पड़ोसन पंजाबन आंटी की चूत और गांड चुदाई - XVideos
- Kamvasna
- Oct 31
- 6 min read
गुलाबी, काली और सफेद चूतों को मेरा नमस्कार।
अमन मेरा नाम है। मैं जाट हूँ और हिसार, हरियाणा में रहता हूँ।
मेरी हाइट पांच फुट आठ इंच है। यह सफेद है। मेरी उम्र २२ वर्ष है। मैं सुंदर शरीर और सुंदर दिखने वाला हूँ।
बातों में और चेहरे के भावों से मैं लड़की या भाभी को आकर्षित करता हूँ।
मैंने अभी तक चार लड़कियों और दो भाभियों के साथ ताबड़तोड़ यौन संबंध बनाए हैं।
तीन-चार साल से मैं कामवासना पर कहानियां पढ़ता आ रहा हूँ।
यह मेरी पहली कहानी है।
मोटे चूचे और मोटी गांड वाली पंजाबन सेक्सी आंटी मेरे पड़ोस में रहती थीं। हर दिन मैं कुछ बहाने से उनके घर जाता था। मैं जानता था कि उस दिन मैं पूरी दुनिया घूमूँगा।
मैं आगे बढ़ने से पहले आपको उन पंजाबन आंटी के बारे में बताता हूँ।
उनका रंग सफेद दूध और टमाटर का लाल था। उनके पीछे मोटे मोटे चूतड़ मस्त हो गए। मम्मे सफेद सेब पर काले अंगूर की तरह हैं।
उनकी चूत गुलाब की पंखुड़ी की तरह थी। बीच में तितली जैसी काली पंखुड़ी, चारों तरफ गुलाबी और सफेद कचौड़ी।
आंटी भी मेरे साथ हंसी-मजाक करती रहती थीं।
मैं भी उनके साथ छेड़खानी करता रहता था।
वह कभी मेरी बातों को बुरा नहीं मानती थीं।
यह कुछ महीने पहले की बात है। 2020 में लॉकडाउन था।
एक शाम आंटी ने मुझे अपने घर बुला लिया। गेहूं की टंकी को साइड में करवाने के लिए उन्हें मेरी जरूरत थी।
तब वह और उनके ससुर आंटी के घर पर रहते थे।
मैं सीधे तीसरी मंजिल पर सबसे ऊपर वाले कमरे में गया।
आंटी उधर सफाई कर रही थीं।
आंटी ने लोवर और काले कलर की टी-शर्ट पहन रखा था।
मुझे अंदर कमरे में कुछ काम बताए।
मैंने उनके साथ काम किया।
उस समय, मैं उसके बड़े-बड़े चुचों का काला अंगूर देखता था जब भी वह कुछ उठाने के लिए नीचे झुकती थी।
मैं इतना पागल हो गया कि मेरा सोता हुआ शेर दहाड़ मारने लगा।
यह भी आंटी ने इधर-उधर देखते हुए देखा।
यह भी उनके पास था।
वे कभी कुछ कहकर, कभी कुछ करके मुझे परेशान करने लगीं।
थोड़ी देर बाद आंटी ने कहा, “तुम एक काम करो, यह कुर्सी और मेज उठा कर बाहर रख दो।” मैं पांच मिनट में आ जाऊँगा।
मैं हामी भर गया।
मैं पांच मिनट बाद आंटी को बाहर देखता ही रह गया।
उन्हें ढीला सा कुर्ता पहना हुआ था, जिससे उनकी मोटी चूचियां साफ दिख रही थीं।
वह बिना ब्रा के कुरता पहनकर आई थीं और नीचे एक बहुत ही टाइट, कम शॉर्ट कैपरी पहनकर आई थीं।
उनके कुर्ते से उनके मोटे मोटे चूचे साफ दिखाई दे रहे थे।
जब मैं उनके स्तनों को देखता रहा, तो उन्होंने यह भी बताया।
वे अपने काम में लगी रहीं और जानबूझकर अपने स्तन मुझे दिखाते रहते थे।
मैं आंटी के पास खड़ा रहा।
फिर मैं आंटी के बड़े-बड़े चूचों पर मुँह फेरते हुए नीचे झुकने लगा।
आंटी बाहर निकली।
मैंने कहा, “आंटी, आप गलती से लग गए।”
मुस्कुराते हुए आंटी ने कहा, “मुझे पता है कि सब अनजाने में लगा है या जाने में है!”
