हैलो फ्रेंड्स, मैं अक्की एक बार फिर से अपनी रियल सेक्स स्टोरी लेकर आया हूं।
ये कहानी मेरी बड़ी मौसी की लड़की मोनिका और मेरी है।
जब मैं उसके बड़े भाई संजय की शादी में उसके घर गया हुआ तो मेरी नजर उस पर पड़ी।
वह दिखने में साउथ के एक्टर आशिका रघनाथ जैसी लग रही थी।
उसके सेक्सी बदन की साइज 32 – 26 – 32 थी।
उस समय मोनिका नीले रंग की सूट और नीचे लैगी पहनी थी, जो कि सफेद रंग की स्किन टाइट थी।
जिसके कारण चलते समय उसके दोनों कूल्हे मस्त मटक रहे थे।
टाइट लैगी में उसकी गांड बहुत मस्त लग रही थी।
वह चढ़ती हुई जवानी से मचल रही थी इसलिए उसे अपनी तरफ आकर्षित करने में ज्यादा समय नहीं लगा।
हम दोनों बातों बातों में बहुत कुछ कह देते, कभी कभी तो एक दूसरे का हाथ भी पकड़ लेते।
रात को जब वह अपने रूम में सोती तो आधी रात तक मुझसे फोन पर चैटिंग करती रहती।
मुझे यकीन हो गया था कि यह मुझ से चुद जाएगी।
बस मैं सही समय का इन्तजार करने लगा।
शादी वाले दिन हम दोनों एक ही बाइक से बारात गए।
उस दिन वह लाल कलर की लहंगा पहनी हुई थी।
घर से ही मेरी नियत बन गई थी कि आज किसी तरह उसकी जवानी को चखना है।
जयमाला के बाद हम दोनों ने खाना खाया.
थोड़ी देर इधर उधर घूमने के बाद मैं मोनिका से बोला- यार मोनिका! नींद आ रही है, हम लोग घर चलते हैं।
शायद उसे भी उस पल का इन्तजार था, उसने तुरंत हां कह दिया।
मोनिका अपने पापा को बोली- मैं जा रही अक्की के साथ घर!
उसके पापा ने इजाजत दे दी।
हम दोनों जल्दी से घर के तरफ निकल गए।
रास्ते में मैं यही सोच रहा था कि इससे कैसे बोली कि मैं तुम्हारी लेना चाहता हूँ।
मैं जानबूझ कर सुनसान रास्तों से घर के तरफ धीरे धीरे बढ़ने लगा।
थोड़ी दूर जाने के बाद मोनिका बोली- अक्की थोड़ा रुको, मुझे बहुत जोर से पेशाब लगी है।
मैंने एक सुनसान जगह देख कर गाड़ी रोक दी।
मोनिका गाड़ी से उतर के मेरी तरफ मुस्कुराते हुए देखती हुई खेत के अंदर चली गई।
मैंने मूड बना लिया कि अभी नहीं तो कभी नहीं।
मैं गाड़ी से उतर गया और खेत के बाहर मेढ़ पर जाकर खड़ा हो गया।
थोड़ी से बाद मोनिका सुसु करके जैसे ही वह खेत से बाहर आई, तो हिम्मत करके एकदम उसका हाथ पकड़ा और खेत के किनारे पेड़ के पास में खींच लिया।
पहले तो वह डर गयी, फिर मुझे देख के राहत की सांस लेते हुई मोनिका बोली- तुमने तो मुझे डरा ही दिया था, क्या हुआ तुम मेरे पीछे क्यूं आ गए?
मैं बोला- मुझे लगा कि तुम अकेली डर जाओगी इसलिए तुम्हारे पीछे आ गया।
मेरी बात सुनकर वह अपने नीचे के होंठों के एक तरफ को अपनी दांत के बीच दबाकर अपनी आईब्रो ऊपर करके बोली- अच्छा … लग तो नहीं रहा?
मेरे पास इसका कोई जवाब नहीं था।
एक बार फिर हिम्मत करके मैं थोड़ा उसके और नजदीक गया फिर उसके एक हाथ को पकड़ कर उसके कंधे के बाजू में अपना दूसरा हाथ रख दिया और गहरी सांस लेकर धीरे से बोला- मोनिका!
वह भी धीरे से कामुक आवाज़ में बोली- बोलो अक्की, क्या हुआ?
मैं बिना कुछ बोले उसकी आंखों को देखे जा रहा था और उसके हाथ पर अपनी पकड़ कसते हुए धीरे से एक किस कर दिया।
ये किस बस एक दो सेकंड का था।
मैंने किस करके झट से मुँह पीछे कर लिया।
वह देखती रह गयी लेकिन कुछ नहीं बोली।
फिर मैंने अपना एक हाथ उसकी कमर पर रख दिया।
इस बार वह थोड़ी चौंक गयी।
शायद पहली बार उसके शरीर पर किसी लड़के का स्पर्श हुआ था।
“हाय … उसकी मक्खन जैसी कमर!”
