चरवाहे की पत्नी के साथ बकरी की चुदाई - Free Sex Kahani
- Kamvasna
- Nov 25
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यह बात 1995-1996 की है उस वक्त सीडी और डीवीडी का जमाना था. हमारे गांव में कुछ दुकानदार मूवीस की सीडी-डीवीडी किराए में देते थे.
उस वक्त मेरे घर में डीवीडी प्लेयर नहीं था जब भी मुझे मूवी देखनी होती तो मैं वह पड़ोस से उधार लेकर देखता था. मैं जिस दुकानदार से किराए में फिल्म की डीवीडी लेकर आता था वह मेरा जानकार हो गया था. कभी-कभी तो वह मुझे बोल देता की तुझे जो भी फिल्म अच्छी लगे वह तुम काउंटर से निकाल लो.
एक दिन ऐसे ही में मूवी देख रहा था तो मेरी नजर की एक बंडल पर पड़ी. उस बंडल के चारों तरफ रबर लिपटे हुए थे मैंने चुपके से उसे खोला तो मैं उसे देखा ही रह गया. वह बंडल पॉर्न मूवीज का था.
मैंने उसमें से दो डीवीडी ले ली. जब मैं उस दुकान से आने लगा तो दुकानदार को पता चल गया था कि मैंने कौन सी डीवीडी ली है, उसे केवल किराए से मतलब था इसलिए उसने मुझे कुछ नहीं कहा. रात को मैंने वह दोनों डीवीडी देखी. फिर दूसरे दिन जब मैं वह डीवीडी वापस देने गया, तो मैं पास में रखा एक दूसरा बंडल देखने लगा.
उस बंडल के अंदर एनिमल सेक्स की फिल्में थी. मैं उसमें से दो डीवीडी लेकर घर आ गया. जब रात को मैंने डीवीडी चलाई तो मेरे होश उड़ गए, क्योंकि डीवीडी के अंदर एक आदमी और एक औरत एक बकरी के साथ चुदाई कर रहे थे.
दूसरी डीवीडी के अंदर एक औरत कुत्ते के साथ चुदाई कर रही थी. दूसरे दिन मेरा भी मन चुदाई करने का हुआ लेकिन कुछ जुगाड़ नहीं हुआ. ऐसे ही कुछ दिन गुजर गए. मैं डीवीडी लेकर देखता. किराए में वीडियो लेकर आता और हाथ से काम चलाता.
वैसे तो हमारे घर के अंदर बकरियां और भैंस थी लेकिन मुझे कभी उनकी चुदाई करने का मौका नहीं मिला. एक बार स्कूल की छुट्टियों में गर्मियों के दिन मेरी मम्मी ने मुझे कहा कि बकरी को बकरे वाले के पास लेकर जाना है.
बकरे वाले का घर हमारे घर से 1 किलोमीटर दूर था. मैंने कहा ठीक है मैं लेकर जा सकता हूं. मेरी मम्मी ने कहा कि तू अपनी छोटी बहन को भी साथ ले जा, जिससे बकरी को ले जाने में आसानी होगी. मैंने मम्मी को बोला कि उसकी कोई जरूरत नहीं है मैं अकेला ही लेकर चला जाऊंगा. फिर मम्मी बोली ठीक है जैसी तेरी मर्जी.
फिर मैं बकरी को लेकर बकरे वाले के घर पहुंच गया. मैंने वहां जाकर आवाज दी तो वहां से एक औरत निकल के आई. मैंने उसे कहा कि मेरी मम्मी ने बकरी को भेजा है बकरे के लिए, वह औरत हमारे घर वालों को जानती थी. उस औरत ने मुझे बकरी को एक लकड़ी के बांधने को कहा और खुद बकरे को लेने चली गई.
थोड़ी देर बाद मैंने देखा कि एक बड़ा बकरा लेकर वह औरत आ रही है. जैसे ही वह बकरा बकरी के पास आया, उसने आते ही बकरी की चूत को सूघना स्टार्ट कर दिया. कभी कभी वह जुबान निकाल कर बकरी की चूत चाटता और मुंह को ऊपर कर लंबे सांस लेता. एक दो मिनट ऐसा करने के बाद बकरा बकरी के ऊपर चढ़ने की कोशिश करने लगा.
बकरे का लंड बकरी की चूत में नहीं जा रहा था. बकरे ने दोबारा कोशिश की लेकिन फिर भी वह असफल रहा. मैं वही सामने बैठकर ये सब देख रहा था। फिर वह औरत समझ गई कि उसे क्या करना है, जैसे ही वह बकरा दोबारा बकरी के ऊपर चढ़ा तो उस औरत ने अपने हाथ से बकरे के लंड को पकड़ कर बकरे की चूत पर लगा दिया.
