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मेरी दुकान में काम करने वाली सेल्स गर्ल की चुदाई - Antarvasna Sex Stories

मेरा नाम राजेश है।


मैं एक बीटेक पास बंदा हूँ और मेरा घर उत्तर प्रदेश के लखनऊ जिले के एक शहर में है।


मेरा रंग गेहुंआ खुलता सफेद है और मेरा कद पांच फिट तीन इंच है।


मैं देखने में बुद्धिमान हूँ। सेल्स गर्ल सेक्स कहानी 2015 की है, जब मैं बीटेक करके घर आया था और अपने पारिवारिक कपड़े की दुकान में बैठा था।


उस समय मेरी दुकान पर एक लड़की काम पर आई थी. उसका नाम (बदला हुआ नाम) किरण था।


उसका विवाह हो चुका था।


वह मेरी दुकान पर ग्राहक सेवा करती थी।


किरण बहुत सुंदर नहीं थी।


उसकी छाती भी 32 इंच की थी, लेकिन उसकी चूतड़ बड़े थीं।


वह हर समय सलवार सूट पहनती थी।


वह एक गरीब परिवार से थी, लेकिन वह हमेशा सुंदर कपड़े पहनती थी।


किरण के दो पुत्र थे।


वह एक कमरा किराए पर लेकर यहां रहती थी।


क्योंकि मैं अपनी पढ़ाई पूरी करके काम करने की कोशिश कर रहा था


मैं शॉप पर बैठा रहता था जब तक काम नहीं मिला था।


इस तरह लगभग पांच महीने गुजर गए।


मैंने कभी गन्दी नज़र से किरण को नहीं देखा था।


मेरी खरीददारी साड़ी की थी, इसलिए बहुत ही खूबसूरत महिलाये आती थीं।


मैं अपनी रोजी रोटी खराब नहीं कर सकता था, इसलिए मुझे उन्हें देखकर भी नजर अंदाज करना पड़ता था।


किरण मुस्कुराती थी जब काम करते हुए उसका हाथ मेरे हाथ से टकरा जाता था।


उस समय मुझे भी अपने पैंट में कुछ उठते हुए महसूस होने लगता था।


मुझे लगता था कि मेरा लंड कहीं घुसने की जगह खोज रहा था।


किरण भी इसे देखकर मुँह छिपाकर हंसने लगी।


कुछ दिन इसी तरह बीत गए।


अब किरण मुझसे बात करने लगी और हमारे बीच कुछ सेक्स की बातें होने लगी।



थोड़ा हंसी-मजाक भी होने लगा था।


मैं भी उसकी यौन जीवन की बात करने लगा।


वह मेरे साथ यौन संबंधों पर चर्चा करने में बहुत उत्सुक दिखने लगी।


मुझे लगता था कि ये मुझसे छुदवा सकती हैं।


पर मैं भी कुछ घबरा गया क्योंकि वह मेरी उत्तराधिकारी थी और अगर वह मेरी बात नहीं मानती तो मेरी इज्जत खतरे में पड़ जाएगी।


हम दोनों एक दिन दुकान में अकेले बैठे थे।


उस दिन कोई विशिष्ट ग्राहक भी नहीं था।


किरण से मैं बात करने लगा।


तुरंत चुदाई का मुद्दा उठाया गया।


मैंने उससे पूछा कि आपके पति आपको कितने दिन तक एक साथ सुलाते हैं?


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किरण ने समझा कि मैं पूछ रहा हूँ कि उसके पति उसे कितने दिनों में चोदते हैं।


मैं अपने पति से खुश नहीं हूँ, कहकर वह रोने लगी। वे न तो मेरे साथ रहते हैं और न ही मेरे पास आते हैं। मैं अपने पति से चार साल पहले मिले हूँ। मैं तभी से सेक्स नहीं किया है।


मैंने कहा, “ओके, लेकिन क्या आपको अपने पति के साथ सेक्स करने में मजा आता था?”