अब मैं और वह एक दूसरे को देख कर कामुक स्माइल कर रहे थे।
मैंने धीरे से अपना हाथ कमर से नीचे उसकी गांड के ऊपर ला दिया और उसकी गांड को सहलाने लगा।
वह बस चुपचाप मुझे देख रही थी।
मैं लगातार उसकी गांड सहलाए जा रहा था।
शायद उसे भी मजा आने लगा था।
उसकी आंखें जैसे नशीली हो गयी थीं।
मैं समझ गया कि वह गर्म तो हो गयी है।
मैंने जानबूझ कर अपना हाथ उसकी गांड से हटा दिया।
उत्तेजना में आकर वह मुझे अपने तरफ खींचती हुई, मेरे होंठों को अपने होंठों से पकड़ने की कोशिश करने लगी, पर पकड़ न सकी।
मैं मुस्कुराते हुए अपना एक हाथ उसके चेहरे पर फेरने लगा और उसके होंठों को ऐसे छेड़ते हुए उसे और तड़पाने लगा।
फिर मैं उसकी गर्दन पर धीमे धीमे सहलाने लगा।
जिससे उसकी सांसें इतनी तेज हो गई कि उसके मम्मे ऊपर नीचे होने लगे।
मैंने उसे पेड़ के सहारे टीका दिया और अपने दूसरे हाथ से उसकी गांड को छूते हुए उसकी जांघों पर आ गया फिर जांघों को उठा कर अपने कमर पर रख दीं।
उसके बाद अपने होठों अपने अपने होठ रख के फ्रेंच लिपलॉक करने लगा और वह भी जोर जोर से मेरे होंठ चूसने लगी।
“उम्म … उम्म… पुच पच उम्म … उम्म उफ्फ…” की मादक आवाजें आने लगीं।
हम दोनों ज़ोर ज़ोर से एक दूसरे के होंठ चूस रहे थे।
साथ में मैं उसकी जांघों को दबाते हुए उसकी गांड को भी दबाने लगा।
उसकी गांड का एक कूल्हा पूरा मेरे हाथ के पंजे में था, मेरी उंगलियां उसकी गांड की लकीर में धीरे धीरे घुस चुकी थीं।
गांड दबाते समय मेरी उंगलियां उसकी चूत को भी स्पर्श करके मोनिका को और उत्तेजित कर रही थीं जिसके कारण वह और हॉर्नी होती जा रही थी।
तभी वहां किसी के गाड़ी आने की आवाज आई।
हम दोनों फट से दूर होकर कपड़े ठीक करके अपने गाड़ी के पास आ गए।
अनजान जगह थी हम दोनों को डर भी लग रहा था।
मैंने गाड़ी चालू की, मोनिका मेरे कंधे को पकड़ते हुए गाड़ी पर बैठ गई।
बिना एक दूसरे से बोले हम लोग घर के तरफ आने लगे।
मैं मन ही मन सोच रहा था ‘काश, वहां उस वक्त कोई ना आया होता तो मजा आ गया होता।’
आग तो हम दोनों में लग चुकी थी लेकिन हम दोनों कुछ बोल नहीं पा रहे थे।
गांव के थोड़े करीब पहुंचे तो अचानक से मोनिका ने मेरे कमर में हाथ डाल कर मुझे कस के पकड़ लिया।
उसके दोनों गरम चूचे मेरे पीठ में सट गये।
वह मेरे कंधे पर अपना सर रखे हुई धीरे से बोली- बिना लड्डू खाए हुए घर जाना है क्या?
उसकी बात सुन कर मैं समझ गया कि ये आज मुझसे चुदना चाहती है लेकिन कह नहीं पा रही।
मैं- बिना लड्डू खाए घर जाने का इरादा तो नहीं है।
मोनिका- ऐसे?
मैं- मैं कुछ जुगाड करता हूं।
थोड़ी और आगे जाने के बाद एक पुलिया देख कर मैं गाड़ी खेत में उतारते हुए गाड़ी उस पुलिया के अन्दर घुसा दिया।
रात के 11 बज रहे थे, ठंडी ठंडी हवा चल रही थी।
गाड़ी से उतरते ही हम दोनों एक दूसरे पर टूट पड़े।
एक बार फिर मैंने उसके कमर को पकड़ के उसके होठों को चूमते हुए दीवार से टिका दिया और दीवानों की तरह एक दूसरे को चूमने लगे।
मैं कभी गर्दन, कभी होंठ चूमता, तो कभी उसके मम्मों को दबाता जा रहा था।
उसके दोनों हाथ मेरे सिर को पकड़े हुए थे, और वह लगातार आहें भर रही थी- आह … उम्म … उफ़्फ़.. आह्ह्ह्ह!
