पढ़ी हो, कोई नौकरी दिला देंगे, पर तनखाह कम होगी और तुम विमेंस हॉस्टल में रहोगी!’


मैंने घर जाकर विनय को तलाक के पेपर में दस्तखत करने को कहा.

विनय- सोनम, मैं तुम्हें प्यार करता हूँ, एक बार सोच लो, नोटिस के बाद हमें एक साल अलग रहना पड़ेगा, उसके बाद तलाक होगा.


मैं अपनी बात पर अड़ी रही.


विनय ने दस्तखत करते हुए कहा- यदि तुम वापस आना चाहो तो आ सकती हो.


मैं विमेंस हॉस्टल चली गयी.

वहां का खाना बेकार था, एक कमरे में तीन लड़कियां रहती थीं.


मुझे ऐशो आराम की जिंदगी की आदत पड़ गयी थी इसलिए मुझे असुविधा हो रही थी.


एनजीओ की मदद से मुझे एक ऑफिस में डाटा एंट्री की नौकरी मिल गयी.

इंटरव्यू के समय बॉस मुझे प्यासी नज़र से देख रहे थे.


बॉस का नाम विशाल था और वे करीब 40 उम्र के थे.

तगड़ा शरीर कुछ सांवले रंग का था.


बॉस ने कहा- मुझे तुम्हारी कहानी पता है.

ऑफिस में बॉस ने कह दिया कि मैं उनकी दूर की रिश्तेदार हूँ, ऑफिस के लोग मेरा लिहाज करते.


बॉस मुझे काम सिखाने अपने केबिन बुलाते, मीठी बातें करते.

बॉस- सोनम तुम्हारा हॉस्टल बहुत दूर है, ऑफिस के पास मेरे दोस्त का फर्निश्ड फ्लैट ख़ाली है, तुम वहां रहने आ जाओ.


उन्होंने मुझे दस हज़ार रूपए देकर कहा कि बर्तन रसोई का सामान खरीद लेना.

मुझे समझ आ गया कि बॉस मेरे प्रति यौन आकर्षण रखते हैं.


मैंने सोचा कि मैं पति के बेवफाई का बदला बॉस से संबंध बनाकर लूंगी.

मैं फ्लैट में रहने लगी.


तीन दिन बाद मेरा जन्म दिन था.

बॉस ने बताया था कि वे शाम को आएंगे.


मैं तैयार होकर बैठी थी.

बॉस मेरे फ्लैट में केक, शराब की बोतल, चखना लेकर आए. मुझे गले लगाकर जन्म दिन की बधाई दी.


मैंने किटी पार्टी में शराब पी थी.


मैंने केक काटा, एक दूसरे को केक खिलाया.

मैं बॉस को सर कह रही थी.


बॉस- तुम घर में मुझे विशाल कहो.

दूसरे पैग के समय, विशाल ने मुझे अपनी गोद में बिठाया, मुझे अपने गिलास से शराब पिलाई.


वे मुझे चूमने लगे और मेरे चूचे दबाने लगे.

मैं भी लंड की प्यासी थी तो वासना से सिसकारी लेने लगी.


विशाल मुझे गोद में उठाकर बेडरूम ले गए.

हम दोनों आलिंगन में एक दूसरे के होंठ चूसने लगे.


हम एक दूसरे के कपड़े उतारकर नंगे हो गए.

विशाल का लंड काला और तगड़ा था.


विशाल ने मुझे लंड चूसने को कहा, मैंने मना कर दिया.

मैंने उन्हें अपनी चूत भी चूसने नहीं दी.


मैंने पलंग पर लेटकर पाँव फैलाकर विशाल को उंगली के इशारे से बुलाया.

मेरी इस अदा पर विशाल को जोश आ गया, उन्होंने मेरी घमासान चुदाई की.


उनके मोटे लंड के प्रहारों से मेरी चूत बहुत फ़ैल गयी और मुझे भी एक अलग ही मजा आया.

विशाल काफी देर टिके, मेरे झड़ने के बाद ही झड़े, मेरी चूत वीर्य से भर दी.


मैं गर्भनिरोधक दवा ले रही थी.

ऑफिस ज्वाइन करने के सात दिन बाद ही मैं चुद गयी.


अगले चार दिन विशाल रोज आए.

मैंने उनके मूसल लंड की मस्त सवारी की, घोड़ी बनकर चुदाई के समय विशाल मेरे कूल्हों पर थप्पड़ मारते, तब दर्द के साथ मजा आता.


पांचवे दिन विशाल किसी से कह रहे थे कि स्कूल की छुट्टी है. बीवी 10 दिन के लिए मायके जा रही है.


