अपने छोटे भाई की पत्नी की घपाघप चुदाई - Hindi Sex Stories
- Kamvasna
- Nov 12
- 13 min read
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम अजय हैं । मेरी उम्र 38 साल हैं । मैं ग्रेटर नोएडा का रहने वाला हूँ। मेरे परिवार में मेरी पत्नी, दो बच्चे, मेरी माँ, मेरा छोटा भाई और उस की पत्नी रहते हैं । मेरी माँ कि उम्र थोड़ी ज्यादा हैं तो वो अक्सर बीमार रहती हैं । मेरे छोटे भाई की शादी को दो साल हो गये हैं पर वो मुंबई मैं एक कंपनी मैं काम करता हैं तो वो अकेला वही रहता हैं।उसकी पत्नी यहाँ हमारे साथ ही रहती हैं।
मैं अपने बारे मैं थोड़ा बता देता हूँ आप सब लोगो को । मेरा अपना जिम हैं और इसके अलावा प्रॉपर्टी का काम भी हैं। मेरी बॉडी बहुत ही अच्छी हैं जिसे देख कर लड़कियाँ तो अलग औरते भी इम्प्रेस हो जाती हैं । मैं दिन में दो बार जिम करता हूँ और ऊपर से देसी ख़ान पान हैं तो आप समझ सकते हो कि मैं एक दम से हट्टा-कट्टा हूँ । मेरी पत्नी से मेरे रिलेशन भी अच्छे हैं ।
अब मैं बताता हूँ अपनी छोटे भाई कि पत्नी अंशिका कि बारे मे। अंशिका बहुत ही सुंदर हैं । भरा हुआ बदन , मोटी और बड़ी गाँड़ , चूचो का साइज भी कोई 36 होगा । कुल मिला कर ऐसी औरत हैं कि उसे देख कर हर कोई चुदाई के सपने देखने लगे । लेकिन क्योकि वो मेरे छोटे भाई कि पत्नी हैं तो मेरे मन में उसके लिये वो ख़याल कभी नहीं आया । लेकिन एक दिन ऐसा आया कि वो ख़याल भी आया और उसकी चूत भी मारी मैंने ।
एक टाइम कि बात हैं मेरी पत्नी के ताऊ की लंबी बीमारी के कारण मौत हो गई तो हम पूरा परिवार वहाँ चले गये । घर पर बस मेरी मम्मी और अंशिका रुके। क्योकि मम्मी जा नहीं सकती थी तो अंशिका वही रुक गई और मैं अपनी वाइफ और बच्चो को ले कर ससुराल चला गया। अगले दिन क्रियाक्रम कर मैंने घर वापस आने का फ़ैसला लिया क्योकि जिम को बंद नहीं रख सकता था और घर पर भी बहुत काम थे।
मैंने वाइफ से पूँछा तो उसने बोला कि वो वही रुकेगी और तेरवी कि बाद ही वापस आएगी। तो उस दिन शाम तक मैं घर वापस आ गया । वापस आने पर भी सब नार्मल ही था । अंशिका ने खाना बनाया और मैंने नहा कर खाना खाया और फिर सोने चला गया। अगले दिन भी नार्मल ही निकला । लेकिन रात को कुछ ऐसा हुआ कि मेरी लाइफ ही बदल गई।
अंशिका ने रोज़ कि तरह मेरी मम्मी को आठ बजे खाना दिया और नौ बजे तक सुला दिया । उसके बाद मैंने भी खाना खाया और सोने चल गया। पर मुझे रात को नींद नहीं आ रही थी तो मैं मोबाइल चलाने लगा । रात के क़रीब दस बजे मैं टॉयलेट के लिया उठा तो देखा कि गेस्ट रूम मैं लैंप जल रहा हैं तो मुझे लगा कि कोई जला कर भूल गया । मैं टॉयलेट के बाद रूम में लाइट बंद करने जाना लगा। जैसे ही रूम के पास पहुँचा तो मुझे किसी की सिसकारियों कि आवाज़ आयी । एक बार तो मैं सोच मैं पड़ गया कि कौन हैं इस रूम में । क्योकि अंशिका तो अपने रूम मैं सो रही हैं और मम्मी अपने रूम मैं । मुझे लगा कोई चोर तो नहीं घुस गया घर मे। मैं धीरे से कमरे के गेट पर गया तो गेट बंद नहीं था । मैंने हल्के से खोल कर अंदर झांक कर देखा तो मेरे होश उड़ गये क्योकि अंदर कोई और नहीं अंशिका थी।