मैं नीचे खड़ा हो गया।
तुम मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो? तुम्हें शर्म नहीं आती कि मैं तुमसे कितनी बड़ी हूँ? आंटी बहुत पास आकर पूछा।
उनकी बातों से मुझे बहुत डर लगा।
मैं बिना कुछ कहे चला गया।
तब आंटी ने कहा, “रुक जा, वरना तुम्हारी माँ को सब बता दूंगी।”
मैंने आंटी को बताया, “आगे से ऐसी गलती नहीं होगी, आंटी।”
तुम्हारी कोई प्रेमिका नहीं है जो ऐसा व्यवहार करता है, आंटी ने पूछा।
मैंने कहा, “है आंटी, लेकिन वह कुछ भी नहीं करने देती।”
क्या करना है? आंटी ने पूछा।
मैंने कहा कि मैं आपको बहुत पसंद करता हूँ, आंटी। मैं तुम्हें प्यार करता हूँ।
तुमने मुझमें क्या देखा, आंटी?
मैंने कहा, आंटी, आप में कुछ देखने लायक है; सब कुछ छूने लायक है।
उसने फिर से कहा कि तुम अभी इन कामों के लिए बहुत छोटी हो।
मैंने कहा, “नहीं आंटी, छोटी या बड़ी उम्र कोई फर्क नहीं पड़ता; सब कुछ बड़ा होना चाहिए।”
आंटी ने हंसते हुए कहा कि मैं आज तुम्हारी ही चीज देखूँगी। क्या है? आज मैं अपने अंकल की चीज को देखता हूँ, 17 साल हो गए।
मैंने आंटी को दीवार के साथ धक्का देकर बुरी तरह से उनका किस करने लगा।
हमारे होंठ एक दूसरे से चिपके हुए थे, जैसे फेविकोल।
वह भी बार-बार कुत्ते की तरह मेरे होंठों को नौच रही थी।
कुछ देर तक उनके होंठों को चूमते रहे, फिर गर्दन से नीचे मोटे मोटे आमों की ओर बढ़ा।
मैंने एक ही झटके में उनका शर्ट आगे से फाड़ दिया।
आंटी ने कहा, “तुम पागल हो गया है क्या?” क्या तुमने ऐसा किया?
मैंने कहा, “डार्लिंग, अब चुप रहो;
तो आंटी हंसकर मुझे देखने लगी और कहा, “राजा, अपने मन की बात करो।” मैं रुक नहीं रहा; बस थोड़ा आराम करो।
उनके दूध और लाल टमाटर पर मैं टूट पड़ा।
आंटी को थोड़ा दर्द हुआ जब मैं जोर-जोर से उनको चूसे जा रहा था।
अब बस करो, आंटी ने कहा।
जब मैं उनकी बड़ी-बड़ी चूचियों को आम की तरह चूस रहा था, वह कामुक आवाजें निकाल रही थीं: “आआ आ आह हहह ऊहह आआईई आराम से बाबा आराम से करो ऊऊहह..।”
जोर से चूसते हुए उनकी एक चूची से भी खून बहने लगा।
फिर भी मैं कुत्ते की तरह उनको नौच रहा था।
उन्हें भी बहुत मजा आया।
मैं नीचे की ओर बढ़ा और अपनी जीभ से नाभि से खेलने लगा।
वह खुद को दूर कर रही थीं।
उन्हें नंगी करने के लिए मैंने उनका पजामा उतार दिया।
बंद करो दरवाजा, आंटी ने कहा।
मैं भागकर दरवाजा बंद करके उनको चारपाई पर रखा।
गुलाब की पंखुड़ियों जैसी उनकी चूत को देखते हुए, वह अपनी जीभ को चूत में अंदर-बाहर करने लगा।
वह खुद को बाहर करने के लिए मैं उसके चूत पर भी बाइट करता था।
सेक्स के उत्साह में देसी पंजाबी आंटी जोर-जोर से बड़बड़ाई जा रही थीं: “आआह आह आईई… और जोर से मेरे राजा… आहह ऊहह!”
