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पड़ोसन भाभी की अस्पताल में धकापेल चुदाई - Desi Kahani

दोस्तो, मेरा नाम अजय है. मैं कानपुर का रहने वाला हूँ.

मेरी उम्र 25 साल है.

मैं एक मजबूत कद-काठी वाला लड़का हूँ. मेरी हाइट 5 फीट 8 इंच है.


मैं कानपुर में ही जॉब करता हूँ.

मैं रोज़ सुबह अपनी बाइक से जॉब पर जाता हूँ और शाम तक वापस आता हूँ.


मेरे पड़ोस में एक भैया रहते हैं.

उनकी पत्नी बहुत ही खूबसूरत है.

मेरी सुबह-शाम जॉब पर आते-जाते उनसे हाय-हैलो हो जाती है.


यह Desi Kahani इन्हीं भाभी की है.


भाभी बड़े प्यार से मुस्कुराती हुई जवाब देती हैं.

उनकी उम्र लगभग 30 साल है.

उनका एक छोटा सा बेबी भी है.


उनके घर में भैया, भाभी और उनके सास-ससुर हैं. भैया भाभी अपने ब/च्चे के साथ रहते हैं.

भैया भी कानपुर में प्राइवेट जॉब करते हैं.


मैं भाभी को जब भी देखता था तो मन ही मन उनके साथ अंतरंग पलों के ख्याल देखने लगता था.


भाभी से मैं अक्सर हँसी-मज़ाक भी कर लेता था.


मैं आप लोगों को बताता हूँ कि कैसे भाभी के साथ मेरी अंतरंग इच्छा पूरी हुई.


हुआ ये कि भैया किसी काम से बाहर गए थे.

उसी दौरान भाभी के ब/च्चे की तबीयत खराब हो गई.


भाभी ने उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया.

भाभी बहुत परेशान थीं.


शाम के समय भैया का फोन आया- ब/च्चे की तबीयत खराब है, वह हॉस्पिटल में है. अगर तुम्हारे पास समय हो, तो हॉस्पिटल चले जाओ क्योंकि भाभी अकेली हैं.

भाभी का नाम सुनते ही मैं तुरंत राज़ी हो गया.


भैया ने मुझे भाभी का नंबर दे दिया.


मैंने भाभी को कॉल किया और ब/च्चे का हाल-चाल मालूम किया.


फिर मैंने उनसे हॉस्पिटल का पता पूछा और वहां पहुंच गया.

मैं भाभी के लिए फल और खाना लेकर गया था.


भाभी ने बताया कि डॉक्टर ने कहा है कि ब/च्चे को डेंगू हो गया है. उसे पांच दिन हॉस्पिटल में रखना पड़ेगा.

भैया भी तीन दिन बाद आने वाले थे.

उनके सास-ससुर बुज़ुर्ग हैं, इसलिए भाभी उन्हें हॉस्पिटल नहीं बुला सकती थीं.


मैंने भाभी को सांत्वना देते हुए खाना खिलाया और कहा- आप परेशान न हों, मैं हूँ!


थोड़ी देर बाद मैं अपने घर आया और घर में जॉब का ओवरटाइम बोलकर रात 10 बजे फिर से हॉस्पिटल में भाभी के पास पहुंच गया.


ब/च्चा प्राइवेट रूम में था.

जब मैं पहुंचा, तो नर्स ब/च्चे को ड्रिप लगा रही थी.


दवा लगने के बाद नर्स बोली- अब सुबह 6 बजे ड्रिप लगेगी. अगर कोई दिक्कत वाली बात हो, तो रिसेप्शन पर कॉल कर देना या बेल बजा देना, स्टाफ आकर देख लेगा. ब/च्चे को परेशानी वाली कोई बात नहीं है.


ये सुनकर भाभी थोड़ा रिलैक्स हुईं.


प्राइवेट रूम में बेड के बगल में एक सोफा था, उसी पर मैं और भाभी बैठ गए.

हम दोनों आपस में बातचीत करने लगे और हँसी-मज़ाक भी होने लगा.


उनका ब/च्चा दवाई के कारण गहरी नींद में सो गया था.


इसी बीच भैया का कॉल आया.

भाभी ने हालचाल बताते हुए कहा कि अजय आया था, खाना वगैरह देकर अभी चला गया.

उन्होंने भैया को ब/च्चे की तबीयत के बारे में भी बताया.


कॉल कटने पर मैंने भाभी से पूछा- आपने झूठ क्यों बोला?

तो वे नॉटी सी स्माइल देकर बोलीं- अगर भैया को पता चलेगा कि उनकी पत्नी किसी जवान लड़के के साथ अकेली है, तो वे सो नहीं पाएंगे.


