क्लास वाली नेहा को पटा कर चोदा - Antarvasna Sex Stories
- हरजीत
- Sep 17
- 15 min read
दोस्त मेरा नाम हैरी है।
मेरी ये कहानी थोड़ा पहले की है जब मैंने अपनी BCA पूरी की और फिर एक कोर्स करने के लिए मोहाली चला गया। वह पर मेरी दोस्तों नेहा से हो गयी जो मेरी तरह ट्रेनिंग लेने आई हुई थी।
अपने बारे में और लिखू तो मेरी उम्र 25 कद पांच फ़ीट दस इंच रंग सांवला और शरीर से अच्छा खासा तगड़ा क्योकि दस से भी ज्यादा साल से में हर रोज़ जिम कर रहा हु और सेक्स पावर की बात करू तो नौ इंच लम्बा लन्ड जिससे मैंने अब तक सौ से भी ज्यादा लड़किया भाभियाँ और अपनी रिश्तेदारी में औरतो और लड़कियों की चुदाई की है। एक बार शुरू होने पर आराम से चार घंटे बिन रुके चुदाई कर सकता हु।
नेहा के बारे मैं लिखू तो उसका रंग गोरा, कद कोई पांच फ़ीट छह इंच, भरा हुआ शरीर, गोल सा चेहरा, बड़ी बड़ी आँखें, मोटे मोटे होठ और उसके फिगर के बारे में कहु तो उसके 34 इंच के मम्मे 25 इंच की कमर और 34 इंच की गांड। देखने में बेहद खूबसूरत।
बात ऐसे शुरू हुई की मेरी पढाई पूरी हो गयी पर नौकरी कही मिल नहीं रही थी तो मुझे कुछ मेरे दोस्तों ने कहा की मोहाली जाकर कोई कोर्स कर लू और उससे नौकरी मिलने के चान्सेस हैं। मैंने अपने घर पर बात की और मोहाली चला गया। कोर्स कोई 6 महीने का था तो मुझे वही पर रहना था। एडमिशन करवा कर मेरा कोर्स शुरू हुआ और कुछ दिनों में क्लास में काफी बच्चे हो गए और मेरे काफी लड़के लड़कियों से दोस्ती हो गयी । ऐसे ही बातें करते करते नेहा से मेरी थोड़ी जान पहचान हो गयी क्योकि मैं पढाई में तेज़ था तो कुछ बच्चे मेरे से पूछ लेते थे।
हमारा ग्रुप बन था जिसमें हम तीन लड़के और पांच लड़कियां थी और उसमें से एक नेहा थी । मुझे नेहा बहुत आकर्षक लगती थी क्योकि उसका फिगर और खूबसूरती किसी का भी मन मोह ले और वो हमेशा जीन्स टीशर्ट या जीन्स टॉप ही पहनती।
हम सभी एक साथ बैठते पढ़ते। नेहा के पास लैपटॉप नहीं था पर मेरे पास था तो नेहा मेरे साथ बैठ कर पढ़ती। एक बार ऐसा हुआ की लैपटॉप उसने अपनी गोद में रखा हुआ था और मैं उसे लैपटॉप उठाने लगा तो मेरा हाथ उसकी ब्रैस्ट पर लगा और लगा भी जोर से तो नेहा मेरी और देख मुस्कुराने लगी। एक दिन इस तरह से हम क्लास में थे और नेहा और में साथ में बैठे बातें कर रहे थे।
हमारा टीचर उस दिन पढ़ने के मूड में नहीं था तो वो अपने काम करने लगा और हम अपनी बातें कर रहे थे। नेहा मेरे लैपटॉप को अपनी गोद में रख कर कोई काम कर रही थी तो मैं जब उसके गलत काम को लैपटॉप पर ठीक करता तो मेरा हाथ उसकी मोटे मम्मे पर लग जाता । ऐसा दस से पंद्रह बार हुआ।
मैंने उसे पूछा की यहाँ पास में जो झील है वो देखने चले तो नेहा मान गयी।
हम दोनों अपने सेंटर से बहार निकले और झील तक के लिए कैब की और वह पर घुमते फिरते रहे और वह से देर शाम को हम वापिस अपने रूम की और जा रहे थे तो दूर काफी लाइट्स जलती हुई दिखी । मैंने कैब वाले से पूछा तो उसने कहा की यहाँ मेला लगा हुआ है तो मैंने नेहा से मेले में जाने का पूछा तो वो मान गयी । मैं अपने कमरे में जाने की बजाये मेले में चला गया और नेहा भी साथ में आ गयी । वह पर चकड़ोल में बैठने पर नेहा जैसे डरने लगी पर मैंने उसे मन लिया था ।
