top of page

पड़ोसन आंटी को चोद कर मजा दिया - Indian Sex Stories

दोस्तो, मेरा नाम आदी है. मैं रायपुर में रहता हूँ.

मेरी उम्र अभी 21 साल है.

हमारे यहां दूध की डेयरी है.


ये Indian Sex Stories मेरे पड़ोस में रहने वाली आंटी गीता की है.


यह उन दिनों की बात है जब ग्रेजुएशन की मेरी परीक्षा खत्म ही हुई थी.

अब मैं घर पर अकेला पड़ गया था, करने को कुछ नहीं था.


एक दिन मैंने गीता आंटी को छत पर कपड़ा डालते देखा तो देखता ही रह गया.

उनका साइज करीब 36-32-38 का रहा होगा.


पहले मैंने आंटी को सामान्य नजरों से देखा था लेकिन अब मेरी नजरें वासना से भरी थीं.


आंटी की उम्र 31 साल होगी.

उनकी दो छोटी बेटियां हैं और उनके पति बाहर शहर में रहते हैं.

उनके घर में कोई और नहीं रहता.


आंटी मेरे घर पर दूध लेने आती थीं.


एक दिन घर पर कोई नहीं था, सभी लोग खेत में गए थे.

मैं घर पर अकेला था.


तभी आंटी दूध लेने आईं.


मैंने दूध दिया और मजाक करते हुए कहा- आंटी, आपको भी दूध की जरूरत होती है?

आंटी बोलीं- हां, मुझे अपनी दोनों बेटियों के लिए दूध चाहिए होता है.


मैंने मजाक में कहा- उनको भी क्या भैंस कर दूध पीना जरूरी है!

आंटी समझ गईं कि मैं क्या कह रहा हूँ.

वे मुस्कुरा कर चुप हो गईं और उन्होंने अपना सिर नीचे कर लिया.


मैंने फिर कहा- आंटी आपको कभी भी कोई जरूरत पड़े तो मुझे बोल देना क्योंकि इस समय मैं खाली ही हूँ!

आंटी ने कहा- ठीक है!


अब वे अपनी गांड मटकाती हुई चली गईं.


यार मेरा मन तो कर रहा था कि अभी ही पकड़ कर आंटी को यहीं चोद दूँ!


दो दिन बाद आंटी ने मुझे बुलाया और बोलीं- आदी तुम मार्केट जाओगे? मेरे घर का कुछ काम है, सामान मंगाना था!

मैंने कहा- ठीक है आंटी, ले आता हूँ!


मैं उनका सामान लेने चल गया और जब सामान लेकर वापस आया तो बाहर से आंटी को देने लगा.


आंटी बोलीं- अन्दर आ जाओ!

मैं अन्दर चला गया.


आंटी ने पूछा- क्या पियोगे, चाय या कॉफी?

मैंने कहा- आंटी, दूध तो आपके पास भरा पड़ा है … वही पिला दीजिए न!

वे बोलीं- वह तो तुम्हारे घर से लाना पड़ेगा!

मैंने कहा- क्या आंटी, आपके रहते मेरे घर से क्यों लाना पड़ेगा!


आंटी समझ गईं कि मैं क्या कह रहा हूँ.

वे बोलीं- बड़ा शरारती हो गया है तू!


मैंने आंटी से पूछा- आपकी दोनों बेटियां नजर नहीं आ रही हैं?

आंटी बोलीं- वे दोनों पढ़ने गई हैं.


अब मुझे मौका मिल गया.

मैंने आंटी का हाथ पकड़कर कहा- आप मुझे बहुत अच्छी लगती हैं!

आंटी मुस्कुराईं और बोलीं- अच्छा जी!


मैंने धीरे से आंटी के हाथ को चूम लिया.

आंटी ने अपना हाथ हटा लिया और बोलीं- ये गलत है!


मैंने कहा- कुछ गलत नहीं है. अंकल भी तो घर पर नहीं रहते, आपका भी तो मन करता होगा!

यह सुनकर आंटी कुछ नहीं बोलीं.


अब मैं आंटी के पास गया और उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए.

पहले तो उन्होंने मुझे हटाने की कोशिश की, फिर खुद साथ देने लगीं.


हम दोनों ने 5 मिनट तक किस किया, फिर एक-दूसरे के मुँह में जीभ भी डाल दी.


फिर आंटी बोलीं- चलो बेडरूम में चलते हैं!


