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पापा ने मेरी सहेली को चोद दिया - Antarvasna Sex Stories

हाय दोस्तों, मेरा नाम तान्या है। मैं दिल्ली में रहती हूँ और मेरी उम्र 20 साल है। मैं एक अच्छे, अमीर परिवार से हूँ, जहाँ हर सुख-सुविधा है। मेरे घर में मैं, मेरे पापा, और मम्मी रहते हैं। मम्मी एक प्रोफेसर हैं और कॉलेज में पढ़ाती हैं। उनकी उम्र 42 साल है, लेकिन वो दिखने में अभी भी जवान और खूबसूरत हैं। पापा की उम्र 45 के आसपास है, और वो शेयर मार्केट का काम करते हैं। वो ज्यादातर घर पर ही रहते हैं, अपने लैपटॉप और फोन से सारा काम निपटाते हैं। पापा फिट हैं, उनके बाल हल्के सफेद हो रहे हैं, लेकिन उनकी पर्सनैलिटी ऐसी है कि लोग उनसे जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। उनका चेहरा सख्त, लेकिन आकर्षक है, और उनकी मुस्कान में एक अजीब सा जादू है।


मैं कॉलेज में पढ़ती हूँ और मेरी ज़िंदगी काफी हँसी-खुशी से भरी है। मेरे कई दोस्त हैं, लेकिन मेरी सबसे पक्की सहेली है कोमल। कोमल मेरे साथ ही पढ़ती है, और उसकी उम्र भी मेरी जितनी ही है—20 साल। वो दिखने में बहुत सेक्सी है। उसका गोरा रंग, पतली कमर, और कसा हुआ फिगर उसे किसी मॉडल जैसा बनाता है। उसके होंठ गुलाबी, आँखें बड़ी-बड़ी, और हँसी इतनी प्यारी कि कोई भी उसकी तरफ खिंचा चला जाए। कोमल मिडिल क्लास परिवार से है, इसलिए वो सादगी से रहती है। लेकिन उसे महँगी चीज़ों का बहुत शौक है—ब्रांडेड कपड़े, मेकअप, और ज्वेलरी। चूँकि हम दोनों का फिगर लगभग एक जैसा है—34-26-34—वो अक्सर मेरे कपड़े, परफ्यूम, और मेकअप का सामान उधार लेती है। मैं उसे कभी मना नहीं करती, क्योंकि मेरे लिए वो सिर्फ़ सहेली नहीं, बल्कि बहन जैसी है।


कोमल का मेरे घर आना-जाना इतना आम है कि मम्मी-पापा उसे अपनी बेटी की तरह मानते हैं। वो जब भी मेरे घर आती है, पापा उससे मज़ाक करते हैं, और मम्मी उसे अपने हाथ का खाना खिलाती हैं। कोमल भी सबके साथ बहुत घुल-मिलकर रहती है। लेकिन मुझे कभी नहीं लगा कि उसके और पापा के बीच कुछ और भी हो सकता है। ये कहानी उस रात की है, जब मेरी आँखों के सामने एक ऐसा सच खुला, जिसने मुझे अंदर तक हिला दिया।


ये बात दो हफ्ते पहले की है। मम्मी किसी रिश्तेदार की शादी में गई थीं। वो दो-तीन दिन बाद लौटने वाली थीं। घर पर सिर्फ़ मैं और पापा थे। मैं अकेले बोर हो रही थी, इसलिए मैंने कोमल को फोन किया। मैंने कहा, “कोमल, मम्मी घर पर नहीं हैं। तू मेरे साथ रुक जा ना! हम खूब मस्ती करेंगे, मूवी देखेंगे, और बाहर खाना खाएँगे।” कोमल को ये आइडिया बहुत पसंद आया। वो पहले भी कई बार मेरे घर रात को रुक चुकी थी, इसलिए उसने अपने घर पर बता दिया और मेरे घर आ गई।


