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42 साल की माँ ने डलवाया बेटे से अपनी चूत में लंड

मेरा नाम मिसेज आरीना है। मैं एक 42 साल की पढ़ी लिखी खूबसूरत और गोरी चिट्टी महिला हूँ।मैं एक वर्किंग वुमन हूँ और मैं किसी दूसरे पर निर्भर नहीं हूँ।

अभी 2 साल पहले मेरा शौहर से तलाक हो गया।वास्तव में वह किसी विदेशी औरत के चक्कर में आ गया और उसे लेकर विदेश भाग गया।मेरा बेटा उसके साथ नहीं गया बोला- मैं अपनी अम्मी के साथ ही रहूँगा।

मेरे बेटे का नाम बिलाल है। वह 19 साल का है, कॉलेज में पढ़ता है.वह एक मस्त जवान, हैंडसम और स्मार्ट लड़का है।उसका बदन कसरती है, छाती चौड़ी है और बाल घुंघराले हैं. बिलाल मेरा बहुत ख्याल रखता है।

आपको मैं सच्ची कामवासना कहानी बताना चाहती हूँ कि जबसे मेरा शौहर गया, तब से आज तक मुझे लण्ड के दर्शन नहीं हुए।मैं असल में लण्ड के लिए तरस रही हूँ।

अब आप ही बताईये कि मैं इस भरी जवानी में कब तक अपनी चूत उंगली करती रहूंगी।मैं चाहती तो बाजार से कई लण्ड मंगवा लेती और अपने जिस्म की आग बुझा लेती.मगर मैंने ऐसा नहीं किया क्योंकि मैं अपने बेटे को मेरे बारे में गलत सोचने के लिए कोई मौका नहीं देना चाहती थी।

इधर मेरी लण्ड की चाहत दिन पर दिन बढ़ती जा रही थी।मैं दिन रात यही सोंचा करती कि करूँ तो क्या करूँ?लण्ड कहाँ से लाऊँ?

एक दिन सवेरे सवेरे जब मैं उठी और बेटे के कमरे में गयी तो देखा कि वह तो सो रहा है लेकिन उसका लण्ड साला जग रहा है। लण्ड ने चादर में तम्बू बना रखा है।

बस मेरा दिमाग घूम गया. मेरा मन बोला ‘यार आरीना, तू भोसड़ी वाली लण्ड के लिए बेचैन है, देख लण्ड तो तेरे सामने है। बस हाथ बढ़ा और पकड़ ले अपने बेटे का लण्ड! बेटा तो मस्त जवान हो ही गया है। लण्ड इसका चूत चोदने वाला हो गया है। हिम्मत कर और बुझा ले अपने जिस्म की आग!’

ख्याल बुरा नहीं था … पर सोचा कि शुरुआत कैसे करूँ?कैसे बेटे को समझाऊं कि मैं उससे चुदना चाहती हूँ।

फिर क्या … मैं मन में कई प्लान बनाने लगी।मैं दूसरे दिन सवेरे फिर उसके कमरे में गयी तो वही सीन देखा।

बिलाल के लण्ड ने चादर में तम्बू बना रखा था.मैंने धीरे से चादर का कोना हटाया तो लण्ड के पेल्हड़ सहित दर्शन हो गए।उसकी लुंगी पूरी खुल चुकी थी और वह पूरा नंगा था।

छोटी छोटी झांटों वाला गोरा चिट्टा लण्ड बड़ा हैंडसम लग रहा था।

मैंने हिम्मत करके उसे पहले छुआ फिर दो उंगली से पकड़ा तो उसके बदन में थोड़ी थिरकन हुई।मैं थोड़ा सहम गई लेकिन फिर हाथ बढाकर लण्ड पोले पोले पकड़ लिया।

धीरे से उसकी खाल नीचे की तो लण्ड का टोपा मेरी आँखों के सामने चमक उठा।मेरी चूत बहनचोद गीली हो गयी।

फिर मैंने लण्ड थोड़ा हिलाया।उधर से कोई हरकत नहीं हुई तो मैंने उसे थोड़ा और हिलाया, झांटों पर उंगलियां फिराईं और लण्ड के टोपा का चुम्मा ऐसे लिया कि कोई आवाज़ न हो।मेरी नज़र बेटे के लण्ड से हट ही नहीं रही थी।

मैंने लण्ड मुट्ठी में जकड़ लिया।मैं लण्ड का साइज जानना चाहती थी तो उसे इंची टेप से नापा।लण्ड साला 7″ लम्बा और 5″ घेरे वाला निकला।

मैं यह देख कर गदगद हो गयी कि मेरे बेटे का लण्ड उसके अब्बू के लण्ड से बड़ा है और मोटा भी!