यह बात सुनकर मेरे शरीर में करंट-सा दौड़ गया.

मैं समझ गया कि आज मौका है भाभी के साथ मस्ती करने का.


हम दोनों ने चटाई बिछाई और उसी पर बैठकर हँसी-मज़ाक करने लगे.


भाभी ने बताया कि उनकी सेक्स लाइफ ठीक नहीं चल रही है.


फिर भाभी बोलीं- अजय तू बता, तेरी कितनी गर्लफ्रेंड हैं?

मैंने मना कर दिया.


तो भाभी बोलीं- तुझे कैसी लड़की पसंद है?

मैंने बातों ही बातों में भाभी को अपनी पसंद बताई- मुझे आपके जैसी लड़की चाहिए!


भाभी बोलीं- मेरी जैसी क्यों चाहिए … तुम्हें मुझमें क्या अच्छा लगता है?

मैंने कहा- आपकी आंखें, लंबे बाल, बड़े-बड़े बूब्स, पतली कमर और चौड़ी गां … हिप्स!


मैं अपनी धुन बोलता ही जा रहा था और भाभी मुझे घूर रही थीं.


भाभी- अगर मैं मिल जाऊं, तो क्या करेगा?

मैं- जी भर के प्यार करूँगा सारी रात!


भाभी इठला कर बोलीं- कैसे करेगा?

ये बात सुनकर मेरे सब्र का बाँध टूट गया और मैं उन्हें किस करने लगा.

भाभी भी मेरा साथ देने लगीं.


मैंने भाभी को गले में, कानों के नीचे दस मिनट तक किस किया.

भाभी की सांसें बहुत तेज़ चल रही थीं.

मैं भी सातवें आसमान पर था.


फिर मैंने उठकर रूम की लाइट बंद कर दी और नाइट बल्ब जलने दिया.


वे मुझे वासना से देखने लगीं और मैंने धीरे से हाथ बढ़ा कर भाभी का ब्लाउज़ खोल दिया.

भाभी ने पिंक कलर की ब्रा पहनी हुई थी.


भाभी मुझसे बेतहाशा लिपट रही थीं और मुझे किस किए जा रही थीं.


मैंने भाभी की ब्रा खोलकर उनके दोनों बूब्स को आज़ाद कर दिया.

आह कितने मस्त दूध थे उनके … भाभी अपने एक दूध को हाथ से पकड़ कर इशारे से उसे चूसने का कहने लगीं.


मैं उनके एक दूध को अपने होंठों में दबा कर खींच खींच कर चूसने लगा था और दूसरे दूध को अपने एक हाथ से हलवा बनाने के जैसे मसल रहा था.


भाभी के मुँह से अजीब अजीब सी कामुक आवाज़ें आ रही थीं.


मैंने भाभी की साड़ी और पेटीकोट को अलग कर दिया.

अब भाभी केवल पैंटी में थीं और हूर की परी लग रही थीं.


उनका चांदी सा चमकता हुआ चेहरा, खुले हुए बाल, उभरे हुए बूब्स और चौड़ी गांड कयामत ढा रही थी.


मैंने उनकी टांगों को पकड़ा तो वे लेट गईं और मैंने उनकी टांगों से पैंटी को भी खींच कर निकाल दिया.

भाभी पूरी नंगी हो गई थीं और उनकी कचौड़ी सी फ़ूली हुई चूत मेरे सामने थी.


उनकी चुत बिल्कुल गुलाब की तरह कोमल और मुलायम दिख रही थी.

मैंने अपनी एक उंगली को धीरे से उनकी चूत की दरार में चलाया तो भाभी की आह निकल गई और मैंने उसी पल अपनी उंगली उनकी चुत के अन्दर डाल दी.


वे अति कामुक भाव से मेरी तरफ देख कर अपने होंठों को दांतों से चबाने लगीं.

मैंने उंगली को अन्दर बाहर करना चालू कर दिया.


भाभी कुछ ही पलों बाद भभकता हुआ शोला बन चुकी थीं.

वे अचानक से उठीं और मुझ पर झपट पड़ीं.


उन्होंने मेरे कपड़े उतारना शुरू कर दिए.

कपड़े हटते ही भाभी मेरा लंड देखकर मुस्कुरा दीं.


उन्होंने मुझे आंख मारी और मेरे लंड को किस करने लगीं.


फिर वे अपने पेट के बल लेट गईं और मेरे लौड़े को अपने मुँह में भर कर किसी बाजारू रंडी की तरह चूसने लगीं.

मैं भी अपनी गांड उठा कर उनके मुँह में धक्के मार रहा था.


अब भाभी ने उठ कर मुझे धक्का दिया और मुझे लिटा कर वे अपनी चूत मेरे मुँह पर रख कर बैठ गईं.