उस दिन हमने कॉलेज से आधे दिन की छुट्टी ली। हम दोनों पहले मूवी देखने गए। मूवी के बाद हम मॉल में घूमे, शॉपिंग की, और ढेर सारी मस्ती की। कोमल ने मेरे कुछ नए कपड़े ट्राई किए, और हमने सेल्फी लेकर इंस्टाग्राम पर पोस्ट भी की। रात को हमने एक अच्छे रेस्तरां में डिनर किया। घर लौटकर हम दोनों इतने थक गए थे कि मेरे कमरे में बेड पर लेटते ही हमें नींद आ गई। मैंने कोमल के लिए अपने नए सिल्क के नाइट सूट दिए, और मैंने भी वही पहना। हम दोनों हँसते-हँसते सो गए।


रात को करीब 1 बजे मेरी आँख खुली, क्योंकि मुझे टॉयलेट जाना था। मैंने बेड पर देखा तो कोमल वहाँ नहीं थी। मैंने सोचा शायद वो टॉयलेट गई होगी, क्योंकि टॉयलेट की लाइट जल रही थी। मैंने इंतज़ार किया कि वो बाहर आए, ताकि मैं टॉयलेट इस्तेमाल कर सकूँ। लेकिन 15 मिनट बीत गए, और वो नहीं लौटी। मुझे थोड़ा अजीब लगा। मैंने सोचा, कहीं वो टॉयलेट में सो तो नहीं गई? मैं उठकर टॉयलेट के पास गई। दरवाज़ा खुला था, और अंदर कोई नहीं था। मैंने पहले टॉयलेट इस्तेमाल किया, फिर कोमल को ढूँढने लगी।


मैं किचन में गई, सोचकर कि शायद वो पानी पीने गई हो। लेकिन वहाँ भी वो नहीं थी। मेरे दिल में बेचैनी बढ़ने लगी। मैंने सोचा, कहीं वो घर से बाहर तो नहीं चली गई? मैंने लिविंग रूम, गेस्ट रूम, और बाकी कमरे चेक किए, लेकिन कोमल कहीं नहीं थी। मेरे दिमाग में तरह-तरह के ख्याल आने लगे। मैंने सोचा कि मुझे पापा को बताना चाहिए। शायद वो जानते हों कि कोमल कहाँ है। मैं पापा के कमरे की तरफ गई।


जैसे ही मैं उनके दरवाज़े के पास पहुँची, मुझे अंदर से किसी के सिसकने और आहें भरने की आवाज़ सुनाई दी। आवाज़ इतनी साफ थी कि मेरे कदम अपने आप रुक गए। मेरे दिल की धड़कनें तेज़ हो गईं। मैं दरवाज़ा खटखटाने ही वाली थी, लेकिन कुछ गलत लगा। मेरे दिमाग में एक ही ख्याल आया—घर में सिर्फ़ मैं, पापा, और कोमल हैं। अगर कोमल मेरे कमरे में नहीं है, और ये सिसकारियाँ किसी लड़की की हैं, तो इसका मतलब… मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था। मैंने कीहोल से झाँकने की कोशिश की, लेकिन कुछ दिखाई नहीं दिया। फिर मैंने कमरे की खिड़की की तरफ देखा, लेकिन वहाँ पर्दा लगा था।


तभी मुझे याद आया कि पापा के कमरे की एक खिड़की बाहर की तरफ भी है, जो बगीचे की ओर खुलती है। मैं चुपके से घर के पीछे गई। रात का सन्नाटा था, और सिर्फ़ क्रिकेट की आवाज़ सुनाई दे रही थी। मैं खिड़की के पास पहुँची। खिड़की आधी खुली थी, और एक कोने पर पर्दा नहीं था। मैंने साँस रोककर अंदर झाँका, और जो देखा, उसने मेरे पैरों तले ज़मीन खिसका दी। मेरे पापा मेरी सबसे अच्छी सहेली कोमल को चोद रहे थे।


