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हवाई यात्रा के दौरान रात भर चुदी मैं - Desi Kahani

मेरा नाम दिव्या है, दोस्तो.

मैं 28 साल की एक बेहद खूबसूरत और मद मस्त औरत हूँ। मेरा कद 5′ 5″ है, रंग एकदम गोरा और बदन एकदम संगमरमर जैसा है।


मेरे बूब्स बड़े बड़े हैं, सुडौल और आकर्षक भी।

ब्रा से मेरी मस्तानी चूचियाँ बाहर निकलने के लिए हमेशा बेताब रहती हैं।


मेरी मस्त मस्त बाहें और डीप नेक की ब्रा किसी को भी उत्तेजित करने के लिए काफ़ी हैं।

मुझे देख कर लोगों के लंड में आग लग जाती है।


मैं एक भारतीय नारी हूँ और हमेशा भारतीय परिधान में रहती हूँ।

मुझे साड़ी और ब्रा पहनने का बड़ा शौक है।

इसके अलावा मैं कभी कभी लो वेस्ट जींस और स्लीवलेस डीप नेक के टॉप में भी रहती हूँ।


मैं पढ़ी लिखी हूँ, एक बड़ी कंपनी में काम करती हूँ और अक्सर हवाई जहाज़ से इधर उधर मीटिंग वगैरह में जाया करती हूँ।

मेरा टूरिंग जॉब है और मुझे हर बार नए नए लोगों से मुलकात करनी पड़ती है।

मुझे अपनी कंपनी की और कंपनी के नए नए प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करनी पड़ती है।


Desi Kahani मेरे एयर ट्रेवल के दौरान की है.


एक बार मैं वाराणसी से बैंगलोर दिल्ली होकर हवाई जहाज़ से जा रही थी।

मैंने वाराणसी से हवाई जहाज़ पकड़ा और सीधे दिल्ली पहुँच गयी.


वहां से शाम को बैंगलोर के लिए फ्लाइट थी।

इसलिए मैं 4 घंटे दिल्ली एयरपोर्ट पर ही घूमती रही।


मैं इधर उधर कभी रेस्टोरेंट में, कभी काफ़ी की दूकान पर, कभी स्नैक्स की दूकान पर और कभी किताबों की दूकान पर घूम घूम कर समय बिता रही थी।


वैसे वहां पर ट्रांजिट पैसेंजर्स के लिए रेस्ट रूम भी था लेकिन मुझे घूमने फिरने का शौक है।


तभी मेरी नज़र दो लड़कों पर पड़ी।

दोनों ही गोरे गोरे, स्मार्ट और हैंडसम थे।


मेरे मन में आया कि इनके लंड भी इन्हीं की तरह गोरे चिट्टे और हैंडसम होंगें।

बस मेरी चूत में हलचल होने लगी।


मैं आपको बता दूँ दोस्तो … मुझे सेक्स करने में बड़ा मज़ा आता है।

मैं रोज़ रात को पोर्न देखती हूँ, हिंदी अन्तर्वासना की सेक्स कहानियां पढ़ती हूँ और बड़े बड़े लण्ड की फोटो भी देखती हूँ।


वैसे मैं लण्ड की फोटो देखती ही नहीं बल्कि लण्ड सही में पसंद भी करती हूँ, चूमती चाटती भी हूँ और फिर अपनी चूत में भी पेलवाती भी हूँ।

मुझे पराये मर्दों से चुदवाने का बड़ा शौक है और यह शौक मुझे अपनी शादी के एक साल के अंदर ही लग गया था।


मैं हर एक लण्ड से प्यार करती हूँ.

कॉलेज के दिनों में लड़कों के लण्ड पकड़ने का चस्का लग गया था वह अभी तक कायम है; कभी छूटा नहीं बल्कि बढ़ता ही गया।


मेरे सामने जब कोई मेरे मन का लड़का या कोई मर्द आ जाता है तो मैं फ़ौरन उसके लण्ड के बारे में सोचने लगती हूँ और फिर एकदम से मेरे दिमाग में उसके लण्ड की एक तस्वीर बन जाती है।


यही सब मेरे मन में चल रहा था जब मैंने उन दोनों लड़कों को देखा।


मैं फोन पर बात करते करते उनके पास तक पहुँच गयी।

वे दोनों आमने सामने खड़े थे।


मैंने उनके सामने गिरने की एक्टिंग की तो दोनों ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोले- अरे मैडम, चोट तो नहीं आई आपको?