जैसे ही बकरे ने धक्का मारा तो बकरे का लंड बकरी की चूत में पुरा चला गया. अचानक हुए हमले से बकरी के मुंह से दबी हुई आवाज निकल गई. मैंने एक नजर बकरी की चूत देखी जिसमें बकरे का लंड था और दूसरी नजर उस औरत को देखा, उस औरत की नजर मेरे तने हुए लंड के ऊपर थी.
फिर वह मेरी तरफ देख कर मुस्कुराने लगी. मैं भी उसे देखकर मुस्कुराने लगा. जब बकरी की चुदाई पूरी हो गई, तो उस औरत ने बकरे को बाड़े में छोड़ दिया. जैसे ही मैं घर आने लगा तो उस औरत ने कहा कि कल एक बार और लेकर आना, बकरी को दो बार करना होगा. फिर मैंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया ठीक है मैं कल और आ जाऊंगा.
जैसा कि मैंने आपको बताया था, वहां से मेरा घर 1 किलोमीटर था. वहां से मेरे घर आने की दो रास्ते थे एक तो बिल्कुल सीधा था दूसरा पेड़ों और झाड़ियां के अंदर होते हुए आता था. जहां अगर कोई चला जाए तो वह किसी को दिखाई ना दे.
उस वक्त मेरा लंड तैयार था इसलिए मैंने झाड़ियां वाला रास्ता चुना. मैं बकरे को लेकर झाड़ियां वाले रास्ते की तरफ चला गया. उस रास्ते में जाते हुए मुझे उस औरत ने देख लिया था, मुझे इस बात का पता नहीं चला कि उसने मुझे देख लिया है. फिर थोड़ी दूर आगे जाकर मुझे लगा कि वहां से मुझे कोई नहीं देख सकता. वहां पर एक गढ़ा था जहां से लोग मिट्टी खोद के ले जाते थे. मैं बकरी को उस गड्ढे के पास ले गया. वहां पर मैंने बकरी को एक छोटे पेड़ के बांध दिया. चुदाई के कारण बकरी की चूत गीली थी. मैंने दो उंगलियां बकरी की चूत में डाली और अंदर बाहर करने लगा.
बकरी की चूत बहुत टाइट थी. उसी वक्त मैंने अपना लंड पैंट से निकला. और बकरी की चूत पर घिसने लगा. मेरा लंड बहुत मोटा और लंबा था. उस वक्त मुझे पता नहीं था लेकिन वह औरत मुझे एक झाड़ी के पीछे छुप कर यह सब देख रही थी. मैंने अपना लंड बकरी की चूत में डालने की कोशिश की. लेकिन वह अंदर नहीं गया. फिर मैंने एक हाथ से बकरी को सही से पकड़ा और दूसरे हाथ से लंड को पकड़ कर बकरी की चूत के ऊपर लगाया और धक्का मारा, इससे मेरा लंड दो-तीन इंच उसकी चूत में चला गया फिर मैंने दोबारा जोर से धक्का मारा इस बार पूरा बकरी के अंदर चला गया.
बकरी की चूत अंदर से भट्टी की तरह गर्म थी. मैं लगातार धक्के मार कर बकरी की चुदाई करने लगा. 15 मिनट बाद मुझे लगा कि मैं झड़ने वाला हूं तो मैंने स्पीड और बढ़ा दी फिर जिसे ही मेरा निकलने वाला हुआ तो मैंने बकरी की चूत में ही निकाल दिया.
जब मैंने अपना लंड बकरी की चूत से निकला तो वह पूरा गिला हो गया था उसके चारों तरफ बकरी की चूत का रस और मेरा सीमन लगा हुआ था. मैंने उसे बकरी के मुँह के पास किया तो बकरी ने उसे चाट कर साफ कर दिया.
तभी मैंने देखा की बकरी पेशाब कर रही है, मैं उसकी चूत की तरफ गया, उसमें से मुझे मेरा सीमन पेशाब के साथ निकलता हुआ दिखाई दिया, वह बहुत ज्यादा था. जैसे ही मैं उस गड्ढे से आगे निकाला, मैंने पीछे मुड़ कर देखा, मुझे एक औरत जाते हुए दिखाई दे रही थी.