पहले तो नेहा बैठी रही पर चकड़ोल जैसे ही तेज़ हुआ तो वो जैसे घबरा गयी और मेरे से लिपट गयी । उसने कस कर मुझे अपने से चिपका लिया था और मेरा हाथ कस कर उसके मम्मे पर लगा हुआ था। मैंने अपने हाथ को खोला और उसके मम्मे पर हाथ रख दिया। चकड़ोल कोई दो मिनट तक घूमता रहा और नेहा मेरे से लिपटी रही।
पर जैसे ही चकड़ोल धीमा हुआ और रुकने लगा तो नेहा ने मुझे छोड़ा और मेरी और देख मुस्कुराने लगी पर मेरा हाथ उसके मम्मे पर अभी भी था तो मैंने अपना हाथ पीछे किया और उससे निकल कर मैंने नेहा से पूछा, की उस किश्ती में बैठना है तो वो हसने लगी। मैंने किश्ती की टिकट ली और किश्ती में शुरू में तो नेहा आराम से बैठी रही पर जैसे ही किश्ती तेज़ हुई तो उसने कस कर फिर से मेरे हाथो को पकड़ लिया और मैंने अपने हाथ उसकी छाती से लगा दिए और फिर एक हाथ से मम्मा कस कर पकड़ लिया और दूसरे हाथ को नेहा ने अपने हाथ में लेकर वो मेरे से लिपटी हुई थी ।
किश्ती से उतर हम वही घुमते रहे और फिर नेहा को उसके रूम पर छोड़ में अपने रूम में आ गया। अभी सिर्फ एक हफ्ते हुआ था मुझे मोहाली में आये हुए। अगले दिन फिर से में सेंटर गया तो नेहा वही थी और वो मेरे पास आकर बैठ गयी और मेरे लैपटॉप पर काम करने लगी। मेरी नज़र उसके मोटे मोटे मम्मे पर थी और उसका ध्यान लैपटॉप पर था।
नेहा ने कहा हैरी हम कल कही बहार घूमने चले तो मैंने कहा ठीक है। खैर देर रात तक बातें करने के बाद हम सो गए और अगले दिन नेहा मिलने आई तो मैंने देखा की उसने शार्ट स्कर्ट पहन रखी है। जो गले से शुरू होकर चूत से कोई आधा फ़ीट नीचे थी और गोरी गोरी खूबसूरत टाँगे और पाव में हाई हील। हम दोनों एक मॉल में गए और वहाँ पर भूतिया महल था जिसमें कुछ डरावनी आवाज़ें और कुछ नकली के भूत बनाये होते हैं।
मैं पहले भी भूत बांग्ला में गया था पर नेहा नहीं गयी थी तो मैंने नेहा से कहा तो वो मान गयी पर उसे में बताया नहीं की अंदर क्या होगा । मैंने नेहा को आगे कर दिया और मैं उसके पीछे हो गया और हम अंदर दाखिल हुए। तभी एक दम से गुप् अँधेरा हो गया और इतना की कुछ नहीं दिख रहा था । मैंने नेहा को उसके कंधो से पकड़ा हुआ था और तभी एक दम से किसी लड़की के जैसे चीखने की आवाज़ आई तो नेहा भी चिल्ला उठी और वो वही रुक गयी और मैं उसे आगे बढ़ाने लगा और फिर एक तरफ से जैसे कोई भूत जैसे डमी उड़ती हुई आई और हमारे पास से गुजरी तो नेहा जैसे डर सी गयी। मैंने एक हाथ को नेहा के कंधे से आगे कर उसके एक मम्मे पर रख उसे हाथ में पकड़ लिया ।
नेहा का मम्मा मेरे हाथ से बड़ा था और हाथ में पूरा नहीं आ रहा था। मैं उसे आगे आगे चलता रहा और उसका एक मम्मा मेरे एक हाथ में दूसरा हाथ उसके कंधे पर था। कोई पांच मिंट तक हम अंदर रहे और फिर बहार आ गए। मैंने कहा तुम डर गयी तो नेहा मेरी और देखकर मुस्कुराने लगी।