पर मैंने कहा- हां शायद कुछ मोच आ गयी है।


तभी एक बोला- चिंता न करो मैडम, मेरे पास बाम है, मैं अभी लगा देता हूँ।


उसने मुझे कुर्सी पर बैठाया, अपने बैग से बाम निकाला और मेरे पंजे और ऐड़ी पर लगाने लगा।

मैं मन ही मन बड़ी खुश हो रही थी।


कुछ देर बाद मैंने कहा- ओ के, अब शायद ठीक हो जाएगा. अब आप भी बैठ जाईये।


वे दोनों मेरे अगल बगल बैठ गए।


तब उसने बताया- मैं रोहन हूँ और ये रोहित है। हम दोनों अलग अलग कंपनी में काम करते हैं। हम दोनों की पहली मुलाक़ात यहीं हुई है। हम लोग बैंगलोर जा रहे हैं।

मैंने कहा- अरे वाह, बैंगलोर तो मैं भी जा रही हूँ।


इतने में घोषणा हुई कि बैंगलोर जाने वाली फ्लाइट 3 घंटे लेट है।

अब तो हम लोग 3 घंटे के लिए और फंस गए।


फिर क्या … मैं रोहन और रोहित से बातें करने लगी और किसी तरह अपना समय पास करने लगी।


जब लगभग 2 घंटे बीत गए तो फिर घोषणा हुई- तकनीकी खराबी के कारण बैंगलोर जाने फ्लाइट को रद्द कर दिया गया है. अब यह फ्लाइट कल सवेरे 7 बजे रवाना होगी.

उसके बाद तो जम कर हंगामा हुआ।


लोग कहाँ जाते?

रात के 9 बज चुके थे।

काफी हंगामे के बाद एयरलाइन्स वालों ने सबके ठहरने का इंतज़ाम एक बड़े होटल में कर दिया और हम सबको वहीँ भिजवा दिया।


लगभग 10 बजे हम सब अपने अपने कमरे में चले गए.

संयोग से रोहन का कमरा मेरे बगल में ही था।

तो मैंने इशारे से उसे बुला लिया।


उसके आने के पहले मैं बाथरूम गयी और नहा धोकर, एक छोटी सी तंग ब्रा जिससे मेरे निप्पल ही छिप सकते थे, बाकी कुछ भी नहीं, पहन लिया और एक घाघरा डाल कर बाहर आ गई।


तब तक रोहन भी आ गया।

वह तो कुछ देर तक मुझे देखता ही रहा.


मैंने उसे मस्ती से ड्रिंक्स पर बैठाया और हम दोनों व्हिस्की का मज़ा लेने लगे।

ड्रिंक्स के साथ बातें भी होने लगीं।


उसकी निगाहें मेरी चूचियों पर थीं और मेरी निगाहें उसके लण्ड पर।

वह बार बार मेरी चूचियाँ पूरी की पूरी देखने की कोशिश करता था और मैं उसका पूरा का पूरा लण्ड!


मौक़ा भी बड़ा अच्छा था तो मैंने उसे कुरेदना शुरू किया।

मुझे यह तो मालूम हो गया था कि रोहन 28 साल का है, शादीशुदा है और एक सेमीनार में बैंगलोर जा रहा है.


हम दोनों ही नशे थे।

कहते हैं कि नशे में आदमी के मुंह से दिल की बातें निकलने लगती हैं।


सच्चाई यह है कि मैं उसकी तरफ खिंचती चली जा रही थी और वह भी मेरी तरफ।


मैंने कहा- यह तो मुझे मालूम है कि तुम शादी शुदा हो। अब यह बताओ कि तुम्हारी बीवी दिखने में कैसी है? खूबसूरत है न? उसकी कद काठी कैसी है?


“बहुत अच्छी है, खूबसूरत है और उसका कद 5′ 3″ का है.”

“सेक्स में किस तरह का बर्ताव करती है? पूरा मज़ा देती है तुम्हें की नहीं? शर्माती तो नहीं है?