मुझे विश्वास हो गया कि यह वही औरत है और उसने मुझे बकरी की चुदाई करते हुए देख लिया है बाद में मैं बकरी को लेकर घर आ गया और मम्मी से बोला कि कल एक बार और बुलाया है. जब दूसरे दिन में बकरी को लेकर उस औरत के घर पहुंचा, तो उस औरत ने मुझे कहा कि बकरी को खुटे के बांध दो. वह औरत अपने पति के साथ रहती थी. जो दिन में बकरियों को लेकर चराने ले जाता था. उसके एक कच्चा मिट्टी का घर था और पास में ही लकड़ियों से बना हुआ बड़ा था जिसमें कुछ बकरियां बंधी हुई थी.
वह औरत मेरा लंड देखने के बाद मुझसे चुदाई करवाना चाहती थी, लेकिन वह मुझे सीधा नहीं कह सकती थी क्योंकि उसे शर्म आ रही थी. तभी उस औरत ने कहा कि आज बकरी की चुदाई घर के अंदर करवाएंगे.
मैं उसके मुंह से चुदाई शब्द सुनकर उसकी तरफ देख कर मुस्कुराने लगा और पूछा कि यहां क्या दिक्कत है, तो उसने कहा कि अंदर सही रहेगा और कोई देख भी नहीं पाएगा. फिर हम बकरी और बकरे को लेकर अंदर चले गए. उस औरत ने मुझे एक कप दिया जिसमें तेल था और कहा कि इस तेल से बकरी की चूत की मालिश करनी है. मैंने उससे पूछा कि इससे क्या होगा तो उसने कहा कि ऐसे कुछ राज होते हैं जो केवल बकरियां रखने वाले ही जानते हैं इससे बकरी के बच्चे अच्छे होते हैं और बकरी दूध भी ज्यादा देती है.
मुझे पता था कि यह सब एक बहाना था. लेकिन मुझे यह करते हुए मजा आ रहा था. मैं तेल से बकरी की चूत की मालिश करने लगा. ऐसा करने से मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया. तभी वह औरत मेरे सामने आकर बैठ गई, उस औरत ने घागरे के अंदर कुछ नहीं पहन रखा था, उसकी बैठने की पोजीशन ऐसी थी जिसमें से मुझे उसकी चूत साफ-साफ दिखाई दे रही थी, मेरी नजर जब उसकी चूत पर पड़ी तो मैं उसे देखता ही रहा गया।
उसकी चूत बिल्कुल साफ थी। दोनों तरफ के हॉट बड़े बड़े थे। उसका रंग तोड़ा काला और चॉकलेट जैसा था। ऊपर का क्लिटोरिस उठा हुआ था। यह नजारा ऐसा था कि कोई भी समझदार इंसान अगर इसको देख ले तो वो तुरंत चूतिया बन जाए।
एक मिनट देखने के बाद जब मैंने उससे आंखें मिलाई तो वह मेरी आँखों में देख कर मुस्कुरा रही थी. फिर मैंने उस औरत को कहा कि कल तुम्हे, मुझे बकरी की चुदाई करते हुए देख करके कैसा लगा. पहले तो उसने कहा कि कल कहां.
मैंने कहा मेरे से शर्म करने की जरूरत नहीं है और मैं यह भी जानता हूं कि तुम क्या चाहती हो. मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा पति तुम्हें चोदता नहीं है क्या. तो उसने जवाब दिया कि नहीं. मैंने उससे कहा कि तुम अपने सारे कपड़े उतारो, और मैंने भी अपने कपड़े उतार दिए.
वह मेरा तना हुआ लंड देखकर बहुत खुश हो गई. मैंने उससे पूछा कि तुम इतनी क्यों मुस्कुरा रही हो, उसने कहा कि तुम्हारा लंड बहुत बड़ा है मेरे पति का तो इसका आधा भी नहीं है. मैं बोला तुम्हें आज जन्नत की शेर करवाऊंगा। मैंने उसे कहा कि हम पहले तोड़ी चटम चटाई करेंगे।
मैंने उस औरत को कमर के बल उल्टा करके पकड़ लिया। जिसकी उसकी चूत ऊपर मेरे मुँह के पास आ गई और नीचे मेरा लंड उसके मुँह के पास। मैंने उसे कहा कि जम के मेरे लंड को चूसो। मैं भी उसकी काले लंबे होटो वाली चूत को बुरी तरह से चाटने और खाने लगा। नीचे वो मेरे लैंड को मुँह में लेने की कोशिश करती, लेकिन लंड मोटा होने की वजह से उसके मुँह में नहीं जा रहा है।
फिर वो लंड के टोपे को ही चूसने लगी। मैं ऊपर से उसकी चूत को चाट रहा था और नीचे से कमर हिला के उसके मुँह को चोदता रहा। उस औरत का वजन लगभग 50-55 किलो था पांच मिनट बाद मैंने उसे नीचे उतार दिया। फिर मैंने उस औरत को बकरी के ऊपर खड़ा किया जिससे उसकी और बकरी की चूत पास पास हो गई।
तेल की मालिश से बकरी की चूत मुलायम हो गई थी। मैंने लंड को बकरी की चूत पर सेट किया और एक धक्का मारा, एक ही धक्के में मेरा आधा लंड बकरी की चूत में चला गया। फिर दोबारा दूसरा धक्का मारा, इस बार पूरा लंड बकरी की चूत में चला गया। लंड अंदर जाने पर मुझे ऐसा लगा कि मैंने लंड किसी चूल्हे में डाल दिया हो।
बकरी की चूत अंदर से बहुत गरम लग रही थी। फिर मैंने धक्के मारने शुरू किये। ऊपर मैंने दो उंगलियां उस औरत की चूत में डालकर उसकी भी हाथ से चुदाई करने लगा। चार मिनट बाद मेने लंड बकरी की चूत से निकालकर औरत की चूत में डाला.
