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जिम में मेरे खड़े लंड पर गांड रगड़ने लगी आंटी - Indian Sex Stories

मेरा नाम प्राश है, और मुझे आंटी और बड़ी उम्र की औरतें हमेशा से पसंद रही हैं। उनकी मादक हंसी, वो हिलती हुई गांड, और वो नजाकत भरा अंदाज़ मेरे दिल को छू जाता है। ये कहानी आपके लिए है, अगर आपको चुदाई, गांड मराई, आंटी को पटाने की कला, थ्रीसम या ग्रुप सेक्स की कहानियां पसंद हैं। इस कहानी में सब कुछ है—चूत की गर्मी, गांड का मज़ा, और बीच में एक ऐसा ट्विस्ट जो आपको हैरान कर देगा। ध्यान से पढ़िए, क्योंकि ये कहानी आपको शुरू से अंत तक बांधे रखेगी।


मेरे मोहल्ले में शर्मा जी का पुराना मकान था, जो वो बेचना चाहते थे। कई महीनों तक कोई खरीददार नहीं आया। फिर एक दिन एक फैमिली मकान देखने आई। उसमें एक खूबसूरत औरत, उनका पति, और उनका 18 साल का बेटा था, जो कॉलेज में फर्स्ट ईयर में पढ़ता था। मुझे लगा ये लोग बस देखने आए हैं, खरीदेंगे नहीं। वो बिना कुछ बोले चले गए। लेकिन कुछ हफ्तों बाद सुबह-सुबह एक ट्रक आया, जिसमें ढेर सारा सामान था। उसी फैमिली के लोग सामान उतार रहे थे। उनके पीछे एक लग्जरी कार आई, और वही लोग उतरे। वो सामान अंदर रख रहे थे, लेकिन कुछ छोटा-मोटा सामान बाहर छोड़कर चले गए।


बाद में अंकल और उनका बेटा राहुल बाकी सामान अंदर ले जा रहे थे। तभी आंटी बाहर आईं, और उन्हें देखकर मेरी सांसें थम गईं। आंटी का नाम रीना था। उम्र 38-39 साल, गोरा रंग, चेहरा ऐसा कि कोई भी देखकर पागल हो जाए। उनका फिगर 36-28-38 था। उनकी गांड इतनी गोल और भारी थी कि देखते ही मेरा लंड टाइट हो गया। आंटी ने काले रंग का टॉप और सफेद लेगिंग्स पहनी थी, जिसमें उनकी गांड और चूचे साफ उभर रहे थे। उनके लंबे बाल हवा में लहरा रहे थे, और वो चलती थीं तो उनकी गांड का हिलना ऐसा था कि मोहल्ले के सारे मर्दों की नजरें उन पर टिक गईं। उनके चूचे इतने रसीले थे कि कोई भी उन्हें देखकर पानी-पानी हो जाए।


मैंने मौका देखा और सामान उठाने में मदद करने का बहाना बनाया। सामान ज्यादा था, तो काम में वक्त लग रहा था। तभी अंकल को कहीं जरूरी काम से जाना पड़ा, और वो राहुल के साथ निकल गए। मैंने सोचा, ये तो मौका है आंटी से नजदीकियां बढ़ाने का। थोड़ी देर बाद आंटी ने रुकने को कहा और चाय लेकर आईं। चाय पीते वक्त हमारी बातें शुरू हुईं। राहुल थककर सो गया था, तो हम दोनों अकेले थे।


“आंटी, आप तो इतनी यंग और हॉट लगती हैं, कोई नहीं कहेगा कि आपका 18 साल का बेटा है,” मैंने तारीफ करते हुए कहा। रीना आंटी ने हंसकर जवाब दिया, “अरे प्राश, तारीफ के लिए शुक्रिया। ये सब जिम और अच्छी डाइट का कमाल है।” मैंने मौका देखकर कहा, “थोड़ा-बहुत नहीं, आंटी, आपने तो खुद को एकदम माल बनाकर रखा है। वैसे, अगर आपने कोई जिम नहीं देखी हो, तो मेरे साथ मेरे जिम चल सकती हैं।” आंटी ने मुस्कुराते हुए कहा, “अभी तो घर का काम बहुत है, लेकिन जल्दी सोचूंगी।” “कोई भी मदद चाहिए, तो बेझिझक बताइए, मैं हमेशा हाजिर हूं,” मैंने कहा। “जरूर, प्राश,” आंटी ने हंसकर जवाब दिया।