विशाल शाम को शराब और अपने कपड़े लेकर मेरे घर आए और उन्होंने कहा- मैं 10 रात यहीं रहूँगा.

अगले दिन ऑफिस की छुट्टी थी.


हम दोनों ने खूब शराब पी.

विशाल ने लंड चूसने का वीडियो दिखाकर कहा- लंड चूस!


मैं मना करने लगी.


विशाल ने मेरे बाल पकड़कर मेरे गाल पर चांटा मारकर कहा- साली बीवी के जैसे नखरे मत कर, तू मेरी रखैल है.

मेरी मज़बूरी थी क्योंकि फिलहाल विशाल मेरे एक मात्र सहारा थे.


मैं घुटनों पर खड़ी होकर लंड चूसने लगी.

विशाल मेरा सर पकड़कर मुँह चोदने लगे.


जब उनका हैवी लंड गले तक जाता मेरी साँस रुक जाती.


विशाल के लंड से वीर्य की पिचकारी निकली, तब मुझे उनका वीर्य भी पीना पड़ा.


उसके बाद एक पैग पिया और डिनर करने लगे.


उसके थोड़ी देर बाद विशाल फिर से कामुक हो गए.


विशाल- मैं अब तेरी गांड मारूंगा.

मैं- मैंने कभी पीछे से नहीं लिया है!


विशाल- आज तेरी कुवारी गांड की सील तोड़ूँगा.

मुझे पेट के बल लिटाकर मुझे गांड ढीली कर कूल्हे हाथ से फ़ैलाने को कहा.


मैंने कहावत सुनी थी कि जब चुदाई से बच नहीं सकते, तो उसका आनन्द लो. मैंने गांड ढीली की.


विशाल- पहले थोड़ा दर्द होगा, चीखना मत!

विशाल ने मेरी गांड के अन्दर तक उंगली से तेल लगाया और अपने लंड पर भी तेल लगाया.


फिर एक झटके में अपना पूरा लंड मेरी गांड में पेलकर मेरे ऊपर लेट गए और मेरे मुँह पर अपना हाथ रख कर उसे बंद कर दिया.

मुझे तेज दर्द हुआ, मेरे मुँह से घुटी चीख निकली.


थोड़ी देर में दर्द थोड़ा कम हुआ, मैंने शरीर ढीला छोड़ दिया.

विशाल मेरी गांड मारने लगे.


मुझे दर्द हो रहा था और मैं छटपटा रही थी, रो रही थी.


कुछ देर में विशाल गांड में झड़ गए.

मैं मुश्किल से चलकर बाथरूम से गांड धोकर आयी.

मेरी गांड दुःख रही थी.


मैं दर्द से कलपती हुई अपनी गांड दबा कर नंगी ही सो गयी.


सुबह विशाल के साथ ऑफिस गयी.

अगली रात विशाल ने फिर से मेरी गांड मारी.


आज दर्द कम हुआ, मजा ज्यादा आया.

विशाल को यहां रहते तीसरा दिन था.


अगली शाम को एक 40 – 42 उम्र का आदमी आया.

विशाल ने उसका परिचय दिया कि ये फ्लैट के मालिक अजय जी हैं.


विशाल ने मुझे अलग ले जाकर कहा- सोनम, अजय फ्लैट का भाड़ा नहीं लेगा यदि तुम उसे खुश करो.

मेरी तनखाह कम थी, भाड़ा नहीं दे सकती थी.


विशाल ने मिनी स्कर्ट और बिना बांह का टॉप मुझे दिया था.

मैं तैयार होकर आयी.


वे दोनों पी रहे थे, उन्होंने मुझे गोद में बिठाकर शराब पिलाई, मेरे चूचे दबाए, जांघ पर हाथ फेरा.


विशाल के कहने पर मैंने दोनों के लंड चूसे.

अजय मुझे नंगी कर बिस्तर पर लिटाकर चूत चोदने लगा.


कुछ देर बाद विशाल ने अजय को रोका.

विशाल ने चित लेटकर मुझे लंड की सवारी करने कहा.


मैं सवारी करती करती थक गयी तो थोड़ा रुकी.


मैंने देखा अजय अपने लंड पर तेल लगा रहा है.

अजय ने मेरी गांड में लंड पेल दिया. दोनों मेरे दोनों छेद चोदने लगे, मुझे थोड़ा दर्द हो रहा था, पर एक साथ दोनों छेद चुदवाने में एक नया मजा आ रहा था.


उन दोनों ने कुछ ही देर बाद मेरी चूत गांड वीर्य से भर दी.


विशाल- मेरी फंतासी है कि खुले आसामान के नीचे चुत चोदूं!