“हां पूरा मज़ा देती है लेकिन थोड़ा शर्माती जरूर है।”


“कभी किसी और की बीवी चोदी है तुमने?”

उसने थोड़ा शरमाते हुए कहा- अपने एक दोस्त की बीवी को दो बार चोदा है मैंने! मुझे दूसरों की बीवियां चोदना अच्छा लगता है.


“मैं भी तुम्हारे लिए दूसरे की बीवी हूँ, तो क्या तुम मुझे भी चोदोगे?”

“हां क्यों नहीं … अगर तुम कहोगी तो जरूर चोदूंगा.”

उसने अपने दिल की बात कह दी।


मैं तो तैयार थी ही।

उसका इतना कहना हुआ कि मैंने अपना हाथ सीधे उसके लण्ड पर रख दिया और ऊपर से ही लण्ड दबाकर कहा- फिर चोदो न मुझे … मैं बहुत चुदासी हूँ रोहन।


उसने मुझे अपनी तरफ घसीट लिया और मेरी चुम्मी ले ली.

फिर बोला- आप तो बहुत ही हॉट हैं मैडम!

मैंने कहा- यार, मुझे बार बार मैडम मत कहो। मैं बुरचोदी दिव्या हूँ, मैडम नहीं हूँ। मुझे दिव्या भाभी कहो। मैं तेरी चुदक्कड़ भाभी हूँ।


मैंने भी उसकी चुम्मी ले ली और कहा- देखो रोहन, मैं देखने में बड़ी भोली भाली औरत जरूर हूँ पर ऐसा है नहीं। मैं मादरचोद बहुत घुटी हुई एक बदचलन औरत हूँ। पराये मर्दों से चुदवाने वाली एक छिनार हूँ मैं. मैं रोज़ रात में रंडी हो जाती हूँ और पराये मर्दों के लण्ड खुल कर लेती हूँ। आज तेरा लण्ड लूंगी। बोलो तुम मुझे अपना लण्ड दोगे?

उसने कहा- हां हां क्यों नहीं दूंगा, भला आपको कौन मना कर सकता है, मेरी मस्तानी भाभी जी!


ऐसा बोल कर वह मेरे मम्मे जोर जोर से दबाने लगा.

मैं मस्ती से दबवाने भी लगी।


मेरे मम्मे जब कोई अनजान लड़का दबाता है, मसलता है तो मुझे ज्यादा मज़ा आता है।

मैं वासना में डूब गई।


वह भी मस्ती के मूड में पूरी तरह आ गया।

तब वह मेरे कपड़े खोलने लगा और मुझे बड़ा अच्छा लगने लगा।


उसका मुझे नंगी करना मेरे मन में मिशरी घोल रहा था।

मैं उसके सामने जल्दी से जल्दी नंगी होना चाहती थी।


उसने मेरी ब्रा का हुक खोला तो मेरे बड़े बड़े दूध उसके सामने एकदम नंगे हो गए।

फिर उसने मेरा घाघरा भी खोल डाला तो मेरी चूत, मेरी गांड, मेरे चूतड़ सब नंगे हो गए।


फिर मैंने भी फटाफट उसके कपड़े खोले और आखिर में जब उसकी नेकर निकाली तो लौड़ा टन्न से मेरे आगे खड़ा हो गया।

मेरे मुंह से निकला- वाओ क्या मस्त लौड़ा है तेरा? एकदम जबरदस्त घोड़े के लण्ड की तरह है तेरा भोसड़ी का लण्ड! मज़ा आ गया इसे देख कर।


मैंने लण्ड की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ लीं और खूब जी भर के प्यार किया।

वह मेरे मम्मे चूमने लगा चाटने लगा, दबाने लगा, मेरी चूत सहलाने लगा मेरी गांड पर हाथ फिराने लगा, मेरे पूरे नंगे बदन से खेलने लगा।


मुझे लगा कि रोहन को लड़की चोदने का अनुभव है।


वह आहिस्ते आहिस्ते मुझे उत्तेजित कर रहा था और मैं भी उसकी हवस को हवा दे रही थी।


मैंने उसे चित लिटाया और अपनी चूत उसके मुंह पर रख दिया।


वह मेरी चूत चाटने लगा और मैं झुक कर उसका लण्ड चाटने लगी.