हमने बाकी सामान अंदर रखा, और आंटी ने मुझे थैंक्यू कहा। मैं घर आ गया, लेकिन मेरा दिमाग बस आंटी की गांड और उनके रसीले चूचों में अटक गया। अगले दिन सुबह मैं अपनी खिड़की से उनके घर की तरफ देखने लगा, लेकिन कोई नहीं दिखा। मैं थोड़ा उदास हो गया। अगले दिन फिर वही, तभी आंटी बालकनी में आईं और कुर्सी पर बैठकर कॉफी पीने लगीं। उन्होंने टाइट पर्पल जिम शर्ट और काली लेगिंग्स पहनी थी। उनकी गांड और चूचे इतने उभरे हुए थे कि मेरा लंड तुरंत खड़ा हो गया। आंटी ने मुझे देखा, हल्का सा मुस्कुराया, और अंदर चली गईं।


अगले दिन सुबह वो फिर बालकनी में वर्कआउट करने आईं। टाइट पर्पल शर्ट और काली पैंट में वो इतनी हॉट लग रही थीं कि मैं पागल हो गया। उनकी गांड का हर मूवमेंट मेरे लंड को और सख्त कर रहा था। मोहल्ले के बाकी लोग भी अपनी बालकनी से उन्हें घूर रहे थे, लेकिन मैंने खुद को संभाला। उसी शाम आंटी घर से बाहर निकलीं, और मैंने मौका देखकर बाइक निकाली और उनके सामने जाकर रुक गया।


“अरे आंटी, आप कहां? चलिए, मैं आपको छोड़ देता हूं,” मैंने कहा। आंटी ने मना किया, “नहीं प्राश, मैं तो बस पास के सुपरमार्केट में शॉपिंग के लिए जा रही हूं।” मैंने जिद की, “अरे, कोई तकलीफ नहीं। मुझे एक अच्छा सुपरमार्केट पता है, चलिए ना।” आखिरकार आंटी मान गईं और मेरी बाइक पर पीछे बैठ गईं। उनकी खुशबू और परफ्यूम का नशा मेरे दिमाग में चढ़ गया। मैंने जानबूझकर दो-तीन बार ब्रेक मारी, ताकि उनके चूचे मेरी पीठ से टकराएं। हर बार उनकी नरम-नरम चूचियां मेरी पीठ से लगतीं, और मेरा लंड और सख्त हो जाता। सुपरमार्केट में लोग आंटी को घूर रहे थे, लेकिन आंटी ने ध्यान नहीं दिया। हमने सामान खरीदा, और मैंने उन्हें घर छोड़ा। जाते-जाते हिम्मत करके उनका नंबर मांग लिया, और उन्होंने भी मेरा नंबर ले लिया। अंकल ने मुझे देख लिया और चाय पर बुलाया। हमने थोड़ी बातचीत की, और मैं घर आ गया।


अगले दिन आंटी का फोन आया, “प्राश, जिम के बारे में बताओ।” मैंने जिम की सारी डिटेल्स दीं और कहा, “आंटी, कल मेरे साथ चलिए, देख लीजिए।” वो मान गईं, और मैं खुशी से फूला नहीं समा रहा था। अगले दिन मैं उन्हें जिम ले गया। आंटी ने टाइट ग्रे जिम वियर और काली पैंट पहनी थी, जिसमें उनकी गांड और चूचे इतने उभरे हुए थे कि जिम के सारे लौंडे उन्हें ही घूर रहे थे। मेरा लंड तो पहले ही खड़ा हो गया था, और मैंने उसे छुपाने के लिए थोड़ी देर बैठ गया। मैंने जिम में सबको ऐसा जताया जैसे मैं आंटी का बॉयफ्रेंड हूं, ताकि कोई उनके आसपास न भटके। हमने एक घंटा वर्कआउट किया और घर आ गए।