विशाल ने मेरे नाम से पास के हिल स्टेशन में एक रिसॉर्ट में कॉटेज बुक किया, दोपहर हम तीनों वहां पहुंचे.


कॉटेज दूर दूर थे और काफी प्राइवेसी थी.


रात को हमने शराब पी. तीनों नंगे हो गए.

विशाल अजय मुझे चूमने लगे और मेरे चूचे दबाने लगे.


कॉटेज के सामने एक बेंच और झूला था, हल्की रोशनी थी.

विशाल झूले पर बैठे, मैं उनके लंड को अपनी चूत में डालकर विशाल की गोद में बैठ गयी.


हम दोनों एक दूसरे के होंठ चूमने लगे, अजय झूला झुलाने लगा.

एक नया मजा आ रहा था.


फिर मैं अजय के लंड पर बैठी, विशाल ने झूला झुलाया.

हम दोनों झूले से उतरे.


मैं बेंच पर हाथ रखकर झुककर घोड़ी बन गयी, दोनों ने मेरी चूत और गांड को घमासान चोदा.


उस रात हमने एक और बार सम्भोग किया.

सुबह मैंने दोनों का लंड चूसकर वीर्य पिया, साथ नहाये.


हम वापस फ्लैट में आ गए.


विशाल दस दिन मेरे साथ रहे, हर रात अजय आ जाता, रात भर रुकता.


वे दोनों मेरी सुंदरता की तारीफ करते, मुझे प्यार से गर्म करते और मेरी चुदाई करते.


अजय खुश होकर रूपए भेंट में देता.

मैं अच्छा खाना बनाती.


दस दिन बाद विशाल और अजय की पत्नियां वापस आ गईं.

दोनों पत्नियां आपस में सहेलियां थीं.


वे दोनों अब रात भर नहीं रुकते थे.


रात को कभी विशाल, कभी अजय आ जाते.

वे घर जाने की जल्दी में होते, तो कभी अकेले में मेरी ले लेते या दोनों लोग मेरी चूत गांड एक साथ मारते.


कभी सिर्फ लंड चुसवा कर वीर्य पिलाकर चले जाते.

वे मुझे रूपए भी देते.


उनका मेरी सुंदरता की तारीफ करना कम हो गया था.


मुझे दो मर्दों का अटेंशन मिल रहा है, इससे मैं खुश थी.

मुझे पति से अलग हुए 45 दिन हो गए थे.


मेरा मासिक धर्म चल रहा था, पिछले महीने मासिक धर्म के समय विशाल ने सम्भोग नहीं किया था.

विशाल ने सम्भोग के लिए बोला


मैं- मेरा मासिक धर्म चल रहा है, चार दिन बाद सेक्स करेंगे!


विशाल- अरे तो आगे का छेद बंद है, मैं तेरी गांड मारूंगा.

मेरे मना करने पर विशाल को गुस्सा आ गया.


वे मुझे बेल्ट से पीटकर कहने लगे- साली रंडी है तू … तुझे मना करने की परमीशन नहीं है. चल बिस्तर पर पेट के बल लेट जा.


मैं मार सहन नहीं कर सकी, कमर तक नाइटी उठाकर लेट गयी.


विशाल ने मेरी गांड मारी.

मैं सुबक रही थी.


इतने में अजय आए, उसने भी मेरी गांड मारी, फिर वे दोनों चले गए.

उस समय शाम के 7 बजे थे.


मैं बहुत दुखी हो गयी और समझ गयी विशाल अजय के लिए मैं सिर्फ उपभोग की वस्तु हूँ.

मैं तैयार होकर एनजीओ के दफ्तर में गयी; उन्हें अपनी समस्या कही- मुझे दूसरी नौकरी दिलवा दीजिए.


उन्होंने कहा- तुम सिर्फ बारहवीं पास हो, एक बुजुर्ग बीमार महिला की देखभाल की नौकरी है. उधर तुम्हें 24 घंटे रहना पड़ेगा. उनको साफ़ करना, नहलाना होगा. तुमको नर्सिंग ब्यूरो का कॉन्ट्रैक्ट साइन करना होगा. यदि तुम वह काम छोड़ना चाहो, तो जब तक दूसरी आया नहीं मिल जाती, तुम जा नहीं सकती.


मैं निराश होकर पैदल फ्लैट वापस जा रही थी.

उस रास्ते में विनय का कपड़ों का शो रूम था.


मैं उसके सामने रुक गयी.

मुझे अपने पति विनय की याद आ रही थी. वह मेरा कितना ख्याल रखते थे. विनय ने मुझे देख लिया.


वे बाहर आए.


विनय- सोनम, तुमने अपना क्या हाल बना लिया है!

मैं रोने लगी.

वे मुझे कार में बिठाकर एक ढाबे में ले गए.


