चाची की सहेली ने अपनी चुदाई की बात चाची को बता दी - Hindi Sex Stories
- Kamvasna
- Jun 5
- 15 min read
हाय दोस्तो, ये मेरी पहली सेक्स कहानी है. आपकी सराहना मेरे लिए उत्साहवर्धक होगी.
मेरा नाम अविनाश है और मैं महाराष्ट्र के अहमदनगर के एक छोटे से गांव से हूँ.
मेरी उम्र 23 साल है.
ये Hindi Sex Stories मेरे साथ घटी एक हकीकत है.
मेरी और मेरे चाची की सहेली की उस वक्त की बात है जब देश में लॉकडाउन लगा हुआ था.
मैं कॉलेज की पढ़ाई के साथ साथ खेती का काम भी करता था.
लॉकडाउन लगा होने की वजह से कॉलेज बंद हो गया था. मैं खेती का काम करने लगा था.
एक दिन चाची मेरे पास आईं और बोलीं- ये एक फोन नम्बर है, जो मैं तुझे दे रही हूँ. इस नम्बर व्हाट्सैप पर हाई लिख कर भेज दे, वो मुझे कुछ फोटो भेजने वाली है.
मुझे लगा चाची के कोई रिश्तेदार होंगे.
मैंने हाई किया.
उसके कुछ देर बाद उस नम्बर पर मुझे कुछ फोटो मिले.
मैंने देखा तो एक मस्त खूबसूरत औरत की फोटो थी. साथ ही कुछ और कागज आदि के फोटो थे.
मैंने चाची को आवाज लगाकर बुलाया और फोटोज दिखाए.
फिर मैंने चाची से पूछा- कौन है ये?
चाची ने बताया कि ये मेरी सहेली है.
मैंने चाची से कहा- बहुत खूबसूरत है.
वो तुनक कर बोलीं- तो तुझे क्या करना?
मैं चुप होकर वहां से निकल गया.
कुछ दिन यूं ही निकल गए.
एक दिन चाचा ने कॉल करके बताया- मैं 2 दिन के लिए बाहर जा रहा हूँ.
वो रात में निकल गए.
दूसरे दिन रात में गाड़ी लेकर वापस आए, उसमें कुछ सामान था.
साथ में एक महिला भी थी. वो गाड़ी से एकदम से उतरी और सीधी घर में चली गयी.
मैंने और चाचा ने सामान उतारा और बाहर रख दिया.
वहां से घर आकर मैं सो गया.
सुबह जल्दी उठ कर मैं काम पर निकल गया.
ऐसे ही दो तीन निकल गए.
एक दिन मैं बाहर नहा रहा था तब मैंने उस महिला को देखा तो देखता ही रह गया.
उस वक्त वो गाउन में थी. मुझे बहुत ही सेक्सी माल लगी. एकदम दूध जैसी सफेद थी.
उसकी उम्र 35-40 के अन्दर की रही होगी, हाइट सवा पांच फिट रही होगी.
मैं नहाने के बाद काम पर निकल गया.
रात को घर आकर मैंने उस नम्बर पर हाय भेजा.
उसने भी हाय भेजा.
मैंने उसका नाम पूछा तो उसने नाम नहीं बताया और उसके बाद उसने कुछ रिप्लाय भी नहीं दिया.
दूसरे दिन फिर से मैंने उसे मैसेज किया. फिर भी उसने रिप्लाय नहीं दिया.
ऐसे ही चार पांच दिन निकल गए. न ही मैंने मैसेज किया और न ही उसने.
छटे दिन उसने मैसेज किया.
मैंने रिप्लाय देना चालू कर दिया.
उसने अपना नाम बताया.
उसका नाम सोना था, ये मैं बदला हुआ नाम लिख रहा हूँ.
मैंने भी अपना नाम बताया.
मैं उसे मैडम कह कर पुकार रहा था- आप कहां से हो मैडम?