उसने स्पष्ट रूप से कहा कि मुझे अपने पति के साथ सेक्स करने में सिर्फ एक बार मजा आया था। उस दिन मेरी शादी हुई। उसके साथ सेक्स करने से आज तक मुझे कभी मजा नहीं आया। मैंने उसे छोड़ दिया क्योंकि वह बहुत अधिक शराब पीता था।


ये सब कहते हुए वह बहुत भावुक हो गई।


मैं उसे दूसरे स्थान पर अपनी बांहों में लेकर उसे चुप कराने की कोशिश करता।


लेकिन क्योंकि यह एक दुकान थी, मैंने उससे कहा कि किरण, अभी रो मत, यह अच्छा नहीं लगेगा।


वह चुप हो गई।


हम दोनों तुरंत एक महिला ग्राहक से मिल गए।


फिर दूसरे दिन, जब मैं अकेला था, मैंने किरण से मजाक करना शुरू किया और हमारी बातें जल्दी ही कामुक हो गईं।


उसने कहा कि यदि आप चाहें तो मुझे खुश कर सकते हैं।


सेक्स की बात करते हुए मैंने कहा कि खुश होने के लिए क्या मुझे तुम्हारे ऊपर चढ़ना पड़ेगा?


वह इतराकर चढ़ गई। मैं विरोध नहीं करूँगा।


अब यह स्पष्ट था कि मैं उसे चोद सकता था।


उस समय मैं काउंटर के पीछे बैठा था और उसे पास बुलाकर उसकी गांड पर हाथ फेर दिया।


उसने मुस्कराया।


मैंने पूछा: क्या अब आप अपनी पैंटी दिखा सकते हैं?


उसने अपनी लैगी नीचे करके लाल पैंटी दिखाई।


मैंने महसूस किया कि यह मेरे जीवन में पहली बार हुआ था।


उसी दिन रात में बदनसीबी में एक दुर्घटना हुई, जिसके परिणामस्वरूप मेरा एक पैर चोटिल हो गया।


वह रोती हुई मेरे सामने आकर बैठ गई जब मैं तीन महीने तक हॉस्पिटल में था।


मैंने सोचा कि वह मेरी इस स्थिति को देखकर मुझसे बात करना छोड़ देगी।


लेकिन उसका प्यार और विकसित होने लगा।


मैं धीरे-धीरे दुकान पर बैठने लगा और सामान्य जीवन जीने लगा।


मैं इतना हंसमुख था कि आज भी लोग मुझे प्यार करते हैं और मेरे कारण मेरी दुकान में अच्छी बिक्री होती हैं।


जब हम दोनों एक दिन शॉप पर थे, मैंने उससे पहले एक किस मांगी तो उसने मना कर दिया।


बाद में, वह खुद मुझे दुकान के कोने में ले जाकर किस करने लगी।


वह मेरा पहला किस था जिसे आज भी आंखें बंद करके महसूस करता हूँ।


मेरा हाथ उसकी छाती पर चला गया और उसके दोनों होंठों को जीभ से चीरते हुए उसके मुँह में अंदर तक पहुंचा।


अब हम एक दूसरे को स्मूच किस करने लगे।


मैं कभी-कभी दोनों हाथों से उसकी चूची को दबाता था, तो कभी-कभी उसके चूतड़ों को दबाता था।


यह सीन लगभग दस मिनट चला।


आज भी मैं इस यौन कहानी को लिख रहा हूँ, तो मेरा शरीर उसे याद करके चोदने लगता है।


उस दिन से हम दोनों एक दूसरे को भरपूर किस करते थे


तब से हमारे बीच संबंध बढ़ने लगे।


काउंटर के नीचे बैठकर मैं उसके मुँह में अपना लंड चुसवाने लगा।


वह पहले मना करने लगी, लेकिन बाद में मान गई।


वह लंड पीने के लिए काउंटर के नीचे आ जाती थी जब भी कोई ग्राहक नहीं था।


एक दिन मैंने भी कहा कि मैं भी तुम्हारी चूत पीऊंगा।

उसने तुरंत हां कहा।


मैं उसकी चूत को कपड़ों के ऊपर से ही सहला रहा था, तो मुझे जन्नत सी लगने लगी।


राजेश, मुझे कुछ हो रहा है..। अब करो।


उस समय की नजाकत को देखते हुए, मैं भी उससे दूर रहना ठीक समझा।


मैं उस दिन की तारीख अच्छी तरह से याद रखता हूँ।


महीने का आखिरी हफ्ता होने से बाजार बिल्कुल शांत था।


उस दिन 28 अगस्त था।


मैंने उस से अगले दिन, 29 अगस्त को मिलने का वादा किया कि हम वाराणसी घूमने जाएंगे।


उस दिन दुकान में छुट्टी थी, इसलिए हम दोनों सुबह जल्दी घर से निकल गए।


हमने घूमने में समय नहीं जाया किया, इसलिए स्टेशन के निकट एक होटल में एक कमरा बुक करके कमरे में चले गए।