उधर एक केबिन में बैठकर उन्होंने डिनर का आर्डर दिया.


विनय- तुम क्या काम करती हो और क्यों रो रही थी … मुझे सब बताओ!

मुझे विनय का प्यार भरा व्यवहार अच्छा लगा.


मैंने सब सच बताने का निर्णय किया.


मैं- मैं नौकरी कर रही हूँ, ऑफिस के बॉस के दोस्त के फ्लैट में रहती हूँ. बॉस और उनके दोस्त के साथ मेरा शारीरिक संबन्ध हो गया है. मैंने सम्बन्ध यह सोचकर बनाया था कि जब तुम भाभी से संबंध बना सकते हो तो मैं क्यों नहीं, पर अब पछता रही हूँ. दोनों सिर्फ मेरा उपभोग करते हैं, प्यार नहीं. मैं वहां से निकलना चाहती हूँ.


विनय- तुम पागल हो. तुम यदि वापस आना चाहो तो आ सकती हो. घर वापस आने के बाद मैं तुम्हें जाँच करवाने डॉक्टर के पास ले जाऊंगा कि तुम्हें कोई यौन बीमारी तो नहीं हो गयी है. यदि हुई है तो तुम्हारा इलाज करवाऊंगा!

मैं राजी हो गयी.


दूसरे दिन मैंने काम से इस्तीफा दे दिया.

बॉस विशाल ने आपत्ति नहीं की.


मैं अपने पति विनय के घर आ गयी.


भाभी ने मेरा स्वागत किया.


तलाक के कागज पर साइन करते समय विनय ने कहा था कि कानून से एक साल हमें अलग रहना होगा, फिर तलाक होगा. यदि इस बीच तुम वापस आना चाहो तो स्वागत है. तलाक की बात किसी को नहीं बताना, कहना कि तुम्हारी दादी बीमार है, तुम उनकी सेवा के लिए जा रही हो.


तलाक की बात सिर्फ विनय और भाभी भैया को मालूम थी.

मेरे सास ससुर लड़की के पास विदेश गए थे.


विनय मुझे डॉक्टर के पास ले गए.

विनय ने डॉक्टर को मेरा नाम अंजलि बताया. उन्होंने डॉक्टर से कहा कि अंजलि का किसी से अनसेफ सेक्स हो गया है, पता करना है कि इसे कोई यौन या अन्य बिमारी तो नहीं हो गयी है!


डॉक्टर ने जाँच की, खून के नमूने लिए और दो दिन बाद आने को कहा.


दो दिन बाद डॉक्टर ने बताया कि अभी तो कोई बीमारी नहीं लगती पर तीन महीने बाद फिर से जाँच होने के बाद ही पक्का पता लगेगा.

उसने कहा कि तब तक अंजलि को सेक्स से दूर रहना चाहिए.


मैं अपने बेडरूम में रहती, पति विनय मुझसे अच्छा व्यवहार करते पर शारीरिक दूरी बनाये रखते.


विनय भाभी के साथ गेस्टरूम में यौन आनन्द लेते.


मैं अपनी सहेलियों की किटी पार्टी जाने लगी.

एक रात किटी पार्टी के बाद एक सहेली का पति उसे लेने आया.


मैंने देखा सहेली के पति मेरे पुराने बॉस विशाल थे, जिन्होंने मुझे रखैल बना कर रखा था.


विशाल ने मुझे नहीं पहचानने का नाटक किया.

मैंने भी ऐसा दिखाया कि मैं उन्हें नहीं पहचानती हूँ.


रात को मुझे याद आता कि विनय कैसे प्यार से मेरे साथ सम्भोग करते थे.


मैं उस समय 20 साल की थी.

मैं तीन महीने बिना सेक्स के तड़फती रही.


मुझे भाभी की मज़बूरी और जरूरत समझ आ गयी.

भाभी के पति सेक्स में असमर्थ थे.


मेरे पति विनय के साथ उनका यौन संबंध मुझे गलत नहीं लगा.


मैं विनय से कहा- मुझे भाभी और आपके यौन संबंध पर कोई आपत्ति नहीं है.


मेरा और भाभी का बेडरूम और गेस्टरूम फर्स्ट फ्लोर में था. किचन डाइनिंग रूम ग्राउंड फ्लोर पर था.


विनय के बड़े भाई जो उनसे 3 साल बड़े थे, उनको विनय ‘भैया’ कहते थे.

मैं भी उनको भैया कहती थी.

भैया हंसमुख थे.


हम चारों साथ डिनर करते, हंसी मजाक करते.


इलाज से भैया का कमर दर्द कम हो रहा था.