मैडम- मैं पुणे से हूँ और आप कहां से हैं?
मैं- मैं इसी गांव का हूँ.
मैडम- इसी गांव का क्या मतलब हुआ?
मैं टोन बदल कर बोला- जिस गांव में तुम हो, उसी गांव में मैं रहता हूँ मैडम.
मैडम- और मैं कहां हूँ?
मैं- तुम मेरे घर के बाजू में रहने आई हो.
मैडम ने इधर उधर देखा और लिखा- तुम कहां हो?
मैं- मैं अपने घर में हूँ.
मैडम- वो तो मुझे भी पता है कि तुम घर में हो … पर कहां?
मैं- घर के अन्दर.
मैडम- ओके ओके.
ये बोल कर वो घर के अन्दर चली गयी.
उसने चाची से पूछा- अपने बाजू में कौन लड़का रहता है?
उन्होंने बताया- वो मेरा भतीजा है.
ये क्या करता है, कहां रहता है, उसने मेरे बारे में चाची से सब कुछ पूछ लिया.
चाची ने भी उसे सब बता दिया.
फिर उसने अलग होकर मुझे मैसेज किया- अब तुम कहां हो?
मैं- बाहर बैठा हूँ.
मैडम- मैं भी बाहर हूँ.
उसने मेरे नम्बर पर कॉल किया.
जैसे ही एक रिंग बजी, उसने सुनते ही फोन कट कर दिया.
मैंने लिखा- कॉल क्यों किया था?
मैडम- बस ऐसे ही.
मैंने कुछ नहीं कहा.
मैं समझ गया कि वो मुझे देखना चाहती थी.
ऐसे ही कुछ दिन निकलते गए.
चाची के लड़के उसे मौसी कहते थे.
एक दिन चाची ने बुलाया और कहा- तेरी इस मौसी को कुछ सामान लाना है, तुम इसे लेकर जाओ.
मैं उसको लेकर मार्केट गया.
उसने कुछ सामान खरीदा और मेरे लिए कैडबरी ले ली.
हम दोनों घर के लिए निकले.
अब वो मुझसे बात करने लगी- तेरा नाम क्या है रे?
मैं- मैंने तुमको बताया तो था.
मैडम- फिर से बताओ न?
मैंने अपना नाम बताया.
इसी तरह की बातचीत में मैडम ने फिर से सब पूछ लिया.
मैडम- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैं एकदम चुप रहा और वो भी.
फिर हम घर आ गए.
मैंने गाड़ी पार्क की और मैडम ने आवाज लगा कर बुलाया.
मैडम ने थैंक्यू बोल कर हग किया और मेरे गाल पर एक किस कर दिया.
मुझे कुछ समझ नहीं आया कि ये क्या हुआ.
मैं वहां से घर निकल आया.
रात में मैडम ने मैसेज किया और बोली- मुझे तुमसे बात करके बहुत अच्छा लगा.
मैं- मुझे भी, पर मैं आपको क्या कहकर पुकारूं … मौसी कहूँ क्या?
मैडम- नहीं तुम मुझे मेरे नाम से ही पुकारा करो.
मैं- नहीं तुम मुझसे बड़ी हो, मैं तुमको मैडम ही कहूँगा.
वो पुणे में जॉब करती थी इसलिए उसको मैडम कहने में कोई हर्ज नहीं था- ठीक है.
फिर उसने मुझे आवाज दी कि तुझे तेरी चाची बुला रही है.
मैंने आवाज दी- हां चाची.
चाची- मेरे मोबाईल में सिम नहीं दिख रहा है. देखना जरा क्या हो गया है?
मैंने मोबाईल को देखा, तो सब ठीक था, पर उसमें सिम को उलटा डाला हुआ था.
ये सब मैं बेड पर बैठ कर देख रहा था.
मैडम मेरे पास आई और बोली- ठीक हो गया क्या?
मैं बोला- हां.
