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हट्टे कट्टे जवान नौकर ने विधवा मां को चोदा - Desi Sex Stories

Kamvasna

हम लोग गांव के सबसे रईस लोग हैं.

हमारी हवेली गांव में सबसे बड़ी है और दिल्ली के पास हमारे पास कम से कम 200 एकड़ जमीन है.


हमारी कई राइस मिलें भी हैं.


मेरे घर में मैं, मेरा बड़ा भाई हैं.

उसकी अभी नयी नयी शादी हुई थी.

उसके अलावा एक और बड़ा भाई है, जो अभी कुंवारा है.

मुझसे बड़ी मेरी एक बहन है.

मेरी उम्र 18 साल है और मैं सबसे छोटा हूँ.


ये Desi Sex Stories मेरे घर की है.


मेरी विधवा मां, जो बहुत साल से अकेली जीवन बिता रही हैं.

उनकी उम्र 48 साल है. वे अपना फिगर मेंटेन रखती हैं और सज-धज कर रहना पसंद करती हैं.

वे काम के सिलसिले में अक्सर दिल्ली जाती रहती थीं.


मां ही हमारी सारी जायदाद की मालकिन हैं.


करोना काल में हमारे सारे नौकर गांव चले गए थे.

वे सब चूंकि बिहार से थे तो हम लोगों ने गांव के कुछ मजदूरों को घर पर काम के लिए रख लिया था.


उन मजदूरों में से एक मजदूर का नाम राजू था.

वह हमारे घर के पास ही एक छोटे से घर में रहता था.


वह भी कुछ काम ढूंढ रहा था तो हमारे यहां आ गया था.

उसकी हाइट 6 फुट 4 इंच की रही होगी.


वह अब हमारे घर के हर काम को संभालने लगा था.

धीरे धीरे वह अपने काम से हमारा सबसे खास आदमी बन गया था.

घर का हर नौकर राजू की बात मानने लगा था.


एक दिन मम्मी को शहर जाना था.

उन्हें शॉपिंग भी करनी थी और राइस मिल का भी कुछ काम था.

उनके पास कोई ऐसा आदमी नहीं था, जो उनके साथ शहर जा सके.


तो मैंने मां से कहा कि राजू को साथ ले चलते हैं.

राजू हमारा ड्राइवर भी था.


मां ने हां में सर हिला दिया.

उन्होंने हामी भरते हुए कहा कि ठीक है इसे ही ले चलते हैं.


चूंकि हमारा दिल्ली में भी एक घर था, तो हमको उधर किसी होटल मे रुकने की समस्या नहीं थी.

उस वक्त कोरोना में रुकने की बड़ी समस्या थी, होटल आदि सब बंद थे.


हम तीनों दिल्ली पहुंच गए.

मैं अपने दोस्तों से मिलने के लिए चला गया.


मैंने दिल्ली आते ही मां से कहा कि मैं अपने दोस्त के घर जा रहा हूँ और उधर ही रुक जाऊंगा. मैं कल आऊंगा. आप मुझे अगले चौराहे पर छोड़ दीजिएगा.

राजू और मां दोनों मुझे छोड़ कर चले गए.


मैं अपने दोस्त से मिला तो दोस्त ने बताया कि उसको एक आवश्यक काम है, तो वह अपनी फैमिली के साथ किसी रिश्तेदार के यहां जा रहा है.

मैं मायूस हो गया और वापस अपने घर आने लगा.


जब मैं घर आया तो दरवाजा बंद था.

मैंने दस्तक दी, पर दरवाज़ा ही नहीं खुला.


मैं बगल में एक दीवार को फांद कर अन्दर गया और अपनी एक अतिरिक्त चाभी से दरवाजे को खोल कर अन्दर आने लगा.


मैंने देखा कि नौकर वाला रूम तो खाली है, उसमें कोई भी नहीं है.

मैं फर्स्ट फ्लोर पर जाने लगा.

मुझे सीढ़ियों से ही किसी औरत की आह आह की आवाज के साथ हल्के स्वर में चीखने की आवाज आ रही थी.


मैं एकदम से भाग कर ऊपर गया.


मां के कमरे का दरवाज़ा थोड़ा खुला हुआ था, अन्दर का नजारा दिख रहा था.

मैंने जो देखा, वह देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.


राजू मेरी मम्मी को घोड़ी बनाकर चोद रहा था और वह उनकी गांड पर चांटें भी मारता जा रहा था.

उसने मेरी मम्मी की गांड पर चाटें मार मार कर लाल कर दी थी.


इतना हैवानियत से भरा नजारा देख कर एक बार को तो मैं डर ही गया था.


मेरी मां सिर्फ़ 5 फुट 2 इंच की हैं और उनके ऊपर एक 6 फुट से भी ज्यादा मुस्टंडा चढ़ा हुआ था.