मैंने तय किया कि पहले मैं विनय का लंड नहीं चूसती थी, उनसे गांड नहीं मरवाती थी, अब सब करूंगी.


मैं भाभी के साथ थ्रीसम सेक्स भी करूंगी. मैंने लेस्बियन सेक्स वीडियो देखा था, यदि भाभी राजी होंगी, तो उनके साथ लेस्बियन सेक्स भी करूंगी.


अब सिर्फ तीन महीने बाद की जाँच बाकी थी.


तीन महीने बाद हम डॉक्टर के पास गए, जाँच हुई, दो दिन बाद रिपार्ट आ गयी कि कोई बीमारी नहीं है.

मैं बहुत खुश थी.


भाभी और विनय भी खुश थे.


शाम को भाभी मुझे पार्लर ले गईं, मेरे शरीर की वैक्सिंग कराई, फेशियल कराया.

घर लाकर मुझे वही कपड़े पहनाये जो मैंने सुहागरात को पहने थे.


उन्होंने मुझे दुल्हन की तरह सजाया.


उन्होंने कहा- सोनम यह तुम्हारी दूसरी सुहागरात है, खुश रहो!

मेरा नया सेक्स जीवन शुरू हुआ.


पति विनय ने मेरा घूंघट उठाकर उपहार दिया, मुझे लिटाकर चूमने लगे.


मैं साथ दे रही थी.

पता नहीं चला कब हम दोनों नंगे हो गए.


पहले सेक्स के समय विनय एक बार कहते थे कि लंड चूसोगी? मैं मना कर देती थी.

आज जब विनय ने लंड चूसने को कहा, तो मैं बोली- कोशिश करती हूँ.


मैंने विनय के लंड को चूमा चाटा फिर चूसने लगी.

विनय सिसकारी लेने लगे.


विनय- मुझे चूत चूसनी है, तुम मेरे ऊपर आकर चूत मेरे मुँह की तरफ करो, तुम लंड चूसो … मैं चूत चूसूँगा.


हम दोनों 69 की पोजीशन में चूसने लगे.

विनय कमर हिलाकर मेरा मुँह चोद रहे थे.


कुछ देर में मेरी चूत से कामरस का फव्वारा निकला, मैं निढाल हो गयी. पर लंड चूसना जारी रखा.


विनय मेरे मुँह में झड़ गए.

मैंने वीर्य पी लिया.


हम बाथरूम से लंड चूत धोकर आए, हम दोनों ने कपड़े नहीं पहने, दोनों के दिल में फिर एक बार सेक्स की इच्छा थी


हम दोनों पलंग पर लेट गए.


विनय- कैसा लगा लंड चूसकर?

मैं- मजा आया, वीर्य स्वादिष्ट था.


मैं विनय के बालों में हाथ फेरने लगी.

विनय मेरे बदन को सहलाने लगे, जल्द ही हम दोनों चूमा-चाटी करने लगे, इसलिए हमें जोश आ गया.


मैं पैर फैलाकर चित लेट गयी.

विनय मेरे ऊपर आकर मुझे चोदने लगे, मैं अपने पैर आसमान की तरफ लेकर चुदाई का आनन्द ले रही थी.


कुछ देर बाद मैंने कहा- अब मेरी बारी है.

यह कहकर मैं विनय को चित लेटाकर उनके लंड की सवारी करने लगी.


विनय मेरे चूचे दबाने लगे.


विनय ने अपनी उंगली में वैसलीन लगाई और उंगली मेरे गांड में डाल दी.

मेरे उछलने से उंगली अन्दर बाहर हो रही थी.

मैंने पहले की तरह विरोध नहीं किया.


मैं थककर उतरकर पलंग के किनारे घोड़ी बनकर खड़ी हो गयी.

विनय फर्श पर खड़े होकर मेरी कमर पकड़कर पीछे से मेरी चूत चोदने लगे.


मैंने अपनी हथेली से अपने कूल्हे पर चपत मारी.

विनय समझ गए, वे चोदने के साथ मेरे कूल्हों पर चपत मारने लगे.


चपत से मैं और उत्तेजित होकर कमर हिलाकर लंड और अन्दर ले रही थी.

हम दोनों साथ झड़ गए और नंगे ही सो गए.


सुबह फ्रेश होने के बाद हम साथ नहाये, बाथरूम में मैंने विनय का लंड चूसा.


विनय ने मुझे वाशबेसिन पर हाथ रखकर घोड़ी बनाकर खड़ा किया और मेरी चूत चोदी, मेरी गांड में उंगली भी की.


विनय कपड़े पहनकर ग्राउंड फ्लोर की बैठक में चले गए.

मैं तैयार होकर बाहर निकली.


भाभी बाहर खड़ी थीं.