मैंने आंटी को अपनी गोदी में उठाया और बेडरूम में ले गया.

वे मेरी ताकत देख कर बड़ी खुश थीं.


आंटी ने कहा- तुम तो बड़े पहलवान हो!

मैंने कहा- पहलवानी का असली इम्तिहान तो आगे होगा, जब मैं आपके ऊपर बिना रुके दंड पेलूँगा.


वे हंस दीं और उन्होंने मेरे गाल पर चूम लिया.


मैं उनके कमरे में आ गया और मैंने उन्हें वहां बिस्तर पर लिटा दिया.


अब मैं आंटी के गालों को चूमते हुए उनके गले तक पहुँच गया.

फिर मैंने उनके ब्लाउज को खोल दिया.


अब मेरे सामने आंटी के दोनों बड़े-बड़े पपीते खुले पड़े थे जिन्हें मैं निचोड़ भी सकता था और अपनी प्यास भी बुझा सकता था.

पहले तो मैंने आंटी के पपीतों को दबा-दबाकर मजा लेना शुरू किया.


तभी आंटी बोलीं- इनको चूसा भी जाता है!

तब मुझे समझ आया कि हां बचपन में तो ब/च्चा दूध पीकर ही बड़ा होता है.


मैंने आंटी के एक दूध के निप्पल को जीभ से कुरेदा और उसे लिक-लिक करके छेड़ा, तो आंटी के मुँह से मादक आहें निकलनी शुरू हो गईं.


वे बोलीं- आह कितना अच्छा लग रहा है … चूस लो अब आह.


मैंने अपने होंठों के बीच आंटी के निप्पल को दबाया और अपनी तरफ को खींच कर चूसा, फिर छोड़ दिया.


आंटी की मस्त सिसकारी निकल गई- आह आह.


अगले ही पल मैंने वापस उनके निप्पल को मुँह में भरा और इस बार मैंने उनके दूध को जितना ज्यादा से ज्यादा भर सकता था, उतना अपने मुँह में भर लिया.


उन्हें मेरे ऐसा करने से बेहद लज्जत मिल रही थी शायद इसी लिए उन्होंने मेरे सर को अपने मम्मे पर दबा लिया.


अब मैं अपनी जीभ से आंटी के निप्पल को अपने मुँह में ही जीभ से कुरेदने लगा और बार बार अपने गाल को दबा पिचका कर दूध को चूसने लगा.


सच में बड़ा मजा आ रहा था … हालांकि आंटी के मम्मे से दूध तो नहीं निकल रहा था लेकिन मस्त आनन्द मिल रहा था … मुझे भी और आंटी को भी.


कुछ देर ऐसा करने के बाद मैंने अपने मुँह से आंटी के दूध को छोड़ दिया तो आंटी ने झट से अपने दूसरे दूध को मेरे मुँह में भर दिया.


इस तरह से मैं उनके दोनों मम्मों को बारी बारी से खूब चूसता रहा और कभी कभी तो काट भी ले रहा था जिससे आंटी की मीठी आवाज निकल जाती थी.


‘आह काट नहीं मेरे राजा बेटा … बस चूस कर मजा ले ले!


फिर मैं आंटी के मम्मों को छोड़ कर उनके पेट को चूमता हुआ नीचे टांगों के जोड़ पर पहुँच गया.


उधर उनकी उनकी आधी खुली साड़ी को और पेटीकोट को पूरी तरह से हटा दिया. फिर उनकी रस से भीगी हुई पैंटी को भी मैंने उतार दिया.

मेरे सामने आंटी अब एकदम नग्न अवस्था में थीं.


आंटी की चूत एकदम गुलाबी दिख रही थी क्योंकि शायद उन्होंने आज ही अपनी झांटों को साफ किया था.

मैंने आंटी की चूत को चाटना शुरू कर दिया.


वाह … क्या मक्खन सी नर्म चूत थी!


आंटी पहले से ही गर्म थीं तो उन्होंने जल्द ही अपनी चुत से गर्म-गर्म पानी छोड़ दिया.

मैंने उनकी बुर से निकले पूरे पानी को पी लिया और चाट कर चुत चमका दी.


अब आंटी ने मेरे सारे कपड़े उतारे और जैसे ही मेरा लंड उनके सामने आया, वे मेरे लंड को देखकर एकदम से चौंक गईं.


मैंने पूछा- क्या हुआ आंटी?