मुझे लगा ये मैडम ने ही किया होगा.
जब मैं जाने लगा तो मैडम मेरे पास आकर बोली- मुझे तुम बहुत पसंद हो.
ये कह कर उसने मेरे होंठों पर किस कर दिया.
मैं अचकचा गया और जल्दी से वहां से निकल गया.
वो हंस दी.
मैंने व्हाट्सैप पर उसे मैसेज कर दिया- आई लव यू.
मैडम ने तुरंत रिप्लाय किया- आई लव यू टू … मुझे तुमसे मिलना है.
मैं- हां ठीक है, रात में सबके सोने के बाद मिलेंगे.
मैडम- हां.
उसने 11 बजे मैसेज करने को कहा.
मैंने मैडम को 11 बजे मैसेज किया, तो उसने भी मुझे रिप्लाय दिया.
मैं- चाचा चाची सो गए क्या?
मैडम- हां … और तुम्हारे पापा मम्मी सो गए क्या?
मैं- हां.
वो बोली- बताओ किधर मिलना चाहते हो?
मैंने उसे मैसेज किया कि बाजू वाले घर में आ जाओ, जहां हम लोग हमारी भैंसों की जरूरत का सामान रखते हैं.
मैडम ओके बोल कर आ गयी.
मैं पहले से ही इंतजार कर रहा था.
जब वो आई तो एकदम हुस्न की परी लग रही थी.
वो कुछ इत्र जैसा लगा कर आयी थी जो मुझे उसकी तरफ खींच रहा था.
उसने पिंक कलर की मैक्सी पहनी हुई थी. उसमें से उसके उभार उठे हुए दिख रहे थे.
वो मेरे पास आई और बोली- देखता ही रहेगा या कुछ करेगा भी?
मैंने उसे बांहों में लिया और मसलने लगा, उसके होंठों पर होंठों रख कर किस करने लगा.
वो भी मेरा साथ दे रही थी.
हम दोनों ऐसे बेताबी से किस कर रहे थे मानो बहुत सालों के प्यासे हों.
कब हमने कपड़े उतारे, कुछ पता ही नहीं चला.
वो रेड कलर ब्रा पैंटी में एकदम पटाखा माल लग रही थी.
मैं उसकी चूत सहला रहा था और एक हाथ से दूध दबा रहा था.
वो इतनी कामुक हो गयी कि मादक आवाजें निकालने लगी थी.
मैं उसकी ब्रा निकाल कर उसके भरे हुए चूचे पीने लगा तो वो मेरे सर को छाती पर दबाने लगी.
मैंने एक हाथ से उसकी पैंटी निकाल कर अलग कर दी और नीचे बैठ कर चूत चूसने लगा.
जैसे ही मैंने चूत चूसना शुरू किया, उसकी सिसकारियां तेज होती गईं और वो एकदम से अकड़ गई.
फिर अचानक से मेरे मुँह पर अपनी चूत दबाती हुई शांत हो गयी.
उसकी हॉट Xxx चूत से बहुत सारा नमकीन पानी बह निकला.
वो मैंने पूरा चाट लिया.
फिर वो बोली- तुम गांव में रहते हो, फिर भी तुझे सेक्स का इतना सब कैसे पता है?
मैंने बोला- सब अपने आप सीख गया.
वो समझ गई कि ये सब ब्लूफिल्म का कमाल है.
फिर उसने मुझे किस करना चालू कर दिया और उसके बाद उसने मेरी चड्डी निकाल कर मेरे लंड को देखने लगी.
वो लंड सहला कर बोली- मस्त लंड है तेरा … आज खूब मजे से चुदूँगी.
उसने लंड मुँह में ले लिया तो मुझे ऐसा लगा, जैसे जन्नत का मजा मिल गया हो. वो मेरा लंड ऐसे चूस रही थी जैसे प्रोफेशनल रंडी हो.