मैं उसकी ब्रा के अन्दर हाथ डाल कर उसके चूचों को ऊपर से मसलने लगा।
मेरी हाथ का मखमली अहसास पाकर वह तो बस कामुक सिसकारियां लेने लगी।
उसकी आवाजें मुझे और भी ज्यादा मदांध कर रही थीं- ओह … बेबी … उम्म उफ़्फ़!
थोड़ी देर बाद मैंने उसे उलटा दीवार पर टिका दिया और उसकी पीठ पर किस करने लगा।
साथ ही मैं अपना लंड उसकी भरी हुई गांड पर मसलने लगा।
वह भी अपनी गांड मेरे लंड पर दबाकर गांड हिलाने लगी।
मैं- अहह … मोनिका क्या मस्त गांड हिला रही हो … उफ़्फ़ मजा आ गया, ऐसे ही हिलाती रहो।
फिर उसके गर्दन को चूमते हुए मैंने उसकी ब्रा का हुक खोल कर उसे अलग कर दिया और उसकी नंगी चिकनी पीठ पर जीभ से चाटने लगा।
मोनिका की ‘अहह … अहह … उफ़्फ़ बेबी … अहह …’ की मदहोश कर देने वाली सिसकारियां, मेरे अन्दर जोश भर रही थी।
उसके बाद मैंने उसे झट से अपनी और पलटाया और उसके दूध के ऊपर से लटकी हुई ब्रा को खींच कर अलग कर दिया।
अब उसके मम्मे मेरे नंगे हो गए।
उसकी तेज सांसें दोनों मम्मों को ऊपर नीचे झुला रही थीं।
‘उफ़्फ़ दूध जैसी सफेद, मुलायम … और उसके ऊपर सख्त निप्पल ओहहो …’ मुझे पागल कर रहे थे।
धीरे धीरे मैं उसके लहंगा के ऊपर से उसकी गांड को दबाते हुए लहंगे को उसकी गांड तक उठा दिया।
मैं अपने एक हाथ से उसकी गांड दबाए जा रहा था तो दूसरे हाथ से उसकी चूत को पैंटी के ऊपर से सहला रहा था।
उसकी पैंटी पूरी गीली हो चुकी थी।
मोनिका- अहह … अहह … मैं … उफ़्फ़ तुम्हारे हाथ मुझे मार डालेंगे … ओह्ह बेबी … ओह्ह माई गॉड …इस्स… आह… पैंटी निकाल के करो बेबी.
मैंने उसकी पैंटी उतार दी और उसे नंगी कर दिया।
मैं उसकी नंगी गांड को सहलाते हुए बोला- वॉव … मस्त चिकनी मोटी गांड है मोनिका!
मैं उसके कूल्हों के ऊपर प्यार से हाथ फेरता हुआ, उसके गुंदाज कूल्हों पर चांटे मारने लगा ‘चट चट …’
मोनिका- अहह … ओह्ह … शिट बेबी … मेरी गांड!
मैं और ज़ोर से चांटे मारते हुए बोला- कैसा लग रहा है मेरी जान?
वह अपने कूल्हे हिलाती हुई- उफ़्फ़ बेबी मजा आ रहा है … कॉम ऑन स्लैप मी!
थोड़ी देर बाद मैं नीचे बैठ के उसके एक पैर को अपने कंधो पर रख दिया और उसकी चूत चाटने लगा।
उसके मुँह से ‘म-मम … उम्म …’ की आवाजें आ रही थीं।
मोनिका – हाए … मेरी चू…त…अहह…अक्की… अच्छे से चूसो … अहह … ज़ोर से आह!
मैं चूसते चूसते उसकी चुत में उंगली करने लगा.
उसमें पहले एक, फिर दो उंगलियां पेल दीं।
चूत के दाने को दो उंगलियों से छेड़ने लगा और छेद में जीभ चलाने लगा.
Xxx ओरल विद सिस्टर के करीब पाँच मिनट के बाद वह ज़ोर से सिसकारियां भरती हुई मेरे मुँह में ही झड़ गई- अहह अहह अहहह!
वह कटे पेड़ सी वहीं दीवाल पर ढीली होकर चिपक गयी।
अब उसकी बारी थी।
मुझे दीवाल में चिपका के मेरे होठों और गर्दनों को चूमती हुई वह अपना एक हाथ मेरी जींस के ऊपर रख के मेरे लन्ड को मसलने लगी।
मैं- अहह बेबी कॉम ऑन.
मोनिका मेरे पूरे बदन को चूमते हुई नीचे बैठ गई और जींस के उपर से ही मेरे लन्ड को चूमने लगी।
मैं समझ गया कि यह मेरा लन्ड चाटना चाहती है।
उसकी इस हरकतों से लग रहा था कि इसे सेक्स का पूरा अनुभव है।
मेरे पूरे रोंगटे खड़े होने लगे, बदन में अजीब सी सिहरन हो रही थी।
मोनिका ने मेरी बेल्ट को खोल दिया फिर अपने दांतों से पकड़ के मेरी चैन खोलने लगी।
चररर्र… चररर्…
मेरी चड्डी पूरी कस गई थी और मेरा लंड मस्त तना हुआ था।
जैसे ही मोनिका ने चैन खोल के मेरा जींस नीचे सरकाया, वैसे भी मेरे लन्ड साप की तरह फन फनता हुए बाहर निकाल गया।
वह लंड को चड्डी के ऊपर से ही सहलाने लगी।
मैं बोला- मोनिका मेरी जान … आह मुझसे रहा नहीं जा रहा, जल्दी से अपने मुंह में लेलो … उम्म … उफ़्फ़!