ऐसा 4-5 दिन चला। अब कोई आंटी के पास नहीं आता था। एक दिन आंटी ने स्क्वाट के लिए मेरी मदद मांगी। मैं उनके पीछे गया, और जैसे ही वो नीचे बैठीं, उनकी गांड मेरे लंड से रगड़ने लगी। मेरा लंड एकदम टाइट हो गया, और आंटी बार-बार अपनी गांड मेरे लंड पर रगड़ रही थीं। मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ, और सेट खत्म होने के बाद मैं बाथरूम में घुसा और दो बार जोर-जोर से मुठ मारी। फिर थोड़ा वर्कआउट करके घर आ गया।


दो-तीन दिन बाद फिर आंटी ने मदद मांगी। इस बार भी वही हुआ। उनकी गांड मेरे लंड से रगड़ रही थी, और मेरा 7 इंच का लंड पैंट में साफ दिख रहा था। आंटी ने उसे देख लिया, और शायद वो थोड़ा झिझक गईं। उस दिन हमने ज्यादा बात नहीं की। एक हफ्ता ऐसे ही गुजर गया। हम रोज जिम जाते, लेकिन आंटी ने मुझे फिर मदद के लिए नहीं बुलाया। मैं सोच रहा था कि अब आगे कैसे बढ़ूं। एक दिन मैंने देखा कि राहुल कॉलेज जा रहा है, और अंकल अपने काम पर निकल गए। यानी आंटी घर पर अकेली थीं। ये जानकर मेरा मन खुश हो गया।


अगले दिन सुबह मैं आंटी के घर गया। आंटी टीवी देख रही थीं। उन्होंने हरे रंग की साड़ी और लाल ब्लाउज पहना था, जिसमें वो बेहद सेक्सी लग रही थीं। आंटी ने मुस्कुराकर कहा, “अरे प्राश, आज कैसे?” मैंने मजाक में कहा, “बस अपनी जिम पार्टनर, खूबसूरत संतूर मम्मी को देखने आया।” आंटी हंस पड़ीं, “तुम भी ना, मौका नहीं छोड़ते तारीफ करने का। बैठो, मैं कॉफी लाती हूं।” कॉफी रखते वक्त उनका पल्लू गिर गया, और गुलाबी ब्रा में उनके रसीले चूचे साफ दिखने लगे। मेरी आंखें फटी रह गईं। आंटी ने जल्दी से पल्लू संभाला और शर्माकर अंदर चली गईं। मैं भी वहां से निकल गया।


अगले दिन फिर सुबह मैं उनके घर गया। दरवाजा खुला था, और मैं अंदर चला गया। कोई नहीं दिखा, लेकिन बेडरूम से सिसकारियों की आवाजें आ रही थीं। मैं चुपके से गया तो देखा आंटी बेड पर थीं। उन्होंने ऊपर कंबल ओढ़ा था, लेकिन नीचे वो अपनी चूत में उंगली कर रही थीं। “आआह्ह… आआह्ह… ऊऊम्म…” उनकी सिसकारियां सुनकर मैंने भी अपना लंड बाहर निकाला और हिलाने लगा। 10 मिनट बाद उनकी आवाजें रुकीं, और मैंने भी बंद कर दिया। मैं बाहर गया और घंटी बजाई। आंटी पसीने में भीगी हुई बाहर आईं। मुझे बैठने को कहा और कॉफी बनाने किचन चली गईं।