हम दोनों काफी देर तक 69 का खेल खेलते रहे।


मुझे तो बहुत दिनों के बाद एक अनजाना नया लण्ड मिला, मैं तो बड़ी खुश थी।


रोहन को भी एक नई पराई बीवी मिली तो वह भी मस्त हो गया।


वह मेरी चूत चाटने के साथ साथ मेरी गांड भी चाटने लगा और मैं भी लण्ड चाटने के साथ साथ उसके पेल्हड़ भी चाटने और चूसने लगी।


इतने में वह जोश में आ गया और उठ कर मुझे नीचे करके लण्ड मेरी चूत में रगड़ने लगा।


मैंने कहा- हाय मेरे राजा, अब जल्दी से पेल दो लण्ड, बर्दाश्त नहीं हो रहा है मुझसे! पेलो लण्ड और चोदो मेरी चूत!


उसने गच्च से पेल दिया।

लण्ड घुसा तो ज़न्नत का मज़ा आने लगा।


मैं बोल पड़ी- हाय रे, बड़ा मोटा है लण्ड तेरा। चूत में चिपक कर घुस रहा है। फटी जा रही है मेरी चूत। क्या मस्त लौड़ा है तेरा यार … वाओ बस चोदे जाओ, बड़ा मज़ा आ रहा है। मुझे यकीन हो गया कि तुम पराई बीवियां अच्छी तरह चोदते हो!


वह धीरे धीरे स्पीड बढ़ाता गया और मैं भी उसी स्पीड से चुदवाती गयी।

मेरी चूचियाँ नाचने लगीं और बीच बीच में वह उन्हें भी मसलने लगा, मेरे गाल पर भी प्यार से थप्पड़ मारने लगा।


उधर मुझे उसका लण्ड बार बार पेलना और मुझे खूब मस्ती से चोदना बड़ा अच्छा लग रहा था।

मैं इसी चुदाई का बड़ी देर से इंतज़ार कर रही थी।


मैं घपाघप चुदाई का पूरा मज़ा लेने लगी।

मैंने मन में कहा ‘फ्लाइट साली कैंसिल हुई तो बड़ा अच्छा हुआ, मुझे तो एक नया लण्ड मिल गया. मुझे मस्ती से चुदवाने का मौका मिल गया. यहाँ मुझे कौन भोसड़ी वाला देखने आ रहा है.’


रोहन तो मुझे खूब हचक हचक के चोदे जा रहा था।

मुझे बहुत दिनों के बाद चुदाई का असली मज़ा मिल रहा था।


जब मैंने उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा तो मैं पूरी तरह संतुष्ट हो गई।


रोहन फिर अपने कमरे में चला गया।


उसके जाने के बाद मैं बाथ रूम गयी और फिर वही घाघरा पहन कर लेट गई।


Xxx होटल चुदाई के पश्चात मैं जैसे ही लेटी वैसे ही मेरा फोन बज उठा।

फोन पल्लवी का था।


मैंने कहा- हां यार बोलो?

उसने कहा- देख बुर चोदी दिव्या, तू जहाँ रुकी है उसी होटल में मेरा बॉय फ्रैंण्ड अरुण भी रुका है। वह भी बैंगलोर जा रहा है। मैंने तेरा नंबर उसे दे दिया है और कह दिया है कि तू दिव्या के पास जा और सीधे अपना लण्ड खोल कर उसकी चूत में पेल दे। वह बड़ी चुदक्कड़ औरत है और तुझे रात भर मज़ा देगी। उसका फोन तेरे पास आता ही होगा। तुम उससे खुल कर मस्ती से चुदवा लेना दिव्या। मेरी नाक न कटवाना। उसका लण्ड तेरे मन का है और मेरी चूत में कई बार घुस चुका है.


मैंने कहा- थैंक यू डियर, तू चिंता न कर … मैं उसे मस्त कर दूँगी।

फोन रखा तो मैंने फिर अपना थोड़ा टच किया और तैयार हो गई।


इतने में फोन फिर बज उठा।

मैंने हेलो कहा.

वह बोला- मैं अरुण बोल रहा हूँ दिव्या भाभी जी।

मैंने कहा- तुम सीधे कमरा नंबर 304 में आ जाओ।


उसने बेल बजाई, मैंने दरवाजा खोला और उसे देखा तो मज़ा आ गया।

वह स्मार्ट हैंडसम एक मस्त नौजवान लड़का था।


मैंने उसे अंदर बैठाया और दरवाजा बंद कर लिया।


वह बोला- भाभी जी, मैं अरुण हूँ!