उसने मेरी चड्डी को सरका के मेरे लन्ड को आजाद कर दिया।
और मेरे लन्ड को बड़े ध्यान से देखते हुए बोली- ओह माई गॉड … इतना मोटा और लम्बा!
शायद उसने पहली बार किसी मर्द का इतना मोटा और लम्बा लंड देखा था।
मेरे लंड के टोपे से पानी आ रहा था।
पहले तो मेरे लन्ड को अपनी मुट्ठी में भर के अपनी थोड़ी सी जीभ निकाल के मेरे टोपे को चाटी।
मैं- अहह अहह … बेबी, मुंह के अंदर लो ना!
मेरी बात सुन के उसने मेरे लंड के अखरोट को एक हाथ में लेकर दूसरे हाथ से मेरा लंड पकड़ कर मुँह में ले लिया।
मैंने जोश में आकर अपना लंड पूरे उसके गले तक घुसेड़ दिया और अन्दर बाहर करने लगा।
मोनिका के मुंह से ‘गों… गों …’ की आवाज आने लगी।
मैंने उसके बाल पकड़े और मेरा लंड उसके में दबाने लगा।
मोनिका के मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं- अहह … अहह।
मेरी तेजी बढ़ गई और करीब पाँच मिनट लंड चटवाने के बाद मैं उसके मुँह के अन्दर झड़ गया।
वीर्य के तीन चार झटके मेरे लंड ने उसके मुँह के अन्दर मारे और पूरा वीर्य उसके अन्दर चला गया।
खड़ी हो कर उसने अपने मुंह को अच्छे से साफ किया और मुझसे लिपट गई।
थोड़ी ही देर के फिर एक बार हम लोग चूमाचाटी करने लगे।
कोई 15 मिनट की चूमाचाटी के बाद मेरा लवड़ा फुल जोश में पूरा तन गया।
वह मेरा लंड पकड़ कर बोली- बेबी, ये तो फिर से खड़ा हो गया, उफ़्फ़ मस्त लग रहा है.
मैं बोला- मोनिका, अब वह तुम्हें चोदना चाहता हूँ।
पहले तो वह शर्मा गई, फिर मुस्कुराते हुए मेरी तरफ देख के बोली- हां मेरी जान, मैं भी तुम्हारा लंड लेना चाहती हूं लेकिन, प्लीज़ आराम से करना, मेरा पहली बार है।
उसकी बात सुन कर मैं आश्चर्य होते हुए बोला- चल झूठी! लंड तो ऐसे चूस रही थी कि पहले पता नहीं कितनों का चूसा है।
मोनिका मुझे गले लगाते हुई बोली- मेरी जान इंटरनेट का जमाना है. और वैसे भी अभी थोड़ी ही देर में जान जाओगे।
मैं उसके थोड़े मजे लेते हुए बोला- क्या तुम्हें पता है कि जिनका पहली बार होता है, उन्हें बहुत दर्द होता है?
मोनिका- मुझे सब पता है लेकिन मजे लेने हैं तो दर्द भी सहना होगा। और अभी मैं सब दर्द सहने के लिए तैयार हूं।
मोनिका मेरे सामने सिर्फ लहंगे में थी।
उसकी पैंटी ब्रा और चोली गाड़ी के ऊपर पड़ी हुई थी।
हम दोनों एक दूसरे को हवस भरी नजरों से देख थे।
मोनिका मेरी तरफ देखते हुई अपनी चुन्नी नीचे बिछा के उस पर लेटती हुई बोली- प्लीज़ … अब जल्दी से करो।
मैंने अपने सारे कपड़े निकाल के गाड़ी पर टांग दिये और उसकी उसकी टांगों को फैला के उनके बीच में आ गया।
पहले तो उसके चूचों को दबाते हुए किस किया, फिर टांगों के बीच में आकर उसकी चूत को चाट कर गीला करने लगा।
मोनिका- हाय मेरी चूत, तुम्हारी जीभ अहह … उफ़्फ़ निकालो … प्लीज़ अब लंड घुसाओ!
मैं अपने लंड पर थूक लगाता हुआ बोला- तो ठीक है अब तैयार हो जाओ चुदने के लिए … आज चोद चोद के बुर से भोसड़ा बना दूंगा।
मोनिका शर्माती हुई- हां बेबी, देखती हूँ कितना दम है!