उन्होंने कहा- तुम्हारा यह कितना बड़ा है!

‘क्या कितना बड़ा है आप खुल कर बोलो न आंटी!


आंटी ने मेरे लौड़े को पकड़ा और बोलीं- तेरा यह लौड़ा …

मैंने पूछा- अंकल का लंड कितना बड़ा है?


वे बोलीं- वह बड़ा नहीं है, बस 4 इंच का पतला सा है … तुम्हारा तो छः साढ़े छह इंच से भी ज्यादा का लग रहा है!


मैंने अपने लौड़े को गर्व से हिलाया और उनकी तरफ दिखाते हुए कहा- लव नहीं करोगी इसे?

वे झट से लंड चूसने को राजी हो गईं.


मैंने अपने लंड को आंटी के मुँह में डाल दिया.

आंटी मेरे लंड को ऐसे चूस रही थीं, जैसे उन्होंने कभी लंड देखा ही न हो!


मुझे आंटी के अन्दर की गर्मी साफ-साफ दिख रही थी.


कुछ देर तक लंड चुसवाने के बाद मैं फिर से आंटी के स्तनों और चूत को चाटने लगा.


आंटी एकदम गर्म हो गई थीं.

वे बोलीं- आदी अब रहा नहीं जाता प्लीज अन्दर डाल ही दो! प्लीज मुझे चोद दो … जल्दी से चोदो!


मैं अब अपने लौड़े को लेकर तैयार हो गया और आंटी की चूत पर रगड़ने लगा.

एक ही झटके में मैंने आधा लंड अन्दर डाल दिया.


इससे आंटी की चीख निकल गई.

मैंने दूसरे धक्के में पूरा लंड अन्दर डाल दिया.


वे छटपटाने लगीं, तो मैंने अपने होंठ उनके होंठों पर रख दिए और कुछ देर वैसे ही रुका रहा.


अब आंटी सामान्य हो गई थीं, तो मैंने धक्के लगाने शुरू कर दिए.

मेरे धक्कों की रफ्तार धीमी थी.


धीरे-धीरे मैंने अपनी स्पीड को बढ़ाना शुरू कर दिया.

आंटी चिल्लाने लगीं- उह उह … ओह … ओह … गजब चोद रहे हो आदी … ओह आह बस रुको … आह रुक जाओ मैं जाने वाली हूँ आह ओह!


लेकिन मैं रुकने का नाम नहीं ले रहा था.


आंटी पहले 4 इंच के लंड से चुदी थीं, अब 6.5 इंच से चुद रही थीं तो वे सहन नहीं कर पा रही थीं.


उसी वक्त आंटी झड़ गईं और मैंने अपना लंड उनकी चूत से बाहर निकाल लिया.


कुछ देर बाद वे सामान्य हो गईं तो मैंने उनकी चूत को चाटकर साफ किया और चुदाई के लिए फिर से तैयार किया.


इस बार मैंने आंटी को ऊपर आने को कहा.

आंटी ने लंड को चूत में सैट किया और वे मेरे ऊपर चढ़ गईं.


वे धीरे-धीरे उछलने लगीं.

मैंने भी नीचे से धक्के मारना शुरू कर दिया.


कुछ मिनट बाद मैंने आंटी को लौड़े से नीचे उतारा और बिस्तर पर लिटा दिया.


अब मैंने आंटी को खींच कर बिस्तर के किनारे पर लाया.

मैंने बिस्तर के नीचे खड़े होकर उनकी चूत पर अपना लंड सैट कर दिया और चुत में लंड पेल कर धक्के मारने लगा.


इस बार मैंने शुरुआत से ही धक्कों की स्पीड बढ़ा दी थी, जिससे आंटी चिल्लाने लगीं- ओह ओह … नहीं नहीं आदी इतनी तेज नहीं चोदो. आह प्लीज मेरी फट जाएगी आह!


मैंने उनकी एक नहीं सुनी और करीब दस मिनट तक ताबड़तोड़ चुदाई के बाद मैं उनकी चुत में ही झड़ गया और उनके ऊपर ही लेट गया.


देसी पोर्न चुदाई के कुछ देर बाद हम दोनों उठे.


आंटी संतुष्ट स्वर में बोलीं- तुम्हारे जैसा तुम्हारे अंकल कभी कर ही नहीं पाते!

मैंने कहा- आंटी मुझे भी न आपके जैसे माल की चुदाई करके बहुत मजा आया!