तीसरे दिन भी मैंने लण्ड पकड़ा उसे हिलाया, थोड़ा देर तक हिलाया पेल्हड़ भी सहलाया.तब मुझे समझ में आया कि बिलाल जाग रहा है पर सोने का बहाना किये हुए मज़ा ले रहा है।

वह इतवार का दिन था तो मैं अपनी एक कॉलेज की दोस्त मिसेज स्वाति के घर चली गयी।उसने मेरा वेलकम किया और चाय पर बैठ कर बातें करने लगी।

तब मैंने उसे पूरा किस्सा बताया और कहा- यार, मैं बेटे से चुदवाना चाहती हूँ बताओ कैसे चुदवाऊं?वह बोली- तुम बिल्कुल पागल हो यार! जब लण्ड पकड़ने से बेटे ने मना नहीं किया, कोई आपत्ति नहीं की, लण्ड अपनी तरफ खींचा नहीं तो इसका मतलब यह है कि वह भी चाहता है कि तुम उसका लण्ड पकड़ो, चाटो और चूसो। साफ़ शब्दों में कहूं तो वह तुम्हें चोदना चाहता है. पर इसके लिए तुम्हें ही पहल करनी पड़ेगी। तुमने उसे पूरा नंगा देखा तो वह भी तुम्हें नंगी देखना चाहता होगा। मुझे पूरा यकीन है कि अगर तुम उसे मौका दोगी तो वह लण्ड सट्ट से तुम्हारी चूत में पेल देगा।

स्वाति ने आगे बताया- एक बात समझ लो कि वह अपनी तरफ से कुछ नहीं करेगा। जो तुम करोगी वह उसमे तेरा पूरा साथ देगा। मेरा कहा मानो तो कल ही थोड़ा बेशर्म होकर उससे खुल जाओ। फिर तुम्हें जवानी का पूरा मज़ा मिलेगा और उसे भी। यह तेरे लिए स्वर्णिम अवसर है और अवसर बार बार नहीं आता।

उसकी बातें मेरे दिलोदिमाग में घर कर गईं।उसने मुझे प्रोत्साहित ही नहीं किया बल्कि मुझे बोल्ड भी बना दिया।

उसी रात को मैंने अपनी झांटें साफ़ की और चूत एकदम सपाट चिकनी बना दिया।

मैं रात को बिस्तर पर लेटी हुई सवेरा होने का इंतज़ार करने लगी।

जैसे ही सवेरे के 5 बजे, मैं उसके कमरे में पहुँच गयी।मैं अंदर से बिल्कुल नंगी थी बस ऊपर से एक शाल लपेट लिया था।मैंने ठान लिया कि आज जो होना है वो हो जाने दो।या तो मेरी चूत को लण्ड मिलेगा या नहीं मिलेगा।मिलेगा तो बहुत अच्छा … नहीं मिलेगा तो मैं किसी और का लण्ड ले लूंगी क्योंकि मैं अब और ज्यादा बिना लण्ड के नहीं रह सकती।

मैं अपनी जवानी बरबाद नहीं करुँगी बल्कि और ज्यादा एन्जॉय करुँगी।जब मैं लण्ड हिलाती हूँ तो मज़ा इस भोसड़ी वाले बिलाल को भी आता है, चुपचाप आँख बंद करके मज़ा लेता है।मैंने सोचा कि मज़ा इसे आता है तो ये साला मुझे चोदेगा भी।

बेड पर पहुँचते ही मैंने देखा कि इस बार उसका लण्ड एकदम बाहर खड़ा हुआ टनटना रहा है।

मैंने लपक कर लण्ड पकड़ लिया और बड़े प्यार से उसे मुट्ठी में लेकर ऊपर नीचे करने लगी।तब तक मेरी शाल नीचे गिर गई और मैं पूरी नंगी हो गयी।

मैंने नंगी होने की कोई परवाह नहीं की।लण्ड हिलाते हुए मेरे मुंह से निकला- तेरा लण्ड तो बहुत बड़ा है बेटा बिलाल? तेरा लण्ड तेरे अब्बा के लण्ड से भी बड़ा है बेटा!