मैंने उसका दोनों पैर उठा के अपने कंधों पर रख लिया और उसकी चूत की दरार में अपने लंड को रगड़ते हुए बोला- बेबी डाल दूँ?
मोनिका अपने हाथ से मेरा लंड पकड़ते हुई बोली- अक्की! आज भैया से सैंया बनने जा रहे हो. अपनी मौसेरी बहन को छीनाल बीवी समझ कर कोई रहम मत करना।
मैंने उसके दोनों चूचों पर हाथ रखते हुए एक तेज झटका मारा.
मेरा लंड का टोपा उसकी चूत चीरता हुआ अन्दर चला गया।
वह सन्न हो गयी और चिल्ला दी- अहह … मर गई … आह … फट गई मे…री चू…त, निकालो इसे बाहर … जल्दी प्लीज द…र्द हो रहा है।
उसकी बात को अनसुना करते हुए मैंने जोश में एक और तेज झटका दे मारा और लंड पूरा अन्दर घुस गया।
वह मेरे झटके से तिलमिला उठी और मेरा लंड पूरा खून खून हो गया।
मोनिका रोती हुई- आह … आई हेट यू … ऊऊ … अहह … उफ़्फ़ निकालो इसे!
मगर मैंने उसकी एक न सुनी और धीरे धीरे धक्के देते हुए उसके ऊपर चढ़कर मोनिका को किस करने लगा और उसके दूध दबाने लगा।
एक मिनट बाद उसका दर्द कम हुआ।
मैं भी अब उसे चोदने लगा और पेलते हुए बोला- बेबी, कैसा लग रहा है?
मोनिका अपनी गांड उचकाती हुई- अहहह … बहुत मजा आ रहा है … अहह… ह…ह ह उफ़्फ़ बाबू यस … कॉम ऑन बेबी!
“हाय रे … मेरी बहन की गांड … गरम फुद्दी!”
थोड़ी देर बाद मोनिका बोली- मुझे तुम्हारे ऊपर चढ़ना है।
मैं उसके ऊपर से उतर गया और बाइक की सीट कर दोनों टांगें फैला कर बैठ गया।
वह मेरी तरफ चेहरा करके दोनों पैर दोनों बाइक के साइड करके खड़ी हो गयी, फिर मेरा लंड पकड़ कर धीरे धीरे अपनी चूत के छेद में डाल कर बैठने लगी।
मैं उसके गांड के दोनों हिस्सों को सहलते हुए बोला- ओह मोनिका, तुम बहुत मस्त हो यार … अहह…तुम्हारी गांड दूध सब मस्त हैं।
मोनिका- अच्छा जी, ऐसा है क्या?
बोलते हुई अपनी गांड को ऊपर नीचे करने लगी।
उसके दूध मेरे सामने उछल रहे थे.
मैं उन्हें पकड़ कर कभी दबाता, तो कभी निप्पल चूसता- अहह मोनिका, कम ऑन बेबी!
मोनिका- यस यस बेबी … अहह अहह… उफ़्फ़ उफ़्फ़ आइ एम कमिंग!
मोनिका ने मेरे चेहरे को दोनों हाथ से पकड़ कर अपने मम्मों के बीच करके हग कर लिया और तेजी से उछल उछल के चुदते हुए बोलने लगी- बेबी, मैं आ रही हूँ, आई एम कमिंग ओह्ह अहह!
वह झड़ गयी और मुझे गले से लगा कर पस्त हो गयी।
उसकी पीठ को सहलाते हुए मैं बोला- अभी मेरा बाकी है मेरी जान मोनिका. प्लीज़ घोड़ी बन जाओ!
उसकी चूत गीली थी और जलन भी दे रही थी।
फिर भी वह फट से गाड़ी से उतर कर मेरे सामने अपनी गांड उठा कर झुक गयी।
मैं उसके पीछे आकर अपना लंड उसकी चूत के छेद में घुसाने लगा।
उसके झड़ने के कारण मेरा लंड आराम से अन्दर चला गया।
लंड चूत में सैट करने के बाद मैंने दोनों हाथों से उसकी कमर पकड़ ली और उसे बुलेट ट्रेन की स्पीड से पेलने लगा।
मुझे और जोश में लाने के लिए वह आवाजें निकालने लगी- ओह्ह … अहह और ज़ोर से … और जोर से कम ऑन बेबी … कम इनसाइड मी … अहह उफ़्फ़ उम्मम अहह!
मैं तेज तेज चोदने के साथ उसकी गांड पर चट चट चांटे मारते हुए बोलने लगा- ले कुतिया ले और ले … आह.”
मैं बहुत तेज धक्के मारने लगा और उसकी हालत खराब होती जा रही थी.
वह दर्द से कराहती हुई बोलने लगी- अहह … उफ़्फ़ बेबी रहम करो मेरी चूत पर! आह थोड़ा धीरे करो … ये तुम्हारी ही है अहह मां मार डाला रे … उफ़्फ़ बेबी प्लीज!