वो अचानक से बोली- मैं बहुत दिन से चुदी नहीं हूँ, आज जल्दी से मेरी प्यास मिटा दे.
मैंने भी देर ना करते हुए उसे नीचे फर्श पर लिटाया और चूत के ऊपर लंड रख कर जोर से धक्का लगा दिया.
मेरा आधा लंड अन्दर घुस गया.
लंड अन्दर जाते ही उसने अपने मुँह से चीख निकालना चाहा; मैंने झट से उसके होंठों से अपने होंठों को चिपका दिया.
उसने मुझे कस कर पकड़े रखा.
मैंने और एक धक्का दे दिया.
इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड अन्दर चला गया.
वो मेरी ओर देख कर रोने लगी और गाली देने लगी- बहनचोद धीरे नहीं डाल सकता था क्या? … मैं क्या कोई रंडी हूँ जो बेरहमी से पेल दिया!
मैं उसे किस करता रहा, उसके दूध दबाता रहा.
फिर वो नीचे से धक्के देने लगी तो मैंने भी धीरे धीरे अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.
वो मादक आवाजें लेने लगी और कामुक सिस्कारियां निकालने लगी- इस्स्स आह उफ्फ मर गई अअह चोद मुझे … और जोर से चोद मादरचोद!
मैं भी गाली देते हुए बोलने लगा- ले साली मादरचोद ले लंड खा रंडी साली आज से तू मेरी रंडी है कुतिया ले लौड़ा खा साली.
वो जोर जोर से बोले जा रही थी- आ आह चोद दे मेरी चूत रगड़ दे साले उफ्फ.
मैं दस मिनट तक उसकी चूत चुदाई में लगा रहा.
वो अचानक से मुझे पकड़ कर बोली- आह … मैं तो गयी.
मेरा भी निकलने वाला था, तो मैंने उससे पूछा- कहां निकालूँ?
उसने कहा- अन्दर ही निकाल दे.
कुछ देर बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया.
हम दोनों एक दूसरे से चिपक कर प्यार करने लगे.
उसने बताया कि वो बहुत समय से चुदी नहीं थी. आज उसे बहुत मजा आया.
कुछ देर बाद उसने फिर से मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूस कर फिर से खड़ा कर दिया.
मैंने उसकी चूत की चुदाई चालू कर दी.
इस बार मैंने उसे काफी देर तक चोदा.
उस रात मैंने उसकी तीन बार हॉट चूत की चुदाई की और एक बार उसकी गांड भी मारी.
उसके बाद मैंने उसे 6 महीने तक चोदा. और ये बात चाची जी को पता चल गई थी.
उनकी सहेली ने जाने से पहले चाची जी को मेरे लंड की ताकत और चुदाई के कारनामे बता दिए थे.
ये सुनकर चाची जी की चूत में आग लग गई और वे मुझसे चुदने को बेताब हो उठीं.
उनकी चूत मेरे लंड की प्यासी थी और वे हर हाल में मेरे मोटे लंड से अपनी चूत की खुजली मिटाना चाहती थीं.
उनकी सहेली के जाने के बाद चाची जी मुझे बदली-बदली सी लगने लगीं.
वे पहले से ज्यादा मेरे करीब आने लगीं, मेरे लंड को छेड़ने वाली हरकतें करने लगीं.
कुछ भी छोटा-मोटा काम हो, वे मुझे ही बुलातीं.
मैं भी उनका काम करते हुए उनके मम्मों और चूत की तरफ ताकता रहता.
जब मैं घर जाने लगता, तो वे कुछ न कुछ खाने-पीने की बात कह कर मुझे रोक लेतीं.
मेरे रुक जाने पर वे मेरे सामने झुक झुक कर अपनी चूचियों को दिखातीं और अपनी जवानी का जलवा दिखातीं.
उनके मोटे-मोटे मम्मे और कसी हुई चूत को देखकर मेरा लंड पैंट में तंबू बना देता, यह सब मुझे पागल करने लगा था.