मैं बहुत मजा ले रहा था, लेकिन मुझे डर भी था कि कोई ऊपर नहीं आ जाएगा।
फिर मैं बहुत देर तक आंटी की चूत को चाटता रहा।
आंटी ने मुझे टांगों के बीच में कसकर पकड़ लिया। उनका पानी बाहर निकलने वाला था।
कुछ सेकंड बाद, उन्होंने सारा पानी मेरे मुँह पर छोड़ दिया। वह उठकर मुझे किस करने लगी और मेरी तरफ देखने लगी।
वह मेरे मुँह पर कुछ बूंदें चाटने लगी।
तब आंटी ने मुझे उठाया और कहा, “अब मेरी बारी है!”
आंटी ने जंगली कुत्ते की तरह लंड चूसते हुए मेरे शेर को गले तक ले लिया और मेरी पैंट उतारी।
पांच मिनट बाद मैं भी चला जाऊँगा। मैंने लंड बाहर निकालने की कोशिश ही नहीं की।
आंटी ने मेरा सारा माल अपने गले में डालकर खाया।
अब आंटी ने मेरी बनियान और शर्ट उतारी और अपने पास लिटा दी।
इसलिए हम कुछ देर तक एक दूसरे को चाटते रहे।
मेरा शेर कुछ मिनट बाद खड़ा हो गया।
मैं आंटी को फिर चाटने लगा।
किस करते हुए उसी तरह आंटी के दोनों बड़े मम्मों को दबाने और चूसने लगा।
आंटी के एक आम से फिर से खून आने लगा, लेकिन इस बार आंटी ने मुझसे कुछ नहीं कहा।
मैं जोर से उनके मम्मों को दबाकर चूसने लगा। फिर मैं धीरे-धीरे पेट से चूत तक पहुंचकर फिर से चाटना शुरू कर दिया।
मुझे देसी पंजाबी आंटी ने रोका और कहा, “अब नहीं रुका जाता, अपने पानी के पाइप को मेरी आग की भट्टी में डालकर बुझा दे।”
मैंने आंटी की टांगों को थोड़ा चौड़ा करके अपना लंड उनकी चूत के मुँह पर रखा और एक ही धक्के में पूरा लंड उतार दिया।
आंटी थोड़ा रोई।
तब मैं जोर-जोर से उनके होंठों पर किस करने लगा।
उसने उनके स्तनों को भी दबाया।
वे बहुत गर्म थीं, और मैं भी उनके साथ बहुत गर्म था।
हम दोनों पसीना बहाने लगे।
दो-चार मिनट बाद मैं जोर-जोर से आगे पीछे होने लगा और स्पीड बढ़ा दी।
मैंने दस मिनट तक चुदाई की और फिर उनको दीवार पर खड़ा कर दिया।
मैं पीछे से उनको चाटने लगा।
मैं धीरे-धीरे उनके नीचे पहुंच गया और उनके पास सूंघने लगा।
उनकी गांड और चूत की सुगंध ऐसी थी कि मैंने आज तक किसी लड़की या भाभी में नहीं देखा था।
आंटी की खुशबू मुझे आकर्षित करती थी।
वह इतनी पागल हो गई कि मैं भी उनकी गांड को किस करने लगा।
मैं उनकी गांड और टांगों पर कुछ देर तक किस करता रहा।
फिर मैं खड़ा होकर उनकी गांड में अपना लंड डालने लगा।
पच पच की जोरों से पूरे कमरे में आवाज आ रही थी। मैं सिर्फ उनको चुदा रहा था।
इस दौरान आंटी दो बार झड़ गईं।
अब मेरा समय था।
हम उठकर एक दूसरे को चाटना और किस करना फिर से शुरू कर दिया।
आंटी के साथ मैंने एक बार जल्दी सेक्स किया।
शाम 5:00 बजे मैं उनके घर पहुंचा और 9:00 बजे अपने घर गया।
यह देसी पंजाबी आंटी यौन क्रिया चार महीने तक चली। फिर उन लोगों ने यहाँ से दूसरे शहर में स्थानांतरित हो गया।
तो मैं अब उनसे भी नहीं बोलता।
शायद वह मुझसे किसी तरह नाराज थीं।
मेरी कहानी आपको कैसी लगी? कृपया मुझे बताओ। XVideos

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