बेमिसाल ब्यूटी पार्लर वाली आंटी - Hindi Sex Kahani
- आर्यन गुप्ता
- Sep 17
- 7 min read
दोस्तों मेरा नाम आर्यन गुप्ता है। मैं दिल्ली का रहने वाला हूं। ब्यूटी पार्लर वाली आंटी के साथ यह मेरी सच्ची सेक्स कहानी है।
आंटी का नाम पूनम था। वह एक बहुत हॉट सेक्सी महिला थी, जिसकी उम्र लगभग 42 साल होगी। उनका फिगर 36-34-42 का रहा होगा।
आंटी के एक लड़का और एक लड़की थी। उसका पति निकम्मा था, वह कोई काम नहीं करता था। वैसे अफवाहें तो खूब सुनी थी कि जब वे आंटी किसी शादी में दुल्हन को तैयार करने जाती थी तो उनकी चुदाई या तो दूल्हा करता या फिर दुल्हन का कोई रिश्तेदार।
इस मामले को लेकर कई बार बवाल भी हो जाता था। मेरा घर उस आंटी के घर के सामने था। वैसे तो मैं भी कई बार उसे छुप छुप कर देखता था। कई बार मैंने उसे नग्न भी देखा। उसके निप्पल बड़े, लेकिन ढीले थे। जो भी हो, मैं उसे चोदना चाहता था।
एक दिन मुझे मौका मिल गया जब मैं उनके घर होली की मिठाई देने गया था। यह पड़ोसी आंटी की सेक्स कहानी उसी समय की है। मैंने 2-3 बार बैल बजाई। लेकिन जब काफी देर तक कोई नहीं आया तो मैं अंदर घुस गया। मैंने देखा वो कुर्सी पर बैठकर और अपना पेटीकोट उचकाकर अपनी चूत के बाल हटा रही थी.
उसे देखते ही मैं एक ओर हट गया और छिपकर देखने लगा। उस वक्त वो शायद घर पर अकेली थी इसलिए वो अपनी चूत को इस तरह दिखा रही थी. शायद उसका बेटा, बेटी और पति कहीं होली खेलने गए होंगे। मैं उसे देख रहा था लेकिन तभी मेरा पैर किसी चीज से टकराया और उसकी नजर मुझ पर पड़ी।
इससे मैं डर गया और बाहर आ गया। उसने जल्दी से अपना पेटीकोट नीचे किया और वो मेरे पास आकर बोली-अचानक आप अंदर क्यों आ गए? घंटी बजनी चाहिए थी न? मैंने बताया- आंटी मैंने बहुत बार बैल बजाई, लेकिन जब कोई बाहर नहीं आया तो मैं अंदर आ गया. फिर जब मैंने तुम्हें वो सब करते देखा तो मैं वहीं ठहर गया।
यह बोलकर मैं शांत हो गया। उसने बोला- घंटी नहीं बजी, बिजली जाने के कारण से ऐसा हुआ होगा। और तुम मुझे देखकर ठहर क्यों गए , क्या तुम आवाज नहीं दे सकते थे? मैंने हामी भर दी और कहा- मैं तो देखने लगा था! आंटी नीचे सिर झुकाकर शरमा गईं, फिर बोलीं- अच्छा… बताओ तुम क्यों आए?
मैंने कहा- मेरी मां ने तुम्हें मिठाई देने भेजा था आंटी बोलीं- आओ, किचन के अंदर आ जाओ. मैंने भी अभी हलवा बनाया है, वह तुम भी अपने घर ले जाना। मैं अंदर गया। अंदर जाते वक्त मेरा पैर स्लिप हो गया और मैं आंटी के ऊपर जा गिरा.
जल्दबाजी में मेरा एक हाथ आंटी के ब्लाउज पर चला गया और मैंने खुद को गिरने से रोकने के लिए ब्लाउज को खींच पकड़ लिया। उसका ब्लाउज खिंचता चला गया और उसके चूचे नंगे हो गए। मेरा दूसरा हाथ आंटी की कमर पर जम गया था. मुझे भी गहरी चोट लगी थी। मैं जमीन पर गिर पड़ा।
पहले तो आंटी घबरा गईं कि क्या हुआ फिर उन्होंने देखा कि मैं गिर गया हूं तो ‘अरे अरे ये क्या हुआ…’ कहकर मुझे उठाने लगीं। मेरी जांघ के जोड़ में पास चोट लग गई थी और मैं दर्द सह नहीं कर पा रहा था। मैं अपने लंड पर हाथ रखकर दर्द से कराह रहा था.