पर मैं अपने चरम पर था तो कहां थमने वाला था।
मैं जोश में बोला- रुक साली … आज तेरी चूत फाड़ डालूँगा अहह!
मोनिका- अहह … अहह आराम से ना बाबू … उफ़्फ़ मर गयी!
मैं उसकी गांड उठा उठाकर चोद रहा था.
फिर दो चार तेज झटके मार कर मैं उसकी चूत के अन्दर ही गर्म गर्म माल निकाल कर झड़ गया.
मैं हांफता हुआ बोला- आह … आई लव यू बेबी।
मोनिका हफाते हुए- आई लव यू टू!
हम लोग वहीं जमीन पर लेट कर पांच मिनट तक आराम किए।
मोनिका मेरे बालों को सहलाती हुई बोली- बाबू! अब हमें घर चलना चाहिए।
मैं लालची नजरो से उसकी गांड को सहालते हुए बोला- चूत की सील तो मुझसे तुड़वा ली. लेकिन इसका क्या??
मेरे हाथ को अपने गांड से हटाती हुई बोली- साले … मेरी चूत फाड़ने के बाद अब तुम्हारी नजर मेरी गांड पर है?
मैं- अब तुम्हारी गांड ही इतनी खूबसूरत है तो बिना मारे कैसे छोड़ दूंगा।
एक टांग मेरे ऊपर रख के अपने होठों के काटते हुई बोली- उफ्फ… यार तुम बड़े जालिम हो! अगर मौसी के लड़के न होते तो तुम से शादी कर लेती. फिर हर रोज अपनी गांड मरवाती तुम से!
मैं- मतलब बिना शादी के गांड नहीं मरवाओगी?
मोनिका- तुम बिना मारे छोड़ दोगे क्या?
मैं- नहीं!
मोनिका मेरे होठों को चूमती हुई बोली- गांड तो मरवाने का मेरा भी मन है, लेकिन मेरी चूत में बहुत जलन हो रही है। हिम्मत नहीं हो रही।
मैं- तो ठीक है! किसी और दिन करेंगे?
मोनिका- शायद किसी और दिन ऐसा मौका न मिले, आज ही सब होगा। अभी रात का एक बज रहा है, अपने पास सुबह तक का समय है.
मैं- कैसे? तुम्हें तो दर्द हो रहा न?
मोनिका- दर्द तो हो रहा है लेकिन तुम सच में मेरी गांड मारना चाहते हो तो मेरे साथ जबरदस्ती करना पड़ेगा।
मैं उसकी बात सुन कर हैरानी से उसकी तरफ देखते हुए बोला- तुम्हें बहुत दर्द हो और जोर जोर से रोने लगोगी. कोई तुम्हारी आवाज सुन के यहां आ गया तो फिर मुसीबत हो जायेगी।
मोनिका- मैं यह थोड़ी ना कह रही कि तुम मुझे यहीं चोदो! तुम चाहो तो हम दोनों गाड़ी यहीं खड़ी करके, यह से दूर खेत में जाकर मजे लें।
मुझे उसका आइडिया अच्छा लगा, मैं मान गया।
हम दोनों जल्दी जल्दी कपड़े पहने लगे।
मोनिका कपड़े पहनते हुई बोली- मेरी एक शर्त है।
मैं- तुम्हारी गांड के लिए तो हर शर्त मंजूर है।
मोनिका- तुम मुझे बेरहमों की तरह मारते और गाली देते हुए जबरदस्ती चोदोगे, थोड़ा भी रहम नहीं दिखाओगे।
उसकी बात सुन कर मैं- साली, तू बहुत बड़ी छीनाल निकली। हॉट ऐस ब्रुटल सेक्स करेगी मेरे साथ!
मोनिका- मैंने पोर्न वीडियो में देखा है, ऐसा सेक्स करने में दर्द तो होता है लेकिन मजा बहुत आता है।
उसकी बात सुन के मैं बोला- मेरी जान, आज तो मैं तुम्हारी ऐसी चुदाई करूंगा कि पूरी लाइफ इस रात को भूल नहीं पाओगी।
वह मुस्कुराने लगी।
उसके बाद हम दोनों सड़क से करीब एक किलोमीटर खेत के अंदर एक बरगद के पेड़ के नीचे चले गए।
दूर दूर तक सुनसान था, हम लोगों की आवाज सुनने वाला कोई नहीं था।
पेड़ के नीचे खड़े हो कर मोनिका अपने कपड़े सही करते हुई बोली- अब हम दोनों एक दूसरे के लिए अनजान हैं। अब तुम अपनी पूरी हैवानियत के साथ जो करना है, करो।
मैंने उसकी बात सुनकर उसकी गर्दन में हाथ डालते हुए उसके बालों को कस के पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचते हुए मोनिका के गाल पर दो चांटे खींच के मारे “चटाक … चट!
उसकी आंखों में आंसू आ गए- अह्ह्ह्ह्ह … मम्मी!