दोनों पूरी तरह नंगे थे। कमरे की मद्धम रोशनी में कोमल की गोरी त्वचा चमक रही थी। पापा ने कोमल को बेड पर उल्टा लिटाया हुआ था। उसकी गांड ऊपर उठी थी, और वो कुतिया की तरह पोज़ में थी। कोमल की कमर पतली थी, और उसकी गांड गोल और मुलायम। पापा अपने घुटनों के बल बेड पर खड़े थे। उन्होंने कोमल की गांड को दोनों हाथों से पकड़ रखा था और पूरी ताकत से अपने लंड को उसकी चूत में पेल रहे थे। हर धक्के के साथ कोमल का शरीर आगे-पीछे हो रहा था, और उसकी चूत से फच-फच की आवाज़ आ रही थी। कोमल की सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। वो बार-बार चीख रही थी, “आह… उफ्फ… और जोर से… चोदो मुझे… हाँ… ऐसे ही!”


मैं सन्न थी। मेरी सबसे अच्छी दोस्त, जिसे मैं अपनी बहन मानती थी, मेरे पापा के लंड का मज़ा ले रही थी। वो इतनी बेशर्मी से चुद रही थी, जैसे वो कोई अनजान प्रेमी हो। पापा का लंड करीब 7 इंच लंबा और मोटा था। वो उसे पूरी ताकत से कोमल की चूत में अंदर-बाहर कर रहे थे। कोमल की चूत गीली थी, और उसका पानी बेड पर टपक रहा था। पापा का चेहरा लाल हो रहा था, और वो कोमल की गांड पर ज़ोर-ज़ोर से थप्पड़ मार रहे थे। हर थप्पड़ के साथ कोमल की गांड लाल हो रही थी, और वो और जोर से सिसक रही थी, “हाँ… मारो… और मारो… फाड़ दो मेरी चूत!”


मैं ये सब देखकर पत्थर की मूर्ति की तरह खड़ी थी। मेरे दिमाग में सवालों का तूफान चल रहा था। कोमल ऐसा क्यों कर रही थी? क्या वो पापा को पहले से जानती थी? और पापा… वो मम्मी के साथ ऐसा कैसे कर सकते थे? मेरे पापा, जो मेरे लिए हमेशा एक आदर्श थे, मेरी सहेली को किसी जंगली जानवर की तरह चोद रहे थे।


तभी पापा ने अपना लंड कोमल की चूत से निकाला। उन्होंने कोमल की गांड पर एक ज़ोरदार थप्पड़ मारा, जिसकी आवाज़ मुझे बाहर तक सुनाई दी। कोमल फौरन घूमी और पापा के लंड को अपने मुँह में ले लिया। वो उसे लॉलीपॉप की तरह चूस रही थी। उसकी जीभ पापा के लंड के टोपे पर घूम रही थी, और वो उसे जड़ तक अपने मुँह में ले रही थी। पापा ने कोमल के बाल पकड़ लिए और उसके मुँह में धक्के मारने लगे। कोमल का गला पूरा भरा हुआ था, लेकिन वो रुकी नहीं। वो पापा के लंड को ऐसे चूस रही थी, जैसे उसे दुनिया का सबसे स्वादिष्ट तोहफा मिला हो। उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी, जैसे वो इस पल का पूरा मज़ा ले रही हो।


कुछ देर बाद पापा बेड से उतरे। उन्होंने कोमल को खड़ा किया और उसकी एक टाँग बेड पर रख दी। फिर खड़े-खड़े ही उन्होंने कोमल की चूत में अपना लंड पेल दिया। पापा उसे इतनी ताकत से चोद रहे थे कि कोमल का पूरा शरीर हिल रहा था। उसके चूचे उछल रहे थे, और उसकी चूत से पानी टपक रहा था। कोमल चीख रही थी, “आह… उफ्फ… हाँ… और तेज़… फाड़ दो मुझे… चोदो!” पापा ने उसकी कमर पकड़ रखी थी, और हर धक्के के साथ कोमल की सिसकारियाँ और तेज़ हो रही थीं। उसकी आँखें आधी बंद थीं, और उसके चेहरे पर संतुष्टि की मुस्कान थी।


