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पडोसी ने मेरी माँ को मुता मुता कर चोदा - Hindi Sex Stories

हेलो दोस्तों, मैं आप सभी का कामवासना में बहुत-बहुत स्वागत करता हूँ। मैं पिछले कई सालों से इसका नियमित पाठक रहा हूँ और ऐसी कोई रात नहीं गुजरती जब मैं इसकी रसीली चुदाई कहानियाँ न पढ़ता हूँ। आज मैं आपको अपनी स्टोरी सुना रहा हूँ, उम्मीद करता हूँ कि ये कहानी सभी लोगों को जरूर पसंद आएगी। ये मेरी जिंदगी की सच्ची घटना है। मेरा नाम हरपाल है, मैं शामली का रहने वाला हूँ जो सहारनपुर के पास पड़ता है। मेरी सीधी-सादी जिंदगी में तब भूचाल आ गया जब मुझे पता चला कि मेरी मम्मी का पड़ोस के मर्द के साथ चक्कर चल रहा है। कब, कैसे, क्या हुआ, सब आप लोगों को विस्तार से बता रहा हूँ।


मेरी मम्मी का नाम दिशा है, वो अभी 38 साल की हैं लेकिन इतनी सुंदर और मेंटेन रहती हैं कि 25 साल की लगती हैं। पापा से उनका डिवोर्स हो चुका है और अब घर में सिर्फ मैं और मम्मी ही साथ रहते हैं। वो जब भी मार्केट जाती हैं तो लोग उनको घूरते रहते हैं, सीटियाँ मारते हैं। मम्मी बहुत सुंदर और सेक्सी माल हैं, लोगों के लौड़े ही खड़े हो जाते हैं जब वो मेरी सुंदर मम्मी को देख लेते हैं। वो अक्सर साड़ी पहनती हैं लेकिन जब मूड में आ जाती हैं तो सलवार सूट भी पहन लेती हैं। गोरी और सुंदर इतनी हैं कि लोग उनको छमिया कहकर बुलाते हैं। मम्मी जी का बदन भरा-पूरा है और गोल-मटोल है, मम्मे 36 इंच के बेहद पुष्ट हैं, फिगर 36-30-32 का है। वो अपनी गांड और पुट्ठे पीछे की तरफ निकालकर चलती हैं तो लोगों के दिल मचल जाते हैं। कितने मर्द उनको चोदने का ख्वाब संजोने लग जाते हैं, कितने उनके पुट्ठों पर हाथ रखकर सहलाना और दबाना चाहते हैं। लेकिन सिर्फ लकी मर्द को मेरी मम्मी की रसीली चूत चोदने को मिलती है।


पता नहीं पिछले कुछ महीनों से मम्मी जी ने कुछ ज्यादा ही सजना-संवरना शुरू कर दिया था। सुबह-सुबह उठकर खूब साबुन मल-मलकर नहाती थीं, बॉडी लोशन लगाती थीं, फिर 2 घंटे शीशे के सामने बैठकर मेकअप करती थीं। लिपस्टिक लगातीं, काजल लगातीं, बालों में तेल डालकर कंघी करतीं। 10 बजे तक मेरे कॉलेज का वक्त हो जाता था और मैं घर से निकल आता था। रात को जब मैं घर लौटता था तो मम्मी के बेडरूम की हालत बिगड़ी हुई दिखती थी। हर बार मुझे उनके बेडरूम में इस्तेमाल किए हुए कंडोम पड़े मिलते थे, गजरे वाले फूल बिखरे रहते थे, और उनकी हाथ की चूड़ियाँ टूटी हुई मिलती थीं। मैं कुछ समझ नहीं पाता था, कंडोम के बारे में सोच-सोचकर परेशान हो जाता था। लेकिन मम्मी से सामने-सामने पूछने की हिम्मत मुझमें नहीं थी। “कहीं उनका किसी के साथ चक्कर तो नहीं चल रहा” मैं मन ही मन सोचता था, दिल में एक अजीब सी बेचैनी रहती थी।


