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नेपाली चिड़िया की चूत में हिंदुस्तानी लौड़ा - Antarvasna Sex Stories

सभी प्यासी चूत वालियों को मेरा गीला लौड़ा नमस्ते, मेरा नाम शशांक रावत है, मैं अभी कॉलेज फर्स्ट ईयर में हूँ, मगर ये वाकया तब का है जब मैं बारहवीं में था। मैं सेक्स कहानियों का दीवाना था, घर में पापा को चुपके-चुपके ऐसी कहानियाँ पढ़ते देखा तो मैंने भी साइट खोल ली, पहले तो कई शब्द समझ नहीं आए, बड़े भाइयों से पूछा, फिर रात-दिन लौड़ा हिलाने के सिवा कुछ सूझता ही नहीं था।


फिर हमारे कॉलेज में एक नेपाली लड़का आया, उत्कर्ष थापा, नया था तो नोट्स मेरे से लेता था, धीरे-धीरे हम बहुत अच्छे दोस्त बन गए। एक दिन बातों-बातों में मैंने उसे सेक्स कहानियों का ज़िक्र किया, पहले तो वो शरमा गया, फिर हँसते हुए बोला कि वो तो मुझसे भी आगे है। उसके बाद हम दोनों साथ-साथ ब्लू फिल्में देखने लगे।


एक दिन मैं उसके घर नई ब्लू फिल्म की सीडी देने गया, बाहर से आवाज़ लगाई, कोई जवाब नहीं आया, दरवाज़ा खुला था तो मैं अंदर चला गया। घर में सन्नाटा था, तभी बाथरूम से पानी की आवाज़ आई, मैंने सोचा उत्कर्ष नहा रहा होगा, मैं उसके कमरे में बैठ गया। बोरियत हुई तो शरारत सूझी, मैं बाथरूम के दरवाज़े के नीचे झाँकने लगा।


नंगी-नंगी गोरी टाँगें दिखीं, मैंने मज़े लेते हुए आवाज़ लगाई, थापा जल्दी निकल, कुछ देना है। फिर कमरे में आकर बैठ गया, अंदर से कोई जवाब नहीं आया, अचानक दरवाज़ा खुला और सामने खड़ी थी उत्कर्ष की बड़ी बहन अंकिता दीदी।


सिर्फ गुलाबी तौलिया लपेटे हुए थी, गौरा बदन चमक रहा था, तौलिये से चूचियों की गोलाई साफ़ झलक रही थी, पानी की बूंदें उसके गले से होती हुई चूचियों के बीच लुढ़क रही थीं। पहली बार किसी लड़की को ऐसा देखकर मेरा लंड पैंट फाड़कर बाहर आने को बेताब हो गया, मैं शर्मा गया, लंड को दबाने की कोशिश करने लगा।


दीदी मुस्कुराई और बोली, उत्कर्ष घर पर नहीं है, बोलो क्या काम है। मैंने मेज़ पर कॉपी रखी थी, उसमें सीडी छुपाई थी, घबराकर बोला, बस नोट्स देने आया था, बाद में आ जाऊँगा। कॉपी उठाने गया तो गलती से सीडी नीचे गिर गई।


जैसे ही मैं झुका, दीदी भी झुक गई सीडी उठाने, तौलिया ऊपर खिसक गया, आधे से ज़्यादा गोरे-गोरे मम्मे बाहर आ गए, गुलाबी निप्पल साफ़ दिख रहे थे, मैं बस देखता रह गया। मेरा लंड लोहे जैसा खड़ा हो चुका था, दीदी ने मेरी पैंट पर उभरा हुआ तंबू देख लिया और शरारती मुस्कान दी। मैंने झूठ बोला, ये योगासन की सीडी है।


वो हँस पड़ी, कपड़े बदलने के बहाने अंदर चली गई। मैं डर गया, सोचा अब फटकार पड़ेगी, चुपके से निकलने ही वाला था कि अंदर से आवाज़ आई, आह्ह्ह… आह्ह्ह… रावत… रावत… जल्दी आओ। मैं डरते-डरते अंदर गया तो देखा दीदी बेड पर लेटी हुई थी, तौलिया अभी भी बदन पर था मगर पैर फैलाए हुए थी, एक हाथ अपनी चूत पर फिरा रही थी।


हँसते हुए बोली, ये कौन सा योगासन चल रहा है इसमें। मेरे मुँह से निकला, ये बाबा रामदेव का चोदासन है दीदी। वो ज़ोर से हँसी और बोली, तो मुझे भी सिखाओ ना, वरना घर जाकर सबको बता दूँगी। मेरा लंड ठंडा होने लगा था, मैं उनके पाँव पड़ने लगा, सॉरी दीदी गलती हो गई।


पर दीदी ने गलत समझ लिया, आँख मारते हुए बोली, बचना है तो मुझे भी चोदासन सिखाओ, अभी। मेरा लंड फिर से जोश में आ गया, मैंने हकलाते हुए पूछा, उत्कर्ष को पता चला तो। दीदी बोली, पूरा परिवार नेपाल गया है, तीन दिन कोई नहीं आएगा, बस तू मेरी चूत को आज चीर दे।


मैंने नाटक किया, नहीं दीदी ये गलत है, तुम मेरी बहन जैसी हो। वो उठी, मेरा हाथ पकड़कर अपनी चूत पर रख दिया, गर्म-गर्म थी, बोली, भाई-बहन का झंझट छोड़, आज चुदाई कर। उसकी आँखें लाल हो रही थीं, साँसें तेज़।