किचन में मैं उनके पीछे गया। तभी आंटी ने बम फोड़ा कि उनकी सास आज आने वाली हैं। मेरा मूड खराब हो गया, क्योंकि अब आंटी के साथ अकेले में वक्त मिलना मुश्किल था। मैं नाराज होकर घर आ गया। अगले दिन आंटी की सास आ गईं। उनकी सास की उम्र 55-60 थी, लेकिन वो 45-50 की लगती थीं। उनका फिगर 34-30-36 था, चूचे और गांड अभी भी टाइट थे। वो मॉडर्न कपड़े पहनती थीं, और दिल्ली में रहकर रिटायर हुई थीं। उन्हें देखकर भी लंड खड़ा हो सकता था।


अब मेरा आंटी के घर जाना कम हो गया। एक शाम मैं आंटी को जिम लेने गया, तो उनकी सास भी साथ आईं। सास ने गुस्से में कहा, “जल्दी घर आना, देर मत करना।” मैं समझ गया कि अब इनके सामने कुछ करना मुश्किल है। जिम में मैंने फिर आंटी की मदद के बहाने उनके चूचों के पास हाथ रखा और लंड उनकी गांड पर रगड़ा। आंटी ने कुछ नहीं कहा, लेकिन मुझे लगा कि मैंने हद पार कर दी। घर जाते वक्त मैंने कहा, “आंटी, चलिए थोड़ा शॉपिंग कर लें।” वो मान गईं। मैंने उनके लिए एक रेड टॉप खरीदा, और वो उसे ट्राय करके आईं।


आंटी ने पूछा, “कैसी लग रही हूं?” मैंने कहा, “आंटी, सच बोलूं, आप इतनी हॉट लग रही हैं कि मैंने आज तक ऐसी औरत नहीं देखी।” आंटी शरमाकर हंस दीं। हम घर आ गए। अगले दिन मैंने उन्हें मूवी के लिए बुलाया। वो जिम के बाद मेरे साथ मूवी देखने गईं। मूवी में हॉट सीन आया, तो आंटी ने अनजाने में मेरा हाथ पकड़ लिया। मैंने उनका चेहरा पकड़ा और 5 मिनट तक किस किया। आंटी ने भी मेरा साथ दिया। बाद में रात को उनका मेसेज आया कि ये गलत हुआ। मैंने सॉरी बोलकर मामला शांत कर दिया।


अगले दिन मैंने देखा कि सास बाहर गई हैं। मैं आंटी के घर गया। खिड़की से देखा तो आंटी किचन में उंगली कर रही थीं। मैंने घंटी बजाई, और वो बाहर आईं। मैं उनके पीछे किचन में गया और उनकी गांड पर लंड रगड़ने लगा। आंटी ने विरोध किया, लेकिन मैंने उनकी गर्दन पर किस करना शुरू किया। फिर मैंने उनके टॉप में हाथ डाला और ब्रा के ऊपर से चूचे मसलने लगा। आंटी सिसकारियां लेने लगीं, “उम्म… स्स्स… ऊम्म…” मैंने उनकी पैंटी में हाथ डाला और चूत सहलाने लगा। वो चिल्लाईं, “आआह्ह… यस्स… आआह्ह…” तभी अंकल और सास आ गए। मैं हॉल में जाकर बैठ गया।


शाम को जिम में आंटी ने फिर मेरे लंड पर गांड रगड़ी। मैंने उन्हें यूनिसेक्स बाथरूम में बुलाया। वहां मैंने उनके कपड़े उतारे और चूचे मसलने शुरू किए। आंटी की सिसकारियां गूंजने लगीं, “उम्म… स्स्स… आआह्ह…” मैंने अपना 7 इंच का लंड निकाला। आंटी चौंक गईं, “इतना बड़ा लंड? मेरे पति का तो बस 3 इंच का है।” मैंने उन्हें घुटनों पर बिठाया और लंड मुंह में दे दिया। वो “स्लर्प… स्लर्प…” की आवाजें निकालने लगीं। 5 मिनट बाद मैंने उनकी चूत में उंगली की, और जब वो गीली हो गई, तो लंड अंदर डाल दिया।