वह सांड जैसा लड़का मम्मी के ऊपर चढ़ कर उनकी गांड मार रहा था और मेरी मम्मी मजे से अपनी गांड मरवा रही थीं.


राजू पूरे जोश में उनकी गांड मार रहा था.

मैं चुप होकर उस चुदाई के खेल को देखने लगा.


करीब 15 मिनट चोदने के बाद वह मम्मी के बाल पकड़ कर अपना लंड चूसने को बोलने लगा.


उसका लंड 7 इंच का था.


मेरी मम्मी उसका लंबा मोटा लंड देख कर बोलीं- आह कितना मस्त लवड़ा है तेरा, मैं तो तुझे पहली बार देख कर ही समझ गयी थी कि तेरा लंड मजेदार होगा. तभी तो मैंने तुम्हारे साथ दिल्ली आने का प्लान बनाया वर्ना तुम मुझे घर में ढंग से चोद ही नहीं पाते.


राजू ने मेरी मम्मी के गाल पर एक थप्पड़ जड़ दिया और बोला- साली रंडी, चल पहले तू मेरा लंड चूस, बातें बाद में करना बहन की लौड़ी छिनाल.

मेरी मां उसकी बात सुनकर हंस दीं और वे उसका लंड अपने मुँह में लेकर चूसने लगीं.


कुछ ही पलों में राजू अपने लंड से मां के मुँह की चुदाई करने लगा.

उसके मुँह से जोर जोर की आवाजें निकल रही थीं- आह आह … ले चूस ले रांड साली … आह मैं गया आह.


यह कहते हुए उसने अपना सारा पानी मेरी मम्मी के मुँह में छोड़ दिया.

कुछ देर बाद उसने अपना लौड़ा मुँह से बाहर निकाला, तो मैंने देखा कि उसका लंड तो अभी भी खड़ा था.


वह अब मम्मी को गोदी में उठा कर चोदने लगा. उस वक्त मेरी मां किसी पॉर्न एक्ट्रेस के जैसी लग रही थीं और राजू जैसे लंबे तगड़े चोदू की बांहों में किसी प्लास्टिक की गुड़िया जैसी दबी हुई लग रही थीं.

राजू मेरी मां की गांड में अपना लंड पेले हुए थे और उनकी दोनों चूचियों को बड़ी बेरहमी से भँभोड़ रहा था.


अगले 5 मिनट में ही मेरी मम्मी वापस से झड़ गईं और वे उसे बिस्तर पर लिटाने के लिए कहने लगीं.

राजू मेरी मम्मी को बिस्तर में गिरा कर चोदने लगा.


मां राजू के लंड से चुदवा कर पूर्ण संतुष्ट हो गई थीं.

वे बोलीं- राजू मेरी जान, आज की रात मैं तुम्हारी रंडी हूँ. तुम मुझे जितना चाहे चोद सकते हो.


पर राजू ने कहा- आज मैं बहुत थक गया हूँ मालकिन. आज रहने दीजिए, मुझे बहुत तेज नींद आ रही है.

यह सुनकर मेरी मां एकदम से दुखी होकर उससे कहने लगीं कि ठीक है.


राजू मां से अलग होकर कपड़े पहनने लगा और वह नीचे चला गया.

उधर वह नीचे अपने कमरे में पड़े एक तख्त पर टांगें फैला कर सो गया.


मैंने कभी सोचा ही नहीं था कि मैं ये सब देखूँगा कि मेरी रईस मां एक अदने से नौकर से अपनी गांड मरवा रही थीं.


सुबह जब मैं सोकर उठा, तो दोनों एकदम सामान्य लग रहे थे.

कुछ देर बाद मां मुझसे बातें करने लगीं और हमने शॉपिंग करने जाने का तय किया.


मां अपनी जरूरत की चीजों की शॉपिंग करने लगी थीं और राजू हमारे साथ हमारे बैग पकड़ने के लिए साथ में था.

मां एक नाइटी की दुकान के बाहर जाकर रुक गईं और देखने लगीं.


राजू ने उनकी तरफ देखा तो मां उसकी तरफ देखने लगीं.


यह देख कर मैंने कहा- क्या हुआ?

तो मां बोलीं- कुछ नहीं!


हम सब सामान्य हो गए और कुछ देर खरीदारी करने के बाद हम सब खाना खाने के लिए आ गए.


राजू हम दोनों को छोड़कर चला गया.

मां ने उसे कुछ पैसे दे दिए थे ताकि वह बाहर कहीं अलग जाकर खाना आदि खा ले.


कुछ देर बाद हम सब खाना खाकर बाजार से वापस आने लगे और मां ने फोन करके राजू को बुला लिया.


वह आया तो हम तीनों घर वापस आ गए.


गाड़ी से उतरते वक्त राजू ने एक काले रंग का बैग निकाला.