भाभी- कैसी रही रात? बाहर तक आवाज़ आ रही थी!


मैंने भाभी को कसकर आलिंगन में ले लिया और उनके होंठों पर लम्बी चुम्मी देकर कहा- इतना मजा पहली बार आया.


मेरे चूचे भाभी के चूचे आपस में दबे थे.

मुझे नया मजा आया.


शायद भाभी को भी मजा आया, उनके हाथ मेरी पीठ पर कसे थे.

इससे हमारे लेस्बियन संबंध की शुरुआत हुई.


नाश्ते के बाद विनय चले गए.


मैं- भाभी, आज की रात विनय के साथ आप रहना!


उस रात मुझे शांति की नींद आयी.

भाभी विनय गेस्टरूम में सोये.


सुबह भाभी खुश थीं.


विनय और भैया के काम पर जाने के बाद भाभी ने मुझे आलिंगन में लेकर चूमकर कहा- सोनम, तुम्हारे वापस आने से विनय बहुत खुश है, रात हमने इत्मीनान से मजे किये, बदन दुःख रहा है.


मैं- भाभी, मैं आपकी मालिश कर देती हूँ.

मैंने भाभी को सब कपड़े उतारकर पलंग पर लेटने कहा.


भाभी शर्मा रही थीं.

मैंने अपने कपड़े उतारकर कहा- अब आप भी उतारो.


मैं छरहरे बदन की थी.

मेरा फिगर 32-बी-28-34 का था.


भाभी भरे बदन की थीं. उनका फिगर 36सी-32-38 का था.

उनकी मोटी मांसल जांघें थीं.


मैंने पेट के बल लिटाकर भाभी की पीठ कंधों और भरे कूल्हों की मालिश की.

भाभी को चित लेटाया, उनके चूचों की मालिश के समय चूचे दबाये, निप्पल मरोड़े, भाभी सिसकारी ले रही थीं.


मैं- अब मैं आपकी बॉडी टू बॉडी मालिश करूंगी.

मैंने वीडियो देखा था.


मैंने अपने चूचों पर तेल लगाया और भाभी के ऊपर लेटकर अपने चूचे भाभी के चूचों पर घिसने लगी.

उसके बाद मैंने कहा.


मैं- विनय चूत चूसते है, चूत चूसने में कैसा मजा आता है, मुझे देखना है. भाभी क्या मैं आपकी चूत चूसकर देखूँ?

भाभी ने हां में सर हिलाया.


मैं भाभी की चूत चूसने लगी.


भाभी मचलने लगीं, कमर उठाने लगीं.

जल्द ही उनकी चूत से कामरस निकला तो भाभी निढाल हो गईं.


उसके बाद भाभी ने मेरी बॉडी टू बॉडी मालिश की मेरी चूत चूसी.


आज रात विनय मेरे साथ सोने वाले थे.

मैंने तय किया कि मैं विनय को गांड मारने का मजा दूंगी.


रात फोरप्ले के बाद मैं बोली- विनय उस रात तुम मेरी गांड में उंगली डाल रहे थे, तुम्हें गांड मारने की इच्छा है क्या? मेरी किटी की सहेलियों ने बताया गांड मरवाने में पहले थोड़ा दर्द होता है. फिर अलग ही मजा आता है. गांड को उंगली में लुब्रिकेशन डालकर तैयार करना होता है.


विनय तुरंत राजी हो गए.

मैं जब बॉस की रखैल बनकर थी, उन्होंने मेरी गांड मारी थी, पर हमने तय किया था कि उन दिनों की चर्चा नहीं करेंगे.


मैंने वैसलीन की डिब्बी विनय को दी, पेट के बल लेकर मैंने अपने कूल्हे हाथ से फैला दिया और गांड ढीली छोड़ दी.


विनय ने गांड के अन्दर उंगली से वैसलीन लगाई, अपने लंड पर भी वैसलीन को लगाया.


फिर मेरी गांड में लंड डालने लगे.

इन तीन महीनों में मेरी गांड टाइट हो गयी थी, इसलिए मुझे विनय का लंड अपनी गांड में लेने में दर्द हुआ.


मैं- पूरा डालकर मेरे ऊपर लेट जाओ, जब दर्द कम होगा … तब शुरू करना.

विनय मेरे ऊपर लेटकर मेरी गर्दन चूमने लगे.


थोड़ी देर में मेरा दर्द कम हुआ.

मैं- अब शुरू हो जाओ पर धीरे धीरे.


विनय मेरी गांड मारने लगे.

मुझे दर्द कम मजा ज्यादा आ रहा था. मैं- आह … और जोर से.


विनय घमासान गांड मारने लगे, कुछ देर में मेरी गांड वीर्य से भर दी.