अंदर डालने पर मुझे इतना मजा नहीं आया जितना बकरी की चूत में आ रहा था। उस औरत ने निचे से बकरी को पकड़ रखा था। ऊपर में जोर जोर से उसकी चूत को चोदे जा रहा था। दुबारा पांच मिनट बाद मैंने लंड बकरी की चूत में डाला दिया. जिसे ही मेने लंड अंदर डाला मुझे ऐसा फील हुआ की बकरी की चूत के आगे किसी भी औरत की चूत फीकी ही है. असली मजा तो बकरी की चूत में हैं।
फिर में बकरी की चूत पर लगे तेल को औरत की गांड पर लगा कर उसकी गांड के छेद में उंगली आगे पीछे करने लगा। एक बार तो उसने मना किया पर में बोला की मुझे तुम्हारी गांड भी मारनी हैं।
तेल की चिकनाहट से ऊँगली आसानी से उसकी गांड में जाने लगी। फिर मेने दो उंगलिया डाल कर गांड के छेद को चौड़ा करने लगा। निचे में लागतार बकरी की चूत चोदे जा रहा था। तभी मेने बकरी की चूत में से लंड निकालकर उस पर तोडा और तेल लगाया और उसे औरत की गांड में डालने की कोशिस करने लगा। उसकी गांड बहुत टाइट थी।
लंड को गांड के छेद पर सेट करके धक्का मारने लगा। तेल की चिकनाहट से मेरे लंड का टोपा उसकी गांड में चला. दुबारा दूसरा धक्का मारा जिससे लंड दो इंच गांड में चला गया। इस पर उस औरत ने कहा की अभी इतना ही अंदर डाल कर चोद लो. बाद में किसी ओर दिन पूरा डाल लेना।
मेरी गांड अभी कुंवारी है नहीं तो फट जाएगी। मैं उसी पोजीशन में उसकी गांड चोदने लगा। धीरे धीरे धक्के मारने से आधा लंड उसकी गांड में चला गया था। उसकी टाइट गांड मेरे लंड को चारों ओर से जकड़े हुए थी। गांड ज्यादा टाइट होने से पांच मिंनट में ही मेरा लंड झड़ने को हो गया। मैंने उस औरत को बकरी के ऊपर से हटाकर लंड को बकरी की चूत में डालकर जोर जोर से बकरी को चूत चोदने लगा।
दो मिनट बाद मेरे लंड ने बकरी की चूत में गरम गरम लावा उगल दिया। मैंने उसी पोजीशन में बकरी को पकड़ कर रखा। थोड़ी देर बाद में लंड ढीला होकर बाहर आ गया। फिर हम अपने कपड़े पहनकर घर से बाहर आ गए। मैंने उस औरत से कहा कि अब बकरे को ले आओ, बकरी की बकरे से भी तो चुदाई करवानी है। तो उस औरत ने बकरे से बकरी की चुदाई करवाई और फिर मैं घर आ गया।
रास्ते में मैंने देखा की मेरे लंड की चुदाई से बकरी की चूत ढीली ओर लाल हो गयी थी। तो दोस्तों आप मुझे ईमेल करके जरूर बताना कि आपको यह Free Sex Kahani कैसी लगी और अगर आपने भी कभी बकरे की चुदाई की है तो मुझे ईमेल के अंदर आपकी स्टोरी जरूर भेजना मुझे आपका इंतजार रहेगा : charlinja@gmail.com

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