जबकि मैंने आज तक कभी भी चाची जी के बारे में गलत नहीं सोचा था.
ऐसे ही कुछ दिन बीत गए.
एक दिन चाची जी ने मुझे बुलाया और कहा- अवी, मेरे लिए कुछ सामान लाकर दे.
मैंने हां बोलकर उनसे सामान की लिस्ट और पैसे लिए.
फिर स्टोर से सामान लाकर उनके घर पहुंच गया.
सामान रखकर जैसे ही मैं पीछे मुड़ा, मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं.
चाची जी नहाकर अभी-अभी कमरे में आई थीं.
मुझे आया देखकर वे भी एक बार को थोड़ा सा घबरा गईं और उनके हाथ से तौलिया छूटकर जमीन पर गिर गया.
अब तौलिया नीचे गिरा तो उनकी सारी जवानी मेरे सामने अपना जलवा बिखेरने लगी.
उस कामुक नजारे को देखकर मेरा लंड उछलने लगा.
उनका गोरा-चिट्टा, भरा हुआ बदन मेरे सामने था.
उनकी चूचियां इतनी बड़ी बड़ी थीं कि मानो दो बड़े-बड़े पपीते मेरे लंड को ललचा रहे हों.
चाची की पतली कमर और नीचे उनकी गदराई टांगों के बीच कसी हुई झांट रहित गुलाबी चूत को देखकर मेरा लंड पैंट में फनफनाने लगा.
उनकी चुत का दाना चुत की फाँकों से बाहर मुँह निकाल कर एक कामुक दृश्य उत्पन्न कर रहा था.
नहा कर आने के कारण उनकी चुत के दाने से पानी की एक बूंद टपकने को रेडी थी, जो सच में मेरी नजरों को उसी बिन्दु पर रोक रही थी.
उनका चमकता बदन, गीले बालों से टपकता पानी, जो उनकी चूचियों से होता हुआ उनकी नाभि तक जा रहा था.
वह सब नजारा देखकर मेरा लंड तंबू बन गया.
चाची जी ने देख लिया कि मैं उनकी चूत और मम्मों को घूर रहा हूँ.
अब तक वे संयत हो चुकी थीं और उनकी घबराहट वाला मामला खत्म हो गया था.
यह पल तो मानो अनायास ही उनकी मुराद को पूरी करने वाला हो गया था.
अब उन्होंने आराम से तौलिया उठाया और उसे बिना लपेटे एक कामुक स्माइल देकर अपनी गांड को अदा से मटकाती हुई अन्दर वाले कमरे में चली गईं.
उनकी वह कामुक स्माइल मेरे लंड को और तड़पा गई.
मैं घर आकर चाची जी की चूत और मम्मों के बारे में सोचने लगा.
उनकी नंगी चूत मेरे दिमाग से नहीं जा रही थी.
मेरा लंड शांत होने का नाम नहीं ले रहा था.
आखिरकार मैं बाथरूम में गया और चाची जी की चूत का नाम लेकर मुठ मारने लगा.
उनके मम्मों और चूत को याद करके मैंने अपने लंड को रगड़ा और तब जाकर लंड शांत हुआ.
उसके बाद में सो गया.
शाम को मैं फ्रेश होकर बाहर निकला ही था कि चाची जी सामने से आती दिखीं.
मैं डर के मारे वहां से जाने लगा.
लेकिन उन्होंने मुझे रोक लिया और मुझसे ऐसे बातें करने लगीं, जैसे सुबह कुछ हुआ ही न हो.
वे मेरी माँ से मिलने मेरे घर आईं और बोलीं- दीदी, मैं कल मायके जा रही हूँ और चाहती हूँ कि अवी मेरे साथ चले.
माँ ने हां कह दी.
ये सुनकर मेरा लंड खुशी से उछलने लगा.