मेरी यह बात सुनकर उसके लण्ड में जबरदस्त तनाव आ गया जो मुझे महसूस हुआ।मैं समझ गई कि वह मज़ा ले रहा है।

मैं फिर बोली- बिलाल बड़ा मोटा, सेक्सी और हॉट लण्ड है तेरा! मैं तेरे लण्ड की दीवानी हो गयी हूँ।

ऐसा कह कर मैं उसके बगल में नंगी लेट गई।

मेरे लेटते ही उसने मुझे अपनी बाँहों में भर लिया और मैं भी उसके बदन से चिपक गयी।

लेकिन मेरे हाथ ने लण्ड नहीं छोड़ा।मैंने उसका हाथ पकड़ कर अपनी चूचियों पर रख दिया।

फिर क्या … वह मेरे बूब्स मसलने लगा।मैं मन ही मन बहुत खुश हुई।

उसने अपना मुंह मेरी दोनों चूची के बीच में घुसा दिया फिर धीरे से चूसने लगा मेरी दोनों निपल्स!मेरी ख़ुशी का ठिकाना न रहा।

दूसरा हाथ वह मेरे नंगे बदन पर फिराने लगा।उसका हाथ अपने आप मेरी चूत तक पहुँच गया.तब वह बोला- अम्मी, तुम बहुत खूबसूरत हो।

मेरी चूत में दो उंगली डाल कर बोला- तेरी चूत बड़ी टाइट है आरीना!उसके मुंह से अपना नाम सुनकर मैं और ज्यादा उत्तेजित हो गयी।

तो मैंने कहा- अब तुम मुझे अम्मी नहीं आरीना कहा करो. मैं भी तुझे बेटा नहीं बिलाल कहा करुँगी।

मैं उसका लण्ड मुँह में लेकर चूसना चाहती थी इसलिए मैंने अपना मुंह उसके लण्ड की तरफ कर लिया और अपनी चूत उसके मुंह की तरफ … यानि मैंने 69 का पोज़ बना लिया।

फिर क्या … मैंने मुंह फैलाया और गप्प से लण्ड का टोपा अंदर ले लिया और अपनी जबान अंदर ही अंदर टोपा के चारों तरफ घुमाने लगी।

वह साला सिसियाने लगा।

मगर उसने भी चालाकी दिखाई और अपनी जबान मेरी चूत के अंदर घुसेड़ दिया; जबान से ही मेरी चूत चोदने लगा।

मेरे मुंह से निकला- उफ़ हाय रे हाआआ हुंनंन … तूने ये सब कहाँ से सीखा बिलाल?वह बोला- सब पोर्न से सीखा है आरीना बेगम!

मैंने आधे से अधिक लण्ड मुंह में घुसेड़ लिया; गले तक जितना गया उतना अंदर ले लिया और मुंह से ही लण्ड का मज़ा लेने लगी।

उधर वह मेरी चूत चाटते चाटते मेरी गांड भी चाटने लगा।मैंने मन में कहा- बिलाल तो बहन चोद सब कुछ जानता है, बड़ा मज़ा दे रहा है।

अचानक वह मेरे मुंह में ही झड़ गया, बोला- सॉरी यार … तेरे मुंह में ही निकल गया।मैंने कहा- कोई बात नहीं … ऐसा पहली बार हो जाता है। देख न मेरी चूत ने भी पानी छोड़ दिया।

फिर हम लोग बाथरूम से नहा धोकर बाहर निकले और नंगे नंगे बेड पर लेट गए।

दस मिनट के बाद मैंने देखा कि उसका लण्ड साला फिर से खड़ा हो रहा है।इधर मेरे भी निप्पल तन गए और मेरी भी चूत कुलबुलाने लगी।मुझसे रहा न गया और मैंने हाथ बढाकर लण्ड पकड़ लिया और प्यार से हिलाने लगी।

उसने भी अपना हाथ मेरे बूब्स पर रखा और दबाने लगा।कुछ देर के बाद एकाएक वह मेरे ऊपर चढ़ बैठा, मेरी जांघें फैला दीं तो मेरी चूत उसके आगे पूरी खुल गयी।

उसने लण्ड उसी पर सेट किया, थोड़ा रगड़ा और फिर गच्च से पेल दिया अंदर!