वो जो कर रही थी वो मैंने शायद कभी सोचा नहीं था । अंशिका अपनी चूत मैं उँगली डाल रही थी। उसने अपना ब्लाउज खोला हुआ था और ब्रा में से एक चूचा बाहर निकला हुआ था। उसने अपनी साड़ी उतार रखी थी और पेटीकोट को ऊपर करके कच्छी भी पूरी उतार रखी थी और टांग चौड़ी कर के चूत में उँगली अंदर बाहर कर रही थी । यह देख कर मेरे अंदर एक अजीब सा करंट दोड़ गया। अंशिका कि चूची एक दम बड़ी और मोटी थी और उस पर निप्पल अलग से नज़र आ रहा था ।
पूरा बदन भरा हुआ था। जाँग भी बहुत मोटी थी और उन मोटी जांगो के बीच छिपी हुए चूत लैंप कि रोशिनी में सही से दिख नहीं रही थी। लेकिन अंशिका की सिसरकारियो और उँगली करने के तरीक़े से साफ़ पता चल रहा था की वो बहुत ही प्यासी हैं। दृश्य ऐसा था कि मेरा लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया। और ना जाने कब एक दम से मेरा हाथ दरवाज़े पर लगा और वो पूरा खुल गया । दरवाज़े के खुलने कि वजह से अंशिका ने मुझे देख लिया और एक दम से पास पड़ी साड़ी से ख़ुद को ढक लिया । मैं शर्मसार हो गया और अपने कमरे में वापस आ गया। उस रात मुझे सही से नींद नहीं आयी। मन में ख़याल चल रहे थे कि शायद मैंने ग़लत कर दिया । दूसरा ख़याल आ रहा था कि छोटे भाई के यहाँ ना होने की वजह से बहू की प्यास नहीं बूझ पा रही हैं । और एक ख़याल और कि काश मैं उस चूत को सही से शांत कर पाऊँ।
ना जाने ऐसा सोचते हुए कब मुझे नींद आ गई और मैं सो गया। सुबह जब आँख खुली तो पाँच बज गये थे । मैं उठा और फ्रेश हो कर जिम चला गया। मैं जिम में पूरा दिन रहा फिर जब नास्ता करने घर आया तो देखा कि अंशिका सूट में किचन में काम कर रही हैं। उसकी उभरी हुई गाँड़ और मोटे चूचे अलग नज़र आ रहे हैं । कल रात से पहले मैंने कभी उसे ऐसी नज़र से नहीं देखा था। लेकिन कल रात के बाद से सब बदल गया था। हम दोनों एक दूसरे से नज़र नहीं मिला पा रहे थे। उसने मुझे नास्ता दिया और मैं वो करके वापस काम पर आ गया। पूरा दिन ऐसे ही निकल गया। रात को भी खाना खाने के बाद मैं अपने रूम में था और हमेशा की तरह अंशिका ने मम्मी को सुला दिया था। रात के क़रीब दस बजे होंगे कि मेरे रूम के दरवाज़े पर दस्तक हुई। मैंने जैसे दरवाज़ा खोला तो सामने अंशिका खड़ी हुई थी। उसे देख मैं हैरान रह गया। और एक तरफ़ मुँह कर के बोला - क्या कुछ काम था तुम्हें
अंशिका - जेठ जी आप से कुछ बात करनी थी अगर आप के पास टाइम हो तो ।
मैं - हाँ । अंदर आ जाओ । बैठ के बात करते हैं
मैंने दरवाज़े को हल्का सा बंद कर दिया। अंशिका मेरे रूम में पड़े सोफ़े पर बैठ गई और मैं उसके सामने पड़े सोफ़े पर बैठ गया।