मैं ये सब देखकर काँप रही थी। मेरे पैरों में जैसे जान ही नहीं थी। लेकिन मैं अपनी नज़रें नहीं हटा पा रही थी। कोमल और पापा की ये हरकत मुझे किसी पोर्न फिल्म की तरह लग रही थी। पापा का शरीर पसीने से चमक रहा था, और कोमल की गोरी त्वचा लाल हो रही थी। करीब पाँच मिनट बाद पापा झड़ने वाले थे। कोमल ने फौरन पापा का लंड अपनी चूत से निकाला और नीचे बैठ गई। पापा ने अपना सारा वीर्य कोमल के मुँह और चेहरे पर निकाल दिया। कोमल ने किसी पोर्न स्टार की तरह उसका सारा माल चाट लिया। वो हाँफ रही थी, लेकिन उसका चेहरा संतुष्टि से चमक रहा था।


फिर दोनों बेड पर लेट गए। पापा ने कोमल को अपनी बाहों में लिया और उसे चूमने लगे। कोमल भी पापा के सीने पर सिर रखकर उनके साथ लिपट गई। वो दोनों धीरे-धीरे एक-दूसरे को सहला रहे थे। पापा ने कोमल के चूचों को दबाया, और कोमल ने पापा के लंड को फिर से सहलाना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद कोमल वॉशरूम गई। जब वो लौटी, तो पापा ने उसे एक कागज़ दिया। बाद में मुझे पता चला कि वो 10,000 रुपये का चेक था। कोमल ने वो चेक लिया और पापा को एक गहरा चुम्बन दिया।


मैं ये सब देखकर इतनी हैरान थी कि मेरे पैर जम गए थे। लेकिन मुझे डर था कि कहीं कोमल या पापा मुझे देख न लें। मैं चुपके से अपने कमरे में भागी और बेड पर लेटकर सोने का नाटक करने लगी। मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था। थोड़ी देर बाद कोमल कमरे में आई। उसने मुझे हिलाया और आवाज़ लगाई, “तान्या, उठ ना!” लेकिन मैं नहीं हिली। मैं नहीं चाहती थी कि उसे पता चले कि मैंने सब देख लिया है। वो मेरे बगल में लेट गई और सो गई।


मैं रात भर सो नहीं पाई। मेरा दिमाग उलझन में था। मेरी सबसे अच्छी सहेली, जिसे मैं अपनी बहन मानती थी, मेरे घर में आकर मेरे पापा से चुद गई। वो भी इतनी बेशर्मी से, जैसे ये कोई आम बात हो। और मेरे पापा, जिन्हें मैं इतना सम्मान देती थी, उन्होंने मेरी सहेली को चोद डाला। मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ। कोमल का चेहरा बार-बार मेरे सामने आ रहा था—वो सिसकारियाँ, वो बेशर्मी, और वो चेक। क्या वो पैसे के लिए ऐसा कर रही थी? या उसे सचमुच मज़ा आ रहा था? और पापा… वो मम्मी के साथ ऐसा क्यों कर रहे थे? क्या वो कोमल को पहले से जानते थे? क्या ये सब पहले भी हुआ था?


सुबह कोमल जल्दी उठी। उसने मुझसे सामान्य बात की, जैसे कुछ हुआ ही न हो। उसने कहा, “तान्या, मज़ा आया ना कल? चल, मैं घर जा रही हूँ। बाद में मिलते हैं!” वो हँसते हुए चली गई। लेकिन मेरे लिए सब कुछ बदल गया था। मैंने तय किया कि मैं कोमल से अब दूरी बनाऊँगी। पापा से भी मैं अब पहले जैसी बात नहीं करती। लेकिन मैंने किसी से कुछ नहीं कहा। ये राज़ मेरे सीने में दबा हुआ है। मुझे नहीं पता कि मैं मम्मी को ये सब कैसे बताऊँ, या बताऊँ भी या नहीं।

आप कमेंट करके बताए की मुजे क्या करना चाहिए?

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