5 दिन पहले की बात है, मैं अपने कॉलेज गया था लेकिन किसी प्रोफेसर की मौत हो गई थी, इसलिए हमारी छुट्टी कर दी गई थी। अब मुझे टीवी देखने का बड़ा मन कर रहा था, अपना फेवरेट डिस्कवरी चैनल देखूंगा। मैं जल्दी-जल्दी साइकिल चलाने लगा कि जल्दी घर पहुंच जाऊं। घर आ गया और साइकिल एक किनारे खड़ी कर दी।


“मम्मी!! मैं आ गया” मैंने आवाज लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं आया।


घर खाली लग रहा था, समझ में नहीं आ रहा था कि मम्मी कहाँ हैं। मैंने सब तरफ देखा, किचन में, लिविंग रूम में, लेकिन कोई नहीं दिखा। फिर मुझे फर्स्ट फ्लोर से कुछ आवाजें सुनाई दीं। मैं सीढ़ियों से पहली मंजिल पर जाने लगा तो आवाजें बढ़ गईं। “ओह्ह माँ….ओह्ह माँ…उ उ उ उ उ……अअअअअ आआआआ….” की गर्म-गर्म आवाजें आ रही थीं, जैसे कोई जोर से सिसकारियां ले रहा हो। मैं ऊपर वाले कमरे में गया तो देखा कि दरवाजा बंद था, बस हल्का सा खुला था। वो आवाजें उसी कमरे से आ रही थीं। मैं दबे पाँव, किसी जासूस की तरह आगे बढ़ा। जो देखा, उसे देखकर मेरी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। मम्मी जी पड़ोस के मर्द से चुदवा रही थीं। दोनों बिस्तर पर लेटे थे। वो मर्द मेरी जवान और सेक्सी मम्मी के दूध जल्दी-जल्दी चूस रहा था और मजे ले रहा था। आज पहली जिंदगी में पहली बार उनको नंगा देखा था। मेरी मम्मी सुंदर और सेक्सी माल दिख रही थीं।


आज तक तो उनको साड़ी में देखा था, आज पहली बार नंगी देख रहा था। वो अंदर से इतनी गोरी थीं कि मेरा लंड खड़ा हो गया। काश मैं अपनी मम्मी को चोद पाता तो कितना मजा आता। वो पूरी तरह से नंगी थीं, उनके पुट्ठे खूब बड़े-बड़े थे। उनका आशिक उनके पुट्ठों को सहला-सहलाकर प्यार कर रहा था, बाहों में भरकर किस कर रहा था। “दिशा!! यू आर सो सेक्सी” वो बार-बार कह रहा था। उनके नंगे दूध को हाथ से जोर-जोर से दबा रहा था। आज पहली बार मैंने अपनी आँखों से मम्मी की हरी-भरी चूचियां देखीं। ओह्ह कितनी सुंदर थीं वो, सफ़ेद-सफ़ेद चिकनी और निप्पल्स के चारों तरफ गोल-गोल काले घेरे। वो पड़ोस वाला मर्द उनकी चूची को मुंह में लेकर चूस रहा था, कस-कसके जोर-जोर से।


वो पूरा मजा लूट रहा था, दोनों बूब्स को अच्छे से पी रहा था, मुंह चला-चलाकर। मेरी मम्मी उसका साथ निभा रही थीं, अपनी कमर हिला रही थीं। फिर वो उनके पेट पर अपनी जीभ घुमा-घुमाकर किस करने लगा, दांत से स्किन को हल्का-हल्का खींचने लगा। वो मर्द मम्मी की नाभि में बार-बार उंगली कर रहा था, घुमा-घुमाकर। मम्मी जी “ओहह्ह्ह…ओह्ह्ह्ह…अह्हह्हह…अई..अई..अई… उ उ उ उ उ…” बोल-बोलकर सिसक रही थीं। कितनी देर तो वो उनकी सेक्सी गद्देदार नाभि को चूसता और पीता रहा, जीभ अंदर डालकर चाटता रहा, मम्मी की सांसें तेज हो रही थीं, वो अपनी चूचियां खुद दबाने लगीं।


“राजेश!! क्या सिर्फ ऊपर-ऊपर से मजा लोगे की अंदर वाला भी मजा लूटोगे??” मम्मी ने कहा और उसके सिर के बालों में हाथ घुमाने लगीं, हल्के से खींचते हुए।