मेरी तमन्ना पूरी हुई तो मुंह से निकला- उफ़ … हाय रे … यही तो मैं चाहती थी बिलाल! मैं बहुत दिनों से तेरा लौड़ा अपनी चूत में लेना चाहती थी. आज तूने मेरी इच्छा पूरी कर दी बेटा बिलाल!वह बोला- मैं सब जानता हूँ आरीना … अब मैं तेरी सारी इच्छाएं पूरी करूंगा. जो अब्बू नहीं कर सके वो सब मैं करूँगा। अब्बा की जगह मैं तुम्हें अपना लण्ड दूंगा और देता रहूँगा। तुझे जी भर के चोदूंगा। इतना चोदूंगा जितना अब्बा भी नहीं चोद पाते होंगे।

उसकी बातों ने मुझे निहाल कर दिया।मुझे अपने बेटे पर गर्व होने लगा।बेटे के लण्ड पर गर्व होने लगा।

इतने में उसने चोदने की स्पीड बढ़ा दी।घपाघप फचाफच चोदने लगा मुझे!

वह बार बार लण्ड पूरा बाहर निकालता और फिर अंदर पेल देता।उसका मोटा लण्ड बहनचोद चूत में चारों तरफ से चिपक कर घुस रहा था।

मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा।यह सच है कि इतना मज़ा तो इसके अब्बा ने भी कभी नहीं दिया मुझे चोदने में!

मैंने कहा- वाह बेटा वाह … फाड़ डाल मेरी चूत साली. इसे बहुत दिनों के बाद एक मोटा लण्ड मिला है। चीथड़े उड़ा दे बेटा इस बुर चोदी फुद्दी के! बहुत दिनों से ये ससुरी लण्ड लण्ड चिल्ला रही थी आज इसे मिला है एक मरदाना हक्कानी लण्ड तो इसकी माँ चुदी जा रही है।

मैं मस्ती में यही सब बके जा रही थी।तब तक उसे भी जोश आया तो बोला- आरीना, आज मैं फाड़ डालूंगा तेरा भोसड़ा। तेरे भोसड़ा को बना दूंगा रंडी का भोसड़ा … तेरी बहन का लण्ड!

मस्ती में मेरे भी मुंह से निकला- बिलाल, तेरी माँ की चूत साले तेरी बहन की बुर … आज मुझे खूब रंडी की तरह चोद! तेरा लण्ड बड़ा मज़ा दे रहा है। मुझे नहीं मालूम था कि तू मुझे इतना मज़ा देगा. नहीं तो मैं तुमसे बहुत पहले चुदवा लेती!वह बोला- तो अब मालूम हो गया न अब तो खूब धकापेल चुदवा ले मुझसे!

इसी तरह की गन्दी गन्दी बातों से उसका भी जोश बढ़ता गया और मेरा भी!

फिर उसने मुझे घोड़ी बनाकर पीछे से चोदा; पीछे से भी पूरा लौड़ा घुसेड़ने लगा।मुझे लगा कि कहीं मेरी गांड में न ठोक दे लण्ड … क्योंकि गांड तो मैंने अपनी शौहर को भी कभी नहीं दिया।

उसने चुदाई की रफ़्तार बढ़ा दी तो मैं भी अपनी गांड उठा उठा के पूरा लौड़ा लेने लगी।सच बताऊँ दोस्तो … मुझे उस समय शौहर की कमी बिल्कुल महसूस नहीं हो रही थी।

मैं मन ही मन अपने बेटे की रंडी बन चुकी थी; अपने बेटे की रखैल बन चुकी थी मैं!अपने बेटे की गर्ल फ्रेंड बन चुकी थी मैं!

मैंने कहा- हाय मेरे राजा मुझे खूब चोद, दिन रात चोद, पटक पटक के चोद … मैं हूँ ही चुदने के लिए। तेरे लण्ड की गुलाम हूँ मैं। तेरे लण्ड की पुजारिन हूँ मैं। तेरे लण्ड की दीवानी हूँ मैं!