वे भी यही कह रही थीं- सच में आदी तुम सांड के जैसा चोदते हो. तुम्हारी स्पीड तो सच में एकदम जंगली जानवर के जैसी हो गई थी.

इसी तरह की बातें करते हुए मैं पुनः उत्तेजित हो गया था और मेरा मन फिर से चुदाई करने का बनने लगा था.


मैंने फिर से आंटी को गर्म करना शुरू किया.


इस बार मैंने आंटी को गोद में लिया और उनकी गांड में अपने लंड को डालने लगा.


चूंकि उनकी गांड पहले कभी नहीं मारी गई थी तो मुझे उनकी गांड के अन्दर अपना लंड डालने में थोड़ी परेशानी हुई.

लेकिन मैंने धीरे-धीरे करके लौड़े को अन्दर डाल ही दिया.


आंटी दर्द सहन नहीं कर पा रही थीं.


मैंने धीरे-धीरे धक्के लगाना शुरू कर दिया.

आंटी की चीख निकलने लगी.


वे चिल्लाने लगीं- ओह नहीं बहुत दर्द हो रहा है … प्लीज नहीं … ओह आह आदी नहीं मुझे बेहद दर्द हो रहा है ओह निकाल लो प्लीज … मैं मर जाऊंगी … निकालो!


लेकिन मैंने उनकी एक न सुनी और गांड मारता रहा.


कुछ देर बाद मैंने लंड को उनकी गांड से बाहर निकाला और लंड को कपड़े से पौंछ कर उनके मुँह में डाल दिया.


वे लंड चूसने लगीं और कहने लगीं कि गांड में बहुत दर्द हुआ.


मैंने आंटी को लिटाया और उनकी दोनों टांगों को अपने कंधों पर रखकर उनकी चुत में लंड पेल कर चुदाई करने लगा.


मैंने चुदाई की स्पीड एकदम से बढ़ा दी.

वे चिल्लाने लगीं- ओह साले सांड … आह चोद दो मुझे आह और तेज चोदो!


मैंने चुदाई को जारी रखा और 5 मिनट में उनकी चूत के अन्दर ही झड़ गया.


उस दिन हम दोनों ने 3 बार चुदाई की.


अब हमें जब भी मौका मिलता है, तो हम दोनों चुदाई कर लेते हैं.


दोस्तो, मैं यही आशा करता हूँ कि मेरी Indian Sex Stories आप सबको जरूर पसंद आई होगी.

प्लीज अपने कमेंट्स जरूर भेजें.

Recent Posts

See All
गर्लफ्रेंड की माँ की चूत मिली - Desi Sex Videos

मेरी गर्ल फ्रेंड के साथ चुदाई की वीडियो उसकी माँ के हाथ लग गई। उन्होंने मुजे उसके घर बुलाया। दरअसल ये हमारी पिछले दिनों की चुदाई थी, जिसे अंकिता ने खुद रिकॉर्ड किया था. उन्होंने मेरे मुह पर जोर से थप्

 
 
 
नेपाली चिड़िया की चूत में हिंदुस्तानी लौड़ा - Antarvasna Sex Stories

मेरे क्लास में एक नेपाली लड़का था। हम साथ में पोर्न देखते थे। एक बार उसको सीडी देने उसके घर गया तो वो नहीं था मगर उसकी दीदी थी। उसकी दीदी ने हमारी चोदासन की सीडी देख ली।

 
 
 
मेरे बॉयफ्रेंड ने मेरी मम्मी को खेत में चोदा - Free Sex Kahani

मेरी माँ मेरे पापा की ग़ैरहाज़री में रंगीन थी। मैंने ये सुनके सच पता करने का फैसला किया। सच जानके मेरे पैरों तले ज़मीन खिसक गई।वो मेरे बॉयफ्रेंड से चुदवा रही थी।

 
 
 

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating*

Hindi Sex Stories, Indian Sex Stories, Desi Stories, Antarvasna, Free Sex Kahani, Kamvasna Stories 

कामवासना एक नोट फॉर प्रॉफिट, सम्पूर्ण मुफ्त और ऐड फ्री वेबसाइट है।​हमारा उद्देश्य सिर्फ़ फ्री में मनोरंजन देना और बेहतर कम्युनिटी बनाना है।  

Kamvasna is the best and only ad free website for Desi Entertainment. Our aim is to provide free entertainment and make better Kamvasna Community

bottom of page