“ठहरो मेरी जान!! आज तुमको ऐसा चोदूंगा कि पूरे महीने याद रखोगी” वो पड़ोस वाला मर्द बोला, राजेश, जो हमारे पड़ोस में रहता था, मजबूत बदन वाला, 40 साल का लगभग।


उसने मम्मी के पैर धीरे-धीरे खोल दिए, मम्मी की सांसें और तेज हो गईं, वो शर्मा रही थीं लेकिन आँखें बंद कर रखी थीं। राजेश 2 मिनट तक मम्मी का गुलाबी भोसड़ा घूर-घूर कर देख रहा था, जैसे पहली बार देख रहा हो। फिर वो लेट गया और जल्दी-जल्दी मम्मी के भोसड़े को पीने लगा, चाटने लगा। मम्मी को बड़ा आनंद आ रहा था, वो अपनी गांड ऊपर उठा रही थीं। वो जल्दी-जल्दी जीभ उनकी चूत के अंदर डाल रहा था। मेरी मम्मी की चूत सुर्ख गुलाबी रंग की थी, रस से भरी हुई। वो मर्द जल्दी-जल्दी चाट रहा था, मम्मी की चूत के होंठ बड़े-बड़े तितली जैसे थे। वो नामुराद दांत से होंठों को काटकर मजे लूट रहा था, जैसे मेरी मम्मी उनकी जोरू हो।


राजेश ने पहले मम्मी की जांघों को सहलाया, अंदरूनी जांघों पर किस किया, हल्के-हल्के काटा, मम्मी सिहर रही थीं। फिर धीरे से चूत के ऊपर किस किया, हवा में सांस छोड़ी ताकि मम्मी और गर्म हो जाएं। “दिशा रानी!! तेरी चुद्दी का जवाब नहीं। जितना ज्यादा इसका दीदार करता हूँ उतना ही और देखने का दिल करता है” वो पड़ोस वाला मर्द बोला और जल्दी-जल्दी चाटने लगा। मम्मी जी “आआआअह्हह्हह…..ईईईईईईई….ओह्ह्ह्….अई..अई..अई…..अई..मम्मी….” की सेक्सी आवाजें निकाल रही थीं। उनको अच्छा लग रहा था, वो जल्दी-जल्दी चूत का माल पी रहा था, जीभ से क्लिट को रगड़ रहा था, मम्मी की टांगें कांप रही थीं।


“आराम से राजेश!! आराम से मेरी चूत चाटो, इतनी जल्दी क्या है” मम्मी कहने लगी, लेकिन आवाज में कामुकता थी, वो राजेश के सिर को अपनी चूत पर दबा रही थीं।


फिर उसने चूत में उंगली करनी शुरू कर दी, पहले एक उंगली धीरे-धीरे अंदर-बाहर, मम्मी की चूत से च्वप-च्वप की आवाज आ रही थी। फिर दूसरी उंगली डाली, तेज-तेज। मेरी मम्मी तो बिस्तर से उछल जा रही थीं, अपनी गांड और कमर को उठा रही थीं, तेज-तेज मुंह खोलकर कामुक आवाजें निकाल रही थीं, “अअअ… उउउ… हा हा… ओह्ह राजेश… और अंदर… हाँ वही…”। वो मर्द फुल मजे लूट रहा था, कितनी देर तक मेरी मम्मी के भोसड़े में उंगली करता रहा, कभी जी- स्पॉट ढूंढकर रगड़ता, मम्मी की आँखें बंद, मुंह से लार टपक रही थी। जब सफ़ेद क्रीम लग जाती तो उंगली मुंह में लेकर चाट जाता, मम्मी देखकर और उत्तेजित हो जातीं। गर्म होकर मम्मी जी कुछ अपनी चूचियां खुद ही दबाने लगीं, निप्पल्स को मरोड़ रही थीं।


