दोस्त की बीवी की दो दोस्तों से चुदाई - Desi Sex Stories
- Kamvasna
- 3 days ago
- 8 min read
हैलो साथियो, मैं अजय आज आपके सामने एक सच्ची और चुदाई से भरी सेक्स कहानी लेकर आया हूँ जो मेरे और मेरे दोस्त अभिनव की एक ट्रिप की है.
इस ट्रिप में अभिनव का ऑफिस का सहकर्मी रमन अपनी नई-नवेली बीवी नैन्सी के साथ आया था.
मैंने नैन्सी को चोदा, फिर अभिनव ने चोदा और फिर हम दोनों ने मिलकर उसकी चूत और गांड की ऐसी चुदाई की कि वह मस्त हो गई और खुलकर चुदी.
पांच दिन की ट्रिप में नैन्सी की चूत ने मेरे लंड का इतना स्वागत किया कि उसका पति रमन कहीं पीछे रह गया.
आज तक रमन को नहीं पता कि उसकी बीवी की चुदाई का असली मज़ा हमने लिया.
तो चलिए, पति का दोस्त सेक्स कहानी शुरू करते हैं.
मैंने और अभिनव ने पहाड़ों पर घूमने का प्लान बनाया.
रमन और नैन्सी भी हमारे साथ थे.
हम लोगों ने एक रिसॉर्ट में दो कमरे लिए जिसमें एक किचन और एक हॉल भी था.
पहली रात थी और दिन भर की ट्रैवलिंग से हम सब थक चुके थे.
होटल पहुंचकर हम फ्रेश हुए और हॉल में इकट्ठा हो गए.
वहां हमने ड्रिंक शुरू की और सिगरेट जलाकर मज़े लेने लगे.
नैन्सी और रमन भी हमारे साथ थे.
नैन्सी ने टाइट टॉप और ट्रैक पैंट पहनी थी जिसमें उसकी बड़ी-बड़ी चूचियां और टाइट गांड साफ उभर रही थी.
उसका गोरा बदन, औसत से अधिक 5 फुट 7 इंच की हाइट, बड़ी-बड़ी आंखें, रसीले होंठ और पतली कमर किसी को भी लंड खड़ा करने के लिए काफी थी.
बातें करते-करते हम सब अच्छे खासे न/शे में आ गए.
रमन तो इतनी ज्यादा पी गया कि वह पूरी तरह ढेर हो गया था.
नैन्सी ने न/शे को बड़े आराम से हैंडल किया और उसकी आंखों में एक चुदासी चमक साफ दिख रही थी.
ड्रिंक के बाद हमने दो सिगरेट जलाईं.
रमन और नैन्सी ने भी कश लिए.
लेकिन रमन जल्दी ही आउट हो गया और वहीं सो गया.
अभिनव ने रमन को उसके कमरे में सुलाया और बोला- मैं सोने जा रहा हूँ, तुम लोग मज़े करो.
अब हॉल में सिर्फ मैं और नैन्सी थे.
हम दोनों बालकनी में आ गए और सिगरेट जलाकर ठंडी हवा का मज़ा लेने लगे.
बाहर ठंड थी और नैन्सी का टॉप उसकी चूचियों को और उभार रहा था.
मैंने कहा- नैन्सी, तुम तो न/शा बड़े अच्छे से हैंडल करती हो.
वह उन्मुक्तता से हंसी और बोली- हां, कह सकते हो.
उसकी हंसी में एक कामुकता थी.
मैंने गौर किया कि वह मेरे करीब खड़ी थी और उसकी एक चूची मेरे बाजू को हल्का-हल्का छू रही थी.
मैंने खुद को रोक रखा था क्योंकि वह अभिनव के दोस्त की बीवी थी.
लेकिन उसकी हरकतें मेरे लंड को जगा रही थीं.
बातों-बातों में उसने हंसते हुए मेरा सीना छुआ और चुदासी नज़रों से मुझे देखा.
फिर वह नॉर्मल होकर बोली- कितना खूबसूरत आसमान है.
मैंने मौका देखकर फ्लर्ट किया- तुमसे ज्यादा खूबसूरत तो नहीं!
वह बोली- थैंक्यू, लेकिन आसमान ज्यादा खूबसूरत है.
उसका ऐटिट्यूड बता रहा था कि उसे अपनी खूबसूरती पर घमंड था और होना भी चाहिए.
वह थी ही कमाल की चीज़.
थोड़ी देर बाद वह बोली- मुझे कुछ ठंड सी लग रही है, एक एक पैग और बनाते हैं.