मैंने हिम्मत जुटाई, अंकिता को बाहों में खींच लिया, उसके गाल चूमने लगा, फिर नरम गुलाबी होंठों पर किस करने लगा, जीभ अंदर डाली तो वो भी पूरा साथ देने लगी, हमारी जीभें आपस में लिपट गईं, लार का आदान-प्रदान होने लगा।


किस करते-करते मेरा हाथ तौलिये की गांठ पर गया, एक झटके में खोल दिया, तौलिया फर्श पर गिर गया। वाह क्या बदन था, बिल्कुल दूध जैसा गोरा, गुलाबी निप्पल तने हुए, कमर पतली, चूत पर हल्के काले बाल, एकदम साफ़-सुथरी। मैं बस देखता रह गया।


वो बोली, बस देखोगे या कुछ करोगे भी। मैंने अपनी शर्ट-पैंट उतारी, अंडरवियर भी नीचे किया तो मेरा आठ इंच का मोटा लंड तनकर खड़ा था, सुपारा लाल हो रहा था। उसकी नज़र मेरे लंड पर अटक गई, वो बेसब्री से बोली, आज मेरे तीनों छेद भर देना।


वो घुटनों पर बैठ गई, मेरे लंड को मुँह में लिया, ग्ग्ग्ग… ग्ग्ग्ग… गी… गी… गों… गों… गोग… पूरा लंड गले तक ले लिया, आँखों में पानी आ गया मगर रुकने का नाम नहीं लिया, मैं उसकी चूचियाँ मसल रहा था, निप्पल चुटकी में लेकर खींच रहा था।


फिर मैंने उसे बेड पर लिटाया, दोनों चूचियाँ मुँह में लेकर चूसने लगा, कभी एक को, कभी दूसरी को, दाँतों से हल्का काटा तो वो सिहर उठी, आह्ह्ह… शशांक… मेरा राजा… चूस ले पूरा। मैं नीचे आया, उसकी नाभि चाटी, फिर दोनों जाँघें चूमते हुए उसकी चूत तक पहुँचा।


चूत पूरी गीली थी, रस चू रहा था, मैंने जीभ से एक लंबा चाटा मारा, वो काँप उठी, आह्ह्ह्ह… ह्ह्हा… ऊईईई… मेरी जान… खा ले पूरी। मैंने चूत को फैलाया, क्लिट पर जीभ फेरते हुए दो उँगलियाँ अंदर डाल दी, तेज़-तेज़ उँगलियाँ चलाने लगा, वो कमर उछालने लगी, आह… इह्ह… ओह्ह… शशांक… बस… आह्ह्ह्ह… ह्हीईई… मैं झड़ने वाली हूँ।


कुछ ही सेकंड में उसकी चूत से फव्वारा छूटा, पूरा रस मेरे मुँह पर, मैं पी गया। फिर मैं उसके ऊपर चढ़ गया, लंड को चूत पर रगड़ने लगा, वो बेतरह तड़प रही थी, डाल ना… अब और नहीं सहा जाता। पहले दो धक्के में लंड फिसला, तीसरे में सुपारा अंदर चला गया, वो चीखी, आह्ह्ह्ह… मर गई… बहुत मोटा है… धीरे।


मैं रुका, फिर एक ज़ोर का धक्का मारा, आधा लंड अंदर, खून निकल आया, उसकी कुंवारी चूत फट चुकी थी, वो रोने लगी पर बोली, रुक मत… पूरी डाल दे। मैंने वैसलीन लगाई और एक और ज़ोरदार धक्का मारा, पूरा लंड जड़ तक चला गया, वो चीखी, आआअह्ह्ह्ह… ऊईईई माँ… फट गई… मगर अब मज़ा भी आने लगा था।


मैं धीरे-धीरे चोदने लगा, फिर स्पीड बढ़ा दी, पट-पट-पट-पट की आवाज़ पूरे कमरे में गूँजने लगी, वो भी नीचे से कमर उछाल रही थी, आह… ह्हा… और तेज़… चोद मुझे… फाड़ दे चूत… आह्ह्ह… ऊउइइ… मैं तेरा राजा… तू मेरी रंडी। दस-पंद्रह मिनट तक मिशनरी में चोदने के बाद वो दो बार झड़ी, चूत से फिर रस बह निकला।


फिर मैंने उसे घोडी बनाया, पीछे से लंड पेल दिया, उसकी गोरी गाँड चमक रही थी, मैं गाल थपथपा रहा था, लंड अंदर-बाहर कर रहा था, वो चिल्ला रही थी, आह्ह्ह… गाँड में भी डाल… आज सब छेद भर दे। मैंने उँगली से गीला किया और धीरे से गाँड में डाली, वो सिहर उठी, फिर लंड गाँड में भी चला गया, कुछ देर गाँड मारी।


अब मैं झड़ने वाला था, पूछा कहाँ गिराऊँ, वो बोली मेरे मम्मों पर। मैंने लंड निकाला, उसके चूचियों के बीच सारा गाढ़ा माल उड़ेल दिया, उसने उँगलियों से मल लिया और चाट भी लिया।


फिर हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे से लिपटकर लेटे रहे, पसीना-पसीना हो गए थे। उसके बाद साथ नहाए, मैंने फिर बाथरूम में ही उसे दीवार से सटा कर एक राउंड और मारा। वो ठीक से चल भी नहीं पा रही थी, मैंने सहारा देकर छोड़ा।


कुछ दिन बाद उसका परिवार नेपाल से वापस आ गया, फिर ऐसा मौक़ा नहीं मिला, मगर यादें आज भी लंड खड़ा कर देती हैं। वैसे मेरे एक दोस्त ने बाद में थापा की मम्मी को भी चोद डाला था, नेपाली औरतें सच में बहुत हॉट होती हैं।


कैसी लगी मेरी Antarvasna Sex Stories ?

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