मैं - बोलो क्या बात करनी हैं ।
अंशिका ने नज़र नीचे करते हुए बोला - कल रात जो हुआ उसके बारे मैं
मैं समझ नहीं पा रहा था की यह क्या हो रहा हैं और क्या जवाब दु इस बात का। लेकिन जवाब तो देना ही था।
मैं - कहो क्या बात करनी हैं।
अंशिका - जो भी कल रात आप ने देखा, मैं बताना चाहती हूँ कि मैं ऐसी लड़की नहीं हूँ। वो बस कल रात मेरे से कंट्रोल नहीं हुआ तो मुझे ऐसा करना पड़ा। मेरी गलती यह हैं कि मुझे अपने रूम में यह सब करना चाहिए था पर मुझे लगा कि सब सो रहे हैं तो मैं वहाँ गेस्ट रूम में चली गई।
मैं - नहीं इसमें तुम्हारी कोई गलती नहीं हैं। अभी तुम्हारी शादी को कुछ ही साल हुए हैं। और तुम छोटे के साथ सही से टाइम नहीं बिता पायी। मैं तुम्हारी हालत समझ सकता हूँ। यह कोई गलती नहीं यह तो सब कि ज़रूरत हैं। और पूरा घर तुम्हारा भी हैं तो तुम कोई भी कमरा इस्तेमाल कर सकती हो ।
अंशिका - पर मैं कल से अपने आप से नज़र नहीं मिला पा रही हूँ। ऐसा लग रहा हैं ग़लत हो गया।
मैं - कुछ ग़लत नहीं हैं। शरीर की प्यास मिटाने कि लिए कुछ भी ग़लत नहीं हैं। जो तुम कर रही थी मैंने उसे ग़लत नहीं मानता पर हाँ मुझे दुख हुआ कि तुम्हें अपनी ज़रूरत ऐसे पूरी करनी पड़ रही हैं।
अंशिका - आप सही बोल रहे हैं मैं सही से अपनी शादीशुदा ज़िंदगी का मज़ा नहीं ले पा रही हूँ । मैं अक्सर रोज़ ऐसा करती हूँ पर उस दिन माँ को सुलाने के बाद मेरा मन बहुत हो रहा था तो गेस्ट रूम में ही करने लगी । पर आप को कैसे पता चला कि मैं वहाँ गेस्ट रूम मैं हूँ ।
मैं - वो मुझे रूम कि लाइट जली दिखी तो मैं वहाँ आ गया । वैसे क्या मैं एक बात पूँछ सकता हूँ ।
अंशिका - जी जेठ जी बोलिए ।
मैं - तुम ने कभी छोटे से इस बारे में बात क्यों नहीं करी कि तुम्हें उसकी ज़रूरत हैं।
अंशिका - जी वो बहुत बार बोला हैं पर वो कम में इतना व्यस्त हैं कि टाइम नहीं मिलता पर हाँ कभी कभी वो रात में वीडियो कॉल कर मेरी मदद कर देते हैं ।
मैं - कैसे मदद
मेरे इसे जवाब से अंशिका शर्मा गई । हल्की सी मुस्कान उसके चेहरे पर आ गई । मुझे लग रहा था कि शायद उसे अब यह सब बात करने में बहुत मज़ा आ रहा हैं । वो शर्मारते हुए बोली ।
अंशिका - जी वो उँगली करने में।
हम दोनों हल्की आवाज़ मैं हँस पड़े ।
मैं - पर यार ऐसे वीडियो कॉल पर उँगली से करने में क्या ही मज़ा आता होगा । जो मज़ा असली में करने में हैं वो इन सब चीज़ो में कहाँ।
अंशिका - जी बिलकुल सही कहा आप ने। वो मज़ा उँगली से करने मैं बिलकुल नहीं हैं। पर हाँ हर औरत हमारी जेठानी की तरह खुशनसीब भी नहीं होती कि उन्हें आप जैसा सुलझा हुआ पति मिले ।
मैं - सच बताओ तो मैं भी उतना खुशनसीब नहीं हूँ ।
अंशिका - ऐसा क्यों पर।
मैं - वो बहुत ज़्यादा मज़ा नहीं लेती अब सेक्स मैं। जब से बच्चे हुए हैं उस कि सेक्स की इच्छा ख़त्म ही हो गई । मेरा बहुत मन करता हैं कि मैं रोज़ सेक्स करूँ पर क्या बताऊ तुम्हें मन मार कर रहना पड़ता हैं ।