हमने एक-एक पैग बनाया और फिर बालकनी में आ गए.
अब हम एक-दूसरे के इतने करीब खड़े थे कि हमारे बदन हल्के-हल्के छू रहे थे.
मेरा लंड पैंट में तन चुका था.
मैंने हिम्मत करके उसकी कमर पर हाथ रखा और बोला- बताओ, ऐसी हसीन रात में इतनी खूबसूरत बीवी को छोड़कर कौन अकेला सोता है?
उसने मेरी तरफ देखा और उसकी आंखों में वासना की चमक थी.
वह हंसी और बोली- मूड बना लिया है क्या अजय? क्या मौसम के मज़े लेकर ही मानोगे?
उसकी बातों से मैं समझ गया कि काम बन गया है.
मैंने कहा- अच्छी चीज़ का मज़ा लेना ही चाहिए!
यह कहते हुए मैंने अपने हाथ को उसकी कमर से सरका कर उसकी आधी गांड पर फेर दिया.
उधर अपने हाथ को रोका और मैंने हल्के से उसकी गांड सहलाई.
वह मेरे और करीब सरक आई और उसकी गांड मेरे लंड को छूने लगी.
मेरा लंड उसकी गांड के अहसास से लोहा बनने लगा था.
वह लंड का अहसास करती हुई बोली- अन्दर चलते हैं!
वह अन्दर आकर पहले रमन को चैक करने चली गई कि वह सो रहा है या नहीं.
रमन को गहरी नींद में देखकर वह वापस आई और मुझ पर टूट पड़ी.
उसने मुझे सोफे पर लिटाया और मेरे ऊपर चढ़ गई.
वह मुझे बेतहाशा चूमने लगी और मेरे लंड पर अपनी चूत रगड़ने लगी.
मैंने उसके बाल पकड़ कर मुँह को खींचा और उसके रसीले होंठों पर एक जोरदार चुम्मा लिया.
उसके होंठों को अपने दांतों से हल्का सा काटते हुए मैंने कहा- नैन्सी, तेरी भूख बता रही है, तेरी सुहागरात आज मेरे साथ ही मनेगी.
वह कराहते हुए बोली- चोद-चोदकर मेरी चूत फाड़ दे यार. बहन के लौड़े इस झड़े हुए लंड से शादी हो गई है, मादरचोद साला दो मिनट में ढह जाता है.
मैंने हंसते हुए अपना लंड बाहर निकालते हुए कहा- साली, देखकर तो लगा नहीं था कि तू चुदेगी, बड़ी पतिव्रता लग रही थी!
वह तुनक कर बोली- तो क्या रंडी की तरह हरकतें करूँ?
यह कहकर उसने मेरे लंड को हाथ में पकड़ लिया.
नैन्सी ने मेरे लंड को देखा और बोली- ओ माय गॉड … क्या हथियार है!
उसने लंड को चूमा और उससे खेलने लगी.
वह कमाल की खिलाड़िन थी.
साली मेरे लंड को आइसक्रीम की तरह चाट रही थी और उसकी लंड चुसाई से मैं मस्ती में डूब गया.
उसकी जीभ लगातार मेरे लंड के टोपे पर घूम रही थी.
फिर मैंने उसे सोफे पर लिटाया और उसकी टांगें चौड़ी कीं.
उसकी चूत गुलाबी और टाइट थी.
मैंने लंड उसकी चूत पर रखा, लेकिन वह आसानी से गया नहीं.
मैंने लंड पर ढेर सारा थूक लगाया और उसकी चूत पर टिकाकर एक जोरदार झटका मारा.
मेरा 8 इंच का लंड उसकी चूत की गर्म, मखमली दीवारों को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया.
नैन्सी अकड़ गई.
उसकी चीख को दबाने के लिए मैंने उसका मुँह हाथ से बंद कर रखा था.
उसने अपनी टांगों से मेरी कमर को जकड़ लिया.
मेरा लंड उसकी चूत को चख रहा था और उसकी चूत का भोसड़ा बनने लगा.
मैंने काफी देर तक उसे चोदा और उसे सोफे में धँसा दिया.
फिर मैंने उसे सोफे से उतारा और जमीन पर घुटनों के बल बैठाकर सोफे पर झुका दिया.
उसकी गांड और चूत मेरे लंड के सामने थी.
मैं सोफे पर चढ़ा और उसकी चूत में लंड डालकर जोर-जोर से चोदने लगा.