नेहा हसने लगी। मैंने कहा वैसे तुम्हारे मम्मे बहुत मोटे मोटे हैं।
नेहा ने कहा मम्मे मतलब।
मैंने कहा ये जो मेरे हाथ में हैं। उस समय मेरा हाथ नेहा की स्कर्ट के ऊपर से उसके के मम्मे पर था।
नेहा बोली यार हमेशा से ही ऐसे हैं । मुझे क्लास की लड़किया भी कहती हैं की मेरी ब्रैस्ट बहुत बड़ी है।
मैंने कहा बड़ी भी हैं और खूबसूरत भी हैं । देखने में बहुत खूबसूरत लगते हैं तुम्हारे मम्मे।
मैंने नेहा के कंधे पर दूसरा हाथ रख उससे नेहा का दूसरा मम्मा भी पकड़ लिया और उसे दबाया तो नेहा को जैसे करंट लगा तो फिर मैंने नेहा की स्कर्ट के ऊपर से उसके दोनों मम्मे पुरे अपने हाथ में पकड़ लिए और धीरे धीरे से दबाने लगा और कहा यार कितने मस्त हैं दबाने में। नेहा मेरी और जैसे नशीली नज़रो से देख रही थी। फिर मैंने जोर जोर से मम्मे दबाने शुरू किया और नेहा आह आह करने लगे ।
मैंने कहा ऊपर से मज़ा आ रहा है अंदर से कितना आएगा। नेहा ने कहा अंदर से मतलब?
मैंने कहा बिना स्कर्ट के अगर दबाउ तो बहोत मज़ा आएगा ।
नेहा नशीली नज़रों से मेरी और देख रही थी और मैं उसके दोनों मम्मे उसकी स्कर्ट के ऊपर से ही दबाये जा रहा था और इधर मेरा नौ इंच लम्बा लन्ड कड़क हो चूका था और जीन्स को ऊपर को उठता हुआ दिखने लगा। मैं इसी तरह से लग रहा और नेहा आँखे बंद करके बैठी हुई थी। कोई आधा घंटा मैं नेहा के मम्मे दबाता रहा और फिर हाथ पीछे कर लिए ।
नेहा बोली क्या हुआ रुक गए।
मैंने कहा अच्छा फिर करता रहु क्या।
नेहा मुस्कुराई तो मैंने फिर से उसी तरह से नेहा के मम्मे दबाने शुरू किये। घंटो तक में इसी तरह से लगा रहा और कभी उसके मम्मे मसलता तो कभी जोर जोर से दबाता तो कभी उसकी टांगो पर हाथ फेरने लगता। मेरा लन्ड कड़क हुआ पड़ा था और नेहा को मज़ा आ रहा था और उसने अपनी आँखे बंद क्र राखी थी तो मैंने उसका हाथ पकड़ अपनी जीन्स पर खड़े लन्ड के ऊपर रख दिया और फिर से उसके मम्मे दबाने लगा। जोर जोर से मम्मे दबाने के कारन मेरा हाथ दुखने लगा पर नेहा ने एक बार भी मुझे बस नहीं कहा। उसने जीन्स के ऊपर से मेरा लन्ड पकड़ रख था और कुछ देर बाद मैंने अपने हाथ पीछे कर लिया और नेहा ने कहा क्या हुआ हैरी मैंने कहा हाथ दुखने लगे।
नेहा ने देखा की उसका हाथ मेरे खड़े लन्ड के ऊपर हैं तो वो बोली ये क्या उठा हुआ है।
मैंने कहा तुमने मेरी जीन्स के ऊपर हाथ फिराया तो ये इसे हो गया।
नेहा ने कहा अंदर क्या है इसके ये कोई मीनार जैसा है।
मैंने कहा खुद देखलो फिर।
नेहा हसने लगी और बोली बताओ न ।
मैंने कहा लन्ड है मेरा। तुमने इस परहाथ फिराया तो ये खड़ा हो गया।
नेहा ने कहा लन्ड आपका। वो क्या होता हैं
मैंने कहा तभी तो कह रहा हु की खुद देखलो तो पता भी चले की लंड क्या होता है।
नेहा हसने लगी और कुछ नहीं बोली।
हम दोनों बातें करते रहे और शाम को अपने रूम में जाने के बाद गपशप करते करते मैंने नेहा से कहा तुम बहुत खूबसूरत हो बहुत ज्यादा खूबसूरत। तुम्हारे पुरे बदन को मैं चूमना चाहता हु इसे पी जाना चाहता हु।