मैंने कहा- मुझे सब मालूम हो गया है। पल्लवी ने मुझे तुम्हारे बारे में सब बता दिया है।


वह बोला- पल्लवी भाभी ने मुझे भी आपके के बारे में सब बता दिया है।

मैंने कहा- तो क्या तुम सीधे सीधे मेरे ऊपर चढ़ जाओगे और पेल दोगे अपना लण्ड!


मेरे मुंह से ‘लण्ड’ सुन कर वह सच में उत्तेजित हो गया।


मैंने कहा- तुमने पल्लवी के अलावा किसी और के साथ भी सेक्स किया है?

वह बोला- मैंने और भी दो बीवियों के साथ सेक्स किया है.


अब आग तो दोनों तरफ लगी हुई थी।

फिर मैं उठी और अपनी बाहें उसके गले में डाल दीं, उसकी चुम्मी ले ली और बोली- तुम तो बड़े हैंडसम हो यार अरुण। अब मुझे देखना है कि तेरा लण्ड भोसड़ी का कितना हैंडसम है.


मैंने मुस्कराते हुए ऊपर से ही उसका लण्ड दबा दिया तो उसने भी मेरे मम्मे दबा दिये।

फिर उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया तो मेरे दोनों मम्मे छलक पड़े उसके आगे।


उसने अपने दोनों हाथों से मेरे दोनों मम्मे दबाये उनकी चुम्मियाँ लीं और जबान निकाल कर चाटने लगा, निपल्स भी चाटने लगा.

अब तो मैं और वासना में डूब गई।


फिर उसने एक हाथ मेरे घाघरा में घुसेड़ दिया और मेरी चिकनी चूत पर अपनी उंगलियां फिराने लगा।

घाघरा में नाड़ा नहीं था, इलास्टिक थी तो उसने घाघरा खींच कर निकाल फेंका और मैं मादरचोद एकदम नंगी हो गई।


फिर मैंने भी उसकी कमीज उतारी, पैंट उतारी और आखिर में उसकी चड्डी भी खींच कर नीचे फेंक दी।

उसका टन टनाता हुआ लण्ड पकड़ लिया मैंने!


बिना कुछ बोले ही मैंने लण्ड की ताबड़तोड़ कई चुम्मियाँ ले लीं, फिर कहा- वॉव क्या जबरदस्त लौड़ा है तेरा अरुण. बड़ा सॉलिड है लण्ड यार और कड़क भी। लण्ड का टोपा बड़ा मस्त लग रहा है।

मैंने कहा- यार अरुण, तुमसे ज्यादा खूबसूरत है तेरा भोसड़ी का लण्ड! मैंने अपने मन ही मन से लण्ड का साइज नापा तो वह 8″ लंबा और 5″ मोटा निकला।


मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।

मुझे ऐसा ही लण्ड पसंद है।


हम दोनों बेड पर पहुँच गए।

उसने मेरी गांड की तरफ अपना मुंह कर दिया तो मैंने भी उसकी गांड की तरफ अपना मुँह कर दिया।


मैं उसका लण्ड चाटने लगी और वह मेरी बुर चाटने लगा।

हम लोग 69 का मज़ा लेने में जुट गये।


मैंने कहा- पल्लवी तो बुर चोदी तेरे लण्ड का खूब मज़ा लेती होगी?

वह बोला- हां, वह भी इसी तरह खूब चाटती है मेरा लण्ड लेकिन भाभी जी आपकी बात दूसरी है। तुम उससे ज्यादा खूबसूरत हो और उससे ज्यादा मस्ती से लण्ड चाट भी रहीं हो।


फिर वह रुका नहीं और सीधे पेल दिया लण्ड मेरी चूत में और जुट गया मेरी बुर चोदने में!

मैं भी बड़े जोर शोर से चुदवाने लगी और पूरा साथ देने लगी।


वह बोला- जानती हो भाभी, पल्लवी भाभी ने कहा था कि दिव्या को खूब पटक पटक कर चोदना, मेरी नाक न कटवाना। तो अब बताओ मैं तुम्हें ठीक से चोद रहा हूँ न?