मुझे पक्का यकीन हो गया कि चाची जी मेरे लंड से अपनी चूत चुदवाना चाहती हैं और मायके के बहाने मुझसे चुदाई का मजा लेना चाहती हैं.
जाते वक्त चाची जी ने मुझे आंख मारी, मेरे गाल पर हाथ फेरा और बोलीं- बाबू, कल सुबह तैयार रहना!
रात भर मुझे नींद नहीं आई.
मैं चाची जी की चूत और मम्मों के बारे में सोचता रहा.
सुबह उठकर तैयार हुआ और उनके घर पहुंच गया.
उस वक्त चाची जी तैयार हो रही थीं.
जब मैंने उन्हें देखा, तो मेरी आंखें फिर से फटी रह गईं.
वे ब्लाउज और पेटीकोट में थीं.
उनका ब्लाउज इतना डीप नेक वाला था कि उनकी चूचियां ब्रा में कैद होकर लगभग पूरी की पूरी बाहर झांक रही थीं.
उनका पेटीकोट नाभि के काफी नीचे बंधा था, जिससे उनकी चूत का उभार साफ दिख रहा था.
चाची इतनी कामुक लग रही थीं कि मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया.
चाची जी ने मेरे लंड को तनता हुआ देख लिया और बोलीं- अरे अवी, खड़ा क्यों है? बैठ जा.
मैं होश में आया और बैठ गया.
वे मेरे सामने तैयार होने लगीं.
मैंने पूछा- चाचा कहां गए?
वे बोलीं- तेरे चाचा काम के सिलसिले में बाहर गए हैं, अब तो वे 4-5 दिन बाद ही वापस आएंगे. मेरे बच्चे हॉस्टल में पढ़ते हैं, तो घर में मैं अकेली ही रहूँगी!
ये सुनकर मेरा लंड और जोश में आ गया.
मैंने कहा- तो आपको अकेले रहने में डर नहीं लगेगा?
वे बोलीं- इसी लिए तो तुझे साथ ले जा रही हूँ कि तू मेरा डर मिटा देगा!
यह कह कर उन्होंने मेरे सामने अपने दूध हिलाए और मुझसे पूछा- कैसी लग रही हूँ.
मैंने कहा- हॉट!
वे हंस दीं और बोलीं- हॉट क्यों?
मैंने कहा- क्योंकि आपके एसेट्स आपको हॉट बनाते हैं.
वे अपने दूध मेरी तरफ तानती हुई बोलीं- वाह एसेट्स … मतलब मेरे ये?
मैंने पूछा- हां सच में चाची … आपके चूचे बहुत बड़े बड़े हैं. वैसे आपका साइज़ क्या है?
चाची जी मेरी तरफ मुड़ीं और बोलीं- मैं तेरे सामने हूँ, तुझे क्या लगता है मेरा साइज़ क्या होगा?
मैंने कहा- पता नहीं.
तब उन्होंने खुद बताया- मेरा 36-32-38 का है. यह नाप तो समझता है न … इसमें 36 इंच के मेरे बूब्स हैं और 32 की कमर है और … कमर के नीचे 38 इंच की मेरी …
मेरे मुँह से निकल गया- हां चाची 38 इंच की आपकी गांड है, मैं समझ गया.
वे खिलखिला कर हंस पड़ीं और बोलीं- तो हूँ न मैं सेक्सी?
ये सुनकर मैं बोल पड़ा- हां आप बहुत सेक्सी माल हैं!
मेरे इतना बोलते ही चाची जी मेरे पास आईं और मेरे होंठों पर अपने गर्म होंठ रखकर मुझे चूमने लगीं.
मैं भी चुपचाप उनका साथ देने लगा और उनसे अपने होंठ चुसवाने लगा.
जल्दी ही चाची की जीभ मेरे मुँह में घूमने लगी.
वे पहले से ही चूत में आग लिए हुई थीं.