मैंने कहा यहाँ पास में एक होटल है कल वह चले हम।
नेहा बोली हैरी वह किस लिए।
मैंने कहा आपको प्रेम करना है अपनी बाहो में लेके। मम्मे दबाने हैं की कोई डर न हो किसी के देखने का ।
नेहा बोली ठीक है चलो।
खैर अगले दिन सुबह नेहा मुझे रस्ते मई मिली और उसे ले मैं थोड़ी दूर एक होटल में ले गया। एक पुरे दिन के लिए कमरा किराये पर लिया और अंदर जाकर नेहा को गले से लगा लिया ।
नेहा भी कस कर मेरे लिपटी हुई थी और बोली आई लव यू हैरी।
नेहा इतनी गर्म हो गयी की मेरे से लिपटने लगी। नेहा ने जीन्स टीशर्ट पहन रख थी तो मैंने टीशर्ट को ऊपर करते करते ब्रा के ऊपर तक ले गया और पीछे से ब्रा के हुक खोल दिए और दोनों पहाड़ जैसे मम्मे मेरे सामने नंगे खड़े थे। गोर राग के मम्मे और काले रंग के निप्पल्स तो मैंने अपने हाथो में मम्मे पकड़ जोर जोर से दबाने शुरू किये और उन्हें मसलने लगा तो नेहा सेक्स से तड़पने लगी। थोड़ी देर बाद मैंने नेहा की जीन्स उतर नीचे कर दी और उसकी पेंटी भी उतर दी और मैंने अपने कपडे उतरे और पूरा नंगा हो गया। नेहा मेरी और देख मुस्कुरा रही थी और उसका ध्यान मेरे नौ इंच लम्बे लन्ड पर गया जो किसी मीनार की तरह सीधा ऊपर को तना हुआ था।
नेहा ने कहा हैरी ये क्या है।
मैंने कहा लन्ड जिसपर तुम कल हाथ फेर रही थी पार्क में।
नेहा ने कहा वो ये था। कितना लम्बा है यार ये।
मैंने कहा इसे मुँह में लेकर देखो बहोत अच्छा स्वाद है इसका।
तो नेहा मेरी और देखती मुस्कुराती और पहले कुछ देर लन्ड को अपने हाथ में लेकर जैसे उसे चेक कर रही थी और फिर उसे अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मैंने कहा जैसे बच्चे लॉलीपॉप चूसते हैं न वैसे ही चूसो तो नेहा ने लन्ड को अपने मैं रख चूसती रही और काफी देर इसी तरह करने के बाद मैंने नेहा को बेड पर लिटाया और उसके ऊपर चढ़ गया। मैंने नेहा के मम्मे अपने मुँह में लिए और उन्हें चूसने लगा और नेहा आह करने लगी। उसे बहुत ज्यादा मज़ा आ रहा है जब मैं उसके निप्पल्स चूस रहा था । मैं काफी देर तक इसी तरह से लगा रहा और फिर उसके दोनों मम्मे अपने हाथ में पकड़ जोर जोर से खींचने शुरू किये। मम्मे नरम नरम थे और इतना मोटे की पहाड़ जैसे और काळा रंग के निप्पल्स। मैं जोर जोर से मम्मे दबाता और खींचता और नेहा सेक्स से तड़प रही थी।
फिर मैंने नेहा को अपने ऊपर उल्टा लेटने को कहा जिससे मेरा लन्ड नेहा के मुँह की तरफ हो गया और उसकी छूट मेरे मुँह के ऊपर और नेहा ने झट से मेरे लन्ड को अपने मुँह में भर लिया और उसे नहीं पता था की अब जो होगा उससे उसे जन्नत के नज़ारे आएंगे। मैंने अपनी जीभ नेहा की चूत के पूरी तरह से अंदर तक डाल जब घुमानी शुरू की तो नेहा तिलमिलाने लगी और बोली आह हैरी ओह आह।