अंशिका - लगता है हम दोनों एक नाव में सवार हैं जेठ जी।
अंशिका ने यह बहुत बड़ी बोल दी थी ।शायद मुझे सिग्नल दे दिया कि हम दोनों कि बीच हो सकता हैं । मैंने भी इस बात के बाद खुल कि बोल दिया - की हाँ सही कहा तुम्हारी चूत शांत नहीं होती और मेरा लंड ।
मेरे यह बोलने पर अंशिका ने ऊपर देखा और हम दोनों की पहली बार उस टाइम पर नज़र मिली । शायद उसकी नज़र कुछ कहना चाहती थी । पर मैंने बोला की - अगर तुम चाहो तो मैं तुम्हारी चूत शांत कर सकता हूँ। इससे हम दोनों खुश रहेंगे और बात घर में भी रहेगी ।
अंशिका ने कुछ बोला नहीं पर उसके चेहरे की चमक साफ़ बोल रही थी की वो राज़ी हैं । मैं उठा और उसके पास गया। उसे सोफ़े से उठाया और अपने बाँहो में भर लिया । उसने भी मुझे अपनी बाँहो में जकड़ लिया। उसके लिये मेरा हट्टा कट्टा शरीर जकड़ पाना मुश्किल हो रहा था तो मैंने उसे पास पड़े बेड पर धक्का दे दिया और दरवाज़ा पूरा बंद कर बेड पर लेट उसके होंठों को चूस ने लगा । वो भी लगातार मेरे होंठों को चूस रही थी । हम दोनों एक दूसरे के मुँह में मुँह डाल के चूसने लगे । मुझे बहुत मज़ा आ रहा था इसे तरह से ।
थोड़ी देर में मैंने उसे के चूचो पर हाथ ले जा के दबाना स्टार्ट कर दिया और फिर मैंने उसकी साड़ी निकल के फ़ेक दी । अब वो पेटीकोट और ब्लाउज में पड़ी थी । मैंने देरी ना करते हुए उसके ब्लाउज के हुक खोल के ब्लाउज उतार कर फेंक दिया । उसने पिंक कॉलर कि ब्रा पहनी हुई थी और उसमें से उस के बड़े बड़े चूचे बाहर फट के आने को तैयार हो रहे थे । उसे के चुचे देख के मुझे से रहा नहीं गया और मैंने उसके चुचो के बीच मैं अपना मुँह दे दिया । अंशिका की सिसकारियाँ निकल गई । मैंने अपना एक हाथ उसके पेटीकोट के ऊपर से चूत पर रख दिया । मेरे ऐसा करने से वो पागल हो गई और मुझे अपनी तरफ़ खींच के होंठों को चूस ने लगी। क़रीब दो मिनट उसके होंठ चूस ने के बाद , मैं उठा और उस का पेटीकोट उतार के फ़ेक दिया । मैंने देखा कि उसकी कच्छी बिल्कुल गीली हो गई हैं । मैंने पहले उस कि ब्रा को खोल के फ़ेक दिया और बेतहाशा उसके चुचो को अपने मुँह में भर के चूस ने लगा। वो भी पागल हो गई एक दम से और बोलने लगी कि जेठ जी मुझे चोद दो अब रहा नहीं जाता मेरे से।
मैं उठा और अपना टीशर्ट और लोअर उतार कर फ़ेक दिया। अब बस में अंडरवियर में खड़ा था । मेरा हट्टा कट्टा बदन देख उसकी सिसकारियाँ निकल गई और वो झट से घुटनों के बल बैठ गई। उसने मेरा अंडरवियर नीचे किया और आज़ाद कर दिया मेरे आठ इंच मोटे लंड को । मेरा मोटा लंड देख उसकी आँख में चमक आ गई और दोनों हाथों से पकड़ उसे आगे पीछे करने लगी । मैंने लंड को उसके होंठों के पास किया और वो अपनी जीभ बाहर निकल के उस का सूपाड़ा चाटने लगी। बहुत मज़ा आ रहा था दोस्तों क़सम से । फिर धीरे धीरे उसने मेरा लंड चूसना चालू किया। साली पूरा अंदर तक कब में ले गई पता नहीं चला ।