मैंने कहा- अरे यार पल्लवी ने मुझसे भी कहा था कि दिव्या अरुण से तुम खूब मस्ती से चुदवाना मेरी नाक न कटवाना। हकीकत यह है कि न तुम कम हो चोदने में और न मैं कम हूँ चुदवाने में। पल्लवी की नाक सही सलामत रहेगी। उसकी नाक बिलकुल नहीं कटेगी।


हम दोनों मिलकर और ज्यादा मस्ती से घपाघप पलंग तोड़ चुदाई करने लगे।


अरुण मेरी चूत की धज्जियाँ उड़ाने लगा और मैं उसके लण्ड का पूरा मज़ा लेने लगी, खूब मस्ती से कमर हिला हिला कर चुदवाने लगी।


वह बोला- हाय मेरी बुर चोदी दिव्या भाभी, आज मैं तेरी चूत का हलवा बना दूँगा। तू भोसड़ी की बहुत अच्छी तरह चुदवा रही है। तेरी जैसी तो कोई रंडी भी नहीं चुदवा सकती? तेरी चूत की माँ का भोसड़ा। आज मैं फाड़ डालूँगा तेरी बुर। तेरी चूत की गर्मी एक मिनट में निकाल दूंगा। मैं देखता हूँ कि तू कितनी बड़ी चुदक्कड़ है माँ की लौड़ी दिव्या!


अरुण गालियां देता हुआ मेरी बुर चीरने में लगा था।


मैंने कहा- हां, मैं चुदक्कड़ हूँ भोसड़ी के अरुण! तेरी माँ की चूत … तू मेरी चूत का बाजा बजा रहा है। मैं भी तेरा लण्ड भून रही हूँ अपनी चूत में! अभी तेरा लण्ड मैं भुने हुए बैगन की तरह निकालूंगी अपनी चूत से। मैंने जाने कितने लण्ड भून डालें हैं अपनी चूत में डाल कर। तेरे लण्ड की क्या औकात है?


इस तरह मैं भी गालियां दे दे कर बड़े ताव में चुदवाने लगी।

इन गालियों से चुदाई के चार चाँद लग गए।


मेरी चूचियाँ नाच रहीं थीं और अरुण उन्हें कभी चूमता कभी मसलता और कभी जबान से चाट भी लेता।

मुझे तो पराये मरद से चुदने में बड़ा मज़ा आता है।


कुछ देर बाद मेरी चूत बुर चोदी ढीली हो गयी।

मेरी चूत ने छोड़ दिया पानी.


वह भी बोला- भाभी जी, मैं अब निकल जाऊंगा।

मैंने कहा- तू मेरे मुंह में निकला जा।


उसके लण्ड ने जब मेरे मुंह में पिचकारी मारी तो मैं एकदम मस्त हो गयी।


फिर बाथरूम जाकर हमने एक दूसरे को खूब मजे से नहलाया धुलाया और नंगे नंगे बिस्तर पर आकर लेट गए।

एक दूसरे के नंगे बदन पर हाथ रख कर सो भी गए।


सवेरे जब मेरी नींद खुली तो मेरी नज़र सीधे अरुण के लण्ड पर पड़ी।


लण्ड भी बहन चोद नंगा नंगा सो रहा था मगर बड़ा प्यारा लग रहा था।


मुझे उस पर प्यार आ गया तो मैंने चुपके से जबान से लण्ड उठाया और बड़े पोले पोले आहिस्ते आहिस्ते उसे उठाकर मुंह में भर लिया।


अंदर ही अंदर थोड़ी जबान घुमाई तो उसकी नींद खुल गई।

वह जग गया तो उसका लण्ड भी जग गया।

लण्ड मादर चोद एकदम से तन कर खड़ा हो गया।


मुझे तो मज़ा आ गया उसे देख कर!


फिर तो अरुण ने मुझे बड़े प्यार से एक बार फिर चोदा।


इस तरह मैं रात भर चुदती रही; पहले रोहन से और फिर अरुण से।


उसके बाद नहा धो कर मैं तैयार हुई और टाइम पर एयरपोर्ट पहुँच गयी।

तो दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची कहानी।

आपको मेरी Desi Kahani कैसी लगी?

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