मैंने जीभ को नेहा की चूत के अंदर घूमता रहा और नेहा सेक्स से तिलमिला रही थी और लन्ड को मुँह में लिए आह आह कर रही थी। काफी देर तक इसी तरह से में लगा रहा और तभी नेहा की चूत से सफ़ेद पानी निकला और सारा पानी मेरे मुँह पर गिर गया। मैंने फिर से चूत को चेतना शुरू किया और काफी देर मैंने नेहा को बेड पर लिटाया और उसकी दोनों टाँगे अपने हाथ से फैलाई और अपने लन्ड को चूत के मुयह पर रख जोर से चूत के अंदर धकेलने लगा। चूत सील टाइट थी और मैं पहला था जिसका लन्ड नेहा की चूत को फाड़ने जा रहा था । मैं धीरे धीरे जोर लगता रहा और लन्ड धीरे धीरे करते करते चूत में थोड़ा घुसा तो मैंने धीरे धीरे करके धक्के देने शुरू किये। हर धक्के पर नेहा की आह करती। मैंने फिर जोर से धक्के देने शुरू किये और लन्ड को अंदर घुसते समय मैं जोर से अंदर को धक्का देता तो नेहा आह करती। मैं इसी तरह से लगा रहा और फिर नेहा की दोनों टांगें मैंने अपने कंधे पर रख जोर जोर से धक्के देने शुरू किये और लन्ड कोई तीन इंच तक चूत में घुस चूका था और दर्द से नेहा की हालत ख़राब हो रही थी । मैं लगा रहा और चूत चुदाई करता रहा। मैंने कहा कैसा लग रहा है नेहा ।
नेहा बोली आह हैरी दर्द आह आह हो आह आह रहा ओह ओह ओह आह है/
मैंने कहा मज़ा कितना आ रहा।
नेहा ने कहा आह आह आह जब अंदर जाता तो आह आह मज़ा भी आह देता।
मैंने कहा मज़ा आना चाहिए चूत खुल जाएगी और अगली बार से चुदाई आसान हो जाएगी।
तभी मेरे लन्ड पर खून लगने लगा तो नेहा की चूत से निकल रहा था। खून बेड पर गिरने लगा और मैंने जल्द से अपना रुमाल नीचे रखा जिससे बेड शीट खराब ना हो और मैं जोर जोर से ठुकाई करने लगा । चूत ठुकाई करते करते एक घंटे से ज्यादा हो गया था तो मैं बेड पर लेट गया और नेहा को अपने ऊपर लन्ड के ऊपर बिठाया और लन्ड को उसकी चूत के मुँह पर रख नेहा को धीरे धीरे नीचे करता गया। मैंने नेहा की दोनों टाँगे फैले और नेहा जैसे जैसे नीचे होती गयी लन्ड उसकी चूत में घुसने लगा। जैसे ही लन्ड थोड़ा सा चूत में घुसा तो मैंने नेहा को ऊपर नीचे होने को कहा तो नेहा उसी तरह ऊपर नीचे होने लगी। मैंने दोनों हाथो में नेहा के मम्मे पकड़ जोर जोर से खींचने लगा ।
नेहा लन्ड पर बैठी उछाले जा रही थी और मैं उसके मम्मे मसल रहा था। आधा घंटा नेहा इसी तरह से लगी रही और फिर थक गयी तो मैंने नेहा को बेड पर लिटाया और उसके ऊपर आकर लन्ड को चूत में फिर से धकेला और नेहा के ऊपर पूरी तरह से लेट गया और अपनी कमर को बिजली की तेज़ी से ऊपर नीचे करने लगा तो लन्ड तेज़ी से चूत चुदाई करने लगा । नेहा इससे पहले चीला पाती मैंने उसके होठ अपने होठो में भर चूसने शुरू किये। एक घंटा और इसी तरह से में लगा रहा और नेहा बेड पर लेटी हुई और उसके ऊपर लेटा में नेहा की चूत चुदाई करता रहा । नेहा ने कहा बस करो हैरी पेट में बहुत दर्द होने लगा है। पर में बिना रुके लगा रहा। नेहा का दर्द ज्यादा तेज़ हो गया था तो मैंने रुकना बेहतर समझा और नेहा के बगल में लेट गया।
मैं बहार से दवाई लेकर नेहा को दी तो वो दवाई खाकर आराम करने लगी। रात को फिर मैंने नेहा को उसके कमरे के पास छोड़ा और कमरे में आ गया ।
कुछ दिन वो मिलने नहीं क्योकि उसके पेट में काफी दर्द था पर ठुकाई करवा कर वो खुश बहुत थी तो कुछ दिन फोन पर ही बातें होती रही और मैंने फिर एक दिन उसे फिर से होटल जाने का पूछा तो वो झट से मान गयी।