मेरे धक्कों से उसकी गांड पर तमाचे पड़ रहे थे और हॉल ‘धप-धप’ की आवाज़ों से गूँज रहा था.
करीब एक घंटा तक हर तरह से और चोदने के बाद मैं झड़ गया.
इस बीच वह दो बार झड़ चुकी थी.
हमने कपड़े पहने और अपने-अपने कमरे में सोने चले गए.
सुबह जब रमन वॉक पर गया, मैं नैन्सी के कमरे में घुस गया.
वह पैंटी में कंबल ओढ़कर सो रही थी.
मैं कंबल में घुस गया और उसे चोदने लगा.
आधा घंटा तक चोद-चोदकर मैंने उसे जगाया.
उसके चेहरे पर संतुष्टि की हंसी थी.
वह अंगड़ाई लेती हुई बोली- अजय, तेरी चुदाई में गजब का मज़ा है.
उसे चोदकर मैं अपने कमरे में सोने चला गया.
अब अभिनव की बारी थी. वह एक नंबर का चुदक्कड़ था.
जब उसे पता चला कि मैंने नैन्सी को चोद लिया तो उसकी आंखें चमक उठीं.
दूसरे दिन हम सब खूब घूमे.
रात को फिर न/शा हुआ और रमन ढेर हो गया.
रमन के सोते ही अभिनव ने नैन्सी को पटक दिया और उस पर चढ़ गया.
नैन्सी उसकी गिरफ्त में थी.
अभिनव ने उसकी चूचियों को कसकर दबाया और दांत पीसते हुए बोला- छिनाल, तेरी शादी के दिन से तुझे चोदना चाहता था. आज तेरी चूत खा जाऊँगा.
अभिनव ने उसे दोनों हाथों से उठाया और कमरे में पटक दिया.
नैन्सी गाली देती हुई बोली- बहनचोद … तेरी बुरी नज़र मेरे यौवन पर थी, मुझे पता था. अब कर ले अपनी मुराद पूरी.
इसके बाद अभिनव और नैन्सी ने 25 मिनट तक एक-दूसरे को चोदा.
दोनों गालियां देते हुए चुदाई में डूब गए.
उस रात अभिनव ने नैन्सी को दो बार चोदा.
रात 3 बजे नैन्सी उसके कमरे से निकली.
मैं तब तक हॉल में जगा था.
नैन्सी मेरे पास आई, सिगरेट जलाकर बोली- हरामी हो तुम, अभिनव से भी चुदवा दिया!
मैंने कहा- दो दिन में दो अलग-अलग जबरदस्त लंड मिल रहे हैं और क्या चाहिए?
वह हंसी और बोली- बात तो सही है, लेकिन अजय, तुम अलग हो. तेरा लंड बहुत खूबसूरत और मादरचोद है. तेरे लंड की ताकत ही अलग है. चूत में घुसता है तो लगता है गर्म रॉड घुस गई.
मैंने कहा- तेरी चूत में भी कमाल है साली. मेरे लंड ने खूब बोरिंग की, तब जाकर तेरी चूत से पानी निकला.
थोड़ी देर चुदासी बातें चलीं. फिर नैन्सी ने मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया.
मैंने देर तक उससे लंड चुसवाया.
जब मैं झड़ा, तो नैन्सी ने मेरा सारा वीर्य पी लिया और लंड को चाट-चाटकर साफ कर दिया.
फिर वह सोने चली गई.
अगले दो दिन नैन्सी सिर्फ मुझसे चुदी.
नदी के किनारे, पहाड़ों के पीछे, रमन से छुप-छुपकर ना जाने कहां-कहां मैंने उसकी चूत मारी.
अब आखिरी रात थी.
हम सब कैंपिंग कर रहे थे.
दो टेंट लगाए थे.
एक में रमन और नैन्सी, दूसरे में मैं और अभिनव.
रात को बॉनफायर हुआ, न/शा किया और सब सोने चले गए.
थोड़ी देर तक हमने नैन्सी और रमन की चुदाई की आवाज़ें सुनीं.
नैन्सी ने रमन को थकाकर सुला दिया.
अभिनव बोला- अजय, बस एक दिन चोद पाया साली को. सोचा था आज चोदूँगा. मगर आज उसका खसम उसकी ले रहा है!
मैंने कहा- हां, मुझे भी लगा था कि तू आज मुझे रेस्ट देगा, पर साली खुद रेस्ट करने चली गई.
हम दोनों यह सोचकर भूखे सो गए कि आज चूत नहीं मिलेगी.