मेरी आंखों में आंसू आ गए। मेरी आंखों में आंसू देखकर बोलीं- दिखाओ कहां चोट लगी! इतना बोलकर वो अपना एक हाथ मेरी पैंट में डालने लगी और उनका हाथ सीधा मेरे लंड पर आ गया. चोट तो वहीं थी, तो जैसे ही आंटी का हाथ लगा, मैं फिर से आहें भरने लगा।
लंड दबाते हुए बोली- लगता है, यहाँ जोर से लगा गया है. पहले तुम कमरे में चलो। मैं आंटी की मदद से कमरे में पहुंच गया। उसने मुझे पलंग पर बिठाया और मूव लाकर कहा- चलो खोलो, मैं लगा देती हूँ। जब मैंने अपनी पैंट नहीं खोली तो आंटी अपना एक हाथ मेरी जांघ के अंदर डालने लगी.
फिर बोलीं-ऐसी पैंट गंदी हो जाएगी, उतारनी पड़ेगी। मैं बोला कि मैंने अंदर कुछ नहीं पहन रखा है। उसने कहा- कोई बात नहीं, बस दबा लगाना है। आंटी ने मेरी हाफ पैंट खींचकर उतारने लगीं. जिस कारण मेरा लंड खड़ा हो गया और आंटी को सैल्यूट करने लगा.
आंटी ने जब मेरा सात इंच लंबा और मोटा लंड देखा तो उनके अंदर हवस की आग जलने लगी. वो जांघ पर हाथ घुमाते हुए लंड को छूने लगी. आंटी हंस पड़ीं और बोलीं- ये तुम्हारे चाचा से भी लंबा और मोटा हैं। मैं भी उसे देखने लगा। उसकी आँखों में कामवासना का नशा झलक रहा था।
मैं कुछ समझ ही नहीं पाया कि अगले ही पल आंटी ने जल्दी से अपना हाथ बढ़ाया और वो मेरे लंड को पकड़ने लगीं. तब मैं चित लेटा हुआ था, और आंटी मुझ पर झुकी हुई थी। उसने मेरे खड़े लंड को पकड़ा और अपने मुँह में ले लिया. मैं भी अपना सारा दर्द भूल गया और आंटी की ओर देखने लगा।
आंटी सब कुछ भूलकर मेरे लंड को चूसने लगीं. मुझे लंड चुसवाने में बड़ा मज़ा आने लगा, साथ ही मैंने अपने हाथ बढ़ा कर उसके निप्पलों को मसलना शुरू कर दिया. आंटी ने अपना फटा हुआ ब्लाउज उतारते हुए अपनी निप्पल निकाली और अपने निप्पलों से खेलने लगी.
कुछ ही देर में मैं अपने चरम पर आ गया और मैं बोला- आंटी मेरा पानी निकलने ही वाला है. मेरी बातों को अनसुना करते हुए वो चूसने का मजा लेती रही। मैं झड़ने लगा और उसने मेरा सारा माल निगल लिया। हम दोनों के बीच मस्ती शुरू हो गई। कुछ ही देर में मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया.
अब मैंने आंटी को वहीं बेड पर लिटा दिया और उनके निप्पलों को मलने लगा, और नीचे जाकर उनका पेटीकोट उतार दिया. अंदर कोई पैंटी नहीं थी, तो मुझे सीधे उसकी चिकनी चूत की झलक मिल गई। मैंने अपनी दो उँगलियाँ चूत के अन्दर डाल दी और जोर से आंटी की चूत को मसलने लगा.
उसकी चूत से रस निकलने लगा. मैंने उसके पेटीकोट से उसकी चूत को साफ़ किया और उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिए. मैं चूत चूसने लगा. आंटी की सिसकियां तेजी से निकलने लगीं और वो मेरे बालों को पकड़कर मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगीं.