मैंने कहा तुम तो झट से मान गयी डर नहीं लगता।
नेहा ने कहा यार आपका लन्ड चूसना है मैंने और मज़ा भी बहोत आया था।
मैंने कहा हां अब चूत थोड़ी ढीली हो चुकी होगी इसलिए दर्द काम होगा या नहीं होगा।
खैर अगले दिन में फिर से नेहा को किसी दूसरे होटल में ले गया और दिन और रात के लिए बुक कर लिया। कमरे में जाते ही मैंने नेहा के सारे कपडे उतर उसे पूरा नंगा कर दिया और नेहा ने मेरे कपडे उतरे और मेरे लन्ड को अपने हाथ में पकड़ कर देखने लगी और झट से नेहा ने मेरे नौ इंच लम्बे लन्ड को अपने मुँह में लिया और चूसने लगी । लन्ड पूरा कड़क हुआ पड़ा था और थोड़ी देर तक नेहा से लन्ड चुसवाने के बाद मैंने नेहा को बेड पर लिटाया और उसकी दोनों टांगें अपने कधो पर रख लन्ड को चूत में धीरे धीरे धकेलने लगा और लन्ड धीरे धीरे लन्ड में घुसने लगा तो मैंने धीरे धीरे धक्के देने शुरू दिए। मैंने पूछा नेहा कैसा लग रहा है। नेहा सेक्स से भरी बोली मज़ा आ जाता है जब लन्ड अंदर जाता है। मैंने जोर जोर से धक्के देने शुरू किये और जोर से लन्ड को चूत में घुसाने के लिए और जोर लगता तो नेहा आह आह करती। मैं इसी तरह से लगा रहा और काफी देर बाद नेहा को मैंने अपने लन्ड के ऊपर बैठने को कहा तो वो लन्ड के ऊपर आई और उसने अपने हाथ से लन्ड को पकड़ चूत के मुँह पर रखा और धीरे से नीचे होती गयी और लन्ड चूत में घुस गया और नेहा लन्ड के ऊपर उछलने लगी। मैंने नेहा की दोनों टांगें फैलायी तांजो लन्ड को चूत के अंदर बहार होता देख सकू।
मैंने कहा नेहा और तेज़ी से करो तो नेहा और तेज़ी से शुरू हो गयी । उसे बीच में ही रोक मैं अपनी कमर को तेज़ी से ऊपर नीचे करने लगता तो नेहा आह आह ओह ओह ओह आह आह करने लगती। किसी बिजली की तेज़ी से में लन्ड को नेहा की चूत में धक्के देते रहा और उसके बाद नेहा लन्ड के ऊपर उछलने लगती। थोड़ी देर बाद नेहा की चूत से पानी निकलने लगा पर वो लगी रही।
मैंने नेहा के दोनों मम्मे अपने हाथ में पकड़ जोर जोर से खींचने लगा। दो घंटे होने को थे पर नेहा लन्ड के ऊपर बैठ उछाल रही थी और वो रुक जाती तो मैं अपनी कमर को तेज़ी से ऊपर नीचे करके नेहा की चूत चुदाई करता। फिर मैंने नेहा को बेड पर घोड़ी बनने के लिए कहा तो वो घोड़ी जैसे बन गय। मैंने उंगलियों से उसकी गांड को जोर से खींचा और लन्ड को गांड के मुँह पर रख अंदर धकेलने लगा । मैं धीरे धीरे जोर लगता तो लन्ड अंदर घुसने लगा। नेहा बोली आह हैरी तो मैं लन्ड को गांड में थोड़ा सा धकेला और फिर धक्के देने शुरू किये।
पहले थोड़ी देर धीरे धीरे और फिर बिजली की तेज़ी से गांड में लन्ड को मैं धक्के देने लगा । मैंने कहा कैसा लग रहा है। नेहा ने कहा थोड़ा दर्द हो रहा है। ऐसा लग रहा है जैसे कोई सख्त चीज़े मेरे पीछे फस गयी है।
मैंने जोर से धक्का दिया तो नेहा बोली आह। मैं इसी तरह से लगा रहा और काफी देर तक नेहा की गांड मारने के बाद मैं बेड पर लेट गया और नेहा को अपने ऊपर आने को कहा ।