मैं इतनी उत्तेजित हो गयी की मेरी चूत से रस टपकने लगा; मैं खलास हो चुकी थी।वह भी गचागच चोदते हुए खुद ही एकदम से झड़ गया।

मैंने घूम कर उसका झड़ता हुआ लण्ड चाटा।फिर मैं बाथ रूम में घुस गयी।पीछे से वह भी आ गया।उसने मेरी चूत और गांड धोयी।मैंने उसका लण्ड धोया।

रात को 8 बजे हम दोनों बाहर रेस्टोरेंट में खाना खाने चले गए।उसके बाद गाड़ी से ही शहर का पूरा चक्कर लगाया और फिर घर वापस लौट आये।

आने बाद हम दोनों अपने अपने बिस्तर पर पहुँच गए।

करीब एक घंटे के बाद वह मेरे बिस्तर पर आ गया, बोला- यार जब तक तुम मेरा लण्ड हिलाओगी नहीं तब तक मुझे नींद नहीं आएगी।यह सुनकर मुझे बड़ा अच्छा लगा।

सच बात तो यह है कि मैं भी उसका लण्ड सोने के पहले चूसना चाहती थी.फिर मैंने उसका पजामा खोल कर फेंक दिया और लण्ड पकड़ कर हिलाने लगी।

उसने भी मेरी मैक्सी उतार कर मुझे नंगी कर दिया, मेरे बूब्स मसलने लगा।

मैं गर्म हो गई।उसका भी लण्ड तन तनाया हुआ था।

वह बोला- अब तो मैं बिना तुम्हें चोदे सोऊंगा नहीं!मैंने भी कहा- मैं भी बिना तुझसे चुदवाये सोऊंगी नहीं।

फिर क्या … हम दोनों नंगे नंगे एक दूसरे से लिपट गए.मैंने लण्ड मुंह में लिया तो उसने चूची मुंह में ली।

इस समय मुझे बेटे का लण्ड चूसने में ज्यादा मज़ा आ रहा था।मुझे लगा कि लण्ड पहले से ज्यादा मोटा हो गया है।मैंने सोच लिया कि अब मैं बिना चुदे रह नहीं सकती।

मेरे मुंह से अपने आप निकला- यार बिलाल, अब पेल दे अपना ये हरामजादा लण्ड मेरी चूत में … चोद डाल मुझे! तेरा लण्ड मेरे दिल में पहले ही घुस चुका है अब इसे मेरी चूत में घुसा दे … फिर गांड में पेल दे।

पता नहीं क्यों … मैं उससे गांड मरवाने के लिए तैयार हो गयी।

उसने भी एक पल भी नहीं लगाया और मेरे ऊपर चढ़ कर लण्ड गच्च से पेल दिया मेरी चूत में!जैसे ही लण्ड पूरा घुसा … वैसे ही मुझे ज़न्नत का मज़ा आने लगा।

मैं दिल खोलकर एकदम एक मंजी हुई रंडी की तरह चुदवाने लगी.वैसे भी हर औरत अंदर से एक रंडी ही होती है।

बेटा भी बड़ी मस्ती और बेशर्मी से अपनी माँ चोदने लगा।मुझे चोदते हुए वह बोला- तू आरीना, मेरी प्रेमिका है, मेरी गर्ल फ्रेंड है. तेरी चूत पर मेरा पूरा हक़ है। मैं तुझे चुदाई का पूरा सुख दूंगा। तुझे चोद चोद कर संतुष्ट कर दूंगा। तू मेरे अलावा किसी और से चुदने की इच्छा भी नहीं करेगी, दिन रात चोदूंगा तुझे!

उसकी बातों ने मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजित कर दिया।मैं अपनी गांड उठा उठा के भकाभक चुदवाने लगी।

कुछ देर में उसने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे जाकर लण्ड सीधे मेरी गांड में ठोक दिया।

इतना मोटा लण्ड जब मेरी गांड में घुसा तो मेरे मुंह से चीख निकल पड़ी- उई माँ फट गई मेरी गांड … साले ने एक ही बार में पूरा पेल दिया लण्ड!उसके बाद जो मज़ा मुझे आया वह मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकती।

एक सच बात बताऊँ मुझे बेटे से चुदने का वो सुख मिलने लगा जो मुझे ज़िन्दगी में पहले कभी नहीं मिला।

अब आजकल हाल यह है कि वह मुझे रोज़ सवेरे एक बार चोदता है। रात में 2 बार चोदता है।

इसके अलावा कभी बावर्चीखाने में, कभी ड्राइंगरूम में, कभी गुसलखाने में और कभी वरांडे में भी चोदता है।मैं भी उसके लण्ड से खूब खेलती हूँ।कभी मुंह में, कभी चूत में, कभी गांड में और कभी चूची में लण्ड बार बार पेलवाती हूँ।अब तो मेरी सेक्स लाइफ में चार चाँद लग गये हैं।

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1 Comment

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sameer
Jan 15
Rated 5 out of 5 stars.

Maa bete ki mast chudai....

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