राजेश ने मम्मी को अपनी तरफ खींच लिया, उनके पैर कंधों पर रखे, अपना 10 इंच लम्बा और 4 इंच मोटा लंड चूत के छेद पर रखा, पहले तो सुपारा रगड़ा, मम्मी की चूत पर थप्पड़ मारे लंड से, “देख दिशा, ये तेरा आज का खिलौना”। मम्मी हंस रही थीं, “डाल ना राजेश, कितना इंतजार करवाएगा”। फिर धक्का दिया, लंड भीतर चला गया, आधा पहले, मम्मी चीखीं “अअअ… धीरे… मोटा है तेरा…”। फिर पूरा अंदर, राजेश ने कमर हिलानी शुरू की, धीरे-धीरे, फिर तेज। वो मेरी मम्मी को मेरी आँखों के सामने चोदने लगा, सब मजा मार रहा था। मैं ये सब देखकर परेशान हो गया था, आज मेरी माँ मेरे सामने चुद रही थी। उस मर्द का लंड बहुत मोटा था, बिलकुल गधे के लौड़े की तरह। वो धचाक-धचाक बोलकर पेल रहा था, मम्मी की चूत से फच-फच की आवाजें, रस बाहर निकल रहा था। मम्मी आराम से सेक्स कर रही थीं, मजा लूट रही थीं। “……मम्मी…मम्मी…..सी सी सी सी.. हा हा हा …..ऊऊऊ ….ऊँ..ऊँ…ऊँ…उनहूँ उनहूँ..” की सेक्सी आवाजें निकाल रही थीं, लम्बी-लम्बी साँसें ले रही थीं।


राजेश ने मिशनरी में शुरू किया, फिर मम्मी को ऊपर चढ़ाया, मम्मी ने लंड पर बैठकर उछलना शुरू किया, उनके मम्मे उछल रहे थे, राजेश नीचे से दबा रहा था। “हाँ दिशा, ऐसे ही, तेरी चूत कितनी टाइट है” राजेश बोला। मम्मी की गांड थप-थप कर रही थी राजेश की जांघों पर। फिर राजेश ने साइड से पकड़कर घोड़ी स्टाइल में डाला, मम्मी की कमर पकड़कर जोर-जोर से ठोका, “ले रंडी, ले मेरा लंड”। मम्मी “हाँ… चोद… और जोर से… फाड़ दे मेरी बूर” चिल्ला रही थीं। उसने इच्छा भरकर सम्भोग कर लिया, खूब चोदा साले ने, फाड़ के रख दी मेरी मम्मी की चूत। फिर थककर चूत में ही माल गिरा दिया, कंडोम में, गर्म-गर्म। फिर मम्मी जी के ऊपर ही लेट गया। वो उस नामुराद को प्यार करने लगीं, किस करने लगीं, दोनों आराम करने लगे, पसीने से तर। मैं उस कमरे के बाहर से सब देख रहा था। इतने में मुझे टॉयलेट लग गई, मैं वहां से खिसक लिया। 15 मिनट बाद जब मैं आया तो देखा कि दोनों फिर से अपना मौसम बना रहे थे, फिर से मम्मी जी की चुदाई होने जा रही थी।


“राजेश!! चोदना है तो जल्दी चोदो। मेरा बेटा हरपाल अब कॉलेज से आने वाला है” मम्मी ने उससे बोला, सांस अभी भी तेज थी।


“चलो दिशा रानी! अब कुतिया बन जाओ” वो कमीना बोला, लंड फिर खड़ा हो रहा था।


मम्मी खुश हो गईं और जल्दी से कुतिया बन गईं। ओह्ह गॉड!! मम्मी की गांड और पिछवाड़ा इतना सुंदर दिख रहा था कि मैं आप लोगों को क्या बताऊं। उन्होंने अपना सिर बेड पर रख दिया और घुटने मोड़कर अपनी गांड ऊपर किसी ऊंटनी की तरह उठा दी। मम्मी का पिछवाड़ा देखकर वो मर्द पागल हो गया और उनके गोल-मटोल पुट्ठों को हाथ से सहलाने लगा, हर जगह छूने लगा, हाथ गोल-गोल करके घुमा रहा था। फिर किस करने लगा, पुट्ठों पर हल्के काटे, मम्मी जी “…….उई..उई..उई…….माँ….ओह्ह्ह्ह माँ……अहह्ह्ह्हह…” करने लगीं। “ओह्ह राजेश!! तुम कितना प्यार करते हो मुझे। करो राजेश मुझे और प्यार करो” मम्मी जी बोली, गांड हिला रही थीं।