उसके बाद मैंने आंटी के होठों पर चूमा और उनकी चूत का रस चखा. वो बोली- तुम्हे मेरी चूत का टेस्ट कैसा लगा? मैंने कहा- बहुत बढ़िया… आंवले के अचार जैसा स्वाद था. वो हँसी और बोली – सच कहा आपने… बहुत कड़वा लगा।
मैंने आंटी की चूची दबाते हुए कहा- तुमने तो मेरे लिंग का रस भी पी लिया था. बताओ इसका स्वाद कैसा था? आंटी बोलीं- अरे वो तो मेरा मनपसंद रस है. मैंने कहा- अच्छा, अब तक आपने कितने तरह के जूस के टेस्ट लिए हैं? आंटी हंस पड़ीं और बोलीं- तुम तो बड़े सयाने हो गए हो। चलो कोई नहीं… मैं बताती हूँ।
अब तक मैं तुमको मिलाकर 16 पुरुषों का रस पी चुका हूँ, उनमें से तुम श्रेष्ठ थे। जवान लड़को के रस का टेस्ट ही अलग होता है।
मैंने मासूमियत से कहा- आज पहली बार आंवले का अचार चखा है. आंटी ने मुझे बड़े प्यार से चूमा और बोलीं- ये मेरा सौभाग्य है कि मुझे तुम्हारा सील खोलने का मौका मिल रहा है. चलो, जल्दी से मेरी चूत को फाड़ डालो।
मैंने आंटी के बूब्स को मसलते हुए उनके दोनों पैर अपने कंधों पर रख लिए. लंड को उसकी चूत पर रख कर अंदर तक रगड़ा, फिर सुपारी अंदर घुस गया. वह तड़पने लगी और बोली- आह… मर गई यार… तुम्हारा बहुत मोटा है , इसे फौरन बाहर निकालो!
मैंने बोला- अब आंटी ये पानी छोड़ कर ही निकलेंगा. मैंने उसके होठों को चूमा और एक जोरदार झटके से पूरा लंड उसकी चूत के अंदर डाल दिया। वह तुरंत चिल्लाने लगी और मुझे हटाने की कोशिश करने लगी। एक और जोरदार धक्का देकर मैंने अपना पूरा लंड आंटी की चूत में डाल दिया और उनकी बच्चेदानी तक टिका दिया.
आंटी तेजी से छटपटाई और उन्होंने अपने होठों को मेरे होठों की पकड़ से छुड़ा लिया. अब वह जोर-जोर से सिसकियां लेने लगी। देखते ही देखते आंटी को सेक्स में मजा आने लगा। मुझे भी आंटी की चूत चोदने में जबरदस्त मजा आने लगा.
करीब 20 मिनट की ताबड़तोड़ चुदाई के दौरान आंटी एक बार झड़ गयी थीं। फिर लगातार झटके देकर मैंने भी कहा- अब मेरा भी पानी निकलने वाला है, जल्दी बताओ, कहां निकालूं? उसने कहा- अंदर निकालो। मैंने जोर से झटका दिया और अपना सीमन उसकी चूत में गिरा दिया।
में मुस्कुरा रहा था। मैंने कहा- आंटी एक बार और चुदाई कर लो. आंटी बोली- हां, मेरा भी मन है, लेकिन पहले कुछ खा लो… बहुत भूख लगी है। मैंने कहा- ठीक है, आपने हलवा बनाया था, वही ले आओ। वह नंगी उठी और अपनी गांड हिलाती हुई किचन में चली गई और एक प्लेट में हलवा लेकर आई।
हम दोनों ने साथ में हलवा खाया और उसके बाद आंटी ने अलमारी से एक सिगरेट का डिब्बा निकाल कर जलाया और पीने लगीं. उसे धूम्रपान करते देख मुझे थोड़ी हैरानी हुई। मैंने कहा- आंटी आप हमेशा सिगरेट पीती हैं? आंटी मेरी तरफ देखकर मुस्कुराईं और बोलीं- तुम भी ट्राई करके देखो!
मेरा मन भी हो रहा था; मैंने उसके हाथ से सिगरेट ली और अपने होठों से लगाकर एक कश लिया। जब मैंने पहली बार सिगरेट सुलगाई तो मुझे अजीब सा लगा। आंटी ने मेरी पीठ पर हाथ फेरा और बोलीं- धीरे-धीरे पियो! कुछ देर बाद मैंने फिर से आंटी अपनी को गोद में उठा लिया और उनके ऊपर चढ़ गया।
हम दोनों फिर से सेक्स का मजा लेने लगे। इस बार मैंने आंटी की चूत को आधे घंटे तक पेला और उनके अंदर झड़ गया. वह भी मुझसे बहुत खुश थी। फिर उसने कहा- अब तुम जाओ, फिर बाद में हम दोनों टाइम निकाल कर अच्छे से चुदाई करेंगे। अब मेरे बच्चों के आने का समय है।
उसके बाद जब भी फुर्सत और मौका मिलता मैं आंटी की चूत चोद लेता. एक दिन मैंने आंटी की गांड भी चोदी और बाद में उनकी बेटी की भी चूत की चुदाई की, जो मैं आपको अगली सेक्स स्टोरी में बताऊंगा।
आपको पड़ोसन आंटी की Hindi Sex Kahani कैसी लगी ये कमेंट करे और मुजे sonu77ak7@gmail.com पर मेल करके मुजे प्रोत्साहित करे।

nice story koi hme bhi do sewa ka moka