मैंने किरण से कहा कि तुम नहा कर फ्रेश हो जाओ, तब तक मैं कुछ खाना बनाता हूँ।


वह बाथरूम में गई और नहाने लगी।


तब तक मैं बाहर जाकर नाश्ता बनाकर वापस कमरे में आ गया।


नाश्ता करने के बाद हम दोनों बैठकर टीवी देखने लगे।


वह मुस्कुराकर मेरी ओर देखकर मेरी गोद में आकर बैठ गई।


हम लोगों ने एक दूसरे को किस करना शुरू कर दिया।


हमारे बीच सेक्स की आग भड़कने लगी, और हम दोनों एक दूसरे को चोद डाले।


उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए, लेकिन मुझे पता नहीं था।


उसने मेरे लंड को हाथों से मुँह में मसलते हुए तक ऐसा लगा कि मैं स्वर्ग में घूम रहा हूँ।


सच में, मुझे लगता था कि वह मेरे लिंग को पूरा निगल जाएगी।


मैं उसकी चूचियों को अब भी दबा रहा था।


राजेश, तुम भी मेरी चूत चाटो।


यह सुनते ही मैंने उसकी लैगी को उसके शरीर से अलग कर दिया और धीरे-धीरे उसकी पूरी तरह गीली पैंटी को उसके शरीर से निकाल दिया।


मैंने भी उसकी चूत चाटना शुरू कर दिया।


उसने अभी अपने कुर्ते को नहीं उतारा था, तो मैं उसकी पैंटी निकालकर उसकी चूत चाट रहा था और अपने पूरे लंड को निचोड़ रहा था।


मैंने किरण से कहा, “तुम मेरे चेहरे पर चूत रगड़ो और मैं भी तुम्हारी चूत अपने मुँह में भरना चाहता हूँ।”


किरण ने जल्दी ही ऐसा ही किया।


वह बैठ गई और मेरे मुँह पर अपनी चूत लगा दी।


मैं किरण की दोनों टांगों को फैला कर उसकी चूत को पूरे मुँह में चूस रहा था और उसकी आंखों की तरफ देख रहा था।


उसने मुझे कुछ समय देखा और फिर अपनी आंखों को बंद करके अपने चुत को चुसवाने का मजा लेने लगी।


“आह उह…” की वासना भरी आवाज ही उसके मुँह से निकलती थी।


“आह राजेश, चोदो अपने मुँह से,” वह कहती थी। मेरी चूत काट लो।


कुछ देर बाद, उसकी चूत से गर्म रस निकलता हुआ महसूस हुआ।


तो मैंने सोचा कि मेरे मुँह में किरण गिर गई है।


उसने उसी समय दोनों जांघों से मेरा सिर दबा लिया।


अब तक वह दो बार ऐसा कर चुकी थी।


मुझे भी अब रहा नहीं जा रहा था।

मैंने कहा, किरण अब नीचे लेट जाओ। मैं आपके ऊपर आना चाहता हूँ।


मैं उसे प्यार से किस करके बिस्तर पर लेट गया।


अब मैंने उसको पूरी तरह से नंगा कर दिया, एक भी कपड़ा नहीं छोड़ा।


उसके शरीर पर एक भी बाल नहीं था।


नंगी करने के बाद मैंने पहले उसकी जाँघों को अच्छी तरह चाटा, फिर धीरे-धीरे उसकी चूत पर अपना लंड रगड़ने लगा।


वह पागल हो गई और मुझसे अंदर डालने की मांग करने लगी..। जल्दी डालो।


वासना ने उसकी आंखें भर दीं।


मैं भी धीरे-धीरे उसकी चूत में लंड डालने लगा।


लंड पेलते ही ऐसा लगा कि वह मेरे लौड़े को जलती हुई भट्टी में डालकर अपनी ओर खींच रही है।


मैंने धीरे-धीरे पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया।


उसने मुझसे भी बहुत चुदवाया।


मैंने उसको डॉगी की तरह भी चोदा।


उस दिन मैंने उसे बार-बार चोदा।


हम चाय पीकर घर चले गए।


उस दिन सेक्स के बाद हम दोनों फिर कभी नहीं मिले क्योंकि वाराणसी से आने के बाद मुझे आज़मगढ़ में सरकारी नौकरी मिली।


वह मेरी दुकान से भी नौकरी छोड़ दी थी।


बाद में उसे पता चला कि उसका पति मर चुका था और उसका देवर उसके साथ शादी कर चुका था।


अब मैं किरण की तस्वीर देखकर अपना लंड हिला लेता हूँ जब भी मुझे उसकी याद आती है।


दोस्तो, मेरी Antarvasna Sex Stories कैसी लगी?

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