वो अब और प्यार करने लगा, उसने कितनी बार उनके सेक्सी सपाट पुट्ठों पर किस किया, फिर गांड के छेद में जीभ लगाकर चाटने लगा, गोल-गोल घुमाकर, अंदर डालकर। अब तो मेरी मम्मी को और अधिक आनंद आ रहा था, वो मर्द मम्मी की गांड को पी रहा था, जल्दी-जल्दी चाट रहा था और एक हाथ से चूत के दाने को जल्दी-जल्दी हिला रहा था, क्लिट को मरोड़ रहा था। ये सब देखकर मेरा लंड टनटना गया, जी हुआ कि अभी जाकर अपनी माँ को चोद लूँ। वो आँखें बंद करके मम्मी की गांड के छेद को चाट रहा था, मम्मी कुतिया बनी हुई थीं, लग रहा था कि कोई मूर्ति रखी है, वो बस जल्दी-जल्दी जीभ हिलाकर चाट रहा था, मम्मी की गांड से च्वप-च्वप आवाज। वो मस्त हो गया था।


राजेश ने पहले गांड पर थूक लगाया, उंगली से फैलाया, एक उंगली अंदर डाली, मम्मी सिहर गईं, “अअ… धीरे… पहली बार नहीं है लेकिन तेरा मोटा है”। फिर दो उंगलियां, स्किसरिंग की, मम्मी की सांसें तेज। आखिर उसने अपने 10 इंच लम्बे और 4 इंच मोटे लंड को मेरी मम्मी जी की गांड के छेद पर रख दिया और एक जोर का धक्का दिया। “हूँउउउ हूँउउउ हूँउउउ ….ऊँ—ऊँ…ऊँ सी सी सी सी… हा हा हा.. ओ हो हो….आराम से राजेश!! देखो धीरे-धीरे मेरी गांड मारना। तेज करोगे तो दर्द होगा” मम्मी जी बोली, लेकिन गांड पीछे धकेल रही थीं।


वो पड़ोस वाला मर्द मम्मी की गांड के छेद का दीदार कर रहा था, जल्दी-जल्दी चोदने लगा, पहले धीरे, फिर तेज, फच-फच। मम्मी मदमस्त होने लगीं, वो मेरी आँखों के सामने मेरी ही माँ की गांड मार रहा था। मैं आज तक अपनी मम्मी को शरीफ औरत समझता था लेकिन आज उसका पर्दा फाश हो गया था। सच तो ये था कि वो एक नंबर की चुदक्कड़ औरत थीं, बिना लंड खाए उनकी रात नहीं कटती थी। मम्मी की आवारा गर्दी की वजह से पापा ने उनको छोड़ दिया था। अब सब मुझे याद आ रहा था, मेरी मम्मी ने पापा के एक दोस्त दिनेश को अपने प्रेमजाल में फाँस लिया था और घर में उसको बुलवाकर चुदवा लिया था। एक दिन पापा ने मम्मी को रंगे हाथों पकड़ लिया था, उसके बाद डिवोर्स दे दिया था। दोस्तों अचानक से मुझे सब कुछ याद आ गया, मैंने अपने पापा को कितनी गालियाँ दी थी लेकिन असल में मेरी मम्मी ही गलत थीं। अब सब कुछ साफ हो गया था। वो पड़ोस वाला मर्द अपने काम पर लगा हुआ था। अब तक 15 मिनट बीत चुके थे मम्मी की गांड मारते हुए, मम्मी की गांड का छेद 3 इंच मोटा हो गया था। वो आदमी पसीना-पसीना हो गया था।