बहुत आनंद महसूस हो रहा था। मैं 6 फुट लंबा हट्टा कट्टा मर्द पूरा नंगा खड़ा हूँ अपने आठ इंच के लंड के साथ और नीचे घुटनों के बल बैठी हैं भरे हुए बदन की मेरे छोटे भाई की पत्नी जिसने सिर्फ़ कच्छी पहनी हैं और वो भी चूत के पानी से गीली हो गई हैं । नीचे बैठे कि वो पूरा लोड़ा मुँह में लेकर चूस रही हैं। मैंने भी पूरा लंड उस के मुँह में देकर आगे पीछे करने लगा। मेरे लंड पर उसका थूक लग चुका था और वो मज़े से लंड चुसाई का मज़ा ले रही थी। ऐसा कम से कम दस - पंद्रह मिनट तक चलता रहा । फिर मैंने उसे नीचे से उठाया और उसे कि होंठों को चूसना चालू कर दिया और दोनों हाथों से उसकी चूचियाँ दबानी शुरू कर दी। उसके बाद मैंने उसे बेड पर लिटाया और उतार दी उसकी कच्छी । वाह क्या चूत थी साली की एक दम फूली हुई और बिना बाल कि । लग रहा था जैसे चुदने का प्लान कर के आयी हो। मैंने उसकी कच्छी को उतार के सूंघा ।
वाह ! वो गन्ध भी मुझे तब किसी इत्र से कम नहीं लग रही थी । मैंने उसकी कच्छी को सूंघने कि बाद अलग फ़ेक दिया और अपने हाथ से उसकी चूत सहलाने लगा। ऐसी चूत कि देखते ही मुँह में पानी आ जाए । मैंने उसकी चूत को हाथ से सहलाया और अपना मुँह उसकी चूत पर लगा दिया । जैसे ही मेरा मुँह उसकी चूत से मिला उसकी सिसकारी निकल गई और उसने मेरा सिर पकड़ कर अपनी चूत में घुसा दिया । मैं भी मस्ती से उसकी चुत को चाट ने लगा । मैं कभी उसकी चुत में पूरा मुंह डाल देता तो कभी जीभ से उसे सहलाता । अंशिका मेरे चूत चाट ने के स्टाइल से पागल हो रही थी और जोर जोर से सिसकारिया भर रही थी ।
मैं उठा और लेट गया बिस्तर पर और उसे अपने मुंह पर बैठा लिया । पहले वो मेरे मुंह पर अपनी चूत रगड़ ने लगी और फिर मेरे मुंह पर बैठ कि चूत को चटवाने लगी । चूत चाटते चाटते मैंने उसकी गांड के छेद को सहलाया और धीरे से एक उँगली उसकी गांड के छेद में डाल दी जिससे उसके मुंह से दर्द भरी आवाज़ निकली । उसे क़रीब दस मिनट अपने मुँह पर बैठने के बाद हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए । वो मस्त तरीक़े से मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी चूत चाट रहा था । मैंने धीरे धीरे अपनी जीभ उसकी चूत से हटा के उसके गांड के छेद पर रख दी और चाट ने लगा । ऐसा करीब दस मिनट और चला फिर मैं उठा और उठने के बाद उसकी टाँगे अपने कन्धों पर रखी और पेल दिया लंड उसकी चूत में । जैसे ही मेरा मोटा लंड उसकी चूत में आधा गया तो वो एक दम से चिल्ला पड़ी
अंशिका - आह मार गई , बहुत दर्द हो रहा हैं , निकाल लो इसे , मैं मर जाऊँगी , बर्दास्त नहीं हो रहा , प्लीज़ निकाल लो
उसके दर्द से मुझे आनंद आ रहा था । मैं दो मिनट रुका और अपना पूरा लंड एक झटके में उस