मैंने उत्सुकता से पूछा कि इस बैग में क्या है?

तो वह बोला- कुछ नहीं सर, इसमें मेरा थोड़ा सामान है.


मैं चुप रहा और हम सब अन्दर आ गए.

फिर मैं अपने कमरे में चला गया.

मां भी अपने कमरे में चली गईं.


मुझे पता था कि कुछ तो गड़बड़ होना ही है, तो मैं फिर से चुपके से उनके कमरे के बाहर जाकर छुप कर देखने लगा.


मां ने एक काली नाइटी पहनी और वे खुद को शीशे में देखती हुई अपने दूध गांड को देखने लगीं और हल्की सी कातिलाना मुस्कान देती हुई कमरे से बाहर निकल कर नीचे राजू के कमरे की तरफ चली गईं.

मैंने झट से अपने दबे कदम उधर बढ़ाए और उसके कमरे के पास जाकर मैंने देखा तो राजू अपने बिस्तर पर बिल्कुल नंगा लेटा था.


मां उसके बेड पर जाकर चढ़ गईं और उसके लंड को अपने हाथों से सहलाने लगीं.

राजू का लंड एकदम टनटना रहा था, मां के हाथ लगाते ही वह किसी गुस्साए नाग की तरह फनफनाने लगा था.


वह उठा और मां की नाइटी को उतारने लगा और जल्दी ही मेरी मम्मी सिर्फ एक पैंटी में राजू के सामने थीं.

राजू ने मां के गदराए जिस्म को देखा तो वह पागल हो गया और उसने जोश जोश में मम्मी की पैंटी को खींच कर फाड़ दी.


मां की चुत नंगी हुई तो राजू उनकी चुत को चाटने लगा.

वह मम्मी के दूध मसलता हुआ बोला- मेम साब, आपकी चुत बहुत ही मस्त है. गांव की लड़कियों की चुत इतनी चिकनी नहीं होती, आपकी चुत तो इतनी गुलाबी है कि मैं तो चाटता ही रहूँ.


मेरी मां हल्की सी मुस्कान के साथ अपनी आंखें बंद करके बोलीं- तो चाटते रहो न .. किसने मना किया है तुम्हें!

वे अपनी चुत चुसवाने का मज़ा लेने लगी थीं.


थोड़ी देर में मम्मी की चुत झड़ने को आ गई और वे अपने जिस्म को अकड़ाने लगीं.

अगले ही पल चुत ने रस छोड़ना शुरू कर दिया.


राजू मां की चुत चाटने लगा और उसने चुत से निकला सारा रस चाट लिया.


मां चुत चटवाने के बाद उसके सर के बालों को सहलाती हुई बोलीं- राजू, आज मेरी चुत की प्यास बुझा दो, मुझे रात भर तुम्हारा लंड अपनी चुत में बार बार चाहिए!


राजू भी हँसते हुए बोला- हां आज तो पूरा इंतज़ाम है मेरे पास. आप ये दवा खा लो और मजे से खूब चुदवाओ. जो दवा आपने लाने के लिए कहा था, वह मैं ले आया हूँ. इससे आप प्रेग्नेंट नहीं होगी.

मां ने वह गोली खा ली.


राजू अपने लंड को बिना कंडोम के ही चुदाई की पोजीशन में आया और मां की चुत में लंड पेल दिया.

मां राजू का नाम ज़ोर ज़ोर से लेती हुई चुदने लगीं.


वे कह रही थीं- आह आह राजू … तुम्हारा लंड मेरी बच्चेदानी तक चोट मार रहा है, आह सच में बड़ा मजा आ रहा है. राजू- आह मेम साब आपकी चुत का असली मज़ा तो बिना कंडोम के ही आ रहा है. आज तो मैं आपको जम कर चोदूंगा.

वे दोनों जिस अंदाज में चुदाई कर रहे थे उससे मैं समझ गया था कि आज सारी रात इन दोनों की चुदाई का खेल चलेगा.


यही हुआ भी रात के 3 बजे तक उन दोनों ने चुदाई की.

Desi Sex के बाद मेरी मां थक कर राजू के बिस्तर पर ही सो गईं. राजू भी उनके साथ नंगा ही सो गया.


मैं उनकी चुदाई लीला समाप्त होते ही अपने कमरे में वापस चला आया.

अगली सुबह हम तीनों फिर से गांव वापस आ गए.


वे दोनों सबके सामने एकदम सामान्य तरीके से पेश आने लगे थे.

मैं उस वक्त भी इसी फिराक में रहता था कि कब राजू और मेरी मां की चुदाई का प्रोग्राम सैट होता है और मैं उनकी चुदाई को देख कर अपना लंड हिला सकूँ.


अगली सेक्स कहानी को अगले भाग में लिखूँगा. तब तक आप Desi Sex Stories पर अपने विचार मुझे जरूर भेजें.

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