उनका हाथ मेरे लंड पर गया और वे उसे जोर-जोर से रगड़ने लगीं.
मैं भी उनके मम्मों पर टूट पड़ा. उनके ब्लाउज के ऊपर से ही मैंने उनकी चूचियां दबानी शुरू कर दीं.
एक हाथ से मैं उनकी चूत को पेटीकोट के ऊपर से सहलाने लगा.
चाची जी मादक सिसकारियां लेने लगीं और बोलीं- मुझे नंगी कर दे, ताकि मैं तुझ पर टूट पड़ूँ. मैंने सुना है तू सांड की तरह चोदता है, रगड़-रगड़ कर चूत फाड़ देता है. मुझे भी वैसे चोद दे!
मैंने उन्हें और तड़पाया- अभी तो आपको मायके जाना है ना?
वे गुस्से में बोलीं- मेरी चूत में आग लगी है, मायके जाकर चुदवाऊं या यहीं तेरे लंड से चुद जाऊं?
मैंने कहा- अच्छा, तो मायके जाने का ये प्लान था!
वे बोलीं- वह सब छोड़, आज तू मेरी चूत को खुश कर दे!
मैंने ज्यादा तड़पाना ठीक नहीं समझा और उन्हें चूमने लगा.
करीब पांच मिनट तक मैंने उनकी जीभ चूसी, उनके होंठ खाए. वे पूरी तरह कामुक हो चुकी थीं.
मैंने उनका ब्लाउज और पेटीकोट उतार फेंका. अब वह सिर्फ ब्रा और पैंटी में थीं.
उनकी चूचियां और कसी हुई चूत को देखकर लगा जैसे मियां खलीफा मेरे सामने हो.
मैंने उन्हें नीचे बैठने को कहा.
वे तुरंत मेरे सामने घुटनों पर बैठ गईं.
मैंने अपना तना हुआ लंड उनकी आंखों के सामने रख दिया.
चाची जी ने लंड देखकर कहा- बहुत दिनों की चाहत थी इस लंड से चुदने की, आज पूरी होगी!
इतना कहकर उन्होंने मेरा लंड मुँह में ले लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने लगीं.
मैं सिसकारियां लेने लगा- चाची, जोर जोर से चूस आह … मेरी रंडी बन जा!
वे किसी प्रोफेशनल रंडी की तरह मेरा लंड चूसने लगीं.
कुछ देर बाद मैं उनके मुँह में झड़ गया.
उन्होंने सारा माल पी लिया और लंड को चाटकर साफ कर दिया.
फिर वे मुझे चूमने लगीं.
मैंने उनकी ब्रा खोल दी और उनके निप्पलों को मसलने लगा.
उनकी चूचियां मैंने इतनी जोर से दबाईं कि वे दोनों लाल हो गईं.
मेरे दांतों के निशान उनकी चूचियों पर साफ दिख रहे थे.
फिर मेरा एक हाथ उनकी चूत पर गया.
उनकी चूत पूरी गीली थी.
मैंने उनकी आंखों में देखा तो वे शर्माने लगीं.
मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और उनकी चूत पर मुँह लगा दिया.
उनकी चूत को चाटते हुए मैंने एक उंगली अन्दर डाली.
वे थरथराने लगीं और बोलीं- मैं झड़ने वाली हूँ!
मैंने उंगली तेज तेज अन्दर-बाहर की और उनकी चूत चाटता रहा.
कुछ ही पलों बाद वे चिल्लाती हुई मेरे मुँह में झड़ गईं.
झड़ने के बाद वे बोलीं- तूने बिना चोदे मेरी चूत शांत कर दी. लेकिन मेरी चूत को तेरा लंड चाहिए. मेरी चूत में अपना मूसल डाल दे!
अब तक मेरा लंड फिर से फनफनाने लगा था.
मैं उनके ऊपर चढ़ गया.