विनय- बहुत मजा आया.

मैं- मुझे भी. अब आप लंड साबुन से धो लीजिए, गांड के कीटाणु से इन्फेक्शन हो सकता है.


उस रात के बाद हमने कई बार गांड चुदाई का मजा किया.

मिसनरी पोजीशन, घोड़ी बनकर गांड में लंड लिया.


विनय कभी भाभी, कभी मेरे साथ सोते. इस तरह से 6 महीने बीत गए.


एक बार जब मैं और भाभी के बाद लेस्बियन सेक्स के बाद नंगी लेटकर आराम कर रही थीं, तब की बात है!


भाभी- एक्सीडेंट के पहले मैं मेरे पति अनय के साथ खूब यौन आनन्द लेती थी. एक्सीडेंट के दो महीने बाद जब अनय थोड़े ठीक हुए, तो हमने चूमा चाटी की. पर उन्हें कमर हिलाने से दर्द होता था. मैंने लंड की सवारी करने की कोशिश की, पर मेरा वजन 70 किलो है. इससे उनकी कमर में ज्यादा दर्द होने लगा. मैंने उनका लंड चूसकर उन्हें ठंडा किया. तब से मैं फोरप्ले के बाद उनका लंड चूसती हूँ.


मैंने उनकी तरफ सवालिया नजरों से देखा.


भाभी- एक रात अनय ने कहा कि मेरा तो हो जाता है, पर तुम प्यासी रह जाती हो. तुम्हारी विनय के साथ अच्छी दोस्ती है, तुम उसके साथ यौन आनन्द लो, घर की बात घर में रहेगी. तो मैंने विनय से बात की और उससे संबंध बनाया. मैं अभी भी अनय का लंड चूसकर उन्हें ठंडा करती हूँ.


मैं चुप थी और भाभी की तरफ ही देख रही थी.

भाभी आगे बोलीं- सोनम, अनय की कमर की हालत काफी सुधरी है. तुम्हारा वजन 50 किलो है, यदि तुम अनय के लंड की सवारी करके उन्हें यौन आनन्द दो तो उन्हें और मुझे अच्छा लगेगा. अनय का लंड विनय के लंड से थोड़ा कम लम्बा है, पर काफी मोटा है, तुम्हें आनन्द आएगा!


मेरे बॉस का लंड काफी मोटा था, मैं जब उनकी रखैल बनी थी.

मैंने उसका आनन्द लिया था, मोटे लंड से चूत बहुत फ़ैल जाती थी.


थोड़ी देर मैंने सोचा, तब बोली- भाभी मैं आपकी चिंता समझ गयी. मेरे पति विनय को आपको राजी करना होगा. आप विनय को यह प्रस्ताव दीजिये, उनसे कहिये यदि उन्हें आपत्ति नहीं है, तो आप मुझसे बात करेंगी.


भाभी ने विनय से बात की, विनय राजी हो गए.


भाभी ने अनय को राजी कर लिया.

उसके बाद मैंने भाभी के प्रस्ताव के बारे में विनय से बात की.


विनय- यदि इससे भैया को सुख मिलता है और तुम राजी हो, तो मैं तैयार हूँ. मेरा भी तो भाभी से यौन संबंध है.


अगली रात भाभी ने मेरे बेडरूम में शराब पार्टी रखी, जिससे मेरी और अनय की आपसी झिझक मिट जाए.

मैंने और भाभी ने काफी झीनी नाइटी पहनी हुई थी.


हंसी मजाक और अश्लील जोक हुए.

दो पैग के बाद भाभी विनय के साथ गेस्टरूम चली गईं.


मैं अनय के साथ उनके बेडरूम में आ गयी.


हम दोनों नया स्वाद पाने को उत्सुक थे. अनय- सोनम बेडरूम में तुम मुझे भैया नहीं अनय कहना.

हम खड़े होकर चूमा चाटी करने लगे, अनय चूमने में माहिर थे.


धीरे धीरे मेरे कपड़े उतार रहे थे. मेरा बदन चूम रहे थे.

जब उन्होंने मेरी कांख (आर्मपिट) चूमी चाटी, तो मैं सिहर उठी.


जल्द ही हम दोनों नंगे हो गए.


मैंने देखा कि अनय का लंड बहुत मोटा है. मोटे लंड को देख कर मेरी चूत गीली हो गयी.

मैंने अनय को चित लिटाया और उनका लंड चूमा चाटा.


फिर मैं अनय के ऊपर आकर लंड चूत में डालने लगी, पहले थोड़ा दर्द हुआ पर मैंने पूरा लंड चूत में डाल लिया.