की पूरी चूत में अंदर उतार दिया । उसके बाद वो बेहोश सी हो गई । आँखे हल्की बंद होने लगी और आँखों से आँसू निकल आए । मैं लंड अंदर डाले ही पड़ा रहा । क़सम से चूत में लंड बिल्कुल फँस गया था । हम क़रीब ऐसे ही दो तीन मिनट तक रहे और उसके बाद मैंने धीरे धीरे अपने लंड को हल्का सा बाहर किया और फिर अंदर किया ताकि जगह बन जाये ।
मैं धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था और अंशिका दर्द से छटपटा रही थी । लेकिन धीरे धीरे जैसे दर्द बंद हुआ वो मज़े में सिसकारिया लेने लगी। मैं भी धीरे धीरे अपनी स्पीड बड़ा रहा था । अंशिका को भी धीरे धीरे मजा आ रहा था और वो भी अपनी सिसकारियों की आवाज़ कों तेज़ करने लगी । जब क़रीब ऐसे ही पाँच मिनट हो गए तो मैंने लंड बाहर निकाल के फिर से अंदर डाला तो सारिका ने दर्द नहीं आनंद महसूस किया । मैं समझ चुका था की अब समय हैं असली चुदाई का । मैंने फिर उसी पोजीशन में तेज तेज धक्के मारने चालू कर दिया ।
सारिका - आह , चोदो और चोदो । आह फाड़ दो मेरी चूत को जेठ जी । अह्ह चूत का भोसड़ा बना दो मेरी । बहुत प्यासी हैं मेरी छूत । मेरे राजा आह और तेज
मैं - हाँ रानी आज तुझे ऐसा मजा दूँगा की कभी भूल नहीं पाएगी । भर दूँगा तेरी चूत को अपने लंड के पानी से । चोद चोद के तेरा बुरा हाल कर दूँगा ।
मैं अपनी मोटी गांड को तेज तेज हिला कर उसकी चूत को चोदने लगा ।
उसके बाद लंड बाहर निकाला और नीचे बैठ कर उसकी चूत को चाटने लगा , बिल्कुल गीली हो चुकी थी उसकी चूत और मजा भी बहुत आ रहा था ।
उसके बाद उसे घोड़ी बनाया। और पेल दिया लंड उसकी बूर में । फिर से और तेज तेज धक्के से चोदने लगा उसे । उसकी मोटी गांड आगे पीछे होने लगी । करीब दस मिनट ऐसे चोदने के बाद मैंने लंड निकाला और कपड़े से साफ़ किया और पेल दिया उसके मुंह में । करीब पाँच मिनट चोदने के बाद नीचे लेट गया और वो आ कर मेरे लंड पर बैठ गई ।
और फिर ज़ोर जोड़ से उछाल कर चुदने लगी । मैं उसके चूचे दबाने लगा । क़सम से ऐसा मज़ा आज तक नहीं आया।
अब टाइम था झाड़ने का तो मुझे लगा पहले मैं झड़ जाता हूँ उसके मुंह मैं क्योकि अगर वो झाड़ जाती तो मेरा झड़ने में साथ नहीं देती । जैसा अक्सर सब लेडी करती हैं । मैंने उसे नीचे बैठाया और चुसाने लगा अपना लंड । करीब पाँच मिनट बाद मेरे लंड से पिचकारी छूटी और मैंने अपना पूरा माल उसके मुंह पर और चुचो पर झाड़ दिया । उसके बाद उसे लिटाया और जीभ डाल दी उसकी चूत में । एक उँगली से उसकी चूत को मसल रहा था तभी अचानक से उसका शरीर अकड़ ने लगा और वो मेरे मुंह में ही झड़ गई । मैं उस का सारा माल पी गया ।
फिर हम ऐसे ही एक दूसरे को गले लगा कर सो गए । हमने उस रात दो बार और चुदाई करी। सुबह साड़े चार बजे मैंने बोला कि अब तुम जाओ क्योकि माँ के उठने का टाइम हो गया था । उसके चेहरे पर बहुत ख़ुशी थी वो सच में आज अपने जीवन जी कर जा रही थी ।
तो दोस्तों कैसे लगी मेरी Hindi Sex Stories । अपना प्यार प्यार और राय मुझे जरूर भेजे । मेरी ईमेल आईडी हैं