नेहा मेरे ऊपर आई और लन्ड को चूत में डालने लगी तो मैंने उसे कहा पीछे डालो आगे नहीं तो उसने लन्ड को गांड के मुँह पर रखा और नीचे होने लगी और लन्ड उसकी गांड में घुसने लगा तो नेहा फिर ऊपर नीचे उछलने लगी । मैंने कहा नेहा तेज़ी से करो तो नेहा तेज़ी से लन्ड के ऊपर नीचे हो रही थी। उसकी पीठ मेरी और थी और में देख सकता था की लन्ड नेहा की गांड में अंदर बाहर हो रहा था ।
जब नेहा थक जाती तो वही रुक जाती और मैं अपनी कमर को तेज़ी से ऊपर नीचे करने लगता और लन्ड तेज़ी से नेहा की गांड के अंदर बाहर होता। इस तरह से घंटा भर बीत गया और नेहा लन्ड के ऊपर उछलती रही । थोड़ी देर बाद नेहा को मैंने बेड पर लिटा उसकी दोनों टांगें फिर से अपने कंधे पर रख लन्ड को चूत में डाला और चूत चुदाई करने लगा ।
काफी देर तक इसी तरह करने के बाद मैं थक सा गया तो मैंने नेहा को बेड पर बिठा उसकी गोद में अपना सर रखा और उसके एक मम्मे के निप्पल को अपने मुँह में भर लिया और चूसने लगा। मैंने कहा नेहा मेरे लन्ड को अपने हाथ में लेकर हिलाओ तो नेहा ने बिलकुल वैसे ही किया और मैं नेहा के दोनों दूध पीने लगा । घंटा भर इसी तरह से चलता रहा ।
नेहा बोली हैरी आपका लन्ड खड़ा रहता है हमेशा। मैंने कहा नहीं इसमें से रस निकलेगा और तब नीचे होगा । मैं नेहा के मम्मे चूसता रहा और काफी देर तक इसी तरह से करने के बाद मैंने नेहा को अपने ऊपर उल्टा लेटने को कहा और वो लेट गयी और लन्ड को अपने मुँह में लेकर चूसने लगी।
मैंने कहा नेहा मेरे लन्ड में से जो निकले उसे कोशिश करना पीने की तो नेहा ने कहा ठीक है। मैंने अपनी जीभ नेहा की चूत में डाल घुमानी शुरू करी तो नेहा सेक्स को खूब मज़ा आने लगा।
इसमें दर्द नहीं होता और मज़ा लन्ड से चोदने जितना मिलता। मैं लगा रहा और थोड़ी देर बाद नेहा की चूत से पानी सीधे मेरे मुँह पर गिरा तो मैंने अपनी जीभ चूत में फिर नहीं डाली पर नेहा लन्ड चूसने में लगी रही।
काफी देर बाद फिर लन्ड में से माल निकलने लगा और वो सारा माल नेहा के मुँह में जाने लगा और उसका मुँह माल से भर गया पर वो माल की एक एक बूंद तक पी गयी और फिर मेरे ऊपर लेट गयी। मैंने कहा अच्छा लगा सेक्स करके। नेहा ने कहा इसे सेक्स कहते हैं। मैंने कहा हां। नेहा ने कहा मुझे तो लगा इसे प्रेम या सम्भोग कहते हैं। मैंने कहा सम्भोग को ही सेक्स कहते हैं। नेहा ने कहा हां बहुत मज़ा आया और आपका नौ इंच लम्बा लन्ड चूसने में जो माज़ा आता है उसका तो स्वाद ही अलग है।
खैर बुकिंग काफी लम्भी थी पर रात को नेहा अपने रूम में और में अपने रूम में आ गया। उसके बाद हर दो तीन दिन में मैं नेहा को होटल में लेकर जाता और उसकी अच्छे से चुदाई करता और ये आज भी इसी तरह से चल रहा है। अभी कुछ दिनों में हमारा कोर्स खत्म हो जायेगा और फिर देखते हैं कि आगे क्या होता है। खैर आप सब दोस्तों को मेरी Antarvasna Sex Stories कैसी लगी मुझे मेरे इस ईमेल पर आप अपनी राय जरूर दे।

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