भाभी चूत लिक के लिए अपनी चुत मेरे मुँह पर घिसती हुई बोलीं- आह मेरे राजा … मेरी चूत को चूसो … साली बहुत भभक रही है आह चूस लो मेरे लौड़े … आह आह!


मैंने कहा- भाभी 69 में करते हैं न!

वे झट से 69 में आ गईं और मेरे लंड को चूसने लगीं.


मैं भी भाभी की गुलाब-सी चूत को चूसने लगा जिसमें से मदन रस टपक रहा था.

भाभी तरह-तरह की आवाज़ें निकाल रही थीं.


हम दोनों दस मिनट तक एक-दूसरे को चूसते हुए ही झड़ गए.


भाभी का शरीर अकड़ गया था.

उन्होंने मुझे कसकर गले लगा लिया और बोलीं- ये सुख मुझे बरसों बाद मिला है!


थोड़ी देर तक हम दोनों एक दूसरे को प्यार करते रहे.


अब मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया था.


मैंने चुदाई की पोजीशन बनाई और भाभी के पैरों को अपने कंधों पर रख लिया.

वे गांड उठा रही थीं.


मैंने अपना लंड उनकी चूत पर सैट कर दिया और एक ज़ोरदार धक्का दे मारा.


मेरा 7 इंच का पूरा लंड एक ही बार में भाभी की चूत को फाड़ते हुए अन्दर चला गया.

एकदम से लौड़ा चुत में पेवस्त हुआ तो भाभी झेल नहीं पाईं.


उनकी आंखें फट गईं और उनकी हल्की सी चीख निकल गई!

मैं उन्हें किस करने लगा.


एक मिनट बाद जब भाभी सामान्य हुईं, तो मैंने चूत में धक्के मारना शुरू कर दिया.

भाभी भी नीचे से गांड हिलाकर मज़े लेने लगीं.


थोड़ी देर बाद भाभी बोलीं- चटाई गड़ रही है, मुझे ऊपर आना है.

मैं नीचे लेट गया और भाभी मेरे लंड पर बैठकर कूदने लगीं.


मैं कभी उनकी गांड पर हाथ मार रहा था, तो कभी बूब्स मसल रहा था.


कोई 20 मिनट की बंपर चुदाई के बाद मैं झड़ गया जबकि भाभी अब तक दो बार झड़ चुकी थीं.

वे निढाल होकर मेरे ऊपर ही गिर गईं.


कुछ देर बाद हम दोनों अलग हुए.


थोड़ी देर आराम करने के बाद हम दोनों बाथरूम में नहाने गए.

नहाते हुए ही मैंने भाभी को डॉगी स्टाइल में किया और पीछे से लंड पेल कर फिर से एक बार जी भरकर जबरदस्त चोदा.


पूरी रात में मैंने भाभी को चार बार चोदा और अंत में थककर हम दोनों नंगे ही एक-दूसरे से लिपट कर सो गए.


सुबह नर्स दवा लगाने के लिए गेट खटखटाने लगी.


भाभी उठीं और अपने कपड़े लेकर बाथरूम में भाग गईं.

मैंने जल्दी से पैंट और टी-शर्ट पहन कर नींद में होने का बहाना बनाकर दरवाज़ा खोला.

नर्स ड्रिप लगाने लगी.


तब तक भाभी भी बाथरूम से आ गईं.

उनके चेहरे पर खुशी की चमक थी.


नर्स के जाने के बाद मैंने भाभी को किस किया. भाभी भी मुझसे लिपट गईं.


वे बोलीं- अभी हम दोनों रात में यहीं रहेंगे.

मुझे तुमसे बहुत सारा प्यार पाना है.


मैंने भाभी को हॉस्पिटल में दो दिन जमकर चोदा.


फिर भैया आ गए, तो मैं थोड़ी देर के लिए भाभी के पास जाकर लौट आता था.

चार दिन बाद उनका बच्चा ठीक हो गया और घर आ गया.


मेरा और भाभी का चुदाई का सिलसिला उस वक्त तो थम गया था लेकिन मौका पाते ही भाभी मेरे लंड से खेलने आ जाती थीं या मैं उनके पास चला जाता था.

हम दोनों का चुदाई कार्यक्रम निर्बाध रूप से चलने लगा.


जब भी हम दोनों को मौका मिलता, हम लोग जमकर सेक्स करते.

भाभी भी मुझसे बहुत खुश हैं.


मैं भाभी को कई बार होटल में चुदाई भी की है, एक बार दोस्त के घर ले जाकर भी चोद चुका हूँ.


दोस्तो, आप लोगों को मेरी Desi Kahani कैसी लगी, मेरी मेल आईडी पर कमेंट करके जरूर बताएं.

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