चाची जी ने खुद मेरा लंड अपनी चूत के मुँह पर सैट किया और गांड ऊपर उठाने लगीं.
तभी मैंने एक जोरदार धक्का मारा. लंड का टोपा उनकी चूत में घुसा.
वे चीखीं- आआ आह मर गई …
लेकिन मैंने झट से उनके मुँह पर अपना मुँह रख दिया जिससे उनकी आवाज मेरे मुँह से दब गई.
चाचा का लंड मेरे से काफी छोटा और पतला था, इसलिए चाची की चूत को मेरे लंड ने चौड़ा कर दिया.
मैंने दूसरा धक्का मारा, आधा लंड अन्दर गया. वे छटपटाने लगीं.
तीसरे धक्के में मेरा पूरा लंड उनकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया.
अब वे मेरे मुँह से अपना मुँह हटा कर चिल्लाने लगीं- आआआह … अवी, मेरी चूत फट गई!
मैंने बिना रुके धक्के मारने शुरू कर दिए. उनकी चूत से पच-पच की आवाजें आने लगीं.
कुछ देर बाद वे भी नीचे से गांड उठाकर धक्के देने लगीं.
पांच मिनट की चुदाई के बाद उन्होंने मुझे टांगों से जकड़ लिया और मेरी पीठ पर नाखून रगड़ने लगीं.
चाची चिल्लाती हुई झड़ गईं.
अब मेरा भी होने वाला था. मैंने जोर-जोर से धक्के मारे और उनकी चूत में ही झड़ गया.
वे मुझे सहलाती हुई बोलीं- मेरे सोने लाल से भी बेहतर चोदता है तू!
वे चाचा को सोने लाल कहती थीं.
फिर चाची मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं.
जल्द ही मेरा लंड फिर से खड़ा हुआ तो वे मेरे ऊपर चढ़ गईं और मेरे लंड पर सवारी करने लगीं.
उनकी चूचियां उछल रही थीं.
वे सिसकारियां लेती हुई बोलीं- क्या मस्त लंड है तेरा!
कमरे में सिर्फ ठप-ठप की आवाजें गूँज रही थीं.
फिर वे गालियां देने लगीं- मादरचोद, मेरी सहेली को पहले क्यों चोदा? भोसड़ी के, अब मेरी चूत फाड़ दे!
मैंने उन्हें नीचे लिया, उनकी गांड के नीचे तकिया रखा ताकि उनकी चूत खुलकर मेरे सामने आए.
मैंने लंड उनकी चूत पर सैट किया और एक ही धक्के में पूरा लंड अन्दर पेल दिया.
वे चीख उठीं- उईईई … मेरी चूत!
मैं बिना रुके उनकी चूत को चोदता रहा. मेरा लंड उनकी बच्चेदानी से टकरा रहा था.
वे चिल्ला रही थीं- आआआह … साले ने मार डाला … आह बहन के लंड ने मेरी चूत फाड़ दी!
मैं भी गालियां देने लगा- साली, तू और तेरी सहेली शादी से पहले ढेर सारे लंड खा चुकी हो. रंडी, आज से तू मेरी पर्सनल रंडी है!
मैंने उनकी चूत को और जोर-जोर से चोदा.
क्रेजी सेक्स से पच-पच की आवाजें पूरे कमरे में गूँज रही थीं.
आखिरकार मैं उनकी चूत में फिर से झड़ गया और उनके ऊपर ही ढेर हो गया.
चाची जी की चूत मेरे लंड से पूरी तरह संतुष्ट थी.
वे बोलीं- अवी, तूने मेरी चूत की आग बुझा दी. अब जब भी मेरी चूत में खुजली होगी, मुझे तेरा लंड चाहिए होगा!
मैंने कहा- हां चिकनी चाची आपकी चुत का भोसड़ा बनाने के लिए मेरा लंड सदैव रेडी रहेगा!
तो दोस्तो, यह थी चाची की चुदाई की कहानी.
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