मैं- साली … छीनाल मादरचोद … रण्डी की औलाद। आज तेरी गांड फाड़ दूंगा।
मोनिका मुझसे खुद को छुड़ाने लगी।
मैं एक हाथ से उसके गालों को दोनों साइड से दबाते हुए उसके मुंह में अपना जीभ घुसा कर चूसने लगा।
मोनिका झटपटाती हुई मुझसे खुद को छुड़ा के अलग होती हुई गाली देने लगी- साले … मादर चोद … कुत्ते!
मैंने एक बार फिर उसके बालों को पकड़ा और बेरहमी से मारते हुए जमीन पर धम्म… करके पटक दिया।
वह खुद को संभाल पाती, उससे पहले मैंने उसके सीने पर बैठते हुए अपने दोनों घुटनों के नीचे उसके दोनों हाथ दबा लिए।
और उसके मुंह पर जोर जोर से ‘चट चट’ करके चांटे मारने लगा।
दर्द से मोनिका रोने और गिड़गिड़ाने लगी- प्लीज़ … छोड़ दो मुझे … अह्ह्ह्ह!
मैंने अपनी पैन्ट को खोल कर अपना लंड एक ही झटके में पूरा उसके मुंह के अन्दर घुसा दिया।
मोनिका की आंखें लाल हो गई और सांस रुक गई।
वह तिलमिला के छटपटाने लगी।
मैं उसके मुंह में लंड डाले सीधा उसके ऊपर लेट गया और घपा घप उसके मुंह में चुदाई करने लगा।
मोनिका- गु … गु … सर्र … सर… उम्म्म… उह्ह्ह… पच… पच!
उसकी सांस रुक गई थी और मुंह से लार निकल के उसके चेहरे हो भीगा रहे थे।
दो मिनट तक ऐसे चोदने के बाद मैंने उसके मुंह लंड निकाल कर उसके ऊपर से उतर गया।
मोनिका खांसते हुए रोने लगी।
रोते हुई वह उठी और अपने कपड़े को सही करके रोड की तरफ दौड़ती हुई भागने लगी।
मैंने भी जल्दी से अपने पैंट को बंद किया और दौड़ के उसको पकड़ लिया।
फिर उसके बाल को पकड़ के मारते हुए वहीं नीचे खेत के मेढ़ पर पटक दिया।
मैं- साली रण्डी, आज कहाँ जायेगी मुझ से बच के?
वह रोते हुए मेरे पैर पकड़ कर बोली- प्लीज़ छोड़ दो मुझे, नहीं मर जाऊंगी।
मैं उसके गले से दुप्पटा निकालते हुए- ऐसे कैसी मरेगी मादर चोद?
उसके दुप्पटे से मैंने मोनिका के दोनों पैर बांध दिये।
उसके बाद उसकी कमर मेढ़ पर टिका के उसका आधा शरीर खेत के अंदर धकेल दिया।
जिससे मोनिका के सर और पैर दोनों खेत में नीचे की तरफ और उसकी गांड मेढ़ पर ऊपर की तरफ उठ गई।
मैंने अपने कमर से बेल्ट निकाला के उसके गांड पर दो तीन बेल्ट खींच के मारे जिससे मोनिका जोर जोर से चिल्ला चिल्ला के रोने लगी ‘हाइईई … मम्मी… उन्मम्म… अह्ह्ह्ह्ह!
फिर मैंने उसके लहंगे को ऊपर करते हुए उसकी पैंटी को नीचे की घुटनों तक सरका दिया।
उफ्फ … उसकी कोमल गोरी गांड पर बेल्ट का लाला निशान!
उसकी गांड देख के मुझसे रहा नहीं गया।
मैं तुरंत घुटनों के बल बैठ के दोनों हाथ से उनकी गांड को फ़ैला के अपनी जीभ उसकी चूत से गांड तक चलाने लगा।
मोनिका के तो पूरे रोंगटे खड़े हो गए।
एक बार फिर वह सिहर गई और उसके मुंह से कामुक आवाजें निकलने लगी- इस्स्स … उम्म्म्ह!
मैंने उसकी गांड को चाट कर अच्छे से गीला किया।
फिर उसके सामने आकर उसके बालों को पकड़ के सर को उठाते हुए बोला- अब जल्दी अपने थूक से लंड गीला कर!
पहले तो उसने कुछ नहीं किया, फिर मैंने उसके गर्दन को दबाते हुए दो चांटे मारे तो उसने रोती हुई अपना मुंह खोल दिया, लंड को चाटा, फिर थूक कर गीला कर दिया।
फिर मैं उसकी गांड के तरफ आ कर उसकी गांड के छेद पर अपने थूक से गीला किया और अपना लंड सेट करके एक जोर का झटका मारा.
मोनिका- अह्ह्ह ह!
मेरा लन्ड बाहर फिसल गया।
मैं गुस्से में उसकी गांड पर एक जोर से चांटा मारते हुए बोला- साली रण्डी, अपने हाथों से गांड फैला!