थोड़ी देर बाद नैन्सी अपने टेंट से निकली और हमारे टेंट में आकर मेरे और अभिनव के बीच लेट गई.
उसने मेरी तरफ मुँह किया और अपने रसीले होंठ मेरे होंठों पर रख दिए.
उसने मुझे चूसते हुए मेरी नींद खोली.
कितना प्यार भरा चुम्मा था.
हम एक-दूसरे को चूस-चूसकर चूमने लगे.
अभिनव की नींद खुल गई.
वह नैन्सी की गांड पर हाथ फेरने लगा और उसे पीछे से चूमने लगा.
वह बोला- साली, रंडी है तू. हम दोनों से चुदने चली आई!
नैन्सी बोली- बहनचोद, अजय के लंड की दीवानी हो गई हूँ. वैसे भी आखिरी रात है, सोचा तुझे भी चूत दे दूँ. तूने भी तो अच्छा चोदा था.
अभिनव बोला- एक साथ हम दोनों को झेल नहीं पाएगी तू कुतिया भाभी! तेरे इस अजय के लंड के प्यार में आज तेरी चूत और गांड की खैर नहीं!
वह हंसी और बोली- देखती हूँ!
हम दोनों ने नैन्सी को पूरी नंगी कर दिया.
मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा, उन्हें चूमने लगा.
अभिनव ने अपना मुँह उसकी चूत पर लगाया और चाटने लगा.
नैन्सी मस्ती में मचलने लगी.
फिर अभिनव ने अपना लंड उसकी चूत में डाला और तेज़ गति से चोदने लगा.
मैंने अपना लंड नैन्सी के मुँह में दे दिया.
वह चुदते-चुदते मेरा लंड चूसने लगी.
दस मिनट बाद मैंने अभिनव को हटाया और अपना लंड नैन्सी की चूत में उतार दिया.
मैंने बुलेट ट्रेन की तरह चोदना शुरू किया.
नैन्सी अपना आपा खो चुकी थी, सिसकारियां ले-लेकर चुद रही थी.
दस मिनट तक मैंने उसे धकाधक पेला.
अब उसकी गांड की चुदाई की बारी थी.
अभिनव ने उसे घोड़ी बनाया और अपना लंड उसकी गांड में ठूँस दिया.
नैन्सी चिल्ला पड़ी.
मैंने अपना लंड उसके गले तक उतारकर उसे शांत किया.
दस मिनट गांड मारने के बाद अभिनव हटा, तो मैंने लंड पर थूक लगाया और नैन्सी की गर्दन पकड़कर उसका मुँह तकिए में दबा दिया.
फिर लंड उसकी गांड पर रखकर एक जोरदार झटका मारा.
मेरा 8 इंच का मोटा लंड उसकी गांड में धंस गया.
नैन्सी के चूतड़ काँपने लगे.
वह दांतों से तकिए को काटकर दर्द भरी आवाज़ दबा रही थी.
मैंने उसकी चोटी पकड़कर उसे अपनी तरफ खींचा और उसकी पीठ को अपनी छाती से चिपका लिया.
अब नैन्सी मेरे लंड पर बैठी थी.
मैं उसकी गर्दन चूमने लगा और उसकी गांड को पीछे से उचक-उचककर मारने लगा.
वह मजा लेने लगी थी.
कोई 25 मिनट तक उसकी गांड मारने के बाद मैंने उसकी टांगों को खोल दिया.
फिर हमने एक साथ उसकी चूत और गांड मारी.
मैंने उसकी चूत में लंड डाला और अभिनव ने उसकी गांड.
तीन घंटे तक हम दोनों ने उसे सैंडविच बना कर चोदा.
इस बीच वह दो बार झड़ी, अभिनव एक बार उसकी गांड में झड़ा और मैंने उसकी चूत भर दी.
यह चुदाई इतनी शानदार थी कि झड़ने के बाद भी हम तीनों दस मिनट तक एक-दूसरे को चूमते रहे.
ट्रिप खत्म हुई.
इसके बाद नैन्सी कई बार मुझसे चुदने आई.
अभिनव ने भी रमन को दारू पिलाकर कई बार नैन्सी को पकड़-पकड़कर चोदा.
उसकी चूत और गांड की आग हमने बुझाई और रमन को कभी कुछ पता नहीं चला.
अब नैन्सी हम दोनों की रांड बन गई है और जब चाहे हम दोनों उसकी सैंडविच चुदाई करते हैं.
आपको हमारी यह Desi Sex Stories कैसी लगी, प्लीज जरूर बताएं.
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