थोड़ा रूककर मैं धीरे धीरे लंड पर उछलने लगी.


मैं- अनय कमर दुःख रही है क्या?

अनय- तुम्हारा वजन काफी कम है, कमर दर्द नहीं हो रही है.


मैं थोड़ी देर उछलती, फिर रूककर सामने झुककर चूचे अनय के मुँह के पास ले जाती.

अनय मेरी चूची दबाते चूसते, फिर मैं सीधी होकर लंड पर उछलने लगती.


काफी देर बाद हम दोनों झड़े.


अनय- बहुत महीनों बाद यौन सुख मिला, सोनम धन्यवाद.

मैं- मुझे भी मजा आया.


उसके बाद से मैं कभी अनय कभी विनय के साथ सम्भोग करती.

भाभी सिर्फ विनय के साथ सम्भोग करतीं.


मैं भाभी के साथ लेस्बियन सेक्स का आनन्द भी लेती.


अनय भैया बिज़नेस के काम से एक हफ्ते दूसरे शहर गए थे.

मैंने भाभी और विनय को थ्रीसम सेक्स वीडियो दिखाया.


वे राजी हो गए.


रात हम तीनों ने गेस्टरूम में फोरप्ले के बाद एक दूसरे के कपड़े उतार दिए.

विनय को खड़ा करके मैं और भाभी घुटनों पर बैठकर लंड गोटी चूसने लगे.


फिर भाभी घोड़ी बनकर पलंग के किनारे खड़ी हुईं.


विनय फर्श पर खड़े होकर पीछे से भाभी की चूत चोद रहे थे, कूल्हे पर चांटे मार रहे थे.


मैं भाभी के चूचे दबा रही थी, उनके होंठ चूम रही थी.


भाभी सिसकारी ले रही थीं.

फिर भाभी झड़ गईं.


विनय ने अपना लंड बाहर निकाला, जल्द झड़ने से बचने के लिए लंड को जड़ से पकड़ लिया और लम्बी साँस लेने लगे.


अब मेरी बारी थी.

मैं घोड़ी बनकर खड़ी हो गई.


विनय मुझे चोदने लगे थे, मेरे कूल्हे पर चांटे मार रहे थे.

भाभी मेरे चूचे दबा रही थीं, होंठ चूस रही थीं.


मेरे झड़ने के बाद हम दोनों बारी बारी से विनय का लंड चूसने लगे.

विनय ने मेरे मुँह में वीर्य की पिचकारी छोड़ी.


मैंने भाभी को मुँह खोलने कहा और आधा वीर्य भाभी के मुँह में डाल दिया, हम दोनों ने वीर्य पी लिया.

अनय के वापस आने तक हमने अलग अलग आसनों में थ्रीसम सेक्स किया


इस तरह से दो साल बीत गए.

अनय भैया की कमर की हालत काफी ठीक हो गयी थी, वह कभी मुझे कभी भाभी को मिसनरी पोजीशन में धीरे धीरे चोदने लगे.


भाभी ने उनके लंड की सवारी की कोशिश की, पर भैया भाभी के 70 किलो वजन को नहीं झेल सके. उनकी कमर में दर्द होने लगा.

सिर्फ मैं उनके लंड की सवारी करती, मेरा वजन 50 किलो था.


मैं और भाभी परिवार नियोजन की पिल्स ले रही थीं.

भाभी की शादी हुए 4 साल हो गए थे.


सास कहने लगीं कि बच्चे का मुँह कब दिखाओगी.


भाभी ने पिल्स लेना बंद कर दिया, वे गर्भवती हो गईं.

बच्चा अनय या विनय का है, मालूम नहीं था.


फिर 4 महीने बाद डॉक्टर ने भाभी को सेक्स करने से मना कर दिया.

मैंने अनय विनय दोनों को संभाला, कभी कभी तो दोनों एक ही रात में अलग अलग बेडरूम में मुझे चोद देते.


भाभी ने लड़के को जन्म दिया.


बच्चा एक साल का होने के बाद मैंने पिल्स लेना बंद कर दिया.

मेरे गर्भवती होने पर भाभी ने अनय विनय को संभाला.


मुझे भी लड़का पैदा हुआ, उसका बाप अनय या विनय है, मालूम नहीं था.


मेरी शादी को 7 साल हो गए हैं.

बच्चे थोड़ा बड़े होने के बाद से हमारे सास ससुर के बेडरूम में सोते हैं.


मैं और भाभी बदल बदल कर अनय विनय के साथ सम्भोग का आनन्द लेते हैं.

अनय भैया की कमर ठीक हो गयी है, वे दोनों को घमासान चोदते हैं.


आपको यह Indian Sex Stories कैसी लगी, जरूर बताएं.

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