मोनिका ने अपना सर जमीन पर टिका के दोनों हाथों से अपनी गांड फ़ैला दी।
फिर देर न करते हुए मैंने अपने लंड को उसकी गांड पर रख दिया और उसकी कमर को पकड़ कर एक जोर का झटका दे मारा जिससे मेरा आधा लंड उसकी गांड में चला गया।
मोनिका की दर्द से चीख निकल गई- मम्ममी … मर… गई… अह्ह्ह्ह!
मेरा लंड उसकी गांड को चीरता हुआ अन्दर जाने लगा।
वह ‘ऊई ईईई ऊईई ई आहह हह’ करके चिल्लाने लगी।
तभी मैंने जोर से धक्का लगाया और पूरा लंड अंदर चला गया.
मोनिका दर्द से- ऊईई ईईई ईईई ऊईई ईईई … मर गई … बचाओ बचाओ!
वह दर्द से गाली देने लगी- आह्ह्ह … साले कुत्ते, बाहर निकाल अपने लंड को … आंह … मेरी गांड फट गई … आंह दर्द हो रहा है … लंड बाहर निकाल मादरचोद फट गई मेरी गांड।
उसकी बात को अनसुना करते हुए मैंने एक झटका और मारा और उसकी गांड में अपना पूरा लंड उतार दिया।
मोनिका की गांड से खून निकलने लगा।
वह दर्द से चिल्लाई जा रही थी- उह्ह्ह् साले निकाल इसको … आहह मर गई मैं … लंड निकाल भोसड़ी के बाहर आंह.. निकाल आह के कमीने!
वह जोर जोर से रोने लगी।
मैं बिना रुके पट पट करके उसकी गांड चोदने लगा।
हॉट ऐस ब्रुटल सेक्स करती हुई मोनिका ‘आईई … ऊई … उफ् … मर गई … मर गई …’ करके सिसकारियां लेने लगीं।
मुझे उसकी टाइट गांड मारने में बहुत मजा आ रहा था।
थोड़ी ही डर में मोनिका कामुक आवाज में बोलने लगीं- आह्ह उन्हह चोद साले … चोद मुझे … जोर से चोद … फाड़ दे मेरी गांड … चोद भोसड़ी के … बहुत मस्त लंड है तेरा … आज मेरी गांड को फाड़ दे।
मैंने अपने झटकों की स्पीड बढ़ा दी।
वह अपनी गांड को हिलाने लगीं- अहह … उहह चोद … आह्ह चोद … फाड़ दे मेरी गांड! और जोर से चोद आह … उहह… उह … मर गई! आहह ऊईई … मार जोर से झटके मार … आह आआ फाड़ और फाड़!
मेरी जांघें उसके चूतड़ों से टकराने लगी जिससे वहाँ पर पट-पट की आवाज होने लगी।
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा और कुछ पल में एक अह्ह्ह के साथ मैंने अपना पूरा माल मोनिका के गांड में छोड़ दिया।
मोनिका की आंखें लाल हो गई थी और वह जोर जोर से हाम्फ रही थी, साथ में उसकी आंखों से आंसू निकल रहे थे।
वह उठी और उसने दुप्पटे से अपनी गांड को साफ किया।
थोड़ी देर हम लोगों ने आराम किया।
फिर मोनिका बोली- अक्की, अब हम लोग घर चलते हैं. मेरी हिम्मत खत्म हो गई है, अब मैं और कुछ नहीं करने दे सकती।
मैं- ठीक है! रुको पहले मैं पेशाब कर लेता हूं, फिर चलते हैं.
इतना बोल के मैंने मोनिका से थोड़ी दूर हट के जैसे ही अपने पैंट की चैन खोली, मोनिका ने तुरन्त सामने आकर मेरे लंड को पकड़ लिया।
मैं- क्या हुआ मोनिका?
मोनिका घुटनो के बल बैठ के पैंट से मेरे मुरझाए हुए लंड को बाहर निकालते हुई बोली- मुझे प्यास लगी है और मैं तुम्हारे लंड का पानी पीना चाहती हूं।
मैं- छी…
मोनिका- साले जब मेरी गांड चाट रहा था, तब छी … नहीं बोला। अब ज्यादे नौटंकी मत कर, जल्दी से मूत!
उसकी बात सुन कर मैं मूतने लगा।
और मोनिका मेरे लंड को अपने मुंह में लेकर मेरा पूरा मूत गटागट पी गई।
फिर मेरी बहन ने मेरे लंड को अच्छे से चाट के साफ किया और बोली- अब चलो।
हम दोनों गाड़ी के तरफ आने लगे।
मोनिका दर्द की वजह से ठीक से चल नहीं पा रही थी तो मैं उसे कुछ दूर तक गोद में उठा के लाया।
बाइक के पास आने के बाद हम दोनों ने अपने आप को अच्छे से साफ किया, फिर बाइक लेकर बात करते हुए अपने घर आ गए।
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