“ओह्ह गॉड!… ओह्ह गॉड!….फक मी हार्डर!….कमाँन फक मी हार्डर!…फक माई ऐस!!” मम्मी कहने लगीं, अपनी गांड पीछे ठोक रही थीं। वो अपने हाथ उठा-उठाकर मम्मी के पिछवाड़े पर जोर-जोर से चांटे मार रहा था, चट-चट-चट-चट!! मम्मी के पुट्ठों पर जब पड़ता तो लाल-लाल उँगली के निशान पड़ जाते। उसने कितनी जोर-जोर से चांटे मारे, मम्मी चिल्ला रही थीं “हाँ मार… और मार… मुझे सजा दे”। फिर मम्मी की गांड के कुएँ में थूक दिया, अपने लंड पर भी थूक दिया और फिर से मम्मी के कद्दू में डाल दिया, जल्दी-जल्दी फिर से गांड मारने लगा। मेरी मम्मी की गांड किसी बड़े से कद्दू जैसी दिख रही थी, हिल रही थी। जल्दी-जल्दी वो मर्द ऐनल सेक्स करने लगा, कभी धीरे गहराई तक, कभी तेज सतही। आज तो उसने मम्मी की माँ ही चोद डाली थी।


वो हाई स्टेमिना वाला मर्द था, लम्बा लौड़ा, डोले-शोले बने हुए थे, देखने में तंदुरुस्त बदन का लगता था, और उसका लंड तो बहुत लम्बा था। उनके कुछ देर और ऐस फक किया, फिर झड़ गया, कंडोम में भर दिया। उसने अपने लौड़े से कंडोम निकाला, वो उसके माल से भरा हुआ था। मम्मी जी बिस्तर से खड़ी हो गईं और जल्दी से मुंह खोल दिया। उस पड़ोस वाले मर्द ने मम्मी के मुंह में कंडोम उल्टा कर दिया और सब माल मम्मी जी के मुंह में गिर गया, वो सब चूस गईं, जीभ से चाटकर, “मम्म… तेरा माल कितना गाढ़ा है” मम्मी बोलीं। उस मर्द ने कपड़े पहने, मम्मी अभी नंगी थीं। मैं वहां से हट गया जिससे वो मुझे न देख पाएं। फिर वो मर्द चला गया। मम्मी ने कंडोम बेड के नीचे ही रख दिया। अब मुझे सब समझ में आ गया था कि वो कंडोम किसका होता था। अब मम्मी जल्दी-जल्दी अपना ब्लाउज पेटीकोट पहनने लगीं, साड़ी संभालने लगीं। मैं जल्दी से सीढ़ियां उतरकर नीचे चला गया और अपने कमरे में जाकर सो गया।


उस रात दोस्तों मुझे नींद ही नहीं आ रही थी। रात को जैसे बिस्तर पर लेटता, बार-बार मम्मी की चुदाई वाला सीन याद आ रहा था, उनका नंगा बदन, उनकी सिसकारियां। मैंने एक बार मुठ मार दी, लेकिन 1 घंटे बाद फिर से मौसम बन गया। इस तरह से मैंने उस रात 5 बार मुठ मार दी। फिर मैंने उस कमरे में एक कैमरा फिट कर दिया, छिपाकर। कुछ दिनों बाद वो आदमी फिर आया और उसने फिर से लंड चुस्वा-चुसवा कर मम्मी को फिर से चोदा, पहले मुंह में डाला, मम्मी गले तक ले रही थीं, फिर चूत में, फिर एक बार फिर से गांड मार ली, वही स्टाइल, लंबा सेशन। उसके जाने के बाद मैंने वो विडियो पूरे 3 हजार रुपये में एक दोस्त को बेच दिया। धीरे-धीरे वो मम्मी की चुदाई वाला विडियो पूरे शामली जिले में और यू पी, दिल्ली, पंजाब तक व्हाट्सएप पर वाइरल हो गया।


एक दिन मैं और मम्मी शाम को बैठकर टेबल पर खाना खा रहे थे। वो विडियो मम्मी के फोन पर किसी ने भेज दिया। जब मम्मी ने अपनी चुदाई अपनी आँखों से देखी तो हक्की-बक्की रह गईं। वो प्रश्नवाचक नजरों से मेरी तरफ देख रही थीं, लेकिन उनके होठ कांप रहे थे। वो कुछ भी नहीं बोली। कुछ महीनों के लिए उन्होंने अपने आशिक को हमारे घर पर आने से मना कर दिया। लेकिन फिर चुदाई की तलब मम्मी जी को होने लगी। और फिर से वो चुदाने लगी। Hindi Sex Stories आपको कैसे लगी, अपनी कमेंट्स जरूर दें।

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