आंटी चीखीं, “आआह्ह… धीरे…” मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाए। आंटी की सिसकारियां तेज हो गईं, “आआह्ह… प्राश… आआह्ह…” 15 मिनट तक चोदने के बाद मैंने सारा माल उनके मुंह पर छोड़ दिया। हमने शावर लिया और बाहर आ गए। अंकल हमें लेने आए थे। मैंने कहा, “वर्कआउट ठीक था।” आंटी शरमा गईं।


कुछ दिन बाद मैं रात को उनके घर गया। अंकल टीवी देख रहे थे। आंटी ने मिठाई देने के बहाने मुझे किचन बुलाया। मैंने उनकी पैंटी में हाथ डाला और चूत चाटने लगा। आंटी सिसकारी, “उम्म… आआह्ह… प्राश…” तभी अंकल आने लगे, तो मैं टेबल के पीछे छुप गया। अंकल ने आंटी से रोमांस शुरू किया, और मैं उनकी चूत में जीभ घुमाता रहा। बाद में वो बेडरूम चले गए। खिड़की से देखा तो अंकल 10 मिनट में झड़ गए। आंटी गुस्से में डिल्डो से अपनी चूत चोदने लगीं, “आआह्ह… प्राश…” मैं घर आ गया।


दो दिन बाद मेरे घरवाले बाहर गए। मैंने आंटी को बुलाया। वो गुलाबी गाउन में आईं। मैंने उन्हें बेड पर लिटाया और 10 मिनट तक उनके होंठ चूसे। फिर उनकी चूत चाटी, और वो मेरा लंड चूसने लगीं, “स्लर्प… स्लर्प…” मैंने उनका गाउन उतारा और चूत में लंड डाला। आंटी चिल्लाईं, “आआह्ह… चोद मुझे… मैं तेरी रंडी हूं…” मैंने 10 मिनट तक धक्के मारे, फिर मिशनरी में चोदा। आंटी चीख रही थीं, “आआह्ह… फाड़ दे मेरी चूत…” तभी सास ने हमें देख लिया।


सास गुस्से में थीं, लेकिन अचानक वो मेरे सामने घुटनों पर बैठ गईं और मेरा लंड चूसने लगीं, “स्लर्प… स्लर्प…” फिर वो मेरे मुंह पर बैठ गईं, और मैं उनकी चूत चाटने लगा। वो चिल्लाईं, “आआह्ह… चोद मुझे…” मैंने उन्हें टेबल पर लिटाया और चूत में लंड डाला। आंटी पास आईं, और मैं उनकी चूत में उंगली करने लगा। फिर आंटी की सास ने उनकी चूत चाटी, और मैं उनकी गांड मारने लगा। आधे घंटे की चुदाई के बाद हम सोफे पर सो गए।


अगले हफ्ते अंकल ने मुझे रीना और उनकी मां को फार्महाउस ले जाने को कहा। हम वहां पहुंचे। रात को दोनों ने 69 में चूत चाटी। मैंने भी लंड निकाला, और दोनों उसे चूसने लगीं। फिर आंटी मेरे लंड पर उछलने लगीं, और सास मेरे मुंह पर बैठ गईं। रात भर हमने अलग-अलग पोजीशन में चुदाई की। सुबह सास ने काम निपटाया, और हम गांव घूमे। रात को फिर ताबड़तोड़ चुदाई हुई। अगले दिन सुबह 2 घंटे की चुदाई के बाद हम घर लौट आए।


अब मैं आंटी के घर जाता हूं और दोनों में से किसी ना किसी को चोदता हूं। सास ने भी जिम जॉइन कर लिया है, और हम तीनों मिलकर चुदाई करते हैं। अंकल को कुछ पता नहीं, और मैं हर पोजीशन में दोनों को चोद चुका हूं। अगर आपको कोई नई पोजीशन या चुदाई का तरीका पता हो, तो बताइए, मैं आजमाऊंगा। Indian Sex Stories

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Guest
Nov 08
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Bakwas

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